2. उद्घोषणा
Lk 1,26 इलीशशबा को जब छठा
महीना चल रहा था, गलील के एक
नगर नासरत में परमेश्वर द्वारा
स्वगगदूत जजब्राईल को एक कुुँ वारी के
पास भेजा गया जजसकी यूसुफ़ नाम
के एक व्यजतत से सगाई हो चुकी थी।
वह दाऊद का वंशज था। और उस
कुुँ वारी का नाम मररयम
था। 28 जजब्राईल उसके पास आया
और बोला, “तुझ पर अनुग्रह हुआ है,
तेरी जय हो। प्रभु तेरे साथ है।”
29 यह वचन सुन कर वह बहुत घबरा
गयी, वह सोच में पड़ गयी कक इस
अशभवादन का अथग तया हो सकता
है?
3. 30 तब स्वगगदूत ने उससे कहा, “मररयम, डर मत, तुझ से परमेश्वर प्रसन्न है। 31 सुन! तू गभगवती होगी और
एक पुत्र को जन्म देगी और तू उसका नाम यीशु रखेगी। 32 वह महान होगा और वह परमप्रधान का पुत्र
कहलायेगा। और प्रभु परमेश्वर उसे उसके पपता दाऊद का शसंहासन प्रदान करेगा। 33 वह अनन्त काल तक
याकू ब के घराने पर राज करेगा तथा उसके राज्य का अंत कभी नहीं होगा।”
4. 34 इस पर मररयम ने
स्वगगदूत से कहा, “यह सत्य
कै से हो सकता है? तयोंकक मैं
तो अभी कुुँ वारी हूुँ!”
35 उत्तर में स्वगगदूत ने उससे
कहा, “तेरे पास पपवत्र
आत्मा आयेगा और
परमप्रधान की शजतत तुझे
अपनी छाया में ले लेगी। इस
प्रकार वह जन्म लेने वाला
पपवत्र बालक परमेश्वर का
पुत्र कहलायेगा।
5. 36 और यह भी सुन कक तेरे ही कु नबे की इलीशशबा
के गभग में भी बुढापे में एक पुत्र है और उसके गभग
का यह छठा महीना है। लोग कहते थे कक वह बाुँझ
है। 37 ककन्तु परमेश्वर के शलए कु छ भी असम्भव
नहीं।”
6. 38 मररयम ने कहा, “मैं प्रभु की दासी हूुँ। जैसा तूने
मेरे शलये कहा है, वैसा ही हो!” और तब वह स्वगगदूत
उसके पास से चला गया।
7. यात्रा - Lk 1,39 उन्हीं ददनों मररयम तैयार होकर तुरन्त यहूददया के पहाड़ी प्रदेश में जस्थत एक नगर को
चल दी। 40 किर वह जकरयाह के घर पहुुँची और उसने इलीशशबा को अशभवादन ककया।
8. 41 हुआ यह कक जब इलीशशबा ने मररयम का अशभवादन सुना तो जो बच्चा उसके पेट में था, उछल पड़ा
और इलीशशबा पपवत्र आत्मा से अशभभूत हो उठी। 42 ऊुँ ची आवाज में पुकारते हुए वह बोली, “तू सभी
जस्त्रयों में सबसे अधधक भाग्यशाली है और जजस बच्चे को तू जन्म देगी, वह धन्य है। 43 ककन्तु यह
इतनी बड़ी बात मेरे साथ तयों घटी कक मेरे प्रभु की माुँ मेरे पास आयी!
9. 44 तयोंकक तेरे अशभवादन का शब्द जैसे ही मेरे कानों में पहुुँचा, मेरे पेट
में बच्चा खुशी से उछल पड़ा। 45 तू धन्य है, जजसने यह पवश्वास ककया
कक प्रभु ने जो कु छ कहा है वह हो कर रहेगा।”
10. जीसस का जन्म
Lk 2 उन्हीं ददनों
औगुस्तुस कै सर की ओर
से एक आज्ञा ननकाली कक
सारे रोमी जगत की
जनगणना की जाये। ….
4 यूसुि भी, तयोंकक वह
दाऊद के पररवार एवं वंश
से था, इसशलये वह भी
गलील के नासरत नगर से
यहूददया में दाऊद के नगर
बैतलहम को गया। 5 वह
वहाुँ अपनी मुँगेतर
मररयम के साथ, (जो
गभगवती भी थी,) अपना
नाम शलखवाने गया था।
11. 6 ऐसा हुआ कक अभी जब वे वहीं थे, मररयम का बच्चा जनने का समय आ गया। 7 और उसने
अपने पहले पुत्र को जन्म ददया। तयोंकक वहाुँ सराय के भीतर उन लोगों के शलये कोई स्थान नहीं
शमल पाया था इसशलए उसने उसे कपड़ों में लपेट कर चरनी में शलटा ददया।
12. 8 तभी वहाुँ उस क्षेत्र में बाहर
खेतों में कु छ गड़ररये थे जो
रात के समय अपने रेवड़ों की
रखवाली कर रहे थे। 9 उसी
समय प्रभु का एक स्वगगदूत
उनके सामने प्रकट हुआ और
उनके चारों ओर प्रभु का तेज
प्रकाशशत हो उठा। वे सहम
गए। 10 तब स्वगगदूत ने
उनसे कहा, “डरो मत, मैं
तुम्हारे शलये अच्छा
समाचार लाया हूुँ, जजससे
सभी लोगों को महान
आनन्द होगा। 11 तयोंकक
आज दाऊद के नगर में
तुम्हारे उद्धारकताग प्रभु
मसीह का जन्म हुआ है।
13. 12 तुम्हें उसे पहचान ने का धचन्ह होगा कक
तुम एक बालक को कपड़ों में शलपटा,
चरनी में लेटा पाओगे।”
13 उसी समय अचानक उस स्वगगदूत के
साथ बहुत से और स्वगगदूत वहाुँ उपजस्थत
हुए। वे यह कहते हुए प्रभु की स्तुनत कर
रहे थे, 14 “स्वगग में परमेश्वर की जय
हो और धरती पर उन लोगों को शांनत
शमले जजनसे वह प्रसन्न है।”
14. चरवाहों का पालन - 15 और जब स्वगगदूत उन्हें छोड़कर स्वगग लौट गये तो वे
गड़ेररये आपस में कहने लगे, “आओ हम बैतलहम चलें और जो घटना घटी है और जजसे प्रभु ने
हमें बताया है, उसे देखें।” 16 सो वे शीघ्र ही चल ददये और वहाुँ जाकर उन्होंने मररयम और यूसुि
को पाया और देखा कक बालक चरनी में लेटा हुआ है।
15. 17 गड़ररयों ने जब उसे
देखा तो इस बालक के
पवषय में जो संदेश उन्हें
ददया गया था, उसे
उन्होंने सब को बता
ददया। 18 जजस ककसी ने
भी उन्हें सुना, वे सभी
गड़ेररयों की कही बातों
पर आश्चयग करने लगे।
16. 19 ककन्तु मररयम ने
इन सब बातों को
अपने मन में बसा
शलया और वह उन
पर जब तब पवचार
करने लगी।
20 उधर वे गड़ेररये
जो कु छ उन्होंने सुना
था और देखा था, उस
सब कु छ के शलए
परमेश्वर की मदहमा
और स्तुनत करते हुए
अपने अपने घरों को
लौट गये।
.
17. बुद्धधमान पुरुषों की यात्रा - Matthew 2 हेरोदेस जब
राज कर रहा था, उन्हीं ददनों यहूददया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ।
कु छ ही समय बाद कु छ पवद्वान जो शसतारों का अध्ययन करते थे, पूवग से
यरूशलेम आये। 2 उन्होंने पूछा, “यहूददयों का नवजात राजा कहाुँ है? हमने
उसके शसतारे को, आकाश में देखा है। इसशलए हम पूछ रहे हैं। हम उसकी
आराधना करने आये हैं।”
18. 3 जब राजा हेरोदेस ने यह सुना तो वह बहुत बेचैन हुआ और उसके साथ यरूशलेम के दूसरे सभी
लोग भी धचंता करने लगे। । 4 सो उसने यहूदी समाज के सभी प्रमुख याजकों और धमगशाजस्त्रयों
को इकट्ठा करके उनसे पूछा कक मसीह का जन्म कहाुँ होना है।
19. 5 उन्होंने उसे बताया, “यहूददया के बैतलहम में। तयोंकक भपवष्यवतता
द्वारा शलखा गया है कक: 6 ‘ओ, यहूदा की धरती पर जस्थत
बैतलहम, तू यहूदा के अधधकाररयों में ककसी प्रकार भी सबसे छोटा
नहीं। तयोंकक तुझ में से एक शासक प्रकट होगा जो मेरे लोगों
इस्राएल की देखभाल करेगा।’”
20. 7 तब हेरोदेस ने शसतारों का अध्ययन करने वाले उन
पवद्वानों को बुलाया और पूछा कक वह शसतारा ककस समय
प्रकट हुआ था। 8 किर उसने उन्हें बैतलहम भेजा और कहा,
“जाओ उस शशशु के बारे में अच्छी तरह से पता लगाओ और
जब वह तुम्हें शमल जाये तो मुझे बताओ ताकक मैं भी आकर
उसकी उपासना कर सकूुँ ।”
21. 9 किर वे राजा की
बात सुनकर चल
ददये। वह शसतारा भी
जजसे आकाश में
उन्होंने देखा था
उनके आगे आगे जा
रहा था। किर जब वह
स्थान आया जहाुँ वह
बालक था, तो
शसतारा उसके ऊपर
रुक गया। 10 जब
उन्होंने यह देखा तो
वे बहुत आनजन्दत
हुए।
22. 11 वे घर के भीतर गये और उन्होंने उसकी माता
मररयम के साथ बालक के दशगन ककये। उन्होंने
साष्टांग प्रणाम करके उसकी उपासना की। किर
उन्होंने बहुमूल्य वस्तुओं की अपनी पपटारी
खोली और सोना, लोबान और गन्धरस के
उपहार उसे अपपगत ककये।
23.
24. 12 ककन्तु परमेश्वर ने एक स्वप्न में उन्हें सावधान कर ददया, कक वे वापस हेरोदेस
के पास न जायें। सो वे एक दूसरे मागग से अपने देश को लौट गये।
25. भागने के शलए शमस्र
13 जब वे चले गये तो यूसुि
को सपने में प्रभु के एक दूत
ने प्रकट होकर कहा, “उठ,
बालक और उसकी माुँ को
लेकर चुपके से शमस्र चला
जा और मैं जब तक तुझ से
न कहूुँ, वहीं ठहरना।
तयोंकक हेरोदेस इस बालक
को मरवा डालने के शलए
ढूुँढेगा।”
26. 14 सो यूसुि खड़ा हुआ तथा बालक और उसकी माता को लेकर रात में ही शमस्र के
शलए चल पड़ा। 15 किर हेरोदेस के मरने तक वह वहीं ठहरा रहा। यह इसशलये हुआ
कक प्रभु ने भपवष्यवतता के द्वारा जो कहा था, पूरा हो सके : “मैंने अपने पुत्र को
शमस्र से बाहर आने को कहा।”
27. 16 हेरोदेस ने जब यह देखा
कक शसतारों का अध्ययन
करने वाले पवद्वानों ने
उसके साथ चाल चली है, तो
वह आग बबूला हो उठा।
उसने आज्ञा दी कक बैतलहम
और उसके आसपास में दो
वषग के या उससे छोटे सभी
बालकों की हत्या कर दी
जाये। (शसतारों का अध्ययन
करने वाले पवद्वानों के
बताये समय को आधार बना
कर) 17 तब भपवष्यवतता
नयमगयाह द्वारा कहा गया
यह वचन पूरा हुआ:
28. 18 “रामाह में दुुःख भरा एक शब्द सुना गया, शब्द रोने का, गहरे पवलाप का
था। हेल अपने शशशुओं के शलए रोती थी चाहती नहीं थी कोई उसे धीरज
बुँधाए, तयोंकक उसके तो सभी बालक मर चुके थे।”
29. nazareth पर वापसी - 19 किर हेरोदेस की मृत्यु के बाद शमस्र में यूसुि के सपने में प्रभु का
एक स्वगगदूत प्रकट हुआ 20 और उससे बोला, “उठ, बालक और उसकी माुँ को लेकर इस्राएल की धरती
पर चला जा तयोंकक वे जो बालक को मार डालना चाहते थे, मर चुके हैं।” 21 तब यूसुि खड़ा हुआ और
बालक तथा उसकी माता को लेकर इस्राएल जा पहुुँचा।
30. 22 ककन्तु जब यूसुि ने यह सुना कक यहूददया पर अपने पपता हेरोदेस के स्थान पर अरखखलाउस
राज कर रहा है तो वह वहाुँ जाने से डर गया ककन्तु सपने में परमेश्वर से आदेश पाकर वह गलील
प्रदेश के शलए 23 चल पड़ा और वहाुँ नासरत नाम के नगर में घर बना कर रहने लगा ताकक
भपवष्यवतताओं द्वारा कहा गया वचन पूरा हो: वह नासरी[a] कहलायेगा।
31. LIST OF PRESENTATIONS IN ENGLISH
Revised 27-5-2020
Advent and Christmas – time of hope and peace
Amoris Laetitia – ch 1 – In the Light of the Word
Amoris Laetitia – ch 2 – The Experiences and Challenges of Families
Amoris Laetitia – ch 3 - Looking to Jesus, the Vocation of the Family
Amoris Laetitia – ch 4 - Love in Marriage
Amoris Laetitia – ch 5 – Love made Fruitfuol
Amoris Laetitia – ch 6 – Some Pastoral Perspectives
Amoris Laetitia – ch 7 – Towards a better education of children
Amoris Laetitia – ch 8 – Accompanying, discerning and integrating weaknwss
Amoris Laetitia – ch 9 – The Spirituality of Marriage and the Family
Beloved Amazon 1ª – A Social Dream
Beloved Amazon 2 - A Cultural Dream
Beloved Amazon 3 – An Ecological Dream
Beloved Amazon 4 - An Ecclesiastical Dream
Carnival
Christ is Alive
Familiaris Consortio (FC) 1 – Church and Family today
Familiaris Consortio (FC) 2 - God’s plan for the family
Familiaris Consortio (FC) 3 – 1 – family as a Community
Familiaris Consortio (FC) 3 – 2 – serving life and education
Familiaris Consortio (FC) 3 – 3 – mission of the family in society
Familiaris Consortio (FC) 3 – 4 - Family in the Church
Familiaris Consortio (FC) 4 Pastoral familiar
Football in Spain
Haurietis aquas – devotion to the Sacred Heart by Pius XII
Holidays and Holy Days
Holy Spirit
Holy Week – drawings for children
Holy Week – glmjpses of the last hours of JC
Inauguration of President Donald Trump
Juno explores Jupiter
Laudato si 1 – care for the common home
Laudato si 2 – Gospel of creation
Laudato si 3 – Human roots of the ecological crisis
Laudato si 4 – integral ecology
Laudato si 5 – lines of approach and action
Laudato si 6 – Education y Ecological Spirituality
Love and Marriage 1-
Love and Marriage 2 – growing up to sexual maturity
Love and Marriage 3 – psychological differences and complimentarity
Love and Marriage 4- causes of sexual attraction
Love and Marriage 5- freedom and intimacy
Love and Marriage 6 - human love
Love and Marriage 7 - destiny of human love
Love and Marriage 8- marriage between Christian believers
Love and Marriage 9 – sacrament of marriage
Lumen Fidei – ch 1,2,3,4
Medjugore Pilgrimage
Misericordiae Vultus in English
Mother Teresa of Calcuta – Saint
Pope Franciss in Thailand
Pope Francis in Japan
Pope Francis in Sweden
Pope Francis in America
Pope Francis in the WYD in Poland 2016
Querida Amazonia
Resurrection of Jesus Christ –according to the Gospels
Russian Revolution and Communismo 3 civil war 1918.1921
Russian Revolution and Communism 1
Russian Revolution and Communismo 2
Saint Joseph
Saint Patrick and Ireland
Sunday – day of the Lord
Thanksgiving – History and Customs
The Body, the cult – (Eucharist)
Valentine
Vocation – mconnor@legionaries.org
Way of the Cross – drawings for children
For commentaries – email – mflynn@legionaries.org
Fb – Martin M Flynn
Donations to - Congregación Legionarios de Cristo
IBAN: ES3700491749852910000635
Swift Code (BIC): BSCHESMMXXX
Dirección banco: Plaza de Parma, 8, Montequinto. CP 41700 Dos Hermanas,
Sevilla. España.
32. LISTA DE PRESENTACIONES EN ESPAÑOL
Revisado 27-5-2020
Abuelos
Adviento y Navidad, tiempo de esperanza
Amor y Matrimonio 1 - 9
Amoris Laetitia – ch 1 – A la luz de la Palabre
Amoris Laetitia – ch 2 – Realidad y Desafíos de las Familias
Amoris Laetitia – ch 3 La mirada puesta en Jesús: Vocación de la Familia
Amoris Laetitia – ch 4 - El Amor en el Matrimonio
Amoris Laetitia – ch 5 – Amor que se vuelve fecundo
Amoris Laetitia – ch 6 – Algunas Perspectivas Pastorales
Amoris Laetitia – ch 7 – Fortalecer la educacion de los hijos
Amoris Laetitia – ch 8 – Acompañar, discernir e integrar la fragilidad
Amoris Laetitia – ch 9 – Espiritualidad Matrimonial y Familiar
Carnaval
Cristo Vive
Domingo – día del Señor
El camino de la cruz de JC en dibujos para niños
El Cuerpo, el culto – (eucarisía)
Espíritu Santo
Familiaris Consortio (FC) 1 – iglesia y familia hoy
Familiaris Consortio (FC) 2 - el plan de Dios para la familia
Familiaris Consortio (FC) 3 – 1 – familia como comunidad
Familiaris Consortio (FC) 3 – 2 – servicio a la vida y educación
Familiaris Consortio (FC) 3 – 3 – misión de la familia en la sociedad
Familiaris Consortio (FC) 3 – 4 - participación de la familia en la iglesia
Familiaris Consortio (FC) 4 Pastoral familiar
Fátima – Historia de las Apariciones de la Virgen
Feria de Sevilla
Haurietis aquas – el culto al Sagrado Corazón
Hermandades y cofradías
Hispanidad
Laudato si 1 – cuidado del hogar común
Laudato si 2 – evangelio de creación
Laudato si 3 – La raíz de la crisis ecológica
Laudato si 4 – ecología integral
Laudato si 5 – líneas de acción
Laudato si 6 – Educación y Espiritualidad Ecológica
Lumen Fidei – cap 1,2,3,4
Madre Teresa de Calcuta – Santa
María y la Biblia
Medjugore peregrinación
Misericordiae Vultus en Español
Papa Francisco en Bulgaria
Papa Francisco en Rumania
Papa Francisco en Marruecos
Papa Francisco en México
Papa Francisco – mensaje para la Jornada Mundial Juventud 2016
Papa Francisco – visita a Chile
Papa Francisco – visita a Perú
Papa Francisco en Colombia 1 + 2
Papa Francisco en Cuba
Papa Francisco en Fátima
Papa Francisco en la JMJ 2016 – Polonia
Queridas Amazoznia 1 un sueños social
Queridas Amazoznia 2 un suepo cultural
Queridas Amazoznia 3 un seuños ecologico
Queridas Amazoznia 4 un sueño eclesial
Resurrección de Jesucristo – según los Evangelios
Revolución Rusa y Comunismo 1
Revolución Rusa y comunismo 2
Revolución Rusa y Comunismo 3
San José
Santiago Apóstol
Semana santa – Vistas de las últimas horas de JC
Vacaciones Cristianas
Valentín
Vocación – www.vocación.org
Para comentarios – email – mflynn@lcegionaries.org
fb – martin m. flynn
Donativos a - Congregación Legionarios de Cristo
IBAN: ES3700491749852910000635
Swift Code (BIC): BSCHESMMXXX
Dirección banco: Plaza de Parma, 8, Montequinto. CP 41700 Dos
Hermanas, Sevilla. España.