1. • Govt Holkar (model, autonomous)
Science college ,Indore (M.P.)
Topic – Vacuoles
Presented by
Name- Snehal choudhary
Class – M.Sc. 2nd sem (Botany)
Guided by
Dr. Sarika Tundele ma’am
3. Introduction
कोशिका की रसधाशियााँ ररक्तिकाएं इकहरी शिल्ली (टोिोप्लास्ट) से शिरी तथा तरल पदाथों से भरी
रचिाएाँ होती हैं। पादप कोशिका में, यह बडे आकार में, जबशक जन्तु कोशिका में ये अिेक और
बहुत ही छोटे आकार में होती है।बहुशियािील ऑर्गेिेल सभी पौधों और कवक की कोशिकाओं में
पाए जाते हैं।।
4. एक झिल्ली से बंधी संरचना है जो कोझिका क
े साइटोप्लाज्मिक मैझटि क्स में पाई जाती है।
रसधानी क
े चारों ओर की झिल्ली को टोनोप्लास्ट क
े रूप में जाना जाता है। रसधानी क
े
घटक, झजसे सेल सैप क
े रूप में जाना जाता है, आसपास क
े साइटोप्लाि भी झभन्न होता है।
झिज्मल्लयां फॉस्फोझलझपड्स से बनी होती हैं। झिज्मल्लयों में प्रोटीन लगे होते हैं जो झिल्ली क
े
पार अणुओं क
े पररवहन में मदद करते हैं।
Structure
6. Types
रासधानी (Sap vacuoles) :- यह बडे क
ें द्रीय अंग हैं जो कोझिका क
े अझधकांि भाग पर
कब्जा करलेते है इस आगेनेल में तरल पदार्थ होता है झजसे सेल सेप या वैक्युुलर सेप क
े रूप
मे जाना जाता है झजसमे पानी, िक
थ रा, खझनज, और अमीनो एझसड जेसी सामग्री होती हैं।।
खाद्य ररज्मिकाए (Food vacuoles) :- एक भोजन ररज्मिका एक फागोसोम ओर एक
लाइसोसोम क
े सलयन से बनी है भोजन रसधानी मे पाचक एं जाइम होते है झजनकी
सहायता से पोषक तत्व पचते है पचे हुए पदार्थ आसपास क
े साइटोप्लास्म मे झनकल जाते
है।।
7. Types
गैस ररज्मिकाए (Gas vacuoles) :- गैस ररज्मिकाएं खोखले बेलनाकार गैस पुझटकाओ से बनी होती
है वे आमतौर पर बैक्टीररया में पाए जाते है और उनमें एक परगम्य झिल्ली होती है जो हवा को
गुजरने देती हैं।
संक
ु चनिील ररज्मिकाएं ( Contractile vacuoles) :- झसक
ु डी हुईरसधानी झिल्ली से बंधे अंग है जो
आमतौर पर झक
ं गडम प्रोझटस्टा (िैवाल, अमीबा, झसझलयएट्स ) सदस्ों क
े बीच पाए जाते हैं, इन
कोझिकाओं मे झसक
ु डी हुई ररज्मिका झविेष रूप से महत्वपूणथ है, क्युों की यह (ऑस्मोरेगुलेिन )
में मदद करता है ।।
8. Function of vacuoles
ररज्मिकाएं उन पोषक तत्वों का स्त्रोत होती हैं, झजन्हे अंक
ु रण क
े दौरान बीज की
आवश्यकता होती है।
पादप कोझिकाओं की ररज्मिका में कोझिका रस (सेल सेप) भरा रहता हैं, जो झक झनझजथव
पदार्थ होता है।
इनमे भोज्य पदार्थ संझचत रहते है, जलीय पौधे की रसधाझनयााँ गैसयुि होकर पौधो को तैरने
में मदद करती हैं।
ररज्मिका कोझिका क
े साइटोंप्लाि की अम्लता को अविोझषत करती हैं।
जन्तु कोझिका में ररज्मिका जल संतुलन का कायथ करती हैं।
9. Conclusion
झवझभन्न प्रकार की कोझिकाओं में पौधो क
े झवकास क
े झवझभन्न चरणों में रसधाझनयो मे
जझटल
आकाररकी होती हैं। जल ओर पोषण जैसी पयाथवरणीय पररज्मथर्झतयों से ररज्मिका
आकररकी
प्रभाझवत होती हैं।।