3. एक बार फिर
•अपनी पसंद का एक गीि याद कीतिए
•उसक
े तकसी अनुच्छे द को तिखिए
•उसमें अतभव्यखि का एक ऐसा उदाहिण िोतिए िो
सामान्य बोिचाि की भाषा से हटकि हो...
4/18/2024
गुिशन सुििाि
4. पररभाषा
• काव्य में भाषा को शब्दार्थ से सुसखिि िर्ा सुन्दि बनाने वािे
चमत्कािपूणथ (सामान्य से हटकि) मनोिंिन ढंग को अिंकाि
कहिे हैं। अिंकाि का शाखब्दक अर्थ है, 'आभूषण'।
• 'अिंकाि' शब्द 'अिं+क
ृ ' क
े योग से बनिा है
• तिस प्रकाि आभूषणों से शिीि की शोभा बढ़िी है उसी प्रकाि
काव्य-अिंकािों से काव्य की।
4/18/2024
गुिशन सुििाि
6. इफतहास और र्हत्व
एक र्ान्यता
फिस प्रकार अलंकारों-
आभूषणोंया गहनोंसे
आभूफषत होकर कोई स्त्री
अफधक आकषाक लगती है,
उसी प्रकार काव्य भी अलंकारों
से आभूफषत होकर अत्यफधक
आकषाक हो िाता है।
दू सरी र्ान्यता
अलंकार क
े वल वाणी की
सिावट क
े ही नहीं, बल्कि भाव
की अफभव्यल्कि क
े फलए भी
फवशेष द्वार हैं।
अलंकार भाषा की पुफि क
े फलए,
राग की पररपूणाता क
े फलए
आवश्यक उपादान हैं।
4/18/2024
गुिशन सुििाि
7. इफतहास और र्हत्व
• अिंकाि शास्त्र या अिंकाि तचंिन प्रािम्भ से ही भाििीय काव्यशास्त्र का
महत्वपूणथ तहस्सा िहा है ।
• काव्य-शास्त्र क
े प्रािखम्भक काि में अिंकािों पि ही तवशेष बि तदया गया
र्ा। तहन्दी क
े आचायों ने भी काव्य में अिंकािों को तवशेष स्र्ान तदया है।
• काव्य में अिंकाि की महत्ता तसद्ध किने वािों में आचायथ भामह, उद्भट,
दंडी औि रुद्रट क
े नाम तवशेष प्रख्याि हैं।
• इन आचायों ने काव्य में िस को प्रधानिा न दे कि अिंकाि की मान्यिा दी
है। 4/18/2024
गुिशन सुििाि
8. इफतहास और र्हत्व
• तहंदी में िीतिकाि िक अिंकाि का बहुि महत्व िहा िेतकन आधुतनक काि में काव्य की
शोभा क
े नए ित्व सामने आए। िीतिकाि क
े ‘अिंकाि ही काव्य है’ की िुिना में
अिंकाि को िेकि एक अतधक संिुतिि दृतिकोण िहा है
• ये ित्व पुिाने शास्त्र क
े आधाि पि 100% अिंकाि न कहे िाने पि भी ‘काव्य में
अतभव्यखि का अिंकिण’ अवश्य कििे हैं इसतिए सामान्य रूप से अिंकाि ही कहे
िाएँ गे।
• इस प्रकाि तकसी (आचायथ औि कतव) क
े तवचाि से अिंकाि काव्य क
े तिए आवश्यक है
िो तकसी क
े तवचाि से अतनवायथ। तिि भी, इन तवचािों से इिना िो स्पि हो ही िािा है
तक अिंकाि काव्य क
े तिए महत्त्वपूणथ हैं।
4/18/2024
गुिशन सुििाि
10. अलंकार क
े प्रकार/भेद
• शब्द क
े प्रयोग क
े आधाि पि आई
सुन्दििा
शब्दािंकाि
• अर्थ क
े प्रयोग क
े आधाि पि उत्पन्न
सुन्दििा
अर्ाथिंकाि
• शब्द औि अर्थ दोनों पि आतिि
चमत्काि
उभयािंकाि
4/18/2024
गुिशन सुििाि
काव्यशास्त्र पर सर्कालीन फचंतन अन्य भाषाओं, पफिर् से आए क
ु छ
अलंकारों की भी चचाा करता है...