इंसान अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अपनी किस्मत को भी बदल देता है। इस बात को प्रमाणित करने का काम किया है पश्चिम बंगाल के रहने वाले वेटलिफ्टर अंचिता शेउली ने। जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स की वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए गोल्ड जीतकर इतिहास रचा है।
2. कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत कर इततहास रचने वाले अचचिंता
शेउली की प्रेरक कहानी
इंसान अपनी कडी मेहनत क
े दम पर अपनी ककस्मत को भी बदल देता है। इस बात को
प्रमाणित करने का काम ककया है पश्चिम बंगाल क
े रहने वाले वेटललफ्टर अंचिता शेउली ने।
श्िन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स की वेटललश्फ्टंग में भारत क
े ललए गोल्ड िीतकर इततहास रिा है।
लेककन अचिंता क
े ललए यह राह तय करना आसान नहीं था। काफी संघर्षों से िूझकर अचिंता
ने इस मुकाम को हालसल ककया है। िब अचिंता लसफ
फ 11 साल क
े थे तभी उनक
े लसर से
पपता का साया उठ गया था। उनक
े मां और भाई ने कपडे लसलकर पररवार का खिफ िलाया।
उन्हें वेटललश्फ्टंग की ट्रेतनंग ददलवाई और आि अपनी मेहनत और संघर्षफ क
े बल पर अचिंता
ने अंसभव को संभव कर ददखाया है। भारत की ओर से गोल्ड मेडल िीतकर उन्होंने पूरे देश
का नाम रौशन ककया है। अचिंता शेउली ने पुरुर्षों क
े 73 ककलोवगफ में 143 ककलो विन
उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में नया ररकॉडफ बनाया है। आइए िानते हैं कक क
ै से अचिंता ने
संघर्षफ करते हुए यहां तक का मुकाम हालसल ककया है।
• बचपन में ही पपता का छ
ू ट गया था साथ
24 नवंबर 2001 को पश्चिम बंगाल क
े हावडा क
े झोपडपट्टी क
े एक तनम्न वगीय पररवार में
िन्में अंचिता क
े पपता ररक्शा िलाते थे।
3. लेककन पररवार की पररश्स्थततयां अनुक
ू ल ना होने क
े वाबिूद अचिंता क
े सपने हमेशा से बडे
थे। वो िब 10 साल क
े थे तो अपने बडे भाई को श्िम में वेटललश्फ्टंग करते देखते थे तो
उनका मन भी करता था कक वो भी वेटललश्फ्टंग करें। इसललए उनक
े पपता और भाई ने उन्हें
ट्रेतनंग ददलवाने की सोिी। लेककन िब अचिंता 11 साल क
े हुए तो उनक
े पपता का देहांत हो
गया। पपता क
े गुिरने क
े बाद उनक
े घर की आचथफक श्स्थतत और भी खराब हो गई। घर
िलाने क
े ललए उनक
े बडे भाई को अपना कॉलेि छोडना पडा। उनकी मां और भाई ने घर का
खिफ िलाने की श्िम्मेदारी उठाई।
• मािं और भाई ने सिंघर्ष कर दिलाई ट्रेतनिंग
घर की श्स्थतत खराब होने क
े बाद भी अचिंता क
े मां और भाई ने उनक
े सपनों को टूटने नहीं
ददया और उन्हें वेटललश्फ्टंग की ट्रेतनंग ददलवाई। उनकी मां ने घरों में काम ककया साथ ही
साडी पर िरी का काम करक
े घर िलाया लेककन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। नेशनल लेवल
क
े पूवफ वेटललफ्टर अस्तम दास ने अचिंता को फ्री में ट्रेतनंग दी। वो वेटललश्फ्टंग क
े ललए इतने
समपपफत थे कक उन्होंने इसक
े ललए अपनी बीएसएफ की नौकरी तक छोड दी थी।
• अचचिंता शेउली ने कॉमनवेल्थ गेम्स में बनाया ररकॉडष
अचिंता शेउली ने शुरुआत से ही बेहतरीन प्रदशफन ककया। उनक
े सामने पवरोधी कहीं भी दटक
नहीं पाए। 20 साल क
े अचिंता शेउली ने स्नैि में 143 ककलो विन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स
का नया ररकॉडफ वनाया है।
4. अचिंता से पहले इतना विन ककसी ने कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं उठाया था। उन्होंने क्लीन
एंड िक
फ में 170 ककलो समेत क
ु ल 313 ककलो विन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स का एक नया
ररकॉडफ अपने नाम ककया है।
• सिंघर्ष करते हुए पहुिंचे जूतनयर वल्डष चैंपपयनशशप में
वेटललश्फ्टंग की ट्रेतनंग लेते समय अचिंता शेउली को अच्छी डाइट क
े ललए भी कई बार संघर्षफ
करना पडा। िब अचिंता चिकन की मांग करते थे तो उनक
े पास इतने पैसे तक नहीं होते
थे कक वह चिकन खरीद सक
ें । इसललए दोनों भाईयों को कई बार मिदूरी भी करनी पडी।
दोनों भाई गांव वालों क
े खेत से धान उठाकर घर रखकर आते थे ताकक उससे लमले
मेहनताने से वह चिकन खरीद सक
े । ककसी तरह अपनी ट्रेतनंग पूरी करने क
े बाद साल 2018
में अचिंता ने खेलो इंडडया यूथ गेम्स का स्विफ पदक िीता। उन्होंने साल 2019 में िूतनयर
और सीतनयर दोनों क
ै टेगरी में राष्ट्ट्रमंडल िैंपपयनलशप में स्विफ पदक िीतकर सीतनयर स्तर
पर अपना पहला बडा पदक िीता। अचिंता ने पपछले साल 2021 में ताशक
ं द में िूतनयर वल्डफ
िैंपपयनलशप क
े पुरुर्षों क
े 73 ककलोग्राम क
ै टेगरी में लसल्वर मेडल िीना था। इसक
े अलावा
अचिंता ने पपछले साल क
े अंत में राष्ट्ट्रमंडल िैंपपयनलशप में 73 ककग्रा िैंपपयन बने थे।
5. • कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड मेडल
इतनी सी उम्र में कई ट्रॉफी िीतने वाले अचिंता शेउली ने बलमिंघम क
े कॉमनवेल्थ गेम्स भी
स्विफ पदक िीत कर नया इततहास रि ददया। शेउली ने स्नैि वगफ में 137 ककग्रा, 140 ककग्रा
और 143 ककग्रा विन उठाया। उन्होंने 143 ककग्रा क
े प्रयास से खेलों का नया ररकॉडफ बनाया
और अपने सवफश्रेष्ट्ठ प्रदशफन में भी सुधार ककया। उन्होंने वेटललश्फ्टंग क
े क्लीन एंड िक
फ में
166 ककग्रा भार आसानी से उठाकर नया कीततफमान स्थापपत ककया है।
एक गरीब पररवार से आने वाले अचिंता शेउली ने आि अपनी मेहनत और लगन क
े दम
पर सफलता की नई कहानी ललखी है। उन्होंने अपनी मेहनत से यह बता ददया कक अगर
इंसान िीवन में क
ु छ पाना िाहे तो कोई भी पररश्स्थतत उसक
े समक्ष बाधा नहीं बन सकती।
आि पूरे देश को अचिंता पर गवफ है। लेख क
े बारे में आप अपनी दटप्पिी को कमेंट सेक्शन
में कमेंट करक
े दिफ करा सकते हैं। इसक
े अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने
व्यापार में कदठन और मुश्चकल परेशातनयों का सामना कर रहे हैं और िाहते हैं कक स्टाटफअप
बबज़नेस को आगे बढाने में आपको एक पसफनल बबज़नेस कोि का अच्छा मागफदशफन लमले तो
आपको PSC (Problem Solving Course) का िुनाव िरूर करना िादहए श्िससे आप अपने
बबज़नेस में एक अच्छी हैंडहोश्ल्डंग पा सकते हैं और अपने बबज़नेस को िार गुना बढा सकते
हैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-achinta-sheuli-
11112.html