जापान धरती से लेकर दूसरे ग्रहों तक ट्रेन चलाएगा। यह बात कल्पना में भी असंभव लगता है। लगता है जैसे कि कोई मज़ाक कर रहा है। लगेगा भी क्यूँ नहीं, कोई हवाई जहाज या रॉकेट की तो बात हो नहीं रही है जो हवा में उड़ा कर चलाया जाएगा। यहाँ बात हो रही है धरती से चंद तक ट्रेन चलाने की बात और इसके लिए चाहिए रेलवे ट्रैक जिस पर ट्रेन चलेगा, पर खुले अंतरिक्ष में ट्रैक (पटरी) बिछेगा कैसे ? तो आइए आज का यह आर्टिकल काफी नॉवलेजेबल और मजेदार होने वाला है।
Good Stuff Happens in 1:1 Meetings: Why you need them and how to do them well
Bullet Trains To Moon And Mars
1. Bullet Trains To Moon And Mars
/ ट्रेन से चााँद और मंगल पर जाने
की तैयारी
July 28, 2022 by KKVISHऔर मजेदार होने वाला है।
Bullet Trains To Moon And Mars
चंद्रमा और मंगल ग्रह तक जाने वाली ट्रेन (Bullet Trains To Moon And Mars)
Bullet Trains To Moon And Mars – भारत में आज भी कई ऐसे गााँव और शहर है
जो अच्छी सड़क और रेल मागग से जुड़े नह ीं है। जहााँ गााँव से शहर जाने क
े ललए कई
बार सोचना पड़ता है। ऐसे में अगर धरती से लेकर चााँद तक रेल मागग बनाने की बात
हो तो क
ै सा लगेगा। कहााँ धरती पर रेलवे लाइन बबछा नह ीं पा रहे हैं और बात आसमान
में रेल चलाने की हो तो क्या आपको मज़ाक नह ीं लगेगा। और सबसे बड़ा सवाल ये है
कक क्या यह सचमुच में सींभव है।
दरअसल, चााँद और मींगल ग्रह पर जाने और वहााँ मानव बस्ततयाीं बसाने को लेकर कई
देश लगातार प्रयास कर रहा है। इसमें अमेररका क
े एलन मतक की SpaceX में सबसे
अनोखे प्रोजेक्ट क
े अींततम चरण में काम चल रहा है और उनका कहना है कक बहुत
जल्द प्रत्येक ददन मींगल क
े ललए 3 अींतररक्ष यान 300 लोगों को लेकर रवाना होगा।
परींतु,जापान ने लमशन मून और मींगल क
े ललए जो ववज़न हाल ह में पेश ककया है, उसे
जानने क
े बाद आपक
े पैरों तले जमीन खखसक जाएगी। असल में बात ये है कक जापान
क
े क्योटो यूतनवलसगट क
े शोधकतागओीं की एक ट म, फ्यूचर प्रोजेक्ट पर काम करनेवाल
जापानीज क
ीं पनी कास्जमा कापोरेशन क
े साथ लमलकर अींतररक्ष में चााँद और मींगल तक
सफर करने क
े ललए बुलेट ट्रेन चलाने का प्रतताव पेश ककया है।
2. आसमान में बुलेट ट्रेन दौड़ेगी
वैसे अभी तक बुलेट ट्रेन (Bullet Train) पृथ्वी पर दौड़ने वाल सबसे तेज ट्रेन मानी
जाती रह हैं। लेककन आने वाले क
ु छ दशकों में शायद ऐसा नह ीं होगा, क्योंकक जापान
अब अींतररक्ष क
े ललए पृथ्वी से चींद्रमा और मींगल तक क
े ललए बुलेट ट्रेन (Bullet Train
for Moon and Mars) चलाने की योजना बना रहा है। इसका सीधा मतलब ये है कक
अब आने वाले समय में दो ग्रहों (Interplanetary Transportation) क
े बीच ट्रेन चलना
क
े वल ववज्ञानफ
ीं तासी कफल्मों तक ह सीलमत नह रह जाएगा।
अनोखा हो सकता है अंतररक्ष का सफर
अब तक अींतररक्ष में दो-चार अींतररक्षयात्री अींतररक्षयान से शोध कायागथग से जाते रहे हैं।
परींतु, आने वाले भववष्य में अींतररक्षयात्री लसफ
ग शोध कायग से नह ीं बस्ल्क तथायी रूप से
तनवास करने क
े ललए अींतररक्ष में जायेंगे वह भी 100-200 लोग एक साथ। ऐसा हम यूीं
ह नह ीं कह रहे हैं बस्ल्क जापान ने चींद्रमा और मींगल पर क
ु छ ऐसी ह आवासीय
सींरचना का प्रतताव ददया है। जहााँ पृथ्वी जैसा गुरुत्व क
े साथ वायुमंडल और
सम्पूणग पाररस्थिततक तंत्र (Eco System)होगा, पेड़-पौधे, पहाड़, नद , झरना, समुद्र, पक्षी,
जानवर सब क
ु छ होगा। इसक
े ललए जापान की कास्जमा कापोरेशन क
ीं पनी और क्योटो
यूतनवलसगट क
े छात्र सींयुक्त रूप से इस योजना पर काम कर रहा है।
क
ै सी होगी पूरी संरचना
इस प्रोजेक्ट क
े तनमागताओीं ने इस अींतरग्रह य पररवहन तींत्र को हेक्जाट्रैक नाम ददया है।
इसकी खालसयत यह होगी कक यह लींबी दूर की यात्राओीं क
े दौरान कम गुरुत्व क
े माहौल
में ह 1G का गुरुत्व कायम रखेगी। इस ट्रेन क
े हैक्जागोनल यातन षट्कोणीय आकार
क
े क
ै प्सतयूल होंगे स्जन्हें हैक्जाक
ै प्सथयूल कहा जाएगा। जापानी शोधकतागओीं क
े प्रतताव क
े
अनुसार 15 मीटर का बत्रज्या वाला एक लमनी क
ै प्सतयूल पृथ्वी और चींद्रमा को जोड़ने क
े
ललए उपयोग ककया जाएगा जबकक चींद्रमा और मींगल को जोड़ने क
े ललए 30 मीटर की
बत्रज्या वाल क
ै प्सतयूल की जरूरत पड़ेगी। इन क
ै प्सतयूल में एक तरह की ववद्युतचुींबकीय
तकनीक (Electro Magnetic System) का इततेमाल ककया जाएगा।
इस थटेशन से ट्रेन जाएगी मून और मासस तक
3. Bullet Trains To Moon And Mars
चींद्रमा पर मौजूद तटेशन एक तरह का गेटवे सैटेलाइट अथागत तपेस तटेशन होगा,
स्जसे लूनार थटेशन कहा जाएगा। वह ीं मींगल ग्रह पर मौजूद ट्रेन तटेशन को मासस
थटेशन कहा जाएगा। इसे मींगल का उपग्रह फोबोस पर तथावपत ककया जाएगा। वह ीं
पृथ्वी का तटेशन इींटरनेशनल तपेस तटेशन होगा स्जसे टैरा थटेशन कहा जाएगा और
तपेस ट्रेन का नाम थपेस एक्सप्रेस होगा।
हर यान में लोगों की गततववधध क
े ललए रेडियल सेंट्रल एस्क्सस का उपयोग ककया
जाएगा। तपेस एक्सप्रेस ट्रेन का तटैंििग गेज क
े ट्रैक पर छह कोच क
े साथ आना जाना
होगा। आगे और पीछे क
े कोच में रॉक
े ट बूतटसग लगे होंगे जो तेजी से आगे बढाने, धीमे
करने और रोकने क
े ललए उपयोग में लाया जाएगा।
Bullet Trains To Moon And Mars
अमेररका, चीन और यूएई सदहत कई देश मींगल पर मानव की बतती बसाने क
े ललए
काम कर रहा है। परींतु जापान क
े शोध कतागओीं का कहना है कक वे काफी हटकर और
मूल अवधारणा क
े साथ समाधान पेश करना चाहते थे। स्जस पर वे कायग कर रहे हैं
अगर भववष्य में इनका प्रतताव सत्य लसद्ध होता है तो तनस्चचत रूप से यह पूर दुतनयााँ
में बड़ा बदलाव लाने क
े ललए मील का पत्थर साबबत होगा।