3. अण्डण्डमान का एै निहानिक पृष्टगभूमनम:
नाम िे जाना जािा था। िमय गभुजरने क
े िाथ िाथ इिक
े नाम में ूी पररवितन होिा
गभया । पहली शिाब्दी में इि जगभह को अअण्डडमान िथा ननकोबार का इनिहाि
रामायण काल िे ही प्रारम्भो हुआ है । रामायण काल में इिे हण्डुकमान गभादेमन नाम
िे पुकारा जािा था और टलेमी क
े अनुिार इिका नाम अंगभादेमन था। नवश्वा क
े नवनून्ना
ूागभों िे पयतटको ने यह ं का भ्रमण नकया। अरब भ्रमणकाररयों ने 19 वीं शिाब्दीा में
इन द्वीपों का दौरा नकया था। माको पोलो यह ं पर 13 वीं शिाब्दी में आए थे और इन
द्वीपों का वणतन अंगभामाननयण नाम िे नकया । इिक
े अलावा नियर अंडाररक 14 वीं
शिाब्दीे
े में, और िीजर ि
े डररक 16 वीं शिाब्दीा में इन द्वीपों का दौरा नकया था। 17
वीं शिाब्दीप में रायल इंनडयन नेबी क
े लेन ि् टनेन्ट आरनिब्लाे
े ड ब्लेि्यर ने दनिण
अण्डशमान क
े ननकट एक छोटे िे द्वीप में नेवल बेि बनाया और जंगभलो को िा
करक
े घरों का ननमातण करवाया एवं उन घरो क
े आि-पाि िण्डियों िथा अनितडो का
बागभ लगभवाया। इि प्रकार इि अनछ
म ए वन्यं जगभि पर मानव ननयंनिि िभ्यरिा का
आगभमन का आधार स्थाइनपि हुआ । िाथम द्वीप क
े 12 एकर ूमनम पर प्रथम कालोनी
स्थायनपि नकया गभया था। पेनेल िेटेलमेंट बिाने क
े नलए िवोत्तआम स्था न ियन हेिु
1857 में डा: ि
े डररक ज न माउट क
े नेिृत्वि में ‘द अण्डरमान क मेटी’ का गभठन
नकया गभया । पेनेल प्रणाली की प्रबंधन एवं स्थालपना क
े नलए क
ै प्टे न मान द्वारा नदनांक
22 जनवरी 1858 को पोटतब्लेि्यर में (नद्विीय बार) युननयन जैक हराया गभया।
4. अंडमान ननकोबार का खान पान
अंडमान ननकोबार द्वीप मछली, क
े कडा, झींगभा, और लोबस्टर इत्यानद जैिे िमुद्री ूोजन
का अच्छा श्रोि हैं और यहााँ पर िमुद्री ूोजन बहुि प्रिनलि है। यहााँ पर खारे पानी क
े
नबलक
ु ल िाज़ा िमुद्री यंजन नमलिी है। इि कारण िे यहााँ पर िमुद्री ूोजन बहुि ही िस्ते
में उपलभ्ध होिी है। अंडमान पर जाने वाले पयतटक िमुद्री ूोजन का आिानी िे लुप्त उठा
िकिे है। िमुद्री ूोजन अबरदीन बाजार, हेवल क द्वीप, नील द्वीप, ननकोबार द्वीप आनद
िूी द्वीपों में उपलब्ध है।अंडमान की िुलना में ननकोबार द्वीप में िमुद्री ूोजन की कीमि
बहुि ही कम है। पर ननकोबार द्वीप िबिे दनिण ूागभ में होने क
े कारण अनधकांश पयतटक
वह िक नहीं पहुंि पािे है। नवदेशी पयतटक अंडमान क
े िमुद्री ूोजन का लुप्त उठाने क
े
नलए हेवल क द्वीप पर महीनो रुक जािे है। अंडमान द्वीप पर यमरोनपयन व्यंजन, िीनी
व्यंजन, थाई व्यंजन, जैन व्यंजन, दनिण ूारिीय व्यंजन और नाथत इंनडयन व्यंजन िूी
आिानी िे उपलब्ध हो जािे है।
इि द्वीप का खान पान ूारि क
े दम िरे राज्ों िे काफ़ी अलगभ है। यहााँ पर ूारि क
े िूी
राज्ों क
े लोगभो को देखा जा िकिा है जैिे उत्तर प्रदेश, पंजाब,नबहार, झारखण्ड, उडीिा,
महाराष्टर , आंध्र प्रदेश, िनमल नाड
म , क
े रला आनद की िंख्या यहााँ पर अनधक है और मध्य
प्रदेश, गभुजराि, कनातटक, अिम, छनत्तिगभर की िंख्या थोडी कम|इिनलए अंडमान क
े
स्थानीय होटल में दनिण ूारि का स्वाद अनधकिर देखा जा िकिा है। पर उत्तर ूारिीय
वि् शाकाहारी ूोजन ूी आिानी िे नमल जािी है, अबरदीन बाजार में मरीना पाक
त एक
जगभह है, जो गभोल गभप्पे, मोमोि, िमोिे, िटपटी, पकौडों और बहुि-िी िीज़ों
क
े नलए मशहूर है।
5. अण्डएमान लोगभ एवं िंस्क
ृ नि
अण्डएमान क
े लोगभों को मुख्यण रूप िे ण्डस्वदेशी या आनदम जनजानियों और प्रवािी या
िैटलर जैिे दो िममह में वगभीक
ृ ि नकया जा िकिा है। 1858 िे पमवत अण्डामान द्वीपिममह में
क
े वल आनदवािी ही ननवाि करिे थे । ूारि क
े नवद्रोह क
े पश्ाि्ि पोटतब्ले यर में दण्ड -
स्वारूप बिि्िी बिाने क
े िाथ इन द्वीपिममह में गभैर- आनदवानियों का बिना आरंू हुआ ।
दनिण अण्डूमान क
े ण्डस्वदेशी लोगभ
अण्डण्डमान द्वीपिममह क
े आनदम जनजानियों में ननम्न5नलण्डखि िार प्रकार क
े आनदवािी
शानमल है
ग्रेट अण्डहमानी
ओंगभी
जारवा
िेंनटनली
6. ग्रेट अण्डहमानी
अण्डमान िथा ननकोबार प्रशािन द्वारा ग्रेट अण्ड
म मानी आनदवानियों को वितमान में
स्टरेथट आईलैंड में बिाया गभया है । अण्डमान द्वीप िममह में दण्ड -स्विरूप बिाई गभई
बस्तीआ क
े स्था पना िे पमवत ये आनदवािी अनधक िंख्या में थे । इन्फ्लम एं जा इत्यािनद
जैिी अनेक रोगभों िे इन आनदवानियों की बडी िंख्याा में मौिे हुई और वितमान में ये
घटकर क
े वल 43 ही रह गभए है । प्रशािन ने अण्डि्माननयों क
े उत्ांन क
े नलए मकानों
की व्यहवस्था की है िथा नाररयल क
े बागभान लगभवाए है । इिक
े अलावा उन्हें कपडों
िनहि मुफ्त राशन ूी उपलब्धल करवाए जा रहे है। इि प्रकार अण्डंमानी अब
खानाबदोश आनदवािी नहीं रह गभए है । ह ंलानक वे नशकार एवं मत्य्ण्ण्डहरण क
े नलए
दम र िक ननकलिे है ।अण्डमानी ममल रूप में अपनी िाहिी इनिहाि क
े नलए ूी जाने
गभए है, उन्होेम नें िीर कमान क
े िाथ अंग्रेजो िे लडे थे, नजन्होजनें उनकी जमीन पर
किा। करने की प्रयाि नकए थे । 14 मई 1859 को 400-600 अण्डकमाननयों ने
आधुननक हनथयार वाले अंग्रेजी निपानहयों क
े िाथ बहादुरी िे युद्ध नकए, इनिहाि में
इि युद्ध को ‘’अबारडीन की लडाई’’ क
े नाम िे जाना गभया । अण्डामान िथा ननकोबार
द्वीपिममह में प्रथम स्वोिंििा आंदोलन की आगभाज क
े रूप में मरीना पाक
त क
े िमुद्र िट
पर अण्ड
म मान िरकार ने इन बहादुर निपानहयों स्मीरण में एक स्मादरक स्थाेम नपि की
है । 2001 की जनगभणना क
े अनुिार ग्रेट अण्डणमानी आनदवानियों की क
ु ल
जनिंख्याि माि 43 है ।
7. ओंगभी
ओंगभी ूारि की िबिे आनदम आनदवानियों में िे एक है । ये नलनटल अण्ड मान द्वीप में
ननवाि करिे है । इन नशकार करने एवं एक िाथ रहने वाले आनदवानियों को
अण्डण्डमान िथा ननकोबार प्रशािन द्वारा नलनटल अण्ड मान द्वीप क
े ड
म गभोंगभ क्रीक एवं
िाउथ बे में बिाया गभया है । ओंगभीयों क
े लाू क
े नलए नाररयल बागभान ूी लगभाया गभया
है। प्रशािन द्वारा इन्हेंह स्वाकस्यि्ेान िुनवधाए, मुफ्त राशन उपलब्धल कराया जा रहा
है । ये कूी-कूी ण्डकार एवं मण्डत्य्णियहरण क
े नलए ूी ननकलिे है । 2001 की
जनगभणना क
े अनुिार ओंगभी आनदवानियों की क
ु ल जनिंख्यार माि 96 है ।
8. जारवा
वितमान में जारवा मध्यक अण्डरमान और दनिण अण्डेमान द्वीपिममह क
े पनश्मी िट में
वाि करिे है । वे नवद्रोही व्यडवहार क
े है, िरकार द्वारा बंगभाली एवं अन्यव लोगभों को
बिाए गभए िेिो में वे अक्सेर प्रवेश करिे रहिे है । अण्डनमान िथा ननकोबार प्रशािन
ने जारवा क
े िाथ नमििा का व्य वहार करने क
े नलए आवनधक रूप िे िम्पनक
त
अनूयान का प्रारम्भा की है । पहला दोस्ताे
े ना िंपक
त िन 1974 में नकया गभया और
िब िे िंपक
त दल, जो नाररयल, क
े ला और अन्य1 लों जैिे उपहारों क
े िाथ वह ं जािे
है, क
े िाथ जारवाओं का शिुिापुणत व्याअवहार नहीं है ।जारावा नशकार करने और
एकि रूप िे रहनेवाले खानाबदोश आनदवािी है । वे िीर-कमानों िे जंगभली िमअर एवं
बडी-बडी नछपकनलयों का नशकार करिे है । इनक
े िीर का अग्रूागभ लोहे का बना
होिा है । ओंगभी और अण्डहमानी आनदवानियों की िरह जारवा नशकार करने क
े नलए
क
ु त्तें का इस्तेिमाल नहीं करिे हैं। पुरूष िटीय जल में िीर एवं कमान िे िथा
मनहलाएं टोकरी की िहायिा िे मछली पकडिे है । जारवा जंगभल िे ल िथा क
ं दममल
िनहि शहद जमा करिे है । वे अपनी नशनवरों में अस्थाकई झोपडी बनािे है । वे
खानडयों और नानलयों को पार करने क
े नलए क्र
ु ड राफ्ट (लकडी क
े बेडो) का इस्तेोमाल
करिे है । 2001 की जनगभणना क
े अनुिार जारवा आनदवानियों की क
ु ल आबादी 240
9. िेंनटनली
िेंनटनली आनदवािी छोटा उत्त री िेंनटनल द्वीप में ननवाि करिे है । जारवाओ की िरह ये
ूी बाहरी लोगभों को शिु िमझिे है । अण्डरमान िथा ननकोबार प्रशािन उत्तहर िेंनटनल
द्वीप में आवनधक रूप िे िम्पहक
त अनूयान िलािा है । 04 जनवरी 1991 को ूमिपुवत
आनदवािी कल्यावन ननदेशक श्री एि. ए. अवरादी क
े नेिृत्वू में प्रशािन क
े िम्पदक
त दल
ने िेंनटनानलयों क
े िाथ पहला दोस्ताे
े ना िंपक
त स्थाीनपि कर िका, जो नक एक बहुि बडी
उपलण्डब्ध थी । िब िे िंपक
त दल िे िेंनटनली उपहार स्वीिकार करिे है । न र ूी िेंनटनली
आनदवािी अनूयान दल िनहि बाहरी लोगभों को िंदेह की नजर िे देखिे है ।िेंनटनली
नशकार, मछली पकडने िथा एक िाथ रहने वाले आनदवािी है । वे िीर एवं कमान िे
िटीय जल में मछनलय ं पकडिे है और उत्तनरी िेंनटनल द्वीप में उपलब्धि जंगभली िमअरों
का नशकार करिे है । िेंनटननलयों पाि लकडी क
े लट्ठे को बीि िे खोदकर बनाई गभई नांव
है, नजनका उपयोगभ वे कम गभहराई वाले िटीय जल में करिे है। उनक
े पाि िप्पम नहीं है,
इिनलए वे डोंगभी को लम्बी लकडी क
े िहारे िलािे है । िेंनटनली ूी अपने नशनवरों में
अस्थांई झोपडी बनािे है । पुरूष एवं मनहला िेंनटनली दोनों ही कपडे नहीं पहनिे है ।
2001 की जनगभणना क
े अनुिार िेंनटनली आनदवानियों की क
ु ल आबादी 39 है ।