3 Parenting Skills जो आपको बिज़नेस चलाने में बेहतर बनाती हैं
कैसे एक आइडिया ने बना दिया मशरूम किंग, आज कर रहे हैं करोड़ों की कमाई
1.
2. क्या आप सोच सकते हैं कक कोई शख्स टीवी क
े ककसी कार्यक्रम से प्रेरित
होकि मशरूम की खेती किने लगे औि किोडोों की कमाई किने लग जाए है?
पोंजाब क
े मशरूम कक
ों ग क
े नाम से मशहूि सोंजीव कसोंह ने दू िदशयन क
े एक
कार्यक्रम से प्रेरित होकि कभी एक कमिे से मशरूम की खेती किना शुरू
ककर्ा था औि आज वो इसी क
े खेती से हि साल किोडोों की कमाई कि िहे हैं।
सोंजीव कसोंह क
े कलए मशरूम की खेती से किोडोों का सफि तर् किना इतना
आसान नहीोंथा। इसक
े कलए उन्हें काफी सोंघर्य किना पडा।
3. टीवी देखकर मिला आइमिया
साल 1992 से ही सोंजीव कसोंह मशरूम की खेती कि िहे हैं। पोंजाब क
े टाोंडा
गााँव क
े कनवासी उन्हें ‘मशरूम कक
ों ग’ क
े नाम से पुकािते हैं। सोंजीव कसोंह जब
कॉलेज में थे तो उस समर् एक कदन उन्होोंने दू िदशयन क
े चैनल पि आने वाले
प्रोग्राम ‘मेिा कपोंड मेिा गााँव’ को देखा। कजसमें मशरूम की खेती क
े बािे में
बतार्ा जा िहा था। उस समर् मशरूम की खेती क
े बािे में ककसी को भी
ज्यादा जानकािी नहीोंथी। इसकलए सोंजीव कसोंह को इस प्रोग्राम को देखकि
मशरूम की खेती किने की प्रेिणा कमली। उन्होोंने पोंजाब क
ृ कर् कवकिद्यालर् में
मशरूम की खेती पि, एक साल क
े कोसय में दाखखला ले कलर्ा। उन्होोंने काफी
रिसचय की। वहाों उन्होोंने सीखा कक ककसी कमिे क
े अोंदि बोरिर्ोों को
लटकाकि, इनमें मशरूम उगाना क
ै से उगार्ा जाता है? कडी मेहनत क
े बाद
कमली सफलता
4. स्थानीर् तौि पि, मशरूम क
े बीज भी नहीोंकमलते थे। इनक
े कलए सोंजीव कसोंह
को कदल्ली जाना पडता था। मशरूम को उगाने क
े कलए मौसम की अनुक
ु लता
भी जरूिी थी इसकलए उन्होोंने मौसम क
े कहसाब से मशरूम उगाना शुरू कि
कदर्ा। 8 साल तक प्रर्ोग किने औि असफ़ल होने क
े बाद, भी उन्होोंने हाि
नहीोंमानी। सोंजीव कसोंह को आखखिकाि मशरूम की खेती में सफ़लता कमली।
वह आठ सालोों तक उच्च गुणवत्ता वाली मशरूम उगाने औि एक खस्थि बाजाि
बनाने क
े कलए सोंघर्य किते िहे। साल 2001 में उन्होोंने ले एक कमिा बनवार्ा
औि इसमें एक क
े ऊपि एक, छह मेटल की िैक बनवाई। बोरिर्ोों को खाद से
भिने क
े बाद इनक
े ऊपि िखा गर्ा। बोरिर्ोों में भिी जैकवक खाद में नाइटरोजन
तथा र्ूरिर्ा बिाबि मात्रा में कमला हुआ था। खचय कम किने क कलए उन्होोंने एक
‘कम्पोस्ट र्ूकनट’ बनाई। साल 2008 में, उन्होोंने मशरूम क
े बीज बनाने क
े
कलए, एक प्रर्ोगशाला भी बना ली औि बीज बनाकि बेचने लगे। इतने सालोों
में, उनका र्ह काम 1500 वगय फ
ु ट जगह में फ
ै ल गर्ा है, जो लगभग दो एकड
जमीन क
े बिाबि जगह है। उनकी मेहनत िोंग लाई औि वो धीिे-धीिे किोडोों
की कमाई किने लगे।
5. दू सरें राज्योंिें भी करते हैं
सप्लाईसोंजीव कसोंह मशरूम क
े बीज औि अन्य प्रोडक्ट को जम्मू, जालोंधि,
हरिर्ाणा, कहमाचल तथा अन्य िाज्योों में भी पहुाँचाने का काम किते हैं। 2015
में, उन्हें िाज्य सिकाि द्वािा उनकी प्रगकतशील खेती क
े तिीकोों क
े कलए
सम्माकनत ककर्ा गर्ा था। स्थानीर् लोग उन्हें अब ‘पोंजाब का मशरूम कक
ों ग’
कहते हैं।
6. क
ै से हयती है िशरुि की खेती
मशरूम की खेती किने क
े कलए ज़्यादा जगह की ज़रुित नहीोंहोती। आज क
े
समर् में वटीकल फ़ाकमिंग क
े ज़रिर्े कम जगह क
े साथ ज़्यादा से ज़्यादा खेती
की जा सकती है। मशरुम की खेती क
े कलए कमट्टी की ज़रूित नहीोंहोती।
इसमें कम्पोस्ट डालनी पडती है। आज से कई साल पहले आप ककसी से
मशरूम क
े बािे में पूछते, तो कम ही लोगोों को इसक
े बािे में पता होता लेककन
आज मशरूम खाने क
े साथ-साथ अच्छी कमाई क
े अवसि क
े रूप में सामने
आर्ा है। सोंजीव कसोंह ने अपनी मेहनत औि लगन क
े दम पि सफलता की
कहानी कलखी है। आज वो लाखोों लोगोों क
े कलए प्रेिणास्त्रोत बन चुक
े हैं। Bada
Business सोंजीव कसोंह की मेहनत औि उनक
े जज्बे की सिाहना किता है।