1. आया वसंत -- !
प्रणाम / नमस्ते – शान्ता शमाा
अब सन््या क्यों मुस्कु राने लग गई है ?
अचानक हवा क्यों गुनगुनाते चल पड़ी है ?
कोमल कोपलें क्यों झााँकती-सी लग रही हैं ?
कललयााँ सब क्यों चूनर हटाने लग गई हैं ?
इसललए कक आया वसंत, वसंत आया |
कोयल लजाकर कू कने क्यों लग गई हैं ?
कहीं दूर नील गगन क्यों झुका हुआ है ?
उसे देख सागर-कर क्यों बढ़ा रहा है ?
भीनी महक-सी सवात्र अब क्यों छा गई है ?
चादर तम की चन्र-ककरणें क्यों चीर रही हैं ?
उदयाचल से सूया-देव क्यों झोंक रहे हैं ?
नभतल में से तारे सब क्यों चमक रहे हैं ?
इसललए कक आया वसंत, वसंत आया |
सारे भौंरे रह-रहकर यों गूाँज रहे हैं !
सारे पक्षी रह-रहकर यों चहक रहे हैं !
सारे उपवन रह-रहकर यों महक रहे हैं !
सारे प्रसून रह-रहकर यों झूम रहे हैं !
इसललए कक आया वसंत, वसंत आया |
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