1. य ज़ी यूज़,
एक साल 4 मह नेऔर 4 दन बाद अब व त आ गया हैक म अब आपसेअलग हो जाऊं.
हालांक ऐसा पहलेकरना चा हए था लेकन अब भी नह ंकया तो खुद को कभी माफ़ नह ंकर
सकूंगा.
आगेजो म कहनेजा रहा हूंवो कसी भावावेश, गुसेया खीझ का नतीज़ा नह ंहै, बि क एक
सुचंतत बयान है. म प कार होनेसेसाथ-साथ उसी देश का एक नाग रक भी हूंिजसकेनाम
अंध ‘रा वाद’ का ज़हर फैलाया जा रहा हैऔर इस देश को गृहयुध क तरफ धकेला जा रहा
है. मेरा नाग रक दा य व और पेशेवर िज मेदार कहती हैक म इस ज़हर को फैलनेसेरोकूं. म
जानता हूंक मेर को शश नाव केसहारेसमु पार करनेजैसी हैलेकन फर भी म शुआत
करना चहता हूं. इसी सोच केतहत JNUSU अ य क हैया कुमार केबहानेशु कए गए
अंध रा वाद अ भयान और उसेबढ़ानेम हमार भूमका केवरोध म म अपनेपद सेइ तीफा
देता हूं. म चाहता हूं इसे बना कसी वैयि तक वेष के वीकार कया जाए.
असल म बात यि तगत हैभी नह ं. बात पेशेवर िज मेदार क है. सामािजक दा य वबोध क है
और आ खर म देश ेम क भी है. मुझेअफसोस केसाथ कहना पड़ रहा हैक इन तीन पैमान
पर एक संथान केतौर पर तुम तुमसेजुड़ेहोनेकेनातेएक प कार केतौर पर म पछलेएक
साल म कई बार फेल हुए.
मई 2014 केबाद सेजब से ी नरे मोद भारत के धानमंी बनेह, तब से कमोबेश देश
के हर यूज़ म का सांदायीकरण (Communalization) हुआ हैलेकन हमारेयहां
ि थ तयां और भी भयावह ह. माफ चाहता हूंइस भार भरकम श द केइ तेमाल के लए
लेकन इसकेअलावा कोई और दूसरा श द नह ंहै. आ खर ऐसा य होता हैक ख़बर को
मोद एंगल सेजोड़कर लखवाया जाता है ? येसोचकर खबर लखवाई जाती ह क इससेमोद
सरकार के एजडे को कतना ग त मलेगी ?
हम गहराई सेसंदेह होनेलगा हैक हम प कार ह. ऐसा लगता हैजैसेहम सरकार के व ता
ह या सुपार कलर ह ? मोद हमारेदेश के धानमंी ह, मेरेभी है ; लेकन एक प कार केतौर
इतनी मोद भि त अब हजम नह ंहो रह है ? मेरा ज़मीर मेरेखलाफ बग़ावत करनेलगा है.
ऐसा लगता है जैसे म बीमार पड़ गया हूं.
हर खबर केपीछेएजडा, हर यूज़ शो केपीछेमोद सरकार को महान बतानेक को शश, हर
बहस केपीछेमोद वरो धय को शूट करनेक का यास ? अटैक, युध से कमतर कोई श द
हम मंजूर नह ं. या है ये सब ? कभी ठहरकर सोचता हूं तो लगता है क पागल हो गया हूं.
आ खर हम इतना द न ह न, अनैतक और गरा हुआ य बना दया गया ?देश केसव च
मी डया संथान सेपढ़ाई करनेऔर आजतक सेलेकर बीबीसी और डॉयचेवेले, जमनी जैसे
ति ठत संथान म काम करनेकेबाद मेर प कार य जमापूंजी यह हैक लोग मुझे ‘छ
यूज़ प कार ’ कहनेलगेह. हमारेईमान (Integrity) क धि जयांउड़ चुक ह. इसक
िज मेदार कौन लेगा ?
कतनी बात कहूं. द ल केमुयमंी अर वंद केजर वाल केखलाफ लगातार मुहम चलाई गई
और आज भी चलाई जा रह है . आ खर य ? बजल -पानी, श ा और ऑड-इवेन जैसी जनता
को राहत देनेवाल बुनयाद नी तय पर भी सवाल उठाए गए. केजर वाल सेअसहम त का और
2. उनक आलोचना का पूरा हक हैलेकन केजर वाल क सुपार क लंग का हक एक प कार के
तौर पर नह ंहै. केजर वाल केखलाफ क गई नगेटव टोर क अगर ल ट बनानेलगूंगा तो
कई प नेभर जाएंगे. म जानना चाहता हूंक प का रता केबुनयाद स धांत ‘तट थता’ का
और दशक के त ईमानदार का कुछ तो मूय है, क नह ं ?
द लत कॉलर रो हत वेमुला क आ मह या केमुदेपर ऐसा ह हुआ. पहलेहमनेउसेद लत
कॉलर लखा फर द लत छा लखनेलगे. चलो ठ क हैलेकन कम सेकम खबर तो ढंग से
लखते.रो हत वेमुला को आ मह या तक धकेलनेकेपीछे ABVP नेता और बीजेपी केबंडा
द ा ेय क भूमका गंभीरतम सवाल केघेरेम है(सब कुछ प ट है) लेकन एक मी डया
हाउस केतौर हमारा काम मुदेको कमजोर (dilute) करनेऔर उ ह बचानेवालेक भूमका
का नवहन करना था.
मुझेयाद हैजब अस ह णुता केमुदेपर उदय काश समेत देश केसभी भाषाओंकेनामचीन
लेखक नेअकादमी पुर कार लौटानेशु कए तो हमनेउ ह ंपर सवाल करनेशु कर दए.
अगर सफ उदय काश क ह बात कर तो लाख लोग उ ह पढ़तेह. हम िजस भाषा को बोलते
ह, िजसम रोजगार करतेह उसक शान ह वो. उनक रचनाओंम हमारा जीवन, हमारे व न,
संघष झलकतेह लेकन हम येस ध करनेम लगेरहेक येसब ायोिजत था. तकल फ हुई
थी तब भी लेकन बदा त कर गया था.
लेकन कब तक क ं और य ??
मुझेठ क सेनींद नह ंआ रह है. बेचैन हूंम. शायद येअपराध बोध का नतीजा है. कसी
श स क िजंदगी म जो सबसेबड़ा कलंक लग सकता हैवो है- देश ोह. लेकन सवाल येहै
क एक प कार केतौर पर हम या हक हैक कसी को देश ोह क ड ी बांटनेका ? ये
काम तो यायालय का है न ?
क हैया समेत जेएनयूकेकई छा को हमनेनेलोग क नजर म ‘देश ोह ’ बना दया. अगर
कल को इनम सेकसी क ह या हो जाती हैतो इसक िज मेदार कौन लेगा ? हमनेसफ
कसी क ह या और कुछ प रवार को बरबाद करनेक ि थ त पैदा नह ंक हैबि क दंगा
फैलानेऔर गृहयुध क नौबत तैयार कर द है. कौन सा देश ेम हैये ? आ खर कौन सी
प का रता है ये ?
या हम बीजेपी या आरएसएस केमुखप ह क वो जो बोलगेवह ंकहगे? िजस वी डयो
म ‘पा क तान िजंदाबाद ’ का नारा था ह नह ंउसेहमनेबार बार हमनेउ माद फैलानेकेलए
चलाया. अंधेरेम आ रह कुछ आवाज़ को हमनेकैसेमान लया क येक हैया या उसके
सा थय क ह है ? ‘भारतीय कोट िज़ंदाबाद ’ को पूवा ह केचलते ‘पा क तान िजंदाबाद ’ सुन
लया और सरकार क लाइन पर काम करतेहुए कुछ लोग का क रयर, उनक उ मीद और
प रवार को तबाह क कगार तक पहुंचा दया. अ छा होता क हम एजसीज को जांच करनेदेते
और उनके नतीज का इंतज़ार करते.
लोग उमर खा लद क बहन को रेप करनेऔर उस पर ए सड अटैक क धमक देरहेह ? उसे
ग दार क बहन कह रहेह. सो चए ज़रा अगर ऐसा हुआ तो या इसक िज मेदार हमार नह ं
होगी ? क हैया नेएक बार नह ंहज़ार बार कहा क वो देश वरोधी नार का समथन नह ंकरता
3. लेकन उसक एक नह ंसुनी गई, य क हमनेजो उ माद फैलाया था वो NDA सरकार क
लाइन पर था. या हमनेक हैया केघर को यान सेदेखा है? क हैया का घर, ‘घर’ नह ंइस
देश केकसान और आम आदमी क ववशता का ददनाक तीक है. उन उ मीद का क तान
है जो इस देश म हर पल द न हो रह ह. लेकन हम अंधे हो चुके ह !
मुझेतकल फ हो रह हैइस बारेम बात करतेहुए लेकन म बताना चाहता हूंक मेरेइलाकेम
भी बहुत सेघर ऐसेह. भारत का ामीण जीवन इतना ह बदरंग है.उन टूट हुई द वार और
पहलेसेह कमजोर हो चुक िजंद गय म हमनेरा वाद ज़हर का इंजेशन लगाया है, बना
येसोचेहुए क इसका अंजाम या हो सकता है! अगर क हैया केलकवा त पता क मौत
सदम सेहो जाए तो या हम िज मेदार नह ंह गे ? ‘The Indian Express’ नेअगर टोर
नह ंक होती तो इस देश को पता नह ंचलता क वंचत केहक म क हैया को बोलनेक
ेरणा कहां से मलती है !
रामा नागा और दूसर का हाल भी ऐसा ह है. बहुत मामूल पृठभूम और गर बी सेसंघष
करतेहुए येलड़केजेएनयूम मल रह सि सडी क वजह सेपढ़ लख पातेह. आगेबढ़नेका
हौसला देख पातेह. लेकन ट आरपी क बाज़ा अभी सा और हमारेबकेहुए ववेक नेइनके
क रयर को लगभग तबाह ह कर दया है.
हो सकता हैक हम इनक राजनी त सेअसहमत ह या इनकेवचार उ ह लेकन येदेश ोह
कैसेहो गए ? कोट का काम हम कैसेकर सकतेह ? या येमहज इ फाक हैक द ल
पुलस नेअपनी FIR म ज़ी यूज का संदभ दया है ? ऐसा कहा जाता हैक द ल पुलस से
हमार सांठगांठ है ? बताइए क हम या जवाब दे लोग को ?
आ खर जेएनयूसेया जेएनयूकेछा सेया दुमनी है हमार ? मेरा मानना हैक आधुनक
जीवन मूय , लोकतं, व वधता और वरोधी वचार केसह अि त व का अगर कोई सबसे
खूबसूरत बगीचा हैदेश म तो वो जेएनयूहैलेकन इसेगैरकानूनी और देश ोह का अ डा बताया
जा रहा है.
म येजानना चाहता हूंक जेएनयूगैर कानूनी हैया बीजेपी का वो वधायक जो कोट म
घुसकर लेट कायकता को पीट रहा था ? वधायक और उसकेसमथक सड़क पर गरेहुए CPI
केकायकता अमीक जमेई को बूट तलेर द रहेथेलेकन पास म खड़ी पुलस तमाशा देख रह
थी. न पर पटाई क त वीर चल रह थींऔर हम लख रहेथे– ओपी शमा पर पटाई का
आरोप. मनेपूछा क आरोप य ? कहा गया ‘ऊपर ’ सेकहा गया है ? हमारा ‘ऊपर ’ इतना
नीचेकैसेहो सकता है ? मोद तक तो फर भी समझ म आता हैलेकन अब ओपी शमा जैसे
बीजेपी केनेताओंऔर ABVP केकायकताओंको भी टोर लखतेसमय अब हम बचानेलगे
ह.
घन आनेलगी हैमुझेअपनेअि त व से. अपनी प क रता सेऔर अपनी ववशता से. या
मनेइस लए दूसरेसब काम को छोड़कर प कार बननेका फैसला बननेका फैसला कया था.
शायद नह ं.
अब मेरेसामनेदो ह रा तेह या तो म प का रता छोड़ूंया फर इन प रि थ तय सेखुद को
अलग क ं. म दूसरा रा ता चुन रहा हूं. मनेकोई फैसला नह ंसुनाया हैबस कुछ सवाल कए
ह जो मेरेपेशेसेऔर मेर पहचान सेजुड़ेह. छोट ह सह लेकन मेर भी जवाबदेह है. दूसर
4. केलए कम, खुद केलए यादा. मुझेप केतौर पर अहसास हैक अब दूसर जगह म भी
नौकर नह ंमलेगी. म येभी समझता हूंक अगर म लगा रहूंगा तो दो साल केअंदर लाख के
दायरेम पहुंच जाऊंगा. मेर सैलर अ छ हैलेकन येसुवधा बहुत सी दूसर कुबा नयांलेरह
है, जो म नह ंदेना चाहता. साधारण म यवग य प रवार सेआनेक वजह सेयेजानता हूंक
बना तन वाह के द कत भी बहुत ह गी लेकन फर भी म अपनी आ मा क
आवाज (consciousness) को दबाना नह ं चाहता.
म एक बार फर सेकह रहा हूंक मुझेकसी सेकोई यि तगत शकायत नह ंहै. ये
सांथा नक और संपादक य नी त सेजुडेहुए मामल क बात है. उ मीद हैइसेइसी तरह
समझा जाएगा.
यह कहना भी ज र समझता हूंक अगर एक मी डया हाउस को अपनेद णपंथी झान और
च को जा हर करनेका, बखान करनेका हक हैतो एक यि त केतौर पर हम जैसेलोग
को भी अपनी पॉ ल टकल लाइन केबारेम बात करनेका पूरा अ धकार है. प कार केतौर पर
तट थता का पालन करना मेर पेशेवर िज मेदार हैलेकन एक यि त केतौर पर और एक
जाग क नाग रक केतौर पर मेरा रा ता उस लेट का हैजो पाट तर से यादा हमार
िज़ंदगी म पाया जाता है. यह मेर पहचान है.
और अंत म एक साल तक चलनेवाल खींचतान केलए शुया. इस खींचतान क वजह से
ज़ी यूज़ मेरे कुछ अ छे दो त बन सके.
सादर‐स ेम,
व वद पक