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भारतीय गणतंत्र दिवस by Aadithya suresh
1.
2. • भारत में भारतीय राष्ट्रीय काांग्रेस के नेतृत्व में काफी हद तक शाांततपूर्ण अहहांसक
प्रततरोध और सववनय अवज्ञा के लिए ववख्यात भारतीय स्वतांत्रता आांदोिन के बाद
15 अगस्त 1947 को ब्रिहिश शासन से आजादी हालसि की. स्वतांत्रता भारतीय
स्वतांत्रता अधधतनयम 1947 के माध्यम से आया ( 10 और 11 भू 6 सी 30 . ) ,
ब्रिहिश राष्ट्रमांडि ( राष्ट्र के बाद राष्ट्रमांडि ) के दो नए स्वतांत्र उपतनवेश में ब्रिहिश
भारत ववभाजजत है कक ब्रििेन की सांसद के एक अधधतनयम : भारत और पाककस्तान
. [3 ] भारत के गवनणर जनरि के रूप में राज्य के प्रमुख के रूप में जॉजण VI और
अिण माउांिबेिन के साथ एक सांवैधातनक राजशाही के रूप में 15 अगस्त, 1947 पर
अपनी स्वतांत्रता प्राप्त की . देश , हािाांकक , अभी तक एक स्थायी सांववधान नहीां
था , बजाय अपने कानूनों भारत की सांशोधधत औपतनवेलशक सरकार पर आधाररत थे
1935 अधधतनयम . 28 अगस्त 1947 को मसौदा सलमतत Dr.B. साथ , एक स्थायी
सांववधान का मसौदा तैयार करने के लिए तनयुक्त ककया गया अध्यक्ष के रूप में
आर अम्बेडकर . भारत के स्वतांत्रता हदवस ब्रिहिश शासन से मुजक्त मनाता है , वहीां
गर्तांत्र हदवस के अपने सांववधान के िागू होने से मनाता है.
• एक मसौदा सांववधान सलमतत द्वारा तैयार और 4 नवम्बर, 1947 को सभा के लिए
प्रस्तुत ककया गया था . [4 ] ववधानसभा जनता के लिए खुिा सत्र में , लमिे ,
166 हदनों के लिए , गोद िेने से पहिे 2 साि, 11 महीने और 18 हदन की
अवधध में फै िा सांववधान . कई चचाणओां और कु छ सांशोधनों के बाद ववधानसभा के
308 सदस्यों को 24 जनवरी 1950 पर दस्तावेज़ के दो हाथ से लिखा प्रततयाां (
एक हहांदी और अांग्रेजी में प्रत्येक) पर हस्ताक्षर ककए. दो हदन बाद , यह देश भर में
प्रभाव में आया .
3. •मुख्य गर्तांत्र हदवस समारोह में
भारत की राष्ट्रपतत के समक्ष राजपथ
पर देश की राजधानी नई हदल्िी में
आयोजजत ककया जाता है. इस हदन
औपचाररक परेड में भारत के लिए
एक श्रद्धाांजलि के रूप में प्रदशणन
कर रहे हैं, जो राजपथ, पर जगह िे
िो.
4. • इस अवसर के महत्व को धचजननत करने के लिए हर साि एक
भव्य परेड इांडडया गेि अतीत, राजपथ साथ राष्ट्रपतत भवन के
तनकि रायसीना हहि (राष्ट्रपतत के तनवास) से, राजधानी, नई
हदल्िी में आयोजजत ककया जाता है. [5] वपछिे करने के लिए अपने
प्रारांभ करते हुए प्रधानमांत्री ने अमर जवान ज्योतत, अज्ञात सैतनकों
की स्मृतत में दो लमनि मौन के बाद है जो राजपथ, के एक छोर पर
इांडडया गेि पर अज्ञात सैतनकों के लिए एक स्मारक पर पुष्ट्प मािा
देता है. यह उनके देश की सांप्रभुता की रक्षा के लिए स्वतांत्रता
आांदोिन और सफि युद्ध में देश के लिए मर गया, जो शहीदों के
बलिदान की एक गांभीर चेतावनी है. इसके बाद वह / वह, अन्य
गर्मान्य व्यजक्त शालमि होने के लिए राजपथ पर मुख्य मांडप तक
पहुुँच जाता है बाद में राष्ट्रपतत अवसर के मुख्य अततधथ के साथ
आता है. वे राष्ट्रपतत के अांगरक्षक ने घोडे की पीठ पर िे रहे हैं.
5. • बीहिांग रररीि समारोह में आधधकाररक तौर पर गर्तांत्र हदवस उत्सव के
अांत को दशाणता है . यह 29 जनवरी, गर्तांत्र हदवस के बाद तीसरे हदन
की शाम को आयोजजत ककया जाता है . यह सेना , भारतीय सेना ,
भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के तीनों अांगों के बैंड द्वारा
ककया जाता है . स्थि रायसीना हहल्स और राजपथ के अांत में राष्ट्रपतत
भवन (राष्ट्रपतत का महि ) की उत्तर और दक्षक्षर् ब्िॉक से तघरे एक
आसन्न वगण , ववजय चौक , है .
• समारोह के मुख्य अततधथ ( पीबीजी ) से िे आता है जो भारत के
राष्ट्रपतत , एक घुडसवार सेना इकाई है . राष्ट्रपतत के आने पर सेना जो
सेना के बैंड में जमा बैंड द्वारा प्रदशणन की रस्म ववकलसत करके , पीबीजी
के कमाांडर , भारतीय राष्ट्रीय गान , जन गर् मन का खेि के द्वारा
पीछा ककया जाता है , जो राष्ट्रीय सिामी देने के लिए इकाई पूछता पाइप
और ड्रम बैंड, Buglers और ववलभन्न सेना रेजजमेंिों से trumpeters नौसेना
और वायु सेना से बैंड के अिावा मेरे साथ पािन की तरह िोकवप्रय धुनों
खेिने जो भाग िेते हैं, अांत में महात्मा गाांधी के पसांदीदा भजन , और
सारे जहाां से Achcha . [6 ] [7 ] [8]