2. पशद पक्षी संरक्षण का अर्ु
• 1972 क
े वन्यजीव संरक्षण अनधनियम क
े अिदसार, वन्यजीव ं में क ई
भी जािवर, मधदमक्खियााँ, नततली, क्रस्टेनशयि, मछली और कीट
शानमल हैं; और जलीय या भूनम विस्पनत, ज नकसी भी आवास का
नहस्सा बिती हैं।
• इसनलए, वन्यजीवि का तात्पयु उिक
े प्राक
ृ नतक आवास ं में रहिे वाले
जीव ं (विस्पनतय ं और जीव ं) से है।
• उर्ाहरण: शेर, नहरण, मगरमच्छ, व्हेल, घिे जंगल ं में पेड़ और
झानड़यााँ आनर्।
• लेनकि खेती वाले पौधे और पालतू जािवर पशद पक्षीि में शानमल िहीं
हैं!
3. पशद-पनक्षय ं क
े लाभ
• वन्यजीव नवनभन्न खाद्य श्ृंखलाओं, खाद्य जाल ं, जैव-भू-
रासायनिक चक्र ं और नवनभन्न प षी स्तर ं क
े माध्यम से ऊजाु
प्रवाह का एक अनिवायु घटक है।
• पयाुवरण की जीवि शक्खि और स्वास्थ्य क सदरनक्षत रखता है
और नवनभन्न पाररक्खथर्नतक तंत् ं क क्खथर्रता प्रर्ाि करता है
4. क्या आप जािते हैं ?
• पशद पक्षीि राष्ट्र ीय गौरव और सांस्क
ृ नतक नवरासत का प्रतीक है।
• 100 साल पहले, पूरे एनशया में 1 लाख से अनधक बाघ र्े, जबनक
आज र्दनिया भर में यह संख्या 5000 से भी कम है।
• वन्यजीव भ जि, चमड़ा, शहर्, हबुल औषनधयााँ, लकड़ी आनर्
जैसे नवनभन्न प्रकार क
े वानणक्खिक उत्पार् ं का िवीकरणीय स्र त
है।
• वैज्ञानिक और नचनकत्सा श धकताु वन्यजीव जािवर ं का उपय ग
अिदसंधाि सामग्री क
े रूप में करते हैं, नजि पर मिदष् ं पर
वास्तनवक अिदप्रय ग से पहले परीक्षण प्रय ग नकए जाते हैं
(उर्ाहरण क
े नलए) जेि टरांसप्ांटेशि)।
• र्ेश में बाघ और शेर की आबार्ी की रक्षा क
े नलए भारत सरकार
द्वारा प्र जेक्ट टाइगर और नगर शेर पररय जिा शदरू की गई है।
5. वन्यजीव ं क खतरा
पृथ्वी पर हर जगह पशद पक्षी ख़तरे में है
नवलदक्खि और अक्खस्तत्व क
े नलए कनठि संघषु।
1. पयाुवास हानि :
जिसंख्या वृक्खि, तेज औद्य गीकरण, शहरीकरण और आधदनिकीकरण सभी
िे पौध ं और जािवर ं क
े प्राक
ृ नतक आवास क
े बड़े पैमािे पर नविाश में
य गर्ाि नर्या है।
2. प्रर्ू षण:
वायद, जल, नमट्टी और ध्वनि प्रर्ू षण का पररमाण और नवषािता पहले कभी
िहीं र्ेखी गई प्रमदख कारक है।
नसंर्ेनटक सामनग्रय ं क
े अंधाधदंध उपय ग, समदद्र में नवनकरण और तेल
ररसाव, नवनभन्न प्रकार क
े अपनशष्ट् ं और नवषािता का उत्पार्ि और उिक
े
अवैज्ञानिक निपटाि जैसी गनतनवनधय ं से प्राक
ृ नतक आवास िष्ट् ह गए हैं या
क्षनतग्रस्त ह गए हैं।
3. अंधाधदंध नशकार:
भ जि, सींग, फर, र्ााँत आनर् क
े नलए जंगली जािवर ं की अंधाधदंध हत्या
और अवैध नशकार क
े पररणामस्वरूप कई जंगली प्रजानतयााँ कम ह गईं
और यहााँ तक नक नवलदि भी ह गईं।
6. नवर्ेशी नवलदि प्रजानतय ं का पररचय:
कई देशी प्रजातियााँ िुप्त ह गई हैं और तवदेशी और तवदेशी प्रजातिय ं क
े आगमन क
े
कारण उनका अस्तस्तत्व खिरे में है।
ड ड (राफस क
द क
द लैटस): एक उड़ािहीि पक्षी ज 17वींशताब्दी क
े अंत में नवलदि ह
गया।
तस्मानियाई बाघ (र्ायलानसिस नसि सेफालस): र्ायलासीि क
े िाम से भी जािा जािे
वाला यह मांसाहारी र्ल 20वींसर्ी में नवलदि ह गया।
वूली मैमर् (मैमर्स नप्रनमजेनियस): हार्ी का एक प्राचीि ररश्तेर्ार, मािा जाता है नक
इसकी आक्खखरी आबार्ी लगभग 4,000 साल पहले गायब ह गई र्ी।
स्टेलर समदद्री गाय (हाइड
र डैमनलस नगगास): एक बड़ा समदद्री स्तिपायी ज 18वींशताब्दी
में अत्यनधक नशकार क
े कारण नवलदि ह गया।
यात्ी कबूतर (एक्ट नपस्टस माइग्रेट ररयस): एक समय उत्तरी अमेररका में सबसे अनधक
संख्या में रहिे वाले पनक्षय ं में से एक, आक्खखरी पक्षी की 1914 में क
ै र् में मृत्यद ह गई।
पाइरेनियि आइबेक्स (क
ै प्रा पाइरेनिका पाइरेनिका): इसे बदकाडो क
े िाम से भी जािा
जाता है, इसे 2000 में नवलदि घ नषत कर नर्या गया र्ा, हालांनक जन्म क
े तदरंत बार् मरिे से
पहले एक क्ल ि िमूिा अक्खस्तत्व में र्ा।
7. पशु-पतिय ं का मानव एवं
प्रक
ृ ति पर प्रभाव
• अभयारण्य जंगली जािवर ं, पनक्षय ं और पौध ं क
े
संरक्षण क
े नलए आरनक्षत भूनम, आद्रुभूनम या समदद्र
का एक संरनक्षत क्षेत् है।
• भारत में 492 से अनधक वन्यजीव अभयारण्य हैं। ये
भारत क
े क
द ल भौग नलक क्षेत् क
े 3% से अनधक क
कवर करते हैं।
• अभयारण्य ं में नकसी भी प्रकार का नशकार निनषि
है।
• अभयारण्य ं और सीनमत मािवीय गनतनवनधय ं पर
निजी स्वानमत्व अनधकार नर्ए जा सकते हैं, बशते वे
सामान्य गनतनवनधय ं (वन्यजीव ं क
े भ जि, घ ंसला
बिािा, प्रजिि) में हस्तक्षेप ि करें
8. • बाय स्फीयर ररजवु भूनम और/या तटीय क्षेत् क
े संरनक्षत क्षेत् की एक
नवनशष्ट् श्ेणी है नजसमें क्षेत् क
े मूल निवासी आनर्वासी ल ग प्रणाली का
एक अनभन्न अंग हैं।
• बाय स्फीयर ररजवु की अवधारणा की कल्पिा संयदि राष्ट्र द्वारा की गई
र्ी और इसे 1975 में यूिेस्क क
े "मैि एं ड बाय स्फीयर" कायुक्रम क
े
एक भाग क
े रूप में लॉन्च नकया गया र्ा।
• बाय ररजवु में भूनम क
े नवनभन्न उपय ग ं क 3 अलग-अलग क्षेत् ं अर्ाुत
क र ज ि, बफर ज ि और टरांनजशि ज ि में नवभानजत करक
े अिदमनत
र्ी जाती है।
• भारत सरकार िे 18 बाय स्फीयर ररजवु थर्ानपत नकए हैं।
• र्दनिया क
े 117 र्ेश ं में लगभग 610 बाय स्फीयर ररजवु क्खथर्त हैं।
• भारत में 18 बाय स्फीयर ररजवु क्षेत् हैं।
• यूिेस्क मैि एं ड र् बाय स्फीयर (एमएबी) कायुक्रम सूची क
े आधार पर,
अठारह बाय स्फीयर ररजवु में से िौ बाय स्फीयर ररजवु क
े नवश्व िेटवक
ु
का नहस्सा हैं।
बाय स्फीयर ररजवु
9. पशद पक्षी संरक्षण हेतद नकये गये अन्य
उपाय
• लदिप्राय प्रजानतय ं क
े नलए प्रजिि
कायुक्रम
• अवैध नशकार, नशकार और जैव च री की
र कर्ाम
10. वन्यजीव संरक्षण क
े नलए कािूिी
प्रावधाि ं क मजबूत बिािा
पशद पक्षी सदरक्षा एवं संरक्षण से संबंनधत क
द छ
महत्वपूणु कािूिी प्रावधाि:
• वि संरक्षण अनधनियम, 1980
• राष्ट्र ीय वि िीनत, 1988
• वन्यजीव संरक्षण अनधनियम, 1972 (संश नधत 1991, 2002)
11. वन संरिण अतितनयम, 1980
• भारत र्दनिया क
े उि क
द छ र्ेश ं में से एक है जहां
1927 से वि अनधनियम लागू है।
• इस अनधनियम क 1980 में र् बारा तैयार नकया गया
और बार् में 1988 में इसमें संश धि नकया गया।
• इस अनधनियम िे सरकार और वि नवभाग क
सशि बिाया
• आरनक्षत वि ं, संरनक्षत वि ं और ग्राम वि ं का
निमाुण और प्रबंधि करिा।
• गैर सरकारी वि ं एवं वि भूनम की रक्षा करिा।
• वि उपज की आवाजाही क नियंनत्त करिा।
• मवेनशय ं की चराई क नियंनत्त और नवनियनमत
करिा।
12. पशु-पतिय ंका मानव एवं प्रक
ृ ति पर प्रभाव
पशद-पनक्षय ं का मािव एवं प्रक
ृ नत पर प्रभाव नवनभन्न प्रकार से ह ता है। यहां
क
द छ मदख्य प्रभाव ं क समझाया गया है:
1. खाद्य संसाधि:
- पशद-पनक्षयां मािव ं क
े नलए खाद्य स्र त क
े रूप में कायु करती हैं। र्ू ध,
मांस, और अन्य उत्पार् ं का प्रर्ाि ह ता है ज मािव ं क
े नलए आवश्यक हैं।
2. खेती एवं उत्पार्कता:
- पशद-पनक्षयां खेती क
े क्षेत् में मर्र् करती हैं, उिका ग बर खार् में उपय ग
ह ता है ज खेत ं क उवुररत करिे में मर्र् करता है।
3. बाय डाइवनसुटी:
- पशद-पनक्षयां प्राक
ृ नतक संतदलि का नहस्सा ह ती हैं और वन्यजि ं की
संरक्षण में मर्र् करती हैं, नजससे बाय डाइवनसुटी का संरक्षण ह ता है।
4. वायदमंडल सदधार:
- पनक्षयां वायदमंडल में बर्लाव करती हैं, नजससे हवा में ऑक्सीजि का
संचार ह ता है और वायदमंडल की स्वथर्ता क बिाए रखिे में मर्र् करती हैं।
13. पशु-पतिय ंका मानव एवं प्रक
ृ ति पर प्रभाव
5. जल संरक्षण:
- पशदओं की उपय नगता क
े कारण, जल संरक्षण में भी मर्र् नमलती है।
उिक
े पािी की जरूरत और उिक
े ग बर का उपय ग जल संरक्षण में सहारा
प्रर्ाि करता है।
6. जीव ं का संरक्षण:
- पशद-पनक्षयां कई प्रकार क
े जीव ं क नशकार करिे में मर्र् करती हैं,
नजससे नवशेष रूप से प्रजानतय ं की संरक्षण ह ती है।
7. वन्यजि संरक्षण:
- पशद-पनक्षय ं का वन्यजि संरक्षण में महत्वपूणु भूनमका है, क्य ंनक वे
वन्यजि ं क खाद्य स्र त और आवास प्रर्ाि करती हैं।
8. औद्य नगक उपय ग:
- पशदओं का र्ू ध, मांस, चमड़ा, और अन्य उत्पार् ं का उद्य नगक उपय ग भी
मािव समाज क
े नलए महत्वपूणु है।