क्या हो अगर पृथ्वी को चपटा बताने वालों की कल्पना सच हो, और धरती सच में चपटी हो? पृथ्वी पर ग्रैविटी कैसे काम करेगी? क्या तब भी पृथ्वी की टाइम ज़ोन अलग-अलग होंगे? क्या तब भी पृथ्वी के मौसम बदलेंगे? क्या तब भी हम लोग पृथ्वी पर को ज़िंदा रह पायेंगे?
1. सोचो क्या हो अगर पृथ्वी गोल न होकर चपटी होती?
क्या हो अगर पृथ्वी को चपटा बताने वालोों की कल्पना सच हो, और धरती सच में चपटी हो? पृथ्वी पर ग्रैववटी क
ै से काम करे गी? क्या तब भी
पृथ्वी की टाइम जोन अलग-अलग होोंगे? क्या तब भी पृथ्वी क
े मौसम बदलेंगे? क्या तब भी हम लोग पृथ्वी पर को वजोंदा रह पायेंगे?
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2. पहले धरती का शेप वकसी को पता नहीों था। कोई रोटी सी चपटी कहता कोई चौकोर कहता था लेविन वास्तववकता यह हैं वक पृथ्वी न तो
चपटी और न चकोर- पृथ्वी गोल हैं। वबल्क
ु ल सोंतरे की आकार वक, इस बात की पुवि सोववयत सोंघ (वततमान में रूस) क
े वैज्ञावनक द्वारा
स्पुतवनक-1 (sputnik-1) -विसका शाब्दिक अथत है “यात्री का साथी”, नामक उपग्रह िो पृथ्वी की सवतप्रथम मानव वनवमतत उपग्रह था, िो
1957 में परीक्षण वकया तो इसने पृथ्वी का पूरा चक्कर काट वलया। इसक
े बाद पृथ्वी को लेकर सभी भ्ाोंवतयाों व प्रश्ोों पर ववराम लग गए।
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बहुत सारे लोग मानते हैं वक धरती गोले की तरह न होकर चपटी है। और वसर्
त मानते ही नहीों, इस बारे में सबूत और तक
त भी देते हैं। यही
नहीों, अमेररका और विटेन िैसे देशोों में फ्लैट अथत सोसायटी भी है। लाखाेे ेों लोग इसक
े सदस्य हैं, िो मानते हैं वक धरती को गोलाकार
बताना नासा और सरकारोों की साविश है।
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