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सहायक प्राध्यापक
स्वामी रामतीर्थ पररसर, हे.न.ब.ग.
विश्वविद्यालय
बादशाहीर्ौल, विहरी गढ़िाल, उत्तराण्ड
रोहहणी हसिंह
DSE04- Finishes of Fabric and Laundry Science
Unit 4 – LAUNDRY
I. Basic Principles of Laundry
II. Methods of Laundry- Wet & Dry clean, Friction, Suction, Kneading and Squeezing
III. Laundry reagents and equipments
DSE04- वस्त्ोिं की पररसज्जा एविं धुलाई हवज्ञान
ईकाई 4- धुलाई
I. धुलाई के मुख्य वसद्ाांत
II. धुलाई की विवधयााँ- शुष्क एिां नम धुलाई, घर्थण, सक्शन, गाँधना और वनपीड़न
III. धुलाई अपमार्थक एिां उपकरण
Department of Home Science, SRTC, HNBGU, Badshahithaul, Tehri Garhwal
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 धुलाई कायथ एक िैज्ञावनक विवध द्वारा सम्पन्न वकया र्ाने िाला कायथ है।
 इसकी हर विया को वनवित विवध से करने के वलए विवध अनुरूप कु छ
उपकरणोां की आिश्यकता होती है वर्ससे धुलाई विया को सफल,
सहर् एिां मनोरांर्क बनाया र्ा सकता है।
 र्ैसे – िब, बाल्टी, स्क्रवबांग बोर्थ, सक्शन िॉशर आवद।
पररचय
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फु लाने और धोने से
सिंबिंहधत उपकरण
• िब, बेवसन, बाल्टल्टयााँ
• वसांक
• मग, किोरे, साबुनदानी
• स्क्रवबांग बोर्थ
• ब्रश
• र्ेगची और र्ांर्ा
• सक्शन-िॉशर
• कपड़े धोने िाली मशीन
सुखाने से
सिंबिंहधत
उपकरण
• रैक
• अलगनी
• हैंगर
• चौरस स्र्ान
• र्र ाईांग के वबनेि
पररष्करण या
हफहनश से
सिंबिंहधत उपकरण
• इल्टिरी
• इल्टिरी करने के यांत्र
• आयरवनांग बोर्थ
सिंचयन सिंबिंधी
उपकरण
• कपड़ोां की र्वलया
• कपबोर्थ
• आधान-पात्र
धुलाई कायय के सहायक उपकरण हनम्ािंहकत है-
फु लाने और धोने से सिंबिंहधत उपकरण
 धुलाई-कायथ के वलए िब, बेवसन, बाल्टल्टयााँ आवद आिश्यक
उपकरण है।
 इनकी आिश्यकता पानी भरने, साबुन का फे न बनाने , िस्त्ोां को
फै लाने, िस्त्ोां को धोने, णांगालने नील-कलफ लगाने तर्ा रांगने के
वलए पड़ती है।
 धातु में र्ांग लगने के कारण बाल्टी और िब प्लाल्टिक के अच्छे
रहते है और ये मर्बत विकाऊ वकस्म के लेने चावहए।
 अवधक बाल्टी तर्ा िब रहने से, रांगो के अनुसार, वकस्म के
अनुसार, गांदगी की मात्रा के अनुसार, कपड़ोां को अलग-अलग
फु लाया या धोया र्ाता है।
टब, बेहसन, बाल्टियााँ
 कपड़े धोने का काम वसांक में कम मेहनत ि अवधक सुविधा से होता है।
 वसांक में पानी भरने तर्ा वनकालने का र्ो प्रबांध रहता है िह धुलाई के वलए बड़ा ही उत्तम रहता है।
 वसांक का आकार, आकृ वत, ऊां चाई, सफाई तर्ा ल्टस्र्वत सभी धुलाई-कायथ को सुविधार्नक और कम समय
एिां श्रम में करने में योगदान देते है।
 वसांक को उवचत ऊां चाई पर होना चावहए वर्ससे धोने िाले को कष्ट ना हो।
 वसांक के दोनो ओर या एक ओर र्रेवनांग बोर्थ होना चावहए वर्स पर स्वच्छ िस्त् रणे र्ा सके ।
 वसांक के नीचे बांद रैक तर्ा ऊपर छोिी रैक(साबुनदानी तर्ा अन्य कु छ सामानोां के वलए) का प्रबांध होना
चावहए।
हसिंक
 मग
धुलाई-कायथ में पानी वनकालने या इसी प्रकार के अन्य कायों को करने के वलए मग से बड़ी
सुविधा होती है।
प्लाल्टिक मग हल्के और सुन्दर रांगोां में अच्छे वमलते है।
 कटोरे
िाचथ को पेि बनाने, दाग-धब्बे छु ड़ाने के वलए घोल बनाने, नील बनाने, रांग बनाने तर्ा
धब्बोां को र्ुबोकर रणने के वलए किोरोां की आिश्यकता पड़ती है।
 साबुनदानी
 साबुन रणने के वलए दोहरे वर्ब्बे की र्ालीदार तलेिाली साबुनदानी अच्छी रहती है।
 नायलॉन तर्ा प्लाल्टिक की साबुनदानी का प्रयोग करना चावहए।
मग, कटोरे, साबुनदानी
स्क्रहबिंग बोर्य र्ेगची और र्िंर्ा
अवधक गांदे सती िस्त्ोां को भट्टी पर चढ़ाने की
र्रूरत होती है।
इसके वलए गहरी र्ेगची तर्ा एक र्ांर्े या वचमिे का
प्रयोग वकया र्ाता है।
र्ेगची के पानी को साबुन-सोर्ा र्ालकर िस्त्ोां के
सार् उबाला र्ाता है।
उबालते समय कपड़ोां को र्ोड़ा ऊपर नीचे करना
पड़ता है।
इसके वलए र्ांर्े(stick) की आिश्यकता पड़ती है।
 स्क्रवबांग बोर्थ पर रगड़कर अवधक गांदे कपड़ोां
को साफ वकया र्ाता है र्ो वक एक िैज्ञावनक
विवध है।
 स्क्रवबांग बोर्थ लकड़ी, व ांक, िील तर्ा शीशे
के बने वमलते है लेवकन लकड़ी का बना
स्क्रवबांग बोर्थ सबसे अच्छा रहता है।
 इससे कपड़ोां की रचना तर्ा रेशोां को कोई
हावन नहीां पहांचती।
 अत्यवधक गांदे िस्त् को वर्समें वक मैल िस्त् की ऊपरी सतह पर तर्ा िस्त् की रचना के
बीच-बीच में र्मा हआ होता है उसे ब्रश की सहायता से साफ वकया र्ाता है।
 स्पांर् या फोम से बने ब्रश, रासायवनक रेशोां से वनवमथत िस्त् को स्च्छ करने के काम आते
है।
 विवभन्न प्रकार के ब्रश का प्रयोग, िस्त् के प्रकार तर्ा िस्त् पर लगी गांदगी के प्रकार के
अनुसार ही करना चावहए।
 कॉलर, कॉलर-पट्टी, कफ़ आवद अवधक गांदे भाग को वबना ब्रश से रगड़े साफ नही वकया
र्ा सकता है।
 प्रयोग के बाद ब्रश को साफ करके एिां सुणाकर अलमारी में रणना चावहए।
ब्रश
 सक्शन िॉशर साधारण सी रचना का एक उपकरण है वर्समें ऊपर एक
हैंर्ल और नीचे किोरे के समान गोलाकार उन्नतोदर तल होता है तर्ा
तल वछद्रयुक्त होता है।
 सक्शन िॉशर की सहायता से िस्त् को धोते समय रगड़ के सार्-सार्
दबाि र्ालकर उनमें से बारांबार साबुन के पानी को वनकाला और पुनः
प्रिेश कराया र्ाता है।
 इस विवध से बड़े िस्त्ोां को धोया र्ाता है तर्ा इस विवध से श्रम की बचत
होती है।
 कोमल रचना िाले िस्त्ोां पर दबाि र्ालने के वलए हल्का सक्शन िॉशर
तर्ा भारी िस्त्ोां के वलए बड़ा और िर्नदार सक्शन िॉशर अच्छा रहता
है।
सक्शन वॉशर
 धुलाई मशीन विद् युत से चलने िाला एक महांगा उपकरण है वर्समें अवधक सांख्या में िस्त्ोां को कम
श्रम ि कम समय में धो सकते है।
 मशीन से अवधक गांदे िस्त्ोां को भी साबुन, पानी और अपमार्थकोां की सहायता से आसानी से धो सकते
है।
 मशीन से धुलाई करने के वलए उत्तम वकस्म का साबुन, उवचत तापमान पर पानी, साबुन की मात्रा ठीक
होनी चावहए तर्ा िस्त् अत्य़वधक गांदे न हो और मशीन में उवचत मात्रा में िस्त् र्ालना चावहए।
 ऐसी मशीन णरीदनी चावहए वर्सका बाहरी फ्रे म वचकना हो और मशीन विकाऊ एिां मर्बत हो।
 प्रयोग के बाद मशीन को परी तरह साफ एिां सुणा देना चावहए।
 धुलाई मशीन तीन प्रकार की होती है। यर्ा-
कपडे धोने वाली मशीन
(धुलाई मशीन)
बेलनाकार या हसलेन्डर टाइप
शून्याकार या वेक्यूम टाइप
ऐजीटेटर टाइप
वॉहशिंग मशीन के प्रकार
कायथप्रणाली के आधार पर िॉवशांग मशीन तीन प्रकार की होती है-
 हसलेन्डर टाइप-
 इस प्रकार की मशीन में एक वसलेन्डर में साबुन का घोल रहता है और
इसके अन्दर एक वछद्रोां िाला वसलेन्डर होता है वर्समें कपड़े रहते है।
 यह एक बार घड़ी की वदशा में घमता है और कु छ वनवित चक्कर के बाद
घड़ी की विपररत वदशा में घमता है। इस िम की बार-बार पुनरािृवत्त
होती है और इस प्रकार िस्त् परी तरह से साबुन के पानी में झकझोर वदये
र्ाते है वर्ससे मैल िस्त् को छोड़ देता है और िस्त् स्वच्छ हो र्ाते है।
 वेक्यूम टाइप-
 इस प्रकार की मशीन में रॉर् में कसे एक से लेकर तीन तक कप होते हैं
र्ो बार-बार घमते हए ऊपर-नीचे होकर साबुन के घोल में र्बे िस्त्ोां पर
दबाि र्ालते है । रोर् के घमने के सार् सार् कप भी घमते रहते है
कपड़ो की मात्रा के अनुरूप रोड़ को ऊपर या नीचे भी वकया र्ा सकता
है।

 ऐजीटेटर टाइप - इस प्रकार की मशीन में िब के तल में एक प्लेि
लगी रहती है र्ो ऊपर रोड़ से कसी रहती है। प्लेि पर ब्लेर् रहते है।
साबुन पानी में र्बे िस्त्ोां को ये ब्लेर् पकड़े रहते है तर्ा वनवित समय तक
एक वदशा में घमतें हैं और तुरन्त विपररत वदशा में घमने लगते है। यही
िम बारांबार चलता रहता है। ब्लेर् के कारण ही कपड़े प्लेि के सार् घमते
रहते है। घरेल प्रयोग के वलए यह अवधक अच्छी मशीन होती है।
 सभी प्रकार की मशीनोां में कपड़े वनचोड़ने के वलए ररांगर लगा होता है। इसमें
गरम, रेशमी, सती, मोिे-महीन, मुलायम, सक्ष्म सभी िस्त्ोां को वनचोड़ा र्ा सकता
है। इसका प्रयोग अवधक धुलाई के समय ही करना चावहए।
सुखाने से सिंबिंहधत
उपकरण
धुले हए कपड़ोां को सुणाने का प्रबांध करने के वलए वर्न उपकरणोां की आिश्यकता
होती है, िे दो प्रकार के होते हैं एक र्ो घर के भीतर लगाए र्ाते हैं और दसरे िे वर्नका घर
के बाहर प्रबांध वकया र्ाता है।
 घर के बाहर लगाने के वलए रस्सी या तार को दोनोां ओर से णाँिी पर कसकर बाांधा
र्ाता है इन्हें अलगनी कहते हैं।
 सती-रस्सी, नाररयल की रस्सी या सन की रस्सी का प्रयोग अलगनी में वकया र्ाता है।
 यवद तार या वकसी ओर धातु का प्रयोग वकया र्ाए तो उसे गेलिेनाइज्ड होना र्रूरी
है।
 अलगनी पर कपड़ोां को णुली धप ि हिा वमलती है।
 हिा के झोांकोां से वगरने से बचाने के वलए उन पर ल्टिप लगा देना चावहए।
अलगनी (Cloth-line)
 र्हााँ णुली हिा, धप के वलए स्र्ान ना हो, या र्हाां लगातार पानी बरसता हो, तो
िहाां घर के अन्दर कपड़ो को सुणाने का प्रबांध होना चावहए।
 कु छ रैक ऐसी होती है र्ो रस्सी की सहायता से छत पर िांग र्ाती है, बड़ोां और
लम्बे कपर्ोां को सुणाने के वलए अच्छी रहती है।
 घर में र्मीन पर णड़ी करने के वलए कई प्रकार की रैकें होती है र्ो मुर् र्ाती है
तर्ा र्गह कम लेती है।
 कपड़ोां को सुणाने के वलए णाँिी का उपयोग भी वकया र्ाता है, वर्नकोां दीिारोां मे
भी लगिाया र्ाता है।
रैक
हैंगर
 हैंगर में लगाकर भी कपड़े र्ोरी पर या णांिी पर िाांग कर सुणाए र्ाते हैं।
 हैंगर में लगाकर िाांगने से िस्त् का स्वाभाविक आकार बना रहता है और इल्टिरी करना सहर् होता है।
 चौरस स्र्ान कु छ िस्त्ोां को सुणाने के वलए चौरस
स्र्ान की आिश्यकता होती है।
 गमथ ऊनी कपड़ोां को यवद िाांग वदया र्ाता है तो
उनकी आकृ वत सदैि के वलए वबगड़ र्ाती है ऐसे
कपड़े सुणाने के वलए िेबल कु सी, कु सी की पीठ
या सीि, चौकी या णविया का प्रयोग करना चावहए।
 िस्त्ोां को चौरस स्र्ान पर कागर् पर फै लाया र्ाता
है।
चौरस स्थान र्र ाईिंग के हबनेट
िस्त् को सुणाने के वलए वबर्ली से गमथ होने िाले
र्र ाइांग कै वबनेि होते हैं।
यह बरसात में अच्छे रहते हैं परांतु सिथसाधारण की
पहांच से बाहर की ििु है ।
पविमी देशोां में इसका प्रचलन है क्ोांवक िहाां
स्र्ान, धप, हिा सब का ही अभाि है और िहाां के
लोगोां का र्ीिन भी अवधक व्यि है।
पररष्करण या हफहनश से
सिंबिंहधत उपकरण
कई प्रकार की इल्टिरी बाजार में हमलती है, जैसे - हबजली, गैस और कोयले से चलने वाली।
 कोयले से चलने वाली - यह इल्टिरी भीतर से णोणली होती है। इसके भीतर कोयला र्लाया र्ाता है।
इसमें हिा आने के वलए कु छ वछद्र रहते हैं। इसके ताप को वनयांवत्रत करना कवठन होता है।
 इसका प्रयोग िहीां होता है र्हाां और वर्न्हें वबर्ली उपलब्ध नहीां होती।
 वबर्ली की इल्टिरी हल्के तर्ा भारी भार दोनोां में वमलती है।
 वबर्ली की साधारण इल्टिरी वर्समें ताप को वनयांवत्रत करने की व्यिस्र्ा नहीां होती, उसे अवधक सतकथ ता के
सार् प्रयोग करना चावहए।
 भारी होने के कारण इसको वगरने से बचाना चावहए, तार को लपेिने या घुमाने से बचाना चावहए, इल्टिरी
करते समय तार पर र्ोर नहीां पड़ना चावहए, होल्डर िेबल के पास ही लगा होना चावहए।
इल्टिरी
हबजली की इल्टिरी-
 कु छ वबर्ली की इल्टिरी स्वचावलत होती है तर्ा उनमें ऊष्मा-स्र्ैवतक-वनयांत्रण की व्यिस्र्ा रहती है।
 इन्हें प्रयोग में लाना अत्यांत सरल होता है और ताप को रेगुलेि कर देने से ताप से ििु को हावन नहीां
पहांचती।
 स्वचावलत इल्टिरी आिश्यक मात्रा में गमथ हो र्ाने पर, स्वतः वियोवर्त हो र्ाती है।
 विद् युत चावलत इल्टिरी की प्लेि िोवमयम की रहती है वर्ससे पररष्करण सुांदर होता है और इसमें
कभी र्ांग भी नहीां लगती।
 वबर्ली की इल्टिरी ते ी से तर्ा उत्तम श्रेणी का पररष्करण करने के कारण अवधक प्रचवलत है।
 इसके ताप को िस्त्ोां के रेशोां के अनुरूप वनयांवत्रत वकया र्ा सकता है।
 हार् से चलाने िाली इल्टिरी के अवतररक्त िस्त्ोां पर पररष्करण करने के वलए यांत्रो की भी
व्यिस्र्ा होती है
 प्रेशर िाइप आयरन में दो बड़े तख्ोां के बीच कपड़े को रणकर दबाि र्ाला र्ाता है।
 एक तख्े पर पेवर्ांग रहती है और दसरा लोहे का होता है और कु छ गरम भी रहता है।
 वबर्ली के आयरन से पररष्करण का काम कम समय और कम श्रम में हो र्ाता है।
 इनमें पेड़ेर् रोलर रहता है। इस पर कपड़ा वलपि र्ाता है और गरम तल के सांपकथ में
आने से उसकी पररष्करण या वफवनशांग होने लगती है।
 यह दोनोां महांगे उपकरण है और सब के वलए इनकी व्यिस्र्ा करना सांभि नहीां है।
इल्टिरी करने के यिंत्र (आयरनर)
 इल्टिरी करने के वलए पेवर्ांग युक्त फोल्ड होने िाली मेर् की आिश्यकता होती
है।
 चौकी पर कां बल और चादर वबछाकर भी इल्टिरी की र्ाती है।
 आयरवनांग बोर्थ पर फ्लैनेल की पेवर्ांग रहती है इनके एक तरफ एस्बेिस की
शीि का िुकड़ा गमथ इल्टिरी रणने के वलए लगा रहता है।
 आिीन पर इल्टिरी करने के वलए स्लीि बोर्थ भी होता है।
 आयरवनांग के वबनेि एक लम्बा तख्ा होता है र्ो वक दीिार में वफि रहता है।
 इसे उतारकर िेंर् पर ठहराकर बड़े-बड़े कपड़ोां पर इल्टिरी की र्ाती है।
आयरहनिंग बोर्य
सिंचयन सिंबिंधी उपकरण
 प्लाल्टिक या बेंत की र्वलया गांदे तर्ा धुले हए िस्त्ोां को सांग्रवहत करने के वलए काम आती है।
 र्वलया हल्की होनी चावहए, वर्ससे गीले कपड़ोां से िर्न और अवधक न बढ़े।
 बांद शेल्ोां पर तरह-तरह के सामानोां को रणने से सामान, धल-कणोां और गांदगी से बचते है।
र्ैसे – लकड़ी के चम्मच, मग, र्ल, सोपके स, रसायन आवद।
 कु छ रसायनोां को बांद करके रणना पड़ता है वर्सके वलए अलमारी का होना र्रूरी होता है।
कपडोिं की र्हलया
कपबोर्य
 धुलाई के काम आने िाले प्रवतकमथक, शोधक पदार्थ, दाग-धब्बे छु ड़ाने िाले
अवभकताथ, विवभन्न रसायन, र्ैसे साबुन पाउर्र, वर्िरर्ेंि, एवसर्, साबुन घोल, सोर्ा
आवद रणने के वलए कु छ आधान-पात्र रहना र्रूरी है।
 सभी सामानोां के वलए शीशी बोतल, पोरसलीन या पत्थर के ार आवद रणने चावहए।
 कु छ पदार्थ बहत विर्मय होते है वर्नकोां कसकर बन्द करके रणना चावहए तर्ा
आधान-पात्रोां पर नाम अिश्य वलणे होने चावहए।
 आधान पात्रोां के लेबुल सामने की ओर करके , उन्हें पांल्टक्तबध्द करके कपबोर्थ में
रणना चावहए।
 धातु के आधान-पात्र नहीां रणने चावहए, क्ोांवक अवधकाांश प्रवतकमथक धातु के वलए
अवभवियाशील होते है।
 चौड़े मुाँह के र्ार, सणी ििुओां के वलए रणने चावहए।
आधान-पात्र (धुलाई-सामग्री के )
Equipments of laundry

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Equipments of laundry

  • 1. z सहायक प्राध्यापक स्वामी रामतीर्थ पररसर, हे.न.ब.ग. विश्वविद्यालय बादशाहीर्ौल, विहरी गढ़िाल, उत्तराण्ड रोहहणी हसिंह
  • 2. DSE04- Finishes of Fabric and Laundry Science Unit 4 – LAUNDRY I. Basic Principles of Laundry II. Methods of Laundry- Wet & Dry clean, Friction, Suction, Kneading and Squeezing III. Laundry reagents and equipments DSE04- वस्त्ोिं की पररसज्जा एविं धुलाई हवज्ञान ईकाई 4- धुलाई I. धुलाई के मुख्य वसद्ाांत II. धुलाई की विवधयााँ- शुष्क एिां नम धुलाई, घर्थण, सक्शन, गाँधना और वनपीड़न III. धुलाई अपमार्थक एिां उपकरण Department of Home Science, SRTC, HNBGU, Badshahithaul, Tehri Garhwal
  • 3. z  धुलाई कायथ एक िैज्ञावनक विवध द्वारा सम्पन्न वकया र्ाने िाला कायथ है।  इसकी हर विया को वनवित विवध से करने के वलए विवध अनुरूप कु छ उपकरणोां की आिश्यकता होती है वर्ससे धुलाई विया को सफल, सहर् एिां मनोरांर्क बनाया र्ा सकता है।  र्ैसे – िब, बाल्टी, स्क्रवबांग बोर्थ, सक्शन िॉशर आवद। पररचय
  • 4. z फु लाने और धोने से सिंबिंहधत उपकरण • िब, बेवसन, बाल्टल्टयााँ • वसांक • मग, किोरे, साबुनदानी • स्क्रवबांग बोर्थ • ब्रश • र्ेगची और र्ांर्ा • सक्शन-िॉशर • कपड़े धोने िाली मशीन सुखाने से सिंबिंहधत उपकरण • रैक • अलगनी • हैंगर • चौरस स्र्ान • र्र ाईांग के वबनेि पररष्करण या हफहनश से सिंबिंहधत उपकरण • इल्टिरी • इल्टिरी करने के यांत्र • आयरवनांग बोर्थ सिंचयन सिंबिंधी उपकरण • कपड़ोां की र्वलया • कपबोर्थ • आधान-पात्र धुलाई कायय के सहायक उपकरण हनम्ािंहकत है-
  • 5. फु लाने और धोने से सिंबिंहधत उपकरण
  • 6.  धुलाई-कायथ के वलए िब, बेवसन, बाल्टल्टयााँ आवद आिश्यक उपकरण है।  इनकी आिश्यकता पानी भरने, साबुन का फे न बनाने , िस्त्ोां को फै लाने, िस्त्ोां को धोने, णांगालने नील-कलफ लगाने तर्ा रांगने के वलए पड़ती है।  धातु में र्ांग लगने के कारण बाल्टी और िब प्लाल्टिक के अच्छे रहते है और ये मर्बत विकाऊ वकस्म के लेने चावहए।  अवधक बाल्टी तर्ा िब रहने से, रांगो के अनुसार, वकस्म के अनुसार, गांदगी की मात्रा के अनुसार, कपड़ोां को अलग-अलग फु लाया या धोया र्ाता है। टब, बेहसन, बाल्टियााँ
  • 7.  कपड़े धोने का काम वसांक में कम मेहनत ि अवधक सुविधा से होता है।  वसांक में पानी भरने तर्ा वनकालने का र्ो प्रबांध रहता है िह धुलाई के वलए बड़ा ही उत्तम रहता है।  वसांक का आकार, आकृ वत, ऊां चाई, सफाई तर्ा ल्टस्र्वत सभी धुलाई-कायथ को सुविधार्नक और कम समय एिां श्रम में करने में योगदान देते है।  वसांक को उवचत ऊां चाई पर होना चावहए वर्ससे धोने िाले को कष्ट ना हो।  वसांक के दोनो ओर या एक ओर र्रेवनांग बोर्थ होना चावहए वर्स पर स्वच्छ िस्त् रणे र्ा सके ।  वसांक के नीचे बांद रैक तर्ा ऊपर छोिी रैक(साबुनदानी तर्ा अन्य कु छ सामानोां के वलए) का प्रबांध होना चावहए। हसिंक
  • 8.  मग धुलाई-कायथ में पानी वनकालने या इसी प्रकार के अन्य कायों को करने के वलए मग से बड़ी सुविधा होती है। प्लाल्टिक मग हल्के और सुन्दर रांगोां में अच्छे वमलते है।  कटोरे िाचथ को पेि बनाने, दाग-धब्बे छु ड़ाने के वलए घोल बनाने, नील बनाने, रांग बनाने तर्ा धब्बोां को र्ुबोकर रणने के वलए किोरोां की आिश्यकता पड़ती है।  साबुनदानी  साबुन रणने के वलए दोहरे वर्ब्बे की र्ालीदार तलेिाली साबुनदानी अच्छी रहती है।  नायलॉन तर्ा प्लाल्टिक की साबुनदानी का प्रयोग करना चावहए। मग, कटोरे, साबुनदानी
  • 9. स्क्रहबिंग बोर्य र्ेगची और र्िंर्ा अवधक गांदे सती िस्त्ोां को भट्टी पर चढ़ाने की र्रूरत होती है। इसके वलए गहरी र्ेगची तर्ा एक र्ांर्े या वचमिे का प्रयोग वकया र्ाता है। र्ेगची के पानी को साबुन-सोर्ा र्ालकर िस्त्ोां के सार् उबाला र्ाता है। उबालते समय कपड़ोां को र्ोड़ा ऊपर नीचे करना पड़ता है। इसके वलए र्ांर्े(stick) की आिश्यकता पड़ती है।  स्क्रवबांग बोर्थ पर रगड़कर अवधक गांदे कपड़ोां को साफ वकया र्ाता है र्ो वक एक िैज्ञावनक विवध है।  स्क्रवबांग बोर्थ लकड़ी, व ांक, िील तर्ा शीशे के बने वमलते है लेवकन लकड़ी का बना स्क्रवबांग बोर्थ सबसे अच्छा रहता है।  इससे कपड़ोां की रचना तर्ा रेशोां को कोई हावन नहीां पहांचती।
  • 10.  अत्यवधक गांदे िस्त् को वर्समें वक मैल िस्त् की ऊपरी सतह पर तर्ा िस्त् की रचना के बीच-बीच में र्मा हआ होता है उसे ब्रश की सहायता से साफ वकया र्ाता है।  स्पांर् या फोम से बने ब्रश, रासायवनक रेशोां से वनवमथत िस्त् को स्च्छ करने के काम आते है।  विवभन्न प्रकार के ब्रश का प्रयोग, िस्त् के प्रकार तर्ा िस्त् पर लगी गांदगी के प्रकार के अनुसार ही करना चावहए।  कॉलर, कॉलर-पट्टी, कफ़ आवद अवधक गांदे भाग को वबना ब्रश से रगड़े साफ नही वकया र्ा सकता है।  प्रयोग के बाद ब्रश को साफ करके एिां सुणाकर अलमारी में रणना चावहए। ब्रश
  • 11.  सक्शन िॉशर साधारण सी रचना का एक उपकरण है वर्समें ऊपर एक हैंर्ल और नीचे किोरे के समान गोलाकार उन्नतोदर तल होता है तर्ा तल वछद्रयुक्त होता है।  सक्शन िॉशर की सहायता से िस्त् को धोते समय रगड़ के सार्-सार् दबाि र्ालकर उनमें से बारांबार साबुन के पानी को वनकाला और पुनः प्रिेश कराया र्ाता है।  इस विवध से बड़े िस्त्ोां को धोया र्ाता है तर्ा इस विवध से श्रम की बचत होती है।  कोमल रचना िाले िस्त्ोां पर दबाि र्ालने के वलए हल्का सक्शन िॉशर तर्ा भारी िस्त्ोां के वलए बड़ा और िर्नदार सक्शन िॉशर अच्छा रहता है। सक्शन वॉशर
  • 12.  धुलाई मशीन विद् युत से चलने िाला एक महांगा उपकरण है वर्समें अवधक सांख्या में िस्त्ोां को कम श्रम ि कम समय में धो सकते है।  मशीन से अवधक गांदे िस्त्ोां को भी साबुन, पानी और अपमार्थकोां की सहायता से आसानी से धो सकते है।  मशीन से धुलाई करने के वलए उत्तम वकस्म का साबुन, उवचत तापमान पर पानी, साबुन की मात्रा ठीक होनी चावहए तर्ा िस्त् अत्य़वधक गांदे न हो और मशीन में उवचत मात्रा में िस्त् र्ालना चावहए।  ऐसी मशीन णरीदनी चावहए वर्सका बाहरी फ्रे म वचकना हो और मशीन विकाऊ एिां मर्बत हो।  प्रयोग के बाद मशीन को परी तरह साफ एिां सुणा देना चावहए।  धुलाई मशीन तीन प्रकार की होती है। यर्ा- कपडे धोने वाली मशीन (धुलाई मशीन)
  • 13. बेलनाकार या हसलेन्डर टाइप शून्याकार या वेक्यूम टाइप ऐजीटेटर टाइप वॉहशिंग मशीन के प्रकार कायथप्रणाली के आधार पर िॉवशांग मशीन तीन प्रकार की होती है-
  • 14.  हसलेन्डर टाइप-  इस प्रकार की मशीन में एक वसलेन्डर में साबुन का घोल रहता है और इसके अन्दर एक वछद्रोां िाला वसलेन्डर होता है वर्समें कपड़े रहते है।  यह एक बार घड़ी की वदशा में घमता है और कु छ वनवित चक्कर के बाद घड़ी की विपररत वदशा में घमता है। इस िम की बार-बार पुनरािृवत्त होती है और इस प्रकार िस्त् परी तरह से साबुन के पानी में झकझोर वदये र्ाते है वर्ससे मैल िस्त् को छोड़ देता है और िस्त् स्वच्छ हो र्ाते है।  वेक्यूम टाइप-  इस प्रकार की मशीन में रॉर् में कसे एक से लेकर तीन तक कप होते हैं र्ो बार-बार घमते हए ऊपर-नीचे होकर साबुन के घोल में र्बे िस्त्ोां पर दबाि र्ालते है । रोर् के घमने के सार् सार् कप भी घमते रहते है कपड़ो की मात्रा के अनुरूप रोड़ को ऊपर या नीचे भी वकया र्ा सकता है। 
  • 15.  ऐजीटेटर टाइप - इस प्रकार की मशीन में िब के तल में एक प्लेि लगी रहती है र्ो ऊपर रोड़ से कसी रहती है। प्लेि पर ब्लेर् रहते है। साबुन पानी में र्बे िस्त्ोां को ये ब्लेर् पकड़े रहते है तर्ा वनवित समय तक एक वदशा में घमतें हैं और तुरन्त विपररत वदशा में घमने लगते है। यही िम बारांबार चलता रहता है। ब्लेर् के कारण ही कपड़े प्लेि के सार् घमते रहते है। घरेल प्रयोग के वलए यह अवधक अच्छी मशीन होती है।  सभी प्रकार की मशीनोां में कपड़े वनचोड़ने के वलए ररांगर लगा होता है। इसमें गरम, रेशमी, सती, मोिे-महीन, मुलायम, सक्ष्म सभी िस्त्ोां को वनचोड़ा र्ा सकता है। इसका प्रयोग अवधक धुलाई के समय ही करना चावहए।
  • 17. धुले हए कपड़ोां को सुणाने का प्रबांध करने के वलए वर्न उपकरणोां की आिश्यकता होती है, िे दो प्रकार के होते हैं एक र्ो घर के भीतर लगाए र्ाते हैं और दसरे िे वर्नका घर के बाहर प्रबांध वकया र्ाता है।  घर के बाहर लगाने के वलए रस्सी या तार को दोनोां ओर से णाँिी पर कसकर बाांधा र्ाता है इन्हें अलगनी कहते हैं।  सती-रस्सी, नाररयल की रस्सी या सन की रस्सी का प्रयोग अलगनी में वकया र्ाता है।  यवद तार या वकसी ओर धातु का प्रयोग वकया र्ाए तो उसे गेलिेनाइज्ड होना र्रूरी है।  अलगनी पर कपड़ोां को णुली धप ि हिा वमलती है।  हिा के झोांकोां से वगरने से बचाने के वलए उन पर ल्टिप लगा देना चावहए। अलगनी (Cloth-line)
  • 18.  र्हााँ णुली हिा, धप के वलए स्र्ान ना हो, या र्हाां लगातार पानी बरसता हो, तो िहाां घर के अन्दर कपड़ो को सुणाने का प्रबांध होना चावहए।  कु छ रैक ऐसी होती है र्ो रस्सी की सहायता से छत पर िांग र्ाती है, बड़ोां और लम्बे कपर्ोां को सुणाने के वलए अच्छी रहती है।  घर में र्मीन पर णड़ी करने के वलए कई प्रकार की रैकें होती है र्ो मुर् र्ाती है तर्ा र्गह कम लेती है।  कपड़ोां को सुणाने के वलए णाँिी का उपयोग भी वकया र्ाता है, वर्नकोां दीिारोां मे भी लगिाया र्ाता है। रैक हैंगर  हैंगर में लगाकर भी कपड़े र्ोरी पर या णांिी पर िाांग कर सुणाए र्ाते हैं।  हैंगर में लगाकर िाांगने से िस्त् का स्वाभाविक आकार बना रहता है और इल्टिरी करना सहर् होता है।
  • 19.  चौरस स्र्ान कु छ िस्त्ोां को सुणाने के वलए चौरस स्र्ान की आिश्यकता होती है।  गमथ ऊनी कपड़ोां को यवद िाांग वदया र्ाता है तो उनकी आकृ वत सदैि के वलए वबगड़ र्ाती है ऐसे कपड़े सुणाने के वलए िेबल कु सी, कु सी की पीठ या सीि, चौकी या णविया का प्रयोग करना चावहए।  िस्त्ोां को चौरस स्र्ान पर कागर् पर फै लाया र्ाता है। चौरस स्थान र्र ाईिंग के हबनेट िस्त् को सुणाने के वलए वबर्ली से गमथ होने िाले र्र ाइांग कै वबनेि होते हैं। यह बरसात में अच्छे रहते हैं परांतु सिथसाधारण की पहांच से बाहर की ििु है । पविमी देशोां में इसका प्रचलन है क्ोांवक िहाां स्र्ान, धप, हिा सब का ही अभाि है और िहाां के लोगोां का र्ीिन भी अवधक व्यि है।
  • 20. पररष्करण या हफहनश से सिंबिंहधत उपकरण
  • 21. कई प्रकार की इल्टिरी बाजार में हमलती है, जैसे - हबजली, गैस और कोयले से चलने वाली।  कोयले से चलने वाली - यह इल्टिरी भीतर से णोणली होती है। इसके भीतर कोयला र्लाया र्ाता है। इसमें हिा आने के वलए कु छ वछद्र रहते हैं। इसके ताप को वनयांवत्रत करना कवठन होता है।  इसका प्रयोग िहीां होता है र्हाां और वर्न्हें वबर्ली उपलब्ध नहीां होती।  वबर्ली की इल्टिरी हल्के तर्ा भारी भार दोनोां में वमलती है।  वबर्ली की साधारण इल्टिरी वर्समें ताप को वनयांवत्रत करने की व्यिस्र्ा नहीां होती, उसे अवधक सतकथ ता के सार् प्रयोग करना चावहए।  भारी होने के कारण इसको वगरने से बचाना चावहए, तार को लपेिने या घुमाने से बचाना चावहए, इल्टिरी करते समय तार पर र्ोर नहीां पड़ना चावहए, होल्डर िेबल के पास ही लगा होना चावहए। इल्टिरी
  • 22. हबजली की इल्टिरी-  कु छ वबर्ली की इल्टिरी स्वचावलत होती है तर्ा उनमें ऊष्मा-स्र्ैवतक-वनयांत्रण की व्यिस्र्ा रहती है।  इन्हें प्रयोग में लाना अत्यांत सरल होता है और ताप को रेगुलेि कर देने से ताप से ििु को हावन नहीां पहांचती।  स्वचावलत इल्टिरी आिश्यक मात्रा में गमथ हो र्ाने पर, स्वतः वियोवर्त हो र्ाती है।  विद् युत चावलत इल्टिरी की प्लेि िोवमयम की रहती है वर्ससे पररष्करण सुांदर होता है और इसमें कभी र्ांग भी नहीां लगती।  वबर्ली की इल्टिरी ते ी से तर्ा उत्तम श्रेणी का पररष्करण करने के कारण अवधक प्रचवलत है।  इसके ताप को िस्त्ोां के रेशोां के अनुरूप वनयांवत्रत वकया र्ा सकता है।
  • 23.  हार् से चलाने िाली इल्टिरी के अवतररक्त िस्त्ोां पर पररष्करण करने के वलए यांत्रो की भी व्यिस्र्ा होती है  प्रेशर िाइप आयरन में दो बड़े तख्ोां के बीच कपड़े को रणकर दबाि र्ाला र्ाता है।  एक तख्े पर पेवर्ांग रहती है और दसरा लोहे का होता है और कु छ गरम भी रहता है।  वबर्ली के आयरन से पररष्करण का काम कम समय और कम श्रम में हो र्ाता है।  इनमें पेड़ेर् रोलर रहता है। इस पर कपड़ा वलपि र्ाता है और गरम तल के सांपकथ में आने से उसकी पररष्करण या वफवनशांग होने लगती है।  यह दोनोां महांगे उपकरण है और सब के वलए इनकी व्यिस्र्ा करना सांभि नहीां है। इल्टिरी करने के यिंत्र (आयरनर)
  • 24.  इल्टिरी करने के वलए पेवर्ांग युक्त फोल्ड होने िाली मेर् की आिश्यकता होती है।  चौकी पर कां बल और चादर वबछाकर भी इल्टिरी की र्ाती है।  आयरवनांग बोर्थ पर फ्लैनेल की पेवर्ांग रहती है इनके एक तरफ एस्बेिस की शीि का िुकड़ा गमथ इल्टिरी रणने के वलए लगा रहता है।  आिीन पर इल्टिरी करने के वलए स्लीि बोर्थ भी होता है।  आयरवनांग के वबनेि एक लम्बा तख्ा होता है र्ो वक दीिार में वफि रहता है।  इसे उतारकर िेंर् पर ठहराकर बड़े-बड़े कपड़ोां पर इल्टिरी की र्ाती है। आयरहनिंग बोर्य
  • 26.  प्लाल्टिक या बेंत की र्वलया गांदे तर्ा धुले हए िस्त्ोां को सांग्रवहत करने के वलए काम आती है।  र्वलया हल्की होनी चावहए, वर्ससे गीले कपड़ोां से िर्न और अवधक न बढ़े।  बांद शेल्ोां पर तरह-तरह के सामानोां को रणने से सामान, धल-कणोां और गांदगी से बचते है। र्ैसे – लकड़ी के चम्मच, मग, र्ल, सोपके स, रसायन आवद।  कु छ रसायनोां को बांद करके रणना पड़ता है वर्सके वलए अलमारी का होना र्रूरी होता है। कपडोिं की र्हलया कपबोर्य
  • 27.  धुलाई के काम आने िाले प्रवतकमथक, शोधक पदार्थ, दाग-धब्बे छु ड़ाने िाले अवभकताथ, विवभन्न रसायन, र्ैसे साबुन पाउर्र, वर्िरर्ेंि, एवसर्, साबुन घोल, सोर्ा आवद रणने के वलए कु छ आधान-पात्र रहना र्रूरी है।  सभी सामानोां के वलए शीशी बोतल, पोरसलीन या पत्थर के ार आवद रणने चावहए।  कु छ पदार्थ बहत विर्मय होते है वर्नकोां कसकर बन्द करके रणना चावहए तर्ा आधान-पात्रोां पर नाम अिश्य वलणे होने चावहए।  आधान पात्रोां के लेबुल सामने की ओर करके , उन्हें पांल्टक्तबध्द करके कपबोर्थ में रणना चावहए।  धातु के आधान-पात्र नहीां रणने चावहए, क्ोांवक अवधकाांश प्रवतकमथक धातु के वलए अवभवियाशील होते है।  चौड़े मुाँह के र्ार, सणी ििुओां के वलए रणने चावहए। आधान-पात्र (धुलाई-सामग्री के )