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हार्ट की बीमारी में बड़े काम की है-एं जियोग्राफी िांच
कोरोना काल क
े बाद हार्ट की बीमारी बढ़ गयी है। गैर संक्रामक बीमारी (एनसीडी) में क
ैं सर क
े बाद सबसे
ज्यादा मौत हृदय की बीमारी से होती हैं। बीमारी से बचाव क
े ललए डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव क
े साथ
व्यायाम की सलाह देते हैं। लेलकन लक्षण लदखने हॉस्पिर्ल क
े डॉक्टसट एं लजयोग्राफी र्ेस्ट (
angiography test in hospital) की भी सलाह देते है
अगर आपको छाती और सीऩे में ददट रहऩे क
़े साथ हफनी की समस्या बनी रहती है तो फ
़े जिक्स
हॉस्पिर्ि स़े संपक
ट करऩे क
़े साथ हमाऱे कॉजडटयोिॉजिस्ट क
़े साथ एक परामर्ट की तारीख तय करें।
हमें कॉि करें - +91 9667064100।
एं जियोग्राफी क्या है (What is Angiography in Hindi) :
एं लजयोग्राफी (Angiography) एक प्रकार का र्ेस्ट है। लजसमे एक्स-रे तकनीक की मदद से मानव शरीर
लवलभन्न अंगों की जांच होती है। र्ेस्ट में शरीर क
े लजस लहस्से की जांच करनी होती है तो उसे एक्सरे क
े द्वारा
देखते हैं। लजस दौरान उस लहस्से की ब्लड वेसेल्स में एक अपारदशी पदाथट इंजेक्ट करते हैं। लजससे उस
लहस्से क
े अंदर की चीज िष्ट लदखाई दे।
कोरोनरी एं लजयोग्राफी(Coronary Angiography) में लदल की रक
् त वालहकाओं को देखने क
े ललए एक्स-रे
इमेलजंग का उपयोग करते हैं। कोरोनेरी एं लजयोग्राफी को समझने से पहले एं लजयोग्राफी को समझना
(meaning of Angiography in hindi) आवश्यक है। जब एक्सरे तकनीक से हार्ट की आर्टरीज में डाई को
इंजेक्ट कराकर हार्ट क
े ब्लड फ्लो को जांचते है लक कोरोनरी आर्टरीज में कोई ब्लॉक
े ज है या नहीं तो इस
र्ेस्ट को कोरोनरी एं लजयोग्राफी कहा जाता हैं। र्ेस्ट को एं लजओग्राम भी कहा जाता हैं । कोरोनेरी
एं लजयोग्राफी को समझने से पहले एं लजयोग्राफी को समझना जरूरी है। एं लजयोग्राफी(Angiography) में
रेलडयोधमी तत्व या डाई का प्रयोग करते हैं। इनकी मदद से रक
् त वालहनी नललकाओं को एक्स-रे द्वारा
साफ देख सकते हैं। लडलजर्ल सबस्टरेक्शन एं लजयोग्राफी तकनीक से क
ं प्यूर्र, धमलनयों की पीछे क
े दृश्य को
गायब करता है लजससे लचत्र और ज्यादा साफ लदखाई पड़ता है। तकनीक का प्रयोग रक
् त वालहकाओं में
अवरोध होने की स्पथथलत में पर करते हैं। इसकी सहायता से हृदय की धमनी में लकसी रुकावर् का पता
चलता है। एअवरोलधत धमलनयों का पता चलने क
े बाद डॉक्टर उन धमलनयों को एं लजयोप्लास्टी
(Angioplasty) द्वारा खोलते हैं। उपचार क
े बाद रोगी क
े हृदय की बंद धमलनयों में खून का प्रवाह सामान्य
होता है। मरीज को आराम लमलता है। इससे हृदयाघात और हृदय संबंलधत क
े उपचार में मदद होती है।
जांच से पहले मरीज कोएनेथथीलसया देते है।लफर आवश्यक उपकरणों से एं लजयोग्राफी जांच (Angiography
test) होती है।
जकतऩे प्रकार की होती है एं जियोग्राफी (Types Of Angiography)
 क
ं प्यूऱ्ेड र्ोमोग्राफी एं जियोग्राफी (Computed Tomography Angiography):
क
ं प्यूर्ेड र्ोमोग्राफी एं लजयोग्राफी में रक्त वालहकाओं की लवस्तृत स्पथथलत जानने क
े ललए सीर्ी स्क
ै नर का
उपयोग करते हैं। डॉक्टर एक्स-रे क
ै थेर्र, क
ं प्यूर्ेड र्ोमोग्राफी, मैग्नेलर्क रेजोनेंस इमेलजंग (एमआरआई) का
उपयोग करता है।
 कोरोनरी एं जियोग्राफी (Coronary Angiography):
कोरोनरी एं लजयोग्राफी में लवशेष डाई का उपयोग करते हैं। इसमें देखने क
े ललए एक्स-रे करते है लक हृदय में
मौजूद धमलनयों से रक्त क
ै से बह रहा होता है।
 जडजिर्ि सबर्ऱेक्शन एं जियोग्राफी(Digital Subtraction Angiography):
लडलजर्ल सबर्रेक्शन एं लजयोग्राफी एक फ्लोरोस्कोपी तकनीक होती है। इसमें हड्डी में िष्ट दृश्य प्राप्त करने
क
े ललए इंर्रवेंशनल रेलडयोलॉजी का उपयोग करते हैं।
 मैग्ऩेजर्क ऱेिोनेंस एं जियोग्राफी (Magnetic Resonance Angiography):
मैग्नेलर्क रेजोनेंस एं लजयोग्राफी में शरीर की रक्त वालहकाओं का दृश्य लेने क
े ललए रेलडयो तरंगों और
क
ं प्यूर्र की मदद से शरीर का स्क
ै न करते हैं।
 पल्मोनरी एं जियोग्राम (Pulmonary angiogram):
पल्मोनरी एं लजयोग्राम में फ
े फड़ों की रक्त वालहकाओं की जांच होती है। एक िष्ट दृश्य प्राप्त करने क
े ललए
डाई का उपयोग करते हैं।
 ऱेजडयोन्यूक्लाइड एं जियोग्राम (Radionuclide Angiography):
रेलडयोन्यूक्लाइड एं लजयोग्राम में न्यूस्पक्लयर मेलडलसन प्रलक्रया होती है। लजसे ऊतकों की सही से जांच करने क
े
ललए करते हैं।
 ऱेनि एं जियोग्राम (Renal Angiography):
रेनल एं लजयोग्राम में यह एक तरह का इमेज र्ेस्पस्टंग होता है। इसमें लकडनी की वेसल्स की जांच होती है।
क्या एं जियोग्राफी का कोई दुष्प्रभाव होता है (Side Effects of Angiography)
 स्टर ोक होना
 लदल का दौरा पड़ना
 धमलनयों को चोर्
 अलनयलमत लदल की धड़कन होना
 डाई या अन्य दवाओं क
े कारण एलजी
 लकडनी को नुकसान पहंचना
 लगातार खून बहना
 संक्रमण होना
क
ै स़े होती है एं जियोग्राफी (How is Angiography done) :
एं लजयोग्राफी (Angiography) में शरीर क
े लजस लहस्से की जांच की जाती है उसे एक्सरे क
े द्वारा देखते है।
यह र्ेस्ट यह बताता है की शरीर में ब्लड फ्लो और ब्लड सप्लाई हो पा रही या नहीं। र्ेस्ट में एक से दो घंर्े
का समय लगता है। र्ेस्ट क
े बाद पांच घंर्े का आराम करना होता है। र्ेस्ट पूरा होने क
े बाद क
े थेर्र ट्यूब
को लनकल लेते हैं। उस जगह रुई से दबाते है। लजससे खून न बहे। कई बार लहस्से को भरने क
े ललए र्ांक
े
लगाए जाते हैं। पट्टी या डरेलसंग भी की जाती है। हृदय क
ै थीर्ेराइजेशन से लदल और रक
् त वालहलनयों की
स्पथथलत का पता लगाकर इलाज करते हैं। कोरोनरी एं लजयोग्राफी (Coronary Angiography) प्रलक्रया लदल
की स्पथथलत का पता लगाती है। जो हृदय की क
ै थेर्र प्रलक्रया का सबसे आम प्रकार होती है। कोरोनेरी
एं लजयोग्राफी (Angiography) करने क
े ललए लवशेष प्रकार की डाई रोगी क
े लदल की रक
् त वालहकाओं
मेंडालते है। डाई को एक्स-रे मशीन की सहायता से देख सकते है। एक्स-रे मशीन तेजी से रोगी की रक
् त
वालहकाओं क
े अंदर जाकर दृछलवयों की श्ृंखला बनाती है। छलवयों की इस सीरीज को एं लजयोग्राम्स कहां
जाता हैं। अगर जरूरत महसूस होती है तो डॉक्टर कोरोनेरी एं लजयोग्राफी(Angiography) क
े दौरान ही
एं लजयोप्लास्टी (angioplasty) करते हैं। इसक
े ललए डॉक
् र्र रोगी क
े हाथ या कमर को सुन्न करने वाली दवा
एनेसथीलसया देते है।कालडटयोलोलजस्ट क
ै थेर्र नामक पतली खोखली ट्यूब को धमनी क
े माध्यम डालता है।
यह हृदय की तरफ स्पखसकाता जाता है। लफर एक्स-रे लफल्म लचलकत्सक को क
ै थेर्र की सही स्पथथलत बनाने में
मदद पहंचती हैं। जब क
ै थेर्र सही थथान पर पहंचता है तो डाई को क
ै थेर्र में छोड़ देते हैं। अब एक्स-रे
लफल्म धमनी क
े माध्यम से डाई की गलतलवलध को देखकर खाका तैयार करती है। इसक
े बाद डाई रक
् त
प्रवाह में लकसी रुकावर् को उजागर कर लदखाती है। इसमें एक घंर्ा लगता है।
एं जियोग्राफी क
़े जिए क
ै स़े तैयारी करें (how to Prepare for Angiography) :
 एं लजयोग्राफी (Angiography) अिताल क
े क
ै थीर्ेराइजेशन लैब में होती है। इसललए अिताल पहंचकर जांच
करानी होती है।
 एं लजयोग्राफी (Angiography) र्ेस्ट में करीब दो घंर्े लगता है। इस उसी लहसाब से तैयारी करनी चालहए।
लजससे जांच क
े समय पर अिताल पहंचा जा सक
े ।
 एं लजयोग्राफी (Angiography) जांच क
े ललए अिताल जाते समय अपने आभूषण यानी की ज्वेलरी घर पर ही
रखकर जाएं । इससे जांच क
े दौरान परेशानी नहींहोती है।
 एं लजयोग्राफी (Angiography) से पहले डॉक्टर क
ु छ क
ु छ भी न खाने क
े साथ क
ु छ भी नहीं पीने की सलाह देते
हैं। इसललए बेहतर होगा की लबना खाए और लपए जांच क
े ललए घर से लनकले।
 अगर लकसी व्यस्पक्त की पुरानी बीमारी का इलाज चल रहा है तो डॉक्टर से एं लजयोग्राफी जांच (Angiography
test)कराने से पहले एक बार सलाह लेनी चालहए।
 अगर लकसी मरीज को मधुमेह है, तो डॉक्टर से पूछना चालहए लक लक क्या एं लजयोग्राफी (Angiography) से
पहले इंसुललन और ओरल मेलडक
े शन लेना चालहए। लबना डॉक्टर की सलाह पर कोई भी दवा नहीं लेनी
चालहए।
हार्ट की बीमारी िानि़ेवा होती है। इसजिए इिाि और समय स़े िांच करवाना िरूरी है।
एं जियोग्राफी (Angiography) क
़े जिए आप हमाऱे डॉक्टर की भी सिाह ि़े सकत़े हैं। फ
़े जिक्स
हॉस्पिर्ि स़े संपक
ट करऩे क
़े साथ हमाऱे कॉजडटयोिॉजिस्ट क
़े साथ एक परामर्ट की तारीख तय
करें। हमें कॉि करें - +91 9667064100।
हार्ट की बीमारी बचऩे क
़े जिए समय पर िरूरी एं जियोग्राफी िांच है (To Avoid Heart Disease, Timely
Angiography Test Is Necessary) :
बदलती जीवनशैली क
े कारण हृदय संबंधी बीमाररयां तेजी बढ़ी है। कोरोना महामाही क
े बाद तो बुजुगट ही
नहीं कम उम्र क
े लोग भी हार्ट अर्ैक की जद में आ रहे हैं। ललहाजा लदल से जुड़ी परेशानी क
े ललए की जाने
वाली तरह-तरह की सजटरी भी बढ़ती जा रही हैं। बदलती जीवनशैली क
े कारण हार्ट अर्ैक का खतरा बना
रहता है। अगर बीपी, शुगर, कोलेस्टरॉल, मोर्ोपे का लशकार है हार्ट की बीमारी होने का खतर बढ़ जाता है।
अगर आपको छाती और सीने में ददट रहने क
े साथ हफनी की समस्या बनी रहती है तो जांच जरूर करानी
चालहए। बदलती जीवनशैली में अनहेल्दी खाना और बहत कम लफलजकल एस्पक्टलवर्ी। लोग हृदय संबंधी
समस्या से परेशान हैं। क
ु छ लोग सीढ़ी चढ़ने, भारी सामान उठाने में परेशान होते हैं। सीने और छाती में
भारीपन से नींद गायब हो रही है। बीपी, शुगर, कोलेस्टरॉल, मोर्ापे से कई लोगों को अलधकतर रात में हार्ट
अर्ैक हो रहा है।
एं जियोग्राफी ऱ्ेस्ट की प्रजिया (Process of Angiography Test) :
एं लजयोग्राफी र्ेस्ट (Angiography test) की प्रलक्रया लोकल एनेथथीलसया क
े माध्यम से बाह या जांघ को सुन्न
करक
े होती है। लफर बाद बांह या जांघ क
े अंदर क
ै थेर्र और तार डालकर उसकी धमलनयों में आये
अवरोधों को पता लगाते हैं। इससे अवरोध की स्पथथलत का पता चलता है लक अवरोध लकतना बड़ा और
उसकी स्पथथलत क
ै सी हैं। इस अवरोध को िष्ट रूप से देखने क
े ललए एक्सरे लफल्म बनाते है। बेहतर इमेज क
े
ललए डाई इस्तेमाल करते है। एं लजयोग्राफी (Angiography) क
े साथ सीधे मॉनीर्र पर देखते हए अवरोध को
बैलून डालकर खोलते हैं। इस प्रलक्रया में लगभग छह से 12 घंर्े भी लग सकते हैं। लेलकन आपको र्ेस्ट
करवाने से पहले डॉक्टर द्वारा लदए गए लदशा लनदेशों को पालण करना होता है। वहीं रेलडयल एं लजयोग्राफी
(Angiography) में धमनी की एं लजयोग्राफी बांह क
े पास से जांच करते है। इस तकनीक से न तो खून क
े
ररसाव होता है और न रोगी को लम्बे समय क
े ललये लेर्ना होता है। जांच क
े बाद रोगी मरीज जल्द अपने
घर जाता है। अपने पैरों पर चलता है। इस जांच को करने से पहले मरीज को सलाह दी जाती है लक वह
आठ घण्टे पहले क
ु छ भी नहीं खाए। बेहतर होता है की खाली पेर् ही जांच क
े ललये हॉस्पिर्ल आए । जबलक
इस जांच में एक्सरे लकरण क
े प्रभाव से बचाने क
े ललये गभटवती को यह परीक्षण न कराने की लहदायत दी
जाती है। लजससे होने वाले बच्चे को नुकसान नहीं हो।
कोरोऩेरी एं जियोग्राफी क्योंकी िाती है (Why Is Coronary Angiography Done) :
 एनजाइना पर करते है ।
 एनजाइना गंभीर होने पर या एनजाइना बार-बार होने पर करते है।
 सीने में तीव्र ददट करते है।
 लदल की सजटरी होने पर करते है।
 कोरोनरी धमनी रोग का जोस्पखम होने पर करते है।
 लदल की लवफलता करते है।
 लदल का दौरा पड़ने पर करते है।
ह्रदय रोग स़े बचाव क
़े जकए इन बातों का रख़े ध्यान (Keep These Things In Mind To
Prevent Heart Disease) :
 कोलेस्टर ॉल लेवल लनयंलत्रत रखें।
 लनयलमत चेकअप कराए।
 तनाव न लें।
 लचंता न करें।
 गुस्से को काबू में रखें।
 ब्लड प्रेशर को लनयंलत्रत करें।
 डायलबर्ीज को लनयंलत्रत रखें।
 वजन को संतुललत रखें।
इन चीिोंस़े बनाए दू री (Keep Distance From These Things)
 स्मोलक
ं ग लबलक
ु ल नहींकरें।
 दौड़भाग नहींकरें।
 अलधक वजन न उठाएं ।
 फास्टफ
ू ड और लचकनाई वाले खाने से परहेज करें।
ह्रदय रोगी है तो खानपान का रख़े ध्यान (If You Are A Heart Patient Then Take Care Of Your Diet) :
हार्ट पेशेंर् को लचंता रहती है क्या खाएं और क्या नहीं। ह्रदय रोलगयों को वसा युक्त पदाथट यानी घी, तेल से
दू री बनाए रखनी चालहए। सही खाने पीने से ही कोलेस्टरॉल लनयंलत्रत रहता है। इसललए क
ै लोरी, वसा,
कोलेस्टरॉल, सोलडयम लेने की मात्रा को ध्यान में रखकर सेवन करना चालहए। लदल क
े मरीज डॉक्टर की
सलाह लेकर अपना डाइर् चार्ट भी जरूर बनवाएं ।
जनष्कर्ट (Conclusion) :
आर्टरी और वींस में ब्लॉक
े ज से बचाव क
े ललए स्वस्थ्य जीवनशैली को अपना बहत जरूरी होता है। कोरोना
महामारी क
े बाद से उन लोगों क
े हार्ट में ब्लॉक
े ज की समस्या देखी है, जो स्वथथ लाइफस्टाइल जीते हैं।
वायरस से हार्ट में हए ब्लड क्लॉर् की वजह ऐसा होने क
े संभावना होती है। यह समस्या सभी उम्र क
े लोगों
को होती है। कई बार ब्लॉक
े ज की वजह से हार्ट अर्ैक आता है। इसक
े क
े स भी काफी बढ़े हैं। इसललए
अच्छा खानपान क
े साथ एक्सरसाइज क
े ललए प्रलतलदन समय लनकाले। तंबाक
ू युक्त खाद्य पदाथों का सेवन
लबलक
ु ल भी नहीं करना चालहए। अगर कोई भी ऐसा नहीं करेंगे तो इस हार्ट की बीमारी की संभावना कम
होगी। अगर लफर भी आपको परेशानी बढ़ रही हो तो आप हमारी कालडटयोलॉजी र्ीम से हॉस्पिर्ल नॉएडा
में (heart hospital in noida) लमल सकते हैं |
Resouce: https://www.felixhospital.com/blogs/what-is-angiography-in-hindi
.For more Details:
Address: Paras Tierea, Sector 137, Noida, Uttar Pradesh -201305
Mob +91 9667064100
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  • 1. हार्ट की बीमारी में बड़े काम की है-एं जियोग्राफी िांच कोरोना काल क े बाद हार्ट की बीमारी बढ़ गयी है। गैर संक्रामक बीमारी (एनसीडी) में क ैं सर क े बाद सबसे ज्यादा मौत हृदय की बीमारी से होती हैं। बीमारी से बचाव क े ललए डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव क े साथ व्यायाम की सलाह देते हैं। लेलकन लक्षण लदखने हॉस्पिर्ल क े डॉक्टसट एं लजयोग्राफी र्ेस्ट ( angiography test in hospital) की भी सलाह देते है अगर आपको छाती और सीऩे में ददट रहऩे क ़े साथ हफनी की समस्या बनी रहती है तो फ ़े जिक्स हॉस्पिर्ि स़े संपक ट करऩे क ़े साथ हमाऱे कॉजडटयोिॉजिस्ट क ़े साथ एक परामर्ट की तारीख तय करें। हमें कॉि करें - +91 9667064100। एं जियोग्राफी क्या है (What is Angiography in Hindi) : एं लजयोग्राफी (Angiography) एक प्रकार का र्ेस्ट है। लजसमे एक्स-रे तकनीक की मदद से मानव शरीर लवलभन्न अंगों की जांच होती है। र्ेस्ट में शरीर क े लजस लहस्से की जांच करनी होती है तो उसे एक्सरे क े द्वारा
  • 2. देखते हैं। लजस दौरान उस लहस्से की ब्लड वेसेल्स में एक अपारदशी पदाथट इंजेक्ट करते हैं। लजससे उस लहस्से क े अंदर की चीज िष्ट लदखाई दे। कोरोनरी एं लजयोग्राफी(Coronary Angiography) में लदल की रक ् त वालहकाओं को देखने क े ललए एक्स-रे इमेलजंग का उपयोग करते हैं। कोरोनेरी एं लजयोग्राफी को समझने से पहले एं लजयोग्राफी को समझना (meaning of Angiography in hindi) आवश्यक है। जब एक्सरे तकनीक से हार्ट की आर्टरीज में डाई को इंजेक्ट कराकर हार्ट क े ब्लड फ्लो को जांचते है लक कोरोनरी आर्टरीज में कोई ब्लॉक े ज है या नहीं तो इस र्ेस्ट को कोरोनरी एं लजयोग्राफी कहा जाता हैं। र्ेस्ट को एं लजओग्राम भी कहा जाता हैं । कोरोनेरी एं लजयोग्राफी को समझने से पहले एं लजयोग्राफी को समझना जरूरी है। एं लजयोग्राफी(Angiography) में रेलडयोधमी तत्व या डाई का प्रयोग करते हैं। इनकी मदद से रक ् त वालहनी नललकाओं को एक्स-रे द्वारा साफ देख सकते हैं। लडलजर्ल सबस्टरेक्शन एं लजयोग्राफी तकनीक से क ं प्यूर्र, धमलनयों की पीछे क े दृश्य को गायब करता है लजससे लचत्र और ज्यादा साफ लदखाई पड़ता है। तकनीक का प्रयोग रक ् त वालहकाओं में अवरोध होने की स्पथथलत में पर करते हैं। इसकी सहायता से हृदय की धमनी में लकसी रुकावर् का पता चलता है। एअवरोलधत धमलनयों का पता चलने क े बाद डॉक्टर उन धमलनयों को एं लजयोप्लास्टी (Angioplasty) द्वारा खोलते हैं। उपचार क े बाद रोगी क े हृदय की बंद धमलनयों में खून का प्रवाह सामान्य होता है। मरीज को आराम लमलता है। इससे हृदयाघात और हृदय संबंलधत क े उपचार में मदद होती है। जांच से पहले मरीज कोएनेथथीलसया देते है।लफर आवश्यक उपकरणों से एं लजयोग्राफी जांच (Angiography test) होती है। जकतऩे प्रकार की होती है एं जियोग्राफी (Types Of Angiography)  क ं प्यूऱ्ेड र्ोमोग्राफी एं जियोग्राफी (Computed Tomography Angiography): क ं प्यूर्ेड र्ोमोग्राफी एं लजयोग्राफी में रक्त वालहकाओं की लवस्तृत स्पथथलत जानने क े ललए सीर्ी स्क ै नर का उपयोग करते हैं। डॉक्टर एक्स-रे क ै थेर्र, क ं प्यूर्ेड र्ोमोग्राफी, मैग्नेलर्क रेजोनेंस इमेलजंग (एमआरआई) का उपयोग करता है।
  • 3.  कोरोनरी एं जियोग्राफी (Coronary Angiography): कोरोनरी एं लजयोग्राफी में लवशेष डाई का उपयोग करते हैं। इसमें देखने क े ललए एक्स-रे करते है लक हृदय में मौजूद धमलनयों से रक्त क ै से बह रहा होता है।  जडजिर्ि सबर्ऱेक्शन एं जियोग्राफी(Digital Subtraction Angiography): लडलजर्ल सबर्रेक्शन एं लजयोग्राफी एक फ्लोरोस्कोपी तकनीक होती है। इसमें हड्डी में िष्ट दृश्य प्राप्त करने क े ललए इंर्रवेंशनल रेलडयोलॉजी का उपयोग करते हैं।
  • 4.  मैग्ऩेजर्क ऱेिोनेंस एं जियोग्राफी (Magnetic Resonance Angiography): मैग्नेलर्क रेजोनेंस एं लजयोग्राफी में शरीर की रक्त वालहकाओं का दृश्य लेने क े ललए रेलडयो तरंगों और क ं प्यूर्र की मदद से शरीर का स्क ै न करते हैं।  पल्मोनरी एं जियोग्राम (Pulmonary angiogram): पल्मोनरी एं लजयोग्राम में फ े फड़ों की रक्त वालहकाओं की जांच होती है। एक िष्ट दृश्य प्राप्त करने क े ललए डाई का उपयोग करते हैं।
  • 5.  ऱेजडयोन्यूक्लाइड एं जियोग्राम (Radionuclide Angiography): रेलडयोन्यूक्लाइड एं लजयोग्राम में न्यूस्पक्लयर मेलडलसन प्रलक्रया होती है। लजसे ऊतकों की सही से जांच करने क े ललए करते हैं।  ऱेनि एं जियोग्राम (Renal Angiography): रेनल एं लजयोग्राम में यह एक तरह का इमेज र्ेस्पस्टंग होता है। इसमें लकडनी की वेसल्स की जांच होती है। क्या एं जियोग्राफी का कोई दुष्प्रभाव होता है (Side Effects of Angiography)  स्टर ोक होना  लदल का दौरा पड़ना  धमलनयों को चोर्  अलनयलमत लदल की धड़कन होना  डाई या अन्य दवाओं क े कारण एलजी  लकडनी को नुकसान पहंचना  लगातार खून बहना  संक्रमण होना क ै स़े होती है एं जियोग्राफी (How is Angiography done) : एं लजयोग्राफी (Angiography) में शरीर क े लजस लहस्से की जांच की जाती है उसे एक्सरे क े द्वारा देखते है। यह र्ेस्ट यह बताता है की शरीर में ब्लड फ्लो और ब्लड सप्लाई हो पा रही या नहीं। र्ेस्ट में एक से दो घंर्े का समय लगता है। र्ेस्ट क े बाद पांच घंर्े का आराम करना होता है। र्ेस्ट पूरा होने क े बाद क े थेर्र ट्यूब को लनकल लेते हैं। उस जगह रुई से दबाते है। लजससे खून न बहे। कई बार लहस्से को भरने क े ललए र्ांक े लगाए जाते हैं। पट्टी या डरेलसंग भी की जाती है। हृदय क ै थीर्ेराइजेशन से लदल और रक ् त वालहलनयों की स्पथथलत का पता लगाकर इलाज करते हैं। कोरोनरी एं लजयोग्राफी (Coronary Angiography) प्रलक्रया लदल की स्पथथलत का पता लगाती है। जो हृदय की क ै थेर्र प्रलक्रया का सबसे आम प्रकार होती है। कोरोनेरी एं लजयोग्राफी (Angiography) करने क े ललए लवशेष प्रकार की डाई रोगी क े लदल की रक ् त वालहकाओं मेंडालते है। डाई को एक्स-रे मशीन की सहायता से देख सकते है। एक्स-रे मशीन तेजी से रोगी की रक ् त वालहकाओं क े अंदर जाकर दृछलवयों की श्ृंखला बनाती है। छलवयों की इस सीरीज को एं लजयोग्राम्स कहां जाता हैं। अगर जरूरत महसूस होती है तो डॉक्टर कोरोनेरी एं लजयोग्राफी(Angiography) क े दौरान ही एं लजयोप्लास्टी (angioplasty) करते हैं। इसक े ललए डॉक ् र्र रोगी क े हाथ या कमर को सुन्न करने वाली दवा एनेसथीलसया देते है।कालडटयोलोलजस्ट क ै थेर्र नामक पतली खोखली ट्यूब को धमनी क े माध्यम डालता है।
  • 6. यह हृदय की तरफ स्पखसकाता जाता है। लफर एक्स-रे लफल्म लचलकत्सक को क ै थेर्र की सही स्पथथलत बनाने में मदद पहंचती हैं। जब क ै थेर्र सही थथान पर पहंचता है तो डाई को क ै थेर्र में छोड़ देते हैं। अब एक्स-रे लफल्म धमनी क े माध्यम से डाई की गलतलवलध को देखकर खाका तैयार करती है। इसक े बाद डाई रक ् त प्रवाह में लकसी रुकावर् को उजागर कर लदखाती है। इसमें एक घंर्ा लगता है। एं जियोग्राफी क ़े जिए क ै स़े तैयारी करें (how to Prepare for Angiography) :  एं लजयोग्राफी (Angiography) अिताल क े क ै थीर्ेराइजेशन लैब में होती है। इसललए अिताल पहंचकर जांच करानी होती है।  एं लजयोग्राफी (Angiography) र्ेस्ट में करीब दो घंर्े लगता है। इस उसी लहसाब से तैयारी करनी चालहए। लजससे जांच क े समय पर अिताल पहंचा जा सक े ।  एं लजयोग्राफी (Angiography) जांच क े ललए अिताल जाते समय अपने आभूषण यानी की ज्वेलरी घर पर ही रखकर जाएं । इससे जांच क े दौरान परेशानी नहींहोती है।  एं लजयोग्राफी (Angiography) से पहले डॉक्टर क ु छ क ु छ भी न खाने क े साथ क ु छ भी नहीं पीने की सलाह देते हैं। इसललए बेहतर होगा की लबना खाए और लपए जांच क े ललए घर से लनकले।  अगर लकसी व्यस्पक्त की पुरानी बीमारी का इलाज चल रहा है तो डॉक्टर से एं लजयोग्राफी जांच (Angiography test)कराने से पहले एक बार सलाह लेनी चालहए।  अगर लकसी मरीज को मधुमेह है, तो डॉक्टर से पूछना चालहए लक लक क्या एं लजयोग्राफी (Angiography) से पहले इंसुललन और ओरल मेलडक े शन लेना चालहए। लबना डॉक्टर की सलाह पर कोई भी दवा नहीं लेनी चालहए। हार्ट की बीमारी िानि़ेवा होती है। इसजिए इिाि और समय स़े िांच करवाना िरूरी है। एं जियोग्राफी (Angiography) क ़े जिए आप हमाऱे डॉक्टर की भी सिाह ि़े सकत़े हैं। फ ़े जिक्स हॉस्पिर्ि स़े संपक ट करऩे क ़े साथ हमाऱे कॉजडटयोिॉजिस्ट क ़े साथ एक परामर्ट की तारीख तय करें। हमें कॉि करें - +91 9667064100। हार्ट की बीमारी बचऩे क ़े जिए समय पर िरूरी एं जियोग्राफी िांच है (To Avoid Heart Disease, Timely Angiography Test Is Necessary) : बदलती जीवनशैली क े कारण हृदय संबंधी बीमाररयां तेजी बढ़ी है। कोरोना महामाही क े बाद तो बुजुगट ही नहीं कम उम्र क े लोग भी हार्ट अर्ैक की जद में आ रहे हैं। ललहाजा लदल से जुड़ी परेशानी क े ललए की जाने वाली तरह-तरह की सजटरी भी बढ़ती जा रही हैं। बदलती जीवनशैली क े कारण हार्ट अर्ैक का खतरा बना रहता है। अगर बीपी, शुगर, कोलेस्टरॉल, मोर्ोपे का लशकार है हार्ट की बीमारी होने का खतर बढ़ जाता है।
  • 7. अगर आपको छाती और सीने में ददट रहने क े साथ हफनी की समस्या बनी रहती है तो जांच जरूर करानी चालहए। बदलती जीवनशैली में अनहेल्दी खाना और बहत कम लफलजकल एस्पक्टलवर्ी। लोग हृदय संबंधी समस्या से परेशान हैं। क ु छ लोग सीढ़ी चढ़ने, भारी सामान उठाने में परेशान होते हैं। सीने और छाती में भारीपन से नींद गायब हो रही है। बीपी, शुगर, कोलेस्टरॉल, मोर्ापे से कई लोगों को अलधकतर रात में हार्ट अर्ैक हो रहा है। एं जियोग्राफी ऱ्ेस्ट की प्रजिया (Process of Angiography Test) : एं लजयोग्राफी र्ेस्ट (Angiography test) की प्रलक्रया लोकल एनेथथीलसया क े माध्यम से बाह या जांघ को सुन्न करक े होती है। लफर बाद बांह या जांघ क े अंदर क ै थेर्र और तार डालकर उसकी धमलनयों में आये अवरोधों को पता लगाते हैं। इससे अवरोध की स्पथथलत का पता चलता है लक अवरोध लकतना बड़ा और उसकी स्पथथलत क ै सी हैं। इस अवरोध को िष्ट रूप से देखने क े ललए एक्सरे लफल्म बनाते है। बेहतर इमेज क े ललए डाई इस्तेमाल करते है। एं लजयोग्राफी (Angiography) क े साथ सीधे मॉनीर्र पर देखते हए अवरोध को बैलून डालकर खोलते हैं। इस प्रलक्रया में लगभग छह से 12 घंर्े भी लग सकते हैं। लेलकन आपको र्ेस्ट करवाने से पहले डॉक्टर द्वारा लदए गए लदशा लनदेशों को पालण करना होता है। वहीं रेलडयल एं लजयोग्राफी (Angiography) में धमनी की एं लजयोग्राफी बांह क े पास से जांच करते है। इस तकनीक से न तो खून क े ररसाव होता है और न रोगी को लम्बे समय क े ललये लेर्ना होता है। जांच क े बाद रोगी मरीज जल्द अपने घर जाता है। अपने पैरों पर चलता है। इस जांच को करने से पहले मरीज को सलाह दी जाती है लक वह आठ घण्टे पहले क ु छ भी नहीं खाए। बेहतर होता है की खाली पेर् ही जांच क े ललये हॉस्पिर्ल आए । जबलक इस जांच में एक्सरे लकरण क े प्रभाव से बचाने क े ललये गभटवती को यह परीक्षण न कराने की लहदायत दी जाती है। लजससे होने वाले बच्चे को नुकसान नहीं हो। कोरोऩेरी एं जियोग्राफी क्योंकी िाती है (Why Is Coronary Angiography Done) :  एनजाइना पर करते है ।  एनजाइना गंभीर होने पर या एनजाइना बार-बार होने पर करते है।  सीने में तीव्र ददट करते है।  लदल की सजटरी होने पर करते है।  कोरोनरी धमनी रोग का जोस्पखम होने पर करते है।  लदल की लवफलता करते है।  लदल का दौरा पड़ने पर करते है।
  • 8. ह्रदय रोग स़े बचाव क ़े जकए इन बातों का रख़े ध्यान (Keep These Things In Mind To Prevent Heart Disease) :  कोलेस्टर ॉल लेवल लनयंलत्रत रखें।  लनयलमत चेकअप कराए।  तनाव न लें।  लचंता न करें।  गुस्से को काबू में रखें।  ब्लड प्रेशर को लनयंलत्रत करें।  डायलबर्ीज को लनयंलत्रत रखें।  वजन को संतुललत रखें। इन चीिोंस़े बनाए दू री (Keep Distance From These Things)  स्मोलक ं ग लबलक ु ल नहींकरें।  दौड़भाग नहींकरें।  अलधक वजन न उठाएं ।  फास्टफ ू ड और लचकनाई वाले खाने से परहेज करें। ह्रदय रोगी है तो खानपान का रख़े ध्यान (If You Are A Heart Patient Then Take Care Of Your Diet) : हार्ट पेशेंर् को लचंता रहती है क्या खाएं और क्या नहीं। ह्रदय रोलगयों को वसा युक्त पदाथट यानी घी, तेल से दू री बनाए रखनी चालहए। सही खाने पीने से ही कोलेस्टरॉल लनयंलत्रत रहता है। इसललए क ै लोरी, वसा, कोलेस्टरॉल, सोलडयम लेने की मात्रा को ध्यान में रखकर सेवन करना चालहए। लदल क े मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर अपना डाइर् चार्ट भी जरूर बनवाएं । जनष्कर्ट (Conclusion) : आर्टरी और वींस में ब्लॉक े ज से बचाव क े ललए स्वस्थ्य जीवनशैली को अपना बहत जरूरी होता है। कोरोना महामारी क े बाद से उन लोगों क े हार्ट में ब्लॉक े ज की समस्या देखी है, जो स्वथथ लाइफस्टाइल जीते हैं। वायरस से हार्ट में हए ब्लड क्लॉर् की वजह ऐसा होने क े संभावना होती है। यह समस्या सभी उम्र क े लोगों को होती है। कई बार ब्लॉक े ज की वजह से हार्ट अर्ैक आता है। इसक े क े स भी काफी बढ़े हैं। इसललए
  • 9. अच्छा खानपान क े साथ एक्सरसाइज क े ललए प्रलतलदन समय लनकाले। तंबाक ू युक्त खाद्य पदाथों का सेवन लबलक ु ल भी नहीं करना चालहए। अगर कोई भी ऐसा नहीं करेंगे तो इस हार्ट की बीमारी की संभावना कम होगी। अगर लफर भी आपको परेशानी बढ़ रही हो तो आप हमारी कालडटयोलॉजी र्ीम से हॉस्पिर्ल नॉएडा में (heart hospital in noida) लमल सकते हैं | Resouce: https://www.felixhospital.com/blogs/what-is-angiography-in-hindi .For more Details: Address: Paras Tierea, Sector 137, Noida, Uttar Pradesh -201305 Mob +91 9667064100 Connect on Social Media: