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दनाक : 28 अग त 2018
सेवा म,
माननीय मु य मं ी
ी योगी आ द यनाथ
उ र देश सरकार
िवषय : जनपद सोनभ म आ दवासी मिहला , पु ष व उनके साथ वनािधकार कानून ( त्।) 2006 का भावी या वयन हेतु काय कर रहे
सामािजक कायकता के िव सोनभ पुिलस ारा फज केस एवं उ पीड़न कए जाने के स ब ध म
महोदय,
सन् 2006 म संसद ारा ‘‘ अनुसूिचत जनजाित एवं अ य पर परागत वनसमुदाय वनािधकार को मा यता कानून’’ के पा रत होने के बाद देश म
वनाि त समुदाय म एक आषा क करण जगी क अब उनके वनभूिम व वन के अिधकार जो उपिनवेिषक काल से उनसे छीने गए थे उनको ा हो
जाएग। तथा वन म अ ेज के ज़माने से चला आ रहा वनिवभाग का िनरंकुश शासन समा हो जाएगा व वनोपज पर सीधे अिधकार िमलने से वन े म
जो ग़रीबी है वो भी दूर हो जाएगी। ले कन कानून का पालन इन 12 वष म भावी ढ़ंग से न होने क वजह से अभी भी वनाि त समुदाय अपने वन एवं
वनभूिम के अिधकार से वंिचत ह। आंिशक प से ज र कानून का पालन आ है ले कन अभी भी कानून क िनयमावली 2012 म संशोधन के बाद
सामुदाियक वन संसाधन के अिधकार को दया जाना बा क है। कानून क तावना म प तौर पर िलखा है क अपने पूवज के समय से वन म रहते
चल आ रहे वनसमुदाय के साथ उपिनवेिषक काल से जो ऐितहािसक अ याय आ है जो अभी भी ज़ारी है, उसे समा करना ही इस कानून क मंशा है।
हम ख़शी है क एक तरफ आपके ारा देश के अ य िह स जैसे गोरखपुर, महराजगंज, सहारनपुर व ग ड़ा म वनािधकार कानून के तहत वन ाम को
अिधकार प स पे जा रहे ह ले कन वह दूसरी और दुख क बात यह है क वनाछा दत जनपद जैसे सोनभ , च दौली, बहराईच, लखीमपुर खीरी,
िच कूट, लिलतपुर म वनाि त समुदाय के साथ वनिवभाग एवं थानीय पुिलस क हसा बाद तूर ज़ारी है जो क एक बार उनके साथ फर ऐितहािसक
अ याय क पुनावृित है।
वनािधकार कानून के भावी या वन के न चलते जनपद सोनभ म आए दन थानीय पुिलस व वनिवभाग ारा आ दवासीय का उ पीड़न कया जा
रहा है व उ ह चैन से नह जीने दया जा रहा। जनपद सोनभ के दु ी तहसील के ाम लीलासी म गत् 18 मई 2018 से आ दवासीय खासतौर पर
मिहला पर उ पीड़न कया गया है। ाम लीलासी के आ दवासीय ारा वनािधकार कानून के तहत अपनी ाम सभा का गठन कर अपनी पु तैनी भूिम
पर सामूिहक वन संसाधन के दावे 23 माच 2018 को िजलािधकारी कायालय सोनभ म अ य 15 ाम सभा के साथ दावे सौप गए थे। उनक पु तैनी
भूिम से उनको वनिवभाग ारा लगभग 15 साल पूव बेदख़ल कर दया गया था िजसपर वे जोत कोड़ कर रहे थे। ले कन इसी वनभूिम के एक टुकड़े पर
वनिवभाग व थानीय पुिलस क िमली भगत से थानीय दबंग , उ जाित समुदाय ारा अवैध क ज़े कए गए ह। आ दवासीय ारा दावा कए जाने के
बाद इन थनीय दबंग को खतरा महसूस आ क उ भूिम क जांच होगी व वह भूिम उनसे छीनी जा सकती है। इस आषय से थानीय दबंग ारा
वनिवभाग एवं थानीय पुिलस क मदद से आ दवासीय पर ही अवैध भूिम क ज़ा करने का आरोप लगाने क सािजष रची गई।
14 मई 2018 को वनदरोगा योरपुर ारा आ दवासी मिहला पर जंगल काटने क एक झूठी तहरीर दज क गई व 18 मई को 12 मिहला को 151
के अ दर चालान कया गया। इस मामले के बारे म जैसे ही पता चला तो अिखल भारतीय वनजन मजीवी यूिनयन क जानी मानी मानवािधकार
कायकता ारा सोनभ पुिलस अधी क व उपिजलािधकारी से बात क गई तब िगरफतार मिहला को छोड़ा गया। मिहला पर यह झूठा आरोप
लगाया गया क उ ह ने पेड़ काटे ह। मिहला का एक समूह का फोटो िजसम उनके गले म यूिनयन क सद यता का काड लटका आ है को आधार बना
कर यह कहा गया क यूिनयन के पदािधकारी महासिचव अशोक चौधरी व उपमहासिचव रोमा ारा मिहला को भड़काया गया व वनभूिम पर क ज़ा
करने के िलए उकसाया गया। इस फोट म कह जंगल नह दखाई दे रहा है न ही ये मिहलाए जंगल काटती ई नज़र आ रही है। ले कन इस फोटो को
सोशल मीिडया पर वायरल कर हम आ दवासीय व हमारे बीच कानून को लागू करने के िलए काम कर रही यूिनयन को थानीय पुिलस एवं वनिवभाग
ारा बदनाम करने क कोिशश क गई। इस काय म ाम लीलासी के गैर आ दवासी धान पूरी तरह से शािमल ह। 18 मई क िगरफतारी से
मिहला को छोड़े जाने क खु स के चलते 22 मई 2018 को सुबह योरपुर एसओ स य काश सह के ारा पुिलस बल के साथ ाम लीलासी म ाम
वनािधकार सिमित क सिचव ीमित क मती ग ण के घर म घुस कर उ ह लाठी से िसर पर वार कया िजससे वे घायल हो गई व नौजवान लड़ कय
सुनीता 15 वष, अिनता 13 वष पु ी नंदू ग ड़ को दौडा कर उनके साथ बदतमीज़ी क । उसके बाद सुखदेव ग ण के घर पर जा कर उसे मारने पीटने लगे।
सुखदेव ग ण उस समय अपने जानवर के िलए भूसा लगा रहे थे। सुखदेव क पु ी दलबस को टांग पर वार कया व एक अ य मिहला सोह ी प ी
केशव राम उ 60 को भी मारा। ऐसे ही थानीय पुिलस िजसे पा रही थी उसे मार रही थी। गांव के लोग यह नह समझ पा रहे थे क आिखर उनका
अपराध या है िजसक वजह से पुिलस उनपर बबरपूण लाठी चला रही है। पुिलस के इस अ याचार से ामीण मिहलाए आ ोिशत हो गई व उ ह ने
पुिलस क इस कायवाही का िवरोध कया। मिहला को आ ािषत देख पुिलस भाग गई। जो मिहलाए घायल ह उनक ाथिमक दज नह क गई बि क
उ ह अ पताल म दवाई तक नह िमली व डा टर ारा मेिडकल जांच रपोट बनाने से मना कर दया गया कहा क पुिलस रपोट ले कर आओ तभी
मेिडकल रपोट व दवा होगी। पुिलस अधी क ारा गांव के बाहर ही छावनी लगा दी गई है ता क आ दवासीय को गांव से बाहर जाने से रोका जा सके
व कोई जांच अंदर न आ सके । ऐसी ि थित म आ दवासी मिहलाए अपनी आवाज़ को नह उठा पा रही ह। थानीय पुिलस ारा मनमानी कायवाही कर
आ दवासीय व उनके साथ काम कर रहे संगठन पर 147,148,149,307,323,504,332,333,336,353,427,120बी भ0द0स, 3/5 िमनल ए ट,
3/5 सावजिनक स पित िनवारण अिधिनयम 1984 व 5/26 भारतीय वन अिधिनयम 1927 के तहत संगीन धाराए लगाई गई िजससे ऐसा तीत हो
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रहा है यह ताकत वनािधकार कानून को लागू नह होने देना चाहते व इसे रोकना चाहते ह ता क े के दबंग, चुगले दलाल वनिवभाग व थानीय
पुिलस क मदद से वनभूिम क लूट ज़ारी रख सके । आ दवासीय को बेदखल कर जंगल क भूिम खासतौर पर ाम लीलासी के रोड के कनारे व योरपुर
जाने के रा ते पर गांव के दबंग व सवण जाित के लोग रामवृ पु ल मी, दीप पु राजनारायण, रामसेवक यादव, आलम पु देवनारायण, रिवकांत
पु डा0 लखन, देवे पु राधे याम, कसान पु राजनारायण, राजे पु ल मीशाह ारा वनिवभाग और थानीय पुिलस क िमली भगत से भूिम
रकाडो म हेरा फे री कर कई मकान बना िलए गए ह।
इस संदभ म जब वनािधकार कायकता रोमा ारा पुिलस अधी क ी राम ताप सह से फोन ारा बात क गई तो उ ह ने बेहद ही अभ तापूण बात क
और अं ेज़ी म कहा क ‘‘म आपके ऊपर भी ए न लूंगा।’’ इस मामले म कसी कार क उ तरीय जांच न ही िजलािधकारी और न ही पुिलस
अधी क ारा क गई। इस घटना का पूरा िववरण 30 मई 2018 को रा ीय मानवािधकार आयोग को भी दया गया। आयोग ारा 31 मई को डीएम व
पुिलस अधी क को नो टस भी ज़ारी कए गए।
महोदय गौर तलब है क वनािधकार कानून के तहत जब भी दावा पेश कया जाता है वहां वन एवं भूिम स बि धत कसी भी िववाद म उपिजलािधकारी
एवं िजलािधकारी को जांच या ह त ेप कर मामले क स ाई तक जाना चािहए था व कसी कार क उ पीड़ना क कायवाही से आ दवासीय क सुर ा
करनी चािहए थी। ले कन अभी तक इसक कसी कार क जांच नह क गई है।
गत 23 माच 2018 शहीद-ए-आज़म भगत सह क पु यितिथ पर वनािधकार कानून 2006 के तहत सामुदाियक वनसंसाधन के दावे जनपद के दो
तहसील राबटसगंज व दु ी के अ य 16 ाम सभा के साथ सामूिहक प से िजलािधकारी कायालय राबटसगंज म उपिजलािधकारी ी राजकुमार को
स पे गए थे। ाम लीलासी भी इन ाम सभा म से एक था। संल द तावेज़ म पूव आई0ए0एस अफसर ी अमीर हसन ारा िलिखत ाईबल
एडिमिनस षंन आफ इंिड़या म उ र दश म वनिवभाग ारा कस कार ाम सभा के जंगल व भूिम हिथयाई गई इसका पूरा िववरण दया गया है।
इसके अलावा अं ेज़ के ज़माने के गजे टयर व वनिवभाग के पुराने व कगं लान िजसम वनाि त समुदाय के वन व उनके अिधकार का पूरा िववरण के
द तावेज़ को भी दाव म संल कया गया। इस दावे म ामीण ने सामुदाियक वनसंसाधन के तहत लगभग 250 एकड़़ भूिम पर अपना दावा कया है।
उ जंगल व भूिम आ दवासीय के पूवज क समय से जोत कोड़ क थी िजस पर लगभग 15 साल पूव वनिवभाग ारा आ दवासीय को बेदखल कर
दया गया था। व वनिवभाग ने उ ाम सभा के वन व वनभूिम को िबना कानूनी या को पूण कए भारतीय वन अिधिनयम 1927 के तहत धारा
20 के तहत आरि त वन घोिषत कर दया था। इस स ब ध म वनभूिम का न ही सीमांकन कया गया और न ही इस स ब ध म वन ब दोब त अिधकारी
क िनयुि अिधिनयम के अनुसार क गई।
इस संदभ म उ घटना के बारे म ाम लीलासी का एक ितिनिध मंड़ल िजसम क मितया ग ड़, सुखदेव गोड़ व नंदू गोड़ एवं ाम मझौली से यूिनयन
क कायकारीणी सद य सोकालो गोड़ एवं यूिनयन क उपमहासिचव रोमा ारा 5 जून 2018 को वनसिचव ी संजय सह को बापू भवन म व 6 जून को
वनमं ी ी दारा सह चौहान से िमल कर इस उ पीड़न के बारे म िषकायत क गई। वनमं ी ारा ितिनिध मंड़ल को आ ासन दया गया क इस संदभ
म जांच क जाएगी व आ दवासीय का अिहत नह होने दया जाएगा। ले कन दुभा य क बात यह है क लखनऊ से ि वेणी ए स ेस से सोनभ लौटते
व 8 जून को क मतीया, सुखदेव व सोकालो गोड़ को थानीय पुिलस ारा चोपन रेलवे टेशन से अवैध प से गायब कर दया गया प रवारजन को
िजसक तीन दन बाद जानकारी ई क इन लोग को जेल भेज दया गया है। इन म से सोकालो एवं क मतीया का नाम ाथिमक तक म दज नह था
तो आिखर उनको कस वजह से जेल भेज दया गया? यह मिहलाए आज तक जेल म ह। इस तरह के मानिसक व षा ररक उ पीड़न से सोकाल गोड़
अ यंत गंभीर प से बीमार है िजसक वजह से उनके साथ कसी कार क भी अनहोनी हो सकती है।
आ दवासीय के िवशेष अिधकार एवं उनके ऐितहािसक अ याय जैसे गंभीर िवषय को जो क स दय से चले आ रहे ह उ ह कसी उ अिधकारी ारा
पूरी तरह से नजरअंदाज़ कर एक वनदरोगा और पुिलस के जांच अिधकारी के उपर छोड़ दया गया है। इस केस म सबसे अचमिभत करने वाली बात यह है
क अब तक इस के स म पांच ◌् रगरफतारी क गई है इन तीन के अलावा ाम मूरता के धान चं का गोड़ व रासपहरी ाम के कृंपा शंकर पिनका जो
क ओबरा िवधानसभा के वराज अिभयान के याषी को भी िगरफतार कया गया है। ाथिमक म इन दोन का भी नाम नह है। यह पांच आ दवासी
ह िज ह उनका ाथिमक म नाम नह होने के बावजूद िगरफतार कया गया है। इस त य क जांच होना अित आव यक है। जेल म लगभग तीन महीने से
िन सोकाल गोड के वा थ क हालत अित गंभीर बनी ई है।
महोदय, गौरतलब बात यह है क इस ाथिमक म अिखल भारतीय वनजन मजीवी यूिनयन के महासिचव अशोक चौधरी व उपमहासिचव रोमा को
नामजद कया गया है जो क उ घटना के समय जनपद म थे ही नह व इस घटना से इनका कोई लेना देना नह है। एक वनदरोगा व एक इं पे टर ारा
िपछले दो दशक से ऐसे दुगम े म काम कर रहे यूिनयन को एक भड़काउ संगठन म िचि त करना अ यंत ही गंभीर कृित का अपरािधक कृ य है। इन
े म आ दवासीय एवं वनाि त समुदाय अगर अपने आप को संग ठत नह करेग तो वे कभी अपने अिधकार को ा नह कर पाएग। संग ठत होना
हमारा संवैधािनक अिधकार है जो क अनु0 19 (सी) म उ लेिखत है। इस यूिनयन के यह पदािधकारी िषि त व सामािजक काय का अनुभव रखते ह।
इसिलए इनका ितिनिघ व कई सरकारी सिमितय म भी रहा है। सु ी रोमा के ीय सरकार ारा 2010 म वनािधकार कानून के िलए पयावरण
मं ालय व आ दवासी मं ालय ारा ग ठत संयु समी ा सिमित क िवशेष सद या थी तथा 2009 से लेकर 2012 तक वनािधकार कानून के तहत
ग ठत उ र देश क रा य िनगरानी सिमित क िवशेष आंमि त सद या थी िजसके अ य देश के मु य सिचव होते ह। इसके अलावा इन
पदािधकारीय ारा अनेक रा ीय व अंतरा ीय मंच पर वनाि त समुदाय व अ य सामािजक मुदद को लेकर ितिनिध व कया गया है। यह यूिनयन न
ही सा दाियक िवचारधारा रखता है और न ही जाितवादी िवचारधारा रखता है, इस यूिनयन का उदे य मजदूर वग, आ दवासी, दिलतसमुदाय,
मिहला व सामािजक सौहाद के िलए ितब है। यह यूिनयन केवल कैमूर ही नह देष के अ य 17 रा य म स य है जहां पर वह वनाि त समुदाय को
संग ठत कर उ ह उनके कानून के बारे म जाग क करना व सरकार के साथ बातचीत कर इस कानून को लागू करने म एक अहम भूिमका अदा करता है।
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वनािधकार कानून को बनाने म भी यूिनयन क अहम भूिमका रही है। ऐसा ही य होता है क जब भी कोई सामािजक संगठन आ दवासीय के हक़ क
लड़ाई लड़ते ह तो उनको तािड़त कया जाता है।
महोदय, इस तरह के अ याय कैमूर े म आ दवासीय के साथ आए दन होता आ रहा है व वन से स बि धत वनिवभाग एवं थानीय पुिलस ारा
हज़ार फज मुकदम यायालय म लि बत है जो क वनािधकार कानून 2006 आने के बाद दज कए गए ह। एक एक गांव से 200 से लेकर 600 लोग
तक को कई ाथिमक म दज कया गया है व पूरे गांव का अपरािधक इितहास बनाने क कोिशश क गई है। इस िवषय पर यूिनयन ने सन् 2011 म
लखनउ म जनसुनवाई भी क थी व अ यनन भी कया है क केवल सोनभ िजले म 10000 से भी उपर फज मुकदम आ दवासीय िजसम लगभग 80
फ सदी मिहलाए ह के उपर तमाम यायालय म कए गए ह व उ ह जेल भेजा जा रहा है। आए दन वनािधकार को लेने के बजाय आ दवासीय ारा
यायालय के च र लगाए जा रहे ह और एक बार फर ऐितहािसक अ याय क पुनरावृित हो रही है। ले कन इसक सुनवाई नह हो रही है व उ पीड़न
अब चम सीमा पर प ंच गया है। सोनभ के वनभूिम स बि धत िववाद को लेकर अनेक सरकारी रपोट व आयोग ग ठत कए गए है िजसम के ीय
एससीएसटी कमीशन क 29व रपोट म सोनभ के वनभूिम के िववाद को संगीन मानते ए कई सुझाव दए गए है। 1972 म ग ठत मंगलदेव िवषारद
कमेटी रपोट, 1983 म ग ठत महे वर साद कमेटी रपोट म इन िववाद का उ लेख िव तार पूवक है व इनको सुलझाने के उपाय भी दए गए ह। ले कन
इन िसफा रष को कसी भी सरकार ने नह लागू कया। साथ ही 1982 म वनवासी सेवा आ म ारा उ तम यायालय म भी धारा 20 स बि धत
िववाद को लेकर यािचका दज क गई थी िजसके बाद कै मूर सव सेटलमट एजसी का गठन कया गया था। इन सब गंभीर सवाल को थानीय पुिलस व
वनिवभाग के िनचले कमचारीय के हवाले नह छोड़ा जा सकता।
हमारा आपसे अनुरोध है क -
1. ाम लीलासी क वनभूिम क ि थित या है इसक पूरी जांच क जानी चािहए व दबंग ारा वनभूिम पर कए गए अवैध क ज़े क जांच क
जाए। इस पूरे करण क जांच सीबीसीआईडी या कसी अ य एजसी ारा जांच कराई जानी चािहए।
2. आ दवासी सोकालो गोड़, क मतीया गोड़, कृपाषंकर पिनका व सुखदेव गोड़ िजनका नाम ाथिमक म नह है उ ह य िगरफतार कया गया
इस बार जांच कर दोषी अिधकारीय को सज़ा दी जाए व इन सभी को जेल से बाई त बरी कया जाए व इनके साथ जो उ पीड़न आ है उसके िलए इ ह
मुवाअजा दया जाए। गंभीर प से िबमार सोकाल गोड़ को फौरन रहा कया जाए।
3. कानून क अनदेखी करने वाले दोषी अिधकारीय व थानीय पुिलस के अिधकारीय पर आ दवासीय पर अवैध प से फज मुकदम करना,
हमला करना, िबना जांच के जेल भेजना व सुर ा न करने पर स ती से कायवाही क जाए।
4. ामीण पर एवं यूिनयन के पदािधका रय पर क गई झूठी ाथिमक को फौरन र कया जाना चािहए व दोषी अिधकारीय पर वनािधकार
कानून का पालन न करने पर कानून क धारा 7 के तहत व एसटीएससी कानून क धारा 3 (1)(जी) के तहत कायवाही कर ाथिमक दज क जानी
चािहए।
5. ाम लीलासी ारा 23 माच 2018 को जो सामुदाियक वनसंसाधन का दावा कया है उसके तहत ामीण को उनके सामुदाियक वन के
अिधकार प स पे जाए।
ध यवाद
राय सह गोड ◌़( ाम लीलीसी), फू लबस ( ाम लीलीसी), बेचन ( ाम लीलीसी), मु र गोड़ ( ाम ब आर),
पानमती( ाम मझौली), षीला ( ाम बघुवारी)