3. • वैज्ञातिकों क
े अिुसंधािों से आज मािव का
जीवि अत्यंत सरल और आरामदायक बि
पाया है।
• इंटरिेट आज हर क्षेत्र की मााँग और अतिवायत
आवश्यकता बिी है।हर जगह इसका योगदाि
प्रशंसिीय है।
• आज इंटरिेट एक क्ांतत का रूप धारण कर
चुका है।यह एक तिबंध है । इसक
े द्वारा उसक
े
लाभ और हातियों पर प्रकाश डाला गया है।
4.
5. • इसक
े कारण मािव क
े सोच की सीमा बढ गई
है।जीवि को अलग दृष्टेकोण से देखा जा रहा
है।गुरू मशष्यों क
े बातचचत द्वारा सबकी शंका का
तिवारण ककया गया है।
• इंटरिे यािे अिचगित क
ं प्यूटरों क
े कई अंतजातलों
का एक दूसरे से संबंध स्थावपत करिे का जाल
है।
• पहले संपक
त साधि इतिे प्रबल ि होिे क
े कारण
एक समाचार भी दूसरों तक पहुाँचािे में काफ़ी
समय लगता था।
6.
7. • दूरभाष से अपिा काम चलािा पडताथा।इंटरिेट
क
े कारि कम समय में भावचचते,वीडडयो,कोई भी
जािकरी दुतिया क
े ककसी भी कोिे में पहुाँचा
सकते है।
• आज इसक
े बबिा संचार –सूचिा ववभाग कायत
इतिी प्रभावपूणत रूप में कर ि पाता ।
• इसक
े द्वारा हम कोई भी बबल भर पाते हैं।घर
बैठे व्यापार कर सकते हैं।बैककं ग का काम
होगा।िौकरी करिेवालों का काम आसाि बि
गया है।
8.
9.
10. • इंटिेट का और एक महत्वपूणत योगदाि “वीडडयो
कान्फ़रन्स” है।एक जगह बैठकर अलग-अलग देश
या प्रदेश क
े प्रतततिचध दूरदशति क
े परदे पर चचात
कर सकते हैं। ववचार ववतिमय कर सकते हैं।
• हमारे देश मे आई.टी –इन्फ़ारमेशि टैक्िोलजी
और आई.टी.ई.एस यािे इिफ़ारमेशि टैक्िोलजी
एिेबल्ड सववतसेस जैसे संस्थाओं से य संभव हो
पाया है।
• सोशल िेटवकक
िं ग में फ़
े सबुक,आरक
ु ट,मलंकडाइि
जैसे कई साइटस से जािकारी क
े साथ देश की
संस्कृ तत जाि पाते हैं।
11.
12. • प्रगततशील राष्र ई-गविेस यािे ई-प्रशासि से
सरकार क
े कामकाज,अमभलेख जैसे होते हैं वैसे
लोगों तक पहुाँचासकते है-शासि में पारदशी हो
पाते हैम।
• आज मशक्षण,कृ वष,ववज्ञाि, अंतररक्ष,चचककत्सा,
रक्शादलों में इंटरिेट सहायक हो रहा है।
• इतिे सारे लाभों क
े साथ क
ु छ हातियााँ भी
है।गलत इस्तेमाल से फ़्राड, पैरसी,हैककं ग,चोरी,
युवापीढी को गुमराह करिे में भी इसका
उपयोग हो रहा है।
13.
14.
15.
16.
17. • मािव को ववज्ञाि क
े द्वारा प्राप्त देि का
इस्तेमाल समाज,देश क
े ववकास क
े मलए करिा
चाहहए। हर वस्तु क
े अपिेसकारात्मक,िकारात्मक
गुण होगें उन्हें इस्तेमाल करिेवालों क
े कायों पर
उसक
े पररणाम तिभतर करते हैं।
धन्यवाद।