बाइपोलर डिसऑर्डर ( Bipolar Disorder ) लक्षण कारण उपचार बचाव In Hindi यह एक मानसिक रोग है लगातार कई हफ्तों तक या महीनों तक पीड़ित व्यक्ति बहुत अधिक उदास या अत्यधिक खुश रहता है उसके मन में नकारात्मक विचार आते रहते हैं इस बीमारी की शुरुआत अक्षर 14 साल से 20 साल के बीच होती है इस बीमारी से पुरुष तथा महिलाएं दोनों प्रभावित हो सकते हैं परंतु महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह बीमारी अधिक पाई जाती है लक्षण हर समय उदास रहना किसी कार्य में मन ना लगना हर समय चिड़चिड़ापन घबराहट महसूस होना आत्मग्लानि अपराध बोध महसूस होना भविष्य के बारे में निराशा अपने आप से नफरत शरीर में ऊर्जा की कमी नींद की कमी सेक्स इच्छा की कमी मन में हर समय रोने की इच्छा कारण इस रोग के प्रमुख कारणों का पता नहीं चल पाया है लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार जेनेटिक कारक हालात के शुरू होने मैं मुख्य भूमिका निभाते हैं दिमाग के न्यू ट्रांसमीटर्स में असंतुलन से बाइपोलर डिसऑर्डर या इसी प्रकार के मानसिक रोगों का जन्म होता है लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने तनाव आदि के कारण यह बीमारी उत्पन्न होती है अत्यधिक चिंतित रहना अत्यधिक सोचना आदि से बाइपोलर डिसऑर्डर का रोग उत्पन्न होता है उपचार इस बीमारी के उपचार के लिए दो मुख्य पहलू ध्यान देने योग्य होते हैं मरीज को सामान्य रखने के लिए पारिवारिक सदस्यों द्वारा सहानुभूति देखभाल बहुत आवश्यक है मन को सामान्य रखने के लिए कई प्रकार की दवाएं भी उपलब्ध हैं इस प्रकार की दवाओं को मूड स्टेबलाइजर दवा कहते हैं इस प्रकार की दवाओं का प्रयोग करते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है मरीज को नियमित रूप से अपने रक्त की जांच कराते रहना चाहिए मरीज को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बिना डॉक्टर की सलाह के अचानक कोई दवाई ना तो ले और ना ही लेना बंद करें दवाइयों का उपयोग मनोचिकित्सक के निर्देशानुसार ही क्या जाना चाहिए दवाइयां कई प्रकार की होती हैं जैसे लिथियम सोडियम वलप्रोएट कार्बा मैजिपिन दवाइयों की मात्रा का निर्धारण एवं किस रोगी को उपरोक्त किस दवा का उपयोग करना है यह मनोचिकित्सक पर निर्भर करता है इस प्रकार की दवाओं का प्रयोग करने से डिप्रेशन एवं मानसिक रोग 30 से 40% तक कम हो जाते हैं मूड स्टेबलाइजर दवाओं के अतिरिक्त इस प्रकार के रोगियों को साइकोलॉजिकल इलाज भी काफी लाभप्रद होता है जिसमें मरीज की काउंसलिंग करके मन के अंदर की उदासी तथा उसे सामान्य रखने के उपाय सिखाए जाते हैं बचाव बाइपोलर डिसऑर्डर के दौरान जब आप डिप्रेशिव मूड में नहीं है तो इस दौरान आपको अपनी रुचि को पूरा करने में समय बिताना चाहिए ताकि आप अच्छा महसूस करें।बाइपोलर डिसऑर्डर के दौरान अकेले रहने से आपका डिप्रेशन बढ़ सकता है। इसलिए लोगों से जुड़ें, बात करें और करीबियों के साथ समय बिताएं। अकेले ना रहें, लोगों के साथ समय बिताएं पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए। एक ही स्लीपिंग पैटर्न अपनाना चाहिए। हर रोज एक ही समय पर सोएं और उठें।