SlideShare a Scribd company logo
EDUCATION (B.Ed.)
B.Ed.-II
PAPER 2: ASSESSMENT OF LEARNING
AND ACTION RESEARCH
TOOLS AND TECHNIQUES OF
ASSESSING LEARNING
NEERAJ YADAV
ASSISTANT PROFESSOR
DEPARTMENT OF B.Ed.
Shri Lal Bahadur Shastri Degree College, Gonda, U.P.
Affiliated to Dr. Rammanohar Lohia Avadh University, Ayodhya, U. P.
Email: neerajlbsgonda@gmail.com
क्रोनबैक (Cronback) के अनुसार-
“दो या दो से अधिक व्यक्तियों के
व्यवहार का िुलनात्मक अध्ययन करने
की व्यवक्थिि प्रक्रक्रया को परीक्षण कहिे
हैंI”
परीक्षण
परीक्षण निर्माण के सिद्मांत
1. एक ही परीक्षण से क्रकसी मापन क्षेत्र के सभी उद्देश्यों की परीक्षा
नहीीं हो सकिी हैI
2. परीक्षण का प्रारूप अत्यींि व्यापक होना चाहहएI
3. परीक्षण में सक्ममललि प्रश्नों की भाषा सरल, सुबोि, सींक्षक्षप्ि एवीं
थपष्ट होनी चाहहएI
4. परीक्षण का उधचि एवीं थपष्ट नामाींकरण करना चाहहएI
5. द्वव अिी एवीं भ्रामक प्रश्नों को परीक्षण में थिान नहीीं देना
चाहहएI
6. परीक्षण में प्रश्नों की सींख्या पयााप्ि रखनी चाहहएI
7. परीक्षण में ऐसे प्रश्नों को सक्ममललि क्रकया जाए जो छात्र के
ज्ञान की व्यवहाररक क्षमिा का सही मूलयाींकन कर सकें I
परीक्षण निर्माण के सिद्मांत
8. परीक्षण में सक्ममललि प्रत्येक प्रश्न एक दूसरे से थविींत्र
होना चाहहएI
9. परीक्षाधिायों को उत्तर ललखने हेिु पयााप्ि थिान देना
चाहहएI
10. प्रश्नों को यिोधचि क्रमाींक पर व्यवक्थिि करना
चाहहएI
11. परीक्षण सींबींिी सामान्य ननदेश प्रारींभ से ही हदए जाने
चाहहएI
12. परीक्षण की ववश्वसनीयिा एवीं वैििा को कु छ बनाए
रखने का प्रयास क्रकया जाना चाहहएI
13. परीक्षण सींबींिी वववरण पुक्थिका साविानीपूवाक िैयार
क्रकया जाना चाहहएI
परीक्षण रचिम के पद
1. परीक्षण ननमााण की योजना बनाना
2. परीक्षण का प्रारींलभक प्रारूप िैयार करना
3. परीक्षण के प्रारींलभक प्रारूप की जाींच करना
4. परीक्षण का अींनिम प्रारूप िैयार करना
5. परीक्षण का मूलयाींकन करना
1.परीक्षण निर्माण की योजिम बिमिम
1. परीक्षण उद्देश्यों का यिोधचि ननिाारण
2. ववषय वथिु का ननिाारण
3. परीक्षण के रूप आहद के सींबींि में ननिाारण
2.परीक्षण कम प्रमरांसिक प्रमरूप तैयमर
करिम
A. परीक्षण के पद
(i) परीक्षण के पद या प्रश्नों के प्रकार
a. द्वी ववकलप
b. बहुववकलपीय
c. लमलानIत्मक
d. ररति थिान की पूनिा
e. पुनः थमरण
f. लघु उत्तरीय
g. ननबींिात्मक प्रश्न
(ii). ववलशष्टीकरण िाललका या ब्लूवप्रींट
(iii). पदों की रचना
(iv). पदों का व्यवथिापन
ववलशष्टीकरण िाललका या ब्लूवप्रींट
पदों की रचिम करते िर्य िमव्मनियमां
• प्रारींलभक प्रारूप में अींनिम प्रारूप की अपेक्षा प्रश्नों की सींख्या डेढ़ गुननया दोगुनी
रखनी चाहहएI
• जहाीं िक सींभव हो प्रत्येक पद के अींक समान रखने चाहहएI
• प्रश्न इस प्रकार के होने चाहहए क्रक परीक्षाधिायों को प्रश्न के उत्तर का कोई सींके ि
ना लमले I
• परीक्षण ननमााणकिाा प्रश्नों की रचना अपनी भाषा में करें ना क्रक पाठ्य पुथिकों
के वातयों को प्रश्नों में दोहराएI
• परीक्षण में सक्ममललि प्रत्येक प्रश्न परीक्षण के उद्देश्यों की पूनिा करने वाला होना
चाहहएI
• परीक्षण के पदों की रचना में परीक्षण के कहिनाई थिर को भी ध्यान में रखना
चाहहएI
• परीक्षण के पदों की रचना के बाद इन्हें दोहरा कर आवश्यकिा अनुसार सींशोिन
करना चाहहएI
• जब एक परीक्षण के सींपूणा पदों की रचना हो जाए िो परीक्षण करिा को सभी
प्रश्नों का सींपादन साविानीपूवाक करना चाहहएI
• परीक्षण में सक्ममललि पदों को अधिक ववश्वसनीय और वैि बनाने के ललए
ववशेषज्ञों से सींशोिन करा लेना चाहहएI
3.परीक्षण के प्रमरांसिक रूप की जमांच
करिम
• परीक्षण के प्रारींलभक रूप की जाींच के अींिगाि
मुख्यिः िीन िथ्यों की जाींच की जािी है
• परीक्षण के पद या प्रश्नों की जाींच
• परीक्षण के प्रशासन एवीं ननदेशों की जाींच
• परीक्षण के अींकन की जाींच
पद ववश्लेषण
कठििमई स्तर
Difficulty Level or Value
D.V.=100-(RH+RL)*100/2n
जहाीं D.V.=पद कहिनिा मूलय
RH= उच्च समूह से सही हल का प्रनिशि
RL=ननमन समूह से सही हल का प्रनिशि
n=ननमन समूह या उच्च समूह में परीक्षाधिायों की सींख्या
पद ववश्लेषण
वविेदि क्षर्तम
D.P.=(RH-RL)/n
जहाीं D.P.=ववभेदन क्षमिा
मूलय
RH= उच्च समूह से सही हल का प्रनिशि
RL=ननमन समूह से सही हल का प्रनिशि
n=ननमन समूह या उच्च समूह में परीक्षाधिायों की सींख्या
4.परीक्षण कम अांनतर् प्रमरूप तैयमर
करिम
• पदों का अींनिम रूप से चयन
• प्रशासन और ननदेशों का अींनिम प्रारूप
5.परीक्षण कम र्ूलयमांकि
• ववश्वसनीयिा
• वैििा
परीक्षण कम र्मिकीकरण
क्रकसी मानकीकृ ि परीक्षण में प्रक्रक्रया अींकन,
मूलयाींकन आहद सभी ननक्श्चि होिे हैंI क्जससे
इसका प्रयोग ववलभन्न अवसरों पर क्रकया जा
सके I इससे मानकों की सारणी ििा क्रकसी
समूह के प्रनिननधित्व कारी ववद्याधिायों का
सींभाववि प्राप्िाींक ज्ञाि रहिा हैI
र्मिकीकृ त निदमिमत्र्क परीक्षण निर्माण के
ववसिन्ि चरण
• ववशेषज्ञों की गोष्िी
• सशक्षम के उददेश्यों की िूची तैयमर करिम
• ववसशष्टीकरण तमसलकम तैयमर करिम
र्मिकीकृ त निदमिमत्र्क परीक्षण
निर्माण के ववसिन्ि चरण
• एकाींश ललखना
• परीक्षण पुक्थिका िैयार करना
• छात्रों के समूह पर परीक्षण प्रशालसि करना
• उत्तर पत्रों की जाींच करना
• पद ववश्लेषण
• परीक्षण को सींशोधिि करना
• प्रनिननधि प्रनिदशा का चयन
• पररष्कृ ि परीक्षण पत्र इस प्रनिननधि प्रनिदशा को हदया जाना
• प्रनिदशा से प्राप्ि उत्तरों की सहायिा से ववश्वसनीयिा, वैििा
आहद की गणना करना
• मैनुअल िैयार करना
Thank You

More Related Content

More from Neeraj Yadav

Action research
Action researchAction research
Action research
Neeraj Yadav
 
Contribution of Western Mathematician in Mathematics
Contribution of Western Mathematician in MathematicsContribution of Western Mathematician in Mathematics
Contribution of Western Mathematician in Mathematics
Neeraj Yadav
 
Contribution of Indian Mathematician in Mathematics
Contribution of Indian Mathematician in MathematicsContribution of Indian Mathematician in Mathematics
Contribution of Indian Mathematician in Mathematics
Neeraj Yadav
 
Correlation of Mathematics with other School Subjects
Correlation of Mathematics with other School SubjectsCorrelation of Mathematics with other School Subjects
Correlation of Mathematics with other School Subjects
Neeraj Yadav
 
Place of Mathematics in Secondary School Curriculum
Place of Mathematics in Secondary School CurriculumPlace of Mathematics in Secondary School Curriculum
Place of Mathematics in Secondary School Curriculum
Neeraj Yadav
 
Meaning, Concept,Nature and History of Mathematics
Meaning, Concept,Nature and History of MathematicsMeaning, Concept,Nature and History of Mathematics
Meaning, Concept,Nature and History of Mathematics
Neeraj Yadav
 
No detention policy
No detention policyNo detention policy
No detention policy
Neeraj Yadav
 

More from Neeraj Yadav (7)

Action research
Action researchAction research
Action research
 
Contribution of Western Mathematician in Mathematics
Contribution of Western Mathematician in MathematicsContribution of Western Mathematician in Mathematics
Contribution of Western Mathematician in Mathematics
 
Contribution of Indian Mathematician in Mathematics
Contribution of Indian Mathematician in MathematicsContribution of Indian Mathematician in Mathematics
Contribution of Indian Mathematician in Mathematics
 
Correlation of Mathematics with other School Subjects
Correlation of Mathematics with other School SubjectsCorrelation of Mathematics with other School Subjects
Correlation of Mathematics with other School Subjects
 
Place of Mathematics in Secondary School Curriculum
Place of Mathematics in Secondary School CurriculumPlace of Mathematics in Secondary School Curriculum
Place of Mathematics in Secondary School Curriculum
 
Meaning, Concept,Nature and History of Mathematics
Meaning, Concept,Nature and History of MathematicsMeaning, Concept,Nature and History of Mathematics
Meaning, Concept,Nature and History of Mathematics
 
No detention policy
No detention policyNo detention policy
No detention policy
 

Tools and Techniques of Assessing Learning

  • 1. EDUCATION (B.Ed.) B.Ed.-II PAPER 2: ASSESSMENT OF LEARNING AND ACTION RESEARCH
  • 2. TOOLS AND TECHNIQUES OF ASSESSING LEARNING NEERAJ YADAV ASSISTANT PROFESSOR DEPARTMENT OF B.Ed. Shri Lal Bahadur Shastri Degree College, Gonda, U.P. Affiliated to Dr. Rammanohar Lohia Avadh University, Ayodhya, U. P. Email: neerajlbsgonda@gmail.com
  • 3. क्रोनबैक (Cronback) के अनुसार- “दो या दो से अधिक व्यक्तियों के व्यवहार का िुलनात्मक अध्ययन करने की व्यवक्थिि प्रक्रक्रया को परीक्षण कहिे हैंI” परीक्षण
  • 4. परीक्षण निर्माण के सिद्मांत 1. एक ही परीक्षण से क्रकसी मापन क्षेत्र के सभी उद्देश्यों की परीक्षा नहीीं हो सकिी हैI 2. परीक्षण का प्रारूप अत्यींि व्यापक होना चाहहएI 3. परीक्षण में सक्ममललि प्रश्नों की भाषा सरल, सुबोि, सींक्षक्षप्ि एवीं थपष्ट होनी चाहहएI 4. परीक्षण का उधचि एवीं थपष्ट नामाींकरण करना चाहहएI 5. द्वव अिी एवीं भ्रामक प्रश्नों को परीक्षण में थिान नहीीं देना चाहहएI 6. परीक्षण में प्रश्नों की सींख्या पयााप्ि रखनी चाहहएI 7. परीक्षण में ऐसे प्रश्नों को सक्ममललि क्रकया जाए जो छात्र के ज्ञान की व्यवहाररक क्षमिा का सही मूलयाींकन कर सकें I
  • 5. परीक्षण निर्माण के सिद्मांत 8. परीक्षण में सक्ममललि प्रत्येक प्रश्न एक दूसरे से थविींत्र होना चाहहएI 9. परीक्षाधिायों को उत्तर ललखने हेिु पयााप्ि थिान देना चाहहएI 10. प्रश्नों को यिोधचि क्रमाींक पर व्यवक्थिि करना चाहहएI 11. परीक्षण सींबींिी सामान्य ननदेश प्रारींभ से ही हदए जाने चाहहएI 12. परीक्षण की ववश्वसनीयिा एवीं वैििा को कु छ बनाए रखने का प्रयास क्रकया जाना चाहहएI 13. परीक्षण सींबींिी वववरण पुक्थिका साविानीपूवाक िैयार क्रकया जाना चाहहएI
  • 6. परीक्षण रचिम के पद 1. परीक्षण ननमााण की योजना बनाना 2. परीक्षण का प्रारींलभक प्रारूप िैयार करना 3. परीक्षण के प्रारींलभक प्रारूप की जाींच करना 4. परीक्षण का अींनिम प्रारूप िैयार करना 5. परीक्षण का मूलयाींकन करना
  • 7. 1.परीक्षण निर्माण की योजिम बिमिम 1. परीक्षण उद्देश्यों का यिोधचि ननिाारण 2. ववषय वथिु का ननिाारण 3. परीक्षण के रूप आहद के सींबींि में ननिाारण
  • 8. 2.परीक्षण कम प्रमरांसिक प्रमरूप तैयमर करिम A. परीक्षण के पद (i) परीक्षण के पद या प्रश्नों के प्रकार a. द्वी ववकलप b. बहुववकलपीय c. लमलानIत्मक d. ररति थिान की पूनिा e. पुनः थमरण f. लघु उत्तरीय g. ननबींिात्मक प्रश्न (ii). ववलशष्टीकरण िाललका या ब्लूवप्रींट (iii). पदों की रचना (iv). पदों का व्यवथिापन
  • 10. पदों की रचिम करते िर्य िमव्मनियमां • प्रारींलभक प्रारूप में अींनिम प्रारूप की अपेक्षा प्रश्नों की सींख्या डेढ़ गुननया दोगुनी रखनी चाहहएI • जहाीं िक सींभव हो प्रत्येक पद के अींक समान रखने चाहहएI • प्रश्न इस प्रकार के होने चाहहए क्रक परीक्षाधिायों को प्रश्न के उत्तर का कोई सींके ि ना लमले I • परीक्षण ननमााणकिाा प्रश्नों की रचना अपनी भाषा में करें ना क्रक पाठ्य पुथिकों के वातयों को प्रश्नों में दोहराएI • परीक्षण में सक्ममललि प्रत्येक प्रश्न परीक्षण के उद्देश्यों की पूनिा करने वाला होना चाहहएI • परीक्षण के पदों की रचना में परीक्षण के कहिनाई थिर को भी ध्यान में रखना चाहहएI • परीक्षण के पदों की रचना के बाद इन्हें दोहरा कर आवश्यकिा अनुसार सींशोिन करना चाहहएI • जब एक परीक्षण के सींपूणा पदों की रचना हो जाए िो परीक्षण करिा को सभी प्रश्नों का सींपादन साविानीपूवाक करना चाहहएI • परीक्षण में सक्ममललि पदों को अधिक ववश्वसनीय और वैि बनाने के ललए ववशेषज्ञों से सींशोिन करा लेना चाहहएI
  • 11. 3.परीक्षण के प्रमरांसिक रूप की जमांच करिम • परीक्षण के प्रारींलभक रूप की जाींच के अींिगाि मुख्यिः िीन िथ्यों की जाींच की जािी है • परीक्षण के पद या प्रश्नों की जाींच • परीक्षण के प्रशासन एवीं ननदेशों की जाींच • परीक्षण के अींकन की जाींच
  • 12. पद ववश्लेषण कठििमई स्तर Difficulty Level or Value D.V.=100-(RH+RL)*100/2n जहाीं D.V.=पद कहिनिा मूलय RH= उच्च समूह से सही हल का प्रनिशि RL=ननमन समूह से सही हल का प्रनिशि n=ननमन समूह या उच्च समूह में परीक्षाधिायों की सींख्या
  • 13. पद ववश्लेषण वविेदि क्षर्तम D.P.=(RH-RL)/n जहाीं D.P.=ववभेदन क्षमिा मूलय RH= उच्च समूह से सही हल का प्रनिशि RL=ननमन समूह से सही हल का प्रनिशि n=ननमन समूह या उच्च समूह में परीक्षाधिायों की सींख्या
  • 14. 4.परीक्षण कम अांनतर् प्रमरूप तैयमर करिम • पदों का अींनिम रूप से चयन • प्रशासन और ननदेशों का अींनिम प्रारूप
  • 15. 5.परीक्षण कम र्ूलयमांकि • ववश्वसनीयिा • वैििा
  • 16. परीक्षण कम र्मिकीकरण क्रकसी मानकीकृ ि परीक्षण में प्रक्रक्रया अींकन, मूलयाींकन आहद सभी ननक्श्चि होिे हैंI क्जससे इसका प्रयोग ववलभन्न अवसरों पर क्रकया जा सके I इससे मानकों की सारणी ििा क्रकसी समूह के प्रनिननधित्व कारी ववद्याधिायों का सींभाववि प्राप्िाींक ज्ञाि रहिा हैI
  • 17. र्मिकीकृ त निदमिमत्र्क परीक्षण निर्माण के ववसिन्ि चरण • ववशेषज्ञों की गोष्िी • सशक्षम के उददेश्यों की िूची तैयमर करिम • ववसशष्टीकरण तमसलकम तैयमर करिम
  • 18. र्मिकीकृ त निदमिमत्र्क परीक्षण निर्माण के ववसिन्ि चरण • एकाींश ललखना • परीक्षण पुक्थिका िैयार करना • छात्रों के समूह पर परीक्षण प्रशालसि करना • उत्तर पत्रों की जाींच करना • पद ववश्लेषण • परीक्षण को सींशोधिि करना • प्रनिननधि प्रनिदशा का चयन • पररष्कृ ि परीक्षण पत्र इस प्रनिननधि प्रनिदशा को हदया जाना • प्रनिदशा से प्राप्ि उत्तरों की सहायिा से ववश्वसनीयिा, वैििा आहद की गणना करना • मैनुअल िैयार करना