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भारत की
कम्युनिस्ट पाटी
(मार्क्सवादी)
अक्तू बर क्रांति: मरनविर के तिये नई ररह
महान अक्तूबर क्ाांति, एक शोषणमुक्त समाज के तनमााण के रास्ते पर
मानव इतिहास का पहला कदम थी। यह एक नये समाजवादी समाज की
स्थापना के तलये मज़दू रोां तकसानोां िथा अन्य शोतषि िबकोां की पहली
सफल क्ाांति थी।
अक्तूबर क्रांति कैसी क्रांति थी?
1917 में रूस में हुई अक्तूबर क्ाांति तवश्व इतिहास के का युग की द्योिक थी। इस क्ाांति के
फलस्वरूप एक नये समाजवादी राज्य की स्थापना हुई थी – सोतवयि सांघ। इस क्ाांति के साथ
मज़दू र वगा के नेिृत्व में क्ाांतिकारी आन्दोलन, तवश्व पररदृश्य पर आ गया।
रूसी क्ाांति 7 नवम्बर 1917 को हुई थी। पुराने रूसी कै लेन्डर के अनुसार, यह िारीख 25 अक्तूबर
को थी।
उस जमाने में रूस जारशाही राजिांत्र का के न्द्र था। जारशाही का तवशाल साम्राज्य था जो समूचे
मध्य एतशया में फै ला हुआ था। जारशाही व्यवस्थाओां की पहचान बड़ी जमीांदाररयोां से होिी थी।
अांतिम जार की तमल्कियि में इस साम्राज्य की बेहिरीन 80 लाख हेक्टेयर जमीन थी। 28 हजार
बड़े जमीांदार थे, तजनका 16 करोड़ 74 लाख एकड़ जमीन पर मातलकाना अतिकार था।
इस अर्द्ा-सामांिी भूस्वातमत्व के साथ ही साथ, पूांजीवादी तवकास के चलिे औद्योतगक िथा
खनन के क्षेत्र में इजारेदाररयोां का उदय हुआ था। हालाांतक वहााँ पूांजीवाद का तवकास िेजी से हो
रहा था, तफर भी पूांजीवादी तवकास के मामले में रूस, बड़े योरपीय देशोां के मुकाबले तपछड़ा
हुआ था।
1914 में जार पहले तवश्व युर्द् में शातमल हो गया। यह एक साम्राज्यवादी युर्द् था जो उपतनवेशोां
िथा सांसािनोां पर तनयांत्रण पाने के तलये जमानी, तिटेन, फ्ाांस िथा रूस जैसी साम्राज्यवादी
िाकिोां के बीच फू ट पड़ा था।
दतसयोां लाख तकसानोां िथा मजदू रोां को जारशाही की फौज में भिी कर तलया गया और लड़ने
के तलये लाम पर भेज तदया गया। इस युर्द् में, तजसमें रूसी पक्ष की जमानी के हाथोां हार हो रही
थी, दतसयोां हजार लोग मारे गये थे। उिर कां गाल बना तदये गये तकसान, भूदासोां की िरह,
जमीांदारोां के कोड़ोां के नीचे िड़प रहे थे।
पहले आई फरवरी क्ाांति
इन हालाि में जन असांिोष भड़क उठा और क्ाांतिकारी िाकिोां िथा खासिौर पर बोल्शेतवक पाटी
ने जारशाही तनजाम के ल्कखलाफ बगावि छेड़ दी। इस जन-उभार ने एक क्ाांति का रूप ले तलया,
जो 1917 के फरवरी के महीने में सांपन्न हुई। जारशाही की तनरांकु श सत्ता को उखाड़ फें का गया
और उसकी जगह पर एक पूांजीवादी बोलबाले वाली सरकार बैठा दी गई, तजसमें कु छ सोशल
डेमोक्ै तटक पातटायााँ भी शातमल हो गईां। फरवरी क्ाांति के बाद बनी इस अस्थायी सरकार ने
प्रतितक्यावादी िाकिोां के साथ समझौिा करने की और रूसी पूांजीपति वगा के तहिोां को आगे बढ़ाने
की कोतशश की। युर्द् में लगे िक्ोां और थोक के तहसाब से सैतनकोां के हिाहि होने के चलिे, यह
सरकार बढ़िे पैमाने पर अलोकतप्रय होिी गयी।
फरवरी क्ाांति ने लोक सत्ता के एक नये औजार को मांच पर ला तदया था – सोतवयिें। फरवरी क्ाांति
के बाद, सभी प्रमुख शहरोां में और देहाि में मजदू रोां, सैतनकोां िथा तकसानोां की सोतवयिें उभरकर
सामने आ गईां।
बोल्शेतवक पाटी को (जो क्ाांति के बाद कम्युतनस्ट पाटी बन गयी) मजदू रोां की सोतवयिोां और
फौजी दस्तोां में गतठि होने वाली सोतवयिोां के बीच बढ़िा हुआ समथान हातसल हो रहा था।
तसिम्बर के अांि िक आिे-आिे अस्थायी सरकार के शासन को मजदू रोां, तकसानोां िथा सैतनकोां
के बढ़िे तवद्रोह का सामना करना पड़ रहा था। राजिानी पेटर ोग्राड में और मास्को जैसे शहरोां में
सवाहारा ने अपने ही सोतवयिोां का िथा सशस्त्र दस्तोां का गठन कर तलया था िातक लगािार जारी
क्ाांति की तहफाजि कर सकें । िमाम ग्रामीण रूस में तकसानोां िथा खेि मजदू रोां ने जमीांदारोां िथा
कु लीनिांत्र की जमीनोां पर कब्जा करना शुरू कर तदया था। सेना के जवानोां ने अपनी सोतवयिें
चुन ली थीां और वे युर्द् खत्म करने िथा शाांति स्थातपि करने की पुकार कर रहे थे। लेतनन ने
ध्यान तदलाया था तक ज्यादािर सैतनक िो, “वदीिारी तकसान” थे।
अक्टू बर क्ाांति की ओर: सारी सत्ता सोतवयिोां के हाथोां में
इन्ीांहालाि में, बोल्शेतवक पाटी के नेिा, लेतनन ने एलान तकया था तक देश, पूांजीवादी
क्ाांति के पहले चरण से, उसके दू सरे चरण में प्रवेश कर रहा है, तजसमें सत्ता सवाहारा
वगा के और तकसानोां के सबसे गरीब िबकोां के हाथोां में होनी चातहए।
अांिि: “सारी सत्ता सोतवयिोां के हाथोां में” के आह्वान के साथ, 25 अक्टू बर (7 नवांबर)
को, मजदू रोां के सशस्त्र दस्तोां (रेड गाडा) और सेना के क्ाांतिकारी तसपातहयोां ने, अस्थाई
सरकार को हटाने के तलये कारावाई की। राजिानी पेटर ोग्राड अपने हाथोां में लेने में क्ाांति
सफल रही। अगले सप्ताहोां में, मास्को में िथा अन्य सभी कें द्रोां में, पुराने तनजाम के प्रति
वफादारी बनाए रही प्रतिक्ाांतिकारी सेनाओां के प्रतिरोि पर काबू पाने के बाद, समूचे
रूस में और पुराने जारशाही साम्राज्य के अन्य तहस्ोां में सोतवयि सत्ता कायम हो गई।
क्ाांति के फलस्वरूप लेतनन के नेिृत्व में, जन कतमसारोां की पररषद के साथ, एक नयी सरकार
कायम हुई।
बोल्शेतवकोां ने भूतम, शाांति िथा रोटी के नारे पर जनिा को गोलबन्द तकया था। नयी सरकार ने
जो पहला ही कदम उठाया, वह था मजदू रोां, सैतनकोां िथा तकसान प्रतितनतियोां की सोतवयिोां की
अल्कखल रूसी काांग्रेस के सामने भूतम पर आज्ञाल्कप्त और शाांति पर आज्ञाल्कप्त का लाया जाना।
भूतम पर जो आज्ञाल्कप्त स्वीकार की गयी उसके जररये िमाम जागीरोां का और चचा व मोनेल्कस्टरयोां
की िमाम जमीनोां का, उनके मवेतशयोां, औजारोां िथा इमारिोां के साथ अतिग्रहण कर तलया
गया और उन्े स्थानीय भूतम कमेतटयोां िथा तकसान प्रतितनतियोां की तजला सोतवयिोां को सौांप
तदया गया।
शाांति की आज्ञाल्कप्त में एलान तकया गया तक युर्द् समाप्त हो और फौरन युर्द् में लगी सभी
सरकारोां िथा जनगणोां के साथ शाांति वािााएां होां। नयी सोतवयि सरकार ने एलान तकया तक वह
फौरन, दू सरे के इलाके हड़पे तबना और हजााने के तबना, शाांति सांति पर हस्ताक्षर करने के तलए
सांकल्पबर्द् है।
अन्य आज्ञाल्कप्तयोां के तवषय थे – तनरक्षरिा का अांि, सावाभौम प्राथतमक तशक्षा, मुफ्त
स्वास्थ्य रक्षा का प्राविान और एक नये, सोतवयि समाजवादी गणराज्योां के सांघ
(युएसएसआर) का गठन।
जारशाही का रूस, "जािीयिाओां का कै दखाना" था। रूसी क्ाांति ने तवतभन्न गैर-रूसी
जािीयिाओां को औपतनवेतशक जुए से मुक्त कराया था और उन्े, इस सांघ के अांदर
सोतवयि गणराज्योां के रूप में एक स्वायत्त ढाांचा मुहैया कराया था।
बहरहाल, नव गतठि सोतवयि राज्य समाजवाद के तनमााण के रास्ते पर चलना शुरू
कर पािा, उससे फले ही उसे प्रतिक्ाांतिकारी िाकिोां के हमले का सामना करना पड़ा।
तिटेन, जमानी िथा फ्ाांस समेि, दस पूांजीवादी देश इन प्रतिक्ाांतिकारी िाकिोां को
समथान दे रहे थे और उन्े मदद दे रहे थे िथा हतथयार दे रहे थे।
गृहयुर्द् के चार साल बाद, लाल सेना आल्कखरकार तवजयी हुई और उसने
प्रतितक्यावादी िाकिोां को कु चल तदया। इस प्रतक्या में उसे भी भारी कीमि चुकानी
पड़ी। दतसयोां हजार वगा-चेिस मजदू रोां को िथा तकसानोां को लाल सेना में अपने प्राणोां
की आहुति देनी पड़ी।
इसे दुतनया की पहली समाजवादी क्ाांति क्ोां कहिे हैं?
अक्टू बर क्ाांति, इससे पहले िक दुतनया में हुई सभी क्ाांतियोां से अलग थी। 1789 की फ्ाांसीसी
क्ाांति से लगाकर, ऐसी अनेक क्ाांतियाां इससे पहले हुई थी, जो पुराने सामांिी वगों िथा कु लीनोां
से, पूांजीपति वगा द्वारा सत्ता छीने जाने को तदखािी थी।
अिीि में इतिहास के तवतभन्न चरणोां में क्ाांतियाां होिी आयी थीां, तजनमे शासकोां के नये
उदीयमान वगों द्वारा पुराने शोषणकारी वगों के शासन को उलटा जािा रहा था। पूांजीपति वगा
के नेिृत्व वाली क्ाांतियोां के जररये, पुराने सामन्ती शोषक वगों को उखाड़ फें के जाने के
प्रकरणोां में ऐसा ही हुआ था।
अक्टू बर क्ाांति इनसे तभन्न थी। यह पहला ही मौका था जब मजदू र वगा और गरीब तकसानोां
जैसे उसके सहयोगी, जोतक शोतषि वगा से आिे थे, सत्तािारी पूांजीपति िथा शोषक वगों के
राज को पलटने के तलये क्ाांति का नेिृत्व कर रहे थे।
रूस में क्ाांति पर मजदू र वगा के नेिृत्व के चलिे ही अक्टू बर क्ाांति को दुतनया की पहली
समाजवादी क्ाांति की पहचान तमली। लेतनन ने कहा था तक क्ाांति को सफल िभी माना
जाएगा, जब पुरानी राजसत्ता को ध्वस्त कर तदया जाए और एक नये ढांग की राजसत्ता कायम
हो जाए। रूसी क्ाांति में यही हुआ था। इस क्ाांति में पुरानी राजसत्ता को ध्वस्त कर तदया गया
था और उसकी जगह पर सोतवयिोां के रूप में एक नये राज्य को कायम तकया गया था, जो
मजदू रोां िथा गरीब तकसानोां के तहिोां का प्रतितनतित्व करिा था।
समाजवाद का िकाजा था तक उत्पादन के सािनोां का समाजीकरण हो। नयी राजसत्ता के
गठन के साथ इसे हातसल तकया गया। उद्योग, भूतम, खेिी िथा उत्पादन के अन्य सािनोां का
राज्य ने अतिग्रहण कर तलया और वे सामूतहक तमल्कियि बन गये।
दुतनया में यह पहला ही मौका था जब एक नयी समाजवादी उत्पादन पर्द्ति कायम हुई थी।
क्ाांति की उपलल्कियाां
1960 के दशक िक सोतवयि सांघ में उल्लेखनीय आतथाक वृल्कर्द् हो रही थी। इस सचाई को िो
उसके कटु से कटु आलोचकोां िक को स्वीकार करना पड़ा था। प्रतितिि तितटश आतथाक
इतिहासकार, अांगुस मेतडसन ने दजा तकया था तक, “1913 से 1965 के बीच, प्रतिव्यल्कक्त
सोतवयि आतथाक वृल्कर्द् दर दुतनया भर में, िमाम तवकतसि या तवकासशील देशोां में, सबसे िेज
रही थी – जापान की दर से भी िेज। जापानी उत्पाद में 400 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई थी,
सोतवयि उत्पाद में 440 फीसद की।“
► गृह युर्द् के खत्म होने के बाद एक दशक में तनरक्षरिा को तमटा तदया गया।
► सावाभौम प्राथतमक तशक्षा और उसके बाद, साि वषा की सावाभौम तशक्षा िथा सावाभौम
सेके न्डरी (दसवीां िक) तशक्षा का प्राविान, जो िब िक योरप का और कोई भी देश हातसल
नहीांकर पाया था।
► भूस्वातमत्व का खात्मा और सामूतहक फामों िथा सहकाररिाओां में गरीब तकसानोां िथा खेि
मजदू रोां को अतिकार तदया जाना।
► क्ाांति के फौरन बाद, सभी नागररकोां के तलये मुफ्त स्वास्थ्य रक्षा की व्यवस्था शुरू की गयी।
► सब के तलये रोजगार और बेरोजगारी का अांि। 1936 िक सभी रोजगार दफ्तर बन्द हो चुके
थे क्ोांतक पूणा रोजगार की ल्कस्थति हातसल की जा चुकी थी।
► नयी सरकार के पहले ही फै सलोां में से एक फै सला मतहलाओां के तलये समान अतिकार,
समान मजदू री, मािृत्व लाभ का अतिकार और िलाक का अतिकार सुतनतिि करना था। क्ाांति
ने ही मतहलाओां को मिातिकार दे तदया था। तिटेन में 1928 में ही मतहलाओां को यह अतिकार
तदया जा सका था।
► जनिा को उपलि साांस्कृ तिक सांसािनोां का भारी तवस्तार हुआ था। सरकारी िन से
पुस्तकोां के प्रकाशन से लेकर तफल्ोां, सांगीि िथा कला के साांस्कृ तिक उत्पादनोां िक।
अक्टू बर क्ाांति का ऐतिहातसक असर
1917 से पहले की दुतनया, उसके एक सदी बाद आज जैसी है उससे बहुि ही तभन्न थी। 20वीां
सदी के आरांभ िक का दौर साम्राज्योां का दौर था, जहाां साम्राज्यवाद अपने तशखर पर था।
तितटश, जमान, फ्ाांसीसी, आस्टरो-हांगेररयाई, रूसी िथा जापानी साम्राज्य दुतनया पर हावी थे और
उनके बीच दुतनया बांटी हुई थी। इसके अलावा अपेक्षाकृ ि छोटे साम्राज्य भी थे, जैसे इिालवी,
पुिागाली, आतद। दुतनया की आबादी का बड़ा तहस्ा इन्ीांसाम्राज्योां के अिीन उपतनवेशोां या
अर्द्ा-उपतनवेशोां में रहिा था।
रूसी क्ाांति ने इस पुराने ढांग के उपतनवेशवाद के अांि की शुरूआि की। इसकी मौि की
तहचतकयाां िो पहले तवश्व युर्द् के साथ ही शुरू हो गयी थी, जो अक्टू बर क्ाांति से पहले हुआ था।
जारशाही के उखाड़ फें के जाने के पचास साल के अांदर-अांदर, दुतनया के नक्शे पर ऐसा शायद
ही कोई साम्राज्य बचा था।
अक्टू बर क्ाांति ने राष्ट्रीय मुल्कक्त सांघषों की लड़ी में आग लगा दी थी, तजसने औपतनवेतशक शासन को
उखाड़ फें का। पहली समाजवादी क्ाांति की सफलिा के साथ, साम्राज्यवाद के ल्कखलाफ सांघषा कहीां
उच्चिर स्तर पर पहुांच गया। एतशया, अफ्ीका िथा लािीनी अमरीका में राष्ट्रीय मुल्कक्त आांदोलनोां ने रूसी
क्ाांति से प्रेरणा हातसल की थी और सोतवयि सांघ ने राष्ट्रीय मुल्कक्त सांघषों को अपना समथान तदया था।
अक्टू बर क्ाांति, मजदू र-तकसान गठबांिन की क्ाांतिकारी रणनीति पर आिाररि थी।
मजदू र-तकसान गठबांिन की इसी रणनीति को आगे चलकर औपतनवेतशक िथा अर्द्ा-
औपतनवेतशक देशोां में, तकसानोां की तवशाल सांख्या को गोलबांद करने के तलये आजमाया
गया था। अक्टू बर क्ाांति के पदतचन्ो पर चलिे हुये, िीन दशक बाद, चीन की कम्युतनस्ट
पाटी के नेिृत्व में युगतनमााणकारी चीनी क्ाांति हुई। इसके बाद तवयिनाम िथा कोररया में
क्ाांतियाां हुईां। ये सभी क्ाांतियाां 1930 के दशक में तवकतसि हुए तवश्वव्यापी
साम्राज्यवादतवरोिी िथा फासीबादतवरोिी सांघषों की सीिे-सीिे उत्तरातिकारी थीां। यह
प्रतक्या दू सरे तवश्व युर्द् के बाद के दौर में राष्ट्रोां के एक समाजवादी गुट के गठन में अपने
उत्कषा पर पहुांची।
20वीां सदी में मानविा के सामने आयी सबसे बड़ी बुराई, फासीबाद को अगर तशकस्त दी जा सकी
थी, िो यह मुख्यि: समाजवाद की मौजूदगी िथा सोतवयि सांघ द्वारा चलाए गए सांघषा के चलिे ही
सांभव हुआ था। फासीवाद के तवरुर्द् जन-युर्द् में सोतवयि सांघ के 2 करोड़ से ज्यादा सैतनकोां िथा
नागररकोां ने अपने प्राणोां की आहुति दी थी। लाल सेना ने
ही नाजी युर्द् मशीन को ध्वस्त करने की अगुआई की थी।
अक्टू बर क्ाांति की मुल्कक्तदायी अांिवास्तु का सारी दुतनया पर असर पड़ा था। रूसी क्ाांति
की सफलिा ने मजदू र वगा के क्ाांतिकारी आांदोलनोां को उत्प्रेररि तकया था। सोतवयि
सांघ में उठाए गए समाजवादी कदमोां के प्रभाव ने दू सरे तवश्व युर्द् के बाद पतिमी योरप
की पूांजीवादी सरकारोां को एक कल्याणकारी राज्य का मॉडल अपनाने के तलये मजबूर
तकया था।
इन देशोां में मजदू र वगा के सांघषा, सावाभौम तशक्षा िथा
स्वास्थ्य रक्षा शुरू तकए जाने की ओर ले गए थे।
भारि पर प्रभाव
अक्टू बर क्ाांति की खबर का, भारिीय राष्ट्रीय काांग्रेस के भीिर के और उसके बाहर क्ाांतिकारी
ग्रुपोां के भी, स्विांत्रिा सेनातनयोां पर, जोश तदलाने वाला असर पड़ा था।
1 - काांग्रेस के गरमपांतथयोां (रैतडकल पक्ष) ने, जो बाल गांगािर तिलक, सी आर दास आतद
नरमपांतथयोां से असांिुष्ट् थे, रूस में क्ाांतिकारी सफलिा का स्वागि तकया था और वे मजदू र वगा
को सांगतठि करने के पक्ष में थे। तबतपनचन्द्र पाल एवां लाला लाजपि राय ने भी अक्टू बर क्ाांति को
रूसी मेहनिकश जनिा की क्ाांतिकारी अतभव्यल्कक्त के रूप में स्वीकार तकया था।
(मॉन्टेगु-चेम्स्फोडा ररपोटा कहिा है तक इस क्ाांति ने भारि की राजनीतिक आकाांक्षाओां को गति दी थी।)
भारि में प्रभाव
2- रूसी क्ाांति के असर से भारि में मजदू र वगा के सांगतठि आांदोलन की शुरुआि हुई। 1918
से पहले िक, औद्योतगक मजदू रोां को सांगतठि करने का कोई गांभीर प्रयास नहीां हुआ था। कभी-
कभार हड़िालें हो जािी थीां। 1918 में मजदू र वगा के
आांदोलन की शुरूआि हुई िथा मजदू र वगा के सांगठनोां
की लहर उठी और 1919 से 1921 के बीच देश ने कई
हड़िालें देखीां।
भारि में प्रभाव
3- रूसी क्ाांति के बारे में जानने के तलए मुहातजर ग्रुप अफगातनस्तान के रास्ते रूस के तलए पहुांचे।
ये ऐसे स्विांत्रिा सेनानी थे, जो ल्कखलाफि आांदोलन के पररणामोां से असांिुष्ट् थे। उनमें से कु छ पहले
भारिीय कम्युतनस्ट बने।
भारि में प्रभाव
4- सुिमण्यम भारिी, काजी नजरूल इस्लाम िथा रवीांद्रनाथ टैगोर जैसे जाने-माने लेखकोां िथा
कतवयोां ने रूस में क्ाांति की खबर का स्वागि तकया था। अक्टू बर क्ाांति के चन्द ह्फ्ते बाद ही
रवीांद्रनाथ टैगोर ने एक गीि तलखा था – ‘नया रूस’। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1930 में रूस की यात्रा
की थी। वहाां बन रहे नये समाज से प्रभातवि होकर उन्ोने ‘रूस से खिूि’ में तलखा था:
“अगर मैंने खुद अपनी आांखोां से नहीांदेखा होिा िो मैं कभी इस पर तवश्वास नहीांकर सकिा था
तक तसफा दस साल में उन्ोने न तसफा लाखोां लोगोां को अज्ञान िथा अिोगति के अांिेरे से बाहर
तनकाला है और उन्े तलखना-पढ़ना तसखाया है बल्कि उनमें मानव गररमा की भावना को पाला-
पोसा है। हमें खासिौर पर तशक्षा के सांगठन का अध्ययन करने के तलये ही यहाां आना चातहए।“
जवाहर लाल नेहरू से लेकर पेररयार रामास्वामी िक, 1930 के दशक में तजन लोगोां ने भी
सोतवयि सांघ की यात्रा की थी, समाजवादी सोतवयि सांघ की उपलल्कियोां से गहराई से प्रभातवि
हुए थे।
भगि तसांह िथा उनके कामरेडोां ने, रूसी क्ाांति िथा लेतनन से प्रेररि होकर, समाजवाद को गले
लगाया था। भगि तसांह िथा उनके सातथयोां ने, 21 जनवरी 1930 को जब उन पर मुकदमा चल
रहा था, अदालि के कक्ष से मास्को के तलये तन्नलतलल्कखि िार भेजा था:
“लेतनन तदवस पर हम उन सब के तलये अपनी हातदाक शुभकामनाएां प्रेतषि करिे हैं, जो महान
लेतनन के तवचारोां को आगे ले जाने के तलये कु छ कर रहे हैं। रूस जो महान समाजवादी िजुबाा
हातसल कर रहा है, हम उसकी सफलिा की कामना करिे हैं। हम मजदू र वगा के अांिरााष्ट्र ीय
आांदोलन की आवाज के साथ अपनी आवाज तमलािे हैं।“
इस िरह, भारि में स्विांत्रिा िथा सामातजक मुल्कक्त के तलये सांघषा पर, रूसी क्ाांति का गहरा असर
पड़ा था।
सोतवयि सांघ का पराभव कै से हुआ?
रूसी क्ाांति के बाद, पूांजीवादी घेरेबांदी िथा खून-
खराबे भरे गृहयुर्द् के बीच सोतवयि सांघ की
स्थापना हुई थी। नवगतठि समाजवादी राज्य को
लगािार साम्राज्यवातदयोां से खिरे का सामना
करना पड़ रहा था और वह फासीवादी हमले का
भी तनशाना बना था।
इन िमाम मुल्किलोां पर काबू
पािे हुए सोतवयि सांघ ने एक
नयी राह रोशन की थी और
युर्द्ोत्तर दौर में एक बड़ी
िाकि बनकर उभरी थी, जो
तसफा अमरीका से पीछे थी।
िेज रफ्तार आतथाक प्रगति,
बेरोजगारी का अांि,
सावाभौम तशक्षा, स्वास्थ्य
रक्षा व आवास का प्राविान,
जनिा के भौतिक व
साांस्कृ तिक जीवन के स्तर
का ऊपर उठना; यह सब
समाजवादी समाज व्यवस्था
में अांि-तनातहि सांभावनाओां
को तदखािा था।
तफर भी वक्त गुजरने के साथ और खासिौर पर सोतवयि सांघ के अल्कस्तत्व के आल्कखरी दो दशकोां
में, कु छ खातमयोां व त्रुतटयोां को पनपने का मौका तमला था। आतथाक ढाांचे में सुिार नहीां हुए, तजनसे
नयी वैज्ञातनक व प्रौद्योतगकीय क्ाांति का उपयोग तकया जा सकिा; अथाव्यवस्था के प्रबांिन को नये
िरीके से ढालने में तवफल रहे; जनिा की भौतिक प्रगति से कदम से कदम तमलाकर चलने के तलये
जनिांत्र का तवकास नहीांहुआ, जो नौकरशाही की ओर ले गया। इस सबके साथ ही जनिा के बीच
समाजवादी चेिना तवकतसि करने में कम्युतनस्ट पाटी की तवचारिारात्मक तवफलिाओां ने, अांिि:
सोतवयि सांघ का पराभव होने में योग तदया।
सोतवयि सांघ की तवफलिा कोई समाजवाद की तवफलिा नहीां थी बल्कि समाजवाद के तनमााण में
तवकृ तियोां िथा तवचारिारात्मक भटकावोां ने ही उसकी तवफलिा का रास्ता बनाया था। सोतवयि
सांघ में समाजवाद के तनमााण के अनुभव की ऐतिहातसक रूप से समीक्षा करिे हुए यह कहा जा
सकिा है तक सोतवयि सांघ के पराभव से, आज की दुतनया में समाजवाद की प्रासांतगकिा खत्म
नहीांहो गई है।
अक्टू बर क्ाांति की प्रासांतगकिा
अक्टू बर क्ाांति ने मानविा को यह तदखाया है तक पूांजीवाद का अांि तकया जा सकिा है
और समाजवाद की स्थापना की जा सकिी है।
अक्टू बर क्ाांति की तमसाल, तजसका 20वीां सदी पर जबदास्त असर पड़ा था, 21वीांसदी
में भी पूांजीवाद के तवकल्प के रास्ते को आलोतकि कर रही है।
सोतवयि सांघ के अांि के चलिे, तवश्व पूांजीवाद िथा िथा साम्राज्यवाद का बोलबाला कायम हुआ है।
21वीां सदी में नव-उदारवादी पूांजीवाद के चलिे दुतनया का तवभाजन और िीखा हुआ है, तजसमें एक
ओर िनवानोां का एक छोटा सा सांस्तर है और दू सरी ओर अवाम के तवशाल तहस्े हैं जो गरीबी,
बेरोजगारी िथा भूख से जूझ रहे हैं।
असमानिाओां में िेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। दुतनया की 1 फीसद सबसे िनी आबादी की कु ल सांपदा
1,100 खरब डालर के बराबर है यानी तवश्व आबादी के सबसे नीचे के 50 फीसद तहस्े की कु ल
सांपदा से 65 गुना ज्यादा। दुतनया में 1 अरब 30 करोड़ से ज्यादा लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं।
अमरीका के नेिृत्व में साम्राज्यवाद, तवश्व वचास्व के तलये अपनी आक्ामक मुहीम जारी रखे हुये है
और उसने सैन्य हस्तक्षेपोां के जररए तवनाशकारी टकराव छेड़े हैं तजनकी आग इराक, सीररया,
लीतबया, यमन िथा अफगातनस्तान में आज भी जल रही है।
दुतनया भर में मजदू र वगा िथा मेहनिकश जनिा के अन्य िबके नवउदारवादी हमले के
ल्कखलाफ, कमखची के कदमोां के ल्कखलाफ और साम्राज्यवादी आतिपत्य के ल्कखलाफ सांघषा
चला रहे हैं। उनके तलए 1917 की समाजवादी क्ाांति, एक पथप्रदशाक प्रकाश पुांज है।
िमाम क्ाांतिकारी िथा प्रगतिशील िाकिोां के तलए अक्टू बर की क्ाांति, प्रेरणा की मशाल
है। एक वगाहीन िथा शोषणमुक्त समाज की कामना करने वाले सभी लोगोां के तलए
अक्टू बर क्ाांति का एक ही सांदेश है – समाजवाद ही भतवष्य है।

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October revolution centenary

  • 2. अक्तू बर क्रांति: मरनविर के तिये नई ररह महान अक्तूबर क्ाांति, एक शोषणमुक्त समाज के तनमााण के रास्ते पर मानव इतिहास का पहला कदम थी। यह एक नये समाजवादी समाज की स्थापना के तलये मज़दू रोां तकसानोां िथा अन्य शोतषि िबकोां की पहली सफल क्ाांति थी।
  • 3. अक्तूबर क्रांति कैसी क्रांति थी? 1917 में रूस में हुई अक्तूबर क्ाांति तवश्व इतिहास के का युग की द्योिक थी। इस क्ाांति के फलस्वरूप एक नये समाजवादी राज्य की स्थापना हुई थी – सोतवयि सांघ। इस क्ाांति के साथ मज़दू र वगा के नेिृत्व में क्ाांतिकारी आन्दोलन, तवश्व पररदृश्य पर आ गया। रूसी क्ाांति 7 नवम्बर 1917 को हुई थी। पुराने रूसी कै लेन्डर के अनुसार, यह िारीख 25 अक्तूबर को थी।
  • 4. उस जमाने में रूस जारशाही राजिांत्र का के न्द्र था। जारशाही का तवशाल साम्राज्य था जो समूचे मध्य एतशया में फै ला हुआ था। जारशाही व्यवस्थाओां की पहचान बड़ी जमीांदाररयोां से होिी थी। अांतिम जार की तमल्कियि में इस साम्राज्य की बेहिरीन 80 लाख हेक्टेयर जमीन थी। 28 हजार बड़े जमीांदार थे, तजनका 16 करोड़ 74 लाख एकड़ जमीन पर मातलकाना अतिकार था। इस अर्द्ा-सामांिी भूस्वातमत्व के साथ ही साथ, पूांजीवादी तवकास के चलिे औद्योतगक िथा खनन के क्षेत्र में इजारेदाररयोां का उदय हुआ था। हालाांतक वहााँ पूांजीवाद का तवकास िेजी से हो रहा था, तफर भी पूांजीवादी तवकास के मामले में रूस, बड़े योरपीय देशोां के मुकाबले तपछड़ा हुआ था। 1914 में जार पहले तवश्व युर्द् में शातमल हो गया। यह एक साम्राज्यवादी युर्द् था जो उपतनवेशोां िथा सांसािनोां पर तनयांत्रण पाने के तलये जमानी, तिटेन, फ्ाांस िथा रूस जैसी साम्राज्यवादी िाकिोां के बीच फू ट पड़ा था। दतसयोां लाख तकसानोां िथा मजदू रोां को जारशाही की फौज में भिी कर तलया गया और लड़ने के तलये लाम पर भेज तदया गया। इस युर्द् में, तजसमें रूसी पक्ष की जमानी के हाथोां हार हो रही थी, दतसयोां हजार लोग मारे गये थे। उिर कां गाल बना तदये गये तकसान, भूदासोां की िरह, जमीांदारोां के कोड़ोां के नीचे िड़प रहे थे।
  • 5. पहले आई फरवरी क्ाांति इन हालाि में जन असांिोष भड़क उठा और क्ाांतिकारी िाकिोां िथा खासिौर पर बोल्शेतवक पाटी ने जारशाही तनजाम के ल्कखलाफ बगावि छेड़ दी। इस जन-उभार ने एक क्ाांति का रूप ले तलया, जो 1917 के फरवरी के महीने में सांपन्न हुई। जारशाही की तनरांकु श सत्ता को उखाड़ फें का गया और उसकी जगह पर एक पूांजीवादी बोलबाले वाली सरकार बैठा दी गई, तजसमें कु छ सोशल डेमोक्ै तटक पातटायााँ भी शातमल हो गईां। फरवरी क्ाांति के बाद बनी इस अस्थायी सरकार ने प्रतितक्यावादी िाकिोां के साथ समझौिा करने की और रूसी पूांजीपति वगा के तहिोां को आगे बढ़ाने की कोतशश की। युर्द् में लगे िक्ोां और थोक के तहसाब से सैतनकोां के हिाहि होने के चलिे, यह सरकार बढ़िे पैमाने पर अलोकतप्रय होिी गयी। फरवरी क्ाांति ने लोक सत्ता के एक नये औजार को मांच पर ला तदया था – सोतवयिें। फरवरी क्ाांति के बाद, सभी प्रमुख शहरोां में और देहाि में मजदू रोां, सैतनकोां िथा तकसानोां की सोतवयिें उभरकर सामने आ गईां।
  • 6. बोल्शेतवक पाटी को (जो क्ाांति के बाद कम्युतनस्ट पाटी बन गयी) मजदू रोां की सोतवयिोां और फौजी दस्तोां में गतठि होने वाली सोतवयिोां के बीच बढ़िा हुआ समथान हातसल हो रहा था। तसिम्बर के अांि िक आिे-आिे अस्थायी सरकार के शासन को मजदू रोां, तकसानोां िथा सैतनकोां के बढ़िे तवद्रोह का सामना करना पड़ रहा था। राजिानी पेटर ोग्राड में और मास्को जैसे शहरोां में सवाहारा ने अपने ही सोतवयिोां का िथा सशस्त्र दस्तोां का गठन कर तलया था िातक लगािार जारी क्ाांति की तहफाजि कर सकें । िमाम ग्रामीण रूस में तकसानोां िथा खेि मजदू रोां ने जमीांदारोां िथा कु लीनिांत्र की जमीनोां पर कब्जा करना शुरू कर तदया था। सेना के जवानोां ने अपनी सोतवयिें चुन ली थीां और वे युर्द् खत्म करने िथा शाांति स्थातपि करने की पुकार कर रहे थे। लेतनन ने ध्यान तदलाया था तक ज्यादािर सैतनक िो, “वदीिारी तकसान” थे।
  • 7. अक्टू बर क्ाांति की ओर: सारी सत्ता सोतवयिोां के हाथोां में इन्ीांहालाि में, बोल्शेतवक पाटी के नेिा, लेतनन ने एलान तकया था तक देश, पूांजीवादी क्ाांति के पहले चरण से, उसके दू सरे चरण में प्रवेश कर रहा है, तजसमें सत्ता सवाहारा वगा के और तकसानोां के सबसे गरीब िबकोां के हाथोां में होनी चातहए। अांिि: “सारी सत्ता सोतवयिोां के हाथोां में” के आह्वान के साथ, 25 अक्टू बर (7 नवांबर) को, मजदू रोां के सशस्त्र दस्तोां (रेड गाडा) और सेना के क्ाांतिकारी तसपातहयोां ने, अस्थाई सरकार को हटाने के तलये कारावाई की। राजिानी पेटर ोग्राड अपने हाथोां में लेने में क्ाांति सफल रही। अगले सप्ताहोां में, मास्को में िथा अन्य सभी कें द्रोां में, पुराने तनजाम के प्रति वफादारी बनाए रही प्रतिक्ाांतिकारी सेनाओां के प्रतिरोि पर काबू पाने के बाद, समूचे रूस में और पुराने जारशाही साम्राज्य के अन्य तहस्ोां में सोतवयि सत्ता कायम हो गई।
  • 8. क्ाांति के फलस्वरूप लेतनन के नेिृत्व में, जन कतमसारोां की पररषद के साथ, एक नयी सरकार कायम हुई। बोल्शेतवकोां ने भूतम, शाांति िथा रोटी के नारे पर जनिा को गोलबन्द तकया था। नयी सरकार ने जो पहला ही कदम उठाया, वह था मजदू रोां, सैतनकोां िथा तकसान प्रतितनतियोां की सोतवयिोां की अल्कखल रूसी काांग्रेस के सामने भूतम पर आज्ञाल्कप्त और शाांति पर आज्ञाल्कप्त का लाया जाना। भूतम पर जो आज्ञाल्कप्त स्वीकार की गयी उसके जररये िमाम जागीरोां का और चचा व मोनेल्कस्टरयोां की िमाम जमीनोां का, उनके मवेतशयोां, औजारोां िथा इमारिोां के साथ अतिग्रहण कर तलया गया और उन्े स्थानीय भूतम कमेतटयोां िथा तकसान प्रतितनतियोां की तजला सोतवयिोां को सौांप तदया गया। शाांति की आज्ञाल्कप्त में एलान तकया गया तक युर्द् समाप्त हो और फौरन युर्द् में लगी सभी सरकारोां िथा जनगणोां के साथ शाांति वािााएां होां। नयी सोतवयि सरकार ने एलान तकया तक वह फौरन, दू सरे के इलाके हड़पे तबना और हजााने के तबना, शाांति सांति पर हस्ताक्षर करने के तलए सांकल्पबर्द् है।
  • 9. अन्य आज्ञाल्कप्तयोां के तवषय थे – तनरक्षरिा का अांि, सावाभौम प्राथतमक तशक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य रक्षा का प्राविान और एक नये, सोतवयि समाजवादी गणराज्योां के सांघ (युएसएसआर) का गठन। जारशाही का रूस, "जािीयिाओां का कै दखाना" था। रूसी क्ाांति ने तवतभन्न गैर-रूसी जािीयिाओां को औपतनवेतशक जुए से मुक्त कराया था और उन्े, इस सांघ के अांदर सोतवयि गणराज्योां के रूप में एक स्वायत्त ढाांचा मुहैया कराया था। बहरहाल, नव गतठि सोतवयि राज्य समाजवाद के तनमााण के रास्ते पर चलना शुरू कर पािा, उससे फले ही उसे प्रतिक्ाांतिकारी िाकिोां के हमले का सामना करना पड़ा। तिटेन, जमानी िथा फ्ाांस समेि, दस पूांजीवादी देश इन प्रतिक्ाांतिकारी िाकिोां को समथान दे रहे थे और उन्े मदद दे रहे थे िथा हतथयार दे रहे थे। गृहयुर्द् के चार साल बाद, लाल सेना आल्कखरकार तवजयी हुई और उसने प्रतितक्यावादी िाकिोां को कु चल तदया। इस प्रतक्या में उसे भी भारी कीमि चुकानी पड़ी। दतसयोां हजार वगा-चेिस मजदू रोां को िथा तकसानोां को लाल सेना में अपने प्राणोां की आहुति देनी पड़ी।
  • 10. इसे दुतनया की पहली समाजवादी क्ाांति क्ोां कहिे हैं? अक्टू बर क्ाांति, इससे पहले िक दुतनया में हुई सभी क्ाांतियोां से अलग थी। 1789 की फ्ाांसीसी क्ाांति से लगाकर, ऐसी अनेक क्ाांतियाां इससे पहले हुई थी, जो पुराने सामांिी वगों िथा कु लीनोां से, पूांजीपति वगा द्वारा सत्ता छीने जाने को तदखािी थी। अिीि में इतिहास के तवतभन्न चरणोां में क्ाांतियाां होिी आयी थीां, तजनमे शासकोां के नये उदीयमान वगों द्वारा पुराने शोषणकारी वगों के शासन को उलटा जािा रहा था। पूांजीपति वगा के नेिृत्व वाली क्ाांतियोां के जररये, पुराने सामन्ती शोषक वगों को उखाड़ फें के जाने के प्रकरणोां में ऐसा ही हुआ था। अक्टू बर क्ाांति इनसे तभन्न थी। यह पहला ही मौका था जब मजदू र वगा और गरीब तकसानोां जैसे उसके सहयोगी, जोतक शोतषि वगा से आिे थे, सत्तािारी पूांजीपति िथा शोषक वगों के राज को पलटने के तलये क्ाांति का नेिृत्व कर रहे थे। रूस में क्ाांति पर मजदू र वगा के नेिृत्व के चलिे ही अक्टू बर क्ाांति को दुतनया की पहली समाजवादी क्ाांति की पहचान तमली। लेतनन ने कहा था तक क्ाांति को सफल िभी माना जाएगा, जब पुरानी राजसत्ता को ध्वस्त कर तदया जाए और एक नये ढांग की राजसत्ता कायम हो जाए। रूसी क्ाांति में यही हुआ था। इस क्ाांति में पुरानी राजसत्ता को ध्वस्त कर तदया गया था और उसकी जगह पर सोतवयिोां के रूप में एक नये राज्य को कायम तकया गया था, जो मजदू रोां िथा गरीब तकसानोां के तहिोां का प्रतितनतित्व करिा था। समाजवाद का िकाजा था तक उत्पादन के सािनोां का समाजीकरण हो। नयी राजसत्ता के गठन के साथ इसे हातसल तकया गया। उद्योग, भूतम, खेिी िथा उत्पादन के अन्य सािनोां का राज्य ने अतिग्रहण कर तलया और वे सामूतहक तमल्कियि बन गये। दुतनया में यह पहला ही मौका था जब एक नयी समाजवादी उत्पादन पर्द्ति कायम हुई थी।
  • 11. क्ाांति की उपलल्कियाां 1960 के दशक िक सोतवयि सांघ में उल्लेखनीय आतथाक वृल्कर्द् हो रही थी। इस सचाई को िो उसके कटु से कटु आलोचकोां िक को स्वीकार करना पड़ा था। प्रतितिि तितटश आतथाक इतिहासकार, अांगुस मेतडसन ने दजा तकया था तक, “1913 से 1965 के बीच, प्रतिव्यल्कक्त सोतवयि आतथाक वृल्कर्द् दर दुतनया भर में, िमाम तवकतसि या तवकासशील देशोां में, सबसे िेज रही थी – जापान की दर से भी िेज। जापानी उत्पाद में 400 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई थी, सोतवयि उत्पाद में 440 फीसद की।“ ► गृह युर्द् के खत्म होने के बाद एक दशक में तनरक्षरिा को तमटा तदया गया। ► सावाभौम प्राथतमक तशक्षा और उसके बाद, साि वषा की सावाभौम तशक्षा िथा सावाभौम सेके न्डरी (दसवीां िक) तशक्षा का प्राविान, जो िब िक योरप का और कोई भी देश हातसल नहीांकर पाया था। ► भूस्वातमत्व का खात्मा और सामूतहक फामों िथा सहकाररिाओां में गरीब तकसानोां िथा खेि मजदू रोां को अतिकार तदया जाना। ► क्ाांति के फौरन बाद, सभी नागररकोां के तलये मुफ्त स्वास्थ्य रक्षा की व्यवस्था शुरू की गयी। ► सब के तलये रोजगार और बेरोजगारी का अांि। 1936 िक सभी रोजगार दफ्तर बन्द हो चुके थे क्ोांतक पूणा रोजगार की ल्कस्थति हातसल की जा चुकी थी। ► नयी सरकार के पहले ही फै सलोां में से एक फै सला मतहलाओां के तलये समान अतिकार, समान मजदू री, मािृत्व लाभ का अतिकार और िलाक का अतिकार सुतनतिि करना था। क्ाांति ने ही मतहलाओां को मिातिकार दे तदया था। तिटेन में 1928 में ही मतहलाओां को यह अतिकार तदया जा सका था। ► जनिा को उपलि साांस्कृ तिक सांसािनोां का भारी तवस्तार हुआ था। सरकारी िन से पुस्तकोां के प्रकाशन से लेकर तफल्ोां, सांगीि िथा कला के साांस्कृ तिक उत्पादनोां िक।
  • 12. अक्टू बर क्ाांति का ऐतिहातसक असर 1917 से पहले की दुतनया, उसके एक सदी बाद आज जैसी है उससे बहुि ही तभन्न थी। 20वीां सदी के आरांभ िक का दौर साम्राज्योां का दौर था, जहाां साम्राज्यवाद अपने तशखर पर था। तितटश, जमान, फ्ाांसीसी, आस्टरो-हांगेररयाई, रूसी िथा जापानी साम्राज्य दुतनया पर हावी थे और उनके बीच दुतनया बांटी हुई थी। इसके अलावा अपेक्षाकृ ि छोटे साम्राज्य भी थे, जैसे इिालवी, पुिागाली, आतद। दुतनया की आबादी का बड़ा तहस्ा इन्ीांसाम्राज्योां के अिीन उपतनवेशोां या अर्द्ा-उपतनवेशोां में रहिा था। रूसी क्ाांति ने इस पुराने ढांग के उपतनवेशवाद के अांि की शुरूआि की। इसकी मौि की तहचतकयाां िो पहले तवश्व युर्द् के साथ ही शुरू हो गयी थी, जो अक्टू बर क्ाांति से पहले हुआ था। जारशाही के उखाड़ फें के जाने के पचास साल के अांदर-अांदर, दुतनया के नक्शे पर ऐसा शायद ही कोई साम्राज्य बचा था।
  • 13. अक्टू बर क्ाांति ने राष्ट्रीय मुल्कक्त सांघषों की लड़ी में आग लगा दी थी, तजसने औपतनवेतशक शासन को उखाड़ फें का। पहली समाजवादी क्ाांति की सफलिा के साथ, साम्राज्यवाद के ल्कखलाफ सांघषा कहीां उच्चिर स्तर पर पहुांच गया। एतशया, अफ्ीका िथा लािीनी अमरीका में राष्ट्रीय मुल्कक्त आांदोलनोां ने रूसी क्ाांति से प्रेरणा हातसल की थी और सोतवयि सांघ ने राष्ट्रीय मुल्कक्त सांघषों को अपना समथान तदया था।
  • 14. अक्टू बर क्ाांति, मजदू र-तकसान गठबांिन की क्ाांतिकारी रणनीति पर आिाररि थी। मजदू र-तकसान गठबांिन की इसी रणनीति को आगे चलकर औपतनवेतशक िथा अर्द्ा- औपतनवेतशक देशोां में, तकसानोां की तवशाल सांख्या को गोलबांद करने के तलये आजमाया गया था। अक्टू बर क्ाांति के पदतचन्ो पर चलिे हुये, िीन दशक बाद, चीन की कम्युतनस्ट पाटी के नेिृत्व में युगतनमााणकारी चीनी क्ाांति हुई। इसके बाद तवयिनाम िथा कोररया में क्ाांतियाां हुईां। ये सभी क्ाांतियाां 1930 के दशक में तवकतसि हुए तवश्वव्यापी साम्राज्यवादतवरोिी िथा फासीबादतवरोिी सांघषों की सीिे-सीिे उत्तरातिकारी थीां। यह प्रतक्या दू सरे तवश्व युर्द् के बाद के दौर में राष्ट्रोां के एक समाजवादी गुट के गठन में अपने उत्कषा पर पहुांची।
  • 15. 20वीां सदी में मानविा के सामने आयी सबसे बड़ी बुराई, फासीबाद को अगर तशकस्त दी जा सकी थी, िो यह मुख्यि: समाजवाद की मौजूदगी िथा सोतवयि सांघ द्वारा चलाए गए सांघषा के चलिे ही सांभव हुआ था। फासीवाद के तवरुर्द् जन-युर्द् में सोतवयि सांघ के 2 करोड़ से ज्यादा सैतनकोां िथा नागररकोां ने अपने प्राणोां की आहुति दी थी। लाल सेना ने ही नाजी युर्द् मशीन को ध्वस्त करने की अगुआई की थी।
  • 16. अक्टू बर क्ाांति की मुल्कक्तदायी अांिवास्तु का सारी दुतनया पर असर पड़ा था। रूसी क्ाांति की सफलिा ने मजदू र वगा के क्ाांतिकारी आांदोलनोां को उत्प्रेररि तकया था। सोतवयि सांघ में उठाए गए समाजवादी कदमोां के प्रभाव ने दू सरे तवश्व युर्द् के बाद पतिमी योरप की पूांजीवादी सरकारोां को एक कल्याणकारी राज्य का मॉडल अपनाने के तलये मजबूर तकया था। इन देशोां में मजदू र वगा के सांघषा, सावाभौम तशक्षा िथा स्वास्थ्य रक्षा शुरू तकए जाने की ओर ले गए थे।
  • 17. भारि पर प्रभाव अक्टू बर क्ाांति की खबर का, भारिीय राष्ट्रीय काांग्रेस के भीिर के और उसके बाहर क्ाांतिकारी ग्रुपोां के भी, स्विांत्रिा सेनातनयोां पर, जोश तदलाने वाला असर पड़ा था। 1 - काांग्रेस के गरमपांतथयोां (रैतडकल पक्ष) ने, जो बाल गांगािर तिलक, सी आर दास आतद नरमपांतथयोां से असांिुष्ट् थे, रूस में क्ाांतिकारी सफलिा का स्वागि तकया था और वे मजदू र वगा को सांगतठि करने के पक्ष में थे। तबतपनचन्द्र पाल एवां लाला लाजपि राय ने भी अक्टू बर क्ाांति को रूसी मेहनिकश जनिा की क्ाांतिकारी अतभव्यल्कक्त के रूप में स्वीकार तकया था। (मॉन्टेगु-चेम्स्फोडा ररपोटा कहिा है तक इस क्ाांति ने भारि की राजनीतिक आकाांक्षाओां को गति दी थी।)
  • 18. भारि में प्रभाव 2- रूसी क्ाांति के असर से भारि में मजदू र वगा के सांगतठि आांदोलन की शुरुआि हुई। 1918 से पहले िक, औद्योतगक मजदू रोां को सांगतठि करने का कोई गांभीर प्रयास नहीां हुआ था। कभी- कभार हड़िालें हो जािी थीां। 1918 में मजदू र वगा के आांदोलन की शुरूआि हुई िथा मजदू र वगा के सांगठनोां की लहर उठी और 1919 से 1921 के बीच देश ने कई हड़िालें देखीां।
  • 19. भारि में प्रभाव 3- रूसी क्ाांति के बारे में जानने के तलए मुहातजर ग्रुप अफगातनस्तान के रास्ते रूस के तलए पहुांचे। ये ऐसे स्विांत्रिा सेनानी थे, जो ल्कखलाफि आांदोलन के पररणामोां से असांिुष्ट् थे। उनमें से कु छ पहले भारिीय कम्युतनस्ट बने।
  • 20. भारि में प्रभाव 4- सुिमण्यम भारिी, काजी नजरूल इस्लाम िथा रवीांद्रनाथ टैगोर जैसे जाने-माने लेखकोां िथा कतवयोां ने रूस में क्ाांति की खबर का स्वागि तकया था। अक्टू बर क्ाांति के चन्द ह्फ्ते बाद ही रवीांद्रनाथ टैगोर ने एक गीि तलखा था – ‘नया रूस’। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1930 में रूस की यात्रा की थी। वहाां बन रहे नये समाज से प्रभातवि होकर उन्ोने ‘रूस से खिूि’ में तलखा था: “अगर मैंने खुद अपनी आांखोां से नहीांदेखा होिा िो मैं कभी इस पर तवश्वास नहीांकर सकिा था तक तसफा दस साल में उन्ोने न तसफा लाखोां लोगोां को अज्ञान िथा अिोगति के अांिेरे से बाहर तनकाला है और उन्े तलखना-पढ़ना तसखाया है बल्कि उनमें मानव गररमा की भावना को पाला- पोसा है। हमें खासिौर पर तशक्षा के सांगठन का अध्ययन करने के तलये ही यहाां आना चातहए।“ जवाहर लाल नेहरू से लेकर पेररयार रामास्वामी िक, 1930 के दशक में तजन लोगोां ने भी सोतवयि सांघ की यात्रा की थी, समाजवादी सोतवयि सांघ की उपलल्कियोां से गहराई से प्रभातवि हुए थे।
  • 21. भगि तसांह िथा उनके कामरेडोां ने, रूसी क्ाांति िथा लेतनन से प्रेररि होकर, समाजवाद को गले लगाया था। भगि तसांह िथा उनके सातथयोां ने, 21 जनवरी 1930 को जब उन पर मुकदमा चल रहा था, अदालि के कक्ष से मास्को के तलये तन्नलतलल्कखि िार भेजा था: “लेतनन तदवस पर हम उन सब के तलये अपनी हातदाक शुभकामनाएां प्रेतषि करिे हैं, जो महान लेतनन के तवचारोां को आगे ले जाने के तलये कु छ कर रहे हैं। रूस जो महान समाजवादी िजुबाा हातसल कर रहा है, हम उसकी सफलिा की कामना करिे हैं। हम मजदू र वगा के अांिरााष्ट्र ीय आांदोलन की आवाज के साथ अपनी आवाज तमलािे हैं।“ इस िरह, भारि में स्विांत्रिा िथा सामातजक मुल्कक्त के तलये सांघषा पर, रूसी क्ाांति का गहरा असर पड़ा था।
  • 22. सोतवयि सांघ का पराभव कै से हुआ? रूसी क्ाांति के बाद, पूांजीवादी घेरेबांदी िथा खून- खराबे भरे गृहयुर्द् के बीच सोतवयि सांघ की स्थापना हुई थी। नवगतठि समाजवादी राज्य को लगािार साम्राज्यवातदयोां से खिरे का सामना करना पड़ रहा था और वह फासीवादी हमले का भी तनशाना बना था। इन िमाम मुल्किलोां पर काबू पािे हुए सोतवयि सांघ ने एक नयी राह रोशन की थी और युर्द्ोत्तर दौर में एक बड़ी िाकि बनकर उभरी थी, जो तसफा अमरीका से पीछे थी। िेज रफ्तार आतथाक प्रगति, बेरोजगारी का अांि, सावाभौम तशक्षा, स्वास्थ्य रक्षा व आवास का प्राविान, जनिा के भौतिक व साांस्कृ तिक जीवन के स्तर का ऊपर उठना; यह सब समाजवादी समाज व्यवस्था में अांि-तनातहि सांभावनाओां को तदखािा था।
  • 23. तफर भी वक्त गुजरने के साथ और खासिौर पर सोतवयि सांघ के अल्कस्तत्व के आल्कखरी दो दशकोां में, कु छ खातमयोां व त्रुतटयोां को पनपने का मौका तमला था। आतथाक ढाांचे में सुिार नहीां हुए, तजनसे नयी वैज्ञातनक व प्रौद्योतगकीय क्ाांति का उपयोग तकया जा सकिा; अथाव्यवस्था के प्रबांिन को नये िरीके से ढालने में तवफल रहे; जनिा की भौतिक प्रगति से कदम से कदम तमलाकर चलने के तलये जनिांत्र का तवकास नहीांहुआ, जो नौकरशाही की ओर ले गया। इस सबके साथ ही जनिा के बीच समाजवादी चेिना तवकतसि करने में कम्युतनस्ट पाटी की तवचारिारात्मक तवफलिाओां ने, अांिि: सोतवयि सांघ का पराभव होने में योग तदया।
  • 24. सोतवयि सांघ की तवफलिा कोई समाजवाद की तवफलिा नहीां थी बल्कि समाजवाद के तनमााण में तवकृ तियोां िथा तवचारिारात्मक भटकावोां ने ही उसकी तवफलिा का रास्ता बनाया था। सोतवयि सांघ में समाजवाद के तनमााण के अनुभव की ऐतिहातसक रूप से समीक्षा करिे हुए यह कहा जा सकिा है तक सोतवयि सांघ के पराभव से, आज की दुतनया में समाजवाद की प्रासांतगकिा खत्म नहीांहो गई है।
  • 25. अक्टू बर क्ाांति की प्रासांतगकिा अक्टू बर क्ाांति ने मानविा को यह तदखाया है तक पूांजीवाद का अांि तकया जा सकिा है और समाजवाद की स्थापना की जा सकिी है। अक्टू बर क्ाांति की तमसाल, तजसका 20वीां सदी पर जबदास्त असर पड़ा था, 21वीांसदी में भी पूांजीवाद के तवकल्प के रास्ते को आलोतकि कर रही है।
  • 26. सोतवयि सांघ के अांि के चलिे, तवश्व पूांजीवाद िथा िथा साम्राज्यवाद का बोलबाला कायम हुआ है। 21वीां सदी में नव-उदारवादी पूांजीवाद के चलिे दुतनया का तवभाजन और िीखा हुआ है, तजसमें एक ओर िनवानोां का एक छोटा सा सांस्तर है और दू सरी ओर अवाम के तवशाल तहस्े हैं जो गरीबी, बेरोजगारी िथा भूख से जूझ रहे हैं। असमानिाओां में िेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। दुतनया की 1 फीसद सबसे िनी आबादी की कु ल सांपदा 1,100 खरब डालर के बराबर है यानी तवश्व आबादी के सबसे नीचे के 50 फीसद तहस्े की कु ल सांपदा से 65 गुना ज्यादा। दुतनया में 1 अरब 30 करोड़ से ज्यादा लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं।
  • 27. अमरीका के नेिृत्व में साम्राज्यवाद, तवश्व वचास्व के तलये अपनी आक्ामक मुहीम जारी रखे हुये है और उसने सैन्य हस्तक्षेपोां के जररए तवनाशकारी टकराव छेड़े हैं तजनकी आग इराक, सीररया, लीतबया, यमन िथा अफगातनस्तान में आज भी जल रही है।
  • 28. दुतनया भर में मजदू र वगा िथा मेहनिकश जनिा के अन्य िबके नवउदारवादी हमले के ल्कखलाफ, कमखची के कदमोां के ल्कखलाफ और साम्राज्यवादी आतिपत्य के ल्कखलाफ सांघषा चला रहे हैं। उनके तलए 1917 की समाजवादी क्ाांति, एक पथप्रदशाक प्रकाश पुांज है। िमाम क्ाांतिकारी िथा प्रगतिशील िाकिोां के तलए अक्टू बर की क्ाांति, प्रेरणा की मशाल है। एक वगाहीन िथा शोषणमुक्त समाज की कामना करने वाले सभी लोगोां के तलए अक्टू बर क्ाांति का एक ही सांदेश है – समाजवाद ही भतवष्य है।

Editor's Notes

  1. 1917 में रूस में हुई अक्तूबर क्रांति विश्व इतिहास के र्क युग की द्योतक थी। इस क्रांति के फलस्वरूप एक नये समाजवादी राज्य की स्थापना हुई थी – सोवियत संघ। इस क्रांति के साथ मज़दूर वर्ग के नेतृत्व में क्रांतिकारी आन्दोलन, विश्व परिदृश्य पर आ गया। रूसी क्रांति 7 नवम्बर 1917 को हुई थी। पुराने रूसी कैलेन्डर के अनुसार, यह तारीख 25 अक्तूबर को थी।