The game of cricket has also changed with the passage of time. From 60-over matches to T20s, from hats to helmets, trousers to track pants, everything has been revamped. There was a time when there was no third umpire and today umpires on the field are ready to help even for the smallest things.
In this article, I am going to talk about the new dimension of technology in the Cricket World Cup today, how technology has now sharpened in a new form, cricket is the favorite game of almost everyone, but you have ever thought at such a speed of 120 minutes Whether the incoming ball hits the pad or not, the most technology is used in cricket for the right decision. We all know that the Empire is also a human being. Do not consider an additional set of eyes to review sensitive decisions no matter how qualified they are. Let us now know about the technology used in cricket ---
Beginners Guide to TikTok for Search - Rachel Pearson - We are Tilt __ Bright...
New dimensions of decision in cricket
1. क्रिके ट में निर्णय के िए आयाम
DIWAKAR
(Student)
S.D.(P.G) College
Muzaffarnagar
2. बीतते समय के साथ क्रिके ट का खेल भी बदल गया है। 60 ओवर के मैच से लेकर
टी20 तक, टोपी से हेलमेट तक, पतलून से ट्रैक पैंट तक, सब नया सा हो गया है।
एक समय था जब कोई तीसरा अम्पायर नहीीं होता था और आज मैदान पर
अींपायर छोटी से छोटी बातों के ललए भी मदद को तैयार रहते हैं।
इस लेख में मैं आज क्रिके ट ववश्वकप में तकनीकी नए आयाम के बारे में बात
करने जा रहा हूीं क्रक टेक्नोलॉजी अब कै से एक नए रूप में ननखर कर आई है
क्रिके ट लगभग सभी लोगों का फे वरेट गेम होता है लेक्रकन आपने कभी सोचा है
ऐसे 120 लमनट रफ्तार से आने वाली गेंद पैड पर टकराई या नहीीं ऐसे मे सही
डडसीजन के ललए क्रिके ट में मोस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग क्रकया जाता है हम सभी
जानते हैं क्रक एींपायर भी इींसान हैं यहाीं तक क्रक वे सींवेदनशील फै सलों की समीक्षा
करने के ललए आँखों के एक अनतररक्त सेट को नहीीं मानते चाहे वे क्रकतने योग्य
हो तो चललए अब जानते हैं क्रिके ट में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी के बारे में
---
3. Decision Review System (DRS)
क्रिके ट के बेहतर ररजल्ट के ललए ICC ने बहुत सारी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
अननवायय कर ददया है जजसमें सबसे बडा बदलाव DRS है आप सबने DRS के बारे
में जरुर सुना होगा |
डीआरएस का मतलब है डडसीजन ररव्यू लसस्टम है जजसे URDS भी कहते हैं
डीआरएस में मुख्य रूप से तीन टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है इसके आधार पर
अींपायर यह तय करता है क्रक बैट्समैन आउट है या नहीीं यह टेक्नोलॉजी तीसरे
अींपायर को स्िीन पर पूरी तस्वीर ददखाता है जजसे वह Reply में बार-बार देखकर
जान सकता है क्रक आखखर On Field अींपायर का फै सला सही है या नहीीं तो इस
तरह अींपायर डीआरएस का इस्तेमाल करके सही फै सला दे सकता है |
4. LED Stamp Bails
आपने देखा होगा वल्डय कप मैच में LED स्टींप बाइल्स का प्रयोग
क्रकया जाता है इस पींप के साइड वाले दोनों स्टींप में लाइदटींग लगी
होती है यह LED स्टींप होते हैं इनकी कीमत बहुत ज्यादा होने की
वजह से उन्हें खास मैच जैसे वल्डय कप में ही प्रयोग क्रकया जाता है
इसकी खास बात यह है क्रक बाल के स्टींप पर जरा सा भी टकराव
की वजह से लाइट ऑटोमेदटक अपने आप खुद ब खुद जलने लगती
है जजससे इनसे ववके टकीपर के स्टींप करने का डडसीजन लेने में
आसानी होती है |
5. STAMP CAMERA
स्टींप कै मरा का इस्तेमाल स्टींप में कै मरा लगा के क्रकया जाता है इस
कै मरे को लमडडल स्टींप में लगाया जाता है इसके अलावा बैट बॉल के
टकराने वाले साउींड के ललए स्टींप के पीछे जमीन में लमनी स्पीकर
का प्रयोग क्रकया जाता है इस टेक्नोलॉजी से रन आउट के बारे में
आसानी से पता लगाया जा सकता है या क्रफर बोलर के हाथ से सीधे
बोल स्टींप से टकराती है तो उसका पता चल जाता है और स्टींप के
पीछे लगे स्पीकर से बैट्समैन को आउट और नॉट आउट के बारे में
पता चलता है |
6. SNICKOMETER
Snickometer का इस्तेमाल बोल और बल्ले के बीच
में सींपकय हुआ है या नहीीं यह जानने के ललए
क्रकया जाता है इस में माइिोफोन के द्वारा यह
तय क्रकया जाता है क्रक आखखर गेंद बल्ले के
क्रकनारे से टकराया है या नहीीं Snickometer का
प्रयोग करके गेंद की हरकत के बारे में आसानी से
पता लगाया जा सकता है इस टेक्नोलॉजी का
इस्तेमाल उस समय पर बहुत अच्छा होता है जब
गेंद बल्ले के बहुत पास होती है गेंद ने बल्ले को
छु आ हुआ है या नहीीं इस बात का पता
Snickometer से लगा सकते हैं इसके ललए स्टींप में
माइिोफोन लगा होता है जो इसको आवाज को
ररकॉडय करता है ऐसे में जब गेंद बल्ले से
टकराएगी तो अलग आवाज आएगी और गेंद
शरीर और पेड से टकराएगी तो अलग आवाज
आएगी जजससे आप Snickometer पर स्पाइक के
द्वारा देख सकते हैं कई बार जब बोल बैट के
बहुत करीब से गुजरती है तो यह टेक्नोलॉजी बहुत
कम आती है अगर बोल बैट से जरा सा भी टच
हुई होगी तो Snickometer बता देगा |
7. Hot Spot
हॉटस्पॉट में दो इींफ्रारेड (Infra-red) कै मरा का इस्तेमाल होता है जो आपको ददखाता
है ब्लैक एींड वाइट में की गेंद है उसने कहाीं-कहाीं पर सींपकय बनाएीं है जैसे क्रक क्या
उसने बल्ले को टच क्रकया या क्रफर क्या उसने पेड को टच क्रकया या शरीर को छु आ
और उस जगह पर वाइट स्पॉट बन जाएगा इसमें यह होता है क्रक जब भी गेंद
बल्ले और क्रकसी अन्य जगह से टकराता है तो वहाीं पर हीट Generate होगी और
जब दहट बनेगी तो उस Spot का तापमान भी बढेगा और है पूरे शरीर के तापमान
से अलग होगा जजससे वह (Infra-red) कै मरा की पकड में आ जाता है और हमें
पता चल जाता है क्रक गेंद ने बल्ले को छु आ है क्रक नहीीं यह टेक्नोलॉजी LBW और
कै च के करीबी मामलों में तस्वीर साफ करती है इस तकनीक में बल्लेबाज की पूरी
तस्वीर काली हो जाती है और जहाीं गेंद टकराती है वह दहस्सा सफे द हो जाता है
जजसे एींपायर एकदम सही ररजल्ट पता लगा सकते हैं |
8. Hawk-Eye
इस टेक्नोलॉजी का प्रथम प्रयोग 21 मई 2001 को लॉर्डयस क्रिके ट ग्राउींड में
इींग्लैंड तथा पाक्रकस्तान के बीच खेले गए टेस्ट मैच में क्रकया गया था.
यह मुख्य रूप से अधधकाींश टेलीववजन नेटवकों द्वारा उडान के दौरान
गेंद की ददशा का पता लगाने के ललए प्रयोग की जाती है. 2008/2009 की
सददययों के मौसम में आईसीसी ने एक रेफरल प्रणाली का परीक्षण क्रकया
जहाँ हॉक-आई (Hawk-Eye) का प्रयोग क्रकसी टीम के क्रकसी एलबीडब्ल्यू
के ननणयय से असहमत होने की दशा में तीसरे अम्पायर के ववचाराथय
भेजने के ललए क्रकया गया था. तीसरा अींपायर गेंद के बल्लेबाज से
टकराने तक तो देख पाता था परन्तु टकराने के बाद गेंद की अनुमाननत
ददशा कै सी होनी चादहए थी, यह नहीीं देख पाता था |
9. Spidercam and Drone
इस टेक्नोलॉजी में स्पाइडर और ड्रोन कै मरे का इस्तेमाल क्रकया गया
है इस कै मरे से आप टॉप एींगल शॉट्यस अच्छे से देख सकते हैं इसका
काम होता है क्रिके ट मैच पर ऊपर नजर रखना यह के वल तार की
हेल्प से एक जगह से दूसरी जगह पर गनत कर सकता है और इसे
Six and Four शॉट्स का ररव्यू हम देख सकते हैं |
10. Pitch Vision
इस टेक्नोलॉजी से बोलर और बैट्समैन दोनों पर नजर रखी जाती है
इस तकनीक से बोलर के गुड लेंथ और शॉटय के बारे में पता लगाया
जाता है इस तकनीक से बोलर और बैट्समैन की कमजोरी का भी
पता लगाया जा सकता है |
11. Ball Spin RPM (Revolutions Per Minute)
इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गेंद को क्रकतना टनय क्रकया गया है
इसके ललए क्रकया जाता है बोल को क्रकतनी स्पीड के साथ फें का
गया है बोल के रोटेशन स्पीड को TV स्िीन पर देखा जा सकता
है| Spin बोलर बोल को क्रकतना टनय करता है बोल बोलर के हाथ
से ननकलने के बाद क्रकतना Spin होती है यह उसे लमनट के
दहसाब से बताता है इसी की वजह से हमें TV पर बोल की रोटेशन
पता चलता है |
12. नियम
1. िया रि-आउट नियम
अनधगनत बार हमने देखा है क्रक पहले बल्ला िीज के
अींदर होता है, क्रफर जैसे ही वह जमीन छोड कर हवा में
उठता है और उसी समय धगजल्लयाँ बबखेर दी जाती हैं,
तो बल्लेबाज़ को आउट करार दे ददया जाता है। लेक्रकन
अब ऐसा नहीीं होगा।
2. लाल कार्ण
फु टबॉल की तरह यहाँ भी अींपायर मैदान पर गींभीर
कदाचार अथवा दहींसा के ललए खखलाडडयों को बाहर भेज
सकता है। इससे यह सुननजश्चत होगा क्रक सज्जनों का
खेल सज्जनों की भाींनत ही खेला जाय।
13. 3. िया र्ीआरएस
अब तक यदद डीआरएस का फै सला अींपायर के ननणयय को
बरक़रार रखने का होता है, तो टीम वो ररव्यु खो देती है ,
अम्पायर का ननणयय तब प्रभाव में आता है जब क्रकसी को सींदेह
का लाभ लमल रहा होता है। कभी-कभी बॉल ट्रैक्रकीं ग तकनीक यह
स्थावपत नहीीं कर पाती है क्रक गेंद पूरी तरह से स्टींप को उखाड
रही है या लसफय छू कर ननकल रही है। उस मामले में, मैदान के
अींपायर पर ननणयय वापस चला जाता है। अब यदद ऐसा होता है,
तो टीम कोई ररव्यु नहीीं खोएगी।
4. िए बल्ले का आकार
टी20 की शुरुआत ने क्रिके ट को बल्लेबाज प्रधान खेल बना ददया
है। वनडे मैचों में भी रनों की बढोतरी हुई है। बल्लेबाज़ अधधक
मोटे और चौडे बल्लों के खेल रहे हैं और उन्हें काफी फायदा भी
लमल रहा है। इसललए यह रोकने के ललए आईसीसी ने बल्ले के
ललए नए आयाम पेश क्रकए हैं। बल्ले की चौडाई 108 लममी तक
सीलमत हो सकती है, 40 लममी के क्रकनारे हो सकते हैं और गहराई
67 लममी की हो सकती है।