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- 3. मयनि अधधकयि (Human rights)भनेको क
े हो?
व्र्क्ततको क्ििन स्ितन्रतय, समयनतय ि मर्यादयसँग सम्बक्न्धत सिविधयन
तथय अन्र् कयनुनद्ियिय प्रदयन गरिएकय अधधकयि तथय नेपयल पक्ष भएको
मयनि अधधकयिसँग सम्बक्न्ध अन्तियक्रिर् सिधध सम्झौतयमय ननहहत
अधधकयि नै मयनि अधधकयि हो।
मयननस िन्मसयथ प्रयप्त हुने प्रयकृ नतक अधधकयि िस्तै बयच्ने, बोल्ने ि
धयसमाक स्ितन्रतय आहद ि कयनुनी अधधकयिहरुको समक्रि नै मयनि
अधधकयि हो।
- 4. मयनि अधधकयि (Human rights)भनेको क
े हो?
मयननसले मयननसक
ै हैससर्तमय मर्याहदत भएि बयँच्नकय लयगी आिश्र्क पने सबै
अधधकयिहरुलयई मयनि अधधकयि भननन्छ।
मयनि भएको नयतयले प्रयप्त गने प्रयकृ नतक एिि कयनुनी अधधकयिहरु नै मयनि
अधधकयि हुन।
मयननस िन्मनु भन्दय अगयडि देखि मृत्र्ु पियण्त सम्म पयउने नैसधगाक
अधधकयि नै मयनि अधधकयि हो।
र्ो अधधकयि विश्िव्र्यपी अविभयज्र् रुपमय सबैकयलयधग समयन हुन्छ। । र्ो
Human dignity, Human value ि Human relation स्थयवपत गने मयध्र्म हो।
- 5. मयनि अधधकयिको विकयसक्रम
सन १२१५ को Magna Carta लयई मयनि अधधकयिको पहहलो ि अहहले सम्मको अधयि
स्तम्भकय रुपमय िहेको दस्तयिेिको रुपमय सलने गरिन्छ।
सन १६२८ को Declaration of Rights ले क
ु नै पनन व्र्क्ततलयई मनोमयनन गीिफ्तयि गना
नपयउने, शयक्न्तको समर्मय सैननक प्रर्ोग गना नपयउने व्र्िस्थय गदै नयगिीक स्ितन्रतयमय िोि
हदर्ो
सन १६८८ को गौििमर् क्रयक्न्त ि १६८९ को Bill of Rights ले क
ु नै पनन व्र्क्ततलयई क्र
ु ि ि
अमयननिर् रुपमय र्यतनय हदन नपयउने अधधकयिको घोषनय गर्ो
अमेिीकी स्ितन्रतयको घोषनय १७७६ ि मयनि अधधकयिको फ्रयन्सेली घोषनयपर १७८९
सन १८१५ को सभर्नय कयिग्रेसले िनहत्र्य िोतन ि दयस प्रथय तथय दयस व्र्यपयिलयई
ननरुत्सयहहन गना प्रर्त्न गर्ो।
- 6. • सन १९२६ मय दयसत्ि महयसन्धी पयिीत भर्ो।
• सन १९४६ मयनि अधधकयि आर्ो ग ि समहलयहरुको हैससर्त सम्भक्न्ध
आर्यगकय स्थयपनय
• सन १९४८ डि.१० को धयिय ३० मय Declaration of Human Rights ियिी
• सन १९६६ डि, १६ मय नयगिीक तथय ियिनीनतक अधधकयि सम्भक्न्ध
प्रनतज्ञयपर ् ि आधथाक, सयमयिीक तथय सयिस्कृ नतक अधधकयि प्रनतज्ञयपर ियिी
भर्ो
• सन १९९३ मय सभर्नयमय दोस्रो मयनि अधधकयि सम्मेलन,
- 7. मयनि अधधकयिकय ससद्धयन्तहरुुः
विश्िव्र्यपी ि सिाव्र्यपकतय
अविभयज्र्तय
एकरुपतय
विभेदिहहत
अहिर्ीर्तय
स्ितन्रतय
समयनतय
सयमयक्िक न्र्यर्
सहभयधगतय ि समयिेशीकिर्
िियफदेहहतय ि कयनुनी शयसन
- 8. मयनि अधधकयिकय महत्िहरुुः
मयननसलयई मयनि भई सम्मयनपूिाक बयँच्न पयउने अिस्थय कयर्म गना,
मयनिीर् सम्मयन, मर्यादय ि अधधकयिको सििक्षर् गना,
मयनि अक्स्तत्ि, स्ितन्रतय ि समयनतय कयर्म गना,
मयनिको सयमयक्िक, आधथाक, ियिनैनतक तथय सियागीन अधधकयिलयई
स्थयवपत गना,
सयमयक्िक न्र्यर् ि सयमयक्िक समयनतय कयर्म गना,
न्र्यर्पूर्ा ि समतयमुलक समयिको ननमयार् गना,
सभ्र्, सुसिस्कृ त ि हदगो मयनि विकयस ि सम्िृद्धध हयससल गना,
- 9. मयनि अधधकयिको पुस्तेियिी िगीकिर्ुः
पहहलो पुस्तयको अधधकयि(नयगरिक तथय ियिनीनतक अधधकयि)-प्रयकृ नतक
अधधकयिहरु समयिेश गरिएको। िस्तै-स्ितन्रतयको अधधकयि, सुिक्षयको
अधधकयि, गयँस ि ियसको अधधकयि, मतदयनको अधधकयि आहद।
दोस्रो पुस्तयको अधधकयि(आधथाक, सयमयक्िक तथय सयिस्कृ नतक अधधकयि) िस्तै-
िोिगयिीको अधधकयि, सुिमर् िीिनको अधधकयि, विियहको अधधकयि, सन्तयन
उत्पयदनको अधधकयि, भयषय धमा ि सिस्कृ नतको सििक्षर् ि पयलन गने अधधकयि
हरु र्स अन्तगात पछा।
तेस्रो पुस्तयको अधधकयि(सहकयर्ा/समहगत अधधकयि Solidarity Rights) सिगहित
हुने अधधकयि, सिघ सिस्थय िोल्ने अधधकयि, स्िच्छ ियतयििर्मय बस्न पयउने
अधधकयि, विकयसको अधधकयि आहद।
चौथो पस्तयको अधधकयिुः आन्दोलनित विषर्हरु िस्तै स्ियर्त्ततयको अधधकयि,
मृत्र्ुको अधधकयि, समसलङ्गी अधधकयि, आफ्नो अिगउपि आफ्नो नर्न्रर्को
अधधकयि)
- 10. क
े ही सयिभुत मयनि अधधकयिहरुुः
िीिनको अधधकयि
र्यतनय विरुद्धको हक
दयसतयबयि मुक्तत
स्िच्छ सुनुियईको हक
असभव्र्क्ततको स्ितन्रतय
विचयि, चेतनय ि धमाको स्ितन्रतय
हहििुलको स्ितन्रतय
- 11. भयिी पुस्तयकय मयनि अधधकयिुः
ियतयििर् सििक्षर्,
सयिस्कृ नतक धिोहि सििक्षर् गनुा,
अन्तियक्रिर्, क्षेत्ररर् ि ियक्रिर्स्तिमय शयक्न्त स्थयपनय तथय र्ुद्धकी
अन्त्र्
- 12. मयनि अधधकयिकय सम्िन्धमय विश्िव्र्यपी
व्र्िस्थयहरु/प्रर्यसहरुुः
कयनुनी व्र्िस्थयहरुुः
सिर्ुतत ियरि सिघीर् मयनि अधधकयिको विश्िव्र्यपी घोषर्यपर, १९४८
नयगिीक तथय ियिनैतीक अधधकयि सम्बक्न्ध अन्तियक्रिर् प्रनतज्ञयपर, १९६६
अधथाक सयमयक्िक तथय सयँस्कृ नतक अधधकयि सम्िक्न्ध अन्तियक्रिर् प्रनतज्ञयपर, १९६६
सबै ककससमकय ियनतर् भेदभयि उन्मुलन गना सम्िक्न्धत अन्तियक्रिर् महयसक्न्ध,१९६५
महहलय विरुद्ध हुने सिै ककससमकय भेदभयि उन्मुलन सिक्न्ध महयसक्न्ध,१९७९
समहलयहरुको ियिनीनतक अधधकयि सम्िक्न्ध महयसक्न्ध, १९५२
बयल अधधकयि सम्िक्न्ध महयसक्न्ध, १९८९
सिस्थयगत व्र्िस्थयहरुुः
अन्तियक्रिर् न्र्यर्लर्
मयनि अधधकयि अर्ोग, मयनि अधधकयि परिषद
मयनि अधधकयि क्षेरमय कयम गने अन्तियक्रिर् सिघ सस्थयहरु िस्तै UNHCHR, UNO,
ICRC
- 13. नेपयलमय मयनि अधधकयिको विकयसुः
नेपयलमय मयनि अधधकयिको विकयसुः नेपयलको पहहलो सिहहतयिद्ध कयनुनको रुपमय िहेको वि.स
१९१० को मलकी ऐनमय छोिो/बडय सिैलयई कसुि अनुसयिको समयन सियर् घोषर्य गरिएको भएतय
पनन ियनतपयनत ि िर्ाव्र्िस्थयपन आधयरित सयमयक्िक द्दर्यर्को अिधयिर्य कयर्मिहेको धथर्ो।
ियर्यकयलमय नयगिीक अधधकयिको िहयलीको लयगी विसभन्न अन्दोलनहरु भए।
वि.स २००४ को िैधयननक कयनुनमय िैर्क्ततक स्ितन्रतय, ियक स्ितन्रतय, प्रकयसन स्ितन्रतय,
सभय ि सिघसिस्थयको स्ितन्रतय िस्तय मयनि अधधकयिको व्र्िस्थय गरिएको भएतयवपन कयर्यान्िर्न
हुन सक
े न।
वि.स २००५ मय सभय सम्मेलन सम्िक्न्ध ऐन, २००६ मय व्र्क्ततगत स्ितन्रतय ऐन (बन्दी
प्रत्र्क्षीकिर्को अधधकयि), २०१२ मय नयगरिक अधधकयि ऐन ियिी भए।
अन्तरिम शयसन विधयन, २००७ ि नेपयलको सिविधयन् २०१९ मय मयनि अधधकयको दयर्िमय सक
ु चन
भए पनन अन्र् सिविधयनले र्स पक्षयमय प्रर्यप्त िोि हदएको देखिन्छ।
- 14. नेपयलमय मयनि अधधकयिको सििक्षर् ि सम्िद्ाधनकय
लयगी भएकय पनछल्लय प्रर्यसहरुुः
१.नेपयलको सिविधयन,२०७२
प्रस्तयिनयमै मयनि अधधकयिप्रनत प्रत्र्भुती िनयएको छ ।
व्र्यपक मैसलकहकहरुको व्र्िस्थय सिगै ियज्र्कय नीनत ननदेशन
सद्धयन्तहरुबयि समेत मयनि अधधकयिमय िोि हदइएको।
मयनि अधधकयि आर्ोगलयई सििैधयननक अिगकय रुपमय भयग-२५ को धयिय
२४८ मय व्र्िस्थय गिी र्सको सििक्षर् ि सिम्िद्ाधनमय उच्च
प्रयथसमकतय हदइएको।
- 15. २. कयनुनी व्र्िस्थयहरुुः
मयनि अधधकयि आर्ोर् ऐन, २०५३
ियक्रिर् मयनि अधधकयि आर्ोर् ऐन, २०६८
नयगरिक अधधकयि ऐन, २०१२
र्यतनय तथय क्षनतपुनता सम्िक्न्ध ऐन, २०५३
बोतसी(कसुि तथय सियर् )सम्िक्न्ध ऐन, २०७२।
मुलुकी ऐन, २०२०
मयनि बेचवििन ऐन, २०६४
सक्न्ध ऐन, २०४७ मयफ
ा त सक्न्धहरु नेपयलको कयनुन सिह लयगु हुने ि
नेपयल कयनुन सँग बयखझएमय सक्न्धको व्र्िस्थय प्रभयिकयिी हुने व्र्िस्थय।
- 16. ३. सिस्थयगत व्र्िस्थयहरुुः
ियक्रिर् मयनि अधधकयि आर्ोर्
महहलय आर्ोग, दसलत आर्ोग,समयिेशी आर्ोग
गृह मन्रयलर्, नेपयल प्रहिी
अदयलतहरु
महयन्र्यर्धधिततय
सत्र् ननरुपर् तथय मेलसमलयप आर्ोग
- 17. ४. कयर्ाक्रमगत व्र्िस्थयहरु
भेदभयिपुर्ा कयनुनी व्र्िस्थयहरु बदि घोवषत गरिए,
प्रहिी तथय सेनय मयनि अधधकयि एकयईको व्र्िस्थय,
प्रधयनमन्री कयर्यालर् मयतहतमय मयनि अधधकयि प्रिद्ाधन क
े न्रको स्थयपनय,
करिि दुई दिान भन्दय ि९ मयनि अधधकयि सम्िक्न्ध अतियक्रिर् अनुबन्ध
तथय महयसनेधधहरु अनमोदन गरिए
मयनि अधधकयि सशक्षय, िनचेतनयमुलम नयिक, कयर्ाक्रम ि प्रचयिप्रसयि
मयनि बेचवििन तथय ओसयिपसयि ननर्न्रर्
- 18. नेपयलमय मयनि अधधकयिको विद्र्मयन अिस्थयुः
१.सकयियत्मक पक्षहरु
सयिाभौमसत्तय ि ियिकीर्सत्तय िनतयमय ननहहत गियउँदै नयगरिक सिोच्चतय ि
स्ितन्रतयको कदि गरिएको,
ितामयन सिविधयन मयफ
ा त सिै प्रकयिको भेदभयि, शोषन ि अन्र्यर्को अन्तर् गने
वप्रतद्धतय व्र्तत गरिएको,
नेपयललयई भयवषक, धयसमाक ढिगले ननिपेक्ष तुल्र्यइएको,
समयिेशी ि समयिियद उन्मुि नेपयल ियज्र्को अभ्र्ुदर् भएको,
उपचयिको व्र्िस्थय ससहत मौसलक हकहरु मयफ
ा त व्र्यपक मयनि अधकयिलयई
समेहिएको, -
स्ितन्र, ननरपक्ष ि सक्षम अदयलतको मयन्र्तयलयई अत्मयसयत गिीएको,
ियक्रिर् मयनि अधधकयि आर्ोगलयई छ
ु ट्िै सििैधयननक ननमयर्को रुपमय मयन्र्तय ि
स्थयवपत
भएको,
मयनि अधधकयिकय विषर्लयई अनत महत्िसयथ उियन गरिएको।
- 19. २.नकयियत्मक पक्षहरु
ितामयन सिविधयनमय मैसलक हकबयि मयनि अधधकयिको अिधयिर्यलयई
समेिेको भएपनन कयर्यान्िर्नमय उदयससनतय िहेको,
कयनूनी ियज्र्को अभयि िहेको
ियिनैनतक हस्तक्षेप िहेको
शोषर्िहहत समयिको स्थयपनय हुन नसक
े को
अपियधमय ियिनीनतकिर् ि ियिनीनतमय अपियधधकिर् भएको हुनयले
सयमयक्िक भेदभयिको अिस्थय कयर्म िहनु
सिगहित अपियध बढदै गएको
- 20. मयनि अधधकयि आर्ोगकय कयर्ाक्षेर
मयनि अधधकयि सििक्षर् गने कयर्ामय भएकय प्रगनत ि सिकयिी
प्रनतिद्धतय कयर्यान्िर्नक अनुगमन गने
मयनि अधधकय उलिघनकय घिनयक तहकककयत िय छयनविन गने
मयनि अधधकयि सम्बक्न्ध कयनुनको पुनियिलोकन ि सिकयि
समक्ष कयिियहीकयलयधग ससफयरिस गने
मयनि अधधकयि उलिघनकतयालयई कयिियहीकयलयधग ससफयरिस
गने ि आिश्र्कतय अनुसयि मुद्दय दयर्ि गने ।