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मुहावरे और लोकोियाक्तियाँ
मुहावरा- कोई भी ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अथ र्थ को छोड़कर िकसी ियावशेष अथ र्थ को व्यक्ति करे उसे मुहावरा कहते हैं।
लोकोियाक्ति- लोकोियाक्तियाँ लोक-अनुभव से बनती हैं। िकसी समाज ने जो कुछ अपने लंबे अनुभव से सीखा है उसे एक वाक्य में बाँध िदिया है।
ऐसे वाक्यों को ही लोकोियाक्ति कहते हैं। इसे कहावत, जनश्रुियात आदिदि भी कहते हैं।
मुहावरा और लोकोियाक्ति में अंतर- मुहावरा वाक्यांश है और इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं िकया जा सकता। लोकोियाक्ति संपूर्णर्थ वाक्य है
और इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से िकया जा सकता है। जैसे-‘होश उड़ जाना’ मुहावरा है। ‘बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी’ लोकोियाक्ति
है।
कुछ प्रचलियालत मुहावरे
1. अंग संबंधी मुहावरे
1. अंग छूर्टा- (कसम खाना) मैं अंग छूर्कर कहता हूँ साहब, मैने पाजेब नहीं दिेखी।
2. अंग-अंग मुसकाना-(बहुत प्रसन्न होना)- आदज उसका अंग-अंग मुसकरा रहा थ ा।
3. अंग-अंग टूर्टना-(सारे बदिन में दिदिर्थ होना)-इस ज्वर ने तो मेरा अंग-अंग तोड़कर रख िदिया।
4. अंग-अंग ढीला होना-(बहुत थ क जाना)- तुम्हारे साथ  कल चललूर्ँगा। आदज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है।
2. अक्ल-संबंधी मुहावरे
1. अक्ल का दिुश्मन-(मूर्खर्थ)- वह तो ियानरा अक्ल का दिुश्मन ियानकला।
2. अक्ल चलकराना-(कुछ समझ में न आदना)-प्रश-पत्र दिेखते ही मेरी अक्ल चलकरा गई।
3. अक्ल के पीछे लठ ियालए िफिरना (समझाने पर भी न मानना)- तुम तो सदिैव अक्ल के पीछे लठ ियालए िफिरते हो।
4. अक्ल के घोड़े दिौड़ाना-(तरह-तरह के ियावचलार करना)- बड़े-बड़े वैज्ञाियानकों ने अक्ल के घोड़े दिौड़ाए, तब कहीं वे अणुबम बना सके।
3. आदँख-संबंधी मुहावरे
1. आदँख िदिखाना-(गुस्से से दिेखना)- जो हमें आदँख िदिखाएगा, हम उसकी आदँखें फिोड़ दिेगें।
2. आदँखों में ियागरना-(सम्मानरियाहत होना)- कुरसी की होड़ ने जनता सरकार को जनता की आदँखों में ियागरा िदिया।
3. आदँखों में धूर्ल झोंकना-(धोखा दिेना)- ियाशवाजी मुगल पहरेदिारों की आदँखों में धूर्ल झोंककर बंदिीगृह से बाहर ियानकल गए।
4. आदँख चलुराना-(ियाछपना)- आदजकल वह मुझसे आदँखें चलुराता िफिरता है।
5. आदँख मारना-(इशारा करना)-गवाह मेरे भाई का ियामत्र ियानकला, उसने उसे आदँख मारी, अन्यथ ा वह मेरे ियावरुद्ध गवाही दिे दिेता।
6. आदँख तरसना-(दिेखने के लालाियायत होना)- तुम्हें दिेखने के ियालए तो मेरी आदँखें तरस गई।
7. आदँख फिे र लेना-(प्रियातकूर्ल होना)- उसने आदजकल मेरी ओर से आदँखें फिे र ली हैं।
8. आदँख ियाबछाना-(प्रतीक्षा करना)- लोकनायक जयप्रकाश नारायण ियाजधर जाते थ े उधर ही जनता उनके ियालए आदँखें ियाबछाए खड़ी होती
थ ी।
9. आदँखें सेंकना-(सुंदिर वस्तु को दिेखते रहना)- आदँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी
10. आदँखें चलार होना-(प्रेम होना,आदमना-सामना होना)- आदँखें चलार होते ही वह ियाखड़की पर से हट गई।
11. आदँखों का तारा-(अियातियाप्रय)-आदशीष अपनी माँ की आदँखों का तारा है।
12. आदँख उठाना-(दिेखने का साहस करना)- अब वह कभी भी मेरे सामने आदँख नहीं उठा सकेगा।
13. आदँख खुलना-(होश आदना)- जब संबंियाधयों ने उसकी सारी संपियात्ति हड़प ली तब उसकी आदँखें खुलीं।
14. आदँख लगना-(नींदि आदना अथ वा व्यार होना)- बड़ी मुियाश्कल से अब उसकी आदँख लगी है। आदजकल आदँख लगते दिेर नहीं होती।
15. आदँखों पर परदिा पड़ना-(लोभ के कारण सचलाई न दिीखना)- जो दिूर्सरों को ठगा करते हैं, उनकी आदँखों पर परदिा पड़ा हुआद है। इसका
फिल उन्हें अवश्य ियामलेगा।
16. आदँखों का काटा-(अियाप्रय व्यियाक्ति)- अपनी कुप्रवृियात्तियों के कारण राजन ियापताजी की आदँखों का काँटा बन गया।
17. आदँखों में समाना-(िदिल में बस जाना)- ियागरधर मीरा की आदँखों में समा गया।
4. कलेजा-संबंधी कु छ मुहावरे
1. कलेजे पर हाथ  रखना-(अपने िदिल से पूर्छना)- अपने कलेजे पर हाथ  रखकर कहो िक क्या तुमने पैन नहीं तोड़ा।
2. कलेजा जलना-(तीव्र असंतोष होना)- उसकी बातें सुनकर मेरा कलेजा जल उठा।
3. कलेजा ठंडा होना-(संतोष हो जाना)- डाकुओं को पकड़ा हुआद दिेखकर गाँव वालों का कलेजा ठंढा हो गया।
4. कलेजा थ ामना-(जी कड़ा करना)- अपने एकमात्र युवा पुत्र की मृत्यु पर माता-ियापता कलेजा थ ामकर रह गए।
5. कलेजे पर पत्थ र रखना-(दिुख में भी धीरज रखना)- उस बेचलारे की क्या कहते हों, उसने तो कलेजे पर पत्थ र रख ियालया है।
6. कलेजे पर साँप लोटना-(ईष्यार्थ से जलना)- श्रीराम के राज्याियाभषेक का समाचलार सुनकर दिासी मंथ रा के कलेजे पर साँप लोटने लगा।
5. कान-संबंधी कु छ मुहावरे
1. कान भरना-(चलुगली करना)- अपने साियाथ यों के ियावरुद्ध अध्यापक के कान भरने वाले ियावद्याथ ी अच्छे नहीं होते।
2. कान कतरना-(बहुत चलतुर होना)- वह तो अभी से बड़े-बड़ों के कान कतरता है।
3. कान का कच्चा-(सुनते ही िकसी बात पर ियावश्वास करना)- जो माियालक कान के कच्चे होते हैं वे भले कमर्थचलािरयों पर भी ियावश्वास नहीं
करते।
4. कान पर जूर्ँ तक न रेंगना-(कुछ असर न होना)-माँ ने गौरव को बहुत समझाया, िकन्तु उसके कान पर जूर्ँ तक नहीं रेंगी।
5. कानोंकान खबर न होना-(ियाबलकुल पता न चललना)-सोने के ये ियाबस्कुट ले जाओ, िकसी को कानोंकान खबर न हो।
6. नाक-संबंधी कु छ मुहावरे
1. नाक में दम करना-(बहुत तंग करना)- आतंकवािदयों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है।
2. नाक रखना-(मान रखना)- सच पूछो तो उसने सच कहकर मेरी नाक रख ली।
3. नाक रगड़ना-(दीनता िदखाना)-िगरहकट ने िसपाही के सामने खूब नाक रगड़ी, पर उसने उसे छोड़ा नहीं।
4. नाक पर मक्खी न बैठने देना-(अपने पर आँच न आने देना)-िकतनी ही मुसीबतें उठाई, पर उसने नाक पर मक्खी न बैठने दी।
5. नाक कटना-(प्रतितष्ठा नष्ट होना)- अरे भैया आजकल की औलाद तो खानदान की नाक काटकर रख देती है।
7. मुँह-संबंधी कु छ मुहावरे
1. मुँह की खाना-(हार मानना)-पड़ोसी के घर के मामले में दखल देकर हरद्वारी को मुँह की खानी पड़ी।
2. मुँह में पानी भर आना-(िदल ललचाना)- लडड्डुओं का नाम सुनते ही पंिड्डतजी के मुँह में पानी भर आया।
3. मुँह खून लगना-(िरश्वत लेने की आदत पड़ जाना)- उसके मुँह खून लगा है, िबना िलए वह काम नहीं करेगा।
4. मुँह िछपाना-(लिज्जित होना)- मुँह िछपाने से काम नहीं बनेगा, कुछ करके भी िदखाओ।
5. मुँह रखना-(मान रखना)-मैं तुम्हारा मुँह रखने के िलए ही प्रतमोद के पास गया था, अन्यथा मुझे क्या आवश्यकता थी।
6. मुँहतोड़ जवाब देना-(कड़ा उत्तर देना)- श्याम मुँहतोड़ जवाब सुनकर िफिर कुछ नहीं बोला।
7. मुँह पर कािलख पोतना-(कलंक लगाना)-बेटा तुम्हारे कुकमों ने मेरे मुँह पर कािलख पोत दी है।
8. मुँह उतरना-(उदास होना)-आज तुम्हारा मुँह क्यों उतरा हुआ है।
9. मुँह ताकना-(दूसरे पर आिश्रित होना)-अब गेहूँ के िलए हमें अमेिरका का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा।
10. मुँह बंद करना-(चुप कर देना)-आजकल िरश्वत ने बड़े-बड़े अफिसरों का मुँह बंद कर रखा है।
8. दाँत-संबंधी मुहावरे
1. दाँत पीसना-(बहुत ज्यादा गुस्सा करना)- भला मुझ पर दाँत क्यों पीसते हो? शीशा तो शंकर ने तोड़ा है।
2. दाँत खट्टे करना-(बुरी तरह हराना)- भारतीय सैिनकों ने पािकस्तानी सैिनकों के दाँत खट्टे कर िदए।
3. दाँत काटी रोटी-(घिनष्ठता, पक्की िमत्रता)- कभी राम और श्याम में दाँत काटी रोटी थी पर आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन है।
9. गरदन-संबंधी मुहावरे
1. गरदन झुकाना-(लिज्जित होना)- मेरा सामना होते ही उसकी गरदन झुक गई।
2. गरदन पर सवार होना-(पीछे पड़ना)- मेरी गरदन पर सवार होने से तुम्हारा काम नहीं बनने वाला है।
3. गरदन पर छुरी फिे रना-(अत्याचार करना)-उस बेचारे की गरदन पर छुरी फिे रते तुम्हें शरम नहीं आती, भगवान इसके िलए तुम्हें कभी
क्षमा नहीं करेंगे।
10. गले-संबंधी मुहावरे
1. गला घोंटना-(अत्याचार करना)- जो सरकार गरीबों का गला घोंटती है वह देर तक नहीं िटक सकती।
2. गला फिँ साना-(बंधन में पड़ना)- दूसरों के मामले में गला फिँसाने से कुछ हाथ नहीं आएगा।
3. गले मढ़ना-(जबरदस्ती िकसी को कोई काम सौंपना)- इस बुदधू को मेरे गले मढ़कर लालाजी ने तो मुझे तंग कर ड्डाला है।
4. गले का हार-(बहुत प्यारा)- तुम तो उसके गले का हार हो, भला वह तुम्हारे काम को क्यों मना करने लगा।
11. िसर-संबंधी मुहावरे
1. िसर पर भूत सवार होना-(धुन लगाना)-तुम्हारे िसर पर तो हर समय भूत सवार रहता है।
2. िसर पर मौत खेलना-(मृत्यु समीप होना)- िवभीषण ने रावण को संबोिधत करते हुए कहा, ‘भैया ! मुझे क्या ड्डरा रहे हो ? तुम्हारे
िसर पर तो मौत खेल रही है‘।
3. िसर पर खून सवार होना-(मरने-मारने को तैयार होना)- अरे, बदमाश की क्या बात करते हो ? उसके िसर पर तो हर समय खून
सवार रहता है।
4. िसर-धड़ की बाजी लगाना-(प्रताणों की भी परवाह न करना)- भारतीय वीर देश की रक्षा के िलए िसर-धड़ की बाजी लगा देते हैं।
5. िसर नीचा करना-(लजा जाना)-मुझे देखते ही उसने िसर नीचा कर िलया।
12. हाथ-संबंधी मुहावरे
1. हाथ खाली होना-(रुपया-पैसा न होना)- जुआ खेलने के कारण राजा नल का हाथ खाली हो गया था।
2. हाथ खींचना-(साथ न देना)-मुसीबत के समय नकली िमत्र हाथ खींच लेते हैं।
3. हाथ पे हाथ धरकर बैठना-(िनकम्मा होना)- उद्यमी कभी भी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते हैं, वे तो कुछ करके ही िदखाते हैं।
4. हाथों के तोते उड़ना-(दुख से हैरान होना)- भाई के िनधन का समाचार पाते ही उसके हाथों के तोते उड़ गए।
5. हाथोंहाथ-(बहुत जल्दी)-यह काम हाथोंहाथ हो जाना चािहए।
6. हाथ मलते रह जाना-(पछताना)- जो िबना सोचे-समझे काम शुरू करते है वे अंत में हाथ मलते रह जाते हैं।
7. हाथ साफि करना-(चुरा लेना)- ओह ! िकसी ने मेरी जेब पर हाथ साफि कर िदया।
8. हाथ-पाँव मारना-(प्रतयास करना)- हाथ-पाँव मारने वाला व्यक्तिक्ति अंत में अवश्य सफिलता प्रताप्त करता है।
9. हाथ ड्डालना-(शुरू करना)- िकसी भी काम में हाथ ड्डालने से पूवर्व उसके अच्छे या बुरे फिल पर िवचार कर लेना चािहए।
13. हवा-संबंधी मुहावरे
1. हवा लगना-(असर पड़ना)-आजकल भारतीयों को भी पिश्चिम की हवा लग चुकी है।
2. हवा से बातें करना-(बहुत तेज दौड़ना)- राणा प्रतताप ने ज्यों ही लगाम िहलाई, चेतक हवा से बातें करने लगा।
3. हवाई िकिले बनाना-(झूठी किल्पनाएँ किरना)- हवाई िकिले ही बनाते रहोगे या किुछ किरोगे भी ?
4. हवा हो जाना-(गायब हो जाना)- देखते-ही-देखते मेरी साइकिकिल न जाने किहाँ हवा हो गई ?
14. पानी-संबंधी मुहावरे
1. पानी-पानी होना-(लित ज्जित होना)-ज्योंही सोहन ने माताजी किे पसर्स में हाथ डाला िकि ऊपर से माताजी आ गई। बस, उन्हें देखते ही वह
पानी-पानी हो गया।
2. पानी में आग लगाना-(शांित त भंग किर देना)-तुमने तो सदा पानी में आग लगाने किा ही किाम िकिया है।
3. पानी फे र देना-(ित नराश किर देना)-उसने तो मेरी आशाओं पर पानी पेर िदया।
4. पानी भरना-(तुच्छ लगना)-तुमने तो जीवन-भर पानी ही भरा है।
15. किु छ ित मले-जुले मुहावरे
1. अँगूठा िदखाना-(देने से साफ इकनकिार किर देना)-सेठ रामलाल ने धमर्सशाला किे ित लए पाँच हजार रुपए दान देने किो किहा था, िकिन्तु जब
मैनेजर उनसे मांगने गया तो उन्होंने अँगूठा िदखा िदया।
2. अगर-मगर किरना-(टालमटोल किरना)-अगर-मगर किरने से अब किाम चलने वाला नहीं है। बंधु !
3. अंगारे बरसाना-(अत्यंत गुस्से से देखना)-अित भमन्यु वध किी सूचना पाते ही अजुर्सन किे नेत्र अंगारे बरसाने लगे।
4. आड़े हाथों लेना-(अच्छी तरह किाबू किरना)-श्रीकिृष्ण ने किंस किो आड़े हाथों ित लया।
5. आकिाश से बातें किरना-(बहुत ऊँ चा होना)-टी.वी.टावर तो आकिाश से बाते किरती है।
6. ईद किा चाँद-(बहुत किम दीखना)-ित मत्र आजकिल तो तुम ईद किा चाँद हो गए हो, किहाँ रहते हो ?
7. उँगली पर नचाना-(वश में किरना)-आजकिल किी औरतें अपने पित तयों किो उँगित लयों पर नचाती हैं।
8. किलई खुलना-(रहस्य प्रकिट हो जाना)-उसने तो तुम्हारी किलई खोलकिर रख दी।
9. किाम तमाम किरना-(मार देना)- रानी लक्ष्मीबाई ने पीछा किरने वाले दोनों अंग्रेजों किा किाम तमाम किर िदया।
10. किुत्ते किी मौत किरना-(बुरी तरह से मरना)-राष्ट्रद्रोही सदा किुत्ते किी मौत मरते हैं।
11. किोल्हू किा बैल-(ित नरंतर किाम में लगे रहना)-किोल्हू किा बैल बनकिर भी लोग आज भरपेट भोजन नहीं पा सकिते।
12. खाकि छानना-(दर-दर भटकिना)-खाकि छानने से तो अच्छा है एकि जगह जमकिर किाम किरो।
13. गड़े मुरदे उखाड़ना-(ित पछली बातों किो याद किरना)-गड़े मुरदे उखाड़ने से तो अच्छा है िकि अब हम चुप हो जाएँ।
14. गुलछरे उड़ाना-(मौज किरना)-आजकिल तुम तो दूसरे किे माल पर गुलछरे उड़ा रहे हो।
15. घास खोदना-(फुजूल समय ित बताना)-सारी उम्र तुमने घास ही खोदी है।
16. चंपत होना-(भाग जाना)-चोर पुित लस किो देखते ही चंपत हो गए।
17. चौकिड़ी भरना-(छलाँगे लगाना)-ित हरन चौकिड़ी भरते हुए किहीं से किहीं जा पहुँचे।
18. छक्के छुडा़़ना-(बुरी तरह पराित जत किरना)-पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी किे छक्के छुड़ा िदए।
19. टकिा-सा जवाब देना-(किोरा उत्तर देना)-आशा थी िकि किहीं वह मेरी जीित वकिा किा प्रबंध किर देगा, पर उसने तो देखते ही टकिा-सा
जवाब दे िदया।
20. टोपी उछालना-(अपमाित नत किरना)-मेरी टोपी उछालने से उसे क्या ित मलेगा?
21. तलवे चाटने-(खुशामद किरना)-तलवे चाटकिर नौकिरी किरने से तो किहीं डूब मरना अच्छा है।
22. थाली किा बैंगन-(अित स्थर ित वचार वाला)- जो लोग थाली किे बैगन होते हैं, वे िकिसी किे सच्चे ित मत्र नहीं होते।
23. दाने-दाने किो तरसना-(अत्यंत गरीब होना)-बचपन में मैं दाने-दाने किो तरसता िफरा, आज ईश्वर किी किृपा है।
24. दौड़-धूप किरना-(किठोर श्रम किरना)-आज किे युग में दौड़-धूप किरने से ही किुछ किाम बन पाता है।
25. धित ज्जियाँ उड़ाना-(नष-भ्रष किरना)-यिद किोई भी राष्ट्र हमारी स्वतंत्रता किो हड़पना चाहेगा तो हम उसकिी धित ज्जियाँ उड़ा देंगे।
26. नमकि-ित मचर्स लगाना-(बढ़ा-चढ़ाकिर किहना)-आजकिल समाचारपत्र िकिसी भी बात किो इकस प्रकिार नमकि-ित मचर्स लगाकिर ित लखते हैं िकि
जनसाधारण उस पर ित वश्वास किरने लग जाता है।
27. नौ-दो ग्यारह होना-(भाग जाना)- ित बल्ली किो देखते ही चूहे नौ-दो ग्यारह हो गए।
28. फूँ कि-फूँ किकिर किदम रखना-(सोच-समझकिर किदम बढ़ाना)-जवानी में फूँ कि-फूँ किकिर किदम रखना चाित हए।
29. बाल-बाल बचना-(बड़ी कििठनाई से बचना)-गाड़ी किी टक्कर होने पर मेरा ित मत्र बाल-बाल बच गया।
30. भाड़ झोंकिना-(योंही समय ित बताना)-िदल्ली में आकिर भी तुमने तीस साल तकि भाड़ ही झोंकिा है।
31. मित क्खयाँ मारना-(ित नकिम्मे रहकिर समय ित बताना)-यह समय मित क्खयाँ मारने किा नहीं है, घर किा किुछ किाम-किाज ही किर लो।
32. माथा ठनकिना-(संदेह होना)- िसह किे पंजों किे ित नशान रेत पर देखते ही गीदड़ किा माथा ठनकि गया।
33. ित मट्टी खराब किरना-(बुरा हाल किरना)-आजकिल किे नौजवानों ने बूढ़ों किी ित मट्टी खराब किर रखी है।
34. रंग उड़ाना-(घबरा जाना)-किाले नाग किो देखते ही मेरा रंग उड़ गया।
35. रफू चक्कर होना-(भाग जाना)-पुित लस किो देखते ही बदमाश रफू चक्कर हो गए।
36. लोहे किे चने चबाना-(बहुत कििठनाई से सामना किरना)- मुगल सम्राट अकिबर किो राणाप्रताप किे साथ टक्कर लेते समय लोहे किे चने
चबाने पड़े।
37. ित वष उगलना-(बुरा-भला किहना)-दुयोधन किो गांडीव धनुष किा अपमान किरते देख अजुर्सन ित वष उगलने लगा।
38. श्रीगणेश किरना-(शुरू किरना)-आज बृहस्पित तवार है, नए वषर्स किी पढाई किा श्रीगणेश किर लो।
39. हजामत बनाना-(ठगना)-ये ित हप्पी न जाने िकितने भारतीयों किी हजामत बना चुकिे हैं।
40. शैतान किे किान कितरना-(बहुत चालाकि होना)-तुम तो शैतान किे भी किान कितरने वाले हो, बेचारे रामनाथ किी तुम्हारे सामने ित बसात
ही क्या है ?
41. राई किा पहाड़ बनाना-(छोटी-सी बात किो बहुत बढ़ा देना)- तित नकि-सी बात किे ित लए तुमने राई किा पहाड़ बना िदया।
19. टका-सा जवाब देना-(कोरा उत्तर देना)-आशा थी िक कहीं वह मेरी जीिवका का प्रबंध कर देगा, पर उसने तो देखते ही टका-सा
जवाब दे िदया।
20. टोपी उछालना-(अपमािनत करना)-मेरी टोपी उछालने से उसे क्या िमलेगा?
21. तलवे चाटने-(खुशामद करना)-तलवे चाटकर नौकरी करने से तो कहीं डूब मरना अच्छा है।
22. थाली का बैंगन-(अिस्थर िवचार वाला)- जो लोग थाली के बैगन होते हैं, वे िकसी के सच्चे िमत्र नहीं होते।
23. दाने-दाने को तरसना-(अत्यंत गरीब होना)-बचपन में मैं दाने-दाने को तरसता िफिरा, आज ईश्वर की कृपा है।
24. दौड-धूप करना-(कठोर श्रम करना)-आज के युग में दौड-धूप करने से ही कुछ काम बन पाता है।
25. धिज्जियाँ उडाना-(नष-भ्रष करना)-यिद कोई भी राष्ट्र हमारी स्वतंत्रता को हडपना चाहेगा तो हम उसकी धिज्जियाँ उडा देंगे।
26. नमक-िमचर्च लगाना-(बढ़ा-चढ़ाकर कहना)-आजकल समाचारपत्र िकसी भी बात को इस प्रकार नमक-िमचर्च लगाकर िलखते हैं िक
जनसाधारण उस पर िवश्वास करने लग जाता है।
27. नौ-दो ग्यारह होना-(भाग जाना)- िबल्ली को देखते ही चूहे नौ-दो ग्यारह हो गए।
28. फिूँ क-फिूँ ककर कदम रखना-(सोच-समझकर कदम बढ़ाना)-जवानी में फिूँ क-फिूँ ककर कदम रखना चािहए।
29. बाल-बाल बचना-(बडी किठनाई से बचना)-गाडी की टक्कर होने पर मेरा िमत्र बाल-बाल बच गया।
30. भाड झोंकना-(योंही समय िबताना)-िदल्ली में आकर भी तुमने तीस साल तक भाड ही झोंका है।
31. मिक्खयाँ मारना-(िनकम्मे रहकर समय िबताना)-यह समय मिक्खयाँ मारने का नहीं है, घर का कुछ काम-काज ही कर लो।
32. माथा ठनकना-(संदेह होना)- िसह के पंजों के िनशान रेत पर देखते ही गीदड का माथा ठनक गया।
33. िमट्टी खराब करना-(बुरा हाल करना)-आजकल के नौजवानों ने बूढ़ों की िमट्टी खराब कर रखी है।
34. रंग उडाना-(घबरा जाना)-काले नाग को देखते ही मेरा रंग उड गया।
35. रफिू चक्कर होना-(भाग जाना)-पुिलस को देखते ही बदमाश रफिू चक्कर हो गए।
36. लोहे के चने चबाना-(बहुत किठनाई से सामना करना)- मुगल सम्राट अकबर को राणाप्रताप के साथ टक्कर लेते समय लोहे के चने
चबाने पडे।
37. िवष उगलना-(बुरा-भला कहना)-दुयोधन को गांडीव धनुष का अपमान करते देख अजुर्चन िवष उगलने लगा।
38. श्रीगणेश करना-(शुरू करना)-आज बृहस्पितवार है, नए वषर्च की पढाई का श्रीगणेश कर लो।
39. हजामत बनाना-(ठगना)-ये िहप्पी न जाने िकतने भारतीयों की हजामत बना चुके हैं।
40. शैतान के कान कतरना-(बहुत चालाक होना)-तुम तो शैतान के भी कान कतरने वाले हो, बेचारे रामनाथ की तुम्हारे सामने िबसात
ही क्या है ?
41. राई का पहाड बनाना-(छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना)- तिनक-सी बात के िलए तुमने राई का पहाड बना िदया।

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मुहावरे और लोकोक्तियाँ

  • 1. मुहावरे और लोकोियाक्तियाँ मुहावरा- कोई भी ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अथ र्थ को छोड़कर िकसी ियावशेष अथ र्थ को व्यक्ति करे उसे मुहावरा कहते हैं। लोकोियाक्ति- लोकोियाक्तियाँ लोक-अनुभव से बनती हैं। िकसी समाज ने जो कुछ अपने लंबे अनुभव से सीखा है उसे एक वाक्य में बाँध िदिया है। ऐसे वाक्यों को ही लोकोियाक्ति कहते हैं। इसे कहावत, जनश्रुियात आदिदि भी कहते हैं। मुहावरा और लोकोियाक्ति में अंतर- मुहावरा वाक्यांश है और इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं िकया जा सकता। लोकोियाक्ति संपूर्णर्थ वाक्य है और इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से िकया जा सकता है। जैसे-‘होश उड़ जाना’ मुहावरा है। ‘बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी’ लोकोियाक्ति है। कुछ प्रचलियालत मुहावरे 1. अंग संबंधी मुहावरे 1. अंग छूर्टा- (कसम खाना) मैं अंग छूर्कर कहता हूँ साहब, मैने पाजेब नहीं दिेखी। 2. अंग-अंग मुसकाना-(बहुत प्रसन्न होना)- आदज उसका अंग-अंग मुसकरा रहा थ ा। 3. अंग-अंग टूर्टना-(सारे बदिन में दिदिर्थ होना)-इस ज्वर ने तो मेरा अंग-अंग तोड़कर रख िदिया। 4. अंग-अंग ढीला होना-(बहुत थ क जाना)- तुम्हारे साथ कल चललूर्ँगा। आदज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है। 2. अक्ल-संबंधी मुहावरे 1. अक्ल का दिुश्मन-(मूर्खर्थ)- वह तो ियानरा अक्ल का दिुश्मन ियानकला। 2. अक्ल चलकराना-(कुछ समझ में न आदना)-प्रश-पत्र दिेखते ही मेरी अक्ल चलकरा गई। 3. अक्ल के पीछे लठ ियालए िफिरना (समझाने पर भी न मानना)- तुम तो सदिैव अक्ल के पीछे लठ ियालए िफिरते हो। 4. अक्ल के घोड़े दिौड़ाना-(तरह-तरह के ियावचलार करना)- बड़े-बड़े वैज्ञाियानकों ने अक्ल के घोड़े दिौड़ाए, तब कहीं वे अणुबम बना सके। 3. आदँख-संबंधी मुहावरे 1. आदँख िदिखाना-(गुस्से से दिेखना)- जो हमें आदँख िदिखाएगा, हम उसकी आदँखें फिोड़ दिेगें। 2. आदँखों में ियागरना-(सम्मानरियाहत होना)- कुरसी की होड़ ने जनता सरकार को जनता की आदँखों में ियागरा िदिया। 3. आदँखों में धूर्ल झोंकना-(धोखा दिेना)- ियाशवाजी मुगल पहरेदिारों की आदँखों में धूर्ल झोंककर बंदिीगृह से बाहर ियानकल गए। 4. आदँख चलुराना-(ियाछपना)- आदजकल वह मुझसे आदँखें चलुराता िफिरता है। 5. आदँख मारना-(इशारा करना)-गवाह मेरे भाई का ियामत्र ियानकला, उसने उसे आदँख मारी, अन्यथ ा वह मेरे ियावरुद्ध गवाही दिे दिेता। 6. आदँख तरसना-(दिेखने के लालाियायत होना)- तुम्हें दिेखने के ियालए तो मेरी आदँखें तरस गई। 7. आदँख फिे र लेना-(प्रियातकूर्ल होना)- उसने आदजकल मेरी ओर से आदँखें फिे र ली हैं।
  • 2. 8. आदँख ियाबछाना-(प्रतीक्षा करना)- लोकनायक जयप्रकाश नारायण ियाजधर जाते थ े उधर ही जनता उनके ियालए आदँखें ियाबछाए खड़ी होती थ ी। 9. आदँखें सेंकना-(सुंदिर वस्तु को दिेखते रहना)- आदँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी 10. आदँखें चलार होना-(प्रेम होना,आदमना-सामना होना)- आदँखें चलार होते ही वह ियाखड़की पर से हट गई। 11. आदँखों का तारा-(अियातियाप्रय)-आदशीष अपनी माँ की आदँखों का तारा है। 12. आदँख उठाना-(दिेखने का साहस करना)- अब वह कभी भी मेरे सामने आदँख नहीं उठा सकेगा। 13. आदँख खुलना-(होश आदना)- जब संबंियाधयों ने उसकी सारी संपियात्ति हड़प ली तब उसकी आदँखें खुलीं। 14. आदँख लगना-(नींदि आदना अथ वा व्यार होना)- बड़ी मुियाश्कल से अब उसकी आदँख लगी है। आदजकल आदँख लगते दिेर नहीं होती। 15. आदँखों पर परदिा पड़ना-(लोभ के कारण सचलाई न दिीखना)- जो दिूर्सरों को ठगा करते हैं, उनकी आदँखों पर परदिा पड़ा हुआद है। इसका फिल उन्हें अवश्य ियामलेगा। 16. आदँखों का काटा-(अियाप्रय व्यियाक्ति)- अपनी कुप्रवृियात्तियों के कारण राजन ियापताजी की आदँखों का काँटा बन गया। 17. आदँखों में समाना-(िदिल में बस जाना)- ियागरधर मीरा की आदँखों में समा गया। 4. कलेजा-संबंधी कु छ मुहावरे 1. कलेजे पर हाथ रखना-(अपने िदिल से पूर्छना)- अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो िक क्या तुमने पैन नहीं तोड़ा। 2. कलेजा जलना-(तीव्र असंतोष होना)- उसकी बातें सुनकर मेरा कलेजा जल उठा। 3. कलेजा ठंडा होना-(संतोष हो जाना)- डाकुओं को पकड़ा हुआद दिेखकर गाँव वालों का कलेजा ठंढा हो गया। 4. कलेजा थ ामना-(जी कड़ा करना)- अपने एकमात्र युवा पुत्र की मृत्यु पर माता-ियापता कलेजा थ ामकर रह गए। 5. कलेजे पर पत्थ र रखना-(दिुख में भी धीरज रखना)- उस बेचलारे की क्या कहते हों, उसने तो कलेजे पर पत्थ र रख ियालया है। 6. कलेजे पर साँप लोटना-(ईष्यार्थ से जलना)- श्रीराम के राज्याियाभषेक का समाचलार सुनकर दिासी मंथ रा के कलेजे पर साँप लोटने लगा। 5. कान-संबंधी कु छ मुहावरे 1. कान भरना-(चलुगली करना)- अपने साियाथ यों के ियावरुद्ध अध्यापक के कान भरने वाले ियावद्याथ ी अच्छे नहीं होते। 2. कान कतरना-(बहुत चलतुर होना)- वह तो अभी से बड़े-बड़ों के कान कतरता है। 3. कान का कच्चा-(सुनते ही िकसी बात पर ियावश्वास करना)- जो माियालक कान के कच्चे होते हैं वे भले कमर्थचलािरयों पर भी ियावश्वास नहीं करते। 4. कान पर जूर्ँ तक न रेंगना-(कुछ असर न होना)-माँ ने गौरव को बहुत समझाया, िकन्तु उसके कान पर जूर्ँ तक नहीं रेंगी। 5. कानोंकान खबर न होना-(ियाबलकुल पता न चललना)-सोने के ये ियाबस्कुट ले जाओ, िकसी को कानोंकान खबर न हो। 6. नाक-संबंधी कु छ मुहावरे
  • 3. 1. नाक में दम करना-(बहुत तंग करना)- आतंकवािदयों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है। 2. नाक रखना-(मान रखना)- सच पूछो तो उसने सच कहकर मेरी नाक रख ली। 3. नाक रगड़ना-(दीनता िदखाना)-िगरहकट ने िसपाही के सामने खूब नाक रगड़ी, पर उसने उसे छोड़ा नहीं। 4. नाक पर मक्खी न बैठने देना-(अपने पर आँच न आने देना)-िकतनी ही मुसीबतें उठाई, पर उसने नाक पर मक्खी न बैठने दी। 5. नाक कटना-(प्रतितष्ठा नष्ट होना)- अरे भैया आजकल की औलाद तो खानदान की नाक काटकर रख देती है। 7. मुँह-संबंधी कु छ मुहावरे 1. मुँह की खाना-(हार मानना)-पड़ोसी के घर के मामले में दखल देकर हरद्वारी को मुँह की खानी पड़ी। 2. मुँह में पानी भर आना-(िदल ललचाना)- लडड्डुओं का नाम सुनते ही पंिड्डतजी के मुँह में पानी भर आया। 3. मुँह खून लगना-(िरश्वत लेने की आदत पड़ जाना)- उसके मुँह खून लगा है, िबना िलए वह काम नहीं करेगा। 4. मुँह िछपाना-(लिज्जित होना)- मुँह िछपाने से काम नहीं बनेगा, कुछ करके भी िदखाओ। 5. मुँह रखना-(मान रखना)-मैं तुम्हारा मुँह रखने के िलए ही प्रतमोद के पास गया था, अन्यथा मुझे क्या आवश्यकता थी। 6. मुँहतोड़ जवाब देना-(कड़ा उत्तर देना)- श्याम मुँहतोड़ जवाब सुनकर िफिर कुछ नहीं बोला। 7. मुँह पर कािलख पोतना-(कलंक लगाना)-बेटा तुम्हारे कुकमों ने मेरे मुँह पर कािलख पोत दी है। 8. मुँह उतरना-(उदास होना)-आज तुम्हारा मुँह क्यों उतरा हुआ है। 9. मुँह ताकना-(दूसरे पर आिश्रित होना)-अब गेहूँ के िलए हमें अमेिरका का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा। 10. मुँह बंद करना-(चुप कर देना)-आजकल िरश्वत ने बड़े-बड़े अफिसरों का मुँह बंद कर रखा है। 8. दाँत-संबंधी मुहावरे 1. दाँत पीसना-(बहुत ज्यादा गुस्सा करना)- भला मुझ पर दाँत क्यों पीसते हो? शीशा तो शंकर ने तोड़ा है। 2. दाँत खट्टे करना-(बुरी तरह हराना)- भारतीय सैिनकों ने पािकस्तानी सैिनकों के दाँत खट्टे कर िदए। 3. दाँत काटी रोटी-(घिनष्ठता, पक्की िमत्रता)- कभी राम और श्याम में दाँत काटी रोटी थी पर आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन है। 9. गरदन-संबंधी मुहावरे 1. गरदन झुकाना-(लिज्जित होना)- मेरा सामना होते ही उसकी गरदन झुक गई। 2. गरदन पर सवार होना-(पीछे पड़ना)- मेरी गरदन पर सवार होने से तुम्हारा काम नहीं बनने वाला है। 3. गरदन पर छुरी फिे रना-(अत्याचार करना)-उस बेचारे की गरदन पर छुरी फिे रते तुम्हें शरम नहीं आती, भगवान इसके िलए तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेंगे। 10. गले-संबंधी मुहावरे
  • 4. 1. गला घोंटना-(अत्याचार करना)- जो सरकार गरीबों का गला घोंटती है वह देर तक नहीं िटक सकती। 2. गला फिँ साना-(बंधन में पड़ना)- दूसरों के मामले में गला फिँसाने से कुछ हाथ नहीं आएगा। 3. गले मढ़ना-(जबरदस्ती िकसी को कोई काम सौंपना)- इस बुदधू को मेरे गले मढ़कर लालाजी ने तो मुझे तंग कर ड्डाला है। 4. गले का हार-(बहुत प्यारा)- तुम तो उसके गले का हार हो, भला वह तुम्हारे काम को क्यों मना करने लगा। 11. िसर-संबंधी मुहावरे 1. िसर पर भूत सवार होना-(धुन लगाना)-तुम्हारे िसर पर तो हर समय भूत सवार रहता है। 2. िसर पर मौत खेलना-(मृत्यु समीप होना)- िवभीषण ने रावण को संबोिधत करते हुए कहा, ‘भैया ! मुझे क्या ड्डरा रहे हो ? तुम्हारे िसर पर तो मौत खेल रही है‘। 3. िसर पर खून सवार होना-(मरने-मारने को तैयार होना)- अरे, बदमाश की क्या बात करते हो ? उसके िसर पर तो हर समय खून सवार रहता है। 4. िसर-धड़ की बाजी लगाना-(प्रताणों की भी परवाह न करना)- भारतीय वीर देश की रक्षा के िलए िसर-धड़ की बाजी लगा देते हैं। 5. िसर नीचा करना-(लजा जाना)-मुझे देखते ही उसने िसर नीचा कर िलया। 12. हाथ-संबंधी मुहावरे 1. हाथ खाली होना-(रुपया-पैसा न होना)- जुआ खेलने के कारण राजा नल का हाथ खाली हो गया था। 2. हाथ खींचना-(साथ न देना)-मुसीबत के समय नकली िमत्र हाथ खींच लेते हैं। 3. हाथ पे हाथ धरकर बैठना-(िनकम्मा होना)- उद्यमी कभी भी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते हैं, वे तो कुछ करके ही िदखाते हैं। 4. हाथों के तोते उड़ना-(दुख से हैरान होना)- भाई के िनधन का समाचार पाते ही उसके हाथों के तोते उड़ गए। 5. हाथोंहाथ-(बहुत जल्दी)-यह काम हाथोंहाथ हो जाना चािहए। 6. हाथ मलते रह जाना-(पछताना)- जो िबना सोचे-समझे काम शुरू करते है वे अंत में हाथ मलते रह जाते हैं। 7. हाथ साफि करना-(चुरा लेना)- ओह ! िकसी ने मेरी जेब पर हाथ साफि कर िदया। 8. हाथ-पाँव मारना-(प्रतयास करना)- हाथ-पाँव मारने वाला व्यक्तिक्ति अंत में अवश्य सफिलता प्रताप्त करता है। 9. हाथ ड्डालना-(शुरू करना)- िकसी भी काम में हाथ ड्डालने से पूवर्व उसके अच्छे या बुरे फिल पर िवचार कर लेना चािहए। 13. हवा-संबंधी मुहावरे 1. हवा लगना-(असर पड़ना)-आजकल भारतीयों को भी पिश्चिम की हवा लग चुकी है। 2. हवा से बातें करना-(बहुत तेज दौड़ना)- राणा प्रतताप ने ज्यों ही लगाम िहलाई, चेतक हवा से बातें करने लगा।
  • 5. 3. हवाई िकिले बनाना-(झूठी किल्पनाएँ किरना)- हवाई िकिले ही बनाते रहोगे या किुछ किरोगे भी ? 4. हवा हो जाना-(गायब हो जाना)- देखते-ही-देखते मेरी साइकिकिल न जाने किहाँ हवा हो गई ? 14. पानी-संबंधी मुहावरे 1. पानी-पानी होना-(लित ज्जित होना)-ज्योंही सोहन ने माताजी किे पसर्स में हाथ डाला िकि ऊपर से माताजी आ गई। बस, उन्हें देखते ही वह पानी-पानी हो गया। 2. पानी में आग लगाना-(शांित त भंग किर देना)-तुमने तो सदा पानी में आग लगाने किा ही किाम िकिया है। 3. पानी फे र देना-(ित नराश किर देना)-उसने तो मेरी आशाओं पर पानी पेर िदया। 4. पानी भरना-(तुच्छ लगना)-तुमने तो जीवन-भर पानी ही भरा है। 15. किु छ ित मले-जुले मुहावरे 1. अँगूठा िदखाना-(देने से साफ इकनकिार किर देना)-सेठ रामलाल ने धमर्सशाला किे ित लए पाँच हजार रुपए दान देने किो किहा था, िकिन्तु जब मैनेजर उनसे मांगने गया तो उन्होंने अँगूठा िदखा िदया। 2. अगर-मगर किरना-(टालमटोल किरना)-अगर-मगर किरने से अब किाम चलने वाला नहीं है। बंधु ! 3. अंगारे बरसाना-(अत्यंत गुस्से से देखना)-अित भमन्यु वध किी सूचना पाते ही अजुर्सन किे नेत्र अंगारे बरसाने लगे। 4. आड़े हाथों लेना-(अच्छी तरह किाबू किरना)-श्रीकिृष्ण ने किंस किो आड़े हाथों ित लया। 5. आकिाश से बातें किरना-(बहुत ऊँ चा होना)-टी.वी.टावर तो आकिाश से बाते किरती है। 6. ईद किा चाँद-(बहुत किम दीखना)-ित मत्र आजकिल तो तुम ईद किा चाँद हो गए हो, किहाँ रहते हो ? 7. उँगली पर नचाना-(वश में किरना)-आजकिल किी औरतें अपने पित तयों किो उँगित लयों पर नचाती हैं। 8. किलई खुलना-(रहस्य प्रकिट हो जाना)-उसने तो तुम्हारी किलई खोलकिर रख दी। 9. किाम तमाम किरना-(मार देना)- रानी लक्ष्मीबाई ने पीछा किरने वाले दोनों अंग्रेजों किा किाम तमाम किर िदया। 10. किुत्ते किी मौत किरना-(बुरी तरह से मरना)-राष्ट्रद्रोही सदा किुत्ते किी मौत मरते हैं। 11. किोल्हू किा बैल-(ित नरंतर किाम में लगे रहना)-किोल्हू किा बैल बनकिर भी लोग आज भरपेट भोजन नहीं पा सकिते। 12. खाकि छानना-(दर-दर भटकिना)-खाकि छानने से तो अच्छा है एकि जगह जमकिर किाम किरो। 13. गड़े मुरदे उखाड़ना-(ित पछली बातों किो याद किरना)-गड़े मुरदे उखाड़ने से तो अच्छा है िकि अब हम चुप हो जाएँ। 14. गुलछरे उड़ाना-(मौज किरना)-आजकिल तुम तो दूसरे किे माल पर गुलछरे उड़ा रहे हो। 15. घास खोदना-(फुजूल समय ित बताना)-सारी उम्र तुमने घास ही खोदी है। 16. चंपत होना-(भाग जाना)-चोर पुित लस किो देखते ही चंपत हो गए। 17. चौकिड़ी भरना-(छलाँगे लगाना)-ित हरन चौकिड़ी भरते हुए किहीं से किहीं जा पहुँचे। 18. छक्के छुडा़़ना-(बुरी तरह पराित जत किरना)-पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी किे छक्के छुड़ा िदए।
  • 6. 19. टकिा-सा जवाब देना-(किोरा उत्तर देना)-आशा थी िकि किहीं वह मेरी जीित वकिा किा प्रबंध किर देगा, पर उसने तो देखते ही टकिा-सा जवाब दे िदया। 20. टोपी उछालना-(अपमाित नत किरना)-मेरी टोपी उछालने से उसे क्या ित मलेगा? 21. तलवे चाटने-(खुशामद किरना)-तलवे चाटकिर नौकिरी किरने से तो किहीं डूब मरना अच्छा है। 22. थाली किा बैंगन-(अित स्थर ित वचार वाला)- जो लोग थाली किे बैगन होते हैं, वे िकिसी किे सच्चे ित मत्र नहीं होते। 23. दाने-दाने किो तरसना-(अत्यंत गरीब होना)-बचपन में मैं दाने-दाने किो तरसता िफरा, आज ईश्वर किी किृपा है। 24. दौड़-धूप किरना-(किठोर श्रम किरना)-आज किे युग में दौड़-धूप किरने से ही किुछ किाम बन पाता है। 25. धित ज्जियाँ उड़ाना-(नष-भ्रष किरना)-यिद किोई भी राष्ट्र हमारी स्वतंत्रता किो हड़पना चाहेगा तो हम उसकिी धित ज्जियाँ उड़ा देंगे। 26. नमकि-ित मचर्स लगाना-(बढ़ा-चढ़ाकिर किहना)-आजकिल समाचारपत्र िकिसी भी बात किो इकस प्रकिार नमकि-ित मचर्स लगाकिर ित लखते हैं िकि जनसाधारण उस पर ित वश्वास किरने लग जाता है। 27. नौ-दो ग्यारह होना-(भाग जाना)- ित बल्ली किो देखते ही चूहे नौ-दो ग्यारह हो गए। 28. फूँ कि-फूँ किकिर किदम रखना-(सोच-समझकिर किदम बढ़ाना)-जवानी में फूँ कि-फूँ किकिर किदम रखना चाित हए। 29. बाल-बाल बचना-(बड़ी कििठनाई से बचना)-गाड़ी किी टक्कर होने पर मेरा ित मत्र बाल-बाल बच गया। 30. भाड़ झोंकिना-(योंही समय ित बताना)-िदल्ली में आकिर भी तुमने तीस साल तकि भाड़ ही झोंकिा है। 31. मित क्खयाँ मारना-(ित नकिम्मे रहकिर समय ित बताना)-यह समय मित क्खयाँ मारने किा नहीं है, घर किा किुछ किाम-किाज ही किर लो। 32. माथा ठनकिना-(संदेह होना)- िसह किे पंजों किे ित नशान रेत पर देखते ही गीदड़ किा माथा ठनकि गया। 33. ित मट्टी खराब किरना-(बुरा हाल किरना)-आजकिल किे नौजवानों ने बूढ़ों किी ित मट्टी खराब किर रखी है। 34. रंग उड़ाना-(घबरा जाना)-किाले नाग किो देखते ही मेरा रंग उड़ गया। 35. रफू चक्कर होना-(भाग जाना)-पुित लस किो देखते ही बदमाश रफू चक्कर हो गए। 36. लोहे किे चने चबाना-(बहुत कििठनाई से सामना किरना)- मुगल सम्राट अकिबर किो राणाप्रताप किे साथ टक्कर लेते समय लोहे किे चने चबाने पड़े। 37. ित वष उगलना-(बुरा-भला किहना)-दुयोधन किो गांडीव धनुष किा अपमान किरते देख अजुर्सन ित वष उगलने लगा। 38. श्रीगणेश किरना-(शुरू किरना)-आज बृहस्पित तवार है, नए वषर्स किी पढाई किा श्रीगणेश किर लो। 39. हजामत बनाना-(ठगना)-ये ित हप्पी न जाने िकितने भारतीयों किी हजामत बना चुकिे हैं। 40. शैतान किे किान कितरना-(बहुत चालाकि होना)-तुम तो शैतान किे भी किान कितरने वाले हो, बेचारे रामनाथ किी तुम्हारे सामने ित बसात ही क्या है ? 41. राई किा पहाड़ बनाना-(छोटी-सी बात किो बहुत बढ़ा देना)- तित नकि-सी बात किे ित लए तुमने राई किा पहाड़ बना िदया।
  • 7. 19. टका-सा जवाब देना-(कोरा उत्तर देना)-आशा थी िक कहीं वह मेरी जीिवका का प्रबंध कर देगा, पर उसने तो देखते ही टका-सा जवाब दे िदया। 20. टोपी उछालना-(अपमािनत करना)-मेरी टोपी उछालने से उसे क्या िमलेगा? 21. तलवे चाटने-(खुशामद करना)-तलवे चाटकर नौकरी करने से तो कहीं डूब मरना अच्छा है। 22. थाली का बैंगन-(अिस्थर िवचार वाला)- जो लोग थाली के बैगन होते हैं, वे िकसी के सच्चे िमत्र नहीं होते। 23. दाने-दाने को तरसना-(अत्यंत गरीब होना)-बचपन में मैं दाने-दाने को तरसता िफिरा, आज ईश्वर की कृपा है। 24. दौड-धूप करना-(कठोर श्रम करना)-आज के युग में दौड-धूप करने से ही कुछ काम बन पाता है। 25. धिज्जियाँ उडाना-(नष-भ्रष करना)-यिद कोई भी राष्ट्र हमारी स्वतंत्रता को हडपना चाहेगा तो हम उसकी धिज्जियाँ उडा देंगे। 26. नमक-िमचर्च लगाना-(बढ़ा-चढ़ाकर कहना)-आजकल समाचारपत्र िकसी भी बात को इस प्रकार नमक-िमचर्च लगाकर िलखते हैं िक जनसाधारण उस पर िवश्वास करने लग जाता है। 27. नौ-दो ग्यारह होना-(भाग जाना)- िबल्ली को देखते ही चूहे नौ-दो ग्यारह हो गए। 28. फिूँ क-फिूँ ककर कदम रखना-(सोच-समझकर कदम बढ़ाना)-जवानी में फिूँ क-फिूँ ककर कदम रखना चािहए। 29. बाल-बाल बचना-(बडी किठनाई से बचना)-गाडी की टक्कर होने पर मेरा िमत्र बाल-बाल बच गया। 30. भाड झोंकना-(योंही समय िबताना)-िदल्ली में आकर भी तुमने तीस साल तक भाड ही झोंका है। 31. मिक्खयाँ मारना-(िनकम्मे रहकर समय िबताना)-यह समय मिक्खयाँ मारने का नहीं है, घर का कुछ काम-काज ही कर लो। 32. माथा ठनकना-(संदेह होना)- िसह के पंजों के िनशान रेत पर देखते ही गीदड का माथा ठनक गया। 33. िमट्टी खराब करना-(बुरा हाल करना)-आजकल के नौजवानों ने बूढ़ों की िमट्टी खराब कर रखी है। 34. रंग उडाना-(घबरा जाना)-काले नाग को देखते ही मेरा रंग उड गया। 35. रफिू चक्कर होना-(भाग जाना)-पुिलस को देखते ही बदमाश रफिू चक्कर हो गए। 36. लोहे के चने चबाना-(बहुत किठनाई से सामना करना)- मुगल सम्राट अकबर को राणाप्रताप के साथ टक्कर लेते समय लोहे के चने चबाने पडे। 37. िवष उगलना-(बुरा-भला कहना)-दुयोधन को गांडीव धनुष का अपमान करते देख अजुर्चन िवष उगलने लगा। 38. श्रीगणेश करना-(शुरू करना)-आज बृहस्पितवार है, नए वषर्च की पढाई का श्रीगणेश कर लो। 39. हजामत बनाना-(ठगना)-ये िहप्पी न जाने िकतने भारतीयों की हजामत बना चुके हैं। 40. शैतान के कान कतरना-(बहुत चालाक होना)-तुम तो शैतान के भी कान कतरने वाले हो, बेचारे रामनाथ की तुम्हारे सामने िबसात ही क्या है ? 41. राई का पहाड बनाना-(छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना)- तिनक-सी बात के िलए तुमने राई का पहाड बना िदया।