जबरन वसूली, बैंक खाते में सेंधमारी या फिर जालसाजी में फंसाने की साजिश जैसी साइबर अपराध की घटनाओं में अब नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का इस्तेमाल किया जाने लगा है.चिंता यह है कि तेजी से फैलते—पसरते ऐसे अपराध कस्बाई कोने से लेकर महानगरीय माहौल तक में घुस चुके हैं,और बहुपयोगी तकनीक का गलत इस्तेमाल होने लगा है. हालांकि उन पर एआई के जरिए ही नकेल लगाई जा सकती है. बिहार के छोटे से शहर मुजफ्फरपुर में एक व्यक्ति को कॉल करने वाले ने खुद पुलिस अधिकारी बताया. उसे धमकी देकर कहा कि एक लड़की ने अश्लील तस्वीर और वीडियो भेजकर उसके खिलाफ तंग करने की शिकायत दर्ज की है. इसे लोकल थाने में दे दिया गया है. इस मामले को 10,000 रुपये का जुर्मान भरकर रफादफा किया जा सकता है. वह व्यक्ति डर गया और उसने बचाव के लिए दिए गए लिंक से पैसे ट्रांसफर कर दिए. कुछ मिनट बाद ही उसके आकाउंट से पैसे निकाले जाने के लगातार मैसेज आने लगे. जब तक कुछ सोच पाता, तब तक उस के खाते से डेढ़ लाख रुपये निकल चुके थे.