2. वसंत ऋतु
• जिस तरह इस मौसम में प्रकृ तत में पररवततन होता है उसी तरह हमारे शरीर और मन-मजततष्क
में भी पररवततन होता है। और जिस तरह प्रकृ तत क
े तत्व िैसे वृक्ष-पहाड़, पशु-पक्षी आदि सभी
इस िौरान प्रकृ तत क
े तनयमों का पालन करते हुए उससे होने वाली हातन से बचने का प्रयास करते
हैं उसी तरह मानव को भी ऐसा करने की ऋषियों ने सलाह िी है।
• इस ऋतु में होली, धुलेंडी, रंगपंचमी, बसंत पंचमी, नवरात्रि, रामनवमी, नव-संवत्सर, हनुमान
ियंती और गुरु पूर्णतमा उत्सव मनाए िाते हैं। इनमें से रंगपंचमी और बसंत पंचमी िहां मौसम
पररवततन की सूचना िेते हैं वहीं नव-संवत्सर से नए वित की शुरुआत होती है।
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3. ग्रीष्म ऋतु
• वसंत क
े बाि ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है िो कक वसंत और विात ऋतु से त्रबल्क
ु ल षवपरीत
होती है। इस ऋतु में सूयत उत्तरायण की ओर बढ़ता है। इस िौरान दिन बड़े और रातें छोटी होने
लगती है। इस ऋतु में वातावरण का तापमान भी बहुत अधधक रहता है। ग्रीष्म ऋतु मूल रूप से
फल वाला समय भी है, इस ऋतु में तािे और मौसमी फलों क
े सेवन से हमारा तवात्य भी
काफी अच्छा रहता है।
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4. वर्षा ऋतु
• गमी क
े बाि विात का मौसम आता है। विात क
े कारण गमी क
े दिनों में राहत ममलती है। विात को
‘ऋतुओं की रानी’ भी कहा िाता है। इस ऋतु क
े आते ही पूरी प्रकृ तत का आँचल कफर से हरा-भरा
हो िाता है। यह ऋतु दहन्िू माह ‘सावन और भाद्रपि’ में आती है। बाररश की बूंिों से भीगता
सावन का महीना तनराले रंगों को साथ लेकर आता हैैै। दहन्िू इस समय रक्षा बंधन, कृ ष्ण
िन्माष्टमी, तीि, गणेश चतुथी, ओणम आदि त्योहार मनाते हैं।
• विात ऋतु में बाररश होने की विह से लोग ज्यािातर घर में ही रहते है। इस समय मौसम हल्का
ठंडा रहता है, जिस विह से लोग गरम चीिें खाते हैं।
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5. शरद ऋतु
• विात ऋतु क
े बाि शरि ऋतु का आगमन होता है। इस ऋतु को ‘ठंड’ का एवं ‘पतझड़’ का मौसम
भी कहा िाता है। इस समय वायु की आद्रतता इतनी अधधक बढ़ िाती है कक लोगों को असहनीय
उमस का सामना करना पड़ता है। भारत में यह जतथतत ‘क्वार की उमस’ या ‘अक्टूबर की गमी’
क
े रूप में भी िानी िाती है।
• इस ऋतु की सबसे महत्वपूणत बात यह है कक, इस ऋतु में भूख अधधक लगती है और िो भी
खाया िाता है वह िल्िी पच िाता है। इसीमलए इस ऋतु को ‘शजक्त संचयन’ का काल भी माना
िाता है।
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6. हेमंत ऋतु
• हेमंत ऋतु शरि और शीत क
े बीच की ऋतु है। शरि पूर्णतमा से हेमंत ऋतु की शुरुआत होती है।
इस ऋतु में सिी अपने अंततम चरम पर होती है, दिन और रात का तापमान इस ऋतु में काफी
तनचले ततर पर पहुँच िाता है। हेमंत ऋतु में शरीर प्रायः तवतथ रहता है। पाचन शजक्त बढ़
िाती है।
• इस ऋतु में कई शुभ ततधथ और त्यौहार भी आते हैं। बारह मासों में से तीन मास कातततक,
अगहन और पौि हेमंत ऋतु में आते हैं। कातततक मास में करवा चौथ, धनतेरस, रूप चतुितशी,
िीपावली, गोवधतन पूिा और भाई िूि िैसे बड़े त्योहार आते हैं। इस मास की पूर्णतमा का भी
अपना एक अलग ही महत्व होता है।
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7. शीत ऋतु
• शीत या मशमशर ऋतु वित की एक ऋतु है, जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः तनम्न रहता है।
• शीत ऋतु को िो भागों में बाँटा गया है- हल्क
े गुलाबी िाड़े को ‘हेमंत ऋतु’ का नाम दिया गया है
तथा तीव्र और तीखे िाड़े को ‘शीत’।
• भारत में शीत ऋतु सबसे महत्वपूणत ऋतु है। शीत ऋतु तवात्य का तनमातण करने की ऋतु है।
इस ऋतु में पाचन शजक्त प्रबल होती है, लोग आराम से भोिन कर पाते हैं। इसमलए लोग इस
मौसम में अधधक ऊिातवान और कियाशील भी महसूस करते हैं। इस मौसम में दिन छोटे और
रातें लंबी होती हैं।
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