2. सहकारी समिमिय ों का उदय िुख्य रूप से 19 वीों शिाब्दी क
े उत्तरार्ध िें
हुआ। वर्ध 1904 िें भारि िें सहकारी समिमि अमर्मियि लागू हुआ। वर्ध
1904-05 िें ही िध्यप्रदेश (ित्कालीि सीपी एण्ड बरार) िें सवधप्रथि
प्रदेश की पहली सहकारी समिमि मपपररया िें गमिि हुई । मदिाोंक
22.06.1907 क प्रदेश का प्रथि क
े न्द्रीय सहकारी बैंक ’’ क्र स्थवेट
क
े न्द्रीय सहकारी बैंक ’’ मसह रा िें पोंजीक
ृ ि हुआ। इसक
े बाद क्रिश:
स हागपुर, ह शोंगाबाद एवों हरदा िें सहकारी बैंक ों का गिि हुआ।
3. सहकाररिा सिाि आमथधक, सािामजक एवों
साोंस्क
ृ मिक आवश्यकिाओों व आकाोंक्षाओों की पूमिध
हेिु स्वेच्छा से एकत्र हुए व्यक्तिय ों का ऐसा स्वशासी
उपक्रि है ज एक सोंयुक
् ि स्वामिि्व िथा
ल किाोंमत्रक िरीक
े से मियोंमत्रि उद्यि क
े रूप िें कायध
करिा है।
4. पहला मसद्धान्त - स्वैक्तिक िथा खुली सदस्यिा।
दू सरा मसद्धान्त - सदस्य ों का ल किाोंमत्रक मियोंत्रण।
िीसरा मसद्धान्त - सदस्य ों की आमथधक भागीदारी।
चौथा मसद्धान्त - स्वायििा िथा स्विोंत्रिा।
पाोंचवा मसद्धान्त - मशक्षा, प्रमशक्षण सूचिा।
छिा मसद्धान्त - सहकाररिाओों िें सहय ग।
सािवाों मसद्धान्त - सिुदाय क
े मलए सर कार।
5. सहकाररिा क
े िाध्यि से अन्त्य दय (सबसे किज र का
कल्याण) और आिजि ों क
े सवाांगीण मवकास की मदशा िें
उल्लेखिीय कायध हुआ है, मकन्तु सहकारी आन्द लि अभी
वास्तमवक रूप से एक जि आन्द लि िहीों बि सका है। गरीबी
रेखा क
े िीचे जीवियापि करिा है और विधिाि पररप्रेक्ष्य िें इस
सिुदाय क
े मवकास क
े मलए क
े वल सहकारी सोंस्थायें ही उपयुि
िाध्यि प्रिीि ह िी हैं।
6. उद् देश्य एवों लक्ष्य –
1). सहकारी सोंस्थाओों क
े कािकाज िें सहकारी िूल्य ों और मसद्धान्त ों
क बढावा देिा।
2). मवमभन्न सहकारी िॉडल की पहचाि कर प्रदेश िें स्वर जगार
मििाधण क
े िाध्यि से आय सोंवर्धि एवों सिावेशी मवकास क
े लक्ष्य ों
क प्राप्त करिा।
3). आमथधक मवकास िें सहकारी सोंस्थाओों क प्रिुख भूमिका।
4). क
े न्द्र एवों राज्य की य जिाओों क
े साथ उिका अमभसरण सुमिमिि
करिा।
7. 5). सहकारी क्षेत्र िें "एक मजला एक उत्पाद" िॉडल क प्रभावी ढोंग से
लागू करिा।
6). विवासी क्षेत्र ों िें सोंवहिीय मवकास की अवर्ारणा।
7). मवमभन्न सहकारी सोंस्थाओों क
े उत्पाद ों एवों सेवाओों की िाक
े मटोंग एवों
ब्रामडोंग।
8). शासि पर सहकारी सोंस्थाओों की मिभधरिा उत्तर त्तर सिाप्त/कि
करिा।
9). पोंजीकरण िें सुगििा, पोंजीयि िवीिीकरण, सुगि मिकास िीमि
(पोंजीकरण सिाक्तप्त),मिवाधचि आमद क
े प्रावर्ाि करिा।
9. "सहकार से सिृक्तद्ध" क
े िोंत्र पर आर्ाररि प्रदेश की सहकाररिा िीमि
क
े मवजि, मिशि और लक्ष्य ों क प्राप्त करिा।
मिम्नमलक्तखि उपाय ों का साथधक और उद् देश्यपूणध कायाध्वययि:-
1. संस्थागत तिकास
i. िूल्य ों और मसद्धाोंि ों की भूमिका क बढावा देिा।
ii. राज्य क
े सिय सािामजक-आमथधक मवकास की मदशा िें सहकारी
सोंस्थाओों क बढावा देिा।
iii. मकसाि ों की आय बढािे हेिु क
ृ मर् क्षेत्र िें आर्ारभूि सोंरचिा का
मवकास करिा।
10. iv. 97वें सोंमवर्ाि सोंश र्ि अमर्मियि, 2011 द्वारा सहकारी सोंस्थाओों
क
े गिि क िौमलक अमर्कार िें शामिल करिे क
े प्रावर्ाि क
दृमिगि रखिे हुए, जिभागीदारी आर्ाररि स्वस्थ सहकाररिाओों
का मवकास करिा।
v. सहकारी क्षेत्र िें पक्तिक क -आपरेमटव पाटधिरमशप (PCP) िॉडल
िैयार कर मक्रयाक्त्वयि करिा।
11. vi. सहकारी समिमिय ों िें मवमभन्न स्तर ों पर आवश्यक क्षििा और
दक्षिा लािे क
े मलए ढाोंचागिों, मवत्तीय, प्रशासमिक सुर्ार एवों कायध
प्रणाली का सरलीकरण आमद करिा।
vii. प्राथमिक क
ृ मर् साख सहकारी सोंस्थाओों (पैक्स), िें 'िुकसाि िहीों
ह िे का मसद्धान्त' (No Loss Principle) अपिाकर य जिा
मक्रयाक्त्वयि करािा।
12. 2. संिचनागत एिं कानूनी सुधाि
i). सहकारी सोंस्थाओों िें आत्म मिभधर एवों आमथधक रूप से
व्यवहायध व्यावसामयक इकाई बिािा।
ii). राज्य क
े विधिाि मत्र-स्तरीय/द -स्तरीय सहकारी ढाोंचे
क आवश्यकिािुसार और अमर्क लचीला बिािा।
13. iii). राज्य क
े सहकाररिा कािूि िें 97वें सोंमवर्ाि सोंश र्ि द्वारा
अिुिे द 43-B िें मदये गये 4 मसद्धान्त ों क्रिशः स्वैक्तिक एक
गिि, स्वायि कािकाज, ल किाोंमत्रक मियोंत्रण, व्यावसामयक
प्रबोंर्ि का पूणधिः सिावेश मकये जािे हेिु प्रदेश क
े सहकाररिा
अमर्मियि िें आवश्यकिा अिुसार उपयुि बदलाव करिा।
14. iv). सहकारी सोंस्थाओों क
े पोंजीयि, िवीिीकरण की प्रमक्रया
क सरलीक
ृ ि करिा।
v). सोंस्थाओों मवशेर्कर अमक्रयाशील सोंस्थाओों क
े मलए
पोंजीयि सिाप्त करिा।
vi). सहकारी समिमिय ों क दक्षिा, व्यावसामयकिा, दृढिा
और आत्ममिभधरिा की ओर अग्रसर करिे क
े मलए राज्य
सहकारी अमर्मियि/मियि ों क
े प्रावर्ाि ों की सिीक्षा
करिा।
15. vii). सिस्ि प्रकार की प्राथमिक सहकारी सोंस्थाओों क
पोंजीयि क
े सिय ही स्वि: उिसे सोंबोंमर्ि फ
े डरेशि
की सदस्यिा मदलािे क वैर्ामिकिा प्रदाि करिा।
viii). सहकारी समिमिय ों क
े मववाद ों क मवभागीय
ि्यायालय ों क
े िार््यि से मिपटािा।
16. 3. सहकारिता में सूचना प्रौद्योतगकी
i. सहकारी समिमिय ों क
े पोंजीकरण/िवीिीकरण हेिु
ऑिलाईि सुमवर्ा उपलब्र् करािा।
ii. सहकारी सोंस्थाओों की ज्ञाि आर्ाररि सोंसूचिा का
उपय ग आिजि ों, सदस्यगण
17. iii. सहकार की भाविा से सिझौिा मकए मबिा राज्य क
े सहकारी
सोंस्थाि ों िें कॉपोरेट प्रशासि क
े मसद्धाोंि ों क शामिल करिे क
े मलए,
कॉपोरेट िािल ों क
े िोंत्रालय क
े ऑिलाइि प टधल पर मवभाग क
े
अोंिगधि सिस्ि सहकारी सोंस्थाओों क
े मलए एक eCSMP ( e –
Cooperative Societies Management Portal ) िैयार कर इस प टधल
पर सोंस्था का िाि, पिे, पोंजीयि क्र
ों िाक/मदिाोंक आमद क सिामहि
करिे हुए जि-सािाि्य से साझा करिा।
18. 4. सहकारिता को ि्यिसाय का एक दक्ष मॉडल बनाना।
i. सहकारी समिमिय ों िें सदस्य ों क अोंशपूोंजी क बढाया
जािा।
ii. राज्य क
े अिुसूमचि क्षेत्र ों िें पोंजीक
ृ ि किज र सहकारी
समिमिय ों क सहायिा और िागधदशधि प्रदाि करिा।
iii. सहकारी क्षेत्र िें पूोंजी मिवेश की सोंभाविाओों का पिा
लगाकर पूोंजी की व्यवस्था करिा।
19. iv. सहकारी क्षेत्र िें स्टाटधअप गमिमवमर्य ों क प्र त्साहामहि करिा।
v. राज्य क
े स्व-सहायिा सिूह ों क
े पोंजीक
ृ ि पररसोंघ ों क उपलब्ध
सुमवर्ाएों प्रदाि करिा।
vi. शासकीय मवभाग ों द्वारा मवभागीय य जिाओों/कायधक्रि ों क
े िाध्यि
से सहकारी सोंस्थाओों क
े उन्नयि (Promotion)व सहय ग हेिु
कायधवाही करिा।
20. vii. सहकारी उत्पाद ों क
े सिुमचि मवक्रय/मविरण हेिु ई- िाक
े मटोंग
प टधल िैयार करिा।
viii. मवमभन्न सहकारी सोंस्थाओों क
े उत्पाद ों और सेवाओों क
े मवपणि
और ब्राोंमडोंग क
े मलए रणिीमि िैयार करिे िें सहायिा करिा।
ix. राज्य की सहकारी समिमिय ों क रािर ीय स्तर की सहकारी
सोंस्थाओों की य जिाओों से ज ड़कर लाभाक्त्वयि करिा।
21. 5. सहकारिता को ि्यिसाय का एक दक्ष मॉडल बनाना।
i. कौशल िें स्वर जगार और आि्िमिभधरिा क बढािा देिा।
ii. राज्य िें स्वर जगार क
े अवसर पैदा करिे क
े मलए क
ृ मर्,स्वास्थ्य
सेवा,खाद्य प्रसोंस्करण,पशुपालि,पशु आहार,जल सोंरक्षण,
उद्वहि मसोंचाई,िवीि एवों िवकरणीय ऊजाध,जैव ईोंर्ि उत्पादि,
बाय गैस उपकरण,मवत्तीय साक्षरिा,पयधटि,सेवा क्षेत्र और अन्य
क्षेत्र ों िें सहकारी समिमिय ों का मवस्तार करिा।
22. iii. सािामजक सर कार की पररय जिाओों क
े मक्रया्वययि हेिु
सािामजक सहकाररिा क बढावा देिा।
iv. सहकारी आोंद लि क
े मवकास/मवस्तार क
े मलए मजला
मवमशि क्षेत्र ों/सेक्टर ों की पहचाि करिा।
v. एिएसएिई क
े उद्यि प टधल पर पोंजीकरण क
े िाध्यि से
पात्रिा अिुसार लाभ प्राप्त करिे क
े मलए ल ग ों क
प्र त्साहामहि करिा।
23. 6. मानि संसाधन तिकास
i. सहकारी सोंस्थाओों क
े िुख्य कायधकारी अमर्कारी
(प्रबोंर्क/समचव) क
े मलए सोंस्था क
े व्यवसाय क
े अिुरूप
न्यूििि य ग्यिा िािदोंड मिर्ाधररि करिा िथा पेशेवर मिदेशक ों
की मियुक्ति करिा।
ii. सहकारी सोंस्थाओों क गुणवत्तापूणध िािव सोंसार्ि क
े चयि एवों
मियुक्ति िे स्वायत्तिा प्रदाि करिे हेिु पारदशी िीमि मिदेश
िैयार करिा।
24. 7. सहकािी तिक्षा-प्रतिक्षण
i. प्रदेश िें मजला सहकारी सोंघ ों एवों सहकारी प्रमशक्षण क
े न्द्र ों का
सुदृढीकरण करिा।
ii. ‘राज्य सहकारी मशक्षा और प्रमशक्षण क र्' की स्थापिा करिा।
iii. सहकाररिा क
े बुमियादी ज्ञाि क पाठ्यक्रि िें शामिल करिा।
iv. राज्य सहकारी सोंघ क
े िाध्यि से सहकारी क्षेत्र क
े आर्ुमिकीकरण
क
े मलए व्यापक क्षििा मििाधण करिा।
25. 8. अंक
े क्षण/तिकायत तनिािण
i. ‘आद्य पाोंि प्रणाली' (end to end system) बिािा िथा चाटधड
एकाउोंटेंट से ऑमडट करािे कामवकल्प उपलब्ध करािा।
ii. सहकारी सोंस्थाओों क
े सदस्य ों की मशकायि ों/सिस्याओों क
े
मिवारण करिा।