SlideShare a Scribd company logo
1 of 21
Download to read offline
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाहकर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कु छ कहकर प्यार जताता है,
कोई कु छ न कहकर प्यार ननभाता है !
ककसीकी यािों का छाया मुझपर खुमार है,
दिल कह रहा है यकीनन उसे भी प्यार है,
हाल-ए-दिल कहती हूँ उसे हर शायरी में,
कयूँ न समझ सके वो ये प्यार का इज़हार है?
खोयी खोयी ये आूँखें,
दिन में मिहोश तुम्हें करती है,
रात में, तन्हाई में,
हर रोज़ यह बरसती है !
ठहर गया था कोई वक़्त की ननशानी बनके ,
वो भी बह गया आज आूँखों का पानी बनके ,
एक उम्र से संभाला था हमने जो िररया,
बहा ले गया वो उसे एक रात तफानी बनके !
रहते हैं साथ साथ, मैं और मेरी तन्हाई,
करते हैं राज़ की बात, मैं और मेरी तन्हाई,
दिन गुज़र जाता है, लोगों की भीड़ में,
करते हैं बसर रात में, मैं और मेरी तन्हाई !
उनकी भली-बबसरी वो कै सी यािें थीं,
यािें कया थी खुि से मुलाकातें थी,
मन की गहराई में डबी िेखती रही,
सीप में मोती से महूँगी उनकी बातें थी !
माूँ की याि हर पल सताए,
माूँ की ममता कौन भुलाये,
माूँ से ररश्ता उम्रभर ननभाए,
माूँ खुशी से हमेशा मुस्कु राये,
और कोई न िजा, माूँ से प्यारा,
मिसस डे पर माूँ को प्रणाम हमारा !
होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का,
नज़र से वो बात हो जाती है,
इस उम्मीि में करते हैं इंतज़ार आपका,
कनखखयों से ही तेरा िीिार हो जाये !
नज़रें ममलाकर नज़रें मत चुरा लेना,
प्यार करके हमें यूँ न भुला िेना,
हम रहेंगे तुम्हारे न बेगाना समझना,
तुमसे िर रहने की सज़ा हमें न िेना !
लाल गुलाबी नीला पीला, हाथों में मलए समेट,
होली के दिन रंगेंगे सब, करेंगे मीठी भेंट,
नयी उमंग से भरा हो, रंगों की हो भरमार,
ढेर सारी खुमशयों से भरा हो होली का त्यौहार !
हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी,
हर हवा खुशब हमारी लाएगी,
हम प्यार इस तरह ननभाएूँगे दिलबर,
हम न होंगे और हमारी याि तुम्हें सताएगी !
खामोश रात की पहलु में मसतारे न होते,
इन रूखी आूँखों में रंगीन नज़ारे न होते,
हम भी न करते परवाह...
अगर आपसे बेपन्हा मोहब्बत न करते !
हमसे िर जाओगे कै से,
दिल से हमें भलाओगे कै से,
हम वो खुश्ब हैं जो..
बसते हैं आपकी साूँसों में,
खुि की साूँसों को रोक पाओगे कै से?
इन आूँखों में आूँस आए न होते,
वो जो मुडमुड़कर यूँ मुस्कु राये न होते,
उनके जाने के बाि ये गम होता है...
काश वो जज़न्िगी में आए न होते
ममलने की खुशी है,
पर है बबछड़ने का गम,
आूँखों में ख़्वाब है,
पर उिास है मेरा मन,
कै से कहें कै से हैं हम,
तुम बबन अधरे हैं हम !
दिल में तुम्हारी अपनी कमी छोड़ जायेंगे,
आूँखों में इंतज़ार की लकीर छोड़ जायेंगे,
यक़ीनन तुम हर पल ढंढते रहोगे हमें,
प्यार की मीठी कहानी हम छोड़ जायेंगे !
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
रातें कटती है ले लेकर नाम तेरा,
मुद्ित से बैठे हैं ये आस मलए,
के आज आयेगा कोई पैगाम तेरा !
हर ककसीसे इश्क़ नहीं ककया जा सकता,
ये वो ररश्ता है जो आज़माया नहीं जाता,
ममलते है रोज़ कई अजनबबयों से,
मगर दिल हर ककसीसे ममलाया नहीं जाता !
न जाने ये रात इतनी तन्हा कयूँ है,
हमें अपनी ककस्मत से मशकायत कयूँ है,
अजीब खेल खेला है ककस्मत ने,
आखखर हमें उसीसे मोहब्बत कयूँ है?
जब याि करते हैं ककसीको,
वो वक़्त सुहाना होता है !
उठ जाती है कलम मलखने को,
वो प्यार िीवाना होता है !
कर िेती है हाल-ए-दिल बयान,
वो कलम शायराना होता है !
बहुत मुजश्कल है उनसे िर रहना,
जुिाई के ििस को यूँ कब तक सहना?
जानती हूँ मुझसे िर चले गए बहुत,
पर अरमां है अब तो आ जाओ सजना !
जाने कया समझा वो मुझे,
जाने कया समझी मैं उसे,
फासला नज़र आया...
कु छ क़िमों के साथ से !
चेहरे पे अश्कों की लकीर सी बन गयी,
जो न चाहा था वो तकिीर सी बन गयी,
हमने तो चलायी थी रेत पे ऊूँ गली,
गौर से िेखा तो उनकी तस्वीर सी बन गयी !
इतना कयूँ चाहा उसे कक भुला न सके ,
इतना कयूँ पास आए कक िर जा न सके ,
अब तन्हाई में बैठे ये सोचती हूँ...
कयूँ चाहा उसे जजसे कभी पा न सके !
वो बाररश ही कया जजसमें भीगा न जाए,
वो बबछड़ना ही कया जजसमें आूँसं न आए,
वो पल ही कया जब तेरी याि न आए,
वो प्यार ही कया जजसे ननभाया न जाए !
लम्बोिर पीताम्बर गजानन नािीश्वरम,
ढेरों नाम है तेरे ववनायकम,
तेरी ज्योनत से है ममलता सबको नर,
सबके दिलों को है ममलता सुरूर,
रहें सब ममलकर, बाटें सबको प्यार,
मुबारक हो सबको गणपनत का त्यौहार !
मिर टेरेसा ममता की मरत थी,
गरीब लाचार लोगों के मलए वो भगवान के समान थी,
बीमार लोगों की सेवा ननस्वाथस रूप से करती थी,
सिा चेहरे पर मुस्कान मलए सबका िुुःख ममटाती थी,
आज तेरह वर्स परे हुए हमारे बीच नहीं रही,
मिर टेरेसा को शत शत शत नमन और श्रद्धांजमल मेरी !

More Related Content

What's hot

.....कविता ......यादें
.....कविता ......यादें.....कविता ......यादें
.....कविता ......यादेंVirendraShrivastava2
 
.....कविता.....कुछ रिश्ते
.....कविता.....कुछ रिश्ते.....कविता.....कुछ रिश्ते
.....कविता.....कुछ रिश्तेVirendraShrivastava2
 
Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )
Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )
Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )Hindi Shayari
 
अकेली मन्नू भंडारी
अकेली   मन्नू भंडारीअकेली   मन्नू भंडारी
अकेली मन्नू भंडारीGautamKumar930756
 
तेरी यादोँ की चाँदनी
तेरी यादोँ  की चाँदनी तेरी यादोँ  की चाँदनी
तेरी यादोँ की चाँदनी Bhawesh Chahande
 
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसादजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसादArushi Tyagi
 
Latest bollywood news navrang
Latest bollywood news  navrang Latest bollywood news  navrang
Latest bollywood news navrang Reena Singh
 
देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद |
देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद | देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद |
देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद | Ashutosh Goel
 
हिन्दी उपन्यास
हिन्दी उपन्यास हिन्दी उपन्यास
हिन्दी उपन्यास Mr. Yogesh Mhaske
 
Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi
Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi
Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi Purav77
 
Mahadevi Varma in hindi
Mahadevi Varma in hindiMahadevi Varma in hindi
Mahadevi Varma in hindiRamki M
 
Random 141001114917-phpapp02
Random 141001114917-phpapp02Random 141001114917-phpapp02
Random 141001114917-phpapp02akcsigma
 
सर्वे भवन्तु सुखिन
सर्वे भवन्तु सुखिनसर्वे भवन्तु सुखिन
सर्वे भवन्तु सुखिनBalaji Sharma
 
प्रेमचंद
प्रेमचंद प्रेमचंद
प्रेमचंद Simran Saini
 
Munshi premchand ppt by satish
Munshi premchand ppt by  satishMunshi premchand ppt by  satish
Munshi premchand ppt by satishsatiishrao
 

What's hot (19)

.....कविता ......यादें
.....कविता ......यादें.....कविता ......यादें
.....कविता ......यादें
 
.....कविता.....कुछ रिश्ते
.....कविता.....कुछ रिश्ते.....कविता.....कुछ रिश्ते
.....कविता.....कुछ रिश्ते
 
Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )
Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )
Sad Shayari ( Mere Shabd hi mere Dard )
 
अकेली मन्नू भंडारी
अकेली   मन्नू भंडारीअकेली   मन्नू भंडारी
अकेली मन्नू भंडारी
 
तेरी यादोँ की चाँदनी
तेरी यादोँ  की चाँदनी तेरी यादोँ  की चाँदनी
तेरी यादोँ की चाँदनी
 
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसादजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद
 
Latest bollywood news navrang
Latest bollywood news  navrang Latest bollywood news  navrang
Latest bollywood news navrang
 
देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद |
देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद | देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद |
देवी (कथा-कहानी)| रचनाकार: मुंशी प्रेमचंद |
 
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगीऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
 
Hindi :Premchand
Hindi :PremchandHindi :Premchand
Hindi :Premchand
 
हिन्दी उपन्यास
हिन्दी उपन्यास हिन्दी उपन्यास
हिन्दी उपन्यास
 
Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi
Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi
Bacchey kaam par ja rahe hain by Rajesh joshi
 
Mahadevi Varma in hindi
Mahadevi Varma in hindiMahadevi Varma in hindi
Mahadevi Varma in hindi
 
Random 141001114917-phpapp02
Random 141001114917-phpapp02Random 141001114917-phpapp02
Random 141001114917-phpapp02
 
Premchand
PremchandPremchand
Premchand
 
mahadevi verma
mahadevi vermamahadevi verma
mahadevi verma
 
सर्वे भवन्तु सुखिन
सर्वे भवन्तु सुखिनसर्वे भवन्तु सुखिन
सर्वे भवन्तु सुखिन
 
प्रेमचंद
प्रेमचंद प्रेमचंद
प्रेमचंद
 
Munshi premchand ppt by satish
Munshi premchand ppt by  satishMunshi premchand ppt by  satish
Munshi premchand ppt by satish
 

Dil sambhal ja zara

  • 1.
  • 2. जब कोई ख्याल दिल से टकराता है, दिल न चाहकर भी खामोश रह जाता है, कोई सब कु छ कहकर प्यार जताता है, कोई कु छ न कहकर प्यार ननभाता है !
  • 3. ककसीकी यािों का छाया मुझपर खुमार है, दिल कह रहा है यकीनन उसे भी प्यार है, हाल-ए-दिल कहती हूँ उसे हर शायरी में, कयूँ न समझ सके वो ये प्यार का इज़हार है? खोयी खोयी ये आूँखें, दिन में मिहोश तुम्हें करती है, रात में, तन्हाई में, हर रोज़ यह बरसती है !
  • 4. ठहर गया था कोई वक़्त की ननशानी बनके , वो भी बह गया आज आूँखों का पानी बनके , एक उम्र से संभाला था हमने जो िररया, बहा ले गया वो उसे एक रात तफानी बनके ! रहते हैं साथ साथ, मैं और मेरी तन्हाई, करते हैं राज़ की बात, मैं और मेरी तन्हाई,
  • 5. दिन गुज़र जाता है, लोगों की भीड़ में, करते हैं बसर रात में, मैं और मेरी तन्हाई ! उनकी भली-बबसरी वो कै सी यािें थीं, यािें कया थी खुि से मुलाकातें थी, मन की गहराई में डबी िेखती रही, सीप में मोती से महूँगी उनकी बातें थी !
  • 6. माूँ की याि हर पल सताए, माूँ की ममता कौन भुलाये, माूँ से ररश्ता उम्रभर ननभाए, माूँ खुशी से हमेशा मुस्कु राये, और कोई न िजा, माूँ से प्यारा, मिसस डे पर माूँ को प्रणाम हमारा !
  • 7. होंठ कह नहीं सकते फ़साना दिल का, नज़र से वो बात हो जाती है, इस उम्मीि में करते हैं इंतज़ार आपका, कनखखयों से ही तेरा िीिार हो जाये ! नज़रें ममलाकर नज़रें मत चुरा लेना, प्यार करके हमें यूँ न भुला िेना, हम रहेंगे तुम्हारे न बेगाना समझना, तुमसे िर रहने की सज़ा हमें न िेना !
  • 8. लाल गुलाबी नीला पीला, हाथों में मलए समेट, होली के दिन रंगेंगे सब, करेंगे मीठी भेंट, नयी उमंग से भरा हो, रंगों की हो भरमार, ढेर सारी खुमशयों से भरा हो होली का त्यौहार !
  • 9. हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी, हर हवा खुशब हमारी लाएगी, हम प्यार इस तरह ननभाएूँगे दिलबर, हम न होंगे और हमारी याि तुम्हें सताएगी ! खामोश रात की पहलु में मसतारे न होते, इन रूखी आूँखों में रंगीन नज़ारे न होते, हम भी न करते परवाह... अगर आपसे बेपन्हा मोहब्बत न करते !
  • 10. हमसे िर जाओगे कै से, दिल से हमें भलाओगे कै से, हम वो खुश्ब हैं जो.. बसते हैं आपकी साूँसों में, खुि की साूँसों को रोक पाओगे कै से?
  • 11. इन आूँखों में आूँस आए न होते, वो जो मुडमुड़कर यूँ मुस्कु राये न होते, उनके जाने के बाि ये गम होता है... काश वो जज़न्िगी में आए न होते ममलने की खुशी है, पर है बबछड़ने का गम, आूँखों में ख़्वाब है, पर उिास है मेरा मन,
  • 12. कै से कहें कै से हैं हम, तुम बबन अधरे हैं हम ! दिल में तुम्हारी अपनी कमी छोड़ जायेंगे, आूँखों में इंतज़ार की लकीर छोड़ जायेंगे, यक़ीनन तुम हर पल ढंढते रहोगे हमें, प्यार की मीठी कहानी हम छोड़ जायेंगे !
  • 13. इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, रातें कटती है ले लेकर नाम तेरा, मुद्ित से बैठे हैं ये आस मलए, के आज आयेगा कोई पैगाम तेरा ! हर ककसीसे इश्क़ नहीं ककया जा सकता, ये वो ररश्ता है जो आज़माया नहीं जाता, ममलते है रोज़ कई अजनबबयों से, मगर दिल हर ककसीसे ममलाया नहीं जाता !
  • 14. न जाने ये रात इतनी तन्हा कयूँ है, हमें अपनी ककस्मत से मशकायत कयूँ है, अजीब खेल खेला है ककस्मत ने, आखखर हमें उसीसे मोहब्बत कयूँ है?
  • 15. जब याि करते हैं ककसीको, वो वक़्त सुहाना होता है ! उठ जाती है कलम मलखने को, वो प्यार िीवाना होता है ! कर िेती है हाल-ए-दिल बयान, वो कलम शायराना होता है !
  • 16. बहुत मुजश्कल है उनसे िर रहना, जुिाई के ििस को यूँ कब तक सहना? जानती हूँ मुझसे िर चले गए बहुत, पर अरमां है अब तो आ जाओ सजना !
  • 17. जाने कया समझा वो मुझे, जाने कया समझी मैं उसे, फासला नज़र आया... कु छ क़िमों के साथ से ! चेहरे पे अश्कों की लकीर सी बन गयी, जो न चाहा था वो तकिीर सी बन गयी, हमने तो चलायी थी रेत पे ऊूँ गली, गौर से िेखा तो उनकी तस्वीर सी बन गयी !
  • 18. इतना कयूँ चाहा उसे कक भुला न सके , इतना कयूँ पास आए कक िर जा न सके , अब तन्हाई में बैठे ये सोचती हूँ... कयूँ चाहा उसे जजसे कभी पा न सके !
  • 19. वो बाररश ही कया जजसमें भीगा न जाए, वो बबछड़ना ही कया जजसमें आूँसं न आए, वो पल ही कया जब तेरी याि न आए, वो प्यार ही कया जजसे ननभाया न जाए !
  • 20. लम्बोिर पीताम्बर गजानन नािीश्वरम, ढेरों नाम है तेरे ववनायकम, तेरी ज्योनत से है ममलता सबको नर, सबके दिलों को है ममलता सुरूर, रहें सब ममलकर, बाटें सबको प्यार, मुबारक हो सबको गणपनत का त्यौहार !
  • 21. मिर टेरेसा ममता की मरत थी, गरीब लाचार लोगों के मलए वो भगवान के समान थी, बीमार लोगों की सेवा ननस्वाथस रूप से करती थी, सिा चेहरे पर मुस्कान मलए सबका िुुःख ममटाती थी, आज तेरह वर्स परे हुए हमारे बीच नहीं रही, मिर टेरेसा को शत शत शत नमन और श्रद्धांजमल मेरी !