SlideShare a Scribd company logo
1 of 30
Presentation by: Dr. Mrs. Ashu Jain Nougaraiya
Coordinator, Department of Tax,
St. Aloysius College, (Auto.) Jabalpur, M.P. 482001
व्यवसाय का अर्थ
व्यवसाय का आशय उन आर्थिक क्रिया
कलापों से है जो की वस्तु के उत्पादन
अथवा उनके िय वविय से सम्बंर्ित
हों और जजनका उद्देश्य लाभ प्राप्त
करके िनोपाजिन करना अथवा कायि
शजतत बढ़ाना हो.
संगठन का अर्थ
संगठन का तात्पयि उन सािनों,
ववर्ियों, व प्रणाललयों से है जो क्रकसी
व्यावसाययक संस्था के सभी अवयवो
को एक सूत्र में बांिता है और उसमे
आपस में सामंजस्य स्थावपत करके
संस्था के उद्देश्य को पूरा करने में
सहयोग प्रदान करता है.
व्यावसाययक संगठन का अर्थ
उत्पादन के ववलभन्न घटकों अथवा
व्यवसाय के अंगो को इस प्रकार
व्यवजस्थत करना सजम्मललत है की
व्यवसाय के सञ्चालन में कम से कम
बािाये उत्पन्न हो तथा न्यूनतम
लागतों में अर्िकतम कायि कु शलता
प्राप्त की जा सके .
व्यावसाययक संगठन के उद्देश्य
* व्यवसाय सम्बन्िी सैद्िांयतक ज्ञान से सुसजजजत
करना
* उत्पादन सम्बन्िी लमत्व्ययताये
* यनयोतता और कमिचाररयों के मध्य सुमिुर
सम्बन्ि
* सामाजजक और्चत्य
* अर्िक व अच्छा उत्पादन न्यूनतम लगत पर
* समय और प्रयत्नों में लमत्व्ययता
* यनयोजजत औद्योर्गक ववकास
व्यावसाययक संगठन के कायथ
• यनमािणी क्रियाये
• ववत्तीय क्रियाये
• िय सम्बन्िी क्रियाये
• वविय सम्बन्िी क्रियाये
• इंजीयनयररंग क्रियाये
• कमिचाररयों सम्बन्िी क्रियाये
• लेखांकन सम्बन्िी क्रियाये
• कायािलय सम्बन्िी क्रियाये
व्यावसाययक संगठन की ववशेषताए / लक्षण
• मौललक एवं अयनवायि आर्थिक क्रियााँए
• मानवीय क्रियाये
• साहलसक कायि
• तुजश्तगुन का सृजन
• ववयनमय हस्तांतरण या वविय
• वस्तुओ और सेवाओ में आदान प्रदान
• वस्तुओ और सेवाओ के व्यवहारों में यनरंतरता या यनयलमतता
• लाभ प्रेरणा
• प्रयतफल की अयनजश्चतता
• जोखखम तथा भावी सफलता का तत्व
व्यावसाययक संगठन के अंग
• व्यापार
• वाखणजय
• उद्योग
• प्रत्यक्ष सेवाए
व्यावसाययक संगठन के अंग
व्यापार वाणणज्य उद्योग प्रत्यक्ष सेवाए
देशी व्यापार ववदेशी व्यापार
यातायात बैंक बीमा संग्रहालय ववज्ञापन
स्कं ध ववपनी
उत्पवि उद्योग
यनष्कषथण
उद्योग
यनमाथणी उद्योग
रचनात्मक
उद्योग
लेखापाल
डॉक्टर
एक्टर
वकील
शशक्षक
व्यापार
लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओ का िय वविय व्यापार
कहलाता है. वे सभी क्रियाये जो उत्पादकों से
उपभोतताओ तक माल पहुचने के उद्देश्य से की जाती हैं
व्यापार के अंतगित आती हैं.
देशी व्यापार: जब क्रकसी वस्तु के िे ता और वविे ता उसी
देश में रहते हैं उसे देशी व्यापार कहते हैं.
ववदेशी व्यापार: जब कोई वस्तु क्रकसी देश में बने और
उसका उपयोग क्रकसी अन्य देश में हो तो उसे ववदेशी
व्यापार कहते हैं.
वाणणज्य
वाखणजय एक व्यापक शब्द है इसके अंतगित उन
सभी क्रियाओ का समावेश है जो वस्तुओ और
सेवाओ को उत्पवत्त स्थान से उपभोग के स्थान
तक पहुचने के ललए आवश्यक है. जैसे : काछे
माल का िय, बैंक से पूाँजी उिर लेना, बीमा
करना, मध्यस्थों का सहयोग लेने, ववज्ञापन,
यातायात के सािनों की सहायता लेना इत्यादद.
उद्योग
वे क्रियाये जजनके माध्यम से कच्चे माल को पतके माल में पररवयतित क्रकया जाता है और
उसे वविय योग्य बनाया जाता है, एवं वस्तु का स्वरुप पररवयतित करके उसमे
उपयोर्गता का सृजन क्रकया जाता हा. रूप पररवतिन की क्रियाये यनम्न हैं :
• उत्पवत्त उद्योग : इसके अंतगित पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होने वाली वस्तुए आती
हैं जैसे: कृ वि उद्योग, वन उद्योग, मत्स्य उद्योग.
• यनष्कििण उद्योग : इसके अंतगित पृथ्वी के गभि में यछपी हुई वस्तुओ को बहार
यनकालना तथा मानवीय प्रयत्नों द्वारा उनका रूप बदलकर उपयोगी बनाना है जैसे :
लोहे, सोने, कोयले की खानों का उद्योग.
• यनमािणी उद्योग : ववलभन्न प्रकार के काछे पदाथो को मानवीय श्रम एवं मचीनो के
सहयोग से मानव प्रयोग के अनुकू ल बनाने की क्रिया को यनमािणी उद्योग कहते हैं.
जैसे: लोहा एवं इस्पात उद्योग, चीनी, वस्त्र, सीमेंट, कागज़ आदद
• रचनात्मक उद्योग : जब वस्तुओ का रूप बदलकर उन्हें अर्िक उपयोगी एवं सुन्दर
बनाने की क्रिया रचनात्मक उद्योग के अंतगित आती है जैसे : भवन यनमािण, नाहर
तथा बााँि यनमािण आदद.
प्रत्यक्ष सेवाए
वस्तुओ के सामान ही सेवाओ का भी िय
वविय क्रकया जाता है. मनुष्य अपनी ववलशष्ट
सेवाओ के बदले प्रयतफल प्राप्त करता है एवं
संतुजष्ट प्राप्त करता है. जैसे डॉतटर की सेवाए,
वकीलों की सेवाए, लशक्षक की सेवाए इत्यादद.
व्यावसाययक संगठन का लाभ या महत्व
• तीव्र आर्थिक ववकास : डाब के अनुसार : “आर्थिक ववकास की समस्या
मुख्यतः ववत्त की नहीं वरन व्यावसाययक संगठन की है”.
• प्राकृ यतक व मानवीय संसािनों का सदुपयोग : व्यापार , वाखणजय एवं
उद्योगों के माध्यम से ही देश के प्राकृ यतक संसािनों एवं वहा की मानवीय
सम्पदा का उपयोग संभव होता है.
• रोजगार के अवसरों में वृद्र्ि: “व्यावसाययक संगठन मनुष्य की रचनात्मक
शजततयों के सदुपयोग का श्रेष्ठतम सािन है ” M. Elory
• अर्िकतम, श्रेष्ठ व सस्ता उत्पादन:
• राजस्व में वृद्र्ि:
• उत्पादन में ववलशष्टता:
• सुख सुवविाओं में वृद्र्ि :
• उन्नत जीवन स्तर:
• श्रम एवं पूाँजी बाजारों का ववकास :
• उन्नत अथिव्यवस्था की आिारलशला :
• लशक्षा का प्रसार :
• सांस्कृ यतक ववकास :
• अपरािो की समाजप्त :
• मानवीय एवं राष्रीय समृद्र्ि:
• अन्य लाभ :
अध्याय – 2
व्यावसाययक नीयत शास्त्र
व्यावसाययक नीयत शास्र का अर्थ एवं पिरभाषाएं
व्यवसाय में आर्थिक दहतो से हटकर
सामाजजक रीयत ररवाजो एवं आदशो के
आिार पे नैयतक मूल्यों को ध्यान में रखते
हुए व्यावसाययक क्रियाये करना जजससे
मानवीय गुणों को मापा जा सके ,
व्यावसाययक नीयत शास्त्र है .
व्यावसाययक नीयत शास्र की आवश्यकता एवं महत्व
• मिुर सम्बन्ि होना : श्रलमको तथा यनयोजको एवं कमिचाररयों के
मध्य
• श्रेष्ठ सामजजक लक्ष्य:
• लाभकारी यनवेश
• सामजजक सहयोग:
• व्यवसाय का उर्चत मागिदशिन :
• वविय वृद्र्ि व लाभ :
• सामाजजक लक्ष्यों की प्राजप्त :
• श्रेष्ठ छवव :
ववशभन्न वगों के प्रयत प्रबंध का दाययत्व
व्यवसाय का
सामाजिक उिर
दाययत्व
अंशधािरयो के प्रयत कमथचािरयों के
प्रयत
ग्राहकों के
प्रयत
सरकार के
प्रयतिनसमुदाय के
प्रयत
पूयतथकताथओ
के प्रयत
मध्यस्र्ों के
प्रयत
अन्य के प्रयत
अंशिाररयो के प्रयत दाययत्व: 1. ववयनयोजजत पूाँजी पर
प्रयतफल देना 2. ववयनयोजन का सदुपयोग करना व उसे
सुरक्षक्षत रखना 3. अंशिाररयो द्वारा यनिािररत नीयतयों से
व्यवसाय का सञ्चालन करना 4. संस्था की समस्त
गयतववर्ियों की जानकारी प्रदान करना 5. उनके साथ
समानता का व्यव्हार करना
कमिचाररयों के प्रयत दाययत्व: 1. अथिपूणि कायि प्रदान करना
2. उर्चत पाररश्रलमक देना 3. अनुकू ल दशाएं व
वातावरण प्रदान करना 4. ववकास व पदोन्नयत के
सामान अवसर प्रदान करना 5. लशकायतों का त्वररत
समािान करना.
सामाजिक दाययत्व का क्षेर/ ववशभन्न वगों के प्रयत प्रबंध
का दाययत्व
ग्राहकों के प्रयत दाययत्व: 1. आवश्यकताओ के अनुरूप
वस्तुओ का यनमािण 2. लमलावट, कालाबाजारी,
जमाखोरी, भ्रष्टाचार आदद न करना 3. उर्चत एवं
सही परामशि देना 4. उर्चत मूल्य, गुणवत्ता व मात्रा
में वस्तुए प्रदान करना 5. लशकायतों का समय पर
उर्चत समािान करना.
सरकार के प्रयत दाययत्व: 1. करो का इमानदारी से
यनयलमत भुगतान करना 2. सरकार को नीयत
यनिािरण में सहायता करना 3. कानूनों का पालन
करना 4. राजनैयतक संबंिो का दुरूपयोग न करना 5.
अपने यनजी लाभ के ललए सरकारी तंत्र को भ्रष्ट नहीं
करना
पूयतिकतािओ के प्रयत दाययत्व: 1. कच्चे माल की सही
कीमत सही समय पर प्रदान करना 2. वास्तु की
मांग एवं फै शन की जानकारी देना 3. भावी ववकास
की सूचना देना 4. आवश्यकता के समय उन्हें अर्ग्रम
रालश देना
मध्यस्थों के प्रयत दाययत्व: 1. नवीन अवसरों की
जानकारी प्रदान करना 2. व्यावसाययक प्रलशक्षण की
सुवविा प्रदान करना 3. पयािप्त साख सुवविा प्रदान
करना 4. ववपणन सम्बन्िी सुवविाए प्रदान करना 5.
उनके दहतो का संरक्षण करना
अध्याय – 4
व्यवसाय का प्रवतिन
प्रवतिन का आशय
प्रवतिन क्रकसी व्यावसाययक उद्यम को स्थावपत
करने की प्राववर्ि है जजसके अंतगित व्यवसाय
सम्बन्िी सुअवसरो की खोज की जाती है तथा
उनकी अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर
लाभाजिन हेतु उन्हें कायि रूप में पररखणत करने
के ललए समस्त आवश्यक सािनों एवं सेवाओं
आदद को जुटा कर संस्था को व्यवसाय करने
योग्य बनाया जाता है .
प्रवतथन की अवस्र्ाएं एवं पद्धयत
1.व्यवसाय स्थापना का ववचार :
2.प्रराजम्भक अन्वेिण :
3.योजना का यनमािण :
4.पूाँजी एवं अन्य सािनों को जुटाना :
प्रवतिक
जो व्यजतत क्रकसी कं पनी के यनमािण के ललए
आवश्यक सािनों को जुटाकर उसे कायि रूप में
पररवयतित करने की प्रारजम्भक योजना बनाता है
तथा उस कं पनी को वैिायनक अजस्तत्व ददलाता
है वह व्यजतत उस कम्पनी का प्रवतिक
कहलाता है
प्रवतिको के प्रकार
1.पेशेवर प्रवतिक :
2.आकजस्मक या अवसररक प्रवतिक:
3.ववत्तीय प्रवतिक :
4.ववलशष्ट संस्थाएं :
5.तकनीकी प्रवतिक :
प्रवतथको के कायथ, महत्व एवं गुण
1. कल्पनाओ को साकार रूप प्रदान करना :
2. बड़े पररमाण में उत्पादन संभव करना :
3. नए उद्योगों की जोखखमो को झेलना :
4. प्राकृ यतक सािनों एवं क्षमताओं का उपयोग:
5. पूाँजी यनमािण को प्रोत्साहन:
6. आववष्कारो को व्यवहाररक रूप प्रदान करना :
7. पररवहन के सािनों का ववकास :
8. बाजारों का ववस्तार :
प्रवतथन के कायाथत्मक पहलु अर्वा उद्यशमक यनणथय
1. व्यवसाय का प्रकार:
2. व्यवसाय का आकार:
3. व्यवसाय का स्थान :
4. स्वालमत्व का स्वरुप :
5. ववत्तीय यनयोजन :
6. संयंत्र ववन्यास:
7. भवन एवं मशीनरी :
8. आंतररक संगठन :
9. कमिचारी :
10.कर यनयोजन :
Bo bc hindi ashu

More Related Content

Similar to Bo bc hindi ashu

स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स Small Scale Industries, Projects
स्मॉल स्केल  इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स    Small Scale Industries, Projectsस्मॉल स्केल  इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स    Small Scale Industries, Projects
स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स Small Scale Industries, ProjectsAjjay Kumar Gupta
 
Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...
Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...
Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...arvind chaurasia
 
entrepreneur unit 1 government polytechnic Patna
entrepreneur unit 1 government polytechnic Patnaentrepreneur unit 1 government polytechnic Patna
entrepreneur unit 1 government polytechnic PatnaPrashantSharma621843
 
Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...
Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...
Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...Ajjay Kumar Gupta
 
9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf
9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf
9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdfDeepak Kumar
 
BLOOM_November2022_Hindi.pdf
BLOOM_November2022_Hindi.pdfBLOOM_November2022_Hindi.pdf
BLOOM_November2022_Hindi.pdfBalmerLawrie
 
विनियोग क्या है_ (1).pdf
विनियोग क्या है_ (1).pdfविनियोग क्या है_ (1).pdf
विनियोग क्या है_ (1).pdfpravinkumar779934
 
Social Stock Exchange - SEBI Notification
Social Stock Exchange - SEBI NotificationSocial Stock Exchange - SEBI Notification
Social Stock Exchange - SEBI NotificationTrinity Care Foundation
 
Tangible services in hotel sector
Tangible services in hotel sectorTangible services in hotel sector
Tangible services in hotel sectorPawanKumar1960
 
Bloom february2021 hindi
Bloom february2021 hindiBloom february2021 hindi
Bloom february2021 hindiBalmerLawrie
 
Advantages or Importance of Advertisement.pptx
Advantages or Importance of Advertisement.pptxAdvantages or Importance of Advertisement.pptx
Advantages or Importance of Advertisement.pptxJasveerGiri2
 
A right mentor plays a vital role to boost your startup
A right mentor plays a vital role to boost your startupA right mentor plays a vital role to boost your startup
A right mentor plays a vital role to boost your startupDr Vivek Bindra
 
Bloom sep2019 hindi
Bloom sep2019 hindiBloom sep2019 hindi
Bloom sep2019 hindiBalmerLawrie
 
12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi
12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi
12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindiCSISA
 

Similar to Bo bc hindi ashu (17)

स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स Small Scale Industries, Projects
स्मॉल स्केल  इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स    Small Scale Industries, Projectsस्मॉल स्केल  इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स    Small Scale Industries, Projects
स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज़/ प्रोजेक्ट्स Small Scale Industries, Projects
 
Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...
Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...
Fellowship complitetion report in financial inclusion and financial literacy ...
 
entrepreneur unit 1 government polytechnic Patna
entrepreneur unit 1 government polytechnic Patnaentrepreneur unit 1 government polytechnic Patna
entrepreneur unit 1 government polytechnic Patna
 
Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...
Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...
Small Scale Industries, Projects (Laghu, Kutir and Gharelu Udyog Pariyojanaye...
 
synergy.pptx
synergy.pptxsynergy.pptx
synergy.pptx
 
9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf
9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf
9 Modern Village Business Ideas in Hindi.pdf
 
BLOOM_November2022_Hindi.pdf
BLOOM_November2022_Hindi.pdfBLOOM_November2022_Hindi.pdf
BLOOM_November2022_Hindi.pdf
 
विनियोग क्या है_ (1).pdf
विनियोग क्या है_ (1).pdfविनियोग क्या है_ (1).pdf
विनियोग क्या है_ (1).pdf
 
Lekhankan
LekhankanLekhankan
Lekhankan
 
Globalization and Indian Economy
Globalization and Indian EconomyGlobalization and Indian Economy
Globalization and Indian Economy
 
Social Stock Exchange - SEBI Notification
Social Stock Exchange - SEBI NotificationSocial Stock Exchange - SEBI Notification
Social Stock Exchange - SEBI Notification
 
Tangible services in hotel sector
Tangible services in hotel sectorTangible services in hotel sector
Tangible services in hotel sector
 
Bloom february2021 hindi
Bloom february2021 hindiBloom february2021 hindi
Bloom february2021 hindi
 
Advantages or Importance of Advertisement.pptx
Advantages or Importance of Advertisement.pptxAdvantages or Importance of Advertisement.pptx
Advantages or Importance of Advertisement.pptx
 
A right mentor plays a vital role to boost your startup
A right mentor plays a vital role to boost your startupA right mentor plays a vital role to boost your startup
A right mentor plays a vital role to boost your startup
 
Bloom sep2019 hindi
Bloom sep2019 hindiBloom sep2019 hindi
Bloom sep2019 hindi
 
12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi
12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi
12 Sep 2012 CSISA Eastern UP Introduction - hindi
 

Bo bc hindi ashu

  • 1. Presentation by: Dr. Mrs. Ashu Jain Nougaraiya Coordinator, Department of Tax, St. Aloysius College, (Auto.) Jabalpur, M.P. 482001
  • 2. व्यवसाय का अर्थ व्यवसाय का आशय उन आर्थिक क्रिया कलापों से है जो की वस्तु के उत्पादन अथवा उनके िय वविय से सम्बंर्ित हों और जजनका उद्देश्य लाभ प्राप्त करके िनोपाजिन करना अथवा कायि शजतत बढ़ाना हो.
  • 3. संगठन का अर्थ संगठन का तात्पयि उन सािनों, ववर्ियों, व प्रणाललयों से है जो क्रकसी व्यावसाययक संस्था के सभी अवयवो को एक सूत्र में बांिता है और उसमे आपस में सामंजस्य स्थावपत करके संस्था के उद्देश्य को पूरा करने में सहयोग प्रदान करता है.
  • 4. व्यावसाययक संगठन का अर्थ उत्पादन के ववलभन्न घटकों अथवा व्यवसाय के अंगो को इस प्रकार व्यवजस्थत करना सजम्मललत है की व्यवसाय के सञ्चालन में कम से कम बािाये उत्पन्न हो तथा न्यूनतम लागतों में अर्िकतम कायि कु शलता प्राप्त की जा सके .
  • 5. व्यावसाययक संगठन के उद्देश्य * व्यवसाय सम्बन्िी सैद्िांयतक ज्ञान से सुसजजजत करना * उत्पादन सम्बन्िी लमत्व्ययताये * यनयोतता और कमिचाररयों के मध्य सुमिुर सम्बन्ि * सामाजजक और्चत्य * अर्िक व अच्छा उत्पादन न्यूनतम लगत पर * समय और प्रयत्नों में लमत्व्ययता * यनयोजजत औद्योर्गक ववकास
  • 6. व्यावसाययक संगठन के कायथ • यनमािणी क्रियाये • ववत्तीय क्रियाये • िय सम्बन्िी क्रियाये • वविय सम्बन्िी क्रियाये • इंजीयनयररंग क्रियाये • कमिचाररयों सम्बन्िी क्रियाये • लेखांकन सम्बन्िी क्रियाये • कायािलय सम्बन्िी क्रियाये
  • 7. व्यावसाययक संगठन की ववशेषताए / लक्षण • मौललक एवं अयनवायि आर्थिक क्रियााँए • मानवीय क्रियाये • साहलसक कायि • तुजश्तगुन का सृजन • ववयनमय हस्तांतरण या वविय • वस्तुओ और सेवाओ में आदान प्रदान • वस्तुओ और सेवाओ के व्यवहारों में यनरंतरता या यनयलमतता • लाभ प्रेरणा • प्रयतफल की अयनजश्चतता • जोखखम तथा भावी सफलता का तत्व
  • 8. व्यावसाययक संगठन के अंग • व्यापार • वाखणजय • उद्योग • प्रत्यक्ष सेवाए
  • 9. व्यावसाययक संगठन के अंग व्यापार वाणणज्य उद्योग प्रत्यक्ष सेवाए देशी व्यापार ववदेशी व्यापार यातायात बैंक बीमा संग्रहालय ववज्ञापन स्कं ध ववपनी उत्पवि उद्योग यनष्कषथण उद्योग यनमाथणी उद्योग रचनात्मक उद्योग लेखापाल डॉक्टर एक्टर वकील शशक्षक
  • 10. व्यापार लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओ का िय वविय व्यापार कहलाता है. वे सभी क्रियाये जो उत्पादकों से उपभोतताओ तक माल पहुचने के उद्देश्य से की जाती हैं व्यापार के अंतगित आती हैं. देशी व्यापार: जब क्रकसी वस्तु के िे ता और वविे ता उसी देश में रहते हैं उसे देशी व्यापार कहते हैं. ववदेशी व्यापार: जब कोई वस्तु क्रकसी देश में बने और उसका उपयोग क्रकसी अन्य देश में हो तो उसे ववदेशी व्यापार कहते हैं.
  • 11. वाणणज्य वाखणजय एक व्यापक शब्द है इसके अंतगित उन सभी क्रियाओ का समावेश है जो वस्तुओ और सेवाओ को उत्पवत्त स्थान से उपभोग के स्थान तक पहुचने के ललए आवश्यक है. जैसे : काछे माल का िय, बैंक से पूाँजी उिर लेना, बीमा करना, मध्यस्थों का सहयोग लेने, ववज्ञापन, यातायात के सािनों की सहायता लेना इत्यादद.
  • 12. उद्योग वे क्रियाये जजनके माध्यम से कच्चे माल को पतके माल में पररवयतित क्रकया जाता है और उसे वविय योग्य बनाया जाता है, एवं वस्तु का स्वरुप पररवयतित करके उसमे उपयोर्गता का सृजन क्रकया जाता हा. रूप पररवतिन की क्रियाये यनम्न हैं : • उत्पवत्त उद्योग : इसके अंतगित पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होने वाली वस्तुए आती हैं जैसे: कृ वि उद्योग, वन उद्योग, मत्स्य उद्योग. • यनष्कििण उद्योग : इसके अंतगित पृथ्वी के गभि में यछपी हुई वस्तुओ को बहार यनकालना तथा मानवीय प्रयत्नों द्वारा उनका रूप बदलकर उपयोगी बनाना है जैसे : लोहे, सोने, कोयले की खानों का उद्योग. • यनमािणी उद्योग : ववलभन्न प्रकार के काछे पदाथो को मानवीय श्रम एवं मचीनो के सहयोग से मानव प्रयोग के अनुकू ल बनाने की क्रिया को यनमािणी उद्योग कहते हैं. जैसे: लोहा एवं इस्पात उद्योग, चीनी, वस्त्र, सीमेंट, कागज़ आदद • रचनात्मक उद्योग : जब वस्तुओ का रूप बदलकर उन्हें अर्िक उपयोगी एवं सुन्दर बनाने की क्रिया रचनात्मक उद्योग के अंतगित आती है जैसे : भवन यनमािण, नाहर तथा बााँि यनमािण आदद.
  • 13. प्रत्यक्ष सेवाए वस्तुओ के सामान ही सेवाओ का भी िय वविय क्रकया जाता है. मनुष्य अपनी ववलशष्ट सेवाओ के बदले प्रयतफल प्राप्त करता है एवं संतुजष्ट प्राप्त करता है. जैसे डॉतटर की सेवाए, वकीलों की सेवाए, लशक्षक की सेवाए इत्यादद.
  • 14. व्यावसाययक संगठन का लाभ या महत्व • तीव्र आर्थिक ववकास : डाब के अनुसार : “आर्थिक ववकास की समस्या मुख्यतः ववत्त की नहीं वरन व्यावसाययक संगठन की है”. • प्राकृ यतक व मानवीय संसािनों का सदुपयोग : व्यापार , वाखणजय एवं उद्योगों के माध्यम से ही देश के प्राकृ यतक संसािनों एवं वहा की मानवीय सम्पदा का उपयोग संभव होता है. • रोजगार के अवसरों में वृद्र्ि: “व्यावसाययक संगठन मनुष्य की रचनात्मक शजततयों के सदुपयोग का श्रेष्ठतम सािन है ” M. Elory • अर्िकतम, श्रेष्ठ व सस्ता उत्पादन: • राजस्व में वृद्र्ि: • उत्पादन में ववलशष्टता: • सुख सुवविाओं में वृद्र्ि : • उन्नत जीवन स्तर:
  • 15. • श्रम एवं पूाँजी बाजारों का ववकास : • उन्नत अथिव्यवस्था की आिारलशला : • लशक्षा का प्रसार : • सांस्कृ यतक ववकास : • अपरािो की समाजप्त : • मानवीय एवं राष्रीय समृद्र्ि: • अन्य लाभ :
  • 16. अध्याय – 2 व्यावसाययक नीयत शास्त्र
  • 17. व्यावसाययक नीयत शास्र का अर्थ एवं पिरभाषाएं व्यवसाय में आर्थिक दहतो से हटकर सामाजजक रीयत ररवाजो एवं आदशो के आिार पे नैयतक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए व्यावसाययक क्रियाये करना जजससे मानवीय गुणों को मापा जा सके , व्यावसाययक नीयत शास्त्र है .
  • 18. व्यावसाययक नीयत शास्र की आवश्यकता एवं महत्व • मिुर सम्बन्ि होना : श्रलमको तथा यनयोजको एवं कमिचाररयों के मध्य • श्रेष्ठ सामजजक लक्ष्य: • लाभकारी यनवेश • सामजजक सहयोग: • व्यवसाय का उर्चत मागिदशिन : • वविय वृद्र्ि व लाभ : • सामाजजक लक्ष्यों की प्राजप्त : • श्रेष्ठ छवव :
  • 19. ववशभन्न वगों के प्रयत प्रबंध का दाययत्व व्यवसाय का सामाजिक उिर दाययत्व अंशधािरयो के प्रयत कमथचािरयों के प्रयत ग्राहकों के प्रयत सरकार के प्रयतिनसमुदाय के प्रयत पूयतथकताथओ के प्रयत मध्यस्र्ों के प्रयत अन्य के प्रयत
  • 20. अंशिाररयो के प्रयत दाययत्व: 1. ववयनयोजजत पूाँजी पर प्रयतफल देना 2. ववयनयोजन का सदुपयोग करना व उसे सुरक्षक्षत रखना 3. अंशिाररयो द्वारा यनिािररत नीयतयों से व्यवसाय का सञ्चालन करना 4. संस्था की समस्त गयतववर्ियों की जानकारी प्रदान करना 5. उनके साथ समानता का व्यव्हार करना कमिचाररयों के प्रयत दाययत्व: 1. अथिपूणि कायि प्रदान करना 2. उर्चत पाररश्रलमक देना 3. अनुकू ल दशाएं व वातावरण प्रदान करना 4. ववकास व पदोन्नयत के सामान अवसर प्रदान करना 5. लशकायतों का त्वररत समािान करना. सामाजिक दाययत्व का क्षेर/ ववशभन्न वगों के प्रयत प्रबंध का दाययत्व
  • 21. ग्राहकों के प्रयत दाययत्व: 1. आवश्यकताओ के अनुरूप वस्तुओ का यनमािण 2. लमलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, भ्रष्टाचार आदद न करना 3. उर्चत एवं सही परामशि देना 4. उर्चत मूल्य, गुणवत्ता व मात्रा में वस्तुए प्रदान करना 5. लशकायतों का समय पर उर्चत समािान करना. सरकार के प्रयत दाययत्व: 1. करो का इमानदारी से यनयलमत भुगतान करना 2. सरकार को नीयत यनिािरण में सहायता करना 3. कानूनों का पालन करना 4. राजनैयतक संबंिो का दुरूपयोग न करना 5. अपने यनजी लाभ के ललए सरकारी तंत्र को भ्रष्ट नहीं करना
  • 22. पूयतिकतािओ के प्रयत दाययत्व: 1. कच्चे माल की सही कीमत सही समय पर प्रदान करना 2. वास्तु की मांग एवं फै शन की जानकारी देना 3. भावी ववकास की सूचना देना 4. आवश्यकता के समय उन्हें अर्ग्रम रालश देना मध्यस्थों के प्रयत दाययत्व: 1. नवीन अवसरों की जानकारी प्रदान करना 2. व्यावसाययक प्रलशक्षण की सुवविा प्रदान करना 3. पयािप्त साख सुवविा प्रदान करना 4. ववपणन सम्बन्िी सुवविाए प्रदान करना 5. उनके दहतो का संरक्षण करना
  • 23. अध्याय – 4 व्यवसाय का प्रवतिन
  • 24. प्रवतिन का आशय प्रवतिन क्रकसी व्यावसाययक उद्यम को स्थावपत करने की प्राववर्ि है जजसके अंतगित व्यवसाय सम्बन्िी सुअवसरो की खोज की जाती है तथा उनकी अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लाभाजिन हेतु उन्हें कायि रूप में पररखणत करने के ललए समस्त आवश्यक सािनों एवं सेवाओं आदद को जुटा कर संस्था को व्यवसाय करने योग्य बनाया जाता है .
  • 25. प्रवतथन की अवस्र्ाएं एवं पद्धयत 1.व्यवसाय स्थापना का ववचार : 2.प्रराजम्भक अन्वेिण : 3.योजना का यनमािण : 4.पूाँजी एवं अन्य सािनों को जुटाना :
  • 26. प्रवतिक जो व्यजतत क्रकसी कं पनी के यनमािण के ललए आवश्यक सािनों को जुटाकर उसे कायि रूप में पररवयतित करने की प्रारजम्भक योजना बनाता है तथा उस कं पनी को वैिायनक अजस्तत्व ददलाता है वह व्यजतत उस कम्पनी का प्रवतिक कहलाता है
  • 27. प्रवतिको के प्रकार 1.पेशेवर प्रवतिक : 2.आकजस्मक या अवसररक प्रवतिक: 3.ववत्तीय प्रवतिक : 4.ववलशष्ट संस्थाएं : 5.तकनीकी प्रवतिक :
  • 28. प्रवतथको के कायथ, महत्व एवं गुण 1. कल्पनाओ को साकार रूप प्रदान करना : 2. बड़े पररमाण में उत्पादन संभव करना : 3. नए उद्योगों की जोखखमो को झेलना : 4. प्राकृ यतक सािनों एवं क्षमताओं का उपयोग: 5. पूाँजी यनमािण को प्रोत्साहन: 6. आववष्कारो को व्यवहाररक रूप प्रदान करना : 7. पररवहन के सािनों का ववकास : 8. बाजारों का ववस्तार :
  • 29. प्रवतथन के कायाथत्मक पहलु अर्वा उद्यशमक यनणथय 1. व्यवसाय का प्रकार: 2. व्यवसाय का आकार: 3. व्यवसाय का स्थान : 4. स्वालमत्व का स्वरुप : 5. ववत्तीय यनयोजन : 6. संयंत्र ववन्यास: 7. भवन एवं मशीनरी : 8. आंतररक संगठन : 9. कमिचारी : 10.कर यनयोजन :