Narasimham Committee - स्वतंत्रता के बाद के भारत में मैदावोलु नरसिम्हन (Maidavolu Narasimham) यकीनन सबसे शक्तिशाली बैंकर हैं । मैदावोलु नरसिम्हन की अध्यक्षता वाली दो समितियों - वित्तीय प्रणाली समिति (1991) और बैंकिंग क्षेत्र सुधारों समिति (1998) – की रिपोर्ट बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों और बैंकिंग नीति की किसी भी चर्चा के लिए मूलभूत दस्तावेज बने हुए हैं। उन्हें बैंक विलय, नई पीढ़ी के निजी बैंकों के उद्भव और संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी जैसी ऐतिहासिक घटनाओं की नींव रखने का श्रेय भी दिया जाता है ।
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Narasimham Committee (Hindi)
1. नर#स%हम स#म)त
"वतं&ता क
े बाद क
े भारत म/ मैदावोलु नर5स7हन (Maidavolu Narasimham) यक:नन सबसे शि=तशाल> ब?कर
ह? । मैदावोलु नर5स7हन क: अBयCता वाल> दो स5मDतयE - 1व3ीय 6णाल: स<म>त (1991) और बEFकं ग JेL सुधारO
स<म>त (1998) – क: HरपोटK ब?Lकं ग Cे& क
े सुधारE और ब?Lकं ग नीDत क: Lकसी भी चचाK क
े 5लए मूलभूत द"तावेज
बने हुए ह?। उVह/ ब?क Wवलय, नई पीढ़> क
े Dनजी ब?कE क
े उ[भव और संपW पुनDनKमाKण क
ं पनी जैसी ऐDतहा5सक
घटनाओं क: नींव रखने का bेय भी cदया जाता है ।
नर<सRहम स<म>त – 6थम Vया है?
• नर5स7हम स5मDत (1991) ने माना Lक वाhणिiयक ब?कE क
े Wवीय संसाधन आम जनता से आते ह? और
ब?कE क
े भरोसे पर रखे जाते ह? और जमाकताKओं क
े लाभ क
े 5लए ब?क फ
ं ड का उपयोग यथासंभव अnधकतम
सीमा तक Lकया जाना चाcहए ।
• इस धारणा का ताpपयK यह था Lक सामािजक ब?Lकं ग, गर>बी उVमूलन, और इसी तरह क
े 5लए ब?क DनnधयE
का उपयोग करने क: आड़ म/ राrs>यकृ त ब?कE क: शोधन Cमता, "वा"uय और दCता को खतरे म/ डालने
वाला सरकार का कोई vयवसाय नह>ं था ।
• नतीजतन, नर5स7हम स5मDत ने भारत क
े ब?Lकं ग Cे& म/ तीन बड़े बदलावE को लागू करने क: शुwआत क::
a. एक Dनि{चत "तर क
े पHरचालन लचीलेपन का आ{वासन
b. ब?कE को अपनी DनणKय लेने क: }L~याओं म/ आंतHरक "वायता
c. ब?Lकं ग पHरचालनE म/ vयावसाDयकता म/ वृ[nध
ऐ>तहा<सक प[र6ेय
• 1991 म/ जब भारत ने अपनी अथKvयव"था को उदार बनाया, तो यह महसूस Lकया गया Lक ब?क कमजोर
}दशKन कर रहे ह? ।
• आnथKक संकट क
े दौरान, यह माना गया Lक ब?क अथKvयव"था म/ एक महpवपूणK भू5मका Dनभाते ह?, और इस
}कार ब?Lकं ग Cे& को अnधक }Dत"पध‚ और }भावी होने क: आव{यकता थी ।
• डॉ. मनमोहन <संह क
े नेतृpव म/ Wव मं&ालय ने नर<सRहम स<म>त क: "थापना क: , स5मDत को भारत क
े
ब?Lकं ग Cे& और सुधारE क: 5सफाHरश ।
2. • नर5स7हम स5मDत – }थम 14 अग"त, 1991 को भारत सरकार [वारा Dनयु=त नौ सद"यीय स5मDत थी ।
मैदावोलु नर5स7हम को स5मDत क
े अBयC क
े „प म/ Dनयु=त Lकया गया था। नर5स7हम 2 मई 1977 से
30 नवंबर 1977 तक, वह भारतीय Hरज़वK ब?क (RBI) क
े 13व/ गवनKर थे ।
• 16 नवंबर, 1991 को स5मDत ने अपनी HरपोटK सरकार को सŽपी । 17 cदसंबर, 1991 को संसद म/ HरपोटK
पेश क: गई ।
नर<सRहम स<म>त कa <सफा[रशd
SLR और R
R
C मd कमी
• स5मDत ने 5सफाHरश क: Lक सां1वeधक तरलता अनुपात (SLR) और नकद आरiJत अनुपात (CRR) क
े
उkच अनुपात को कम Lकया जाना चाcहए।
• उस समय, ये दोनE अनुपात बेहद उ’च थे। उस समय SLR 38.5 }Dतशत था और CRR 15 }Dतशत था
• SLR और CRR क: बड़ी मा&ा क
े कारण, ब?क क
े संसाधन सरकार> उपयोग क
े 5लए बंद कर cदए गए थे।
• यह ब?क क: उpपादकता म/ बाधा थी, इस5लए स5मDत ने धीरे-धीरे कमी क: 5सफाHरश क:।
• SLR को 38.5 }Dतशत से घटाकर 25 }Dतशत और CRR को 15 }Dतशत से घटाकर 3 से 5 }Dतशत
Lकया जाना चाcहए।
>नदm<शत n
े oडट कायqnम (Directed Credit Programme) को चरणबrध तर:क
े से समाsत करना
• राrs>यकरण क
े बाद से, भारत सरकार ने Dनद•5शत ~
े –डट कायK~मE को लागू Lकया है। स5मDत ने 5सफाHरश
क: Lक इस कायK~म को चरणब[ध तर>क
े से समा—त Lकया जाए।
• इस कायK~म ने ब?कE को Hरयायती ˜याज दरE पर ज„रतमंद और गर>ब Cे&E क
े 5लए धन अलग रखने क
े
5लए मजबूर Lकया । =यELक यह ब?क क: लाभ}दता को कम कर रहा था, स5मDत ने 5सफाHरश क: Lक इस
कायK~म को बंद कर cदया जाए।
tयाज दर का >नधाqरण
• स5मDत का मानना था Lक भारत म/ ˜याज दरE को सरकार [वारा Dनयं™&त और Dनयं™&त Lकया जाता है ।
• ˜याज दर का DनधाKरण बाजार क: ताकतE जैसे धन क: मांग और आपूDतK क
े आधार पर Lकया जाना चाcहए
• पHरणाम"व„प, स5मDत ने सरकार> ˜याज दर Dनयं&णE को समा—त करने और }ाथ5मकता Cे& क
े 5लए
Hरयायती ˜याज दरE को धीरे-धीरे समा—त करने क: 5सफाHरश क: ।
बEFकं ग JेL का संरचनाvमक पुनगqठन
• नर5स7हम स5मDत (1991) ने ब?Lकं ग कायš म/ दCता बढ़ाने क
े 5लए Wवलय और अnध›हण क
े माBयम से
सावKजDनक Cे& क
े ब?कE क: संœया म/ उ•लेखनीय कमी का }"ताव रखा।
3. • एसबीआई समेत तीन या चार बड़े ब?कE को अंतरराrs>य "तर क
े होने चाcहए।
• पूरे देश म/ शाखाओं क
े vयापक नेटवक
K क
े साथ आठ से दस ब?क राrs>य ब?क होने चाcहए।
• शेष Cे&ीय ब?कE क
े „प म/ एक Wव5शrट Cे& तक सी5मत संचालन क
े साथ बने रहना चाcहए।
• आरबीआई को नए Dनजी Cे& क
े ब?कE क: "थापना क: अनुमDत तब तक देनी चाcहए जब तक वे Vयूनतम
"टाटK-अप पूंजी और अVय आव{यकताओं को पूरा करते ह?।
• सरकार को यह घोषणा करनी चाcहए Lक अब और ब?कE का राrs>यकरण नह>ं Lकया जाएगा।
• 1वदेशी बEकO को भारत म/ पूणK "वा5मpव वाल> या सहायक क
ं पDनयE क
े „प म/ शाखाएं खोलने क: अनुमDत
है। इससे उpपादकता बढ़ेगी।
• Wवदेशी ब?कE और भारतीय ब?कE को vयापार> और Dनवेश ब?Lकं ग म/ संयु=त उ[यम बनाने क: अनुमDत है।
• चूंLक देश म/ पहले से ह> ›ामीण और अधK-शहर> शाखाओं का एक नेटवक
K था, ब?Lकं ग आदत को फ
ै लाने क
े
ल य क
े साथ लाइस/5संग शाखाओं क: }णाल> को चरणब[ध Lकया जाना चाcहए। ब?कE को जहां भी उnचत
लगे, शाखाएं खोलने क: अनुमDत द> जानी चाcहए।
AFR xयायाeधकरण कa yथापना
• उन cदनE सावKजDनक Cे& क
े ब?कE और Wवकास Wवीय सं"थानE क
े खराब ऋणE और गैर->न{पा|दत संप13यO
(NPA) का अनुपात था बहुत ह> संबंnधत।
• स5मDत ने एक एसेट [रक
ं y~Vशन फ
ं ड (ARF) क
े >नमाqण का 6yताव रखा।
• यह फ
ं ड ब?कE और Wवीय सं"थानE क
े खराब और संcद¦ध ऋणE क
े एक cह"से को ›हण करेगा। इससे ब?कE
को खराब कजK से छ
ु टकारा पाने म/ मदद 5मलेगी।
दोहरे >नयंLण को हटाना
• ब?क उस समय भारतीय HरजवK ब?क (RBI) और Wव मं&ालय क
े ब?Lकं ग }भाग क
े दोहरे Dनयं&ण म/ थे।
• इसने माना और 5सफाHरश क: Lक RBI भारत म/ ब?Lकं ग का एकमा& }ाथ5मक Dनयामक है।
बEकO को अeधक yवतंLता
ब?कE क
े कामकाज म/ सुधार क
े 5लए नर5स7हम स5मDत (1991) 5सफाHरश क: है Lक:
• }pयेक ब?क "वतं& और "वाय है ।
• आंतHरक „प से }Dत"पध‚ बनने क
े 5लए और हो रहे vयापक नवाचारE क
े साथ बने रहने क
े 5लए }pयेक
ब?क को कायK }ौ[योnगक: और सं"कृ Dत म/ आमूल-चूल पHरवतKन करना चाcहए ।
• अDत-WवDनयमन और अDत-}शासन से बचना चाcहए, और आंतHरक लेखापर>Cा और Dनर>CणE पर अnधक
भरोसा करना चाcहए ।
4. • आंतHरक }शासन क
े संबंध म/ सरकार या आरबीआई [वारा जार> Wव5भVन cदशाDनद•शE को ब?क क: "वतं&ता
और "वायता क
े संदभK म/ माना जाना चाcहए।
• ब?क क
े सीईओ और Dनदेशक मंडल क: Dनयुि=त राजनीDतक WवचारE क
े बजाय vयावसाDयकता और ईमानदार>
पर आधाHरत होनी चाcहए।
नर<सRहन स<म>त पर सरकार: कारqवाई - 1991 से, सरकार ने नर5स7हन स5मDत क: 5सफाHरशE क
े आधार पर
Dन7न5लhखत उपायE को लागू Lकया है:
SLR और CRR कम करना
• उ’च SLR और CRR क
े पHरणाम"व„प ब?क क
े मुनाफ
े को नुकसान हुआ। SLR को 1991 मd 38.5
6>तशत से घटाकर 1997 मd 25 6>तशत कर |दया गया था । पHरणाम"व„प, ब?कE क
े पास अब कृ Wष,
उ[योग, vयापार और अVय Cे&E को आवं|टत करने क
े <लए अeधक धन है ।
• नकद आर¨Cत अनुपात (CRR) आरबीआई क
े पास ब?क क: क
ु ल जमा रा5श का नकद अनुपात है। CRR
को 1991 मd 15% से घटाकर जून 2003 म/ 4.1 }Dतशत कर cदया गया था। इसका ल य RBI [वारा रखे
गए धन को मुVत करना है ।
• आरबीआई ने वाhणिiयक ब?कE म/ vयावसाDयकता "थाWपत करने क
े 5लए WववेकपूणK मानकE को लागू करना
शु„ कर cदया है।
• WववेकपूणK मानदंडE का उ[दे{य यह सुDनि{चत करना है Lक वाhणिiयक ब?कE क: बcहयां आय, पHरसंपW
वग‚करण और खराब ऋणE क
े 5लए }ावधान क
े उnचत }कट>करण क: आव{यकता क
े [वारा उनक: Wवीय
ि"थDत क: एक सट>क और सह> त"वीर दशाKती ह?।
• WववेकपूणK cदशाDनद•शE क
े अनुसार ब?कE को सभी गैर-Dनrपाcदत आि"तयE (एनपीए) क
े 5लए पूणK }ावधान
करने क: आव{यकता होती है।
• इस उ[दे{य क
े 5लए Wव पोषण wपये पर DनधाKHरत Lकया गया है। 10,000 करोड़, िजसे दो साल क: अवnध
म/ चरणब[ध Lकया जाएगा।
पूंजी पयाqsतता मानदंड Capital Adequacy Norms (CAN)
• पूंजी पयाqsतता अनुपात Vयूनतम पूंजी-से-जोhखम-पHरसंपW अनुपात है ।
• अ}ैल 1992 म/, RBI ने CAN को 8% पर सेट Lकया। माचK 1996 तक, सभी सावKजDनक Cे& क
े ब?कE ने
8% अनुपात हा5सल कर 5लया था। Wवदेशी ब?कE ने भी इसे हा5सल Lकया।
5. tयाज दरO का अ1व>नयमन
• नर5स7हन स5मDत ने बाजार क: शि=तयE को ˜याज दरE को DनधाKHरत करने क: अनुमDत देने क: वकालत
क: । 1992 से ˜याज दर/ बहुत सरल और अnधक मु=त हो गई ह? ।
• वाhणिiयक ब?कE को अब जमा ˜याज दरE को DनधाKHरत करने क: "वतं&ता है, जो Vयूनतम ªलोर रेट और
अnधकतम सी5लंग दरE क
े अधीन है।
• घरेलू सावnध जमा ˜याज दरE को अWवDनय5मत कर cदया गया है।
• जमा और अn›मE पर सभी सहकार> ब?कE क: ˜याज दरE को 13% क: Vयूनतम उधार दर क
े अधीन
WवDनय5मत Lकया गया है।
ऋणO कa वसूल:
भारत सरकार ने "बEकO और 1व3ीय संyथानO क
े कारण ऋणO कa वसूल: अeध>नयम 1993" को सुWवधाजनक
बनाने और उसम/ तेजी लाने क
े 5लए अnधDनय5मत Lकया । छह Wवशेष वसूल> Vयायाnधकरण "थाWपत Lकए
गए । इसक
े अलावा, मुंबई म/ एक अपील:य xयायाeधकरण yथा1पत Fकया गया ।
नए >नजी JेL क
े बEकO से 6>तyपधाq
• ब?Lकं ग Dनजी Cे& क
े 5लए उपल˜ध है। Dनजी Cे& क
े नए ब?कE ने पहले ह> पHरचालन शु„ कर cदया है।
• इन नए Dनजी Cे& क
े ब?कE को Wवदेशी सं"थागत DनवेशकE से 20% तक और अDनवासी भारतीयE से 40%
तक पूंजी योगदान बढ़ाने क: अनुमDत है। नतीजतन, }Dत"पधाK बढ़ गई है।
पूंजी बाजार तक पहुंच
• अeधŽहण और हyतांतरण अeध>नयम म/ संशोधन Lकया गया ताLक ब?कE को सावqज>नक पेशकशO क
े मा•यम
से पूंजी जुटाने कa अनुम>त <मल सक
े । यह इस शतK क
े अधीन है Lक क
/ « सरकार क: धाHरता 6द3 पूंजी
क
े 51 6>तशत से कम नह:ं होनी चा|हए ।
संचालन कa yवतंLता
• पूंजी पयाK—तता और WववेकपूणK लेखांकन मानकE को पूरा करने क
े बाद, अनुसूnचत वाhणिiयक ब?कE को नई
शाखाएं खोलने और ए=सट/शन काउंटरE को अप›ेड करने क: अनुमDत द> गई है।
• ब?कE को अvयवहायK शाखाओं को बंद करने क: भी अनुमDत है जो ›ामीण Cे&E म/ ि"थत नह>ं ह?।
6. yथानीय JेL बEक (एलएबी)
• 1996 म/, RBI ने "थानीय Cे& ब?कE (LABs) क: "थापना क
े 5लए cदशाDनद•श जार> Lकए, और इसने Dनजी
Cे& म/ सात LABs क: "थापना को मंजूर> द>।
• एलएबी ›ामीण बचत को जुटाने और उVह/ "थानीय Dनवेश म/ लगाने म/ मदद कर/गे।
वा•णि’यक बEकO का पयqवेJण
• ब?क और Wवीय सं"थान पयKवेCण को मजबूत करने क
े 5लए, आरबीआई ने एक सलाहकार पHरषद क
े साथ
Wवीय पयKवेCण बोडK क: "थापना क:।
• 1993 म/, RBI ने वाhणिiयक ब?क पयKवेCण क
े 5लए एक "वतं& इकाई क
े „प मd पयqवेJण 1वभाग क
े ”प
मd जाना जाने वाला एक नया 1वभाग yथा1पत Fकया।
>न{कषq
नर5स7हम स5मDत - }थम (1991) क: 5सफाHरश/ कई मायनE म/ ~ांDतकार> थीं, और उनका Wवरोध sेड यूDनयनE,
क
/ « सरकार क
े Wव मं&ालय और जाcहर तौर पर }गDतशील अथKशाि"&यE ने Lकया, जो आम तौर पर सावKजDनक
Cे& क
े ब?कE का समथKन करते थे। दूसर> ओर, सरकार ने नर5स7हम स5मDत (1991) क: कई 5सफाHरशE को "वीकार
कर 5लया I