3. विशेष्य-
जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की जर्शेषता बताई िाती है उसे जर्शेष्य
कहते हैं । िैसे-
1-रमेश: क
ु शल: अस्ति ।
इस र्ाक्य में “रमेश:” की जर्शेषता “क
ु शल:” शब्द से बताई िा रही है,
इसजलए ‘रमेश:’ जर्शेष्य है ।
4. विशेषण-
संज्ञा र् सर्वनाम शब्द की जर्शेषता बताने र्ाले शब्द को जर्शेषण
कहते हैं । िैसे-
1. उन्नत: र्ृक्ष: अस्ति ।
5. विशेषण-
संज्ञा र् सर्वनाम शब्द की जर्शेषता बताने र्ाले शब्द को जर्शेषण
कहते हैं । िैसे-
2. कक्षायाम् पंचाशत् छात्रा: सस्ति
6. विशेषण-
संज्ञा र् सर्वनाम शब्द की जर्शेषता बताने र्ाले शब्द को जर्शेषण कहते हैं ।
िैसे-
3. आम्रं मधुरं अस्ति ।
इन र्ाक्यों में “उन्नत:, पंचाशत्, मधुरं, स:” ये शब्द “र्ृक्ष:, छात्रा:, आम्रम्, बालक:” इन संज्ञा शब्दों की
जर्शेषता बता रहे हैं, अत में “उन्नत:, पंचाशत्, मधुरं, स:” ये सब जर्शेषण हैं ।
10. संस्क
ृ त विशेषण और विशेष्य क
े क
ु छ वनर्म-
4-र्ल्लिङ्ग
ं र्द्वचनं र्ा च विभल्लिवियशेष्यस्य ।
तल्लिङ्ग
ं तद्वचनं सैि विभल्लिवियशेषणस्यावप ॥
11. विशेषण क
े प्रकार-
जर्शेषण क
े चार प्रकार क
े होते हैं-
1. गुणिाचक विशेषण
2. संख्यािाचक विशेषण
3. पररमाणिाचक विशेषण
4. साियनावमक विशेषण ।
12. 1. गुणिाचक विशेषण-
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम क
े गुण का बोध होता है, उसे गुणर्ाचक
जर्शेषण कहते हैं ।
(क) बृहत्तमं पुिकालयं
13. 1. गुणिाचक विशेषण-
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम क
े गुण का बोध होता है, उसे गुणर्ाचक
जर्शेषण कहते हैं ।
(ख) सा तु जनर्भीका कन्या अस्ति।
14. 1. गुणिाचक विशेषण-
जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम क
े गुण का बोध होता है, उसे गुणर्ाचक
जर्शेषण कहते हैं ।
(ग) राक
े शः सर्वथा योग्यः र्रः अस्ति।
15. 2. संख्या िाचक विशेषण-
जो शब्द संज्ञा र्ा सियनाम की संख्या सम्बन्धी विशेषता का
बोध कराते हैं, उसे संख्यािाचक विशेषण कहते हैं
(क) कक्षायां जर्ंशजत: छात्रा: सस्ति ।
16. 2. संख्या िाचक विशेषण-
जो शब्द संज्ञा र्ा सियनाम की संख्या सम्बन्धी विशेषता का
बोध कराते हैं, उसे संख्यािाचक विशेषण कहते हैं
(ख) उद्याने पंचजर्ंशजत: र्ृक्षा: सस्ति ।
17. 3. पररमाणिाचक विशेषण-
पररमाण का सामान्य अथव है नाप-तोल । िो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की
नाप-तोल सम्बन्धी जर्शेषता को प्रकट करे, उसे पररमाणर्ाचक जर्शेषण
कहते हैं ।
१. एकलीटर-दुग्धम्- एक लीटर दू ध ।
२. सप्तमीटरपररजमतं र्स्त्रम्- सात मीटर कपड़ा ।
३. दशग्राम-स्वणवम्- दस ग्राम सोना ।
18. 4 . साियनावमक विशेषण-
िो सर्वनाम जर्शेषण क
े रूप में प्रयुक्त होते हैं, र्े सार्वनाजमक जर्शेषण कहलाते हैं ।
िैसे-
(क) स: बालक: गच्छजत ।
(ख) तस्य छात्रस्य नाम उमेश: अस्ति ।
यहााँ पर संज्ञा शब्दों क
े साथ सर्वनाम शब्द ‘स:, तस्य, सा’ का प्रयोग हुआ है, अत:
‘स:, तस्य, सा’ ये सार्वनाजमक जर्शेषण हैं ।