राजस्थान के मयंक ने सिर्फ 21 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा जज बन गये हैं। उन्होंने जज बनने के लिए राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा-2019 में पहला स्थान हासिल किया था। लेकिन मयंक के लिए यह राह आसान नहीं थी।
Success Story Of India’s Youngest Judge Mayank Pratap Singh
1.
2. सिर्
फ 21 िाल की उम्र में देश क
े िबिे युवा जज बने मयंक प्रताप
सिंह की िर्लता की कहानी
हर इंसान क
े जीवन में कोई न कोई लक्ष्य जरूर होता है। कोई उस लक्ष्य को पाने का ससर्
फ
सपना ही देखता रह जाता है तो कोई ददन-रात एक कर क
े उस लक्ष्य को पाने में लगा रहता
है और अपने लक्ष्य को हाससल कर क
े समसाल कायम करता है। इसी तरह का एक कारनामा
कर ददखाया है राजस्थान क
े मयंक ने जो ससर्
फ 21 साल की उम्र में भारत क
े सबसे युवा जज
बन गये हैं। मयंक प्रताप ससंह ने जज बनने क
े सलए हुई राजस्थान न्याययक सेवा भती
परीक्षा-2019 में पहला स्थान हाससल ककया था। लेककन मयंक क
े सलए इस सर्र को तय
करना आसान नहीं था। आइए जानते हैं अब तक क
ै सा रहा है उनक
े जीवन का प्रेरक सर्र।
12-12 घंटे करते थे पढाई
साल 1999 में राजस्थान क
े जयपुर क
े सामान्य पररवार में जन्में मयंक प्रताप ससंह बचपन से
ही पढाई में तेज़ थे। उन्हें पढने-सलखने का बहुत शौक था। उन्होंने अपनी 12वीं तक की
सशक्षा प्राप्त करने क
े बाद साल 2014 में ही राजस्थान ववश्वववद्यालय में पांच साल क
े
एलएलबी कोसफ में दाखखला ले सलया था।
3. उन्होंने 2014 में ही राजस्थान ववश्वववद्यालय क
े पांच वर्षीय ववधि पाठयक्रम की प्रवेश परीक्षा
दी और पहले ही प्रयास में उनका चयन हो गया, वो शुरू से ही जज बनना चाहते थे। उन्होंने
अपना लक्ष्य पहले ही तय कर सलया था। इससलए वो लगातार पढाई कर रहे थे। मीडिया
ररपोर्टफस की मानें तो वो तमाम सोशल मीडिया प्लेटर्ॉमफ से दूर थे। साथ ही अन्य बच्चों से
हटकर वो 12-12 घंटे तक पढाई करते थे। पढाई क
े दौरान उन्हें ददन-रात का पता नहीं चलता
था, उनका क
े वल एक ही लक्ष्य था परीक्षा को पास करना।
पहले ही प्रयाि में पाि की जज की परीक्षा
मयंक अपने लक्ष्य को लेकर इतने ज्यादा क
ें दित थे कक उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में जज
की परीक्षा पास कर ली। उनक
े मन में हमेशा से न्यायलय में लंबबत मामलों को लेकर
उिेड़बुन चलती रहती थी। इससलए वो जज बनकर लोगों को न्याय देना चाहते थे। इसी कड़ी
में उन्होंने अपने कॉलेज क
े समय में ही परीक्षा दी और अपने पहले प्रयास में इस परीक्षा को
पास कर सलया। जजस परीक्षा को पास करने में कई साल लग जाते हैं उसे मयंक ने पहले
प्रयास में पास कर इयतहास रच ददया।
4. उम्र का उठाया र्ायदा
न्याययक सेवा पररक्षाओं में साल 2018 तक आवेदन करने की न्यूनतम उम्र 23 साल ही थी।
लेककन 2019 में राजस्थान हाईकोटफ ने आवेदकों की आयु सीमा घटाकर 21 वर्षफ कर दी थी।
इसी बात का र्ायदा उठाते हुए मयंक ने अपने मेहनत क
े दम पर सबसे कम उम्र क
े जज
होने का गौरव प्राप्त ककया। मयंक क
े सपनों को पूरा करने में उनक
े पररवार का भी पूरा
सहयोग रहा। मयंक अपनी सर्लता का पूरा श्रेय अपने पररवार और सशक्षकों को देते हैं।
उनका मानना है कक इनक
े सहयोग क
े बबना इस परीक्षा को पास कर पाना संभव नहीं था।
उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सर्लता की कहानी सलखी है और आज अपनी तरह
लाखों युवाओं को प्रेररत कर रहे हैं।
लेख क
े बारे में आप अपनी दटप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करक
े दजफ करा सकते हैं।
इसक
े अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में मुजश्कल परेशायनयों का
सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कक स्टाटफअप बबज़नेस को आगे बढाने में आपको एक
पसफनल बबज़नेस कोच का अच्छा मागफदशफन समले तो आपको PSC (Problem Solving Course)
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Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-indias-youngest-
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