उत्तराखंड के तपोवन में आयी आपदा का कारण ग्लेसियर का धसकना नहीं बल्कि ऋषिगंगा के रास्ते को ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना एवं तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के रोकने के कारण आपदा आयी है
1. ऋषिगंगा का रास्ता रोकने से आयी चमोली आपदा
Figure 1 दैनिक जागरण में छपे भरत झुिझुिवाला जी के एक लेख में चमोली आपदा के नवषय में
कहा गया
दिन ांक 10 फरवरी 2021 के िैदनक ज गरण में छपे डॉक्टर भरत झुनझुनव ल के एक लेख में कह
गय दक
Figure 2 भारतीय भूखंड की िींव इंनडयि प्लेट पर नटकी हुयी है जो नहमालय के नखसकिे का
कारण है
भ रत क भूखांड एक भीमक य पत्थर की चट्ट न पर दटक हुआ है दजसे इांदडयन प्लेट कहते हैं यह
प्लेट धीरे-धीरे उत्तर की ओर दखसक रही है जह ां वह दतब्बत की प्लेट से टकर रही है इन िोनों प्लेटों
2. के टकर ने से दहम लय दवशेषकर उत्तर खांड क क्षेत्र भूकांप से पीद़ित रह है दपछले 20 वषों को छो़ि
िें तो लगभग हर 10 वषों के िौर न उत्तर खांड में एक भूकांप आत रह है.
Figure 3 क्या नटहरी बााँध भी एक कारण है भूकं प ि आिे का ?
दपछले 20 वषों में कोई ब़ि भूकांप न आने क क रण यह हो सकत है दक दटहरी ब ांध में प नी के
भ री भांड रण से इन िोनों प्लेटों के टकर व के बीच एक िब व बन गय जो उन्हें टकर ने से रोक रह हां
ह ल ांदक भ रतीय प्लेट उत्तर की ओर दखसक तो रही ही है इसक िब व भी बन रह है और इससे
आने व ले समय में भूकांप की आशांक बनी हुई है.
गत रदवव र को ऋदष गांग में ग्लेदशयर क स्खलन ऐसे टकर व से उत्पन्न कांपन के क रण
हुआ हो सकत है. इसमें ऋदष गांग के नीचे तपोवन दवष्णुगढ़ पररयोजन दक सुरांग बन ने के दलए दकए
गए दवस्फोटों से उत्पन्न कां पन की भूदमक भी हो सकती है यद्यदप वैज्ञ दनकों की र य है दक दवस्फोट
की तरांगे िूर तक नहीं ज ती दफर भी सूक्ष्म तरांगों क ग्लेदशयर पर प्रभ व हमें ज्ञ त नहीं.
3. Figure 4 सनदियों में ग्लेनसयसि का नपघलिा ग्लोबल वानमिंग का पररणाम
म न ज त है दक ग्लोबलव दमिंग के क रण हम रे ग्लेदशयर कमजोर हो रहे हैं इसी क रण यह कह
ज त है दक ऐसी घटन ओांकी आवृदत्त होती रहेगी. हररद्व र से गांग स गर तक क हम र भूखांड इसी
प्रक र के भूस्खलनो से आई दमट्टी को गांग द्व र नीचे ले ज ने से बन इसदलए इस प्रक र की घटन ओां
को पौध रोपण अथव अन्य तरीकों से रोकन सांभव नहीं दिखत दपछले कुछ असे से उत्तर खांड की
त्र सिीयों में जल दवद्युत योजन ओांकी भी भूदमक म नी ज ती है.
Figure 5 रनव चोपड़ा कनमटी िे सुप्रीम कोटि के आदेश पर बताया था नक आपदा से िुकसाि बस
जलनवद्युत पररयोजिा के आस पास हुआ है.
2014 में सुप्रीम कोटट के आिेश पर गदित रदव चोप़ि कमेटी ने बत य थ दक 2013 की आपि में
नुकस न केवल जल दवद्युत पररयोजन ओांके ऊपर और नीचे हुआ है.
4. Figure 6 जल नवद्युत पररयोजिाओंद्वारा िदी के पािी को रोकिे पर घटिाएं घटती हैं.
जल दवद्युत पररयोजन ओांद्व र निी के बह व को रोकने से िुघटटन घटती है यदि ऋदष गांग एवां
तपोवन में बैर ज बन य ज रह होत तो ग्लेदशयर क मलब सहज ही सीधे गांग स गर तक दनकल
ज त और यह त्र सिी न घटती.
Figure 7 2013 में चौराबारी ग्लेनसयर के टूटिे से आयी आपदा भी जल नवद्युत पररयोजिाओंका
पररणाम.
दबलकुल वैसे ही जैसे 2013 में चौर ब री ग्लेदशयर से दनकले मलबे को फ ट वयुांग, दसांगोली भटव री
और श्रीनगर पररयोजन ओांने न रोक होत तो त्र सिी होती ही नहीं इस प्रक र तपोवन दवष्णुगढ़
पररयोजन द्व र मलबे के र स्ते में बन ए गए बैर ज के अवरोध के क रण यह त्र सिी हुई है न दक
5. ग्लेदशयर के फटने के क रण. सांकटग्रस्त तपोवन दवष्णुगढ़ पररयोजन के नीचे दवष्णु घ ट पीपलकोटी
पररयोजन दनम टण धीन है और उसके नीचे श्रीनगर पररयोजन ने अलकनांि क र स्त रोक रख है
अतः आने व ले समय में सांकट के ब िल मांडर ते रहेंगे.
Figure 8 जल नवद्युत पररयोजिाओंद्वारा बिी नबजली महंगी और सौर ऊजाि से निनमित नबजली
सस्ती.
वतटम न में जल दवद्युत पररयोजन एां आदथटक दृदि से अप्र सांदगक हो गई है नई पररयोजन ओांसे दनदमटत
दबजली की कीमत वतटम न में 7 से 10 रुपये प्रदत यूदनट प़ि रही है जो सौर ऊज ट की तुलन में 3 गुनी
है. ह ल ांदक सौर ऊज ट दिन में उत्प दित होती है जबदक दबजली की जरूरत सुबह और श म होती है
दफर भी दिन की ऊज ट को सुबह और श म की ऊज ट में पररवदतटत करने क खचट म त्र 50 पैसे प्रदत
यूदनट आत है इसदलए सुबह और श म की सौर ऊज ट 4 रूपए में आस नी से उपलब्ध हो सकती है
इसके अदतररक्त जल दवद्युत पररयोजन क हम री प ररदस्थदतक पर िुष्प्रभ व प़ित है.
6. Figure 9 िीरी िागपुर िे गंगा, यमुिा और िमिदा में मौजूद लाभकारी फाजों के ऊपर अध्ययि
नकया.
नेशनल एनव यरमेंट इांजीदनयररांग ररसचट इांस्टीट्यूट न गपुर के अनुस र यमुन और नमटि की तुलन में
गांग में फ़ ज न म के व यरस 10 गुन अदधक प ए ज ते हैं इनमें रोग न शक क्षमत होती है गांग के
प नी में त ांब और रेदडयोधमी थोररयम भी प य ज त है जो कीट णुओांको नि करते हैं गांग में ये
दवशेष गुण प नी के पत्थरों से रग़ि कर बहने से उत्पन्न होते हैं जल दवद्युत पररयोजन ओांसे गांग के
प नी क पत्थरों के स थ घषटण सम प्त होत है और मछदलयों की आव ज ही भी ब दधत होती है यदि
इन पय टवरणीय ह दन के मूल्यों को जल दवद्युत के मूल्यों में जो़ि दिय ज ए तो मेरे अनुम न से जल
दवद्युत की उत्प िन ल गत 18 रुपये प्रदत यूदनट आएगी दफर भी सरक र इन पररयोजन ओांके प्रदत
प्रदतबद्ध हो उनके दलए आदथटक दवक स की िुह ई िी ज ती है.
7. Figure 10 उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देिा चानहए. नजिसे रोजगार सृनजत होंगे.
इसक दवकल्प है दक हम उत्तर खांड में सेव क्षेत्र को बढ़ व िें नैनीत ल के प स भव ली में क्षय रोग
के मरीजों के दलए सैदनटोररयम िशकों पहले बन य गय थ इसके पीछे दवच र थ दक वह ां की शुद्ध
और खुली हव से मरीजों को स्व स््य ल भ शीघ्र होग इसी प्रक र हम गांग के दकन रे सॉफ्टवेयर
प कट यूदनवदसटटी, अस्पत ल, कांप्यूटर सेंटर इत्य दि स्थ दपत करें. तब पय टवरण पर भ र भी कम होग
आदथटक दवक स अदधक होग और उच्च वेतन व ले रोजग र के अवसर भी सृदजत होंगे हैर नी है दक
सेव क्षेत्र पर ध्य न िेने के स्थ न पर सरक र जल दवद्युत बढ़ ने पर क्यों सांकदल्पत है इसक क रण
र जनीदतक ल भ भी दिखत है, जैसे भोजन में दपज़्ज अच्छ भले ही लगत हो लेदकन सेहत के दलए
ि ल रोटी ही भली होती है. वतटम न आपि एक चेत वनी भर है यदि हम दहम लय के धसकने व ले
मूल चररत्र पर ध्य न नहीं िेंगे तो इस प्रक र की घटन एां होती रहेंगी आश्चयट है दक प्रकृदत क गुणग न
करने व ली भ रतीय सांस्कृदत गांग जैसी पदवत्र निी के मुक्त बह व को ब दधत कर रही और
8. Figure 11 अमेररका जैसा वाइल्ड एंड नसनिक एक्ट भारत में क्यों िहीं.
भोगव िी कहल ने व ली अमेररकी सांस्कृदत ने व इल्ड एांड दसदनक एक्ट बन य है. इस क नून के तहत
नदियों के दवशेष दहस्से को व इल्ड एांड दसदनक घोदषत कर दिय ज त है. इसके ब ि उन दहस्सों में
पशु चर ने की भी अनुमदत नहीं होती उन्हें दबल्कुल नैसदगटक रूप में रख ज त है अमेररक में कई
जलदवद्युत पररयोजन एां दसफट इसदलए बांि की गई क्योंदक वह ां के लोग बहती निी में नह ने, नौक
चल ने और मछली पक़िने क आनांि लेन च हते थे हमें प्रकृदत की केवल प्रशांस करने के स्थ न पर
उसे व स्तदवक रुप से स क र करन च दहए आदथटक दवक स क प्रकृदत के स थ सांतुलन बन न
च दहए चमोली की आपि हम रे दलए खतरे की घांटी है इसक सांज्ञ न लेकर हमें िेश की सभी नदियों
के मुक्त बह व को सुदनदश्चत करने और उनकी प ररदस्थदतकी बच ने के उप य करने होंगे हमें पृ्वी:
श ांदतर प: श ांदतरोषधय: श ांदत: वनस्पत्य: श ांदत के मांत्र को ईम नि री से ल गू करन होग .