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ताजमहल का इतिहास
1. ताजमहल का इततहास
आगरा का ताजमहल : खूबसूरती का नायाब हीरा
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आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतीक चिह्न माना जाता है। उत्तरप्रदेश का तीसरा बडा
जजला आगरा ऐततहाससक दृजटि से काफी महत्वपूर्ण है।
मुगलों का सबसे पसंदीदा शहर होने के कारर् ही उन्होंने ददल्ली से पहले आगरा को अपनी राजधानी
बनाया। इततहास के अनुसार इब्रादहम लोदी ने इस शहर को सन् 1504 में बसाया था। जजस समय इस
शहर की स्थापना की गई, उस समय ककसी ने यह कल्पना नहीं की होगी कक यह शहर पूरे ववश्व में
अपनी खूबसूरती के सलए परिम लहराएगा। जजसे आज भी दुतनया के सात अजूबों में शुमार ककया जाता
है।
इततहास : स्थापत्य कला की जीती-जागती तस्वीर आगरा शहर ददल्ली से करीब 200 ककलोमीिर की
दूरी पर जस्थत है। जजसे बनानेे के सलए बगदाद से एक कारीगर बुलवाया गया जो पत्थर पर घुमावदार
अक्षरों को तराश सकता था। इसी तरह बुखारा शहर, जो मध्य एसशया में जस्थत हैं, वहां से जजस कारीगर
को बुलवाया गया वह संगमरमर के पत्थर पर फू लों को तराशने में दक्ष था। ववराि कद के गुंबदों का
तनमाणर् करने के सलए तुकी के इस्तम्बुल में रहने वाले दक्ष कारीगर बुलाया गया तथा समनारों का तनमाणर्
करने के सलए समरकं द से दक्ष कारीगर को बुलवाया गया।
इस प्रकार ताजमहल के तनमाणर् से पूवण छ: महीनों में कु शल कारीगरों को तराश कर उनमें से 37 दक्ष
कारीगर इकट्ठे ककए गए, जजनके देखरेख में बीस हजार मजदूरों के साथ कायण ककया गया। इसी प्रकार
ताज तनमाणर् में लगाई गई सामग्री संगमरमर पत्थर राजस्थान के मकरार्ा से, अन्य कई प्रकार के
कीमती पत्थर एवं रत्न बगदाद, अफगातनस्तान, ततब्बत, इजजप्त, रूस, ईरान आदद कई देशों से इकट्ठा
कर उन्हें भारी कीमतों पर खरीद कर ताजमहल का तनमाणर् करवाया गया।
2. ई. 1630 में शुरू हुआ इसका तनमाणर् कायण करीब 22 वर्षों में पूर्ण हुआ, जजसमें लगभग बीस हजार
मजदूरों का योगदान माना जाता है। इसका मुख्य गुंबद 60 फीि ऊं िा और 80 फीि िौडा है।
मुगल बादशाह की मुहब्बत और सशद्दत का पररर्ाम ही है, 'ताजमहल' जजसे खूबसूरती का नायाब हीरा
कहा जाता है। गुंबदनुमा इस इमारत को जब आप ससर उठाकर ऊपर देखते हैं तो इसकी नक्काशीदार
छतें और दीवारें ककसी आश्ियण से कम नहीं लगतीं। इसका यह इततहास तो बच्िे-बडे सभी की जुबान पर
है कक मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी दूसरी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का तनमाणर्
करवाया था।
यमुना नदी के ककनारे सफे द पत्थरों से तनसमणत अलौककक सुंदरता की तस्वीर 'ताजमहल' न के वल भारत
में, बजल्क पूरे ववश्व में अपनी पहिान बना िुका है। प्यार की इस तनशानी को देखने के सलए दूर देशों से
हजारों सैलानी यहां आते हैं। दूचधया िांदनी में नहा रहे ताजमहल की खूबसूरती को तनहारने के बाद आप
ककतनी भी उपमाएं दें, वह सारी फीकी लगती हैं।
आगरा में ताजमहल के अलावा भी कई िीजें देखने लायक हैं :-
जैसे- 1. आगरा फोिण (रेड फोिण)। आगरा फोिण यहां के महत्वपूर्ण इमारतों में से एक है। इसका तनमाणर् ई.
1565 में मुगल सम्राि अकबर ने करवाया था। स्थापत्य कला का यह बेजोड नमूना लाल पत्थरों से
तनसमणत हैं। इसमें जहांगीर महल (दीवाने-ए-खास) भी बना है, जो खूबसूरत शीशमहल के रूप में प्रिसलत
है। 2. फतेहपुर सीकरी। आगरा से लगभग 35 ककलोमीिर दूर जस्थत इस स्थान को अकबर ने अपनी
राजधानी बनाया था, जो स्थापत्य की बेजोड कलाओं से पररपूर्ण है। 3. मेहताब बाग। यमुना नदी की
ववपरीत ददशा में ताजमहल' के पास ही बना हुआ है मेहताब बाग। कई तरह के फू लों और अनेक पेड-
पौधों से सुसजजजत होने के कारर् ववदेशी सैलातनयों को काफी लुभाता है। 4. रामबाग। रामबाग को बाबर
ने 1528 ई. में बनवाया था। यह ताजमहल के उत्तरी भाग में ढाई ककलोमीिर क्षेत्र में फै ला हुआ है, जजसे
मुगलों द्वारा तनसमणत सबसे पुराने बागों में से एक माना जाता है। 5. जामा मजस्जद। शाहजहां की बेिी
जहांआरा बेगम की याद में सन् 1648 ई. में बनाई गई थी यह जामा मजस्जद। बडी ही खूबसूरती से
इसके गुंबद भी तराशे गए हैं। इतने वर्षों बाद भी इसकी खूबसूरती जस-की-तस बनी हुई है।
मुमताज महल और शाहजहां की कब्र ताजमहल के तनिले दहस्से में आमने-सामने बनी हुई है। आज भी
आगरा शहर देशी-ववदेशी सैलातनयों के आकर्षणर् का के न्र बना हुआ है। खूबसूरत स्थापत्य कला में
तनसमणत होने की वजह यहां गमी हो या ठंड, हर मौसम में पयणिकों की भीड देखी जा सकती है। पयणिन
ववभाग की ओर से प्रततवर्षण 'ताज महोत्सव' का आयोजन ककया जाता है।