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BIOLOGICAL CAUSES-1.pptx
1. JAI NARAYAN VYAS UNIVERSITY, JODHPUR
Topic:
असामान्य व्यवहार क
े जैववक कारण
(BIOLOGICAL CAUSES OF ABNORMAL BEHAVIOUR)
Submitted By: Mr Sawai Singh
Submitted To: Prof (Dr) Arpita Kackar
Under Guidance of:
Prof (Dr) L N Bunker (HOD)
Prof (Dr) Hemlata Joshi
2. असामान्य व्यवहार क
े कारण (CAUSES OF ABNORMAL BEHAVIOUR)
अचानक असामान्य व्यवहार पैदा नही होता है।इसका एक नननित तौर पर इनतहास होता है। असामान्य व्यवहार की सैद्धान्तिक
व्याख्या करने क
े निए तीन तरह क
े दृनिकोण या नवचारधाराएँ हैं
1. जैनवक नवचारधारा (Biological Causes)
2. मनोसामानजक नवचारधारा (Psychosocial Causes)
3. सामानजक-साांस्क
ृ नतक नवचारधारा (Socio-Cultural Causes)
जैववक कारण (BIOLOGICAL CAUSES)
जन्म या उससे पहिे से ही व्यन्ति में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मौजूद होते हैं।-पाँच तरह क
े प्रमुख जैनवक कारकोां की भूनमका प्रधान
होती है
(1)आनुवांनिक दोष (Genetic defects)
(2)जैनवक-रासायननक कारक (Biochemical factors)
(3)िरीरगठनात्मक कारक (Constitutional factors)
(4) मन्तिष्कीय दुन्तिया (Brain dysfunction)
(5) िारीररक तनाव कारक (Bodily stress factors)
3. 1. आनुवंविक दोष (GENETIC DEFECTS):-
- एक आनुवांनिक कोड जो पूरे जीवन काि में व्यन्ति क
े व्यवहार को ननयनमत एवां नवकनसत करता है। अतः इसमें नकसी प्रकार क
े
दोष से यह स्वाभानवक है नक व्यन्ति क
े व्यवहार में असामान्यता उत्पन्न हो जाय। आनुवांनिक दोष को दो भागोां में बाँटा गया है
(1)गुणसूत्रीय असामान्यता (Chromosomal anomalies)
(2) दोषपूणण जीन्स (Faulty genes)
(a)ट्र ीजोमी 13:- 13वें जोडे में एक अनतररि गुणसूत्र पाया जाता है।
- जो व्यन्ति में मन्तिष्कीय असामान्यता उत्पन्न करक
े व्यन्ति क
े व्यवहार को असामान्य कर देता है।
(1) गुणसूत्रीय असामान्यता (Chromosomal anomalies)— व्यन्ति की कोनिका क
े न्द्रक (cell nucleus) में जांजीर समान एक
सांरचना होती है नजसमें जीन्स होते हैं,को गुणसूत्र (chromosome) कहा जाता है।
- सामान्यतः गुणसूत्र,का 23 जोडा होता है।
- इसमें 22 जोडे गुणसूत्र को ऑटोजोम्स (autosomes )।
- गुणूसत्र का 23वाँ जोडा यौन गुणसूत्र (sex chromosomes) होता है।
*पाँच तरह की असामान्यता अनधकतर देखने को नमिती है।
(b) ट्र ीजोमी 18:- 18वें जोडे में एक अनतररि गुणसूत्र पाया जाता है।
- व्यन्ति में गांभीर हृदय सम्बन्धी गडबनडयाँ उत्पन्न होती है।
4. (e) मोनोजोमी 23( Truner syndrome ):-23वें जोडे में क
े वि एक ही X होता है अर्ाणत् न्तथर्नत XO की होती है।
- मनहिा होते हुए भी मनहिा क
े गुण नहीां।
- बाँझपन की समस्या।
(d) ट्र ीजोमी 23:-क्लाईनफ
े ल्टर सांिक्षण ( Klinefelter Syndorme )XXY
- 23वें गुणसूत्र में एक अनतररि X गुणसूत्र पाया जाता है।
- ऐसे व्यन्तियोां में नकिोर अपराध (juvenile delingency ) की प्रवृनि तर्ा माननसक मन्दता उत्पन्न होने की सम्भावना अनधक होती है।
ऐसे व्यन्ति देखने में तो पुरुष जैसे िगते हैं परांतु उनमें पुरुषार्ण नहीांहोता है।
(c) ट्र ीजोमी 21:-21वें जोडे में एक अनतररि गुणसूत्र पाया जाता है।
- नजससे बच्चा डाऊन सांिक्षण ( down syndrome ) से ग्रनसत हो जाता है
- जो एक तरह क
े माननसक मन्दन ( mental retardation ) का उदाहरण है।
(2)दोषपूणण जीन्स:-
असामान्य व्यवहार की उत्पनि में जीन्स की भूनमका प्रत्यक्ष न होकर परोक्ष होती है।
- जब कई दोषपूणण जीन्स एक सार् नमि जाते हैं।तो इससे व्यन्ति क
े मन्तिष्कीय रसायन
में गडबडी उत्पन्न होती है।
5. 2.जैववक-रासायवनक कारक ( BIOCHEMICAL CAUSES )-
- जैनवक रासायननक मॉडि का प्रनतपादन 1950 क
े िगभग नकया गया।
*तीन प्रमुख भागोां में बाँटा जा सकता है।
(3) हारमोन्स एवं असामान्य व्यवहार:-
- नवषाद ( depression ) जैसे माननसक रोग से ग्रनसत अनेक व्यन्तियोां में ऐनड
ि नि काटेक्स से ननकिने वािे हारमोन्स अर्ाणत् काटीसोि
की अनधकता पाई गई है।
- जब गभाणवथर्ा में मनहिाओां में प्रोजेस्ट्ि ोन की मात्रा में कमी आ जाती है तो मनहिा में असामान्य िक्षण जैसे जोर-जोर से नचल्लाना ,
माननसक नवषाद आनद स्पि रूप से देखने को नमिता है।
(2) पौविक आहार की कमी से सम्बन्धित असामान्य व्यवहार:-
- आहार की कमी क
े कारण बच्चे उदासीन रहते हैं तर्ा अपने वातावरण की चीजोां में कोई अनभरुनच नहीांनदखिाते हैं।
- गभणवती माताओां क
े भोजन में मैगनीज की कमी से उनक
े बच्चोां में िारीररक नवक
ृ नत तो होती ही है सार्-ही-सार् उनमें नभन्न-नभन्न प्रकार
क
े मनोवैज्ञाननक उपद्रव भी होते हैं।
- नर्यामाईन या नवटानमन B की कमी होने से नभन्न-नभन्न तरह क
े स्नायुनवक
ृ त पररवतणन एवां रि सांचािन सम्बन्धी नवक
ृ नतयाँ होते देखी गयी
हैं। उसक
े कमी से व्यन्ति नचडनचडा हो जाता है, नीांद एवां भूख कम हो जाती है, तर्ा र्कान अनधक महसूस होती है।
(1) रासायवनक तत्त्व:- ऐस्ट्ीिकोिाईन की मात्रा का िर सामान्य नही होता है, तो व्यन्ति में आक्षेप उत्पन्न होता है।
- क
े टकोिामाईन समूह (जैसे —डोपामाईन) क
े तर्ा इन्डोिामाइन समूह (जैसे —नसरोटोननन ) क
े रासायननक पदार्ण।
- क
े टकोिामाईन समूह का एक प्रमुख उदारहण है—डोपामाईन (Dopamine)।
- उसी तरह से इन्डोिामाईन समूह का एक प्रमुख उदाहरण है— नसरोटोननन (Serotonin)।
6. 3.िरीरगठनात्मक कारक (CONSTITUTIONAL FACTORS):-
a.)एण्डोमॉर्फी:- जो नाटे-मोटे एवां आराम पसांद व्यन्ति होते हैं।
- मूड में उतार-चढाव का माननसक रोग जैसे उत्साह-नवषाद मनोनवक
ृ नत क
े होने की सम्भावना अनधक होती है।
b.)मेसोमोर्फी:- जो िम्बे, मजबूत हड्डी एवां गट्ठी माांिपेनियोां वािे होते हैं
- उनमें आक्रमकता अपराध तर्ा समाज-नवरोधी व्यवहार करने की प्रवृनि अनधक देखी गयी है।
c.)एक्टोमार्फ
ण :- जो िम्बे, दुबिे-पतिे कमजोर िारीररक सांरचना वािे होते हैं।
- मनोनवदानिता,दुनिांता, पेनिक अल्सर आनद होने की सांभावना तीव्र होती है।
(1) िरीरगठन या डील-डौल:-
नविेष तरह क
े डीि-डौि वािे व्यन्ति द्वारा असामान्य व्यवहार अनधक
िेल्डन ने िरीरगठन क
े तीन मुख्य प्रकार बतिाया है
a.)एण्डोमॉफी (endomorphy)
b.)मेसोमोफी (mesomorphy)
c.)एक्टोमोफी (ectomorphy)
तीन प्रमुख भागोां में बाँटा जा सकता है
(1) िरीरगठन या डीि-डौि (Physique)
(2) िारीररक नवकिाांगता (Physical handicaps)
(3) प्रार्नमक प्रनतनक्रया प्रवृनि (Primary reaction tendencies)
7. (2)िारीररक ववकलांगता:-
- माँ क
े गभण में क
ु छ गडबडी उत्पन्न होने से।
- पयाणवरणो कारकोां (environmental factors) से भी बच्चोां में िारीररक नवकिाांगता उत्पन्न हो जाती है।
- नजन बच्चोां का जन्म क
े बाद का वजन 5.5 पौण्ड से भी कम होता है, उनमें आगे चिकर क
ु छ खास-खास माननसक रोग जैसे
माननसक दुबणिता, साांवेनगक समायोजन की समस्या, मन्तिष्कीय नवक
ृ नतयाँ आनद अनधक होती हैं।
(3)मूल प्रवतविया प्रवृवियााँ:-
- 7 से 10% बच्चोां की मूि अनुनक्रया प्रवृनि दोषपूणण (defective) होती हैं
- ऐसे बच्चोां में खाने, सोने, मि-मूत्र त्याग करने की क
ु छ ननयनमतता नहीां होती है,वे नचडनचडे प्रवृनि क
े होते हैं और वातावरण क
े
साधारण तनाव से भी अत्यनधक घबराना जाने वािे होते हैं।
4.मन्धिष्कीय दुन्धिया:-
इस मॉडि क
े अनुसार असामान्य व्यवहार का कारण मन्तिष्क में दैनहक क्षनत का होना है।
इस ढांग की क्षनत से मन्तिष्कीय उिक का सामान्य कायण में बाधा पहुँचती है
और व्यन्ति में कई तरह क
े असामान्य िक्षण नदखिाई देने िगते हैं
- मन्तिष्कीय क्षनत का कारण मन्तिष्क में चोट िगना
- सांक्रामण,बुढापा, मन्तिष्की आनद प्रमुख है।
8. 5.तनाव मॉडल:-
- तनाव (stress) जैसी िारीररक अवथर्ा की उत्पनि क
े कई कारण हो सकते हैं। इन कारणोां को स्ट्िेसर (stressor) कहा जाता है।
- स्ट्िेसर दो तरह क
े हो सकते हैं
१).भौवतक (physical):-
- अत्यनधक तीव्र आवाज, तीव्र रोिनी,अत्यनधक कम या ऊ
ँ चा तापमान,अनधक आद्रता,असामान्य वायुदानबक तनाव आनद भौनतक
स्ट्िेसर क
े उदाहरण हैं जो व्यन्ति में तनाव उत्पन्न करते हैं तर्ा नजससे व्यन्ति में नभन्न-नभन्न तरह क
े असामान्य िक्षण भी नवकनसत हो
जाते हैं।
२).मनोसामावजक (psychosocial ):-
- नवनभन्न क्षेत्रोां में असफिता,असमांजस,माननसक सांघषण, ननरािा या क
ु ण्ठा,असुरक्षा की भावना, प्रनतनित पदवी न नमिना, पाप या दोष
की भावना आनद प्रमुख मनोसामानजक स्ट्िेसर हैं जो व्यन्ति में तनाव पैदा करते हैं और व्यन्ति की माननसक न्तथर्नत को जजणर बना देते
हैं।