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अध्य 1
1 भविषियव एस्व् की दू ्री पुसक, ्रैयव् कव पुत, अजयवया
कव पुत, ाेलवकयव् कव पुत, ्दववियव कव पुत, ्दोक कव पुत,
अवितोब कव पुत,
2 अखियवा कव पुत, पीनी् कव पुत, ाेली कव पुत, अियवया कव पुत,
अजीयी कव पुत, िरीिोत कव पुत, अरनव कव पुत, ओवजयव् कव पुत,
बोरीत कव पुत, अबी्ेई कव पुत फीनी् कव पुत, एलीआजर कव पुत,
3 लेिी क
े गोत िे ्े ावरन कव पुत; जो फवर् क
े रवजव अर्टरेट
क
े शव्नकवल िे िववदयों की भूवि िे बंदी बनव वलयव गयव थव।
4 और याोिव कव या ििन िेरे पव् पहंिव,
5 तू जव, और िेरी पजव को उनक
े पवप क
े कवि, और उनक
े
लडक
े बवलों को िा दुष कवि वदिव, जो उनोंने िेरे विरू वकयव ाै;
तववक िे अपने बचों क
े बचों को बतव ्क
े :
6 कोंवक उनक
े पुरिवओं क
े पवप उन िे बढ गए ाै, और िे िुझे भूल
गए ाै, और परवये देितवओं की पूजव करने लगे ाै।
7 कव िै िाी नाीं जो उने विस देश ्े, अथवयतत दव्त क
े घर ्े
वनकवल लवयव? परनु उनोंने िुझे कोर भडकवयव ाै, और िेरी
युखययों को तुच जवनव ाै।
8 वफर अपने व्र क
े बवल उिवडकर उन पर ्ब विपव् डवल दो,
कोंवक उनोंने िेरी विसथव कव पवलन नाीं वकयव, परनु िे बलिव
करनेिवले लोग ाै।
9 वजन कव िै ने इतनव भलव वकयव ाै, िै उने कब तक रोक
े रिूंगव?
10 िै ने उनक
े कवरण बहत ्े रवजवओंको नवश वकयव ाै; िैने व़ररन
को उ्क
े ्ेिकों और उ्की ्वरी शखय ्िेत नष कर वदयव ाै।
11 और ्ब जववतयोंको िै ने उनक
े ्वमने ्े नवश वकयव, और पूिय िे
्ोर और ्ीदोन क
े दो पवनोंक
े लोगोंको वततर-वबतर वकयव, और
उनक
े ्ब शतुओंको घवत वकयव ाै।
12 इ्वलये तू उन ्े का, याोिव यों कातव ाै,
13 िै ने तुझे ्िु् िे ्े पवर वकयव, और पवाले तो तुझे बडव और
्ुरव्त िवगय वदयव; िैने तुमे िू्व को परवन ाोने क
े वलये, और
ावरन को यवजक क
े वलये वदयव ाै।
14 िै ने आग क
े िमे िे ाोकर तुमे उवजयवलव वदयव, और तुमवरे
बीि बडे बडे आशययकिय वकए ाै; तरभी तुि िुझे भूल गए ाो, याोिव
की याी िवणी ाै।
15 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, बरेर तुमवरे वलये विन ठारे;
िै ने तुमवरी र्व क
े वलथे तुमे तमू वदए, तरभी तुि िावं क
ु डक
ु डवते
राे,
16 और अपने शतुओं क
े नवश क
े वलये िेरे नवि ्े जयिन नाीं हए,
िरन आज क
े वदन तक ्दैि क
ु डक
ु डवते राते ाो।
17 जो उपकवर िै ने तुमवरे वलये वकए िे कावं राे? जब तुि जंगल िे
भूिे और पव्े थे, तब कव तुि ने िेरी दोावई न दी?
18 और काव, तू ाि को इ् जंगल िे घवत करने को कों ले आयव ाै?
ािवरे वलये इ् जंगल िे िरने ्े विवसयों की ्ेिव करनव भलव ाोतव।
19 तब िै ने तुमवरे विलवप पर तर् िवकर तुमे िनव िवने को वदयव;
इ्वलये तुि ने सगयदू तों की रोरी िवई।
20 जब तुि पव्े थे, तब कव िै ने िटवन न फवडी, और जल ्े तुि
भर न गए? गि् क
े कवरण िैने तुमे पेडों की पव्यों ्े ढक वदयव।
21 िै ने तुमवरे बीि उपजवऊ भूवि बवंर दी, िै ने तुमवरे ्वमने ्े
कनववनयों, फ
े रेवजयों और पवलख्यों को वनकवल वदयव; िै वफर
तुमवरे वलये और कव कर
ं ? पभु काते ाै.
22 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, जब तुि जंगल िे एिोररयोंकी
नदी क
े वकनवरे पव्े ाोकर िेरे नवि की वननव करते थे,
23 िै ने तुमवरी वननव क
े कवरण तुमे आग नाीं दी, िरन जल िे िृ्
डवल कर नदी को िीठव कर वदयव।
24 ाे यवक
ू ब, िै तुझ ्े कव कर
ं ? ाे यहदव, तू ने िेरी बवत नाीं िवनी;
िै अनजववतयों की ओर वफर
ं गव, और उन को अपनव नवि दूंगव, वक
िे िेरी विवरयोंको िवने।
25 या देिकर वक तुि ने िुझे तवग वदयव ाै, िै भी तुि को तवग दूंगव;
जब तुि िवाोगे वक िै तुि पर अनुगा कर
ू , तो िै तुि पर दयव न
कर
ू गव।
26 जब कभी तुि िुझे पुकवरोगे, तब िै तुमवरी न ्ुनूंगव; कोंवक तुि
ने अपने ावथ िून ्े अशुू कर वलए ाै, और तुमवरे पैर िून करने
को िेग ्े दरडते ाै।
27 तुि ने िुझे नाीं, परनु अपने आप को ाी तवग वदयव ाै, याोिव
कव याी ििन ाै।
28 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, कव िै ने वपतव की नवईं बेरे,
और िवतव की नवईं अपनी बेवरयवं, और दू र वपलवती हई बवलकोंकी
नवईं तुझ ्े पवथयनव न की?
29 वक तुि िेरी पजव ठारो, और िै तुमवरव परिेशर ठार
ं ; वक तुि
िेरी ्नवन ठारो, और िै तुमवरव वपतव ठार
ं ?
30 जै्े िुग् अपने िूजों को पंिों क
े नीिे इकटव करती ाै, िै्े ाी िै
ने तुि को इकटव वकयव; परनु अब िै तुमवरे ्वथ कव कर
ं ? िै तुमे
अपने ्विने ्े वनकवल दूंगव।
31 जब तुि िुझे भेर िढवओगे, तब िै तुि ्े िुंा फ
े र लूंगव; कोंवक
िै ने तुमवरे पवित पर्, नये िवन और ितने क
े वदनोंको तवग वदयव
ाै।
32 िै ने अपने दव् भविष्यवओं को तुमवरे पव् भेजव, वजने तुि
ने पकड वलयव, और घवत वकयव, और उनकी लोय क
े रुकडे रुकडे
कर वदए, उनक
े िून कव बदलव िै तुमवरे ावथ ्े लूंगव, याोिव की
याी िवणी ाै।
33 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, तेरव घर उजवड ाो गयव ाै, िै
तुझे ऐ्े वनकवल दूंगव जै्े िवयु ्े भू्ी वगरती ाै।
34 और तेरे लडक
े बवले फलिन न ाोंगे; कोंवक उनोंने िेरी आजव
तुच जवनी, और िा कवि वकयव ाै जो िेरी दवष िे बुरवई ाै।
35 तेरे घर िै आनेिवले लोगों को दूंगव; जो अब तक िेरे विषय िे न
्ुनकर िेरी पतीवत करेगे; उनको िै ने कोई विन नाीं वदिवयव, तरभी
जो आजव िै ने उनको दी ाै िाी िे करेगे।
36 उनोंने कोई भविष्यव नाीं देिव, तरभी िे अपने पवपों को
सरण करक
े उने िवन लेगे।
37 िै आनेिवले लोगोंक
े अनुगा कव गिवा हं, वजनक
े बवलक आनन
्े िगन ाै; और यदवप उनोंने शवरीररक आंिों ्े िुझे नाीं देिव,
तरभी आतव ्े िे जो िै कातव हं उ् पर विशव् करते ाै।
38 और अब, भवई, देिो क
ै ्ी िवािव; और उन लोगों को देिो जो
पूिय ्े आते ाै:
39 वजन को िै परवन कर दूंगव, अयवयतत इबवाीि, इ्ावक, यवक
ू ब,
ओ्े्, आिो्, िीकव, योएल, अख्यव्, और यूनु्,
40 नहि, और अबवक
ु क, ्ोफोवनय्, अगु्, जकररयव, और
िलवकी, जो पभु कव दू त भी कालवतव ाै।
अध्य दो
1 याोिव यों कातव ाै, िै ने इ् पजव को दव्त ्े छु डवयव, और
अपने दव् भविष्यवओं क
े ्वरव उनको अपनी आजवएं दीं; उनोंने
उनकी न ्ुनी, परनु िेरी युखययों को तुच जवनव।
2 और उनकी िवतव ने उन ्े काव, ाे बवलकों, अपने िवगय जवओ;
कोंवक िै विरिव और तवगी हई हं।
3 िै ने तुझे आनन ्े पवलव; परनु दुःि और भवरीपन क
े कवरण िै ने
तुमे िो वदयव ाै; कोंवक तुि ने अपने परिेशर याोिव क
े ्वमने पवप
वकयव ाै, और िा कवि वकयव ाै जो उ्की दवष िे बुरव ाै।
4 परनु अब िै तुमवरे ्वथ कव कर
ं ? िै एक विरिव और पररतयव
हं: ाे िेरे बचों, अपने िवगय पर जवओ, और पभु ्े दयव िवंगो।
5 जावं तक िेरी बवत ाै, ाे वपतव, िै इन बवलकों की िवतव क
े विषय िे
जो िेरी िविव कव पवलन नाीं करती, तुझ ्े ्व्ी िवंगतव हं।
6 वक तू उनको घबरवए, और उनकी िवतव को लूर ले, यावं तक वक
उनकव कोई िंश न राे।
7 िे अनजववतयोंक
े बीि वततर-वबतर ाो जवएं , उनकव नवि पृयिी पर
्े विर जवए; कोंवक उनोंने िेरी िविव को तुच जवनव ाै।
8 ाे अ्ुर, तुझ पर ावय, तू जो अरिय को अपने िे वछपव रितव ाै! ाे
दुष लोगों, सरण करो वक िै ने ्दोि और अिोरव क
े ्वथ कव
वकयव;
9 उनकी भूवि ढेलों और रवि क
े ढेरों ्े भरी पडी ाै; ्ियशखयिवन
याोिव कव याी ििन ाै, वक जो िेरी नाीं ्ुनते, िै उन ्े िै्व ाी
कर
ं गव।
10 याोिव एस्व् ्े यों कातव ाै, िेरी पजव ्े का, वक िै यरशलेि
कव रवज जो िै इसवएल को देनव िवातव थव, उने दे दूंगव।
11 और िै उनकव िैभि भी अपने पव् ले लूंगव, और िे ्दवबावर
िणप जो िै ने उनक
े वलये तैयवर करवए थे, उने दे दूंगव।
12 उनक
े पव् ्ुिदवयक ्ुगन देनेिवलव जीिन कव िृ् ाोगव; िे न
तो पररशि करेगे, और न थक
े गे।
13 जवओ, और तुि पवओगे; थोडे वदन क
े वलथे तुि ्े पवथयनव वकयव
करो, वक िे घरे; रवज तुमवरे वलये पवाले ्े तैयवर ाै; जवगते राो।
14 आकवश और पृयिी को ्व्ी ठारवओ; कोंवक िै ने बुरवई को
रुकडे रुकडे वकयव, और भलवई को उतन वकयव ाै; कोंवक िै जीवित
हं, याोिव की याी िवणी ाै।
15 ाे िवतव, अपक
े बवलकोंको गले लगव, और आनन ्े उनकव
पवलन-पोषण कर, उनक
े पवंि िमे क
े ्िवन दढ कर; कोंवक िै ने
तुझे िुन वलयव ाै, याोिव कव याी ििन ाै।
16 और जो िरे हए ाै उनको िै उनक
े सवन िे ्े वजलव उठवऊ
ं गव,
और कबों िे ्े वनकवलूंगव; कोंवक िै ने इसवएल िे अपनव नवि जवन
वलयव ाै।
17 ाे बवलकोंकी िवतव, ित डर; कोंवक िै ने तुझे िुन वलयव ाै, याोिव
कव याी ििन ाै।
18 िै तेरी ्ावयतव क
े वलथे अपने दव् ए्े और यरेिी को भेजूंगव,
वजनकी ्मवत क
े अनु्वर िै ने तेरे वलथे भवंवत भवंवत क
े फलों ्े लदे
हए बवरा िृ् तैयवर वकए ाै।
19 और दू र और िरु ्े बानेिवले बहत ्े ्ोते, और ्वत बडे बडे
पावड, वजन पर गुलवब और ्ो्न क
े फ
ू ल उगते ाै, उन ्े िै तेरे
लडक
े बवलोंको आनन ्े भर दूंगव।
20 विरिव कव नवय करो, अनवथों कव नवय करो, क
ं गवलों को दवन दो,
अनवथों की र्व करो, नंगे को िस पवानवओ,
21 रू रे और वनबयल को िंगव करो, लंगडे की ां्ी न उडवओ, रुणों
की र्व करो, और अने को िेरी दवष िे आने दो।
22 बूढों और जिवनों को अपनी िवरदीिवरी क
े भीतर रिो।
23 जावं काीं तुझे िरे हए विले, उने ले जवकर गवड देनव, और िै
अपने जी उठने िे िुख सथवन तुझे ाी दूंगव।
24 ाे िेरी पजव, खसथर राो, और विशवि करो, कोंवक तुमवरव िैन अब
भी आनेिवलव ाै।
25 ाे अची रवय, अपने बवलकोंकव पवलन पोषण कर; उनक
े पैर
खसथर करो.
26 जो दव् िै ने तुझे वदए ाै, उन िे ्े एक भी नवश न ाोगव; कोंवक
िै उनको तेरे वगनती िे ्े ले लूंगव।
27 ित थको, कोंवक जब ्ंकर और भवरीपन कव वदन आएगव, तो
दू ्रे तो रोएं गे और उदव् ाोंगे, परनु तू आनन करेगव, और
बहतवयत ्े ाोगव।
28 अनजववत तुझ ्े डवा करेगे, परनु तेरे विरू क
ु छ न कर
्क
े गे, याोिव कव याी ििन ाै।
29 िै अपने ावथ ्े तुझे ढवंपूंगव, और तेरे लडक
े बवलोंको अरोलोक न
देिनव पडेगव।
30 ाे िवतव, अपने बवलकोंक
े ्ंग आनखनत ाो; कोंवक िै तुझे
बिवऊ
ं गव, याोिव कव याी ििन ाै।
31 अपने ्ोते हए बवलकोंको सरण करो, कोंवक िै उने पृयिी की
छोर ्े वनकवल ले आऊ
ं गव, और उन पर दयव कर
ं गव; कोंवक िै
दयवलु हं, ्ियशखयिवन याोिव कव याी ििन ाै।
32 जब तक िै आकर उन पर दयव न कर
ं , तब तक अपक
े
बवलकोंको गले लगवए रिनव; कोंवक िेरे ्ोते बा जवते ाै, और िेरव
अनुगा अरल ाोतव ाै।
33 िुझ एस्् को ओरेब पावड पर याोिव की ओर ्े आजव विली,
वक िै इसवएल क
े पव् जवऊ
ं ; परनु जब िै उनक
े पव् आयव, तब
उनोंने िुझे तुच जवनव, और याोिव की आजव कव वतरसवर वकयव।
34 और इ्वलये िै तुि ्े कातव हं, ाे अनजववतयों, ्ुनो और
्िझो, अपने िरिवाे की बवर जोाते राो, िा तुमे ्दैि विशवि देगव;
कोंवक िा वनकर ाै, जो जगत क
े अन िे आएगव।
35 रवज क
े पवतफल क
े वलये तैयवर राो, कोंवक अनन जोवत तुि
पर ्ियदव ििकती राेगी।
36 इ् ्ं्वर की छवयव ्े दू र भवग, अपनी िवािव कव आनन पवर
कर; िै अपने उूवरकतवय की गिवाी िुलकर देतव हं।
37 जो उपावर तुमे वदयव गयव ाै उ्े गाण करो, और जो तुमे सगय
क
े रवज िे ले गयव ाै उ्कव रनिवद करते हए आनखनत ाोओ।
38 उठ कर िडे ाो, और याोिव क
े परय िे वजन पर िुार दी गई ाै,
उन की वगनती देिो;
39 जो जगत की छवयव ्े दू र ाो गए, और पभु क
े िवािविय िस
पवए ाै।
40 ाे व्योन, अपनव वगन ले, और अपक
े जो शेत िस पवाने हए ाै,
और याोिव की विसव पूरी करते ाै, उनको बन कर दे।
41 तेरे लडक
े बवलोंकी वगनती, वजनकी तू लवल्व करतव यव, पूरी ाो
गई ाै; याोिव की शखय ्े पवथयनव करो, वक तेरी पजव जो आरम ्े
बुलवयी गई ाै, पवित ाो जवए।
42 िै एस्् ने व्योन पावड पर बडी पजव देिी, वजने िै वगन नाीं
्कतव थव, और िे ्ब गीत गवकर याोिव की सुवत करते थे।
43 और उनक
े बीि िे एक जिवन पुरष थव जो ऊ
ं िे कद कव यव,
और ्ब ्े ऊ
ं िव थव, और उ् ने उन ्ब क
े व्रोंपर िुक
ु र रिव यव,
और िा अवरक ऊ
ं िे पद पर थव; वज् पर िुझे बहत आशयय हआ।
44 इ्वलये िै ने सगयदू त ्े पूछव, ाे पभु, ये कव ाै?
45 उ् ने उ्र देकर िुझ ्े काव, ये िे ाी ाै वजनोंने नवशिवन िस
उतवरकर अिर को पवान वलयव ाै, और परिेशर कव नवि िवन वलयव
ाै; अब िे िुक
ु र रवरण वकए हए ाै, और ाथेवलयवं लेते ाै।
46 तब िै ने सगयदू त ्े काव, िा करन जिवन ाै जो उनको िुक
ु र
पानवतव, और उनक
े ावथों िे िजूर क
े प्े देतव ाै?
47 उ् ने उ्र देकर िुझ ्े काव, या परिेशर कव पुत ाै, वज् को
उनोंने जगत िे िवन वलयव ाै। तब िैने उन लोगों की बहत ्रवानव
करनव शुर वकयव जो पभु क
े नवि क
े वलए इतनी दढतव ्े िडे थे।
48 तब सगयदू त ने िुझ ्े काव, जव, और िेरी पजव ्े का, वक तू ने
अपने परिेशर याोिव क
े क
ै ्े-क
ै ्े कवि और क
ै ्े-क
ै ्े बडे
आशययकिय देिे ाै।
अध्य 3
1 नगर क
े उजडने क
े ती्िे िषय िे िै बवबेल िे थव, और अपने
वबछरने पर पडव हआ घबरवयव हआ यव, और िेरे हदय िे वििवर
उठते राे।
2 कोंवक िै ने व्योन कव उजडनव, और बवबुल क
े रानेिवलोंकी
्मव् देिी।
3 और िेरव िन बहत उदव् हआ, यावं तक वक िै परिपरवन ्े भय
भरी बवते काने लगव,
4 ाे पभु, पभु, तू ने पवाले ाी ्े काव थव, जब तू ने पृयिी पर और आप
ाी अक
े लव बीज बोयव, और पजव को आजव दी,
5 और आदि को तेरे ावथ की बनवई हई वबन पवण देा दी, और उ्
िे जीिन कव शव् फ
ूं कव, और िा तेरे ्वमने वजलवयव गयव।
6 और तू उ्े सगय िे ले जवतव ाै, वज्े तू ने पृयिी क
े उतन ाोने ्े
पवाले ाी अपने दववाने ावथ ्े लगवयव थव।
7 और तू ने उ्े आजव दी, वक अपने िवगय ्े पीवत रि; परनु उ् ने
उलंघन वकयव, और तुरन तू ने उ्को और उ्की पीढी को, वज्
िे ्े बहत ्ी जववतयवं, और क
ु ल, और लोग, और क
ु ल उतन हए,
िृतु ठारव दी।
8 और ्ब लोग अपकी अपकी इचव क
े अनु्वर िले, और तेरे
्वमने अदत भुत कवि वकए, और तेरी आजवओंको तुच जवनव।
9 और वफर ्िय क
े ्वथ तू ने जगत क
े रानेिवलोंपर जलपलय
करक
े उनको नवश वकयव।
10 और उन िे ्े ार एक क
े वलये ऐ्व हआ, वक जै्े आदि क
े वलये
िृतु हई, िै्े ाी इन क
े वलये जलपलय हआ।
11 तरभी तू ने उन िे ्े एक को अथवयत नूा को उ्क
े घरवने ्िेत
छोड वदयव, उ्ी िे ्े ्ब रि् पुरष वनकले।
12 और ऐ्व हआ, वक जब िे पृयिी पर बहत बढने लगे, और उनक
े
बहत ्े ्नवन उतन हए, और बडी जववत बन गए, तो िे पवाले ्े
भी अवरक दुष ाो गए।
13 अब जब िे तेरे ्वमने ऐ्ी दुषतव करते थे, तो तू ने उन िे ्े
इबवाीि नवि एक पुरष को िुन वलयव।
14 तू ने उ्ी ्े पेि रिव, और उ्ी को अपनी इचव पगर की;
15 और उ् ्े या पवतजव करक
े ्दव की िविव बवनी, वक तू अपने
िंश को कभी न तवगेगव।
16 और उ् को तू ने इ्ावक वदयव, और इ्ावक को यवक
ू ब और
ए्वि भी वदयव। यवक
ू ब को तू ने अपने वलये िुन वलयव, और ए्वि क
े
पव् रि वलयव; और इ् पकवर यवक
ू ब बडी भीड बन गयव।
17 और ऐ्व हआ, वक तू उ्क
े िंश को विस ्े वनकवलकर ्ीनै
पावड तक ले आयव।
18 और तू ने आकवश को दणित करक
े पृयिी को ढवंप वदयव, और
्वरे जगत को वालव वदयव, और गवारे सथवनों को क
ं पव वदयव, और उ्
युग क
े िनुषोंको ववक
ु ल कर वदयव।
19 और तेरी िवािव आग, भूकम, आूरी, और शीत क
े िवर फवरकों
्े ाोकर वनकली; इ्वलये वक तू यवक
ू ब क
े िंश को विसथव दे, और
इसवएल क
े िंश को पररशि दे।
20 तरभी तू ने उन ्े दुष िन दू र न वकयव, वक तेरी विसथव ्े उन िे
फल उतन ाो।
21 कोंवक पवाले आदि ने दुष िन ्े अपरवर वकयव, और ावर गयव;
और जो उ् ्े उतन हए ाै उन ्ब कव भी ऐ्व ाी ाोनव।
22 इ् पकवर दुबयलतव सथवयी ाो गई; और कवनून (भी) लोगों क
े हदय
िे दुभवयिनव जड ्े जिव देतव ाै; तववक भलवई दू र ाो जवए, और बुरवई
बनी राे।
23 इ् पकवर ्िय बीततव गयव, और िषय पूरे ाोते गए; तब तू ने
दवऊद नवि एक दव् को िडव वकयव;
24 तू ने उ्ी को आजव दी, वक िा तेरे नवि कव एक नगर बनवए, और
उ् िे तुझे रूप और अनबवल िढवए।
25 जब बहत िषय ाो गए, तब नगर क
े रानेिवलोंने तुझ को तवग वदयव,
26 और ्ब कविों िे िै्व ाी वकयव जै्व आदि और उ्की पीढी
क
े ्ब लोग करते आए थे; कोंवक उनकव िन भी दुष थव।
27 और तू ने अपक
े नगर को अपक
े शतुओंक
े िश िे कर वदयव।
28 कव बवबुल क
े रानेिवलोंक
े कवि क
ु छ अचे ाै, वक िे व्योन पर
पभुतव करे?
29 कोंवक जब िै िावं पहंिव, और अनवगवनत अरिय क
े कवि देिे,
तो इ् ती् क
े दशक िे िेरे पवण ने बहत ्े क
ु कि् देिे। कवन, यावं
तक वक िेरव हदय विफल ाो गयव।
30 कोंवक िै ने देिव ाै, वक तू ने उनको पवप करने वदयव, और
दुषोंको बिव रिव;
31 िुझे सरण नाीं, वक इ् रीवत ्े कव छोडव जवए; ्ो कव बवबुल
क
े लोग व्योन ्े अचे ाै?
32 यव कव इसवएल को छोड और कोई तुझे जवनतव ाै? यव यवक
ू ब क
े
्िवन वक् पीढी ने तेरी िविव पर विशव् वकयव ाै?
33 तरभी उनकव पवतफल पगर नाीं ाोतव, और उनक
े पररशि कव
फल नाीं ाोतव; कोंवक िै इरर उरर अनजववतयों क
े बीि वफरतव हं,
और देितव हं, वक िे रन बढवते ाै, और तेरी आजवओं पर वििवर नाीं
करते।
34 इ्वलये अब तू ािवरी और जगत क
े रानेिवलोंकी भी दुषतव
तरवजू िे तरल; और इ् पकवर तेरव नवि इसवएल क
े व्िव काीं न
विलेगव।
35 यव पृयिी क
े रानेिवलोंने तेरे ्वमने पवप कब न वकयव? िव वकन
लोगों ने तेरी आजवओं कव पवलन वकयव ाै?
36 और तू देिेगव, वक इसवएल ने तेरे उपदेशों को िवन वलयव ाै;
लेवकन बुतपरस नाीं.
अध्य 4
1 और जो दू त िेरे पव् भेजव गयव, उ्कव नवि उरीएल थव, उ् ने
िुझे उ्र वदयव,
2 और काव, तेरव िन इ् जगत िे बहत आगे तक पहंि गयव ाै, और
कव तू परिपरवन कव िवगय ्िझने कव वििवर करतव ाै?
3 तब िै ने काव, ावं, ाे िेरे पभु! और उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक िै
तुझे तीन िवगय बतवने, और तेरे ्वमने तीन उपिवएं वदिवने क
े वलये
भेजव गयव हं:
4 और यवद तू िुझे बतव ्क
े , तो िै तुझे िा िवगय बतवऊ
ं गव जो तू
देिनव िवातव ाै, और िै तुझे बतवऊ
ं गव वक दुष िन कावं ्े आतव ाै।
5 और िै ने काव, ाे िेरे पभु, आगे बतव। तब उ् ने िुझ ्े काव, जव,
आग कव तरल तरल, िव पिन कव झोंकव नवप, िव जो वदन बीतव, िा
िुझे वफर बुलव।
6 तब िै ने उ्र वदयव, करन िनुष ऐ्व कर ्कतव ाै, वक तू िुझ ्े
ऐ्ी बवते पूछे ?
7 और उ् ने िुझ ्े काव, यवद िै तुझ ्े पूछ
ूं , वक ्िु् क
े बीि िे
वकतने बडे बडे घर ाै, यव गारे जल क
े आरम िे वकतने ्ोते ाै, यव
आकवश क
े ऊपर वकतने ्ोते ाै, यव ्िु् ्े बवार वकतने ्ोते ाै?
सगय:
8 कदववित तू िुझ ्े काे, िै कभी गवारे सथवन िे, और न अरोलोक
िे, और न कभी सगय पर िढव।
9 तरभी अब िै ने तुझ ्े क
े िल आग, और िवयु, और उ् वदन क
े
विषय िे, वज् ्े तू गुजरव, और उन िसुओं क
े विषय िे, वजन ्े तू
अलग नाीं ाो ्कतव, पूछव ाै, तरभी तू िुझे उनकव उ्र नाीं दे
्कतव।
10 वफर उ् ने िुझ ्े काव, कव तू अपनी ्मव् को िरन जो तेरे
्वय बडे हए ाै उनको भी नाीं जवन ्कतव;
11 तो वफर तेरव जावज परिपरवन क
े िवगय को क
ै ्े ्िझने िे ्िथय
ाो ्कतव ाै, और ्ं्वर जो अब बवह रप ्े भष ाो गयव ाै, उ्
भषविवर को जो िेरी दवष िे सष ाै, ्िझने िे क
ै ्े ्िथय ाो ्कतव
ाै?
12 तब िै ने उ् ्े काव, या तो भलव ाोतव, वक ाि िावं ाी न ाोते,
इ् ्े तो अचव ाोतव, वक ाि अब तक दुषतव िे पडे राते, और दुि
उठवते, और न जवनते वक कों हआ।
13 उ् ने िुझे उ्र वदयव, िै जंगल िे िैदवन िे गयव, और िृझोंने
्मवत ली,
14 और काव, आओ, ाि िलकर ्िु् ्े लडे, वक िा ािवरे
्वमने ्े वनकल जवए, और ाि अपने वलये और जंगल बनव ले।
15 इ्ी रीवत ्े ्िु् की बवढ भी ्मवत करक
े काने लगी, आओ,
ाि िढकर िैदवन क
े जंगल को अपने िश िे कर ले, वक िावं भी ाि
अपने वलये एक और देश बनव ले।
16 लकडी कव वििवर वथय गयव, आग ने आकर उ्े भस कर वदयव।
17 इ्ी पकवर ्िु् की बवढ कव वििवर भी वथय ाो गयव, कोंवक रेत
ने उठकर उने रोक वदयव।
18 यवद तू अब इन दोनोंक
े बीि नवय करे, तो वक्े रि् ठारवनव
आरम करेगव? अथिव तू वक्की वनंदव करेगव?
19 िै ने उ्र वदयव, ्ििुि उन दोनों ने जो कलनव की ाै िा
िूियतवपूणय ाै, कोंवक भूवि तो लकडी क
े िश िे ाो गई ाै, और ्िु्
को भी अपनी बवढ ्ाने कव सथवन विल गयव ाै।
20 तब उ् ने िुझे उ्र वदयव, तू ने तो ठीक नवय वकयव ाै, परनु
आप आप ाी कव नवय कों नाींकरतव?
21 कोंवक जै्े भूवि जंगल को, और ्िु् को बवढ क
े वलथे दी गई ाै,
िै्े ाी पृयिी पर रानेिवले पृयिी पर जो क
ु छ ाै, उ्े छोड और क
ु छ
नाीं ्िझते; और जो आकवश क
े ऊपर रातव ाै, िा क
े िल बवते ाी
्िझतव ाै। जो सगय की ऊ
ं िवई ्े भी ऊपर ाै।
22 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु िै तुझ ्े वबनती करतव हं, वक िुझे
्िझ दे;
23 कोंवक िेरव िन ऊ
ं िे ऊ
ं िे कविोंक
े विषय िे क
ु ढनव नाीं िवातव
थव, परनु उन लोगोंक
े विषय िे जो पवत वदन ािवरे पव् ्े ाोकर
जवयव करते थे, अथवयत इसवएल अनजववतयोंक
े कवरण वननव करक
े
वक् कवरण ्े पकडिवयव गयव, और वजन लोगों ्े तू ने पेि रिव, िे
वक् कवरण ्े वदए गए ाै अरि् रवष् ों क
े ऊपर, और ािवरे पूियजों
कव कवनून कों रद कर वदयव गयव ाै, और वलखित अनुबंर वनषभविी
ाो गए ाै,
24 और ाि वरव्यों की नवईं जगत ्े विर जवते ाै, और ािवरव जीिन
विसय और भय कव ाोतव ाै, और दयव क
े योग नाीं राते।
25 तो िा अपने नवि क
े वलथे कव करेगव, वज् ्े ाि बुलवए गए ाै?
िैने इनिे ्े क
ु छ बवते पूछी ाै।
26 तब उ् ने िुझे उ्र देकर काव, वजतनव तू िोजेगव, उतनव ाी
अवरक िवकत ाोगव; कोंवक ्ं्वर तेजी ्े विरने को ततर ाै,
27 और जो बवते रविययों ्े पवतजव की गई ाै िे भविष िे ्िझ नाीं
्कते, कोंवक या जगत अरिय और वनबयलतवओं ्े भरव हआ ाै।
28 परनु जावं तक इ् बवत कव प् ाै जो क
ु छ तू िुझ ्े पूछे , िै तुझे
बतवऊ
ं गव; कोंवक विपव् बोई गई ाै, परनु उ्कव विनवश अभी तक
नाीं हआ।
29 इ्वलये यवद जो बोयव गयव ाै िा उलरव न वकयव जवए, और वज्
सवन पर बुरवई बोई गई ाै िा न विरे, तो जो भलवई बोई गई ाै िा
िवप् नाीं आ ्कती।
30 कोंवक आदि क
े िन िे आवद ्े बुरे बीज कव बीज बोयव गयव ाै,
और उ् ्े अब तक वकतनी दुषतव उतन हई ाै? और दविने कव
्िय आने तक िा वकतनव फल उपजवएगी?
31 अब आप ाी ्ोिो, वक बुरे बीज कव अन दुषतव कव क
ै ्व बडव
फल लवतव ाै।
32 और जब अनवगवनत कवन कवर डवले जवएं गे, तो उन ्े वकतनव
बडव फशय भर जवएगव?
33 तब िै ने उ्र वदयव, ये बवते क
ै ्े और कब घरेगी? ािवरे िषय छोरे
और बुरे कों ाै?
34 और उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक परिपरवन ्े अवरक उतविली न
करनव; कोंवक उ्क
े ऊपर पहंिने क
े वलये तेरी उतविली वथय ाै,
कोंवक तू बहत बढ गयव ाै।
35 कव रविययोंिे ्े लोग अपकी कोठरीिे इन बवतोंक
े विषय िे न
पूछते थे, वक िै कब तक इ्ी आशव िे रहंगव? ािवरे पवतफल कव
फल कब आएगव?
36 और परवन सगयदू त उरीएल ने उनको इन बवतोंकव उ्र वदयव,
और काव, जब तुि िे बीज वगनती िे भर गए ाों तब भी; कोंवक उ्
ने जगत को तरवजू िे तोलव ाै।
37 उ् ने ्ियोंको नवप ्े नवपव; और उ् ने कवल को वगनती ्े
वगन वलयव; और जब तक उय उपवय पूरव न ाो जवए, तब तक िा
उने वालवतव यव वालवतव नाीं।
38 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, पभु, ाि ्ब अपविततव ्े भरे हए
ाै।
39 और ािवरे कवरण कदववितत पृयिी क
े रानेिवलोंक
े पवपोंक
े कवरण
रविययोंकी िंवजले न भरीं।
40 तब उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक वक्ी गभयिती सी क
े पव् जव,
और जब िा नर िाीने की ाो जवए तब उ् ्े पूछ, वक कव उ्क
े
गभय िे बचे कव जन अवरक वदन तक बनव राेगव।
41 तब िै ने काव, नाीं ाे पभु, िा ऐ्व नाीं कर ्कती। और उ् ने
िुझ ्े काव, कब िे पवणों की कोठररयवं सी क
े गभय क
े ्िवन ाै।
42 कोंवक जै्े जचव सी प्ि पीडव ्े बिने क
े वलये उतविली
करती ाै, िै्े ाी ये सथवन भी उन कविों को पहंिवने िे उतविली करते
ाै जो उने ्रंपव गयव ाै।
43 आरम ्े देि, जो क
ु छ तू देिनव िवातव ाै िाी तुझे वदिवयव
जवएगव।
44 तब िै ने उ्र वदयव, यवद तेरे अनुगा की दवष िुझ पर ाो, और ाो
्क
े , और इ् कवरण िै योग ाोऊ
ं ,
45 तो िुझे वदिव, वक जो बीत गयव, उ् ्े अवरक आनेिवलव ाै, यव
जो बीत गयव, उ् ्े अवरक जो बीत िुकव ाै।
46 जो बीत गयव उ्े िै जवनतव हं, परनु जो आनेिवलव ाै उ्े िै नाीं
जवनतव।
47 और उ् ने िुझ ्े काव, दववानी ओर िडव ाो, और िै उ्कव
सरप तुझे ्िझवऊ
ं गव।
48 तब िै िडव हआ, और कव देिव, वक एक जलतव हआ तनदू र िेरे
्वमने ्े ाोकर गुजर राव ाै; और जब आग बुझ गई, तब िै ने दवष
की, और कव देिव, वक रुआं अब भी बनव हआ ाै।
49 इ्क
े बवद एक जलिय बवदल िेरे ्वमने ्े ाोकर वनकलव, और
आूरी क
े ्वथ बहत िषवय बर्वई; और जब तूफवनी िषवय बीत गई, तब
बूंदे खसथर राीं।
50 तब उ् ने िुझ ्े काव, आप ाी वििवर कर; जै्े िषवय बूंदों ्े
अवरक ाै, और आग रुएू ्े अवरक ाै; परनु बूूदे और रुआू पीछे रा
गए: इ् पकवर जो िवतव बीत गई िा और भी अवरक ाो गई।
51 तब िै ने पवथयनव करक
े काव, कव िै उ् ्िय तक जीवित रा
्कतव हं? यव उन वदनों िे कव ाोगव?
52 उ् ने िुझे उ्र वदयव, जो विन तू िुझ ्े पूछतव ाै, िै उनको
क
ु छ तो बतव ्कतव हं, परनु तेरे पवण क
े विषय िे िै तुझे बतवने क
े
वलये नाीं भेजव गयव हं; कोंवक िै या नाीं जवनतव।
अध्य 5
1 वफर भी जै्े विन आते ाै, देिो, ऐ्े वदन आएं गे, वक पृयिी क
े
रानेिवले बडी ्ंखव िे ले वलए जवएं गे, और ्त कव िवगय वछप
जवएगव, और देश विशव् ्े बंजर ाो जवएगव।
2 परनु अरिय उ् ्े भी बढ जवएगव जो तू ने अब देिव, िव बहत
पवाले ्े ्ुनव ाै।
3 और वज् भूवि को तू अब जड पकडतव देितव ाै िा अिवनक
उजडती हई देिेगव।
4 परनु यवद परिपरवन तुझे जीवित राने दे, तो ती्री तुराी क
े बवद
तू देिेगव वक रवत को ्ूयय और वदन को तीन बवर िनिव ििक
े गव।
5 और लकडी िे ्े लोह रपक
े गव, और पतर ्े उ्कव श्
वनकलेगव, और लोग ववक
ु ल ाोंगे;
6 और िा पभुतव करेगव, वज्की बवर जोाते हए पृयिी पर राते ाै,
और प्ी एक ्ंग उड जवएं गे;
7 और ्दोविश ्िु् ्े िछवलयवू वनकलेगी, और रवत को ऐ्व
श् ाोगव, वज्े बहत लोग न जवनते ाोंगे; परनु ्ब उ्कव श्
्ुनेगे।
8 और जगा-जगा ालव ििेगव, और आग बवर-बवर भडक उठे गी,
और जंगली जवनिर अपनव सवन बदल लेगे, और रजसलव खसयवं
रव््ों को जन देगी।
9 और िीठे िे िवरव जल विलेगव, और ्ब वित एक दू ्रे को नवश
करेगे; तब बुखू वछप जवएगी, और बुखू अपने गुर क् िे िली
जवएगी,
10 और बहतों ्े ढूंढने पर भी न विलतव; तब अरिय और अ्ंयि
पृयिी पर बहत बढ जवएं गे।
11 एक देश दू ्रे देश ्े पूछे गव, और काेगव, कव िा रिय जो िनुष
को रि् बनवतव ाै, लुर ाो गयव? तुमवरे िवधि ्े? और या काेगव,
नाीं.
12 उ्ी ्िय िनुष आशव तो रिेगे, परनु क
ु छ न पवएं गे; िे पररशि
तो करेगे, परनु उनकी िवल ्फल न ाोगी।
13 िुझे ऐ्ी ाी वनशववनयवं तुझे वदिवने की आजव ाै; और यवद तू वफर
पवथयनव करेगव, और अब की भवूवत रोएगव, और कई वदन तक उपिव्
करेगव, तो तू और भी बडी बवते ्ुनेगव।
14 तब िै जवग उठव, और िेरे ्वरे शरीर िे अतन भय ववर ाो
गयव, और िेरव िन ववक
ु ल ाो गयव, यावं तक वक िै िूवछय त ाो गयव।
15 तब जो दू त िुझ ्े बवते करने को आयव यव, उ् ने िुझे पकडकर
शवखन दी, और पवंिोंक
े बल िडव वकयव।
16 और दू ्री रवत को ऐ्व हआ, वक पजव कव परवन ्लवतीएल िेरे
पव् आकर काने लगव, तू कावं थव? और तेरव िुि इतनव भवरी कों
ाै?
17 कव तू नाीं जवनतव, वक इसवएल बनुिवई क
े देश िे तेरे िश िे ाो
गयव ाै?
18 ्ो तुि रोरी िवओ, और उ् िरिवाे क
े ्िवन ािे न तवगो जो
अपनी भेड-बकररयों को क
ू र भेवडयोंक
े िश िे छोड देतव ाै।
19 तब िै ने उ् ्े काव, िेरे पव् ्े ार जव, और िेरे वनकर न आ।
और जो क
ु छ िै ने काव िा उ् ने ्ुन वलयव, और िेरे पव् ्े िलव
गयव।
20 और इ् पकवर िै ने उरीएल दू त की आजव क
े अनु्वर विलवप
करते और रोते हए ्वत वदन तक उपिव् वकयव।
21 और ्वत वदन क
े बवद ऐ्व हआ, वक िेरे िन कव वििवर वफर िुझे
बहत दु:ि देने लगव।
22 और िेरे िन िे ्िझ की आतव वफर आ गई, और िै वफर
परिपरवन ्े बवते करने लगव।
23 और काव, ाे पभु, पृयिी क
े ्ब िृ्ोंऔर ्ब िृ्ोंिे ्े तू ने एक
ाी दविलतव को िुन वलयव ाै;
24 और ्वरे जगत क
े ्ब देशोंिे ्े तू ने एक गडाव, और उ्क
े ्ब
फ
ू लोंिे ्े एक ्ो्न कव फ
ू ल िुन वलयव।
25 और ्िु् क
े ्ब गवारे सथवनोंिे ्े एक नदी को तू ने भर वलयव ाै;
और ्ब ब्वए हए नगरोंिे ्े तू ने व्योन को अपने वलये पवित कर
वलयव ाै;
26 और वजतने प्ी उतन हए उन िे ्े तू ने एक कबूतर रिव, और
वजतने पशु उतन हए उन िे ्े एक भेड तू ने रि ली।
27 और तू ने ्वरी भीड क
े बीि िे एक जववत बनव ली; और इन
लोगोंको, वजन ्े तू ने पेि रिव, तू ने ऐ्ी विसथव दी जो ्ब को
भवती ाै।
28 और अब, ाे पभु, तू ने इ् एक को बहतों क
े ावथ िे कों कर
वदयव? और एक ाी िूल पर तू ने औरोंको तैयवर वकयव, और अपने
एक ाी िंश को बहतोंिे कों वततर-वबतर वकयव ाै?
29 और जो तेरी पवतजवओं ्े िुकर गए, और तेरी िविवओं की पतीवत
नाीं करते थे, उनोंने उनको ररंद डवलव ाै।
30 यवद तू ने अपकी पजव ्े इतनव बैर रिव, तो कव तुझे अपक
े ाी
ावथ ्े उनको दण देनव िववाए?
31 जब िै ये बवते का िुकव, तो जो दू त वपछली रवत को िेरे पव्
आयव, िा िेरे पव् भेजव गयव।
32 और िुझ ्े काव, िेरी ्ुन, और िै तुझे व्िवऊ
ं गव; जो क
ु छ िै
कातव हं उ्े ्ुनो, और िै तुमे और भी बतवऊ
ं गव।
33 और िै ने काव, ाे िेरे पभु, बोल। तब उ् ने िुझ ्े काव, तू
इसवएल क
े कवरण िन िे बडव ववक
ु ल ाोतव ाै; कव तू उन लोगों्े
उनक
े रिनेिवले ्े अवरक पेि रितव ाै?
34 और िै ने काव, नाीं ाे पभु; परनु िै ने बडे दु:ि क
े विषय िे
काव ाै; कोंवक जब िै परिपरवन क
े िवगय को ्िझने, और उ्क
े
नवय कव भवग ढूंढने कव पयर करतव हं, तब िेरी लगवि पवत घडी
िुझे दु:ि देती ाै।
35 और उ् ने िुझ ्े काव, तू नाीं कर ्कतव। और िैने काव, कों,
पभु? वफर िेरव जन कावं हआ? यव िेरी िवू क
े गभय िे ाी िेरी कब
कों न हई, वक िै यवक
ू ब कव कष, और इसवएल क
े पशुओं कव कवठन
पररशि न देि पवतव?
36 और उ् ने िुझ ्े काव, जो बवते अब तक घरी नाीं, उने वगन ले,
और जो क
ू डव इरर उरर वबिरव हआ ाै, उ्े ्िेर ले, और जो फ
ू ल
िुरझव गए ाै उने वफर ्े ारव कर दे।
37 जो सथवन बन ाै उने िेरे वलये िोल दे, और जो ािवएं उन िे बन
ाै उने िेरे वलये बवार ले आ, िुझे िवणी कव सरप वदिव; और तब
िै जो क
ु छ तू जवननव िवातव ाै िा तुझ को बतवऊ
ं गव।
38 और िै ने काव, ाे पभु, पभु, पभु, इन बवतों को करन जवन ्कतव
ाै, परनु िा जो िनुषों क
े बीि िे न रातव ाो?
39 और िै तो वनबुयखू हं; ्ो जो तू िुझ ्े पूछतव ाै, उ्क
े विषय िे
िै कोंकर कहं?
40 तब उ् ने िुझ ्े काव, जै्े तू इन बवतोंिे ्े क
ु छ भी नाीं कर
्कतव, जो िै ने काव ाै, िै्े ाी तू िेरव नवय, यव अन िे उ् पेि कव
पतव नाीं लगव ्कतव, वज्कव ििन िै ने अपनी पजव ्े वदयव ाै।
41 और िै ने काव, ाे पभु, देि, कव तू अब भी उन लोगों क
े वनकर
ाै जो अन तक बिे राेगे; और जो िुझ ्े पवाले थे, यव ाि जो अब
ाै, यव जो ािवरे बवद आएं गे िे कव करेगे?
42 और उ् ने िुझ ्े काव, िै अपनव नवय कडे क
े ्िवन कर
ं गव;
जै्े पवाले िे वढलवई नाीं, िै्े ाी पवाले िे फ
ु त् नाीं।
43 इ्वलये िै ने उ्र वदयव, कव तू उने जो बन िुकव ाै और अभी
बनव हआ ाै, और जो आनेिवलव ाै, तुरन नाीं बनव ्कतव; तववक
आप अपनव वनणयय शीघ बतव ्क
े ?
44 तब उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक पवणी बनवनेिवले ्े अवरक
उतविली न करे; न ाी दुवनयव उने तुरंत पकड ्कती ाै जो उ्िे
बनवई जवएगी।
45 और िै ने काव, जै्व तू ने अपक
े दव् ्े काव यव; वक तू जो ्ब
को वजलवतव ाै, उ् ने जो ्ृषी तू ने बनवई, उ् को तुरन वजलव वदयव,
और उ् ्ृषी ने उ्े जन वदयव, िै्े ाी अब भी िा उन को
वजलवएगव। अब तुरन उपखसथत ाोइये।
46 और उ् ने िुझ ्े काव, सी क
े गभय ्े पूछ, और उ् ्े का,
यवद तू ्नवन उतन करती ाै, तो एक ्वथ कों नाीं, परनु एक क
े
पीछे एक करक
े उतन करती ाै? इ्वलये उ््े पवथयनव करो वक िा
द् ्नवन उतन करे n एक ाी बवर िे.
47 और िै ने काव, िा नाीं कर ्कती: िरन ्िय की दू री क
े
कवरण अिश ाै।
48 तब उ् ने िुझ ्े काव, िै्े ाी िै ने पृयिी की कोि उन को दी ाै
जो उ् िे अपने अपने ्िय पर बोए जवते ाै।
49 कोंवक वज् पकवर छोरव बवलक बूढों की िसुएं उतन नाीं कर
्कतव, उ्ी पकवर िै ने अपने रिे हए जगत को नष कर वदयव ाै।
50 और िै ने पूछव, वक अब तू ने िुझे िवगय दे वदयव ाै, इ्वलये िै तुझ
्े आगे बोलूंगव; कोंवक ािवरी िवतव, वज्क
े विषय िे तू ने िुझ ्े
काव थव, वक िा जिवन ाै, अब बूढी ाोने पर ाै।
51 उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक वक्ी गभयिती सी ्े पूछ, और िा
तुझ ्े काेगी।
52 उ् ्े का, वक वजने तू ने अब वनकवलव ाै िे पवाले क
े ्िवन
कों ाो गए, परनु कद िे छोरे ाै?
53 और िा तुझे उ्र देगी, वक जो जिवनी क
े ्िय िे जन लेते ाै,
िे एक रीवत क
े ाोते ाै, और जो बुढवपे क
े ्िय, जब गभय रू र जवतव ाै,
िे उतन ाोते ाै, िे दू ्री रीवत क
े ाोते ाै।
54 इ्वलये इ् पर भी वििवर करो, वक तुि जो तुि ्े पवाले थे, उन
्े कि कद क
े ाो।
55 और जो तुमवरे बवद तुमवरे बवद आते ाै, िे तुि ्े भी छोरे ाै, जै्े
िे पवणी जो अब बूढे ाोने लगे ाै, और जिवनी की तवकत भी पवर कर
िुक
े ाै।
56 तब िै ने काव, ाे पभु, िै तुझ ्े वबनती करतव हं, यवद तेरे अनुगा
की दवष िुझ पर ाो, तो अपक
े उ् दव् को बतव, वज्क
े ्वरव तू
अपनी ्ृषी की ्ुवर लेतव ाै।
अध्य 6
1 और उ् ने िुझ ्े काव, आरम िे, जब पृयिी बनी, और जगत की
्ीिवएं थिने ्े पवाले, िव पिने िलती थीं,
2 इ््े पवाले वक बवदल गरजे और वबजली ििक
े , िव सगय की नेि
डवली गई,
3 इ््े पाले वक ्ुनर फ
ू ल वदिवई पडते थे, िव िलती-वफरती
शखययवू पगर ाोती थीं, और सगयदू तों की अनवगनत भीड इकटी
ाोती थी,
4 िव आकवश की िवपोंक
े नवि पवाले ्े पवाले ्े आकवश की
ऊ
ं िवइयवं ऊपर उठती थीं, िव व्योन की वििवनयवं कभी जलती थीं,
5 और जब ्े ितयिवन िष् की िोज की गई, और िव उन क
े
आविषवर हए, वक अब पवप को िोड वदयव गयव, पवाले उन पर िुार
की गई, वक उनोंने भणवर क
े वलथे विशव् इकटव वकयव ाै:
6 तब िै ने इन बवतों पर वििवर वकयव, और िे ्ब िेरे ाी ्वरव, वक्ी
और क
े ्वरव उतन नाीं हए: िे भी िेरे ाी ्वरव ्िवर ाोंगे, और
वक्ी और क
े ्वरव नाीं।
7 तब िै ने उ्र वदयव, ्ियोंक
े अलग ाोने कव कव लवभ ाोगव? यव
पवाले कव अन और उ्क
े बवद कव आरम कब ाोगव?
8 और उ् ने िुझ ्े काव, इबवाीि ्े इ्ावक तक, जब यवक
ू ब
और उ् ्े ए्वि उतन हए, तब यवक
ू ब ने पाले ावथ ्े ए्वि की
एडी को पकडव।
9 कोंवक ए्वि जगत कव अन ाै, और यवक
ू ब उ्क
े पीछे कव आवद
ाै।
10 िनुष कव ावथ एडी और ावथ क
े बीि िे ाै; ाे एस्व, तू दू ्रव प्
न पूछ।
11 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, पभु, यवद तेरे अनुगा की दवष िुझ
पर ाो,
12 िै तुझ ्े वबनती करतव हं, वक तू अपने दव् को अपनी उन
वनशववनयों कव अन वदिव दे, वजनकव भवग तू ने िुझे वपछली रवत को
वदिवयव थव।
13 तब उ् ने िुझ ्े काव, अपक
े पवंिोंक
े बल िडव ाो, और ऊ
ं िे
श् कव श् ्ुन।
14 और या िवनो एक बडव आंदोलन ाोगव; परनु वज् सथवन पर तू
िडव ाो, उ् सथवन ्े न ारनव।
15 इ्वलये जब िा बोले, तो ित डरनव; कोंवक ििन अन कव ाै,
और पृयिी की नेि कव जवन ाो गयव ाै।
16 और कों? कोंवक इन िसुओं की िवणी थरथरवती और ्वित
ाोती ाै; कोंवक िा जवनतव ाै, वक इन िसुओं कव अन अिश बदल
जवएगव।
17 और ऐ्व हआ, वक जब िै ने या ्ुनव, तो अपक
े पवंिोंक
े बल
िडव हआ, और कवन लगवयव, और कव देिव, वक कोई श् बोल
राव थव, और उ्कव श् बहत जल क
े श् क
े ्िवन थव।
18 और उ् ने काव, देि, ऐ्े वदन आते ाै, वक िै वनकर जवकर
पृयिी क
े रानेिवलोंकी ्ुवर लूंगव।
19 और उन ्े पूछनव आरम करेगे, वक िे करन ाै वजनोंने अपने
अरिय ्े अनवय वकयव ाै, और व्योन कव दु:ि कब पूरव ाोगव;
20 और जब जगत, जो लुर ाोने को ाै, ्िवर ाो जवएगव, तब िै ये
विन वदिवऊ
ं गव: आकवश क
े ्वमने पुसक
े िोली जवएं गी, और िे
्ब एक ्वथ देिेगे;
21 और एक-एक िषय क
े बवलक ऊ
ं िे श् ्े बोलेगे, और गभयिती
खसयवं तीन यव िवर िाीने क
े बेिक बचे जनेगी, और िे जीवित
राकर बडे वकए जवएं गे।
22 और जो िेत बोए गए थे िे अिवनक वबन बोए हए वदिवई देगे,
और भरे हए भणवर अिवनक ्ूने पवए जवएं गे;
23 और नरव्ंगे कव श् ाोगव, वज्े ्ुनकर ्ब एकवएक डर
जवएं गे।
24 उ् ्िय वित शतु की नवईं एक दू ्रे ्े लडेगे, और पृयिी अपने
रानेिवलों्िेत स् ाो जवएगी, और ्ोतों क
े ्ोते बन ाो जवएं गे,
और तीन घडी तक न िलेगे।
25 जो कोई इन ्ब बवतोंिे ्े जो िै ने तुि ्े काव ाै बि जवए, िा
बि वनकलेगव, और िेरव उूवर और तेरे जगत कव अन देिेगव।
26 और जो िनुष गाण वकए जवएं गे, वजनोंने जन ्े िृतु कव सवद
नाीं ििव, िे इ्े देिेगे; और वनिवव्यों कव िन बदल जवएगव, और
दू ्रे अथय िे बदल जवएगव।
27 कोंवक बुरवई दू र की जवएगी, और छल कव अन वकयव जवएगव।
28 जावं तक विशव् की बवत ाै, िा फलेगव-फ
ू लेगव, भषविवर दू र
ाोगव, और ्त, जो बहत वदनों ्े वनषल राव ाै, घोवषत वकयव
जवएगव।
29 और जब उ् ने िुझ ्े बवते कीं , देिो, िै वज्क
े ्वमने िडव
थव, उ् पर थोडी-थोडी दवष करतव राव।
30 और उ् ने िुझ ्े ये बवते काीं; िै तुमे आने िवली रवत कव ्िय
बतवने आयव हू।
31 यवद तू वफर भी पवथयनव करे, और ्वत वदन कव उपिव् करे, तो िै
जो िै ने ्ुनव ाै, उ् ्े भी बडी बवते तुझे पवत वदन बतवऊ
ं गव।
32 कोंवक तेरी िवणी परिपरवन क
े ्वमने ्ुनी जवती ाै; कोंवक
परवकिी ने तेरे रियिय कवि को देिव ाै, और तेरी पविततव को भी
देिव ाै, जो तू लडकपन ्े लेकर आज तक ाै।
33 इ्वलये उ् ने िुझे ये ्ब बवते तुझे वदिवने और या काने को
भेजव ाै, वक ढवढ् रिो, और ित डरो।
34 और बीते वदनों क
े अनु्वर वथय बवते ्ोिने िे उतविली न करो,
ऐ्व न ाो वक तुि बवद क
े वदनों िे उतविली करो।
35 और इ्क
े बवद ऐ्व हआ, वक िै वफर रोयव, और उ्ी रीवत ्े
्वत वदन तक उपिव् वकयव, वक जो तीन ्रवा उ् ने िुझ ्े काे
थे उनको पूरव कर
ं ।
36 और आठिीं रवत को िेरव िन वफर ववक
ु ल हआ, और िै
परिपरवन क
े ्वमने बोलने लगव।
37 कोंवक िेरव िन बहत जल गयव, और िै ्ंकर िे पड गयव।
38 और िै ने काव, ाे पभु, तू ने तो ्ृवष क
े आरम ्े, िरन पवाले
वदन ्े ाी काव, और यों काव; सगय और पृथी बनवये; और तेरव ििन
उ्ि कवि वनकलव।
39 और तब आतव पगर हई, और िवरों ओर अखनयवरव और ्नवरव
छव गयव; िनुष की आिवज की धवन अभी तक नाीं बनी थी।
40 तब तू ने अपने भणवरों िे ्े उवजयवले को वनकलने की आजव दी,
वक तेरव कवि पगर ाो।
41 दू ्रे वदन तू ने आकवशिणल की आतव बनवकर उ्े दो भवगों
िे बवूरने, और जल क
े बीि दो भवग करने की आजव दी, वक एक तो
ऊपर उठे , और दू ्रव नीिे राे।
42 ती्रे वदन तू ने आजव दी, वक जल पृयिी की ्वतिीं पृयिी पर
इकटव वकयव जवए; और छ: पृयिी ्ुिवकर रि छोडव, वक उन िे ्े
क
ु छ परिेशर की ओर ्े बोयव और जोतव जवए, और तेरे कवि आए।
43 कोंवक तेरव ििन फ
ै लते ाी कवि पूरव ाो गयव।
44 कोंवक तुरन बहत ्े बडे और अनवगवनत फल, और बहत ्े
और भवंवत भवंवत क
े सवद क
े ्ुि, और न बदलने िवले रंग क
े फ
ू ल,
और अदभुत ्ुगन क
े फ
ू ल उग आए: और ती्रे वदन ऐ्व ाी हआ।
45 िरथे वदन तू ने आजव दी, वक ्ूयय ििक
े , और िवन कव पकवश ाो,
और तवरे कि िे ाों;
46 और उने िनुष की ्ेिव करने कव आदेश वदयव, जो वकयव जवनव
थव।
47 पवंििे वदन तू ने ्वतिे भवग ्े, जावं जल इकटव ाोतव थव, काव,
वक उ् ्े जीवित पवणी, प्ी, और िछवलयवं उतन ाों; और िै्व ाी
ाो गयव।
48 कोंवक परिेशर की आजव ्े गूंगव जल और वनज्ि पवणी जीवित
पवणी उतन हए, वक ्ब लोग तेरे आशययकि् की सुवत करे।
49 वफर तू ने दो जीवित पवणी ठारवए, एक कव नवि तू ने ानोक रिव,
और दू ्रे कव लेविथवन;
50 और एक को दू ्रे ्े अलग वकयव, इ्वलये वक ्वतिवं भवग
अथवयत जावं जल इकटव ाोतव थव, उन दोनों को न रोक ्क
े ।
51 तू ने ानोक को एक भवग वदयव, जो ती्रे वदन ्ूि गयव, वक िा
उ्ी भवग िे वनिव् करे, वज् िे ाजवरों पाववडयवं ाै।
52 परनु तू ने वलबवतवन को ्वतिवं भवग अथवयतत गीलव भवग वदयव;
और उ्े रि छोडव ाै, वक तू वज् ्े िवाे, और जब िवाे, तब उ्े
फवड डवले।
53 छठिे वदन तू ने पृयिी को आजव दी, वक िा तेरे ्वमने पशुओं,
और घरेलू पशुओं, और रेगनेिवले जनुओं को उतन करेगी।
54 और इनक
े बवद आदि भी हआ, वज्े तू ने अपकी ्वरी ्ृषी कव
सविी ठारवयव; उ्ी ्े ाि ्ब वनकले, िरन िा पजव भी, वज्े तू ने
िुन वलयव।
55 ाे याोिव, िै ने या ्ब तेरे ्वमने इ्वलये काव ाै, वक तू ने
ािवरे वलये जगत बनवयव ाै
56 और और लोगोंक
े विषय िे जो आदि की ्नवन ्े आए, तू ने
काव, वक िे क
ु छ नाीं, िरन थूकने क
े ्िवन ाै; और उनकी
बहतवयत को बतयन िे ्े वगरी हई बूंद क
े ्िवन ठारवयव ाै।
57 और अब, ाे पभु, देिो, ये अनजववतयवं, जो कभी तुच ्िझी
जवती थीं, ाि पर पभुतव करने लगी ाै, और ािे वनगलने लगी ाै ।
58 परनु ाि तेरी पजव क
े लोग, वजने तू अपनव पवालरठव, और
अपनव एकलरतव, और अपनव पेिी कातव ाै, उनक
े िश िे कर वदए
जवते ाै।
59 यवद जगत अब ािवरे वलये रिव गयव ाै, तो जगत िे ािवरव भवग
कों न ाो? या कब तक ्ानव पडेगव?
अध्य 7
1 और जब िै ये बवते का िुकव, तो जो सगयदू त वपछली रवत को िेरे
पव् भेजव गयव यव, िा िेरे पव् भेजव गयव।
2 और उ् ने िुझ ्े काव, ाे एस्व्, उठ, और जो बवते िै तुझ ्े
काने को आयव हं ्ुन।
3 और िै ने काव, ाे िेरे परिेशर, बोल। तब उ् ने िुझ ्े काव,
्िु् िरडे सवन िे बनव ाै, इ्वलये िा गवारव और बडव ाो गयव ाै।
4 परनु पिेश ्वर ्ंकरव और नदी क
े ्िवन थव;
5 वफर करन ्िु् िे जवकर उ् पर दवष कर ्क
े , और उ् पर
पभुतव कर ्क
े ? यवद िा ्ंकीणय िे नाीं गयव, तो विसृत िे क
ै ्े आ
्कतव ाै?
6 और भी एक बवत ाै; एक नगर ब्वयव गयव, और िरडे िैदवन िे
ब्वयव गयव, और ्ब अची िसुओं ्े पररपूणय ाै;
7 उ्कव पिेश ्वर ्करव ाै, और वगरने क
े भय ्े ऐ्व बनव ाै,
िवनो दववानी ओर आग ाो, और बवईं ओर गवारव जल ाो:
8 और उन दोनों क
े बीि एक ाी िवगय, यावं तक वक आग और पवनी
क
े बीि, इतनव छोरव वक क
े िल एक रवसव ाो ्कतव थव नाीं यवर
तुरंत िावं जवओ.
9 यवद या नगर अब वक्ी िनुष को वनज भवग करने क
े वलथे वदयव
गयव ाै, और िा इ्क
े ्वमने आए ितरे ्े कभी न भवगव, तो उ्े
या वनज भवग कोंकर विलेगव?
10 और िै ने काव, ाे पभु ऐ्व ाी ाै। तब उ् ने िुझ ्े काव,
इसवएल कव भवग भी ऐ्व ाी ाै।
11 कोंवक िै ने उनीं क
े वलये जगत को बनवयव; और जब आदि ने
िेरी विवरयोंकव उलंघन वकयव, तब जो आजव दी गई, िा अब पूरी ाो
गई।
12 तब इ् जगत क
े ्वर ्ंकरे, और दु:ि और कष ्े भरे हए कर
वदए गए; िे थोडे ाी ाै, और बुरे ाै, और ्ंकरों ्े भरे हए ाै, और
बहत दु:िदवयी ाै।
13 कोंवक पविीन जगत क
े पिेश ्वर िरडे और दढ थे, और अिर
फल लवते थे।
14 ्ो यवद जीवित लोग इन वनकमी और वथय िसुओं िे पिेश
करने क
े वलये पररशि न करे, तो जो क
ु छ उनक
े वलये रिव गयव ाै
उ्े कदववप न पव ्क
े गे।
15 इ्वलये अब तू कों ववक
ु ल ाोतव ाै, कोंवक तू तो नवशिवन
िनुष ाै? और तू कों नष ाो गयव, जबवक तू तो नशर ाै?
16 तू ने अपने िन िे इ् ्िय की बवत को छोड, जो आनेिवली ाै,
कों नाीं ्ोिी?
17 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, ाे पभु, तू ने अपनी विसथव िे या
ठारवयव ाै, वक रि् इन िसुओंक
े अवरकवरनेी ाों, परनु भखयाीन
नवश ाों।
18 तरभी रि् ्ंकर िे तो दु:ि उठवएं गे, और दू र की आशव रिेगे;
कोंवक वजनोंने दुषतव की ाै, िे दु:ि ाी तो उठवएं गे, तरभी दू र कव
िुंा न देि ्क
े गे।
19 और उ् ने िुझ ्े काव; परिेशर ्े बडव कोई नवयवरीश नाीं ाै,
और ्ि्च ्े बढकर कोई भी ्िझ रिने िवलव नाीं ाै।
20 कोंवक बहत ्े लोग इ्ी जीिन िे नवश ाो जवते ाै, कोंवक िे
परिेशर की उ् विसथव कव वतरसवर करते ाै जो उने दी गई ाै।
21 कोंवक परिेशर ने आनेिवलोंको ्ख आजव दी ाै, वक जै्व िे
आए ाै िै्व ाी जीवित राने क
े वलये कव करे, और दण ्े बिने क
े
वलये वक् बवत कव पवलन करे।
22 तरभी उनोंने उ्की आजव न िवनी; परनु उ्क
े विरू बवते कीं,
और वथय बवते कलनव कीं;
23 और अपने बुरे कविोंक
े ्वरव अपने आप को रोिव वदयव; और
परिपरवन क
े विषय िे काव, वक िा नाीं ाै; और उ्की िवल नाीं
जवनतव थव;
24 परनु उनोंने उ्की विसथव को तुच जवनव, और उ्की
िविवओं को तुच जवनव ाै; िे उ्की विवरयोंपर विशव्योग नाीं राे,
और उ्क
े कवि नाीं वकए।
25 और इ्वलए, एसड
् व्, िवली क
े वलए िवली िीजे ाै, और भरे हए
क
े वलए पूरी िीजे ाै।
26 देि, िा ्िय आएगव, वक ये विन जो िै ने तुझ ्े काव ाै पूरे
ाोंगे, और दुलन पकर ाोगी, और जो अब पृयिी पर ्े वनकवली गई
ाै, वदिवई देगी।
27 और जो कोई उपरोय बुरवइयों ्े छु रकवरव पवएगव िा िेरे
आशययकिय देिेगव।
28 कोंवक िेरव पुत यीशु अपने ्ववथयोंक
े ्वय पगर ाोगव, और जो
बिे राेगे िे िवर ्र िषय तक आनन करेगे।
29 इन िष् क
े बवद िेरव पुत ि्ीा, और ्ब पवणी जो जीवित ाै, िर
जवएं गे।
30 और जगत पवाले नवय क
े ्िवन ्वत वदन क
े वलये खविोशी िे
बदल जवएगव, यावं तक वक कोई भी न बिेगव।
31 और ्वत वदन क
े बवद जगत िे जो अब तक नाीं जवगेगव, िा उठ
िडव ाोगव, और जो भष ाो िा िर जवएगव।
32 और पृयिी अपने िे ्ोए हओं को फ
े र देगी, और रूल उनको जो
िुपिवप ब् गए ाै, और गुर सथवन उन पवणों को बिव लेगे जो
उनको ्रंपे गए ाै।
33 और परिपरवन नवय आ्न पर पकर ाोगव, और दुि दू र ाो
जवएगव, और लंबे ्िय की पीडव कव अंत ाो जवएगव:
34 परनु नवय कवयि राेगव, ्त खसथर राेगव, और विशव् दढ राेगव;
35 और कवि कव पवलन वकयव जवएगव, और पवतफल वदिवयव जवएगव,
और अचे किय पभविशवली ाोंगे, और दुष कि् पर शव्न न वकयव
जवएगव।
36 तब िै ने काव, पवाले इबवाीि ने ्दोवियोंक
े वलये और िू्व ने
उन बवपदवदोंक
े वलये जो जंगल िे पवप करते थे पवथयनव की।
37 और आकवन क
े ्िय िे यीशु इसवएल की ओर ्े उ्क
े पीछे ाो
वलयव;
38 और विनवश क
े वलथे शिूएल और दवऊद, और पवितसथवन िे
आनेिवलोंक
े वलथे ्ुलैिवन।
39 और िेा बर्वनेिवलोंक
े वलथे ाेवलयव्; और िरे हओं क
े वलये,
वक िा जीवित राे:
40 और ्नेरीब क
े ्िय िे लोगोंकी ओर ्े वाजवकयवा, और
बहतोंक
े वलथे बहत।
41 ्ो अब भी जब देिव वक वबगवड बढ गयव ाै, और दुषतव बढ गई
ाै, और रि् दुषों क
े वलये पवथयनव करने लगे, तो अब भी ऐ्व कों न
ाो?
42 उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक या ितयिवन जीिन अन नाीं ाै, जावं
बडी िवािव बनी राेगी; इ्वलए उनोंने किजोरों क
े वलए पवथयनव की
ाै।
43 परनु विनवश कव वदन इ् ्िय कव अन ाोगव, और आनेिवले
अिरत कव आरम ाोगव, वज् िे विनवश विर जवएगव,
44 अ्ंयि कव अन ाो जवतव ाै, विशव्घवत कव नवश ाोतव ाै, रिय
बढतव ाै, और ्चवई उगती ाै।
45 तब कोई नवश वकए हए को बिव न ्क
े गव, और जो जय को पवर
ाो उ् पर अनेर कर ्क
े गव।
46 तब िै ने उ्र वदयव, या िेरी पवाली और अखनि बवत ाै, वक या
भलव ाोतव, वक आदि को पृयिी न दी जवती; नाीं तो जब िा दी गई,
तो उ्े पवप करने ्े रोक देतव।
47 कोंवक इ् ्िय िनुष को कष िे राने और िरने क
े बवद दण
की आशव करने ्े कव लवभ?
48 ाे आदि, तू ने कव वकयव ाै? यदवप तू ाी ने पवप वकयव ाै, तरभी तू
अक
े लव नाीं, परनु ाि ्ब जो तुझ ्े उतन हए ाै, पवप िे वगरे ाै।
49 कोंवक यवद ाि ्े अिर ्िय की पवतजव की जवए, तो ािे कव
लवभ कव ाि ने िे कवि वकए ाै जो िृतु लवते ाै?
50 और ाि ्े अनन आशव की पवतजव की गई ाै, और ाि तो बडे
ाी दुष ाोकर वथय ठारे ाै?
51 और ािवरे वलथे सवव और वनडरतव क
े घर तैयवर वकए गए ाै,
और ाि दुषतव ्े जी राे ाै?
52 और परिपरवन की िवािव उनकी र्व क
े वलये बनी राती ाै,
वजनोंने ्विरवन जीिन वतीत वकयव ाै, जबवक ाि ्ब ्े अवरक
बुरे िवग् पर िले ाै?
53 और िावं एक ऐ्व सगय वदिवयव जवए, वज्कव फल ्ियदव बनव
राे, वज् िे ्ुर्व और औषवर ाै, कोंवक ाि उ् िे पिेश करने न
पवएं गे?
54 (कोंवक ाि अवपय सथवनों िे िले ाै।)
55 और उन लोगों क
े िेारे जो पराेजगवर ाै तवरों ्े अवरक ििक
े गे,
और ािवरे िेारे अखनयवरे ्े भी अवरक कवले ाोंगे?
56 कोंवक जब तक ाि जीवित राे, और अरिय करते राे, तो या
नाीं ्ोिव, वक िरने क
े बवद उ्कव फल भोगे।
57 तब उ् ने िुझे उ्र देकर काव, युू की रीवत या ाै, वक जो
िनुष पृयिी पर उतन ाो िा लडेगव;
58 वक यवद िा जीत जवए, तो तेरे काने क
े अनु्वर दुि उठवए;
परनु यवद िा जीत जवए, तो जो क
ु छ िै कातव हं, िा िवन लेगव।
59 कोंवक या िा जीिन ाै, वज्क
े विषय िे िू्व ने अपने जीवित
राते लोगों्े काव यव, वक जीिन को ाी िुन लो, वक तुि जीवित राो।
60 तरभी न उनोंने उ् की पतीवत की, और न उ्क
े बवद क
े
भविष्यवओं की, और न िुझ की, वजनोंने उन ्े बवते की।
61 वक उनक
े नवश िे इतनव भवरीपन न ाो, वजतनव उूवर की आशव
करनेिवलों को आनन ाोगव।
62 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, िै जवनतव हं, वक परिपरवन दयवलु
कालवतव ाै, वक िा उन पर भी दयव करतव ाै जो अब तक जगत िे
नाीं आए।
63 और उन पर भी जो उ्की विसथव की ओर वफरते ाै;
64 और िा रैययिवन ाै, और अपने पववणयों की नवईं पवप करने िवलों
को रीरज ररतव ाै;
65 और िा उदवर ाै, कोंवक जावं जररत ाो िा देने को तैयवर ाै;
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  • 1.
  • 2. अध्य 1 1 भविषियव एस्व् की दू ्री पुसक, ्रैयव् कव पुत, अजयवया कव पुत, ाेलवकयव् कव पुत, ्दववियव कव पुत, ्दोक कव पुत, अवितोब कव पुत, 2 अखियवा कव पुत, पीनी् कव पुत, ाेली कव पुत, अियवया कव पुत, अजीयी कव पुत, िरीिोत कव पुत, अरनव कव पुत, ओवजयव् कव पुत, बोरीत कव पुत, अबी्ेई कव पुत फीनी् कव पुत, एलीआजर कव पुत, 3 लेिी क े गोत िे ्े ावरन कव पुत; जो फवर् क े रवजव अर्टरेट क े शव्नकवल िे िववदयों की भूवि िे बंदी बनव वलयव गयव थव। 4 और याोिव कव या ििन िेरे पव् पहंिव, 5 तू जव, और िेरी पजव को उनक े पवप क े कवि, और उनक े लडक े बवलों को िा दुष कवि वदिव, जो उनोंने िेरे विरू वकयव ाै; तववक िे अपने बचों क े बचों को बतव ्क े : 6 कोंवक उनक े पुरिवओं क े पवप उन िे बढ गए ाै, और िे िुझे भूल गए ाै, और परवये देितवओं की पूजव करने लगे ाै। 7 कव िै िाी नाीं जो उने विस देश ्े, अथवयतत दव्त क े घर ्े वनकवल लवयव? परनु उनोंने िुझे कोर भडकवयव ाै, और िेरी युखययों को तुच जवनव ाै। 8 वफर अपने व्र क े बवल उिवडकर उन पर ्ब विपव् डवल दो, कोंवक उनोंने िेरी विसथव कव पवलन नाीं वकयव, परनु िे बलिव करनेिवले लोग ाै। 9 वजन कव िै ने इतनव भलव वकयव ाै, िै उने कब तक रोक े रिूंगव? 10 िै ने उनक े कवरण बहत ्े रवजवओंको नवश वकयव ाै; िैने व़ररन को उ्क े ्ेिकों और उ्की ्वरी शखय ्िेत नष कर वदयव ाै। 11 और ्ब जववतयोंको िै ने उनक े ्वमने ्े नवश वकयव, और पूिय िे ्ोर और ्ीदोन क े दो पवनोंक े लोगोंको वततर-वबतर वकयव, और उनक े ्ब शतुओंको घवत वकयव ाै। 12 इ्वलये तू उन ्े का, याोिव यों कातव ाै, 13 िै ने तुझे ्िु् िे ्े पवर वकयव, और पवाले तो तुझे बडव और ्ुरव्त िवगय वदयव; िैने तुमे िू्व को परवन ाोने क े वलये, और ावरन को यवजक क े वलये वदयव ाै। 14 िै ने आग क े िमे िे ाोकर तुमे उवजयवलव वदयव, और तुमवरे बीि बडे बडे आशययकिय वकए ाै; तरभी तुि िुझे भूल गए ाो, याोिव की याी िवणी ाै। 15 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, बरेर तुमवरे वलये विन ठारे; िै ने तुमवरी र्व क े वलथे तुमे तमू वदए, तरभी तुि िावं क ु डक ु डवते राे, 16 और अपने शतुओं क े नवश क े वलये िेरे नवि ्े जयिन नाीं हए, िरन आज क े वदन तक ्दैि क ु डक ु डवते राते ाो। 17 जो उपकवर िै ने तुमवरे वलये वकए िे कावं राे? जब तुि जंगल िे भूिे और पव्े थे, तब कव तुि ने िेरी दोावई न दी? 18 और काव, तू ाि को इ् जंगल िे घवत करने को कों ले आयव ाै? ािवरे वलये इ् जंगल िे िरने ्े विवसयों की ्ेिव करनव भलव ाोतव। 19 तब िै ने तुमवरे विलवप पर तर् िवकर तुमे िनव िवने को वदयव; इ्वलये तुि ने सगयदू तों की रोरी िवई। 20 जब तुि पव्े थे, तब कव िै ने िटवन न फवडी, और जल ्े तुि भर न गए? गि् क े कवरण िैने तुमे पेडों की पव्यों ्े ढक वदयव। 21 िै ने तुमवरे बीि उपजवऊ भूवि बवंर दी, िै ने तुमवरे ्वमने ्े कनववनयों, फ े रेवजयों और पवलख्यों को वनकवल वदयव; िै वफर तुमवरे वलये और कव कर ं ? पभु काते ाै. 22 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, जब तुि जंगल िे एिोररयोंकी नदी क े वकनवरे पव्े ाोकर िेरे नवि की वननव करते थे, 23 िै ने तुमवरी वननव क े कवरण तुमे आग नाीं दी, िरन जल िे िृ् डवल कर नदी को िीठव कर वदयव। 24 ाे यवक ू ब, िै तुझ ्े कव कर ं ? ाे यहदव, तू ने िेरी बवत नाीं िवनी; िै अनजववतयों की ओर वफर ं गव, और उन को अपनव नवि दूंगव, वक िे िेरी विवरयोंको िवने। 25 या देिकर वक तुि ने िुझे तवग वदयव ाै, िै भी तुि को तवग दूंगव; जब तुि िवाोगे वक िै तुि पर अनुगा कर ू , तो िै तुि पर दयव न कर ू गव। 26 जब कभी तुि िुझे पुकवरोगे, तब िै तुमवरी न ्ुनूंगव; कोंवक तुि ने अपने ावथ िून ्े अशुू कर वलए ाै, और तुमवरे पैर िून करने को िेग ्े दरडते ाै। 27 तुि ने िुझे नाीं, परनु अपने आप को ाी तवग वदयव ाै, याोिव कव याी ििन ाै। 28 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, कव िै ने वपतव की नवईं बेरे, और िवतव की नवईं अपनी बेवरयवं, और दू र वपलवती हई बवलकोंकी नवईं तुझ ्े पवथयनव न की? 29 वक तुि िेरी पजव ठारो, और िै तुमवरव परिेशर ठार ं ; वक तुि िेरी ्नवन ठारो, और िै तुमवरव वपतव ठार ं ? 30 जै्े िुग् अपने िूजों को पंिों क े नीिे इकटव करती ाै, िै्े ाी िै ने तुि को इकटव वकयव; परनु अब िै तुमवरे ्वथ कव कर ं ? िै तुमे अपने ्विने ्े वनकवल दूंगव। 31 जब तुि िुझे भेर िढवओगे, तब िै तुि ्े िुंा फ े र लूंगव; कोंवक िै ने तुमवरे पवित पर्, नये िवन और ितने क े वदनोंको तवग वदयव ाै। 32 िै ने अपने दव् भविष्यवओं को तुमवरे पव् भेजव, वजने तुि ने पकड वलयव, और घवत वकयव, और उनकी लोय क े रुकडे रुकडे कर वदए, उनक े िून कव बदलव िै तुमवरे ावथ ्े लूंगव, याोिव की याी िवणी ाै। 33 ्ियशखयिवन याोिव यों कातव ाै, तेरव घर उजवड ाो गयव ाै, िै तुझे ऐ्े वनकवल दूंगव जै्े िवयु ्े भू्ी वगरती ाै। 34 और तेरे लडक े बवले फलिन न ाोंगे; कोंवक उनोंने िेरी आजव तुच जवनी, और िा कवि वकयव ाै जो िेरी दवष िे बुरवई ाै। 35 तेरे घर िै आनेिवले लोगों को दूंगव; जो अब तक िेरे विषय िे न ्ुनकर िेरी पतीवत करेगे; उनको िै ने कोई विन नाीं वदिवयव, तरभी जो आजव िै ने उनको दी ाै िाी िे करेगे। 36 उनोंने कोई भविष्यव नाीं देिव, तरभी िे अपने पवपों को सरण करक े उने िवन लेगे। 37 िै आनेिवले लोगोंक े अनुगा कव गिवा हं, वजनक े बवलक आनन ्े िगन ाै; और यदवप उनोंने शवरीररक आंिों ्े िुझे नाीं देिव, तरभी आतव ्े िे जो िै कातव हं उ् पर विशव् करते ाै। 38 और अब, भवई, देिो क ै ्ी िवािव; और उन लोगों को देिो जो पूिय ्े आते ाै: 39 वजन को िै परवन कर दूंगव, अयवयतत इबवाीि, इ्ावक, यवक ू ब, ओ्े्, आिो्, िीकव, योएल, अख्यव्, और यूनु्, 40 नहि, और अबवक ु क, ्ोफोवनय्, अगु्, जकररयव, और िलवकी, जो पभु कव दू त भी कालवतव ाै। अध्य दो 1 याोिव यों कातव ाै, िै ने इ् पजव को दव्त ्े छु डवयव, और अपने दव् भविष्यवओं क े ्वरव उनको अपनी आजवएं दीं; उनोंने उनकी न ्ुनी, परनु िेरी युखययों को तुच जवनव। 2 और उनकी िवतव ने उन ्े काव, ाे बवलकों, अपने िवगय जवओ; कोंवक िै विरिव और तवगी हई हं। 3 िै ने तुझे आनन ्े पवलव; परनु दुःि और भवरीपन क े कवरण िै ने तुमे िो वदयव ाै; कोंवक तुि ने अपने परिेशर याोिव क े ्वमने पवप वकयव ाै, और िा कवि वकयव ाै जो उ्की दवष िे बुरव ाै।
  • 3. 4 परनु अब िै तुमवरे ्वथ कव कर ं ? िै एक विरिव और पररतयव हं: ाे िेरे बचों, अपने िवगय पर जवओ, और पभु ्े दयव िवंगो। 5 जावं तक िेरी बवत ाै, ाे वपतव, िै इन बवलकों की िवतव क े विषय िे जो िेरी िविव कव पवलन नाीं करती, तुझ ्े ्व्ी िवंगतव हं। 6 वक तू उनको घबरवए, और उनकी िवतव को लूर ले, यावं तक वक उनकव कोई िंश न राे। 7 िे अनजववतयोंक े बीि वततर-वबतर ाो जवएं , उनकव नवि पृयिी पर ्े विर जवए; कोंवक उनोंने िेरी िविव को तुच जवनव ाै। 8 ाे अ्ुर, तुझ पर ावय, तू जो अरिय को अपने िे वछपव रितव ाै! ाे दुष लोगों, सरण करो वक िै ने ्दोि और अिोरव क े ्वथ कव वकयव; 9 उनकी भूवि ढेलों और रवि क े ढेरों ्े भरी पडी ाै; ्ियशखयिवन याोिव कव याी ििन ाै, वक जो िेरी नाीं ्ुनते, िै उन ्े िै्व ाी कर ं गव। 10 याोिव एस्व् ्े यों कातव ाै, िेरी पजव ्े का, वक िै यरशलेि कव रवज जो िै इसवएल को देनव िवातव थव, उने दे दूंगव। 11 और िै उनकव िैभि भी अपने पव् ले लूंगव, और िे ्दवबावर िणप जो िै ने उनक े वलये तैयवर करवए थे, उने दे दूंगव। 12 उनक े पव् ्ुिदवयक ्ुगन देनेिवलव जीिन कव िृ् ाोगव; िे न तो पररशि करेगे, और न थक े गे। 13 जवओ, और तुि पवओगे; थोडे वदन क े वलथे तुि ्े पवथयनव वकयव करो, वक िे घरे; रवज तुमवरे वलये पवाले ्े तैयवर ाै; जवगते राो। 14 आकवश और पृयिी को ्व्ी ठारवओ; कोंवक िै ने बुरवई को रुकडे रुकडे वकयव, और भलवई को उतन वकयव ाै; कोंवक िै जीवित हं, याोिव की याी िवणी ाै। 15 ाे िवतव, अपक े बवलकोंको गले लगव, और आनन ्े उनकव पवलन-पोषण कर, उनक े पवंि िमे क े ्िवन दढ कर; कोंवक िै ने तुझे िुन वलयव ाै, याोिव कव याी ििन ाै। 16 और जो िरे हए ाै उनको िै उनक े सवन िे ्े वजलव उठवऊ ं गव, और कबों िे ्े वनकवलूंगव; कोंवक िै ने इसवएल िे अपनव नवि जवन वलयव ाै। 17 ाे बवलकोंकी िवतव, ित डर; कोंवक िै ने तुझे िुन वलयव ाै, याोिव कव याी ििन ाै। 18 िै तेरी ्ावयतव क े वलथे अपने दव् ए्े और यरेिी को भेजूंगव, वजनकी ्मवत क े अनु्वर िै ने तेरे वलथे भवंवत भवंवत क े फलों ्े लदे हए बवरा िृ् तैयवर वकए ाै। 19 और दू र और िरु ्े बानेिवले बहत ्े ्ोते, और ्वत बडे बडे पावड, वजन पर गुलवब और ्ो्न क े फ ू ल उगते ाै, उन ्े िै तेरे लडक े बवलोंको आनन ्े भर दूंगव। 20 विरिव कव नवय करो, अनवथों कव नवय करो, क ं गवलों को दवन दो, अनवथों की र्व करो, नंगे को िस पवानवओ, 21 रू रे और वनबयल को िंगव करो, लंगडे की ां्ी न उडवओ, रुणों की र्व करो, और अने को िेरी दवष िे आने दो। 22 बूढों और जिवनों को अपनी िवरदीिवरी क े भीतर रिो। 23 जावं काीं तुझे िरे हए विले, उने ले जवकर गवड देनव, और िै अपने जी उठने िे िुख सथवन तुझे ाी दूंगव। 24 ाे िेरी पजव, खसथर राो, और विशवि करो, कोंवक तुमवरव िैन अब भी आनेिवलव ाै। 25 ाे अची रवय, अपने बवलकोंकव पवलन पोषण कर; उनक े पैर खसथर करो. 26 जो दव् िै ने तुझे वदए ाै, उन िे ्े एक भी नवश न ाोगव; कोंवक िै उनको तेरे वगनती िे ्े ले लूंगव। 27 ित थको, कोंवक जब ्ंकर और भवरीपन कव वदन आएगव, तो दू ्रे तो रोएं गे और उदव् ाोंगे, परनु तू आनन करेगव, और बहतवयत ्े ाोगव। 28 अनजववत तुझ ्े डवा करेगे, परनु तेरे विरू क ु छ न कर ्क े गे, याोिव कव याी ििन ाै। 29 िै अपने ावथ ्े तुझे ढवंपूंगव, और तेरे लडक े बवलोंको अरोलोक न देिनव पडेगव। 30 ाे िवतव, अपने बवलकोंक े ्ंग आनखनत ाो; कोंवक िै तुझे बिवऊ ं गव, याोिव कव याी ििन ाै। 31 अपने ्ोते हए बवलकोंको सरण करो, कोंवक िै उने पृयिी की छोर ्े वनकवल ले आऊ ं गव, और उन पर दयव कर ं गव; कोंवक िै दयवलु हं, ्ियशखयिवन याोिव कव याी ििन ाै। 32 जब तक िै आकर उन पर दयव न कर ं , तब तक अपक े बवलकोंको गले लगवए रिनव; कोंवक िेरे ्ोते बा जवते ाै, और िेरव अनुगा अरल ाोतव ाै। 33 िुझ एस्् को ओरेब पावड पर याोिव की ओर ्े आजव विली, वक िै इसवएल क े पव् जवऊ ं ; परनु जब िै उनक े पव् आयव, तब उनोंने िुझे तुच जवनव, और याोिव की आजव कव वतरसवर वकयव। 34 और इ्वलये िै तुि ्े कातव हं, ाे अनजववतयों, ्ुनो और ्िझो, अपने िरिवाे की बवर जोाते राो, िा तुमे ्दैि विशवि देगव; कोंवक िा वनकर ाै, जो जगत क े अन िे आएगव। 35 रवज क े पवतफल क े वलये तैयवर राो, कोंवक अनन जोवत तुि पर ्ियदव ििकती राेगी। 36 इ् ्ं्वर की छवयव ्े दू र भवग, अपनी िवािव कव आनन पवर कर; िै अपने उूवरकतवय की गिवाी िुलकर देतव हं। 37 जो उपावर तुमे वदयव गयव ाै उ्े गाण करो, और जो तुमे सगय क े रवज िे ले गयव ाै उ्कव रनिवद करते हए आनखनत ाोओ। 38 उठ कर िडे ाो, और याोिव क े परय िे वजन पर िुार दी गई ाै, उन की वगनती देिो; 39 जो जगत की छवयव ्े दू र ाो गए, और पभु क े िवािविय िस पवए ाै। 40 ाे व्योन, अपनव वगन ले, और अपक े जो शेत िस पवाने हए ाै, और याोिव की विसव पूरी करते ाै, उनको बन कर दे। 41 तेरे लडक े बवलोंकी वगनती, वजनकी तू लवल्व करतव यव, पूरी ाो गई ाै; याोिव की शखय ्े पवथयनव करो, वक तेरी पजव जो आरम ्े बुलवयी गई ाै, पवित ाो जवए। 42 िै एस्् ने व्योन पावड पर बडी पजव देिी, वजने िै वगन नाीं ्कतव थव, और िे ्ब गीत गवकर याोिव की सुवत करते थे। 43 और उनक े बीि िे एक जिवन पुरष थव जो ऊ ं िे कद कव यव, और ्ब ्े ऊ ं िव थव, और उ् ने उन ्ब क े व्रोंपर िुक ु र रिव यव, और िा अवरक ऊ ं िे पद पर थव; वज् पर िुझे बहत आशयय हआ। 44 इ्वलये िै ने सगयदू त ्े पूछव, ाे पभु, ये कव ाै? 45 उ् ने उ्र देकर िुझ ्े काव, ये िे ाी ाै वजनोंने नवशिवन िस उतवरकर अिर को पवान वलयव ाै, और परिेशर कव नवि िवन वलयव ाै; अब िे िुक ु र रवरण वकए हए ाै, और ाथेवलयवं लेते ाै। 46 तब िै ने सगयदू त ्े काव, िा करन जिवन ाै जो उनको िुक ु र पानवतव, और उनक े ावथों िे िजूर क े प्े देतव ाै? 47 उ् ने उ्र देकर िुझ ्े काव, या परिेशर कव पुत ाै, वज् को उनोंने जगत िे िवन वलयव ाै। तब िैने उन लोगों की बहत ्रवानव करनव शुर वकयव जो पभु क े नवि क े वलए इतनी दढतव ्े िडे थे। 48 तब सगयदू त ने िुझ ्े काव, जव, और िेरी पजव ्े का, वक तू ने अपने परिेशर याोिव क े क ै ्े-क ै ्े कवि और क ै ्े-क ै ्े बडे आशययकिय देिे ाै।
  • 4. अध्य 3 1 नगर क े उजडने क े ती्िे िषय िे िै बवबेल िे थव, और अपने वबछरने पर पडव हआ घबरवयव हआ यव, और िेरे हदय िे वििवर उठते राे। 2 कोंवक िै ने व्योन कव उजडनव, और बवबुल क े रानेिवलोंकी ्मव् देिी। 3 और िेरव िन बहत उदव् हआ, यावं तक वक िै परिपरवन ्े भय भरी बवते काने लगव, 4 ाे पभु, पभु, तू ने पवाले ाी ्े काव थव, जब तू ने पृयिी पर और आप ाी अक े लव बीज बोयव, और पजव को आजव दी, 5 और आदि को तेरे ावथ की बनवई हई वबन पवण देा दी, और उ् िे जीिन कव शव् फ ूं कव, और िा तेरे ्वमने वजलवयव गयव। 6 और तू उ्े सगय िे ले जवतव ाै, वज्े तू ने पृयिी क े उतन ाोने ्े पवाले ाी अपने दववाने ावथ ्े लगवयव थव। 7 और तू ने उ्े आजव दी, वक अपने िवगय ्े पीवत रि; परनु उ् ने उलंघन वकयव, और तुरन तू ने उ्को और उ्की पीढी को, वज् िे ्े बहत ्ी जववतयवं, और क ु ल, और लोग, और क ु ल उतन हए, िृतु ठारव दी। 8 और ्ब लोग अपकी अपकी इचव क े अनु्वर िले, और तेरे ्वमने अदत भुत कवि वकए, और तेरी आजवओंको तुच जवनव। 9 और वफर ्िय क े ्वथ तू ने जगत क े रानेिवलोंपर जलपलय करक े उनको नवश वकयव। 10 और उन िे ्े ार एक क े वलये ऐ्व हआ, वक जै्े आदि क े वलये िृतु हई, िै्े ाी इन क े वलये जलपलय हआ। 11 तरभी तू ने उन िे ्े एक को अथवयत नूा को उ्क े घरवने ्िेत छोड वदयव, उ्ी िे ्े ्ब रि् पुरष वनकले। 12 और ऐ्व हआ, वक जब िे पृयिी पर बहत बढने लगे, और उनक े बहत ्े ्नवन उतन हए, और बडी जववत बन गए, तो िे पवाले ्े भी अवरक दुष ाो गए। 13 अब जब िे तेरे ्वमने ऐ्ी दुषतव करते थे, तो तू ने उन िे ्े इबवाीि नवि एक पुरष को िुन वलयव। 14 तू ने उ्ी ्े पेि रिव, और उ्ी को अपनी इचव पगर की; 15 और उ् ्े या पवतजव करक े ्दव की िविव बवनी, वक तू अपने िंश को कभी न तवगेगव। 16 और उ् को तू ने इ्ावक वदयव, और इ्ावक को यवक ू ब और ए्वि भी वदयव। यवक ू ब को तू ने अपने वलये िुन वलयव, और ए्वि क े पव् रि वलयव; और इ् पकवर यवक ू ब बडी भीड बन गयव। 17 और ऐ्व हआ, वक तू उ्क े िंश को विस ्े वनकवलकर ्ीनै पावड तक ले आयव। 18 और तू ने आकवश को दणित करक े पृयिी को ढवंप वदयव, और ्वरे जगत को वालव वदयव, और गवारे सथवनों को क ं पव वदयव, और उ् युग क े िनुषोंको ववक ु ल कर वदयव। 19 और तेरी िवािव आग, भूकम, आूरी, और शीत क े िवर फवरकों ्े ाोकर वनकली; इ्वलये वक तू यवक ू ब क े िंश को विसथव दे, और इसवएल क े िंश को पररशि दे। 20 तरभी तू ने उन ्े दुष िन दू र न वकयव, वक तेरी विसथव ्े उन िे फल उतन ाो। 21 कोंवक पवाले आदि ने दुष िन ्े अपरवर वकयव, और ावर गयव; और जो उ् ्े उतन हए ाै उन ्ब कव भी ऐ्व ाी ाोनव। 22 इ् पकवर दुबयलतव सथवयी ाो गई; और कवनून (भी) लोगों क े हदय िे दुभवयिनव जड ्े जिव देतव ाै; तववक भलवई दू र ाो जवए, और बुरवई बनी राे। 23 इ् पकवर ्िय बीततव गयव, और िषय पूरे ाोते गए; तब तू ने दवऊद नवि एक दव् को िडव वकयव; 24 तू ने उ्ी को आजव दी, वक िा तेरे नवि कव एक नगर बनवए, और उ् िे तुझे रूप और अनबवल िढवए। 25 जब बहत िषय ाो गए, तब नगर क े रानेिवलोंने तुझ को तवग वदयव, 26 और ्ब कविों िे िै्व ाी वकयव जै्व आदि और उ्की पीढी क े ्ब लोग करते आए थे; कोंवक उनकव िन भी दुष थव। 27 और तू ने अपक े नगर को अपक े शतुओंक े िश िे कर वदयव। 28 कव बवबुल क े रानेिवलोंक े कवि क ु छ अचे ाै, वक िे व्योन पर पभुतव करे? 29 कोंवक जब िै िावं पहंिव, और अनवगवनत अरिय क े कवि देिे, तो इ् ती् क े दशक िे िेरे पवण ने बहत ्े क ु कि् देिे। कवन, यावं तक वक िेरव हदय विफल ाो गयव। 30 कोंवक िै ने देिव ाै, वक तू ने उनको पवप करने वदयव, और दुषोंको बिव रिव; 31 िुझे सरण नाीं, वक इ् रीवत ्े कव छोडव जवए; ्ो कव बवबुल क े लोग व्योन ्े अचे ाै? 32 यव कव इसवएल को छोड और कोई तुझे जवनतव ाै? यव यवक ू ब क े ्िवन वक् पीढी ने तेरी िविव पर विशव् वकयव ाै? 33 तरभी उनकव पवतफल पगर नाीं ाोतव, और उनक े पररशि कव फल नाीं ाोतव; कोंवक िै इरर उरर अनजववतयों क े बीि वफरतव हं, और देितव हं, वक िे रन बढवते ाै, और तेरी आजवओं पर वििवर नाीं करते। 34 इ्वलये अब तू ािवरी और जगत क े रानेिवलोंकी भी दुषतव तरवजू िे तरल; और इ् पकवर तेरव नवि इसवएल क े व्िव काीं न विलेगव। 35 यव पृयिी क े रानेिवलोंने तेरे ्वमने पवप कब न वकयव? िव वकन लोगों ने तेरी आजवओं कव पवलन वकयव ाै? 36 और तू देिेगव, वक इसवएल ने तेरे उपदेशों को िवन वलयव ाै; लेवकन बुतपरस नाीं. अध्य 4 1 और जो दू त िेरे पव् भेजव गयव, उ्कव नवि उरीएल थव, उ् ने िुझे उ्र वदयव, 2 और काव, तेरव िन इ् जगत िे बहत आगे तक पहंि गयव ाै, और कव तू परिपरवन कव िवगय ्िझने कव वििवर करतव ाै? 3 तब िै ने काव, ावं, ाे िेरे पभु! और उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक िै तुझे तीन िवगय बतवने, और तेरे ्वमने तीन उपिवएं वदिवने क े वलये भेजव गयव हं: 4 और यवद तू िुझे बतव ्क े , तो िै तुझे िा िवगय बतवऊ ं गव जो तू देिनव िवातव ाै, और िै तुझे बतवऊ ं गव वक दुष िन कावं ्े आतव ाै। 5 और िै ने काव, ाे िेरे पभु, आगे बतव। तब उ् ने िुझ ्े काव, जव, आग कव तरल तरल, िव पिन कव झोंकव नवप, िव जो वदन बीतव, िा िुझे वफर बुलव। 6 तब िै ने उ्र वदयव, करन िनुष ऐ्व कर ्कतव ाै, वक तू िुझ ्े ऐ्ी बवते पूछे ? 7 और उ् ने िुझ ्े काव, यवद िै तुझ ्े पूछ ूं , वक ्िु् क े बीि िे वकतने बडे बडे घर ाै, यव गारे जल क े आरम िे वकतने ्ोते ाै, यव आकवश क े ऊपर वकतने ्ोते ाै, यव ्िु् ्े बवार वकतने ्ोते ाै? सगय: 8 कदववित तू िुझ ्े काे, िै कभी गवारे सथवन िे, और न अरोलोक िे, और न कभी सगय पर िढव। 9 तरभी अब िै ने तुझ ्े क े िल आग, और िवयु, और उ् वदन क े विषय िे, वज् ्े तू गुजरव, और उन िसुओं क े विषय िे, वजन ्े तू अलग नाीं ाो ्कतव, पूछव ाै, तरभी तू िुझे उनकव उ्र नाीं दे ्कतव।
  • 5. 10 वफर उ् ने िुझ ्े काव, कव तू अपनी ्मव् को िरन जो तेरे ्वय बडे हए ाै उनको भी नाीं जवन ्कतव; 11 तो वफर तेरव जावज परिपरवन क े िवगय को क ै ्े ्िझने िे ्िथय ाो ्कतव ाै, और ्ं्वर जो अब बवह रप ्े भष ाो गयव ाै, उ् भषविवर को जो िेरी दवष िे सष ाै, ्िझने िे क ै ्े ्िथय ाो ्कतव ाै? 12 तब िै ने उ् ्े काव, या तो भलव ाोतव, वक ाि िावं ाी न ाोते, इ् ्े तो अचव ाोतव, वक ाि अब तक दुषतव िे पडे राते, और दुि उठवते, और न जवनते वक कों हआ। 13 उ् ने िुझे उ्र वदयव, िै जंगल िे िैदवन िे गयव, और िृझोंने ्मवत ली, 14 और काव, आओ, ाि िलकर ्िु् ्े लडे, वक िा ािवरे ्वमने ्े वनकल जवए, और ाि अपने वलये और जंगल बनव ले। 15 इ्ी रीवत ्े ्िु् की बवढ भी ्मवत करक े काने लगी, आओ, ाि िढकर िैदवन क े जंगल को अपने िश िे कर ले, वक िावं भी ाि अपने वलये एक और देश बनव ले। 16 लकडी कव वििवर वथय गयव, आग ने आकर उ्े भस कर वदयव। 17 इ्ी पकवर ्िु् की बवढ कव वििवर भी वथय ाो गयव, कोंवक रेत ने उठकर उने रोक वदयव। 18 यवद तू अब इन दोनोंक े बीि नवय करे, तो वक्े रि् ठारवनव आरम करेगव? अथिव तू वक्की वनंदव करेगव? 19 िै ने उ्र वदयव, ्ििुि उन दोनों ने जो कलनव की ाै िा िूियतवपूणय ाै, कोंवक भूवि तो लकडी क े िश िे ाो गई ाै, और ्िु् को भी अपनी बवढ ्ाने कव सथवन विल गयव ाै। 20 तब उ् ने िुझे उ्र वदयव, तू ने तो ठीक नवय वकयव ाै, परनु आप आप ाी कव नवय कों नाींकरतव? 21 कोंवक जै्े भूवि जंगल को, और ्िु् को बवढ क े वलथे दी गई ाै, िै्े ाी पृयिी पर रानेिवले पृयिी पर जो क ु छ ाै, उ्े छोड और क ु छ नाीं ्िझते; और जो आकवश क े ऊपर रातव ाै, िा क े िल बवते ाी ्िझतव ाै। जो सगय की ऊ ं िवई ्े भी ऊपर ाै। 22 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु िै तुझ ्े वबनती करतव हं, वक िुझे ्िझ दे; 23 कोंवक िेरव िन ऊ ं िे ऊ ं िे कविोंक े विषय िे क ु ढनव नाीं िवातव थव, परनु उन लोगोंक े विषय िे जो पवत वदन ािवरे पव् ्े ाोकर जवयव करते थे, अथवयत इसवएल अनजववतयोंक े कवरण वननव करक े वक् कवरण ्े पकडिवयव गयव, और वजन लोगों ्े तू ने पेि रिव, िे वक् कवरण ्े वदए गए ाै अरि् रवष् ों क े ऊपर, और ािवरे पूियजों कव कवनून कों रद कर वदयव गयव ाै, और वलखित अनुबंर वनषभविी ाो गए ाै, 24 और ाि वरव्यों की नवईं जगत ्े विर जवते ाै, और ािवरव जीिन विसय और भय कव ाोतव ाै, और दयव क े योग नाीं राते। 25 तो िा अपने नवि क े वलथे कव करेगव, वज् ्े ाि बुलवए गए ाै? िैने इनिे ्े क ु छ बवते पूछी ाै। 26 तब उ् ने िुझे उ्र देकर काव, वजतनव तू िोजेगव, उतनव ाी अवरक िवकत ाोगव; कोंवक ्ं्वर तेजी ्े विरने को ततर ाै, 27 और जो बवते रविययों ्े पवतजव की गई ाै िे भविष िे ्िझ नाीं ्कते, कोंवक या जगत अरिय और वनबयलतवओं ्े भरव हआ ाै। 28 परनु जावं तक इ् बवत कव प् ाै जो क ु छ तू िुझ ्े पूछे , िै तुझे बतवऊ ं गव; कोंवक विपव् बोई गई ाै, परनु उ्कव विनवश अभी तक नाीं हआ। 29 इ्वलये यवद जो बोयव गयव ाै िा उलरव न वकयव जवए, और वज् सवन पर बुरवई बोई गई ाै िा न विरे, तो जो भलवई बोई गई ाै िा िवप् नाीं आ ्कती। 30 कोंवक आदि क े िन िे आवद ्े बुरे बीज कव बीज बोयव गयव ाै, और उ् ्े अब तक वकतनी दुषतव उतन हई ाै? और दविने कव ्िय आने तक िा वकतनव फल उपजवएगी? 31 अब आप ाी ्ोिो, वक बुरे बीज कव अन दुषतव कव क ै ्व बडव फल लवतव ाै। 32 और जब अनवगवनत कवन कवर डवले जवएं गे, तो उन ्े वकतनव बडव फशय भर जवएगव? 33 तब िै ने उ्र वदयव, ये बवते क ै ्े और कब घरेगी? ािवरे िषय छोरे और बुरे कों ाै? 34 और उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक परिपरवन ्े अवरक उतविली न करनव; कोंवक उ्क े ऊपर पहंिने क े वलये तेरी उतविली वथय ाै, कोंवक तू बहत बढ गयव ाै। 35 कव रविययोंिे ्े लोग अपकी कोठरीिे इन बवतोंक े विषय िे न पूछते थे, वक िै कब तक इ्ी आशव िे रहंगव? ािवरे पवतफल कव फल कब आएगव? 36 और परवन सगयदू त उरीएल ने उनको इन बवतोंकव उ्र वदयव, और काव, जब तुि िे बीज वगनती िे भर गए ाों तब भी; कोंवक उ् ने जगत को तरवजू िे तोलव ाै। 37 उ् ने ्ियोंको नवप ्े नवपव; और उ् ने कवल को वगनती ्े वगन वलयव; और जब तक उय उपवय पूरव न ाो जवए, तब तक िा उने वालवतव यव वालवतव नाीं। 38 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, पभु, ाि ्ब अपविततव ्े भरे हए ाै। 39 और ािवरे कवरण कदववितत पृयिी क े रानेिवलोंक े पवपोंक े कवरण रविययोंकी िंवजले न भरीं। 40 तब उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक वक्ी गभयिती सी क े पव् जव, और जब िा नर िाीने की ाो जवए तब उ् ्े पूछ, वक कव उ्क े गभय िे बचे कव जन अवरक वदन तक बनव राेगव। 41 तब िै ने काव, नाीं ाे पभु, िा ऐ्व नाीं कर ्कती। और उ् ने िुझ ्े काव, कब िे पवणों की कोठररयवं सी क े गभय क े ्िवन ाै। 42 कोंवक जै्े जचव सी प्ि पीडव ्े बिने क े वलये उतविली करती ाै, िै्े ाी ये सथवन भी उन कविों को पहंिवने िे उतविली करते ाै जो उने ्रंपव गयव ाै। 43 आरम ्े देि, जो क ु छ तू देिनव िवातव ाै िाी तुझे वदिवयव जवएगव। 44 तब िै ने उ्र वदयव, यवद तेरे अनुगा की दवष िुझ पर ाो, और ाो ्क े , और इ् कवरण िै योग ाोऊ ं , 45 तो िुझे वदिव, वक जो बीत गयव, उ् ्े अवरक आनेिवलव ाै, यव जो बीत गयव, उ् ्े अवरक जो बीत िुकव ाै। 46 जो बीत गयव उ्े िै जवनतव हं, परनु जो आनेिवलव ाै उ्े िै नाीं जवनतव। 47 और उ् ने िुझ ्े काव, दववानी ओर िडव ाो, और िै उ्कव सरप तुझे ्िझवऊ ं गव। 48 तब िै िडव हआ, और कव देिव, वक एक जलतव हआ तनदू र िेरे ्वमने ्े ाोकर गुजर राव ाै; और जब आग बुझ गई, तब िै ने दवष की, और कव देिव, वक रुआं अब भी बनव हआ ाै। 49 इ्क े बवद एक जलिय बवदल िेरे ्वमने ्े ाोकर वनकलव, और आूरी क े ्वथ बहत िषवय बर्वई; और जब तूफवनी िषवय बीत गई, तब बूंदे खसथर राीं। 50 तब उ् ने िुझ ्े काव, आप ाी वििवर कर; जै्े िषवय बूंदों ्े अवरक ाै, और आग रुएू ्े अवरक ाै; परनु बूूदे और रुआू पीछे रा गए: इ् पकवर जो िवतव बीत गई िा और भी अवरक ाो गई। 51 तब िै ने पवथयनव करक े काव, कव िै उ् ्िय तक जीवित रा ्कतव हं? यव उन वदनों िे कव ाोगव?
  • 6. 52 उ् ने िुझे उ्र वदयव, जो विन तू िुझ ्े पूछतव ाै, िै उनको क ु छ तो बतव ्कतव हं, परनु तेरे पवण क े विषय िे िै तुझे बतवने क े वलये नाीं भेजव गयव हं; कोंवक िै या नाीं जवनतव। अध्य 5 1 वफर भी जै्े विन आते ाै, देिो, ऐ्े वदन आएं गे, वक पृयिी क े रानेिवले बडी ्ंखव िे ले वलए जवएं गे, और ्त कव िवगय वछप जवएगव, और देश विशव् ्े बंजर ाो जवएगव। 2 परनु अरिय उ् ्े भी बढ जवएगव जो तू ने अब देिव, िव बहत पवाले ्े ्ुनव ाै। 3 और वज् भूवि को तू अब जड पकडतव देितव ाै िा अिवनक उजडती हई देिेगव। 4 परनु यवद परिपरवन तुझे जीवित राने दे, तो ती्री तुराी क े बवद तू देिेगव वक रवत को ्ूयय और वदन को तीन बवर िनिव ििक े गव। 5 और लकडी िे ्े लोह रपक े गव, और पतर ्े उ्कव श् वनकलेगव, और लोग ववक ु ल ाोंगे; 6 और िा पभुतव करेगव, वज्की बवर जोाते हए पृयिी पर राते ाै, और प्ी एक ्ंग उड जवएं गे; 7 और ्दोविश ्िु् ्े िछवलयवू वनकलेगी, और रवत को ऐ्व श् ाोगव, वज्े बहत लोग न जवनते ाोंगे; परनु ्ब उ्कव श् ्ुनेगे। 8 और जगा-जगा ालव ििेगव, और आग बवर-बवर भडक उठे गी, और जंगली जवनिर अपनव सवन बदल लेगे, और रजसलव खसयवं रव््ों को जन देगी। 9 और िीठे िे िवरव जल विलेगव, और ्ब वित एक दू ्रे को नवश करेगे; तब बुखू वछप जवएगी, और बुखू अपने गुर क् िे िली जवएगी, 10 और बहतों ्े ढूंढने पर भी न विलतव; तब अरिय और अ्ंयि पृयिी पर बहत बढ जवएं गे। 11 एक देश दू ्रे देश ्े पूछे गव, और काेगव, कव िा रिय जो िनुष को रि् बनवतव ाै, लुर ाो गयव? तुमवरे िवधि ्े? और या काेगव, नाीं. 12 उ्ी ्िय िनुष आशव तो रिेगे, परनु क ु छ न पवएं गे; िे पररशि तो करेगे, परनु उनकी िवल ्फल न ाोगी। 13 िुझे ऐ्ी ाी वनशववनयवं तुझे वदिवने की आजव ाै; और यवद तू वफर पवथयनव करेगव, और अब की भवूवत रोएगव, और कई वदन तक उपिव् करेगव, तो तू और भी बडी बवते ्ुनेगव। 14 तब िै जवग उठव, और िेरे ्वरे शरीर िे अतन भय ववर ाो गयव, और िेरव िन ववक ु ल ाो गयव, यावं तक वक िै िूवछय त ाो गयव। 15 तब जो दू त िुझ ्े बवते करने को आयव यव, उ् ने िुझे पकडकर शवखन दी, और पवंिोंक े बल िडव वकयव। 16 और दू ्री रवत को ऐ्व हआ, वक पजव कव परवन ्लवतीएल िेरे पव् आकर काने लगव, तू कावं थव? और तेरव िुि इतनव भवरी कों ाै? 17 कव तू नाीं जवनतव, वक इसवएल बनुिवई क े देश िे तेरे िश िे ाो गयव ाै? 18 ्ो तुि रोरी िवओ, और उ् िरिवाे क े ्िवन ािे न तवगो जो अपनी भेड-बकररयों को क ू र भेवडयोंक े िश िे छोड देतव ाै। 19 तब िै ने उ् ्े काव, िेरे पव् ्े ार जव, और िेरे वनकर न आ। और जो क ु छ िै ने काव िा उ् ने ्ुन वलयव, और िेरे पव् ्े िलव गयव। 20 और इ् पकवर िै ने उरीएल दू त की आजव क े अनु्वर विलवप करते और रोते हए ्वत वदन तक उपिव् वकयव। 21 और ्वत वदन क े बवद ऐ्व हआ, वक िेरे िन कव वििवर वफर िुझे बहत दु:ि देने लगव। 22 और िेरे िन िे ्िझ की आतव वफर आ गई, और िै वफर परिपरवन ्े बवते करने लगव। 23 और काव, ाे पभु, पृयिी क े ्ब िृ्ोंऔर ्ब िृ्ोंिे ्े तू ने एक ाी दविलतव को िुन वलयव ाै; 24 और ्वरे जगत क े ्ब देशोंिे ्े तू ने एक गडाव, और उ्क े ्ब फ ू लोंिे ्े एक ्ो्न कव फ ू ल िुन वलयव। 25 और ्िु् क े ्ब गवारे सथवनोंिे ्े एक नदी को तू ने भर वलयव ाै; और ्ब ब्वए हए नगरोंिे ्े तू ने व्योन को अपने वलये पवित कर वलयव ाै; 26 और वजतने प्ी उतन हए उन िे ्े तू ने एक कबूतर रिव, और वजतने पशु उतन हए उन िे ्े एक भेड तू ने रि ली। 27 और तू ने ्वरी भीड क े बीि िे एक जववत बनव ली; और इन लोगोंको, वजन ्े तू ने पेि रिव, तू ने ऐ्ी विसथव दी जो ्ब को भवती ाै। 28 और अब, ाे पभु, तू ने इ् एक को बहतों क े ावथ िे कों कर वदयव? और एक ाी िूल पर तू ने औरोंको तैयवर वकयव, और अपने एक ाी िंश को बहतोंिे कों वततर-वबतर वकयव ाै? 29 और जो तेरी पवतजवओं ्े िुकर गए, और तेरी िविवओं की पतीवत नाीं करते थे, उनोंने उनको ररंद डवलव ाै। 30 यवद तू ने अपकी पजव ्े इतनव बैर रिव, तो कव तुझे अपक े ाी ावथ ्े उनको दण देनव िववाए? 31 जब िै ये बवते का िुकव, तो जो दू त वपछली रवत को िेरे पव् आयव, िा िेरे पव् भेजव गयव। 32 और िुझ ्े काव, िेरी ्ुन, और िै तुझे व्िवऊ ं गव; जो क ु छ िै कातव हं उ्े ्ुनो, और िै तुमे और भी बतवऊ ं गव। 33 और िै ने काव, ाे िेरे पभु, बोल। तब उ् ने िुझ ्े काव, तू इसवएल क े कवरण िन िे बडव ववक ु ल ाोतव ाै; कव तू उन लोगों्े उनक े रिनेिवले ्े अवरक पेि रितव ाै? 34 और िै ने काव, नाीं ाे पभु; परनु िै ने बडे दु:ि क े विषय िे काव ाै; कोंवक जब िै परिपरवन क े िवगय को ्िझने, और उ्क े नवय कव भवग ढूंढने कव पयर करतव हं, तब िेरी लगवि पवत घडी िुझे दु:ि देती ाै। 35 और उ् ने िुझ ्े काव, तू नाीं कर ्कतव। और िैने काव, कों, पभु? वफर िेरव जन कावं हआ? यव िेरी िवू क े गभय िे ाी िेरी कब कों न हई, वक िै यवक ू ब कव कष, और इसवएल क े पशुओं कव कवठन पररशि न देि पवतव? 36 और उ् ने िुझ ्े काव, जो बवते अब तक घरी नाीं, उने वगन ले, और जो क ू डव इरर उरर वबिरव हआ ाै, उ्े ्िेर ले, और जो फ ू ल िुरझव गए ाै उने वफर ्े ारव कर दे। 37 जो सथवन बन ाै उने िेरे वलये िोल दे, और जो ािवएं उन िे बन ाै उने िेरे वलये बवार ले आ, िुझे िवणी कव सरप वदिव; और तब िै जो क ु छ तू जवननव िवातव ाै िा तुझ को बतवऊ ं गव। 38 और िै ने काव, ाे पभु, पभु, पभु, इन बवतों को करन जवन ्कतव ाै, परनु िा जो िनुषों क े बीि िे न रातव ाो? 39 और िै तो वनबुयखू हं; ्ो जो तू िुझ ्े पूछतव ाै, उ्क े विषय िे िै कोंकर कहं? 40 तब उ् ने िुझ ्े काव, जै्े तू इन बवतोंिे ्े क ु छ भी नाीं कर ्कतव, जो िै ने काव ाै, िै्े ाी तू िेरव नवय, यव अन िे उ् पेि कव पतव नाीं लगव ्कतव, वज्कव ििन िै ने अपनी पजव ्े वदयव ाै। 41 और िै ने काव, ाे पभु, देि, कव तू अब भी उन लोगों क े वनकर ाै जो अन तक बिे राेगे; और जो िुझ ्े पवाले थे, यव ाि जो अब ाै, यव जो ािवरे बवद आएं गे िे कव करेगे?
  • 7. 42 और उ् ने िुझ ्े काव, िै अपनव नवय कडे क े ्िवन कर ं गव; जै्े पवाले िे वढलवई नाीं, िै्े ाी पवाले िे फ ु त् नाीं। 43 इ्वलये िै ने उ्र वदयव, कव तू उने जो बन िुकव ाै और अभी बनव हआ ाै, और जो आनेिवलव ाै, तुरन नाीं बनव ्कतव; तववक आप अपनव वनणयय शीघ बतव ्क े ? 44 तब उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक पवणी बनवनेिवले ्े अवरक उतविली न करे; न ाी दुवनयव उने तुरंत पकड ्कती ाै जो उ्िे बनवई जवएगी। 45 और िै ने काव, जै्व तू ने अपक े दव् ्े काव यव; वक तू जो ्ब को वजलवतव ाै, उ् ने जो ्ृषी तू ने बनवई, उ् को तुरन वजलव वदयव, और उ् ्ृषी ने उ्े जन वदयव, िै्े ाी अब भी िा उन को वजलवएगव। अब तुरन उपखसथत ाोइये। 46 और उ् ने िुझ ्े काव, सी क े गभय ्े पूछ, और उ् ्े का, यवद तू ्नवन उतन करती ाै, तो एक ्वथ कों नाीं, परनु एक क े पीछे एक करक े उतन करती ाै? इ्वलये उ््े पवथयनव करो वक िा द् ्नवन उतन करे n एक ाी बवर िे. 47 और िै ने काव, िा नाीं कर ्कती: िरन ्िय की दू री क े कवरण अिश ाै। 48 तब उ् ने िुझ ्े काव, िै्े ाी िै ने पृयिी की कोि उन को दी ाै जो उ् िे अपने अपने ्िय पर बोए जवते ाै। 49 कोंवक वज् पकवर छोरव बवलक बूढों की िसुएं उतन नाीं कर ्कतव, उ्ी पकवर िै ने अपने रिे हए जगत को नष कर वदयव ाै। 50 और िै ने पूछव, वक अब तू ने िुझे िवगय दे वदयव ाै, इ्वलये िै तुझ ्े आगे बोलूंगव; कोंवक ािवरी िवतव, वज्क े विषय िे तू ने िुझ ्े काव थव, वक िा जिवन ाै, अब बूढी ाोने पर ाै। 51 उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक वक्ी गभयिती सी ्े पूछ, और िा तुझ ्े काेगी। 52 उ् ्े का, वक वजने तू ने अब वनकवलव ाै िे पवाले क े ्िवन कों ाो गए, परनु कद िे छोरे ाै? 53 और िा तुझे उ्र देगी, वक जो जिवनी क े ्िय िे जन लेते ाै, िे एक रीवत क े ाोते ाै, और जो बुढवपे क े ्िय, जब गभय रू र जवतव ाै, िे उतन ाोते ाै, िे दू ्री रीवत क े ाोते ाै। 54 इ्वलये इ् पर भी वििवर करो, वक तुि जो तुि ्े पवाले थे, उन ्े कि कद क े ाो। 55 और जो तुमवरे बवद तुमवरे बवद आते ाै, िे तुि ्े भी छोरे ाै, जै्े िे पवणी जो अब बूढे ाोने लगे ाै, और जिवनी की तवकत भी पवर कर िुक े ाै। 56 तब िै ने काव, ाे पभु, िै तुझ ्े वबनती करतव हं, यवद तेरे अनुगा की दवष िुझ पर ाो, तो अपक े उ् दव् को बतव, वज्क े ्वरव तू अपनी ्ृषी की ्ुवर लेतव ाै। अध्य 6 1 और उ् ने िुझ ्े काव, आरम िे, जब पृयिी बनी, और जगत की ्ीिवएं थिने ्े पवाले, िव पिने िलती थीं, 2 इ््े पवाले वक बवदल गरजे और वबजली ििक े , िव सगय की नेि डवली गई, 3 इ््े पाले वक ्ुनर फ ू ल वदिवई पडते थे, िव िलती-वफरती शखययवू पगर ाोती थीं, और सगयदू तों की अनवगनत भीड इकटी ाोती थी, 4 िव आकवश की िवपोंक े नवि पवाले ्े पवाले ्े आकवश की ऊ ं िवइयवं ऊपर उठती थीं, िव व्योन की वििवनयवं कभी जलती थीं, 5 और जब ्े ितयिवन िष् की िोज की गई, और िव उन क े आविषवर हए, वक अब पवप को िोड वदयव गयव, पवाले उन पर िुार की गई, वक उनोंने भणवर क े वलथे विशव् इकटव वकयव ाै: 6 तब िै ने इन बवतों पर वििवर वकयव, और िे ्ब िेरे ाी ्वरव, वक्ी और क े ्वरव उतन नाीं हए: िे भी िेरे ाी ्वरव ्िवर ाोंगे, और वक्ी और क े ्वरव नाीं। 7 तब िै ने उ्र वदयव, ्ियोंक े अलग ाोने कव कव लवभ ाोगव? यव पवाले कव अन और उ्क े बवद कव आरम कब ाोगव? 8 और उ् ने िुझ ्े काव, इबवाीि ्े इ्ावक तक, जब यवक ू ब और उ् ्े ए्वि उतन हए, तब यवक ू ब ने पाले ावथ ्े ए्वि की एडी को पकडव। 9 कोंवक ए्वि जगत कव अन ाै, और यवक ू ब उ्क े पीछे कव आवद ाै। 10 िनुष कव ावथ एडी और ावथ क े बीि िे ाै; ाे एस्व, तू दू ्रव प् न पूछ। 11 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, पभु, यवद तेरे अनुगा की दवष िुझ पर ाो, 12 िै तुझ ्े वबनती करतव हं, वक तू अपने दव् को अपनी उन वनशववनयों कव अन वदिव दे, वजनकव भवग तू ने िुझे वपछली रवत को वदिवयव थव। 13 तब उ् ने िुझ ्े काव, अपक े पवंिोंक े बल िडव ाो, और ऊ ं िे श् कव श् ्ुन। 14 और या िवनो एक बडव आंदोलन ाोगव; परनु वज् सथवन पर तू िडव ाो, उ् सथवन ्े न ारनव। 15 इ्वलये जब िा बोले, तो ित डरनव; कोंवक ििन अन कव ाै, और पृयिी की नेि कव जवन ाो गयव ाै। 16 और कों? कोंवक इन िसुओं की िवणी थरथरवती और ्वित ाोती ाै; कोंवक िा जवनतव ाै, वक इन िसुओं कव अन अिश बदल जवएगव। 17 और ऐ्व हआ, वक जब िै ने या ्ुनव, तो अपक े पवंिोंक े बल िडव हआ, और कवन लगवयव, और कव देिव, वक कोई श् बोल राव थव, और उ्कव श् बहत जल क े श् क े ्िवन थव। 18 और उ् ने काव, देि, ऐ्े वदन आते ाै, वक िै वनकर जवकर पृयिी क े रानेिवलोंकी ्ुवर लूंगव। 19 और उन ्े पूछनव आरम करेगे, वक िे करन ाै वजनोंने अपने अरिय ्े अनवय वकयव ाै, और व्योन कव दु:ि कब पूरव ाोगव; 20 और जब जगत, जो लुर ाोने को ाै, ्िवर ाो जवएगव, तब िै ये विन वदिवऊ ं गव: आकवश क े ्वमने पुसक े िोली जवएं गी, और िे ्ब एक ्वथ देिेगे; 21 और एक-एक िषय क े बवलक ऊ ं िे श् ्े बोलेगे, और गभयिती खसयवं तीन यव िवर िाीने क े बेिक बचे जनेगी, और िे जीवित राकर बडे वकए जवएं गे। 22 और जो िेत बोए गए थे िे अिवनक वबन बोए हए वदिवई देगे, और भरे हए भणवर अिवनक ्ूने पवए जवएं गे; 23 और नरव्ंगे कव श् ाोगव, वज्े ्ुनकर ्ब एकवएक डर जवएं गे। 24 उ् ्िय वित शतु की नवईं एक दू ्रे ्े लडेगे, और पृयिी अपने रानेिवलों्िेत स् ाो जवएगी, और ्ोतों क े ्ोते बन ाो जवएं गे, और तीन घडी तक न िलेगे। 25 जो कोई इन ्ब बवतोंिे ्े जो िै ने तुि ्े काव ाै बि जवए, िा बि वनकलेगव, और िेरव उूवर और तेरे जगत कव अन देिेगव। 26 और जो िनुष गाण वकए जवएं गे, वजनोंने जन ्े िृतु कव सवद नाीं ििव, िे इ्े देिेगे; और वनिवव्यों कव िन बदल जवएगव, और दू ्रे अथय िे बदल जवएगव। 27 कोंवक बुरवई दू र की जवएगी, और छल कव अन वकयव जवएगव। 28 जावं तक विशव् की बवत ाै, िा फलेगव-फ ू लेगव, भषविवर दू र ाोगव, और ्त, जो बहत वदनों ्े वनषल राव ाै, घोवषत वकयव जवएगव।
  • 8. 29 और जब उ् ने िुझ ्े बवते कीं , देिो, िै वज्क े ्वमने िडव थव, उ् पर थोडी-थोडी दवष करतव राव। 30 और उ् ने िुझ ्े ये बवते काीं; िै तुमे आने िवली रवत कव ्िय बतवने आयव हू। 31 यवद तू वफर भी पवथयनव करे, और ्वत वदन कव उपिव् करे, तो िै जो िै ने ्ुनव ाै, उ् ्े भी बडी बवते तुझे पवत वदन बतवऊ ं गव। 32 कोंवक तेरी िवणी परिपरवन क े ्वमने ्ुनी जवती ाै; कोंवक परवकिी ने तेरे रियिय कवि को देिव ाै, और तेरी पविततव को भी देिव ाै, जो तू लडकपन ्े लेकर आज तक ाै। 33 इ्वलये उ् ने िुझे ये ्ब बवते तुझे वदिवने और या काने को भेजव ाै, वक ढवढ् रिो, और ित डरो। 34 और बीते वदनों क े अनु्वर वथय बवते ्ोिने िे उतविली न करो, ऐ्व न ाो वक तुि बवद क े वदनों िे उतविली करो। 35 और इ्क े बवद ऐ्व हआ, वक िै वफर रोयव, और उ्ी रीवत ्े ्वत वदन तक उपिव् वकयव, वक जो तीन ्रवा उ् ने िुझ ्े काे थे उनको पूरव कर ं । 36 और आठिीं रवत को िेरव िन वफर ववक ु ल हआ, और िै परिपरवन क े ्वमने बोलने लगव। 37 कोंवक िेरव िन बहत जल गयव, और िै ्ंकर िे पड गयव। 38 और िै ने काव, ाे पभु, तू ने तो ्ृवष क े आरम ्े, िरन पवाले वदन ्े ाी काव, और यों काव; सगय और पृथी बनवये; और तेरव ििन उ्ि कवि वनकलव। 39 और तब आतव पगर हई, और िवरों ओर अखनयवरव और ्नवरव छव गयव; िनुष की आिवज की धवन अभी तक नाीं बनी थी। 40 तब तू ने अपने भणवरों िे ्े उवजयवले को वनकलने की आजव दी, वक तेरव कवि पगर ाो। 41 दू ्रे वदन तू ने आकवशिणल की आतव बनवकर उ्े दो भवगों िे बवूरने, और जल क े बीि दो भवग करने की आजव दी, वक एक तो ऊपर उठे , और दू ्रव नीिे राे। 42 ती्रे वदन तू ने आजव दी, वक जल पृयिी की ्वतिीं पृयिी पर इकटव वकयव जवए; और छ: पृयिी ्ुिवकर रि छोडव, वक उन िे ्े क ु छ परिेशर की ओर ्े बोयव और जोतव जवए, और तेरे कवि आए। 43 कोंवक तेरव ििन फ ै लते ाी कवि पूरव ाो गयव। 44 कोंवक तुरन बहत ्े बडे और अनवगवनत फल, और बहत ्े और भवंवत भवंवत क े सवद क े ्ुि, और न बदलने िवले रंग क े फ ू ल, और अदभुत ्ुगन क े फ ू ल उग आए: और ती्रे वदन ऐ्व ाी हआ। 45 िरथे वदन तू ने आजव दी, वक ्ूयय ििक े , और िवन कव पकवश ाो, और तवरे कि िे ाों; 46 और उने िनुष की ्ेिव करने कव आदेश वदयव, जो वकयव जवनव थव। 47 पवंििे वदन तू ने ्वतिे भवग ्े, जावं जल इकटव ाोतव थव, काव, वक उ् ्े जीवित पवणी, प्ी, और िछवलयवं उतन ाों; और िै्व ाी ाो गयव। 48 कोंवक परिेशर की आजव ्े गूंगव जल और वनज्ि पवणी जीवित पवणी उतन हए, वक ्ब लोग तेरे आशययकि् की सुवत करे। 49 वफर तू ने दो जीवित पवणी ठारवए, एक कव नवि तू ने ानोक रिव, और दू ्रे कव लेविथवन; 50 और एक को दू ्रे ्े अलग वकयव, इ्वलये वक ्वतिवं भवग अथवयत जावं जल इकटव ाोतव थव, उन दोनों को न रोक ्क े । 51 तू ने ानोक को एक भवग वदयव, जो ती्रे वदन ्ूि गयव, वक िा उ्ी भवग िे वनिव् करे, वज् िे ाजवरों पाववडयवं ाै। 52 परनु तू ने वलबवतवन को ्वतिवं भवग अथवयतत गीलव भवग वदयव; और उ्े रि छोडव ाै, वक तू वज् ्े िवाे, और जब िवाे, तब उ्े फवड डवले। 53 छठिे वदन तू ने पृयिी को आजव दी, वक िा तेरे ्वमने पशुओं, और घरेलू पशुओं, और रेगनेिवले जनुओं को उतन करेगी। 54 और इनक े बवद आदि भी हआ, वज्े तू ने अपकी ्वरी ्ृषी कव सविी ठारवयव; उ्ी ्े ाि ्ब वनकले, िरन िा पजव भी, वज्े तू ने िुन वलयव। 55 ाे याोिव, िै ने या ्ब तेरे ्वमने इ्वलये काव ाै, वक तू ने ािवरे वलये जगत बनवयव ाै 56 और और लोगोंक े विषय िे जो आदि की ्नवन ्े आए, तू ने काव, वक िे क ु छ नाीं, िरन थूकने क े ्िवन ाै; और उनकी बहतवयत को बतयन िे ्े वगरी हई बूंद क े ्िवन ठारवयव ाै। 57 और अब, ाे पभु, देिो, ये अनजववतयवं, जो कभी तुच ्िझी जवती थीं, ाि पर पभुतव करने लगी ाै, और ािे वनगलने लगी ाै । 58 परनु ाि तेरी पजव क े लोग, वजने तू अपनव पवालरठव, और अपनव एकलरतव, और अपनव पेिी कातव ाै, उनक े िश िे कर वदए जवते ाै। 59 यवद जगत अब ािवरे वलये रिव गयव ाै, तो जगत िे ािवरव भवग कों न ाो? या कब तक ्ानव पडेगव? अध्य 7 1 और जब िै ये बवते का िुकव, तो जो सगयदू त वपछली रवत को िेरे पव् भेजव गयव यव, िा िेरे पव् भेजव गयव। 2 और उ् ने िुझ ्े काव, ाे एस्व्, उठ, और जो बवते िै तुझ ्े काने को आयव हं ्ुन। 3 और िै ने काव, ाे िेरे परिेशर, बोल। तब उ् ने िुझ ्े काव, ्िु् िरडे सवन िे बनव ाै, इ्वलये िा गवारव और बडव ाो गयव ाै। 4 परनु पिेश ्वर ्ंकरव और नदी क े ्िवन थव; 5 वफर करन ्िु् िे जवकर उ् पर दवष कर ्क े , और उ् पर पभुतव कर ्क े ? यवद िा ्ंकीणय िे नाीं गयव, तो विसृत िे क ै ्े आ ्कतव ाै? 6 और भी एक बवत ाै; एक नगर ब्वयव गयव, और िरडे िैदवन िे ब्वयव गयव, और ्ब अची िसुओं ्े पररपूणय ाै; 7 उ्कव पिेश ्वर ्करव ाै, और वगरने क े भय ्े ऐ्व बनव ाै, िवनो दववानी ओर आग ाो, और बवईं ओर गवारव जल ाो: 8 और उन दोनों क े बीि एक ाी िवगय, यावं तक वक आग और पवनी क े बीि, इतनव छोरव वक क े िल एक रवसव ाो ्कतव थव नाीं यवर तुरंत िावं जवओ. 9 यवद या नगर अब वक्ी िनुष को वनज भवग करने क े वलथे वदयव गयव ाै, और िा इ्क े ्वमने आए ितरे ्े कभी न भवगव, तो उ्े या वनज भवग कोंकर विलेगव? 10 और िै ने काव, ाे पभु ऐ्व ाी ाै। तब उ् ने िुझ ्े काव, इसवएल कव भवग भी ऐ्व ाी ाै। 11 कोंवक िै ने उनीं क े वलये जगत को बनवयव; और जब आदि ने िेरी विवरयोंकव उलंघन वकयव, तब जो आजव दी गई, िा अब पूरी ाो गई। 12 तब इ् जगत क े ्वर ्ंकरे, और दु:ि और कष ्े भरे हए कर वदए गए; िे थोडे ाी ाै, और बुरे ाै, और ्ंकरों ्े भरे हए ाै, और बहत दु:िदवयी ाै। 13 कोंवक पविीन जगत क े पिेश ्वर िरडे और दढ थे, और अिर फल लवते थे। 14 ्ो यवद जीवित लोग इन वनकमी और वथय िसुओं िे पिेश करने क े वलये पररशि न करे, तो जो क ु छ उनक े वलये रिव गयव ाै उ्े कदववप न पव ्क े गे। 15 इ्वलये अब तू कों ववक ु ल ाोतव ाै, कोंवक तू तो नवशिवन िनुष ाै? और तू कों नष ाो गयव, जबवक तू तो नशर ाै?
  • 9. 16 तू ने अपने िन िे इ् ्िय की बवत को छोड, जो आनेिवली ाै, कों नाीं ्ोिी? 17 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, ाे पभु, तू ने अपनी विसथव िे या ठारवयव ाै, वक रि् इन िसुओंक े अवरकवरनेी ाों, परनु भखयाीन नवश ाों। 18 तरभी रि् ्ंकर िे तो दु:ि उठवएं गे, और दू र की आशव रिेगे; कोंवक वजनोंने दुषतव की ाै, िे दु:ि ाी तो उठवएं गे, तरभी दू र कव िुंा न देि ्क े गे। 19 और उ् ने िुझ ्े काव; परिेशर ्े बडव कोई नवयवरीश नाीं ाै, और ्ि्च ्े बढकर कोई भी ्िझ रिने िवलव नाीं ाै। 20 कोंवक बहत ्े लोग इ्ी जीिन िे नवश ाो जवते ाै, कोंवक िे परिेशर की उ् विसथव कव वतरसवर करते ाै जो उने दी गई ाै। 21 कोंवक परिेशर ने आनेिवलोंको ्ख आजव दी ाै, वक जै्व िे आए ाै िै्व ाी जीवित राने क े वलये कव करे, और दण ्े बिने क े वलये वक् बवत कव पवलन करे। 22 तरभी उनोंने उ्की आजव न िवनी; परनु उ्क े विरू बवते कीं, और वथय बवते कलनव कीं; 23 और अपने बुरे कविोंक े ्वरव अपने आप को रोिव वदयव; और परिपरवन क े विषय िे काव, वक िा नाीं ाै; और उ्की िवल नाीं जवनतव थव; 24 परनु उनोंने उ्की विसथव को तुच जवनव, और उ्की िविवओं को तुच जवनव ाै; िे उ्की विवरयोंपर विशव्योग नाीं राे, और उ्क े कवि नाीं वकए। 25 और इ्वलए, एसड ् व्, िवली क े वलए िवली िीजे ाै, और भरे हए क े वलए पूरी िीजे ाै। 26 देि, िा ्िय आएगव, वक ये विन जो िै ने तुझ ्े काव ाै पूरे ाोंगे, और दुलन पकर ाोगी, और जो अब पृयिी पर ्े वनकवली गई ाै, वदिवई देगी। 27 और जो कोई उपरोय बुरवइयों ्े छु रकवरव पवएगव िा िेरे आशययकिय देिेगव। 28 कोंवक िेरव पुत यीशु अपने ्ववथयोंक े ्वय पगर ाोगव, और जो बिे राेगे िे िवर ्र िषय तक आनन करेगे। 29 इन िष् क े बवद िेरव पुत ि्ीा, और ्ब पवणी जो जीवित ाै, िर जवएं गे। 30 और जगत पवाले नवय क े ्िवन ्वत वदन क े वलये खविोशी िे बदल जवएगव, यावं तक वक कोई भी न बिेगव। 31 और ्वत वदन क े बवद जगत िे जो अब तक नाीं जवगेगव, िा उठ िडव ाोगव, और जो भष ाो िा िर जवएगव। 32 और पृयिी अपने िे ्ोए हओं को फ े र देगी, और रूल उनको जो िुपिवप ब् गए ाै, और गुर सथवन उन पवणों को बिव लेगे जो उनको ्रंपे गए ाै। 33 और परिपरवन नवय आ्न पर पकर ाोगव, और दुि दू र ाो जवएगव, और लंबे ्िय की पीडव कव अंत ाो जवएगव: 34 परनु नवय कवयि राेगव, ्त खसथर राेगव, और विशव् दढ राेगव; 35 और कवि कव पवलन वकयव जवएगव, और पवतफल वदिवयव जवएगव, और अचे किय पभविशवली ाोंगे, और दुष कि् पर शव्न न वकयव जवएगव। 36 तब िै ने काव, पवाले इबवाीि ने ्दोवियोंक े वलये और िू्व ने उन बवपदवदोंक े वलये जो जंगल िे पवप करते थे पवथयनव की। 37 और आकवन क े ्िय िे यीशु इसवएल की ओर ्े उ्क े पीछे ाो वलयव; 38 और विनवश क े वलथे शिूएल और दवऊद, और पवितसथवन िे आनेिवलोंक े वलथे ्ुलैिवन। 39 और िेा बर्वनेिवलोंक े वलथे ाेवलयव्; और िरे हओं क े वलये, वक िा जीवित राे: 40 और ्नेरीब क े ्िय िे लोगोंकी ओर ्े वाजवकयवा, और बहतोंक े वलथे बहत। 41 ्ो अब भी जब देिव वक वबगवड बढ गयव ाै, और दुषतव बढ गई ाै, और रि् दुषों क े वलये पवथयनव करने लगे, तो अब भी ऐ्व कों न ाो? 42 उ् ने िुझे उ्र वदयव, वक या ितयिवन जीिन अन नाीं ाै, जावं बडी िवािव बनी राेगी; इ्वलए उनोंने किजोरों क े वलए पवथयनव की ाै। 43 परनु विनवश कव वदन इ् ्िय कव अन ाोगव, और आनेिवले अिरत कव आरम ाोगव, वज् िे विनवश विर जवएगव, 44 अ्ंयि कव अन ाो जवतव ाै, विशव्घवत कव नवश ाोतव ाै, रिय बढतव ाै, और ्चवई उगती ाै। 45 तब कोई नवश वकए हए को बिव न ्क े गव, और जो जय को पवर ाो उ् पर अनेर कर ्क े गव। 46 तब िै ने उ्र वदयव, या िेरी पवाली और अखनि बवत ाै, वक या भलव ाोतव, वक आदि को पृयिी न दी जवती; नाीं तो जब िा दी गई, तो उ्े पवप करने ्े रोक देतव। 47 कोंवक इ् ्िय िनुष को कष िे राने और िरने क े बवद दण की आशव करने ्े कव लवभ? 48 ाे आदि, तू ने कव वकयव ाै? यदवप तू ाी ने पवप वकयव ाै, तरभी तू अक े लव नाीं, परनु ाि ्ब जो तुझ ्े उतन हए ाै, पवप िे वगरे ाै। 49 कोंवक यवद ाि ्े अिर ्िय की पवतजव की जवए, तो ािे कव लवभ कव ाि ने िे कवि वकए ाै जो िृतु लवते ाै? 50 और ाि ्े अनन आशव की पवतजव की गई ाै, और ाि तो बडे ाी दुष ाोकर वथय ठारे ाै? 51 और ािवरे वलथे सवव और वनडरतव क े घर तैयवर वकए गए ाै, और ाि दुषतव ्े जी राे ाै? 52 और परिपरवन की िवािव उनकी र्व क े वलये बनी राती ाै, वजनोंने ्विरवन जीिन वतीत वकयव ाै, जबवक ाि ्ब ्े अवरक बुरे िवग् पर िले ाै? 53 और िावं एक ऐ्व सगय वदिवयव जवए, वज्कव फल ्ियदव बनव राे, वज् िे ्ुर्व और औषवर ाै, कोंवक ाि उ् िे पिेश करने न पवएं गे? 54 (कोंवक ाि अवपय सथवनों िे िले ाै।) 55 और उन लोगों क े िेारे जो पराेजगवर ाै तवरों ्े अवरक ििक े गे, और ािवरे िेारे अखनयवरे ्े भी अवरक कवले ाोंगे? 56 कोंवक जब तक ाि जीवित राे, और अरिय करते राे, तो या नाीं ्ोिव, वक िरने क े बवद उ्कव फल भोगे। 57 तब उ् ने िुझे उ्र देकर काव, युू की रीवत या ाै, वक जो िनुष पृयिी पर उतन ाो िा लडेगव; 58 वक यवद िा जीत जवए, तो तेरे काने क े अनु्वर दुि उठवए; परनु यवद िा जीत जवए, तो जो क ु छ िै कातव हं, िा िवन लेगव। 59 कोंवक या िा जीिन ाै, वज्क े विषय िे िू्व ने अपने जीवित राते लोगों्े काव यव, वक जीिन को ाी िुन लो, वक तुि जीवित राो। 60 तरभी न उनोंने उ् की पतीवत की, और न उ्क े बवद क े भविष्यवओं की, और न िुझ की, वजनोंने उन ्े बवते की। 61 वक उनक े नवश िे इतनव भवरीपन न ाो, वजतनव उूवर की आशव करनेिवलों को आनन ाोगव। 62 तब िै ने उ्र वदयव, ाे पभु, िै जवनतव हं, वक परिपरवन दयवलु कालवतव ाै, वक िा उन पर भी दयव करतव ाै जो अब तक जगत िे नाीं आए। 63 और उन पर भी जो उ्की विसथव की ओर वफरते ाै; 64 और िा रैययिवन ाै, और अपने पववणयों की नवईं पवप करने िवलों को रीरज ररतव ाै; 65 और िा उदवर ाै, कोंवक जावं जररत ाो िा देने को तैयवर ाै;