1. Indian Institute of Teacher Education
Shree.G.H.Sanghvi B.Ed.College
Presentation:- LPC 3 Hindi
Topic:-वाक प्रवीणता
Presented by
Bhavnesh Mahyavanshi
Ashish Gondaliya
Vijay Chauhan
2. प्रस्तावना
“कौवा ककस का धन हरे कोयल ककसको दे मीठा शब्द सुना क
े ज ग अपना
कर ले”
शब्द को ब्रह्मा कहा गया है शब्द को भी ननरर्थक नह ीं होता मानव को
वाणी का वरदान ममला है कर्न क
े मलए उच्चारण अींग ममला है क्या बोलना
क
ै से बोलना वह अत्यींत महत्वपूणथ है मुख्य में से ननकलने वाले शब्दों में
बहुत ताकत है वाणी या शब्द सींबींध जोड़ कर सकते हैं और तो और भी
सत्य वाणी का तो वववेक उपयोग करना चाहहए।
3. अर्थसरस्वती ववद्या और वाणी की अधिष्ठात्री
देवी राजा ध्वनन आवाज कर्न जैसे शब्द वाणी
क
े लिए प्रयुक्त होते हैं मनुष्य क
े मुख से
ननकिने वािा शब्द को वाणी कहते हैं.
4. वाक प्रवीणता क
े मलए आवश्यक बाबत
स्पष्ट आवाज और स्पष्ट उच्चारण
हाव भाव
भाषा ज्ञान,
शब्द भडोि, शब्द पसंदगी
घटना प्रसंग
उदाहरण
5. प्रवीणता की ववशेषताएं
अध्ययन शीलता
स्पष्टता
सींक्षिप्त
हावभाव
बार-बार बात को
दोहराया नह ीं
भाषण को रोमाींचक
बनाइए
बबना देखे भाषण दे
भाषण की शुरुआत माफी से ना करें
गलती से घबराएीं नह
बबना देखे भाषण दे
आभार व्यक्त करना
ननरींतर अपने ज्ञान को बढाए
6. वाक प्रवीणता क
े फायदे
सामाजजक कौशि में बढावा।
मौखखक संचार कौशि में सुिार।
आत्मववश्वास में बढावा।
धचंता से िड़ने में मदद।
गैर मौखखक संक
े तों की पहचान।