हौसला रखने वालों का साथ किस्मत भी देती है। जो विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेता है वही जीवन में असली हीरो होता है। इस बात को सच साबित किया है केरल की रहने वाली गीता सलिश जी ने। जो बचपन से ही देखने में असक्षम है। लेकिन आज अपने बुलंद हौसलो की बदौलत लाखों रूपये कमा रही हैं। गीता सलिश एक फूड बिज़नेस चलाती हैं।
2. Success Story: कभी खराब अंग्रेजी क
े लिए उडाया गया था मजाक,
IAS ऑफिसर बनकर पेश की अनोखी लमसाि, जानें IAS सुरलभ गौतम
क
े जीवन की प्रेरक कहानी
मंजिल उन्हं को ममलती ्ै, जिनक
े सपनों में िान ्ोती ्ै, पंख से क
ु छ न्हं ्ोता, ्ौसलों से
उडान ्ोती ्ै। इस बात को स्ह साबबत ककया ्ै IAS ऑकिसर सुरमि गौतम ने। जिन्ें किी
अपनी खराब इंजललश क
े मलए लोगों क
े ताने सुनने पडे थे, उन्ें ्ंसी का पात्र बनना पडा था।
लेककन उन्ोंने लोगों क
े मजाक उडाने की परवा् न्हं की और अपनी लगन और मे्नत से
IAS बनने क
े सपने को साकार ककया। सुरमि गौतम की पढाई वैसे तो ह्ंदह मीडियम में ्ुई
थी। वो शुरू से ्ह टॉपर थी। उन्ोंने ्र प्रततयोगी परहक्षा को अच्छे नंबर से पास ककया था।
किर चा्े वो BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI ्ह क्यों न ्ो। उन्ोंने लगिग ्र
परहक्षा को पास करक
े अपनी प्रततिा का पररचय हदया ्ै। लेककन IAS बनना और लोगों को
अपनी प्रततिा क
े िररए िवाब देना सुरमि गौतम क
े मलए आसान न्हं था। आइए िानते ्ैं
उनक
े िीवन का प्रेरक सिर क
े बारे में।
3. बचपन से ही पढाई में थी होलशयार
मध्य प्रदेश क
े सतना क
े छोटे से गांव क
े एक सामानय पररवार में िनमीं सुरमि गौतम क
े
पपता एक वकील थे, उनकी मां मशक्षक्षका थी। सुरमि को बचपन से ्ह पढने का ब्ुत शौक
था। इन्ोंने शुरूआती मशक्षा गांव क
े एक सरकारह स्क
ू ल में करा हदया। उनकी पढाई ह्ंदह
मीडियम क
े िररए ्ुई। मध्य प्रदेश क
े स्क
ू लों में पांचवीं में िी बोिड परहक्षा ्ोती ्ै। िब
पांचवीं क
े बोिड परहक्षा में सुरमि ने शत-प्रततशत अंक ्ामसल ककये। इशक
े मलए टहचर ने उन्ें
शाबाशी िी दह। सुरमि को अपनी तारहि सुनकर अच्छा लगा इससे उन्ोंने और पढाई करने
की ठानी।
कठिनाइयों क
े बीच हालसि की लशक्षा
सुरमि गौतम पढाई क
े प्रतत कािी सचेत थी। लेककन इसी बीच उनक
े िोडों में र्-र्कर ददड
उठने लगा था, पर व् उसे निरअंदाि करती र्हं। धीरे-धीरे ददड पूरे शरहर में ि
ै ल गया, और
एक हदन व् बबस्तर से उठ न्हं पाई। उनक
े माता-पपता उन्ें िॉक्टर क
े पास ले गए व्ां
िॉक्टर ने बताया कक उन्ें ‘रूमैहटक िीवर’ ्ुआ ्ै। य् बीमारह हृदय को नुकसान प्ुंचाती ्ै
और क
ु छ मामलों में मृत्यु िी ्ो िाती ्ै। य् सुनकर माता-पपता ब्ुत दुुःखी ्ुए।
4. िॉक्टर ने सुरमि को ्र 15 हदन पर पेतनमसमलन का इंिेक्शन लगाने की सला् दह। गांव में
क
ु शल िॉक्टर न्हं ्ोने क
े कार सुरमि को ्र 15 हदनों में िबलपुर िाना पडता था। लेककन
इतना क
ु छ ्ोने क
े बाविूद िी कमिोर से्त, अिावों क
े बीच िी सुरमि ने अपनी पढाई से
मुं् न्हं मोडा। उन्ोंने पढाई करना िारह रखा। सुरमि को दसवीं बोिड में गणित क
े साथ
पवज्ञान में िी शत-प्रततशत अंक ममले। उन्ें राज्य क
े प्रततिाशालह पवद्यार्थडयों में र्गना
गया। अपनी लगन क
े कारि ्ह इन्ोंने कम उम्र में ्ह पढाई क
े िररए उन्ोंने अपना नाम
स्थापपत कर मलया था।
कॉिेज में अंग्रेजी का उडा मजाक
कक्षा 12वीं में अच्छे नंबर आने क
े बाद सुरमि गौतम ने एक स्टेट इंिीतनयररंग एंट्रेंस
परहक्षा पास की और उन्ोंने िोपाल क
े एक इंिीतनयररंग कॉलेि से इलेक्ट्रॉतनक्स एंि
कम्युतनक
े शनस में एिममशन मलया। सरकारह स्क
ू ल में पढाई क
े दौरान व् अपने स्क
ू ल की
सबसे बेस्ट स्टूिेंट थीं। सुरमि िब स्क
ू ल से तनकलकर कॉलेि प्ुंची तो व्ां का मा्ौल
एकदम अलग था। वो ह्ंदह मीडियम से पढाई करक
े गई थी। लेककन कॉलेि में अर्धकतर
छात्र-छात्राएं इंजललश बोलते थे। सुरमि को अंग्रेिी बोलने में परेशानी ्ोती थी तो स्टूिेंट
उनकी मजाक उडाते थे। ्मेशा अवव्ल आने वालह सुरमि कॉलेि में सबसे पीछे बैठने लगी।
लेककन उन्ोंने ्ार न्हं मानी।
5. ऐसे पास की बडी परीक्षाएं
अंग्रेिी न आने की मार स्ते ्ुए सुरमि ने ठान मलया कक वो अंग्रेिी सीख कर र्ेंगी।
उन्ोंने रोिाना हदन में कम से कम 10 इंजललश क
े शब्द सीखने शुरू ककए। वो दहवारों पर
मलखकर शब्दों को याद करने लगी। य्ां तक की सपनों में िी वो खुद को अंग्रेिी में बात
करते ्ुए देखने लगी। देखते ्ह देखते उन्ोंने अपनी इस कमिोरह पर काबू पा मलया और
इसक
े बाद उन्ोंने अपने ग्रेिुएशन क
े िस्टड सेमेस्टर में टॉप ककया और इसक
े मलए उन्ें
कॉलेि चांसलर अवािड िी हदया गया। उन्ोंने खुद को क
ु छ बानाने की ठानी। कॉलेि में
प्लेसमेंट क
े दौरान सुरमि को टहसीएस क
ं पनी में िॉब ममल गई, लेककन उन्ोंने ज्वाइन न्हं
ककया। इसक
े बाद उन्ोंने लगातार BARC, ISRO, GTE, SAIL, MPPSC, SSC, FCI और हदल्लह
पुमलस िैसे कई प्रततयोगी परहक्षाओं में िाग मलया और सिी को पास कर मलया।
ऐसे बनीं आईएएस
सिी प्रततयोगी परहक्षाओं को पास करते ्ुए सुरमि गौतम ने साल 2013 में अपने प्ले ्ह
प्रयास में आईईएस की परहक्षा िी पास कर लह। इसमें उनकी ऑल इंडिया िस्टड रैंक आई।
लेककन सुरमि ने अपना लक्ष्य आईएएस बनना तय कर रखा था। इसमलए, उन्ोंने अपनी
तैयारह िारह रखी और साल 2016 में देश का सबसे कहठन माने िाने वाले यूपीएससी
परहक्षा में सुरमि ने अपने प्ले प्रयास में 50वीं रैंक ्ामसल कर लह।
6. सुरमि गौतम ने अपनी एबबमलटह क
े अनुसार खुद को गाइि ककया और प्ले ्ह प्रयास में
आईएएस बनकर लाखों उम्मीदवारों क
े मलए प्रेरिास्त्रोत बन गईं। उन्ोंने अपनी कमिोररयों
को ताकत बनाकर सिलता की नई क्ानी मलखकर दूसरों को बता हदया कक अगर मन में
दृढ संकल्प लेकर ककसी काम को ककया िाए तो क
ु छ िी असंिव न्हं ्ै।आपको सुरमि
गौतम की य् क्ानी क
ै से लगी आप ्में कमेंट बॉक्स में बता सकते ्ैं साथ ्ह अपने
सुझाव िी दिड करा सकते ्ैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-surabhi-gautam-
10888.html