5. हहन्दी साहहत्य की स्वातिंत्र्योत्तर
प्रगनतशील का काव्यधारा के
शीर्षस्थ व्यक्ततत्व । गजानन
माधव मुक्ततबोध का जन्म13
नविंबर1927 को हुआ। आप एक
कहानीकार एविं समीक्षक थे।
6. तात्काललक लाभ के ललए
अक्स्तत्व नष्ट करना। प्रलोभ
में पूरी तरह फँ स जाना।
7. "पक्षी और दीमक" मुक्ततबोध की
कहानी है। इसमें एक नौजवान पक्षी
अपना पिंख देकर दीमक खरीदने की
कहानी है। अपने पररवार वालों के
उपदेश को वह नकारता है। अिंत में
पिंख सब नब्ट होने पर वह षववश
होता है।
8. दीमकों को इकट्ठा करके उसके
बदले व्यापारी से पिंख वापस लेने
का षवफल प्रयास वह करता है।
लेककन वह धोखा खाता है। अिंत में
पक्षी एक काली बबल्ली की चपेट में
आ जाता है।
9. ऊपर से देखने पर यह कहानी एक
फािंट सी सा लगता है। लेककन
कहानी की गहराई पर जाते वतत
हम समझ सकते हैं कक यह फािंट
सी नहीिं, बक्ल्क वतषमान
वास्तषवकता है। शोर्ण के इस
ज़माने में यह कहानी बबलकु ल
प्रासिंगगक है।
10. नौजवान लोग बबना सोचे-समझे
प्रलोभन में फिं स जाते हैं और
अपना अक्स्तत्व खोते हैं।