1. KASTURBA “AS I KNOW”
ग ॉधीजी को ऩूये विश्ि भें श ॊति औय अहहॊस के प्रेरयक के रूऩ भें ज न ज ि है। रेककन उनकी ऩत्नी कस्िूयफ के फ ये भें फहुि
कभ रोग ज निे हैं जजन्होंने ग ॊधी को श श्िि फन ने भें फहुि भहत्िऩूर्ण बूमभक तनब ई थी। हभें फ ऩू से ऩहरे फ के फ ये भें
सोचन च हहए क्मोंकक उन्होंने भोहन द स से भह त्भ ग ॉधी िक के विक स भें भहत्िऩूर्ण बूमभक तनब ई थी। कस्िूयफ क जीिन
एक फमरद न जैस थ , िह एक सच्ची ब यिीम ऩत्नी क अिि य थीॊ, जजन्होंने अऩने ऩति के प्रति अऩन किणव्म सफसे ऊऩय यख ।
उन्होंने एक आय भद मक जीिन, अच्छ बोजन, अच्छे कऩडे, आबूषर्, अऩनी ऩ यॊऩरयक भ न्मि ओॊ को बी त्म ग हदम औय गयीफी
औय ब्रह्भचमण क सॊकल्ऩ मरम । उन्हें बरे ही ग ॉधीजी की ऩयछ ई की ियह देख गम हो रेककन उनकी अऩनी बी एक अरग
ऩहच न थी। ग ॉधीजी ने अऩन ऩूय जीिन सत्म, अहहॊस , त्म ग औय आत्भ-फमरद न के आदशण को आगे फढ ने भें रग म औय
जैस कक उन्होंने स्िीक य ककम , िह अऩनी ऩत्नी के सभथणन के बफन मह सफ नहीॊ कय सकिे थे। कस्िूयफ के भजफूि इय दों ने
अनज ने भें ही उनको ग ॉधीजी क मशऺक फन हदम , उनके बफन अहहॊस औय असहमोग को सभझन ग ॉधीजी के मरए फहुि
भुजश्कर थ ।
कस्िूयफ क जन्भ ऩोयफॊदय भें 1869 भें हुआ थ । कस्िूयफ अभीय भ ि -वऩि की इकरौिी फेटी के रूऩ भें ऩरी-फढीॊ थीॊ। 1882
भें 13 स र की आमु भें ग ॊधीजी से उनक विि ह हो गम । ग ॉधीजी ने स्िीक य ककम कक अनऩढ होने के फ िजूद बी उनकी ऩत्नी
भें उनसे ज्म द सभझ थी औय रोगों को आॊकने की ऺभि बी थी। उन्होंने शेख भेहि फ के फ ये भें उन्हें ऩहरे ही चेि िनी दी
थी जजन्होंने ग ॉधीजी को कई फुयी आदिें मसख ईं। 1888 भें ग ॉधीजी की िक रि की ऩढ ई के मरए उन्होंने बफन ककसी मशक मि
के अऩने जेिय बी गगयिी यख हदए। फडे घय की फेटी होने के फ द बी उन्होंने कभ सॊस धनों भें जीिन म ऩन कयन सीख मरम
थ ।
रॊदन से ग्रेजुएशन की डडग्री रेने के फ द ग ॉधीजी ऩरयि य के स थ िक रि कयने के मरए अकिक भें फस गए। उन्होंने फच्चों को
स्कू र नहीॊ बेज क्मोंकक उन्हें िह ॊ की मशऺ ऩसॊद नही आमी। फच्चे अक्सय अऩने वऩि द्ि य उन ऩय रग ए गए कडे अनुश सन
को नहीॊ सभझिे थे। कस्िूयफ वऩि औय ऩुत्रों के फीच एक प्रक य क भध्मस्थ थीॊ। कस्िूयफ ने उन्हें सभझ म कक उनके वऩि
च हिे हैं की िो अच्छे फेटे फनें औय इसमरए िो उनसे भुजश्कर क भ कयि िे हैं।
ग ॉधीजी के घय भें सबी क स्ि गि ककम ज ि थ । एक हदन ग ॉधीजी ने कस्िूयफ से एक अछू ि ईस ई के चैम्फय ऩॉट की
सप ई कयने कयने को कह । कस्िूयफ एक रूहढि दी ऩरयि य से आई थीॊ, जह ॊ अछू िों को अऩवित्र भ न ज ि थ । उनकी आॉखें
2. गुस्से से र र हो गई औय उनकी आॉखों से आॉसू फहने रगे जफ उन्होंने चैम्फय ऩॉट को छु आ। ग ॉधीजी ने कह , "भैं अऩने घय भें
मह फकि स फद णश्ि नही करूॊ ग ।" उन्होंने ि ऩस जि फ हदम "अऩन घय अऩने ऩ स यखो औय भुझे ज ने दो।" मह कस्िूयफ को
एक स हसी भहहर के रूऩ भें हदख िी है, जो अऩने ऩति की आॉख फॊद कयके सुनने ि री नहीॊ थी।
एक फ य अिीक भें इॊडडमन रोके शन ऩय प्रेग की फीभ यी पै र गमी, कस्िूयफ ने उस सभम िह ॊ की भहहर ओॊ को स प-सप ई
के फ ये भें सभझ म , िह ॊ अस्ऩि र नहीॊ थ िो उन्होंने एक िेमयह उस को ही अस्ऩि र फन मरम औय िह ॊ भयीजों की देखब र
की। अिीक भें अॊग्रेज सयक य ने ईस ई धभण के अर ि फ की स ये धभण के विि ह अभ न्म कय हदए, ग ॉधीजी ने इसके वियोध भें
सत्म ग्रह ककम जजसभें कस्िूयफ ने बी फ की भहहर ओॊ सहहि उनक स थ हदम , उनको िीन भहीने की कडी सज बी सुन मी
गमी।
ब यि ि ऩस आने के फ द ग ॉधीजी ने रगबग ऩूये देश क दौय ककम जजसभें कस्िूयफ ने बी उनक स थ हदम । कोचयफ आश्रभ
भें एक तनचरी ज ति ऩरयि य बी उनके स थ यहि थ , कस्िूयफ इस फ ि से न खुश थीॊ, रेककन जफ उन्होंने उनकी फेटी रक्ष्भी
को खेरिे देख िो उन्हें भहसूस हुआ की िो बी फ की
की ियह ही है िो उन्होंने रक्ष्भी को अऩनी न तिन सभझ कय गरे रग मरम । इसके फ द उन्होंने बी हरयजनों के खखर प
अऩने ऩूि णग्रहों को छोडने के मरए हहॊदू भहहर ओॊ से अऩीर कयिे हुए फैठकों को सॊफोगधि ककम ।
ग ॉधीजी अक्सय आश्रभ से फ हय ही यहिे थे, िो आश्रभ को सॊब रने की जजम्भेद यी कस्िूयफ की ही थी। उन्होंने सभम की ऩ फॊदी,
ईभ नद यी, स्िच्छि , अच्छे मशष्ट च य औय हय एक से ककसी न ककसी क भ भें ब गीद यी की भ ॊग की। उनके प्म य ने आश्रभ के
भ हौर को भभि भमी फन हदम थ । फ ने 1922 भें गुजय ि प्र ॊिीम सम्भेरन की
अध्मऺि की औय रोगों को असहमोग आन्दोरन भें ब ग रेने के मरए प्रोत्स हहि ककम । उन्होंने 23.3.1922 को मॊग इॊडडम भें
प्रक मशि अऩने देशि मसमों से स्िदेशी अऩन ने की अऩीर की। कस्िूयफ ने 1923-24 के फोयसद सत्म ग्रह औय 1928 के
फ यडोरी सत्म ग्रह भें सकिम बूमभक तनब ई। ग ॊधीजी के द ॊडी भ चण के दौय न कस्िूयफ शहय-शहय ज कय क मणकि णओॊ से मभर
यही थीॊ औय भहहर ओॊ से शय फ की दुक नों की घेय फॊदी कयने औय ख दी ऩहनने क आग्रह कय यही थीॊ। िह एक गॊबीय रड ई भें
रगे सत्म ग्रह के एक सैतनक की ियह रगिी थीॊ, िह य जनीति को नहीॊ सभझिी थीॊ रेककन अऩने ऩति ऩय उनक विश्ि स औय
जजस क यर् से िो रड यहे थे िह दृढ थ । सविनम अिऻ आॊदोरन के दौय न िो ग ॊिों भें ज कय सब ओॊ को सॊफोगधि कय यहीॊ
थीॊ, इसमरए उन्हें जेर भें ड र हदम ज ि है। स्ििॊत्रि सॊग्र भ के दौय न, िह आश्रभ क प्रफॊधन कयने के स थ-स थ विमबन्न
सॊघषों भें ब ग रे यही थीॊ । मह उनके कु शर नेिृत्ि, देशबजक्ि औय अच्छे गृह कौशर को दश णि है।
जफ ग ॉधीजी उऩि स यखिे थे िफ कस्िूयफ मसपण दूध औय पर रेिी थीॊ औय ि कक िो ग ॉधीजी की सेि कय सकें , स थ ही
उनकी िऩस्म भें उनक स थ बी दे सकें । उन हदनों, जफ भहहर एॊ मसपण घय के क भों िक सीमभि थीॊ िफ कस्िूयफ ने स्ििॊत्रि
सॊग्र भ भें हहस्स रेकय फ की भहहर ओॊ को बी प्रेरयि ककम औय न यी शजक्ि की मभस र ऩेश की। क
3. ग ॉ क क औ क स थ हदम औ इसी ियह क क क 1944 भें आग
ख न ऩैरेस भें उनक देह ॊि हो गम ।