vastu tips in hindi for home, vastu tips for home in hindi
1.
2. अगर मकान में रहने वाले लोग बार-बार
बीमार पड़ने लगें, घर में झगडे ज्यादा होने
लगें, लाभ से ज्यादा व्यय हो, ज्यादातर लोगों
की मानससक स्थितत बार-बार बबगड़ने लगे,
घर में डर लगने लगे, अके ले या रात में
मकान में अजीब सी आवाजें आने लगे, चलते
काम रूकने लगे, मकान में आत्माएं ददखने
लगे, लगातार घर में क्लेश रहने लगे, बुरे
सपने ददखें, शादी या संतान में रुकावट हो या
घर में भारीपन रहे तो समझझए कक घर में
वाथतु दोष है।
3. यदि कोई बहुमंस्जली
इमारत आपके सामने हो,
तो फें गशुई के अनुसार
अष्ट कोणीय दपपण,
किथटल बाल तिा ददशा
सूचक यंत्र लगा सकते
हैं। बड़ा गोल आईना
मकान की छत पर ऎसे
लगाएं कक मकान की
संपूणप छाया उसमें
ददखाई देती रहे।
4. यदि मकान के पास में फै क्टरी का धुआं तनकलता हो, तो एग्जाथट पंखा
या वृक्ष लगा लें। यदद मकान में बीम ऎसी जगह हो स्जसके कारण आप
मानससक तनाव महसूस करते हो तो बीम से उत्पन्न होने वाले दोषों से
बचाव के सलए यह उपाय अपना सकते हैं।
5. यदि वेघ दोष हो तो तनम्न उपाय करना कारगर होगा। अपने मकान
के सामने लैम्प पोथट लगा लें, यदद यह संभव नहीं हो, तो घर के
आगे अशोक का वृक्ष और सुगंधधत फू लों के पेड़ के गमले लगा दें
तुलसी का पौधा थवाथ्य के सलए शुभ होता है।
6. शयनकक्ष में बीम हो, तो इसके नीचे अपना बैड या डाइतनंग
टेबल नहीं लगाएं। यदद ऑकफस हो तो मेज व कु ससपयां नहीं रखें।
बीम के दोनों ओर बांसुरी लगा दें, इससे वाथतुदोष तनवारण हो
जाता है। पवन घंटी बीम के नीचे लटका दें या बीम को सीसलंग
टायलस से ढक दें।
बीम के दोनों ओर हरे रंग की गणपतत प्रततमा लगा दें, यह
वाथतु दोषनाशक मानी जाती है। यदद मकान का कोई कोना
आपके मुख्य द्वार के सामने आए, तो थपॉट लाइट लगाएं.
स्जससे प्रकाश आपके घर की ओर रहे तिा सीधा ऊं चा वृक्ष बीच
में लगा दें।
7. शयनकक्ष में घी का दीपक व अगरबत्ती करें स्जससे मन प्रसन्न रहे,
इस बात का घ्यान रखें कक झाड़ू शयनकक्ष में नहीं रखें। मकान में
मुख्य द्वार पर देहरी बना लें, इससे बुरे व अन्य दोष घर में प्रवेश
नहीं कर पाते हैं।
8. यदि आपके
मकान के सामने
ककसी प्रकार का
वेध यानी खंभा,
बड़ा पेड़ या
बहुमंस्जला इमारत
हो तो इसकी
वजह से आपका
थवाथ्य या
आधिपक स्थितत
प्रभाववत हो
सकती है।
9. ईशान कोण के िोष के लिए इस दिशा में पानी से भरा मटका रखें.
इस कोण को साफ-सुथरा रखें। अग्नन कोण िोष ननवारण के लिए
कोने में एक िाि रंग का बल्ब िगा िें जो दिन-रात जिता रहे।
वायव्य कोण िोष ननवारण के लिए इस ओर की खखड़ककयां खुिी रखें,
ताकक वायु आ सके । एनजॉस्ट पंखा भी िगा सकते हैं।
नैऋत्य कोण िोष ननवारण के लिए इस कोने को भारी बनाएं,
स्टोर बनाना यहां शुभ होता है। शयनकक्ष में िपपण का प्रनतबबंब
पिंग पर न पड़े तथा डबि बेड पर एक ही गद्िा रखें, तो ठीक
रहेगा।
10. पनत-पत्नी में प्रेम के लिए प्रेमी पररंिे का चित्र या मेडररन बतख का जोड़ा रखें
अथवा सपररवार प्रसन्नचित मुद्रा वािा चित्र िगाएं। डायननंग टेबि को
प्रनतबबंबबत करने वािा आईना आपके सद्भाव व भानय में वृद्चि करता है, इसे
िगाएं।
11. पूजा घर पूवप-उत्तर (ईशान कोण) में होना िादहए तथा पूजा
यथासंभव प्रातः 06 से 08 बजे के बीि भूलम पर ऊनी आसन पर
पूवप या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर ही करनी िादहए। पूजा घर
के पास उत्तर-पूवप (ईशान कोण) में सिैव जि का एक किश भरकर
रखना िादहए इससे घर में सपन्नता आती है।
पूजा घर में तीन गणेशों की पूजा नहीं होनी िादहए, अन्यथा घर
में अशांनत उत्पन्न हो सकती है. तीन माताओं तथा िो शंखों का
एक साथ पूजन भी वग्जपत है। िूप, आरती, िीप, पूजा अग्नन आदि
को मुंह से फूं क मारकर नहीं बुझाएं, पूजा कक्ष में, िूप, अगरबत्ती व
हवन कुं ड हमेशा िक्षक्षण पूवप में रखें
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