निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए. ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्रों में विभिन्न प्रकार के उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
1. दूध में वसा की जाँच की क्षमता व जॉच की विशुध्दता को बढाना दूध के अन्य घटकों जैसे-सॉलिड नॉट फैट (एन एन एफ) का प्रतिशत, पानी का प्रतिशत आदि अन्य घटकों की जांच करना.
2. ऑटोमेशन के द्वारा समिति/दूध एकत्रीकरण केन्द्र के स्टाफ को घटना और मैन्युअल रजिस्टर न रखकर, परिचालनों को किफायती बनाना.
3. पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से दूध उत्पादकों का विश्वास जीतना और इस तरह दूध की अधिप्राप्ति बढाना.
इ) संभावित क्षेत्र सहकारी और निजी क्षेत्र में ज्यादातर दूध प्रसंस्करण संयंत्रों ने अपने अधिप्राप्ति नेटवर्क में ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्रों को प्रारंभ कर दिया है. उन समितियों /दुग्ध एकत्रीकरण केन्द्रों में. इन स्टेशनों के लिए वित्तपोषण किया जा सकता है, जहाँ प्रतिदिन दूध की अधिप्राप्ति 350 लीटर से अधिक है.
(ई) लाभार्थी / ये इकाइयाँ को ऑपरेटिव मिल्क युनियन की मिल्क को ऑपरेटिव समितियों अथवा निजी डेयरी के दुग्ध एकत्रीकरण केन्द्रों द्वारा स्थापित की जा सकती हैं. विकल्पत: व्यक्तियों को संगठित क्षेत्र के साथ गठबंधन करके इन स्टेशनों को स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता हैं.
निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए. ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्रों में विभिन्न प्रकार के उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
1. दूध में वसा की जाँच की क्षमता व जॉच की विशुध्दता को बढाना दूध के अन्य घटकों जैसे-सॉलिड नॉट फैट (एन एन एफ) का प्रतिशत, पानी का प्रतिशत आदि अन्य घटकों की जांच करना.
2. ऑटोमेशन के द्वारा समिति/दूध एकत्रीकरण केन्द्र के स्टाफ को घटना और मैन्युअल रजिस्टर न रखकर, परिचालनों को किफायती बनाना.
3. पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से दूध उत्पादकों का विश्वास जीतना और इस तरह दूध की अधिप्राप्ति बढाना.
इ) संभावित क्षेत्र सहकारी और निजी क्षेत्र में ज्यादातर दूध प्रसंस्करण संयंत्रों ने अपने अधिप्राप्ति नेटवर्क में ऑटोमेटिक दूध संग्रहण केन्द्रों को प्रारंभ कर दिया है. उन समितियों /दुग्ध एकत्रीकरण केन्द्रों में. इन स्टेशनों के लिए वित्तपोषण किया जा सकता है, जहाँ प्रतिदिन दूध की अधिप्राप्ति 350 लीटर से अधिक है.
(ई) लाभार्थी / ये इकाइयाँ को ऑपरेटिव मिल्क युनियन की मिल्क को ऑपरेटिव समितियों अथवा निजी डेयरी के दुग्ध एकत्रीकरण केन्द्रों द्वारा स्थापित की जा सकती हैं. विकल्पत: व्यक्तियों को संगठित क्षेत्र के साथ गठबंधन करके इन स्टेशनों को स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता हैं.
दुग्ध-उत्पादन के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी कई योजनाओं को संचालित किया जाता है। इसके लिए दुग्ध उत्पादकों को कई तरह के अनुदान दिये जाते हैं। डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत दुग्ध-उत्पादन करने वालों को वित्तीय सहयोग किया जाता है। यह वित्तीय सहयोग छोटे किसानों तथा भूमिहीन मजदूरों को प्रमुख रूप से दिया जाता है। डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम भारत सरकार की योजना है, जिसके तहत डेयरी और इससे जुड़े दूसरे व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके तहत छोटे डेयरी फार्म खोलने, उन्नत नस्ल की गाय अथवा भैंस की खरीद के लिए पांच लाख रुपये की सहायता की जाती है। यह राशि दस दुधारू मवेशी की खरीद के लिए दिया जाता है।
ग्रामीण अंचलों के दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध सहकारी समिति गठित/पुर्नगठित कर दुग्ध बिक्री की सुविधा प्रदान करना।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान करना।
दुग्ध उत्पादकों को पषु आहार, डिवार्मर, थनैला नियंत्रण एवं टिंक कन्ट्रोल की दवाइयों को उपलब्ध कराना।
प्रगतिषील दुग्ध उत्पादकों को बाह्य प्रदेष भ्रमण/प्रषिक्षण कराना।
नगरीय उपभोक्ताओं को षुद्ध प्राकृतिक एवं कीटाणुरहित दूध, घी, मक्खन, पनीर, दही आदि उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना।
National Rural Livelihoods Mission (NRLM): AajeevikaVishal Pandey
Aajeevika - National Rural Livelihoods Mission (NRLM) was launched by the Ministry of Rural Development (MoRD), Government of India in June 2011.
Aided in part through investment support by the World Bank, the Mission aims at creating efficient and effective institutional platforms of the rural poor, enabling them to increase household income through sustainable livelihood enhancements and improved access to financial services.
NRLM set out with an agenda to cover 7 Crore rural poor households, across 600 districts, 6000 blocks, 2.5 lakh Gram Panchayats and 6 lakh villages in the country through self-managed Self Help Groups (SHGs) and federated institutions and support them for livelihoods collectives in a period of 8-10 years.
In addition, the poor would be facilitated to achieve increased access to rights, entitlements and public services, diversified risk and better social indicators of empowerment. DAY-NRLM believes in harnessing the innate capabilities of the poor and complements them with capacities (information, knowledge, skills, tools, finance and collectivization) to participate in the growing economy of the country.
In November 2015, the program was renamed Deendayal Antayodaya Yojana (DAY-NRLM)
कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओज), कृषि लॉजिस्टिक्स, प्रसंस्करण सुविधाओं तथा व्यावसायिक प्रबंधन के प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 के बजट भाषण में “ऑपरेशन फ्लड” की तर्ज पर 500 करोड़ रुपए के परिव्यय से एक नई स्कीम “ऑपरेशन ग्रीन्स” की घोषणा की गई थी ।
ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के 56 महीने |
गरीबों तक पहुंच रहा विकास,
सभी के लिए बेहतर जीवन सुनिष्चित |
अधिक जानकारी के लिए देखे: https://transformingindia.mygov.in/
we are here to help you in the duration of your preparation
feel free to contact us for any query regarding your exam
contact us at : 9454721860, 0522-4241011
or log on to our website : www.iasnext.com
दुग्ध-उत्पादन के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी कई योजनाओं को संचालित किया जाता है। इसके लिए दुग्ध उत्पादकों को कई तरह के अनुदान दिये जाते हैं। डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत दुग्ध-उत्पादन करने वालों को वित्तीय सहयोग किया जाता है। यह वित्तीय सहयोग छोटे किसानों तथा भूमिहीन मजदूरों को प्रमुख रूप से दिया जाता है। डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम भारत सरकार की योजना है, जिसके तहत डेयरी और इससे जुड़े दूसरे व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके तहत छोटे डेयरी फार्म खोलने, उन्नत नस्ल की गाय अथवा भैंस की खरीद के लिए पांच लाख रुपये की सहायता की जाती है। यह राशि दस दुधारू मवेशी की खरीद के लिए दिया जाता है।
ग्रामीण अंचलों के दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध सहकारी समिति गठित/पुर्नगठित कर दुग्ध बिक्री की सुविधा प्रदान करना।
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान करना।
दुग्ध उत्पादकों को पषु आहार, डिवार्मर, थनैला नियंत्रण एवं टिंक कन्ट्रोल की दवाइयों को उपलब्ध कराना।
प्रगतिषील दुग्ध उत्पादकों को बाह्य प्रदेष भ्रमण/प्रषिक्षण कराना।
नगरीय उपभोक्ताओं को षुद्ध प्राकृतिक एवं कीटाणुरहित दूध, घी, मक्खन, पनीर, दही आदि उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना।
National Rural Livelihoods Mission (NRLM): AajeevikaVishal Pandey
Aajeevika - National Rural Livelihoods Mission (NRLM) was launched by the Ministry of Rural Development (MoRD), Government of India in June 2011.
Aided in part through investment support by the World Bank, the Mission aims at creating efficient and effective institutional platforms of the rural poor, enabling them to increase household income through sustainable livelihood enhancements and improved access to financial services.
NRLM set out with an agenda to cover 7 Crore rural poor households, across 600 districts, 6000 blocks, 2.5 lakh Gram Panchayats and 6 lakh villages in the country through self-managed Self Help Groups (SHGs) and federated institutions and support them for livelihoods collectives in a period of 8-10 years.
In addition, the poor would be facilitated to achieve increased access to rights, entitlements and public services, diversified risk and better social indicators of empowerment. DAY-NRLM believes in harnessing the innate capabilities of the poor and complements them with capacities (information, knowledge, skills, tools, finance and collectivization) to participate in the growing economy of the country.
In November 2015, the program was renamed Deendayal Antayodaya Yojana (DAY-NRLM)
कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओज), कृषि लॉजिस्टिक्स, प्रसंस्करण सुविधाओं तथा व्यावसायिक प्रबंधन के प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 के बजट भाषण में “ऑपरेशन फ्लड” की तर्ज पर 500 करोड़ रुपए के परिव्यय से एक नई स्कीम “ऑपरेशन ग्रीन्स” की घोषणा की गई थी ।
ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के 56 महीने |
गरीबों तक पहुंच रहा विकास,
सभी के लिए बेहतर जीवन सुनिष्चित |
अधिक जानकारी के लिए देखे: https://transformingindia.mygov.in/
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1. राष्ट्रीय सहकारी विकास विगम
सहकाररता मंत्रालय, भारत सरकार क
े अंतगगत संविविक विगम
आई.एस.ओ. 9001:2015 प्रमावित संगठि
2. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम
सहकाररता मंत्रालय के अंतर्गत संविविक विर्म
संसदीय अधिनियम- रा.स.वि.नि. अधिनियम, 1962 क
े अंतर्गत स्थावित
बाजार ससदिांतों िर सहकाररताओं की योजिा, संििगि एिं वित्तिोषण
सामान्य िररषद (51 सदस्य) एिं प्रबंि मंडल (12 सदस्य)
र्ैर-अिुदाि ग्रही संर्ठि. सरकार का बजटीय समथगि िहीं
वित्तिोषण क
े स्रोत: स्ियं की निधि, एिसीडीसी बॉन््स बाजार उिार
18 क्षेरीय कायागलयों, सलिाक एिं क्षेरीय प्रसिक्षण क
े न्रों क
े माध्यम से
अखिल भारतीय उिस्स्थनत
िषग 1963 से सहकाररताओं को दो लाि करोड़ से ज्यादा का संवितरण
स्जसमें से 74% विछले 7 िषों में | विछले सात िषों (2014-15 से 2020-21)
में उसक
े विछले सात िषों की तुलिा में 319% िृदधि |
िषग 2014 से अब तक एक लाि से अधिक सहकाररताओं में 9.72
करोड़ लोर्ो की सहायता की र्यी स्जसमे से 3.45 करोड़ महहलाएं थी
ि 429724 इकाइयााँ स्िीकृ त की र्यी .
3. ियी दिल्ली
चेन्िई
कोलकाता
पुणे
बेंर्लुरु
हैदराबाद
लखिऊ
र्ांिीिर्र
मुख्यालय एवं
ललनाक
क्षेरीय कायागलय
जयपुर
पटिा
र्ुिाहाटी
भोपाल
भुििेश्वर
चंडीर्ढ़ देहरादूि
रायपुर
रांची
विमला
वतरुििंतपुरम
एिसीडीसी की उपवथिवत
मुख्यालय
िई दिल्ली
ललिाक गुरुग्राम
क्षेत्रीय कायाालय एिं
क्षेत्रीय प्रलिक्षण क
ें द्र18
जगह
लगभग िेि क
े सभी राज्यों में उपस्थिनि ििा सहकाररिाओ क
े साि प्रगाढ़ संबंध
लक्षिीप का संघ
राज्य क्षेत्र
िमि एिं िीप का सं.रा.क्षे.
िािरा एिं िगर हिेली
4. गत चार वर्षो की ववत्तीय वथिवत
क्र.स. वििरण 2019-20 2018-19 2017-18 2016-17
1 एिसीडीसी की सहायता से
िररयोजिाओं की स्िीकृ नत
34176.45 35202.33 22904.34 25270.41
2 रासि की विमुस्तत 27703.43 28272.51 21969.58 15914.56
3 िर्द लाभ 568.62 376.12 322.83 367.32
4 निबल लाभ (कर िूिग) 606.43 356.83 413 267
5 निबल एििीए 0 0 0 0
6 ऋणों की िसूली 98.35% 98.61% 98.72% 99.66%
7 प्रनत कमी व्यािार 78.70 74.01 60.86 41.39
8 प्रनत कमी निबल लाभ
(कर िूिग)
1.72 0.93 1.14 0.70
करोड़ रुियों में
7. व्यिसाय विकास अिोसंरचिा
• बैंक क्र
े विट प्राप्त करने हेतु मावजिन मनी
• व्यवसाय ववकास हेतु कायिशील पूँजी ण
• अधोसंरचना वनमाि हेतु साववध ण
• नई इकाइयों की थिापना तिा वतिमान इकाइयों क
े
ववथतार हेतु इवववटी वनवेश ण
वित्तिोषण माध्यम एिं उददेश्य
एिसीडीसी वित्तीय सहायता (वित्तपोषि
पर कोई सीमा िहीं )
सभी प्रकार की सहकाररताएं
राज्य/ सं.रा.क्षे. क
े माध्यम
से
प्रत्यक्ष वित्तपोषि
• सीसैक तिा क
े न्द्रीय क्षेत्रक योजिा क
े अंतगगत एिसीडीसी ऋि एिं अिुिाि प्रिाि करता है
• तकिीकी संभाव्यता तिा वित्तीय व्यिहायगता क
े आिार पर पररयोजिा का अिुमोिि वकया जाता है तिा
सम्यक साििािी बरती जाती है
11. एिसीडीसी सहायता का प्रभाि
पविम बंगाल, क
े रल, तेलंगाना, कनािटक, तवमलनािु , महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में 64 एकीकृ त
मत्सथय ववकास पररयोजना (आईएफ़िीपी) लाग की गयी
आईएफ़िीपी से 4 लाख से अवधक मछ
ु आरे लाभावववत हुए
महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में िीप सी विवशंग वेसल्स को बढ़ावा विया
तटीय क्षेत्रो में मशीनीकृ त मत्सथय पालन नौकाओं, गहरे समुद्र में मत्सथयपालन पोत, िाइबर कोटेि
इंटरमीविएट मशीनीकृ त मछली नौकाओंका संवधिन
बि
ि संयंत्र, शीत भण्िार , प्रसंथकर इकाई, पररवहन, खुिरा व्यापार और वकयोथक की चेन की
थिापना का संवधिन
मछ
ु आरों की सामावजक-आवििक वथिवत का ववकास
गैर-लाभािी मछ
ु आरे से अवधक लाभािी मछ
ु आरे की आय
पररयोजनाओंक
े कायािववयन क
े बाि प्रवत वर्षि 4 लाख टन से अवधक की अवतररक्त मछली उत्सपािन
13. GJ-
7%
WB-
14%
AP-
27%
OD-
5%
TN-
6%
7%
औसत िावषगक
विकास दर
5%
एजीडीपी
योगिाि
मवत्थयकी: भारत विकास गािा
1%
जीडीिी योर्दाि
137.58 L T 2nd
िैस्श्िक
उिस्स्थनत
6.3%
विश्ि मत्स्य
उत्िादि में हहस्सा
₹ 46,589 Cr
मत्सथय उत्सपािि
2018-19
नियााि मूल्य
2018-19
Share in total fish
production
कृ वि नियााि में प्रमुख
िथिु
(2017-18)
19.23%
2019
माििीय
प्रधािमंत्री जी
िे
ककसािों की आय
िोगुिी करिे हेिु
मस्त्सथयकी, पिु
पालि ििा डेयरी
क
े िये मंत्रालय
एिं
पृिक मत्सथय
विभाग
का गठि ककया
मछली प्रोटीि, पोिण, आय एिं आजीविका का ककफायिी
थत्रोि है.
37.14
97.1
134.24
53.1
170
223.1
0
50
100
150
200
250
Marine Inland Total
Actual Potential
मत्सथय उत्सपािि (2018-19) ििा संभाविि क्षमिा
(LAKH METRIC TONS)
Technology-RAS-Biofloc-Cage
160 लाख मछ
ु आरो ििा मूल्य श्रंखला में 300 लाख मछ
ु आरो की आय का थत्रोि
14. समुद्री मत्सथय संसाधि
1. तटरेखा की
लम्बाई
2. विविष्ट
आविगक क्षेत्र
3. कॉवन्द्टिेंटल
िेल्फ
4. लैंवडंग क
ें र
5. तटिती मत्थय
गााँि
8118 वक.मी.
2.02 वमलयि
थ्िायर वक.मी.
0.53 वमलयि
थ्िायर वक.मी.
1547
3477
50% समुद्रीय उत्सपािि निम्ि 5 राज्यों में : गुजराि, िलमलिाडु, क
े रल,
महाराष्ट्र , आंध्रप्रिेि
70% क्षमिा का उपयोग
ककया गया
15. • िई प्रमुख योजिा हेतु 20050 करोड़ रुपये का वििेि
क
ें रीय वहथसा 9407 करोड़ रुपये
राज्य का वहथसा 4880 करोड़ रुपये
लाभाविगयों का योगिाि 5763 करोड़ रुपये
• आत्मविभगर भारत पैक
े ज का वहथसा
• िो विवभन्द्ि घटकों क
े साि अम्रेला थकीम
1. क
ें रीय क्षेत्रक योजिा
2. क
ें र प्रायोवजत योजिा
3. क
ें र प्रायोवजत योजिा क
े मुख्य मि :
क. उत्पािि एिं उत्पािकता में िृवि
ख. अिोसंरचिा एिं फसलोत्तर प्रबंिि
ग. मत्थय प्रबंिि और वियामक ढांचा
• कायागन्द्ियि अिवि: सभी राज्यों/क
ें र िावसत प्रिेिों में 5 िषों (िषग 2020-21 - 2024-25)में
• 100 विवभन्द्ि थिचवलत एिं साि ही परथपर संबंवित गवतविवियााँ
• द्वीपों, पूिोत्तर, वहमालयी राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों और अकांक्षी वजलों में मत्थय विकास पर ध्याि विया
जािा
प्रधाि-मंत्री मत्सथय संपिा योजिा
(पी.एम.एम.एस.िाई.)
16. पी.एम.एम.एस.िाई. का उद्िेश्य
एक सतत, वजम्मेिार, सवमवल्लत एवं वयायसंगत रूप में मत्सथय पालन
क्षमता का उपयोग करना ।
ववथतार, गहनता, ववववधीकर और भवम व जल क
े लाभकारी उपयोग क
े
माध्यम से मत्सथय उत्सपािन एवं उत्सपािकता में वृवि ।
मल्य श्ृंखला का आधुवनकीकर एवं सुदृढ़ीकर उत्सपािन उपरावत
प्रबंधन तिा गु वत्ता में सुधार ।
मछ
ु आरों एवं मछली उत्सपािकों की आय को िोगुना करना तिा रोजगार
सृजन ।
क
ृ वर्ष जीिीपी एवं वनयाित में अवधक योगिान करना ।
मछ
ु आरों एवं मछली उत्सपािकों क
े वलए सामावजक, भौवतक और आवििक
सुरक्षा ।
सुदृढ़ मत्सथय- पालन प्रबंधन एवं वनयामक रुपरेखा ।
16
17. पी.एम.एम.एस.िाई. - क
ु ल पररव्यय - 20050 करोड़ रुपये
क
ु ल वििेि 20050
करोड़ रुपये
क
ें र प्रायोवजत घटक (सी.
एस.एस.)
8330 करोड़ रुपये
क
ें रीय वहथसा
7687 करोड़ रुपये
राज्य वहथसा
4880 करोड़ रुपये
विजी या लाभाविगयों का
वहथसा
5763 करोड़ रुपये
क
ें रीय क्षेत्रक घटक
(सी.एस)
1720 करोड़ रुपये
क
ु ल क
ें द्रीय पररव्यय
9407 करोड़ रुपये
कायाान्ियि - 5 ििों का
(2020-21 से 2024-25)
18. 102.6… 137.58 लाख टि
200 लाख टि
मत्थय उत्पािि
प्रनि हेक्टेयर 2.3
टि
प्रनि हेक्टेयर 3.3
टि
प्रनि हेक्टेयर 5
टि…
30%
25%
10%
पोथट हािेथट…
33442 करोड़ रुपये 46589 करोड़ रुपये
1,00,000
करोड़ रुपये
0.00
5.00
10.00
15.00
20.00
25.00
30.00
2014-15 2018-19 2023-24
आज
2014 2024
पोथट हािेथट हावि
मत्थय उत्पािि
नियााि
उत्सपािकिा
नियााि
औसत िावषगक िृवि
7% से 9%
गुिित्ता बीज एिं चारा
तकिीकी
राष्ट्रव्यापी गुिित्ता और
रोग वििाि लैब िेटिक
ग
व्यापक जलीय थिाथ्य
प्रबंिि
एंड टू एंड रैसेवबवलटी
प्रविक्षि और क्षमता विमागि
नियामक रुपरेखा – ईईजे ; गुणित्ता;रेसेबबललटी; रोग
बैकिडा और फॉरिडा ललंक
े ज सदहि संपूणा मूल्य श्रृंखला
समाधाि
पी.एम.एम.एस.िाई.
प्रक्षेपिक्र(TRAJECTORY) - माइलथटोि – पररणाम
18
19. • िीचे विए गए वििरि क
े अिुसार क
ें र और राज्य क
े बीच संपूिग पररयोजिा / इकाई लागत साझा
की जाएगी:
• क
ें रीय एिं सामान्द्य राज्यों क
े बीच 60:40
• पूिोत्तर और वहमालयी राज्यों क
े बीच 90:10
• संघ राज्य क्षेत्रों तिा क
ें र सरकार की संथिाओंक
े वलए 100%
• लाभािी-उन्द्मुख अिागत् व्यविगत/ सामूवहक गवतविवियााँ :
• क
ें र एिं राज्य िोिों सरकारों को एक साि सरकारी वित्तीय सहायता क
े रूप में सामान्द्य श्रेिी क
े
वलए पररयोजिा/ ईकाई लागत का 40% तिा अिु.जा./ अिु.जि.जा एिं मवहलाओंक
े वलए
पररयोजिा/इकाई लागत का 60% तक सीवमत होगी ।
• यह सरकारी सहायता विम्िवलवखत अिुपात में क
ें र और राज्य क
े बीच साझा की जाएगी:
• पूिोत्तर और वहमालयी राज्यों में : 90% क
ें रीय वहथसा एिं 10% राज्य का वहथसा
• संघ राज्य क्षेत्रों :100% क
ें रीय वहथसा
• अन्द्य राज्यों में:60% क
ें रीय वहथसा एिं 40% राज्य का वहथसा
क
ें र प्रायोवजत
योजिा
(सीएसएस) घटक
(राज्यों/संघ राज्य
क्षेत्रों द्वारा
कायागवन्द्ित)
• क
ें र सरकार (अिागत 100% क
ें रीय वित्त पोषि) द्वारा संपूिग पररयोजिा/ इकाई लागत िहि की जाएगी
• लाभािी-उन्द्मुख अिागत् व्यविगत / समूवहक गवतविवियााँ :
• NFDB सवहत, सरकार और इसकी संथिाओंद्वारा लाभकारी उन्द्मुख गवतविवियों क
े मामले में,
क
ें रीय वित्तीय सहायता क
े रूप में सामान्द्य श्रेिी क
े वलए पररयोजिा/ ईकाई लागत का 40%
तिा अिु.जा./ अिु.जि.जा एिं मवहलाओंक
े वलए पररयोजिा/इकाई लागत का 60% तक सीवमत
होगी ।
क
ें रीय क्षेत्रक
योजिा (सीएस)
घटक
वित्त-िोषण िदिनत
19
एिसीडीसी वित्त-िोषण िदिनत
5 से 8 ििा की अिगध हेिु क
ु ल लाभािी का 90%, ऋण क
े रूप में थिीकृ ि ककया जा सकिा है और िेि 10% सहकारी
सलमनि द्िारा िहि ककया जािा है ।
20. • सवचि, मत्थय-पालि विभाग द्वारा क
ें रीय िीषग सवमवत (CAC) का िेतृत्ि
• सीई, एिएफडीबी द्वारा पररयोजिा मूल्यांकि सवमवत(PAC) का िेतृत्ि
• एिएफडीबी क
े अंतगगत पररयोजिा विगरािी इकाई (PMU)
• संयुि सवचि, मत्थय-पालि विभाग द्वारा पररयोजिा विगरािी ि मूल्यांकि इकाई
(PMEU) का िेतृत्ि
• राज्य थतरीय अिुमोिि और विगरािी सवमवत(SLAMC)
• वजला कले्टर / उप आयुि ििारा वजला थतरीय सवमवत का िेतृत्ि
कवमवटयााँ
• क
ें र सरकार और उिकी इकाइयााँ
• राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार और उिकी इकाइयााँ
• राज्य मत्थय-पालि विकास बोडग
• मत्थय-पालि विभाग द्वारा अविसूवचत कोई अन्द्य ई.आई.ए. एिसीडीसी
वक्रयान्द्ियि
एजेंसीज(E.I.A)
• मछ
ु आरों/मत्थय उत्पािक/ मत्थय-पालि संबंिी कमगचारी
• मत्सथय-पालन ववकास वनगम
• मत्सथय-पालन में थवयं सहायता समह (एसएचजी) / संयुक्त िेयता समह (जेएलजी)
• मत्थय-पालि सहकाररताएाँ / मत्थय-पालि संघ
• उद्यमी एिं विजी संथिाि
• मछली वकसाि उत्पािक संगठि / क
ं पवियां(FFPOs/Cs)
• अिु.जा./ अिु.जि.जा एिं मवहलाएाँ
• राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र और उनकी संथिाएूँ
• क
ें र सरकार
वियत लाभािी
कायागन्द्ियि की प्रवक्रया
20
21. DISTRICT
OFFICER OF
FISHERIES
DLC HEADED
BY
COLLECTOR/
DEPUTY
COMMISSIO
NER
SLAMC PAC IN NFDB DOF
पी.एम.एम.एस.िाई.– योजिा थिीक
ृ वत कायगप्रिाह
स्जला मत्स्य
योजिा
PMU of NFDB PMEU of DoF
EIAs
21
वजला मत्सथय-
पालन अवधकारी
कलेवटर/
उपायुक्त द्वारा
िीएलसी का
नेतृत्सव
एसएलएएमसी /
यटीएलएएमसी
को सवचव, राज्य
मत्सथय-पालन
ववभाग द्वारा
वनिेवशत
एनएििीबी में
पीएसी सीई-
एनएििीबी द्वारा
संचावलत
CAC, सवचव,
मत्सथय-पालन
ववभाग द्वारा
संचावलत
22. प्रथताि जमा करिे की प्रवक्रया
• ववथतृत पररयोजना ररपोटि (िीपीआर) की 4 प्रवतयां : 3 प्रवतयां एनएििीबी को तिा 1 प्रवत मत्सथय-पालन
ववभाग
– इम््लीमेंवटंग एजेंसी (IA)की पृष्ठभवम,
– साध्यता अध्ययन (आवश्यकतानुसार ), (feasibility study)
– उद्देश्य, प्रत्सयावशत लाभ, रोजगार सृजन आवि.
– लागत लाभ ववश्लेर्ष (बैंक योग्य पररयोजनाओंक
े मामले में),
– जैव-सुरक्षा और पयािवर संबंधी मुद्दे,
– संगठन संरचना,
– कायािववयन का तरीका,
– भवम वववर ों पर िथतावेजी प्रमा (अधोसंरचना पररयोजना क
े ववकास क
े वलए 10 वर्षि की पट्टे अववध
और गैर-अधो संरचना पररयोजनाओंक
े वलए 7 वर्षि की पट्टे अववध),
– मंजरी, अनुमवत,
– ववत्त- पोर्ष क
े स्रोत,
– वहथसा पिवत पर घोर्ष ा
– पवि वनवेश - Pre-Investment
– विजाइन, लेआउट, िरों की अनुसची (SOR) क
े अनुसार ववथतृत अनुमान एवं
– माइलथटोन, कायि योजना, समयसीमा आवि ।
22
23. प्रथताि प्रथतुत करिा- वििेि क
े पूिग की
गवतविवियााँ
• िीपीआर, अनुमान, विजाइन, मंजरी, अनुमवत, सवेक्ष व जांच, व्यवहायिता अध्ययन, ररपोटि
आवि की तैयारी पर वकए गए वववभवन व्यय को पवि-वनवेश क
े अंतगित विखाए जा सकते हैं,
जो क
ु ल अनुमावनत पररयोजना लागत/इकाई लागत(बहु-करोड़ अधो संरचना पररयोजनाओं
क
े वलए 150 लाख की उच्चतम सीमा तक ) क
े 1% तक सीवमत है, जैसा वक PMMSY क
े
ववत्त-पोर्ष पिवत में साझा वकया गया है ।
• उच्चतम सीमा से अवधक एवं अवय कोई भी अवतररक्त व्यय संबंवधत ईआईए/लाभािी द्वारा
वहन वकया जायेगा
• मत्सथय-पालन ववभाग द्वारा पररयोजना/प्रथताव क
े अनुमोवित होने क
े बाि ही ईआईए(EIA)
/ लाभािी को प्रवतपवति की जायेगी, यवि प्रथताव को मंजरी नहीं िी जाती है, तो पवि-वनवेश
वकए गए व्यय की प्रवतपवति नहीं की जाएगी ।
23
24. वित्तीय विमुवि का तरीका
• सीएसी की मंजरी क
े बाि क
ें द्रीय वनवध(धनरावश) को इम््लेमेंवटंग एजेंवसयों को िो वकथतों में
ववमुक्त वकया जायेगा
• ववमुवक्त की वकथत पररयोजना क
े पररमा पर वनभिर करती है
• क
ें द्र प्रायोवजत घटक क
े अंतगित, राज्य मत्सथय-पालन ववकास बोिि को धनरावश राज्य सरकार
की पवि सहमवत से ववमुक्त की जाती है
• ववमुक्त वकए गए धन का उपयोग करने क
े वलए ईआईए, वनवधयों(धनरावशयों) क
े ववचलन को
सुवनवित करता है
• यवि ईआईए, धनरावश का उपयोग करने में वविल रहते हैं, तो अवजित ब्याज क
े साि परे धनरावश
को वापस करना होगा
• सरकारी विशावनिेशों क
े अनुसार औवचत्सय पर लागत वृवि, यवि कोई हो, तो
• वनष्ट्पािन और व्यय पर उवचत ररकॉिि बनाए रखा जाएगा
• इसक
े बाि की ववमुवक्त को उपयोवगता प्रमा पत्र की पवति तिा लाभािी एवं एंि इम््लेमेंवटंग
एजेंवसयों द्वारा अनुपावतक योगिान क
े िथतावेजी साक्ष्य प्रथतुत करने क
े उपरांत ही ववचार
वकया जायेगा
24
25. अंतिेिीय मत्थय-पालि तिा
ए्िाकल्चर
(तालाब विमागि/ििीिीकरि,
हैचरी,
इिपुट आवि)
मैरीकल्चर(समुरी क
ृ वष )-
हैचरी, सी क
े ज आवि
प्रौद्योवगकी
आरएएस (RAS)/
बायोफ्लोक(BioFloc)
मोर क्रोप पर ड्रोप
सजािटी एिं मिोरंजक
मत्थय-पालि
समुरी िैिाल
क
ृ वष एिं विपिि
मछली एिं मछली संबंिी
उत्पािों का ई-विपिि
वहमालयी राज्य / क
े न्द्र
िावसत प्रिेि और पूिोत्तर
फोकस: जम्मू और कश्मीर
और लद्दाख
(कोल्ड िाटर वफिरीज का
संििगि )
जलािय विकास
क
े ज एंड पेि कल्चर एकीक
ृ त इकाइयााँ
क
ें द्र प्रायोस्जि योजिा (सीएसएस) घटक क
े अंिगाि
मुख्य गनिविगधयााँ
13.75
MMT
22
MMT
उत्सपािन
3.3 T/HA
5 T/HA)
उत्िादकता
26. िीत भण्डारि/ बफ
ग
संयंत्र का विमागि
प्रिीवतत/इंसुलेटेड
िाहि,
मोटरसाइवकल/बफ
ग
ब्से िाली साइवकलें
आवि
पोथट हािेथट एिं
िीत श्रृंखला अिो -
संरचिा
मछली मूल्यििगि
इकाइयों को जोड़िा
विपिि एिं
विपिि
अिसंरचिा
मछली चारा वमलें
मत्थय विथतार और
सहायता सेिाएाँ
(मत्थयपालि सेिा
क
ें र)
जलीय थिाथ्य
प्रबंिि
गहि मत्थयपालि
का विकास
25%
पोथट हािेथट
हानि
10%
क
े न्द्रीय प्रायोस्जि योजिा क
े अंिगाि मुख्य गनिविगधया
27. अियि ििा सह अियि
अिुिांसिक सुिार कायगक्रम और िासभक प्रजिि क
ें र (एिबीसी)
ििाचार और ििाचारी िररयोजिाएं, स्टाटगअि, इितयूबेटर, प्रौदयोधर्की
प्रदिगि
जलीय संर्रोि सुवििाएं
प्रसिक्षण, जार्रूकता, एतसिोजर और क्षमता निमागण
क
ें र सरकार क
े मछली िकड़िे क
े बंदरर्ाहों का आिुनिकीकरण
एिएफ़डीबी, मत्स्य संस्थाि आहद।
मत्स्य िालि संस्थािों क
े सलए सिेक्षण और प्रसिक्षण िेसल
रोर् निर्रािी तथा निर्रािी िेटिक
ग
मछली ककसाि उत्िादक संर्ठि/ क
ं िनियां
मत्स्य डेटा संग्रहण, मत्स्य सिेक्षण और डेटाबेस की मजबूती
मछ
ु आरों की सुरक्षा और संरक्षण क
े सलए सुरक्षा एजेंससयों को सहायता
प्रमाणि, प्रत्यायि, ट्रेसेबबसलटी और मछली में लेबसलंर्
क
े न्द्रीय क्षेत्र (सीएस) योजिा सह-अियि
प्रमुख पररणाम
•झींगा विलिष्ट्ट
रोगज़िक़ मुक्ि ब्रूक
थटॉक में आत्समनिभारिा
- एिबीसी
•मछ
ु आरों और ककसािों
की क्षमिा निमााण
•एक्िापोनिक्स
•समुद्र रेंग ंग
•आधुनिक सिेक्षण
िेसेल्स
•थटाटाअप और
इन्क्यूबेटसा
•'बैट टू प्लेट ’और
'फामा टू फोक
ा िक’ में
100% रैसेबबललटी
•एक्िाकल् र में
ब्लॉक ेि
•राष्ट्रीय रीयलटाइम
डेटा संग्रह,
•ई-प्लेटफॉमा / डैि बोडा
28. एिसीडीसी की मत्सस्य क्षेत्र हेतु पररकल्पिा
एिसीडीसी
समुद्री िैिाल
संििगि
एफ़एफ़पीओ
िीत श्ृंखला तथा
फसलोत्तर प्रबंिि
िृविमाि वियागत
सं.रा.क्षे., वहमालयी एिं
पूिोत्तर राज्य
प्रौद्योवर्की
समािेि(बायोफ्लोक/
आरएएस)
एकीकृ त मत्सस्य
उत्सपादि
क्षमता विकास
सजािटी एिं
ररविएिि मवत्सस्यकी
समुद्री एिं र्हि
समुद्र मवत्सस्यकी
स्थल अंतर्गत
मत्सस्यपालि
विपणि एिं विपणि
अिो संरचिा (ई-
विपणि)