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UNDERSTANDING
GLOBALIZATION
Unit 2) Contemporary World Actors
(समकालीन विश्ि अभिनेता)
A. United Nations
B. World Trade Organization (WTO)
C. BRICS
D. MNC’s, TNC’s
Arjun (Arjunnotespoint)
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A) UNITED NATIONS
(संयुक्त राष्ट्र संघ)
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वििरण- 'संयुक्त राष्ट्र' एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसक
े चार्टर पर 26 जून, 1945 को सेन
फ्ांससस्को में हस्ताक्षर हुए, जो 24 अक्र्ूबर, 1945 को लागू हुआ। संयुक्त राष्ट्र क
े प्रततक चचन्ह
में जैतून की दो शाखाएं ऊपर की ओर खुली हैं और उनक
े बीच हल्की नीली पृष्ट्र्भूसम में विश्ि
का मानचचत्र है।
स्थापना- 24 अक्र्ूबर, 1945
मुख्यालय- न्यूयॉक
ट
अधिकारी िाषाएँ- अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ़्ांसीसी, रूसी, स्पेनी।
सदस्य देश- 193
अध्यक्ष- एंर्ोतनयो गुर्ेरेस
मुख्य उद्देश्य- संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य विश्ि में युद्ध
रोकना, मानि अचधकारों की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानून
को तनभाने की प्रक्रिया जुर्ाना, सामाजजक और आचथटक
विकास उभारना, जीिन स्तर सुधारना और बीमाररयों से
लड़ना है।
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a) संयुक्त राष्ट्र संघ का इततहाभसक अिलोकन
League of Nation ( राष्ट्र संघ)
 प्रथम विश्ियुद्ध क
े बाद 10 Jan 1920 में राष्ट्र संघ (League of Nation) का गठन क्रकया
गया था।
 अंतराटष्ट्रीय वििादों को बातचीत क
े जररये हल करने, शस्त्रों की होड़ में कमी लाने तथा दुतनयां
को बड़े युद्धों क
े संकर् से बचाने क
े सलए पेररस समझौते क
े तहत राष्ट्र संघ का गठन क्रकया
गया. इसकी स्थापना क
े पीछे अमेररकी राष्ट्रपतत विल्सन का योगदान थाl
 इसका उद्देश्य क्रकसी संभावित दूसरे विश्ि युद्द को रोकना था, लेक्रकन राष्ट्र संघ 1930 क
े
दशक में दुतनया क
े युद्ध की तरफ़ बढाि को रोकने में विफल रहा।1946 में इसे भंग कर
ददया गया
संयुक्त राष्ट्र संघ
 संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्ि युद्ध क
े बाद तथा लीग ऑफ़ नेशंस(League of
Nations) की असफलता क
े बाद हुई थी ताक्रक भविष्ट्य में ऐसे विनाशकारी युद्धों को रोका जा
सक
े ।
 इससलए राष्ट्र संघ क
े ढांचे और उद्देश्यों को 'संयुक्त राष्ट्र संघ' ने अपनाया।
 राष्ट्रसंघ विश्िशांतत स्थावपत करने में असफल रहा। द्वितीय विश्ि युद्ध ससतबबर 1939 में
आरबभ हो गया और 12 जून,1941 को दहर्लर क
े विरुद्ध युद्ध करने िाले राष्ट्रों ने एक ऐसे
विश्ि क
े तनमाटण की घोषणा की जो आिमण क
े भय से मुक्त हो तथा जजसमें सबको आचथटक
ि सामाजजक सुरक्षा प्राप्त हो।
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 अटलांटटक घोषणा-पत्र (Atlantic Charter) –14 अगस्त, 1941 को ब्रिर्ेन क
े
प्रधानमन्त्री चचचटल ि अमेररका क
े राष्ट्रपतत रूजिेल्र् ने घोषणा की क्रक िे क्रकसी अन्य देश
की भूसम पर अचधकार नहीं करेंगे, सभी राष्ट्रों की जनता को अपनी राष्ट्र-प्रणाली स्ियं
तनधाटररत करनेका अचधकार देंगे, भय से मुजक्त ददलायेंगे, सबकी आिश्यकताओं की पूततट
का प्रयास करेंगे तथा असभव्यजक्त की स्ितन्त्रता देंगे। भय तथा आिश्यकता से मुजक्त
और विश्िास तथा धमट की स्ितन्त्रता मान्य होगी (Freedom from Fear, Want and
Freedom of Belief and Worship)
 संयुक्त राष्ट्रसंघ की घोषणा, जनिरी 1942 (U.N.O. Declaration) – 1 जनिरी,
1942 को संयुक्त राष्ट्र की घोषणा िासशंगर्न में 26 राष्ट्रों ने की जजसमें अर्लांदर्क
charter का समथटन क्रकया गया और संयुक्त राष्ट्रसंघ क
े तनमाटण की आशा की
गई।मास्को सबमेलन 1943 द्िारा एक अन्तराटष्ट्रीय संस्था क
े तनमाटण का विचार क्रकया
गया जजसमें छोर्े-बड़े सभी राष्ट्रों की सािटभौसमक समानता (Sovereign equality) को
मान्यता देने की बात की गई। यही संगठन बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ क
े रूप में विकससत
हुआ
 इसक
े बाद िेर्न िुड्स सबमेलन, जुलाई 1944 ि िासशंगर्न में डबबर्टनर्ट -ओक्स
सबमेलन ि याल्र्ा सबमेलन फरिरी 1945 को हुआ। परन्तु, 25 अप्रैल से 26 जून,
1945 तक क
े सानफ्ांससस्को सबमेलन द्िारा संयुक्त राष्ट्रसंघ का तनमाटण क्रकया गया।
इसमें विश्ि क
े 51 राष्ट्रों क
े 850 प्रतततनचधयों ने भाग सलया। 24 अक्तूबर, 1945 को
संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ का charter लागू हुआ। 10
जनिरी, 1946 को लन्दन क
े िेस्र्समन्स्र्र हाल में इसका प्रथम अचधिेशन हुआ और
न्यूयाक
ट (अमेररका) में इसका प्रधान कायाटलय स्थावपत क्रकया गया।
 193 देश सूडान है जो 2011 में जुड़ा थाI
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अमेररका और ब्रिर्ेन ने नए अर्लांदर्क चार्टर पर हस्ताक्षर क्रकए
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b) भसद्िांत (Principle) और उद्देश्य
भसद्िांत-
चार्टर की धारा 2 में संयुक्त राष्ट्र संघ क
े मागटदशटन क
े सलए सात ससद्धांत उल्लेखनीय है :–
1. संयुक्त राष्ट्र संघ क
े सभी सदस्यों क
े बीच समानताएं।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ द्िारा स्िीकृ त क्रकये गये चार्टर क
े सभी उत्तरदातयत्िों का स्िेच्छा अनुसार पालन
करना।
3. अंतराटष्ट्रीय वििादों का शांततपूणट समाधान। जजससे अंतराटष्ट्रीय शांतत, सुरक्षा और न्याय खतरे में ना पड़े।
4. सभी सदस्य ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जजससे अन्य देशों की प्रादेसशक अखंडता पर आँच आये।
5. सभी सदस्य संयुक्त राष्ट्र संगठन को हर संभि सहायता उपलब्ध कराएँगे । एिं ऐसे देश को क्रकसी
प्रकार की सहायता प्रदान नहीं करेंगे जजसक
े विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संगठन कोई कायटिाही कर रहा हों।
6. संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रयास रहेगा क्रक जो देश संगठन क
े सदस्य नहीं है िे भी संगठन क
े ससद्धांतों क
े
अनुकू ल कायट करे।
7. जो मामले मूल रूप से क्रकसी भी देश क
े आंतररक क्षेत्राधिकार (घरेलू अधिकाररता) में आते हैं, उनमें
संयुक्त राष्ट्र हस्तक्षेप नहीं करेगा।
संयुक्त राष्ट्र संघ क
े सभी सदस्यों क
े बीच समानताएं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्िारा स्िीकृ त क्रकये गये
चार्टर क
े सभी उत्तरदातयत्िों का स्िेच्छा अनुसार पालन करना। अंतराटष्ट्रीय वििादों का शांततपूणट
समाधान। जजससे अंतराटष्ट्रीय शांतत, सुरक्षा और न्याय खतरे में ना पड़े।
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उद्देश्य-
 विश्ि में शांतत की स्थापना करना।
 मानि अचधकारों की रक्षा करना।
 सामाजजक एिं आचथटक विकास ।
 अंतरराष्ट्रीय शाजन्त और सुरक्षा बनाए रखना।
 राष्ट्रों क
े बीच उनक
े सबमान, अचधकार और आत्म तनणटय क
े आधार पर
मैत्रीपूणट संबंधों का विकास करना।
 आचथटक, सामाजजक, सांस्कृ ततक और मानि दहतिादी, अंतराटष्ट्रीय समस्याओं
को सुलझाने और मानिीय अचधकारों तथा सबक
े मौसलक स्िाधीनता क
े प्रतत
सबमान भािना बढाने मे अंतराटष्ट्रीय सहयोग करना।
 इन सामूदहक लक्षणों की प्राजप्त में राष्ट्रों क
े क्रियाकलाप में सहमतत बनाने
िाले क
ें द्र क
े रूप में अपनी पहचान बनाना।
इस प्रकार संयुक्त राष्ट्रसंघ क
े उद्देश्यों को संक्षेप में चार
शब्दों द्िारा व्यक्त क्रकया जा सकता है – सुरक्षा, न्याय,
कल्याण, मानि अधिकार।
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c) संरचनाएं(Structure) और कायय(Function)
 मुख्यालय - न्यूयाकट , 193 सदस्य देश।
 संयुक्त राष्ट्रसंघ क
े सभी सदस्य, महासभा क
े भी सदस्य होते हैं। प्रत्येक क
े पास
एक िोर् का अचधकार होता है।
 बजर् को स्िीकृ तत प्रदान करना।
 महत्िपूणट मुद्दों पर तनणटय क
े सलए दो ततहाई (2/3) बहुमत अिाश्यक।
 संयुक्त राष्ट्र पररषद् की ससफाररश पर नए सदस्यों का प्रिेश।
महासभा (General Assembly)एक लोकताजन्त्रक संस्था है इसमें सभी देशों का समान
प्रतततनचधत्ि होता है। यह संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्य विमशी ि नीतत तनमाटण अंग
है। जो मुक्त एिं उदार बातचीत क
े जररये समस्याओं का समाधान ढूँढने का प्रयास
करता है। यह विश्ि का स्थायी मंच एिं बैठक कक्ष है। इसका गठन क
ु छ इस प्रकार
मान्यता पर आधाररत है :– "शब्दों से लडा जाने िाला युद्ि तलिारों से लडे जाने
िाले युद्ि से श्रेयस्कर है." महासभा की अध्यक्षता महासचचि द्िारा की जाती है। जो
सदस्य देशों एिं 21 उप-अध्यक्षों क
े द्िारा चुने जाते हैं। इसमें सामान्य मुद्दों पर
फ
ै सला लेने क
े सलए दो ततहाई बहुमत की जरुरत होती है। महासभा राष्ट्रीय संसद की
तरह कानून का तनमाटण नहीं करती है।
महासिा( मुख्य विचार विमशय सिा)-
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 संयुक्त राष्ट्र क
े चार्टर क
े तहत महासभा क
े पास तनददटष्ट्र् नीतत पर विचार-
विमशट करने और नीतत क्रियान्ियन करने की क
ें द्रीय शजक्त है। महासभा में
संयुक्त राष्ट्र क
े सभी 193 सदस्य शासमल थे, यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दों क
े
बहुपक्षीय चचाट क
े सलए एक सकारात्मक मंच प्रदान करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय
कानून क
े संदहताकरण और शांतत इस सभा की बैठक िषट में दो बार होती है।
प्रत्येक िषट ससतंबर से ददसंबर तक इसका पहला सत्र चलता है। दूसरा सत्र
जनिरी से ससतंबर तक चलता है। इस सत्र क
े दौरान सभा में महत्त्िपूणट मुद्दों
पर चचाट की जाती है। उच्च स्तरीय विषयगत िाद-वििाद क
े सलए महासभा क
े
अध्यक्ष, सदस्यों क
े साथ परामशट करते हैं। इसक
े साथ-साथ सभा पारंपररक
रूप से अपने प्रस्तािों क
े अनुसार अतनिायट विषयों की एक विस्तृत विषय पर
अनौपचाररक परामशट भी देती है।
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
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 महासभा विचार-विमशट, दहतों में समन्िय और लोकतांब्रत्रक वििाद को हल
करने से संबंचधत है। महासभा प्रस्तािों को पाररत करक
े िैजश्िक राजनीतत को
प्रभावित कर सकती है। ितटमान मे महासभा अफ्ीका में उन्मूलन, पोसलयो,
एड्स और स्िाइन फ्लू जैसी महामारी क
े विसभन्न मुद्दों पर काम कर रही है।
'रोल बैक मलेररया' आंदोलन कायटिम बीमाररयों को रोकने और जीिन को
बेहतर बनाने में मदद करता है। ऐसा अनुमान लगाया जाता है क्रक मलेररया से
साल में 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है, और पाँच िषट से कम
उम्र क
े बच्चे इससे सबसे ज्यादा असुरक्षक्षत होते हैं।
 2000 क
े उपरांत महासभा ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों तक पहुँचने क
े सलए
कई पहल की है, जो इक्कीसिीं सदी को सुरक्षक्षत और शांततपूणट बनाती है।
हालाँक्रक हम यह तनष्ट्कषट तनकाल सकते हैं क्रक महासभा िाद-वििाद, चचाट क
े
सलए एक बहुपक्षीय मंच है। यह एक ऐसे मंच क
े रूप में भी काम करता है जो
अंतरराष्ट्रीय कानून को संदहताबद्ध करे जजससे शांतत स्थावपत की जा सकती
है। यह उच्च स्तरीय नीततगत मामलों पर परामशट क
े सलए अनौपचाररक रूप
भी देता है।
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद
 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद संयुक्त राष्ट्र क
े छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जजसका
उत्तरदातयत्ि है अन्तरराष्ट्रीय शाजन्त और सुरक्षा बनाए रखना। पररषद को अतनिायट
तनणटयों को घोवषत करने का अचधकार भी है। ऐसे क्रकसी तनणटय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा
पररषद प्रस्ताि कहा जाता है। इसे विश्ि का ससपाही भी कहते है क्योंक्रक िैजश्िक शाजन्त
और सुरक्षा का उत्तरदातयत्ि इसी क
े पास में है|
 सुरक्षा पररषद में 15 सदस्य है: पाँच स्थायी और दस अस्थायी (प्रत्येक 2 िषट क
े सलए).
पाँच स्थायी सदस्य हैं चीन, फ़्ांस, रूस, ग्रेर् ब्रिर्ेन और संयुक्त राज्य अमेररका । इन
पाँच देशो को कायटविचध मामलों में तो नहीं पर विचधित मामलों में प्रतततनषेध शजक्त है।
बाकी क
े दस सदस्य क्षेत्रीय आधार क
े अनुसार दो साल की अिचध क
े सलए सामान्य
सभा द्िारा चुने जाते है। सुरक्षा पररषद का अध्यक्ष हर महीने िणटमालानुसार बदलता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ क
े छह अंग होते हैं: 1.सुरक्षा पररषद् 2.अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय
3.महासभा 4.सचचिालय 5.आचथटक और सामाजजक पररषद् 6.न्यायससता पररषद्
 अंतराटष्ट्रीय कानून द्िारा क
े िल सुरक्षा पररषद क
े पांच स्थाई सदस्य की नासभकीय
योग्यताएं अनुमोददत हैं। इन सदस्यों को प्रतततनषेध शजक्त भी दी गई है। इसका अथट है
क्रक सुरक्षा पररषद क
े बहुमत द्िारा स्िीकृ त कोई भी प्रस्ताि इन पांच में से क्रकसी भी
एक की असहमतत से उस प्रस्ताि का पारण रोका जा सकता है। सुरक्षा पररषद क
े बाकी
क
े दस सदस्य दो साल की अिचधयों क
े सलए चुने जाते हैं। हर साल इन दस में से पांच
चुने जाते हैं। यह चुनाि क्षेत्रीय आधार पर होते हैं
 UNSC की पहली बैठक 17 जनिरी 1946 को हुई थी जजसका विषय तैयारी आयोग की
ररपोर्ट, सुरक्षा पररषद क
े अध्यक्ष क
े चयन और संयुक्त राष्ट्र महासचचि की तनयुजक्त पर
विचार विमशट करना था। आजतक UNSC द्िारा बहुत सारे देशों की सहायता की जा
चुकी है जजनमें कु िैत, नामीब्रबया, क
ं बोडडया, बोजस्नया, रिांडा, सोमासलया, सूडान और
कांगो आदद जैसे देश शासमल हैं।
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UNSC का फ
ू ल फॉमय
 आपकी जानकारी क
े सलए बता दें क्रक UNSC का फ
ु ल फॉमट “United Nations Security Council” है
और दहंदी में इसे “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद” भी कहा जाता है। क
ु छ लोग इसे विश्ि का ससपाही भी
कह देते हैं।
UNSC क
े सामने आने िाली चुनौततयां
 भले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद विश्ि में शांतत सुतनजश्चत करने क
े सलए एहम भूसमका तनभा रहा है
लेक्रकन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद की क
ु छ अंदरूनी कसमयों क
े कारण UNSC को क
ु छ चुनौततयों का
सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को जल्द से जल्द हल करना चादहए।
 ितटमान में जो UNSC क
े स्थायी सदस्य हैं िह अपनी िीर्ो शजक्त को छोड़ने क
े सलए तैयार नहीं हैं और
ना ही इस शजक्त को क्रकसी अन्य सदस्य को देने क
े पक्ष में हैं।
 G-4 समूह में शासमल सदस्य देशों क
े साथ भारत को काफी सारे मानकों पर भारत को कड़ी प्रततस्पधाट
का का सामना करना पड़ता है उदाहरण क
े तौर पर नि विकास सूचकांक, लैंचगक अंतराल सूचकांक आदद
में भारत की जस्थतत जापान और जमटनी जैसे देशों से भी खराब है।
 भारत देश की सदस््ता क
े सलए चार्टर में क
ु छ बदलाि करने की आव्यशकता है और इसक
े सलए स्थायी
देशों की सहमतत क
े साथ ही साथ दो ततहाई सदस्य देशों की पुजष्ट्र् भी जरूरी है।
 जहाँ संयुक्त राज्य अमेररका बहुपक्षिाद क
े खखलाफ है िहीीँ रूस क्रकसी भी प्रकार क
े सुधार क
े सलए
सहमत नहीं है।
 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में एकमात्र प्रतततनचध होने की इच्छा रखने िाला चीन देश भी क्रकसी बदलाि
क
े सलए सहमत नहीं है और चीन असल में यह भी नहीं चाहता की भारत UNSC का दहस्सा बने।
 शांतत स्थावपत करने क
े सलए चलाए गए अहम असभयानों में महत्त्िपूणट भूसमका तनभाने िाले भारत जैसे
देशों को नजरअंदाज कर ददया जाता है।
 UNSC क
े 50 प्रततशत से भी अचधक कायट अक
े ले अफ़्ीकी देशों से संबंचधत होते हैं लेक्रकन अफ्ीका और
दक्षक्षण अमेररका का कोई भी देश इस समूह का दहस्सा नहीं है।
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स्थायी सदस्यता प्राप्त करने क
े फायदे
 ितटमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क
े स्थायी सदस्य देशों की संख्या क
े िल 5 है
परन्तु UNSC में स्थायी सदस्य बन जाने क
े बाद उस देश को कई शजक्तयां प्राप्त
होती हैं जो एक अस्थायी सदस्य क
े मुकाबले ज़्यादा हैं। इन शजक्तयों से सदस्य देश
कई लाभ प्राप्त करता है जजनमें से कु छ इस प्रकार हैं:-
 सुरक्षा पररषद स्थायी सदस्यता से िीर्ो पािर प्राप्त हो जाती है जोक्रक क्रकसी अहम
तनणटय में एक महत्िपूणट भूसमका तनभाती है।
 िैजश्िक भू-राजनीतत में अचधक मजबूती से अपनी बात रखने क
े सलए स्थायी सदस््ता
जरूरी हो जाती है।
 सुरक्षा खतरों और आतंकिाद क
े खखलाफ समाधान क
े सलए स्थायी सदस््ता बहुत ही
लाभदायक ससद्ध होती है।
 क्रकसी अंतराटष्ट्रीय तनणटय को लागू करने क
े सलए और प्रततबंध लगाने क
े सलए सुरक्षा
पररषद क
े समथटन की आियश्कता होती है जजससे UNSC क
े स्थायी सदस्य होने पर
बढ जाते हैं।
 इस से हम अंदाजा लगा सकते हैं क्रक अगर क्रकसी देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा
पररषद की स्थायी सदस््ता प्राप्त हो जाये तो उस सदस्य देश को क्रकतना लाभ हो
सकता है। लेक्रकन ितटमान में जो स्थायी सदस्य हैं िह अपनी सदस््ता को छोड़ने क
े
सलए तैयार नहीं हैं जोक्रक UNSC की एक कमी क
े रूप में उभर कर आती है।
 Trick to learn Veto Power Country - रूस का FACE (Russia , France, America,
China ,England)
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गैर-स्थायी सदस्य क
ै से चुने जाते हैं?
 प्रत्येक िषट, महासभा दो िषट क
े कायटकाल क
े सलए कु ल 10 में से पाँच गैर-स्थायी
सदस्यों का चुनाि करती है।
 सीटों का वितरण: इन 10 सीर्ों को क्षेत्रों क
े बीच वितररत क्रकया जाता है: अफ्ीकी
और एसशयाई देशों क
े सलए पांच; पूिी यूरोपीय देशों क
े सलए एक; लैदर्न अमेररकी
और क
ै रेब्रबयाई देशों क
े सलए दो; पजश्चमी यूरोपीय और अन्य देशों क
े सलए दो।
 अफ्ीका और एसशया क
े सलए पांच सीर्ों में से तीन अफ्ीका क
े सलए और दो
एसशया क
े सलए हैं; अरब देश क
े सलए एक सीर् आरक्षक्षत करने क
े सलए दो समूहों
क
े बीच एक अनौपचाररक समझौता है। अफ्ीका और एसशया प्रशांत समूह, हर दो
साल में अरब उबमीदिार को खड़ा करते हैं।
 सम िषों से शुरू होने िाले पदों क
े सलए चुनाि में दो अफ्ीकी सदस्यों और पूिी
यूरोप, एसशया-प्रशांत और लैदर्न अमेररका और क
ै ररब्रबयन में एक-एक का चयन
होता हैं। विषम िषों से शुरू िाले पदों क
े सलए चुनाि में दो पजश्चमी यूरोपीय और
अन्य सदस्यों और एसशया-प्रशांत, अफ्ीका और लैदर्न अमेररका तथा क
ै ररब्रबयन से
एक-एक सदस्य का चुनाि होता है।
 मतदान: भले ही कोई देश “क्लीन स्लेर्” का उबमीदिार हो और उसक
े समूह द्िारा
उसका समथटन क्रकया गया हो, उसे महासभा सत्र में उपजस्थत और मतदान करने
िाले दो-ततहाई सदस्यों क
े िोर्ों को सुरक्षक्षत करने की आिश्यकता है (न्यूनतम
129 िोर् अगर सभी 193 सदस्य राज्य भाग लेते हैं)। जब चुनाि लड़ा जाता है,
तो गैर-स्थायी सीर्ों क
े सलए चुनाि र्ल सकते हैं और कई दौरों तक चल सकते हैं।
1975 में, भारत और पाक्रकस्तान क
े बीच मुकाबला हुआ, जो आठ राउंड तक चला।
पाक्रकस्तान ने उस साल यह सीर् जीती थी। 1996 में, भारत जापान से हार गया
था।
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िारत की मांगे:
 भारत लंबे समय से िाजील, जमटनी और जापान क
े साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा
पररषद क
े सुधार का आह्िान कर रहा है, जजसमें संयुक्त राष्ट्र की उच्च तासलका में
स्थायी सदस्य क
े रूप में इसकी दािेदारी पर जोर ददया गया है।
िारत को पररषद में स्थायी सीट क्यों दी जानी चाटहए?
 भारत, संयुक्त राष्ट्र क
े संस्थापक सदस्यों में से था।
 यह दूसरा सबसे बड़ा और संयुक्त राष्ट्र शांतत असभयानों क
े सलए सैतनकों क
े सबसे बड़े
तनरंतर योगदानकताटओं में से एक है।
 यह 7 बार UNSC का सदस्य रहा है और G-77 और G-4 का सदस्य है, इससलए स्थायी
सदस्यता एक ताक्रक
ट क विस्तार है।
G4 ब्लॉक:
 4 देशों का समूह, (जमटनी, जापान, िाजील, भारत) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में
स्थायी सीर्ों क
े सलए दािेदारी कर रहा है।
द कॉफी क्लब या यूनाइटटंग फॉर कांसेंसस (The Coffee Club or
Uniting for Consensus):
 जी 4 क
े विरोधी देशो का समूह। उन्होंने क्षेत्रीय आधार पर चुने जाने िाले सदस्यों क
े
साथ सीर्ों क
े गैर-स्थायी श्रेणी क
े विस्तार का समथटन क्रकया।
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िीटो पािर
 िीटो पािर का मतलब है क्रक अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क
े स्थायी सदस्यों
में से कोई भी क्रकसी प्रस्ताि क
े खखलाफ अपना िोर् डालता है तो प्रस्ताि को मंजूरी
नहीं दी जा सकती है. संयुक्त राज्य अमेररका, यूनाइर्ेड क्रकं गडम, चीन, फ्ांस और
सोवियत सोशसलस्र् ररपजब्लक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क
े स्थायी सदस्य देश हैं.
 बता दें, 1992 क
े बाद से, रूस िीर्ो का सबसे अचधक बार उपयोग करने िाला देश रहा
है. इसक
े बाद संयुक्त राज्य अमेररका और चीन का स्थान आता है. फरिरी 2022 तक,
रूस ने 118 बार अपने िीर्ो का इस्तेमाल क्रकया है. िहीं अमेररका 82 बार, यूक
े 29
बार, फ्ांस 16 बार और चीन 17 बार इसका यूज कर चुका है.
 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में रूस भारत क
े समथटन में कई बार 'िीर्ो' का यूज कर
चुका है. रूस ने पहली बार 1957 में कश्मीर मुद्दे पर भारत क
े सलए िीर्ो पािर का
इस्तेमाल क्रकया था. इसक
े बाद 1961 में रूस ने भारत क
े पक्ष में िीर्ो क्रकया और
पररणाम स्िरूप गोिा आजाद हुआ. इसी तरह 1971 में भी रूस ने भारत क
े पक्ष में
िीर्ो क्रकया था.
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संयुक्त राष्ट्र और तनशस्त्रीकरण
 1952 में, महासभा ने जनिरी 1952 क
े अपने प्रस्ताि 502 (छठी) द्िारा, सुरक्षा पररषद क
े तहत
संयुक्त राष्ट्र तनरस्त्रीकरण आयोग (यूएनडीसी) का गठन क्रकया, जजसमें सभी क
े वितनयमन, सीमा
और संतुसलत कमी क
े सलए एक संचध क
े प्रस्ताि तैयार करने का आदेश ददया गया था। सशस्त्र बलों
और सभी आयुधों, सामूदहक विनाश क
े सभी हचथयारों क
े उन्मूलन सदहत। हालाँक्रक, यह 1959 क
े बाद
कभी-कभार ही समले।
 1960 क
े बाद से, दस-राष्ट्र तनरस्त्रीकरण ससमतत क
े साथ शुरू होने िाले तनकायों क
े उत्तराचधकार
द्िारा तनरस्त्रीकरण िाताट की गई। यह तनकाय 1962 में अठारह-राष्ट्र तनरस्त्रीकरण ससमतत, 1969 में
तनरस्त्रीकरण ससमतत का सबमेलन और अंततः 1978 से तनरस्त्रीकरण पर सबमेलन बन गया।
 1978 में, तनरस्त्रीकरण क
े सलए समवपटत महासभा क
े पहले विशेष सत्र ने संयुक्त राष्ट्र क
े सभी
सदस्य राज्यों से समलकर विधानसभा क
े सहायक अंग क
े रूप में एक उत्तराचधकारी तनरस्त्रीकरण
आयोग की स्थापना की। यह तनरस्त्रीकरण क
े क्षेत्र में विसभन्न मुद्दों पर विचार करने और ससफाररशें
करने और विशेष सत्र क
े प्रासंचगक तनणटयों और ससफाररशों पर अनुिती कारटिाई क
े साथ एक विचार-
विमशट तनकाय क
े रूप में बनाया गया था। यह प्रततिषट महासभा को ररपोर्ट करता है।
 अपने कायट क
े आलोक में, यूएनडीसी प्रत्येक सत्र में सीसमत संख्या में एजेंडा मदों पर ध्यान क
ें दद्रत
करता है। 1989 में, गहराई से विचार करने की अनुमतत देने क
े सलए, इसने तनणटय सलया क्रक इसका
मूल एजेंडा अचधकतम चार मदों तक सीसमत होना चादहए। 1993 से, यह व्यिहार में, दो या तीन
िस्तुओं से तनपर्ता है, जजनमें से प्रत्येक को आमतौर पर लगातार तीन िषों क
े सलए माना जाता
है। 1998 में, अपने तनणटय 52/492 से, महासभा ने तनणटय सलया क्रक 2000 क
े अनुसार यूएनडीसी क
े
एजेंडे में आम तौर पर तनरस्त्रीकरण क
े मुद्दों की पूरी श्रृंखला से प्रतत िषट दो मूल आइर्म शासमल
होंगे, जजसमें एक परमाणु तनरस्त्रीकरण पर भी शासमल है।
 यूएनडीसी, जो िसंत ऋतु में तीन सप्ताह क
े सलए समलता है, पूणट बैठकों और कायट समूहों में कायट
करता है, इसक
े एजेंडे पर िास्तविक मदों की संख्या क
े आधार पर कायट समूहों की संख्या। पांच
भौगोसलक समूह बारी-बारी से यूएनडीसी और उसक
े कायट समूहों की अध्यक्षता ग्रहण करते हैं।
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 वपछले कु छ िषों में, यूएनडीसी ने कई विषयों पर आम सहमतत क
े ससद्धांत,
ददशातनदेश और ससफाररशें (नीचे देखें) तैयार की हैं, जजनका महासभा द्िारा समथटन
क्रकया गया है। 1999 क
े बाद और 2017 तक, यह क्रकसी भी ठोस पररणाम पर सहमत
होने में असमथट था। 2017 में यह "पारंपररक हचथयारों क
े क्षेत्र में व्यािहाररक विश्िास-
तनमाटण उपायों" पर सिटसबमतत की ससफाररशों को अपनाने में सफल रहा।
 UNDC को तनरस्त्रीकरण मामलों क
े कायाटलय द्िारा और तकनीकी रूप से महासभा
मामलों और सबमेलन सेिाओं क
े विभाग द्िारा सेिा प्रदान की जाती है।
साल शीषटक सशकायत
करना
2017 पारंपररक हचथयारों क
े क्षेत्र में व्यािहाररक विश्िास-तनमाटण
उपायों पर ससफाररशें
ए/72/42
1999 महासभा क
े संकल्प 51/45 एन क
े संदभट में शांतत क
े
सुदृढीकरण पर विशेष जोर देने क
े साथ पारंपररक हचथयार
तनयंत्रण/सीमाएं और तनरस्त्रीकरण पर ददशातनदेश
ए/54/42
1999 संबंचधत क्षेत्र क
े राज्यों क
े बीच स्ितंत्र रूप से हुई
व्यिस्थाओं क
े आधार पर परमाणु-हचथयार मुक्त क्षेत्रों की
स्थापना
ए/54/42
1996 6 ददसंबर 1991 क
े महासभा संकल्प 46/36 एच क
े संदभट
में अंतरराष्ट्रीय हचथयार हस्तांतरण क
े सलए ददशातनदेश
ए/51/42
• 1978 से तनरस्त्रीकरण आयोग द्िारा सियसम्मतत से अपनाए गए
भसद्िांत, टदशातनदेश और भसफाररशें
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1993 िैजश्िक सुरक्षा क
े संदभट में तनरस्त्रीकरण क
े क्षेत्रीय दृजष्ट्र्कोण क
े सलए ददशातनदेश
और ससफाररशें
ए/48/42
1992 सैन्य मामलों पर िस्तुतनष्ट्ठ जानकारी क
े सलए ददशातनदेश और ससफाररशें ए/47/42
1990 1990 क
े दशक को तीसरे तनरस्त्रीकरण दशक क
े रूप में घोवषत करना ए/45/42
1990 पारंपररक तनरस्त्रीकरण से संबंचधत मुद्दे ए/45/42
1990 तनरस्त्रीकरण क
े क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की भूसमका की समीक्षा ए/45/42
1990 दक्षक्षण अफ्ीका की परमाणु क्षमता: तनष्ट्कषट और ससफाररशें ए/45/42
1988 इसक
े सभी पहलुओं में सत्यापन ए/एस-15/3
1988 उपयुक्त प्रकार क
े विश्िास-तनमाटण उपायों क
े सलए ददशा-तनदेश और िैजश्िक या
क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे उपायों क
े कायाटन्ियन क
े सलए
ए/एस-15/3
1985 द्वितीय तनरस्त्रीकरण दशक क
े रूप में 1980 क
े दशक की घोषणा की समीक्षा ए/40/42
1984 पारंपररक तनरस्त्रीकरण पर अध्ययन क
े सलए ददशातनदेश ए/एस-12/3
1980 एजेंडा आइर्म 4 (ए) पर ससफाररशें , "परमाणु युद्ध क
े खतरे क
े प्रभािी
उन्मूलन क
े उद्देश्य से िाताट में तेजी लाने क
े सलए हचथयारों की दौड़, विशेष रूप
से परमाणु हचथयारों की दौड़ और परमाणु तनरस्त्रीकरण क
े विसभन्न पहलुओं पर
विचार", और (बी) " संकल्प 33/71 एच क
े खंड II में तनदहत एजेंडा मदों पर
विचार, ढांचे क
े भीतर और दसिें विशेष सत्र में स्थावपत प्राथसमकताओं क
े
अनुसार, परमाणु और पारंपररक तनरस्त्रीकरण पर बातचीत क
े सलए एक सामान्य
दृजष्ट्र्कोण क
े अनुसार।
ए/235/4
1980 1980 क
े दशक को दूसरे तनरस्त्रीकरण दशक क
े रूप में घोवषत करना ए/35/42
1979 तनरस्त्रीकरण क
े व्यापक कायटिम क
े तत्ि ए/34/42
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अंतरायष्ट्रीय न्यायालय (ICJ)
अंतरायष्ट्रीय न्यायालय क
े बारे में: ICJ संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यातयक अंग है।
संयुक्त राष्ट्र क
े छह प्रमुख संस्थानों क
े विपरीत यह एकमात्र संस्थान है जो न्यूयॉक
ट में जस्थत नहीं
है। यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यातयक अंग है जो हेग (नीदरलैंड्स) क
े पीस पैलेस में
जस्थत है।
स्थापना: इसकी स्थापना िषट 1945 में संयुक्त राष्ट्र क
े चार्टर द्िारा की गई और इसने अप्रैल 1946
में काम करना शुरू क्रकया।
पूियगामी: ICJ अंतराटष्ट्रीय न्याय क
े स्थायी न्यायालय (PCIJ) का उत्तराचधकारी है, जजसे राष्ट्र संघ क
े
माध्यम से और उसक
े द्िारा अजस्तत्ि में लाया गया था।
 PCIJ की स्थापना फरिरी, 1922 में नीदरलैंड क
े द हेग में पीस पैलेस में की गई।
 द्वितीय विश्ि युद्ध क
े बाद राष्ट्र संघ और PCIJ को िमशः संयुक्त राष्ट्र और ICJ द्िारा
प्रततस्थावपत क्रकया गया था।
 PCIJ को औपचाररक रूप से अप्रैल 1946 में भंग कर ददया गया था और इसक
े अंततम अध्यक्ष,
अल सल्िाडोर क
े न्यायाधीश जोस गुस्तािो ग्युरेरो, ICJ क
े पहले अध्यक्ष तनयुक्त क्रकये गए।
ICJ की िूभमका: यह राष्ट्रों क
े बीच कानूनी वििादों को सुलझाता है और अचधकृ त संयुक्त राष्ट्र क
े अंगों
तथा विशेष एजेंससयों द्िारा तनददटष्ट्र् कानूनी प्रश्नों पर अंतराटष्ट्रीय कानून क
े अनुसार सलाह देता है।
पहला मामला: पहला मामला, ब्रिर्ेन द्िारा अल्बातनया क
े विरुद्ध लाया गया था और यह ‘कोफ
ुट चैनल’
से संबंचधत था, जो क्रक यूरोपीय मेनलैंड पर कोफ
ुट एिं अल्बातनया क
े ग्रीक द्िीप क
े बीच आयोतनयन
सागर का संकीणट जलडमरूमध्य है, को मई 1947 में प्रस्तुत क्रकया गया था।
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ICJ प्रशासन: न्यायालय क
े न्यायाधीशों को ‘रजजस्री’ द्िारा सहायता प्रदान की जाती है, जो क्रक ICJ का एक
प्रशासतनक अंग है।
आधिकाररक िाषाएँ: अंग्रेजी और फ्
ें च।
ICJ क्षेत्राधिकार: UN क
े सभी सदस्य स्ियं ही ICJ क
े पक्षकार हैं, हालाँक्रक यह स्िचासलत सदस्यता उनसे
जुड़े वििादों पर ICJ क
े क्षेत्राचधकार का तनधाटरण नहीं करती है।
 ICJ को अचधकार क्षेत्र तभी समलता है जब दोनों पक्ष इसक
े सलये सहमत हों।
 ICJ का तनणटय अंततम एिं तकनीकी रूप से मामले क
े पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है।
 हालाँक्रक ICJ क
े पास अपने आदेशों का अनुपालन सुतनजश्चत करने की कोई विचध नहीं है और यह पक्षकार देशों
की इच्छा पर तनभटर करता है।
ICJ क
े न्यायािीश ककस प्रकार चुने जाते हैं?
 ICJ में 15 न्यायाधीश होते हैं जजन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा पररषद द्िारा नौ िषट क
े सलये
चुना जाता है।
 तनिाटचचत होने क
े सलये एक उबमीदिार को दोनों तनकायों में बहुमत प्राप्त करना होता है और इस
आिश्यकता को पूरा करने हेतु प्रायः कभी-कभी मतदान प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है।
 संयुक्त राष्ट्र महासभा की िावषटक बैठक क
े दौरान न्यूयॉक
ट में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में चुनाि होते हैं।
 न्यायालय क
े एक-ततहाई सदस्यों को प्रतत तीन िषट में चुना जाता है।
 अदालत क
े अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को गुप्त मतदान द्िारा तीन िषट क
े सलये चुना जाता है।
 न्यायाधीश पुन: तनयुजक्त क
े सलये पात्र होते हैं।
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ICJ में िारतीय न्यायािीश: चार भारतीय अब तक ICJ क
े सदस्य रहे हैं।
 सिोच्च न्यायालय क
े पूिट न्यायाधीश जजस्र्स दलिीर भंडारी िषट 2012 से ICJ में काम कर रहे हैं।
 भारत क
े पूिट मुख्य न्यायाधीश आर.एस. पाठक ने िषट 1989-91 तक ICJ में कायट क्रकया।
 भारत क
े पूिट मुख्य चुनाि आयुक्त नागेंद्र ससंह िषट 1973-88 तक ICJ में रहे।
 सर बेनेगल राि, जो संविधान सभा क
े सलाहकार थे, िषट 1952-53 तक ICJ क
े सदस्य थे।
ICJ क
े साथ िारत क
े जुडाि का इततहास:
 भारत छह मौकों पर ICJ क
े मामलों में पक्षकार रहा है, जजनमें से चार में पाक्रकस्तान भी शासमल
रहा है। ये हैं:
 िारतीय क्षेत्र पर मागय का अधिकार (पुतटगाल बनाम भारत, 1960 को समाप्त हुआ)।
 आईसीएओ (ICAO) पररषद क
े क्षेत्राधिकार से संबंधित अपील (भारत बनाम पाक्रकस्तान, पररणतत
1972)।
 युद्ि क
े पाककस्तानी क
ै टदयों का परीक्षण (पाक्रकस्तान बनाम भारत, 1973 में समाप्त हुआ)।
 10 अगस्त 1999 की हिाई घटना (पाक्रकस्तान बनाम भारत, 2000 का समापन)।
 परमाणु हधथयारों की होड़ को जल्द-से-जल्द समाप्त करने और परमाणु तनरस्त्रीकरण (माशटल द्िीप
बनाम भारत, 2016 को समाप्त) से संबंचधत बातचीत करने क
े सलये प्रततबद्ध।
 क
ु लिूषण जािि (भारत बनाम पाक्रकस्तान, 2019 का समापन)।
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 न्यायालय क
े 15 न्यायािीश तनम्नभलखित क्षेत्रों से भलये जाते हैं:
 1. अफ्ीका से तीन
 2. लैदर्न अमेररका और क
ै रेब्रबयन देशों से दो
 3. एसशया से तीन
 4. पजश्चमी यूरोप और अन्य राज्यों से पाँच
 5.पूिी यूरोप से दो
 अंतराटष्ट्रीय संगठनों क
े अन्य तनकायों क
े विपरीत अंतराटष्ट्रीय न्यायालय में सरकार क
े
प्रतततनचध नहीं होते।
 न्यायालय क
े सदस्य स्ितंत्र न्यायाधीश होते हैं जजन्हें दातयत्ि ग्रहण करने से पूिट शपथ
लेनी होती है क्रक िे अपनी शजक्तयों का तनष्ट्पक्षता और शुद्ध अंतःकरण से उपयोग
करेंगे।
 ICJ क
े न्यायाधीशों की स्ितंत्रता बनाए रखने क
े सलये न्यायालय क
े क्रकसी भी सदस्य
को तब तक बखाटस्त नहीं क्रकया जा सकता, जब तक क्रक अन्य सदस्यों की एकमत न
हो क्रक िह आिश्यक शतों को पूरा नहीं करता है। अभी तक क्रकसी भी न्यायाधीश को
पद से विस्थवपत नहीं क्रकया गया है।
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अंतरायष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
 िषट 2019 में अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization-ILO) ने अपनी
100िीं िषटगांठ मनाई।
 यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ब्रत्रपक्षीय संस्था है। यह श्रम मानक तनधाटररत करने, नीततयाँ को
विकससत करने एिं सभी मदहलाओं तथा पुरुषों क
े सलये सभ्य कायट को बढािा देने िाले कायटिम
तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, तनयोक्ताओं और श्रसमकों को एक साथ लाता है।
 िषट 1919 में िसाटय की संचध द्िारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी क
े रूप में इसकी स्थापना
हुई।
 िषय 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ि पहली विभशष्ट्ट एजेंसी बन गया।
 मुख्यालय: जेनेिा, जस्िट्जरलैंड
 स्थापना का उद्देश्य: िैजश्िक एिं स्थायी शांतत हेतु सामाजजक न्याय आिश्यक है।
 अंतराटष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानिाचधकारों एिं श्रसमक अचधकारों को बढािा देता है।
 िषट 1969 में अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन को तनबनसलखखत कायों क
े सलये नोबेल शांतत पुरस्कार प्रदान
क्रकया गया-
 विसभन्न सामाजजक िगों क
े मध्य शांतत स्थावपत करने हेतु
 श्रसमकों क
े सलये सभ्य कायट एिं न्याय का पक्षधर
 अन्य विकासशील राष्ट्रों को तकनीकी सहायता प्रदान करना
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 अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन ने तनबनसलखखत क्षेत्रों में महत्त्िपूणट भूसमका तनभाई-
 महामंदी क
े दौरान श्रसमक अचधकारों को सुतनजश्चत करना
 वि-औपतनिेसशकरण की प्रक्रिया
 पोलैंड में सॉसलडैररर्ी (व्यापार संगठन) की स्थापना
 दक्षक्षण अफ्ीका में रंगभेद पर विजय
 ितटमान में यह एक न्यायसंगत िैश्िीकरण हेतु नैततक एिं लाभदायक ढाँचे क
े तनमाटण में आिश्यक
सहायता प्रदान कर रहा है।
 Note: ILO का आधार ब्रत्रपक्षीय ससद्धांत है, अथाटत संगठन क
े भीतर आयोजजत िाताटएँ सरकारों एिं
व्यापाररक संगठनों क
े प्रतततनचधयों तथा सदस्य राष्ट्रों क
े तनयोक्ताओं क
े मध्य होती हैं।
अंतरायष्ट्रीय श्रम संगठन की संरचना
ILO तीन मुख्य तनकायों सरकारों, तनयोक्ताओं एिं श्रसमकों क
े प्रतततनचधयों क
े माध्यम से अपना कायट संपन्न
करता है:
 अंतरायष्ट्रीय श्रम सम्मेलन: यह अंतराटष्ट्रीय श्रम मानकों एिं ILO की व्यापक नीततयों को तनधाटररत करता
है। यह प्रततिषट जेनेिा में आयोजजत क्रकया जाता है। इसे प्रायः अंतराटष्ट्रीय श्रम संसद क
े रूप में संदसभटत
क्रकया जाता है।
 सामाजजक एिं श्रम संबंधी प्रश्नों पर चचाट क
े सलये भी यह एक प्रमुख मंच है।
 शाषी तनकाय: यह ILO की कायटकारी पररषद है। प्रततिषट जेनेिा में इसकी तीन बैठक
ें आयोजजत की जाती
हैं।
 यह ILO क
े नीततगत तनणटयों का तनधाटरण एिं कायटिम तथा बजर् तय करता है, जजन्हें बाद में ‘स्िीकृ तत हेतु
सबमेलन’ (Conference for Adoption) में प्रस्तुत क्रकया जाता है।
 संचालन तनकाय एिं श्रम संगठन क
े कायाटलय क
े कायों में ब्रत्रपक्षीय ससमततयों द्िारा सहायता की जाती है जो क्रक
प्रमुख उद्योगों को किर करती हैं।
 व्यािसातयक प्रसशक्षण, प्रबंधन विकास, व्यािसातयक सुरक्षा एिं स्िास््य, औद्योचगक संबंध, श्रसमकों की सशक्षा तथा
मदहलाओं और युिा श्रसमकों की विशेष समस्याओं जैसे मामलों पर विशेषज्ञों की ससमततयों द्िारा भी इसे समथटन
प्राप्त होता है।
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 अंतरायष्ट्रीय श्रम कायायलय: यह अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन का स्थायी सचचिालय है।
 यह ILO की संपूणट गततविचधयों क
े सलये क
ें द्र ब्रबंदु है, जजसे संचालन तनकाय की संिीक्षा एिं महातनदेशक क
े नेतृत्ि
में तैयार क्रकया जाता है।
 विशेष रुचच क
े मामलों की जाँच हेतु समय-समय पर ILO सदस्य राष्ट्रों की क्षेत्रीय बैठक
ें संबंचधत क्षेत्रों क
े
सलये आयोजजत की जाती हैं।
ILO क
े कायय
 सामाजजक तथा श्रम मुद्दों को हल करने हेतु तनदेसशत समजन्ित नीततयों एिं कायटिमों का तनमाटण करना।
 असभसमयों क
े रूप में अंतराटष्ट्रीय श्रम मानकों को अपनाना तथा उनक
े कायाटन्ियन को तनयंब्रत्रत करना।
 सामाजजक एिं श्रम समस्याओं को सुलझाने में सदस्य राष्ट्रों की सहायता करना।
 मानिाधिकारों (काम करने का अचधकार, संघ की स्ितंत्रता, सामूदहक िाताट, बलात ् श्रम से सुरक्षा, भेदभाि
से सुरक्षा, आदद) का संरक्षण करना।
 सामाजजक एिं श्रम मुद्दों पर कायों का अनुसंधान तथा प्रकाशन करना।
ILO क
े लक्ष्य
 कायट क
े मानकों एिं मौसलक ससद्धांतों तथा अचधकारों को बढािा देना और उन्हें िास्तविक धरातल पर
लाना।
 सभ्य कायट सुतनजश्चत करने हेतु मदहलाओं एिं पुरुषों क
े सलये अचधक से अचधक रोजगार क
े अिसर सृजजत
करना।
 सभी क
े सलये सामाजजक सुरक्षा प्रदान करना तथा सामाजजक सुरक्षा कायटिमों की प्रभािशीलता को बढाना।
 ब्रत्रपक्षीय एिं सामाजजक संिाद को मजबूत करना।
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कायय क
े मौभलक भसद्िांतों एिं अधिकारों पर अंतरायष्ट्रीय श्रम संगठन की घोषणा
इसे िषट 1998 में अपनाया गया था, घोषणा में सदस्य राष्ट्रों को चार श्रेखणयों में विभक्त आठ मौसलक ससद्धांतों तथा अचधकारों को मान्यता देने एिं उन्हें
बढािा देने क
े सलये प्रततबद्ध क्रकया गया जहाँ उन्होंने प्रासंचगक कन्िेंशनों की पुजष्ट्र् की है अथिा नहीं। ये चार श्रेखणयाँ हैं:
 संघ की स्ितंत्रता एिं सामूदहक सौदेबाजी का अचधकार ( कन्िेंशन 87 और 98)
 बलात् श्रम या अतनिायट श्रम का उन्मूलन (कन्िेंशन संख्या 29 एिं संख्या 105)
 बाल श्रम का उन्मूलन ( कन्िेंशन संख्या 138 एिं संख्या 182)
 रोजगार एिं व्यिसाय संबंधी भेदभाि का उन्मूलन (कन्िेंशन संख्या 100 एिं संख्या 111)
ILO क
े मुख्य कन्िेंशन
 आठ मौसलक कन्िेंशन संयुक्त राष्ट्र मानिाचधकार फ्
े मिकट का एक असभन्न दहस्सा हैं, और उनका अनुसमथटन सदस्य राष्ट्रों क
े मानिाचधकारों क
े प्रतत
प्रततबद्धता का एक महत्त्िपूणट संक
े त है।
 कु ल 135 सदस्य राष्ट्रों ने सभी आठ मौसलक सबमेलनों की पुजष्ट्र् की है। दुभाटग्य से, उच्चतम जनसंख्या िाले विश्ि क
े 48 सदस्य राष्ट्रों द्िारा (183
सदस्य राज्यों में से) सभी आठ कन्िेंशन की पुजष्ट्र् करना अभी शेष है।
 ILO क
े मुख्य आठ कन्िेंशन हैं:
 बलात् श्रम पर कन्िेंशन (संख्या 29)
 बलात् श्रम का उन्मूलन पर कन्िेंशन (संख्या 105)
 समान पाररश्रसमक पर कन्िेंशन (संख्या 100)
 भेदभाि (रोजगार और व्यिसाय) पर कन्िेंशन (संख्या 111)
 न्यूनतम आयु पर कन्िेंशन (संख्या 138)
 बाल श्रम क
े सबसे विकृ त स्िरूप पर कन्िेंशन (संख्या 182)
 संघ की स्ितंत्रता एिं संगदठत होने क
े अचधकार की सुरक्षा पर कन्िेंशन (संख्या 87)
 संगदठत एिं सामूदहक सौदेबाजी क
े अचधकार पर कन्िेंशन (संख्या 98)
 सभी क्षेत्रों में श्रसमकों क
े कल्याण और आजीविका क
े सलये िैजश्िक आचथटक एिं अन्य चुनौततयों का सामना करने हेतु आठ कन्िेंशनों को एक साथ
लाना ितटमान समय में अचधक प्रासंचगक हो गया है।
 िास्ति में ये मानिाचधकारों की सािटभौसमकता, सभी को सुरक्षा प्रदान करने एिं एक िैजश्िक तंत्र में सामाजजक न्याय की आिश्यकता को साधने हेतु व्यापक संरचना का
महत्त्िपूणट दहस्सा हैं।
 ये पूणट रूप से संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, अंतराटष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय समुदायों क
े मुख्य स्रोत हैं।
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िारत और ILO
 भारत ILO का संस्थापक सदस्य है और यह िषट 1922 से ILO क
े संचालन तनकाय का स्थायी सदस्य है।
 भारत में ILO का पहला कायाटलय िषट 1928 में स्थावपत क्रकया गया था। ILO और इसक
े भागीदारों क
े
मध्य परस्पर विश्िास एिं सबमान इसक
े अंततनटदहत ससद्धांतों क
े रूप में स्थावपत है। यह तनरंतर
संस्थागत क्षमताओं क
े तनमाटण तथा भागीदारों की क्षमताओं को मजबूत करने का आधार है।
 भारत ने आठ प्रमुख/मौसलक ILO कन्िेंशनों में से 6 की पुजष्ट्र् की है। ये कन्िेंशन तनबनसलखखत हैं:
 बलात् श्रम पर कन्िेंशन (संख्या 29)
 बलात् श्रम क
े उन्मूलन पर कन्िेंशन (संख्या 105)
 समान पाररश्रसमक पर कन्िेंशन (संख्या 100)
 भेदभाि (रोजगार और व्यिसाय) पर कन्िेंशन (संख्या 111)
 न्यूनतम आयु पर कन्िेंशन (संख्या 138)
 बाल श्रम क
े सबसे विकृत स्िरुप पर कन्िेंशन (संख्या 182)
 भारत ने दो प्रमुख/ मौसलक कन्िेंशनों, अथाटत् संघ बनाने की स्ितंत्रता एिं संगदठत होने क
े अचधकार की
सुरक्षा पर कन्िेंशन, 1948 (संख्या 87) और संगदठत होने तथा सामूदहक सौदेबाजी पर कन्िेंशन, 1949
(संख्या 98) की पुजष्ट्र् नहीं की है।
 ILO की कन्िेंशन संख्या 87 एिं 98 की पुजष्ट्र् नहीं होने का मुख्य कारण सरकारी कमटचाररयों पर लगाए गए क
ु छ
प्रततबंध हैं।
 इन कन्िेंशनों की पुजष्ट्र् करने हेतु भारत को सरकारी कमटचाररयों को क
ु छ ऐसे अचधकार देने होंगे जो िैधातनक
तनयमों क
े तहत तनवषद्ध हैं, अथाटत् हड़ताल करने का अचधकार, सरकारी नीततयों की स्पष्ट्र् रूप से आलोचना
करना, वित्तीय योगदान को स्ितंत्र रूप से स्िीकार करना, विदेशी संगठनों में स्ितंत्र रूप से शासमल होना, आदद।
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ILO का ग्लोबल कमीशन ऑन द फ्यूचर ऑफ िक
य
 ILO क
े ग्लोबल कमीशन ऑन द फ्यूचर ऑफ िक
ट का गठन ILO फ्यूचर ऑफ़ िक
ट इतनसशएदर्ि में दूसरे
चरण को चचजह्नत करता है।
 इसकी सह-अध्यक्षता दक्षक्षण अफ्ीका क
े राष्ट्रपतत ससररल रामाफोसा एिं स्िीडडश प्रधानमंत्री स्र्ीफन लफ्िेन द्िारा
की गई थी।
 आयोग एक मानि-क
ें दद्रत एजेंडे हेतु रूपरेखा तैयार करता है जो लोगों की क्षमताओं, संस्थानों और सतत ्
कायट में तनिेश करने पर आधाररत है।
 इसने फ्यूचर ऑफ िक
ट का गहन परीक्षण क्रकया है जो 21िीं सदी में सामाजजक न्याय क
े वितरण क
े सलये
विश्लेषणात्मक आधार प्रदान कर सकता है।
 यह नई तकनीक, जलिायु पररितटन और जनसंख्या क
े कारण उत्पन्न होने िाली चुनौततयों को रेखांक्रकत
करता है एिं श्रम की दुतनया में पैदा होने िाले व्यिधानों पर एक सामूदहक िैजश्िक प्रततक्रिया का
आह्िान करता है।
 आदर्टक्रफसशयल इंर्ेलीजेंस, ऑर्ोमेशन और रोबोदर्क्स क
े पररणामस्िरूप रोजगार क
े अिसरों में कमी आएगी क्योंक्रक
पुरानी क
ु शलताएँ अप्रचसलत हो जाएंगी।
 इसक
े प्रमुि सुझाि हैं:
 एक सािटभौसमक श्रम गारंर्ी, जो श्रसमकों क
े मौसलक अचधकारों की रक्षा करती है, आजीविका हेतु एक पयाटप्त
पाररश्रसमक, कायट का तनयत समय तथा सुरक्षक्षत कायटस्थल सुतनजश्चत करती है।
 जन्म से लेकर िृद्धािस्था तक सामाजजक सुरक्षा की गारंर्ी जो लोगों की जरुरतों का समथटन करे।
 आजीिन सीखने क
े सलये एक सािटभौसमक अचधकार जो लोगों को कौशल प्रदान करे, कौशल का निीनीकरण करें
एिं कौशल विकास हेतु सक्षम बनाए।
 डडजजर्ल श्रम प्लेर्फामों क
े सलये एक अंतराटष्ट्रीय शासन प्रणाली सदहत सभ्य कायट को बढािा देने हेतु तकनीकी
पररितटन का प्रबंधन।
 देखभाल, हररत एिं ग्रामीण अथटव्यिस्थाओं में अचधक से अचधक तनिेश।
 लैंचगक समानता हेतु एक पररितटनकारी एिं मापने योग्य एजेंडा।
 दीघाटिचध तनिेश को बढािा देने हेतु व्यापार प्रोत्साहन को नया रूप देना।
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UNESCO
 यूनेस्को फ
ु ल फॉमट ‘United Nations EducationalScientific And Cultural Organization’होता है
UNESCOFull Form in Hindi ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षक्षक, िैज्ञातनक और सांस्कृ ततक संगठन’ होता है।
 यूनेस्को का मुख्यालय कहाँ है: यूनेस्को का मुख्यालय पेररस (फ्ांस) में है
 UNESCO KeNaye Adhyaksh: ितटमान समय में यूनेस्को क
े महातनदेशक आंद्रे अजोले है जजन्हे
यह पद 13 अक्र्ूबर 2017 को ददया गया था इनक
े पहले इस पद पर इरीना बोक्रकिा थी।
 यूनेस्को की स्थापना कब हुई: संयुक्त राष्ट्र संघ क
े सदस्य देशों ने 16 निंबर 1945 को
UNESCOकी स्थापना की थी।
 UNESCO KeBrand Ambassador: इसक
े अंततम िांड एंबेसडर मेजक्सको क
े एंड्रेस रोमेर है
यूनेस्को में भारत क
े भी दो िांड एंबेसडर मदनजीत ससंह सन 2000 और सनी िकी सन
2012 में रह चुक
े है।
 यूनेस्को क
े सदस्य (UNESCOKe Members):यूनेस्को में 193 सदस्य देश है जजसमें 11
सहयोगी सदस्य देश और 2 पयटिेक्षक सदस्य देश भी शासमल है।
 दुतनया भर क
े 50 क्षेत्र कायाटलय है और मुख्यालय पेररस में जस्थत हैं।
 यूनेस्को का समशन सशक्षा, विज्ञान, संस्कृ तत, संचार और सूचना क
े माध्यम से शांतत की
स्थापना, गरीबी क
े उन्मूलन, सतत विकास और पारस्पररक संिाद क
े तनमाटण में योगदान
करना है।
 ितटमान प्रासंचगकता - यूनेस्को ने रूस क
े आिमण क
े दौरान में यूि
े न की लुप्तप्राय
सांस्कृ ततक विरासत को संरक्षक्षत करने पर जोर ददया है।
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 आज की स्स्थतत
आज यूनेस्को क
े 193 सदस्य देश हैं और 11 सहयोगी सदस्य हैं. फ्ांस क
े पेररस जस्थत विश्ि धरोहर क
ें द्र में
इसका मुख्यालय है. इसेक 53 क्षेत्रीय कायाटलय हैं और 199 देशों क
े राष्ट्री आयोग इसक
े िैजश्िक घोषणापत्र
को लागू करते हैं. यूनेस्को क
े तत्िाधान में क
ु ल 40 अंतरराष्ट्रीय ददिस मनाए जाते हैं। इनमें क
ु छ प्रमुख
नाम 8 माचट को अंतरराष्ट्रीय मदहला ददिस, 3 मई को विश्ि प्रेस स्ितंत्रता ददिस, 5 अक्र्ूबर को विश्ि
सशक्षक ददिस और 18 ददसंबर को अंतरराष्ट्रीय ददिस शासमल हैं
 यूनेस्को क
े अनुसार अठारह िषट से कम आयु का प्रत्येक मनुष्ट्य जब तक क्रक बच्चे पर लागू कानून क
े तहत,
बहुमत प्राप्त नहीं क्रकया जाता है । बच्चा है।
 2019 की शुरूआत क
े साथ ही इस्राएल और अमेररका ने संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृ ततक एजेंसी यूनेस्को से नाता
तोड़ सलया है. दोनों क
े आरोप यूनेस्को की कायट प्रणाली पर क
ु छ सिाल खड़े करते हैं|
 भारत यूनेस्को का सदस्य है, भारत 1946 में अपनी स्थापना क
े बाद से यूनेस्को का सदस्य रहा है
 ऑड्रे अजूले (Audrey Azoulay) एक फ्ांसीसी ससविल सेिक और राजनीततज्ञ है जो 2017 से संयुक्त राष्ट्र
शैक्षक्षक, िैज्ञातनक और सांस्कृ ततक संगठन (यूनेस्को) क
े महातनदेशक क
े रूप में सेिा कर रहा है ।
 यूनेस्को क
े सलए विश्ि विरासत कोष धन का सबसे बड़ा स्रोत है । इसमें सदस्य राज्यों द्िारा अतनिायट
योगदान और दान शासमल है । उन्हें अन्य तनजी राज्यों से भी धन समलता है जो ससफ
ट मदद करना चाहते हैं
।
इततहास
 िषट 1942 में द्वितीय विश्ि युद्ध क
े दौरान धुरी राष्ट्रों का सामना कर रहे यूरोपीय देशों ने यूनाइर्ेड
क्रकं गडम में ‘कॉन्र
ें स ऑफ अलाइड भमतनस्टसय ऑफ एजुक
े शन’ (Conference of Allied Ministers of
Education - CAME) का आयोजन क्रकया था।
 क
े म (CAME) क
े प्रस्ताि क
े आधार पर एक ‘शैक्षक्षक और सांस्कृ ततक संगठन’ की स्थापना क
े सलये निंबर
1945 में लंदन में संयुक्त राष्ट्र सबमेलन बुलाया गया था।
 सबमेलन क
े अंत में 16 निंबर, 1945 को यूनेस्को की स्थापना की गई थी।
 यूनेस्को क
े जनरल कॉन्फ्
ें स का प्रथम सत्र िषट 1946 में निंबर-ददसंबर क
े दौरान पेररस में आयोजजत क्रकया
गया था
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UNESCO World Heritage Site India
हम आपको यूनेस्को सलस्र् इन इंडडया की कु छ धरोहर क
े नाम बता रहा है अगर आप भारत
की सभी विश्ि धरोहर क
े बारे में जानना चाहते है तो इसक
े सलए यहां से यूनेस्को विश्ि
विरासत सूची को देखे।
 ताज महल (आगरा)
 खजुराहो मंददर (मध्य प्रदेश)
 अजंता की गुफाएँ – एलोरा की गुफाएँ (महाराष्ट्र)
 सुंदरबन नेशनल पाक
ट (पजश्चम बंगाल)
 जंतर-मंतर (जयपुर)
 चचट और मठ (गोिा)
 नालंदा महाविहार / नालंदा विश्िविद्यालय (ब्रबहार)
UNESCO क
े तीन प्रमुि अंग हैं-
 (1) सामान्य सभा (2) कायटकाररणी मण्डल (3) सचचिालय।
(1) सामान्य सिा- यह एक प्रमुख संस्था है, जजसमें इसक
े सभी सदस्य प्रतततनचध होते हैं। इन
सदस्यों का चुनाि शैक्षखणक िैज्ञातनक तथा सांस्कृ ततक संस्थाओं क
े परामशट से क्रकया जाता है।
इस संस्था में प्रत्येक सदस्य देश अपना पाँच प्रतततनचध रख सकता है।
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(2) काययकाररणी मण्डल- इसे UNESCO का हृदय कहा जाता है। यह मण्डल यूनेस्को तथा
सामान्य सभा में सजबमसलत सभी राज्य शासकों को प्रतततनचधत्ि प्रदान करता है। कायटकारी
मण्डल, यूनेस्को की सिोच्च सत्ता (सामान्य सभा) एिं महातनदेशक क
े मागटदशटन का कायट करता
है एिं साथ ही सचचिालय क
े मध्य कड़ी का कायट करता है। कायटकारी मण्डल का तनिाटचन
सामान्य सभा द्िारा होता है। इसकी िषट में कम से कम दो बार बैठक
ें अिश्य होती है। इसका
कायट सामान्य सभा द्िारा तनधाटररत नीततयों एिं कायटिमों को क्रियाजन्ित करना है।
(3) सधचिालय- इसको ‘विशेषज्ञों का आगार माना जाता है। सचचिालय में एक महातनदेशक तथा
अन्य अचधकारी होते हैं। सचचिालय का प्रधान कायाटलय पेररस में है एिं यह छः प्रमुख विभागों
में विभाजजत है- सशक्षा, प्राकृ ततक विज्ञान, सामाजजक विज्ञान, सांस्कृ ततक कायट, सामूदहक सशक्षा
एिं प्रचार-साधन तथा प्राविचधक सहायता विभाग महातनदेशक की तनयुजक्त कायटकारी मण्डल
द्िारा की जाती है।
उद्देश्य
 सांस्कृ ततक विवििता, परस्पर संिाद एिं शांतत की प्रिृवत्त को प्रोत्सादहत करना।
 सतत् विकास क
े सलये नीतत एिं विज्ञान संबंिी ज्ञान का उपयोग करना।
 सभी क
े सलये गुणित्तापूणय भशक्षा और उन्हें उम्र भर सीिने हेतु प्रेररत करना।
 उभरती सामाजजक और नैततक चुनौततयों को संबोचधत करना।
 संचार एिं सूचना क
े माध्यम से समािेशी ज्ञान से युक्त समाज का तनमाटण करना।
 विश्ि क
े प्राथसमकता िाले क्षेत्रों जैसे ‘अरीका’ एिं ‘लैंधगक समानता’ पर ध्यान क
ें दद्रत करना।
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  • 1. UNDERSTANDING GLOBALIZATION Unit 2) Contemporary World Actors (समकालीन विश्ि अभिनेता) A. United Nations B. World Trade Organization (WTO) C. BRICS D. MNC’s, TNC’s Arjun (Arjunnotespoint) A r j u n
  • 2. A) UNITED NATIONS (संयुक्त राष्ट्र संघ) A r j u n
  • 3. वििरण- 'संयुक्त राष्ट्र' एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसक े चार्टर पर 26 जून, 1945 को सेन फ्ांससस्को में हस्ताक्षर हुए, जो 24 अक्र्ूबर, 1945 को लागू हुआ। संयुक्त राष्ट्र क े प्रततक चचन्ह में जैतून की दो शाखाएं ऊपर की ओर खुली हैं और उनक े बीच हल्की नीली पृष्ट्र्भूसम में विश्ि का मानचचत्र है। स्थापना- 24 अक्र्ूबर, 1945 मुख्यालय- न्यूयॉक ट अधिकारी िाषाएँ- अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ़्ांसीसी, रूसी, स्पेनी। सदस्य देश- 193 अध्यक्ष- एंर्ोतनयो गुर्ेरेस मुख्य उद्देश्य- संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य विश्ि में युद्ध रोकना, मानि अचधकारों की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानून को तनभाने की प्रक्रिया जुर्ाना, सामाजजक और आचथटक विकास उभारना, जीिन स्तर सुधारना और बीमाररयों से लड़ना है। A r j u n
  • 4. a) संयुक्त राष्ट्र संघ का इततहाभसक अिलोकन League of Nation ( राष्ट्र संघ)  प्रथम विश्ियुद्ध क े बाद 10 Jan 1920 में राष्ट्र संघ (League of Nation) का गठन क्रकया गया था।  अंतराटष्ट्रीय वििादों को बातचीत क े जररये हल करने, शस्त्रों की होड़ में कमी लाने तथा दुतनयां को बड़े युद्धों क े संकर् से बचाने क े सलए पेररस समझौते क े तहत राष्ट्र संघ का गठन क्रकया गया. इसकी स्थापना क े पीछे अमेररकी राष्ट्रपतत विल्सन का योगदान थाl  इसका उद्देश्य क्रकसी संभावित दूसरे विश्ि युद्द को रोकना था, लेक्रकन राष्ट्र संघ 1930 क े दशक में दुतनया क े युद्ध की तरफ़ बढाि को रोकने में विफल रहा।1946 में इसे भंग कर ददया गया संयुक्त राष्ट्र संघ  संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्ि युद्ध क े बाद तथा लीग ऑफ़ नेशंस(League of Nations) की असफलता क े बाद हुई थी ताक्रक भविष्ट्य में ऐसे विनाशकारी युद्धों को रोका जा सक े ।  इससलए राष्ट्र संघ क े ढांचे और उद्देश्यों को 'संयुक्त राष्ट्र संघ' ने अपनाया।  राष्ट्रसंघ विश्िशांतत स्थावपत करने में असफल रहा। द्वितीय विश्ि युद्ध ससतबबर 1939 में आरबभ हो गया और 12 जून,1941 को दहर्लर क े विरुद्ध युद्ध करने िाले राष्ट्रों ने एक ऐसे विश्ि क े तनमाटण की घोषणा की जो आिमण क े भय से मुक्त हो तथा जजसमें सबको आचथटक ि सामाजजक सुरक्षा प्राप्त हो। A r j u n
  • 5.  अटलांटटक घोषणा-पत्र (Atlantic Charter) –14 अगस्त, 1941 को ब्रिर्ेन क े प्रधानमन्त्री चचचटल ि अमेररका क े राष्ट्रपतत रूजिेल्र् ने घोषणा की क्रक िे क्रकसी अन्य देश की भूसम पर अचधकार नहीं करेंगे, सभी राष्ट्रों की जनता को अपनी राष्ट्र-प्रणाली स्ियं तनधाटररत करनेका अचधकार देंगे, भय से मुजक्त ददलायेंगे, सबकी आिश्यकताओं की पूततट का प्रयास करेंगे तथा असभव्यजक्त की स्ितन्त्रता देंगे। भय तथा आिश्यकता से मुजक्त और विश्िास तथा धमट की स्ितन्त्रता मान्य होगी (Freedom from Fear, Want and Freedom of Belief and Worship)  संयुक्त राष्ट्रसंघ की घोषणा, जनिरी 1942 (U.N.O. Declaration) – 1 जनिरी, 1942 को संयुक्त राष्ट्र की घोषणा िासशंगर्न में 26 राष्ट्रों ने की जजसमें अर्लांदर्क charter का समथटन क्रकया गया और संयुक्त राष्ट्रसंघ क े तनमाटण की आशा की गई।मास्को सबमेलन 1943 द्िारा एक अन्तराटष्ट्रीय संस्था क े तनमाटण का विचार क्रकया गया जजसमें छोर्े-बड़े सभी राष्ट्रों की सािटभौसमक समानता (Sovereign equality) को मान्यता देने की बात की गई। यही संगठन बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ क े रूप में विकससत हुआ  इसक े बाद िेर्न िुड्स सबमेलन, जुलाई 1944 ि िासशंगर्न में डबबर्टनर्ट -ओक्स सबमेलन ि याल्र्ा सबमेलन फरिरी 1945 को हुआ। परन्तु, 25 अप्रैल से 26 जून, 1945 तक क े सानफ्ांससस्को सबमेलन द्िारा संयुक्त राष्ट्रसंघ का तनमाटण क्रकया गया। इसमें विश्ि क े 51 राष्ट्रों क े 850 प्रतततनचधयों ने भाग सलया। 24 अक्तूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ का charter लागू हुआ। 10 जनिरी, 1946 को लन्दन क े िेस्र्समन्स्र्र हाल में इसका प्रथम अचधिेशन हुआ और न्यूयाक ट (अमेररका) में इसका प्रधान कायाटलय स्थावपत क्रकया गया।  193 देश सूडान है जो 2011 में जुड़ा थाI A r j u n
  • 6. अमेररका और ब्रिर्ेन ने नए अर्लांदर्क चार्टर पर हस्ताक्षर क्रकए A r j u n
  • 7. b) भसद्िांत (Principle) और उद्देश्य भसद्िांत- चार्टर की धारा 2 में संयुक्त राष्ट्र संघ क े मागटदशटन क े सलए सात ससद्धांत उल्लेखनीय है :– 1. संयुक्त राष्ट्र संघ क े सभी सदस्यों क े बीच समानताएं। 2. संयुक्त राष्ट्र संघ द्िारा स्िीकृ त क्रकये गये चार्टर क े सभी उत्तरदातयत्िों का स्िेच्छा अनुसार पालन करना। 3. अंतराटष्ट्रीय वििादों का शांततपूणट समाधान। जजससे अंतराटष्ट्रीय शांतत, सुरक्षा और न्याय खतरे में ना पड़े। 4. सभी सदस्य ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जजससे अन्य देशों की प्रादेसशक अखंडता पर आँच आये। 5. सभी सदस्य संयुक्त राष्ट्र संगठन को हर संभि सहायता उपलब्ध कराएँगे । एिं ऐसे देश को क्रकसी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं करेंगे जजसक े विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संगठन कोई कायटिाही कर रहा हों। 6. संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रयास रहेगा क्रक जो देश संगठन क े सदस्य नहीं है िे भी संगठन क े ससद्धांतों क े अनुकू ल कायट करे। 7. जो मामले मूल रूप से क्रकसी भी देश क े आंतररक क्षेत्राधिकार (घरेलू अधिकाररता) में आते हैं, उनमें संयुक्त राष्ट्र हस्तक्षेप नहीं करेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ क े सभी सदस्यों क े बीच समानताएं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्िारा स्िीकृ त क्रकये गये चार्टर क े सभी उत्तरदातयत्िों का स्िेच्छा अनुसार पालन करना। अंतराटष्ट्रीय वििादों का शांततपूणट समाधान। जजससे अंतराटष्ट्रीय शांतत, सुरक्षा और न्याय खतरे में ना पड़े। A r j u n
  • 8. उद्देश्य-  विश्ि में शांतत की स्थापना करना।  मानि अचधकारों की रक्षा करना।  सामाजजक एिं आचथटक विकास ।  अंतरराष्ट्रीय शाजन्त और सुरक्षा बनाए रखना।  राष्ट्रों क े बीच उनक े सबमान, अचधकार और आत्म तनणटय क े आधार पर मैत्रीपूणट संबंधों का विकास करना।  आचथटक, सामाजजक, सांस्कृ ततक और मानि दहतिादी, अंतराटष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने और मानिीय अचधकारों तथा सबक े मौसलक स्िाधीनता क े प्रतत सबमान भािना बढाने मे अंतराटष्ट्रीय सहयोग करना।  इन सामूदहक लक्षणों की प्राजप्त में राष्ट्रों क े क्रियाकलाप में सहमतत बनाने िाले क ें द्र क े रूप में अपनी पहचान बनाना। इस प्रकार संयुक्त राष्ट्रसंघ क े उद्देश्यों को संक्षेप में चार शब्दों द्िारा व्यक्त क्रकया जा सकता है – सुरक्षा, न्याय, कल्याण, मानि अधिकार। A r j u n
  • 10. c) संरचनाएं(Structure) और कायय(Function)  मुख्यालय - न्यूयाकट , 193 सदस्य देश।  संयुक्त राष्ट्रसंघ क े सभी सदस्य, महासभा क े भी सदस्य होते हैं। प्रत्येक क े पास एक िोर् का अचधकार होता है।  बजर् को स्िीकृ तत प्रदान करना।  महत्िपूणट मुद्दों पर तनणटय क े सलए दो ततहाई (2/3) बहुमत अिाश्यक।  संयुक्त राष्ट्र पररषद् की ससफाररश पर नए सदस्यों का प्रिेश। महासभा (General Assembly)एक लोकताजन्त्रक संस्था है इसमें सभी देशों का समान प्रतततनचधत्ि होता है। यह संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्य विमशी ि नीतत तनमाटण अंग है। जो मुक्त एिं उदार बातचीत क े जररये समस्याओं का समाधान ढूँढने का प्रयास करता है। यह विश्ि का स्थायी मंच एिं बैठक कक्ष है। इसका गठन क ु छ इस प्रकार मान्यता पर आधाररत है :– "शब्दों से लडा जाने िाला युद्ि तलिारों से लडे जाने िाले युद्ि से श्रेयस्कर है." महासभा की अध्यक्षता महासचचि द्िारा की जाती है। जो सदस्य देशों एिं 21 उप-अध्यक्षों क े द्िारा चुने जाते हैं। इसमें सामान्य मुद्दों पर फ ै सला लेने क े सलए दो ततहाई बहुमत की जरुरत होती है। महासभा राष्ट्रीय संसद की तरह कानून का तनमाटण नहीं करती है। महासिा( मुख्य विचार विमशय सिा)- A r j u n
  • 11.  संयुक्त राष्ट्र क े चार्टर क े तहत महासभा क े पास तनददटष्ट्र् नीतत पर विचार- विमशट करने और नीतत क्रियान्ियन करने की क ें द्रीय शजक्त है। महासभा में संयुक्त राष्ट्र क े सभी 193 सदस्य शासमल थे, यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दों क े बहुपक्षीय चचाट क े सलए एक सकारात्मक मंच प्रदान करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय कानून क े संदहताकरण और शांतत इस सभा की बैठक िषट में दो बार होती है। प्रत्येक िषट ससतंबर से ददसंबर तक इसका पहला सत्र चलता है। दूसरा सत्र जनिरी से ससतंबर तक चलता है। इस सत्र क े दौरान सभा में महत्त्िपूणट मुद्दों पर चचाट की जाती है। उच्च स्तरीय विषयगत िाद-वििाद क े सलए महासभा क े अध्यक्ष, सदस्यों क े साथ परामशट करते हैं। इसक े साथ-साथ सभा पारंपररक रूप से अपने प्रस्तािों क े अनुसार अतनिायट विषयों की एक विस्तृत विषय पर अनौपचाररक परामशट भी देती है। A r j u n
  • 13.  महासभा विचार-विमशट, दहतों में समन्िय और लोकतांब्रत्रक वििाद को हल करने से संबंचधत है। महासभा प्रस्तािों को पाररत करक े िैजश्िक राजनीतत को प्रभावित कर सकती है। ितटमान मे महासभा अफ्ीका में उन्मूलन, पोसलयो, एड्स और स्िाइन फ्लू जैसी महामारी क े विसभन्न मुद्दों पर काम कर रही है। 'रोल बैक मलेररया' आंदोलन कायटिम बीमाररयों को रोकने और जीिन को बेहतर बनाने में मदद करता है। ऐसा अनुमान लगाया जाता है क्रक मलेररया से साल में 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है, और पाँच िषट से कम उम्र क े बच्चे इससे सबसे ज्यादा असुरक्षक्षत होते हैं।  2000 क े उपरांत महासभा ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों तक पहुँचने क े सलए कई पहल की है, जो इक्कीसिीं सदी को सुरक्षक्षत और शांततपूणट बनाती है। हालाँक्रक हम यह तनष्ट्कषट तनकाल सकते हैं क्रक महासभा िाद-वििाद, चचाट क े सलए एक बहुपक्षीय मंच है। यह एक ऐसे मंच क े रूप में भी काम करता है जो अंतरराष्ट्रीय कानून को संदहताबद्ध करे जजससे शांतत स्थावपत की जा सकती है। यह उच्च स्तरीय नीततगत मामलों पर परामशट क े सलए अनौपचाररक रूप भी देता है। A r j u n
  • 15. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद संयुक्त राष्ट्र क े छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जजसका उत्तरदातयत्ि है अन्तरराष्ट्रीय शाजन्त और सुरक्षा बनाए रखना। पररषद को अतनिायट तनणटयों को घोवषत करने का अचधकार भी है। ऐसे क्रकसी तनणटय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद प्रस्ताि कहा जाता है। इसे विश्ि का ससपाही भी कहते है क्योंक्रक िैजश्िक शाजन्त और सुरक्षा का उत्तरदातयत्ि इसी क े पास में है|  सुरक्षा पररषद में 15 सदस्य है: पाँच स्थायी और दस अस्थायी (प्रत्येक 2 िषट क े सलए). पाँच स्थायी सदस्य हैं चीन, फ़्ांस, रूस, ग्रेर् ब्रिर्ेन और संयुक्त राज्य अमेररका । इन पाँच देशो को कायटविचध मामलों में तो नहीं पर विचधित मामलों में प्रतततनषेध शजक्त है। बाकी क े दस सदस्य क्षेत्रीय आधार क े अनुसार दो साल की अिचध क े सलए सामान्य सभा द्िारा चुने जाते है। सुरक्षा पररषद का अध्यक्ष हर महीने िणटमालानुसार बदलता है। संयुक्त राष्ट्र संघ क े छह अंग होते हैं: 1.सुरक्षा पररषद् 2.अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय 3.महासभा 4.सचचिालय 5.आचथटक और सामाजजक पररषद् 6.न्यायससता पररषद्  अंतराटष्ट्रीय कानून द्िारा क े िल सुरक्षा पररषद क े पांच स्थाई सदस्य की नासभकीय योग्यताएं अनुमोददत हैं। इन सदस्यों को प्रतततनषेध शजक्त भी दी गई है। इसका अथट है क्रक सुरक्षा पररषद क े बहुमत द्िारा स्िीकृ त कोई भी प्रस्ताि इन पांच में से क्रकसी भी एक की असहमतत से उस प्रस्ताि का पारण रोका जा सकता है। सुरक्षा पररषद क े बाकी क े दस सदस्य दो साल की अिचधयों क े सलए चुने जाते हैं। हर साल इन दस में से पांच चुने जाते हैं। यह चुनाि क्षेत्रीय आधार पर होते हैं  UNSC की पहली बैठक 17 जनिरी 1946 को हुई थी जजसका विषय तैयारी आयोग की ररपोर्ट, सुरक्षा पररषद क े अध्यक्ष क े चयन और संयुक्त राष्ट्र महासचचि की तनयुजक्त पर विचार विमशट करना था। आजतक UNSC द्िारा बहुत सारे देशों की सहायता की जा चुकी है जजनमें कु िैत, नामीब्रबया, क ं बोडडया, बोजस्नया, रिांडा, सोमासलया, सूडान और कांगो आदद जैसे देश शासमल हैं। A r j u n
  • 16. UNSC का फ ू ल फॉमय  आपकी जानकारी क े सलए बता दें क्रक UNSC का फ ु ल फॉमट “United Nations Security Council” है और दहंदी में इसे “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद” भी कहा जाता है। क ु छ लोग इसे विश्ि का ससपाही भी कह देते हैं। UNSC क े सामने आने िाली चुनौततयां  भले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद विश्ि में शांतत सुतनजश्चत करने क े सलए एहम भूसमका तनभा रहा है लेक्रकन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद की क ु छ अंदरूनी कसमयों क े कारण UNSC को क ु छ चुनौततयों का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को जल्द से जल्द हल करना चादहए।  ितटमान में जो UNSC क े स्थायी सदस्य हैं िह अपनी िीर्ो शजक्त को छोड़ने क े सलए तैयार नहीं हैं और ना ही इस शजक्त को क्रकसी अन्य सदस्य को देने क े पक्ष में हैं।  G-4 समूह में शासमल सदस्य देशों क े साथ भारत को काफी सारे मानकों पर भारत को कड़ी प्रततस्पधाट का का सामना करना पड़ता है उदाहरण क े तौर पर नि विकास सूचकांक, लैंचगक अंतराल सूचकांक आदद में भारत की जस्थतत जापान और जमटनी जैसे देशों से भी खराब है।  भारत देश की सदस््ता क े सलए चार्टर में क ु छ बदलाि करने की आव्यशकता है और इसक े सलए स्थायी देशों की सहमतत क े साथ ही साथ दो ततहाई सदस्य देशों की पुजष्ट्र् भी जरूरी है।  जहाँ संयुक्त राज्य अमेररका बहुपक्षिाद क े खखलाफ है िहीीँ रूस क्रकसी भी प्रकार क े सुधार क े सलए सहमत नहीं है।  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में एकमात्र प्रतततनचध होने की इच्छा रखने िाला चीन देश भी क्रकसी बदलाि क े सलए सहमत नहीं है और चीन असल में यह भी नहीं चाहता की भारत UNSC का दहस्सा बने।  शांतत स्थावपत करने क े सलए चलाए गए अहम असभयानों में महत्त्िपूणट भूसमका तनभाने िाले भारत जैसे देशों को नजरअंदाज कर ददया जाता है।  UNSC क े 50 प्रततशत से भी अचधक कायट अक े ले अफ़्ीकी देशों से संबंचधत होते हैं लेक्रकन अफ्ीका और दक्षक्षण अमेररका का कोई भी देश इस समूह का दहस्सा नहीं है। A r j u n
  • 17. स्थायी सदस्यता प्राप्त करने क े फायदे  ितटमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क े स्थायी सदस्य देशों की संख्या क े िल 5 है परन्तु UNSC में स्थायी सदस्य बन जाने क े बाद उस देश को कई शजक्तयां प्राप्त होती हैं जो एक अस्थायी सदस्य क े मुकाबले ज़्यादा हैं। इन शजक्तयों से सदस्य देश कई लाभ प्राप्त करता है जजनमें से कु छ इस प्रकार हैं:-  सुरक्षा पररषद स्थायी सदस्यता से िीर्ो पािर प्राप्त हो जाती है जोक्रक क्रकसी अहम तनणटय में एक महत्िपूणट भूसमका तनभाती है।  िैजश्िक भू-राजनीतत में अचधक मजबूती से अपनी बात रखने क े सलए स्थायी सदस््ता जरूरी हो जाती है।  सुरक्षा खतरों और आतंकिाद क े खखलाफ समाधान क े सलए स्थायी सदस््ता बहुत ही लाभदायक ससद्ध होती है।  क्रकसी अंतराटष्ट्रीय तनणटय को लागू करने क े सलए और प्रततबंध लगाने क े सलए सुरक्षा पररषद क े समथटन की आियश्कता होती है जजससे UNSC क े स्थायी सदस्य होने पर बढ जाते हैं।  इस से हम अंदाजा लगा सकते हैं क्रक अगर क्रकसी देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद की स्थायी सदस््ता प्राप्त हो जाये तो उस सदस्य देश को क्रकतना लाभ हो सकता है। लेक्रकन ितटमान में जो स्थायी सदस्य हैं िह अपनी सदस््ता को छोड़ने क े सलए तैयार नहीं हैं जोक्रक UNSC की एक कमी क े रूप में उभर कर आती है।  Trick to learn Veto Power Country - रूस का FACE (Russia , France, America, China ,England) A r j u n
  • 18. गैर-स्थायी सदस्य क ै से चुने जाते हैं?  प्रत्येक िषट, महासभा दो िषट क े कायटकाल क े सलए कु ल 10 में से पाँच गैर-स्थायी सदस्यों का चुनाि करती है।  सीटों का वितरण: इन 10 सीर्ों को क्षेत्रों क े बीच वितररत क्रकया जाता है: अफ्ीकी और एसशयाई देशों क े सलए पांच; पूिी यूरोपीय देशों क े सलए एक; लैदर्न अमेररकी और क ै रेब्रबयाई देशों क े सलए दो; पजश्चमी यूरोपीय और अन्य देशों क े सलए दो।  अफ्ीका और एसशया क े सलए पांच सीर्ों में से तीन अफ्ीका क े सलए और दो एसशया क े सलए हैं; अरब देश क े सलए एक सीर् आरक्षक्षत करने क े सलए दो समूहों क े बीच एक अनौपचाररक समझौता है। अफ्ीका और एसशया प्रशांत समूह, हर दो साल में अरब उबमीदिार को खड़ा करते हैं।  सम िषों से शुरू होने िाले पदों क े सलए चुनाि में दो अफ्ीकी सदस्यों और पूिी यूरोप, एसशया-प्रशांत और लैदर्न अमेररका और क ै ररब्रबयन में एक-एक का चयन होता हैं। विषम िषों से शुरू िाले पदों क े सलए चुनाि में दो पजश्चमी यूरोपीय और अन्य सदस्यों और एसशया-प्रशांत, अफ्ीका और लैदर्न अमेररका तथा क ै ररब्रबयन से एक-एक सदस्य का चुनाि होता है।  मतदान: भले ही कोई देश “क्लीन स्लेर्” का उबमीदिार हो और उसक े समूह द्िारा उसका समथटन क्रकया गया हो, उसे महासभा सत्र में उपजस्थत और मतदान करने िाले दो-ततहाई सदस्यों क े िोर्ों को सुरक्षक्षत करने की आिश्यकता है (न्यूनतम 129 िोर् अगर सभी 193 सदस्य राज्य भाग लेते हैं)। जब चुनाि लड़ा जाता है, तो गैर-स्थायी सीर्ों क े सलए चुनाि र्ल सकते हैं और कई दौरों तक चल सकते हैं। 1975 में, भारत और पाक्रकस्तान क े बीच मुकाबला हुआ, जो आठ राउंड तक चला। पाक्रकस्तान ने उस साल यह सीर् जीती थी। 1996 में, भारत जापान से हार गया था। A r j u n
  • 19. िारत की मांगे:  भारत लंबे समय से िाजील, जमटनी और जापान क े साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क े सुधार का आह्िान कर रहा है, जजसमें संयुक्त राष्ट्र की उच्च तासलका में स्थायी सदस्य क े रूप में इसकी दािेदारी पर जोर ददया गया है। िारत को पररषद में स्थायी सीट क्यों दी जानी चाटहए?  भारत, संयुक्त राष्ट्र क े संस्थापक सदस्यों में से था।  यह दूसरा सबसे बड़ा और संयुक्त राष्ट्र शांतत असभयानों क े सलए सैतनकों क े सबसे बड़े तनरंतर योगदानकताटओं में से एक है।  यह 7 बार UNSC का सदस्य रहा है और G-77 और G-4 का सदस्य है, इससलए स्थायी सदस्यता एक ताक्रक ट क विस्तार है। G4 ब्लॉक:  4 देशों का समूह, (जमटनी, जापान, िाजील, भारत) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में स्थायी सीर्ों क े सलए दािेदारी कर रहा है। द कॉफी क्लब या यूनाइटटंग फॉर कांसेंसस (The Coffee Club or Uniting for Consensus):  जी 4 क े विरोधी देशो का समूह। उन्होंने क्षेत्रीय आधार पर चुने जाने िाले सदस्यों क े साथ सीर्ों क े गैर-स्थायी श्रेणी क े विस्तार का समथटन क्रकया। A r j u n
  • 22. िीटो पािर  िीटो पािर का मतलब है क्रक अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क े स्थायी सदस्यों में से कोई भी क्रकसी प्रस्ताि क े खखलाफ अपना िोर् डालता है तो प्रस्ताि को मंजूरी नहीं दी जा सकती है. संयुक्त राज्य अमेररका, यूनाइर्ेड क्रकं गडम, चीन, फ्ांस और सोवियत सोशसलस्र् ररपजब्लक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद क े स्थायी सदस्य देश हैं.  बता दें, 1992 क े बाद से, रूस िीर्ो का सबसे अचधक बार उपयोग करने िाला देश रहा है. इसक े बाद संयुक्त राज्य अमेररका और चीन का स्थान आता है. फरिरी 2022 तक, रूस ने 118 बार अपने िीर्ो का इस्तेमाल क्रकया है. िहीं अमेररका 82 बार, यूक े 29 बार, फ्ांस 16 बार और चीन 17 बार इसका यूज कर चुका है.  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में रूस भारत क े समथटन में कई बार 'िीर्ो' का यूज कर चुका है. रूस ने पहली बार 1957 में कश्मीर मुद्दे पर भारत क े सलए िीर्ो पािर का इस्तेमाल क्रकया था. इसक े बाद 1961 में रूस ने भारत क े पक्ष में िीर्ो क्रकया और पररणाम स्िरूप गोिा आजाद हुआ. इसी तरह 1971 में भी रूस ने भारत क े पक्ष में िीर्ो क्रकया था. A r j u n
  • 23. संयुक्त राष्ट्र और तनशस्त्रीकरण  1952 में, महासभा ने जनिरी 1952 क े अपने प्रस्ताि 502 (छठी) द्िारा, सुरक्षा पररषद क े तहत संयुक्त राष्ट्र तनरस्त्रीकरण आयोग (यूएनडीसी) का गठन क्रकया, जजसमें सभी क े वितनयमन, सीमा और संतुसलत कमी क े सलए एक संचध क े प्रस्ताि तैयार करने का आदेश ददया गया था। सशस्त्र बलों और सभी आयुधों, सामूदहक विनाश क े सभी हचथयारों क े उन्मूलन सदहत। हालाँक्रक, यह 1959 क े बाद कभी-कभार ही समले।  1960 क े बाद से, दस-राष्ट्र तनरस्त्रीकरण ससमतत क े साथ शुरू होने िाले तनकायों क े उत्तराचधकार द्िारा तनरस्त्रीकरण िाताट की गई। यह तनकाय 1962 में अठारह-राष्ट्र तनरस्त्रीकरण ससमतत, 1969 में तनरस्त्रीकरण ससमतत का सबमेलन और अंततः 1978 से तनरस्त्रीकरण पर सबमेलन बन गया।  1978 में, तनरस्त्रीकरण क े सलए समवपटत महासभा क े पहले विशेष सत्र ने संयुक्त राष्ट्र क े सभी सदस्य राज्यों से समलकर विधानसभा क े सहायक अंग क े रूप में एक उत्तराचधकारी तनरस्त्रीकरण आयोग की स्थापना की। यह तनरस्त्रीकरण क े क्षेत्र में विसभन्न मुद्दों पर विचार करने और ससफाररशें करने और विशेष सत्र क े प्रासंचगक तनणटयों और ससफाररशों पर अनुिती कारटिाई क े साथ एक विचार- विमशट तनकाय क े रूप में बनाया गया था। यह प्रततिषट महासभा को ररपोर्ट करता है।  अपने कायट क े आलोक में, यूएनडीसी प्रत्येक सत्र में सीसमत संख्या में एजेंडा मदों पर ध्यान क ें दद्रत करता है। 1989 में, गहराई से विचार करने की अनुमतत देने क े सलए, इसने तनणटय सलया क्रक इसका मूल एजेंडा अचधकतम चार मदों तक सीसमत होना चादहए। 1993 से, यह व्यिहार में, दो या तीन िस्तुओं से तनपर्ता है, जजनमें से प्रत्येक को आमतौर पर लगातार तीन िषों क े सलए माना जाता है। 1998 में, अपने तनणटय 52/492 से, महासभा ने तनणटय सलया क्रक 2000 क े अनुसार यूएनडीसी क े एजेंडे में आम तौर पर तनरस्त्रीकरण क े मुद्दों की पूरी श्रृंखला से प्रतत िषट दो मूल आइर्म शासमल होंगे, जजसमें एक परमाणु तनरस्त्रीकरण पर भी शासमल है।  यूएनडीसी, जो िसंत ऋतु में तीन सप्ताह क े सलए समलता है, पूणट बैठकों और कायट समूहों में कायट करता है, इसक े एजेंडे पर िास्तविक मदों की संख्या क े आधार पर कायट समूहों की संख्या। पांच भौगोसलक समूह बारी-बारी से यूएनडीसी और उसक े कायट समूहों की अध्यक्षता ग्रहण करते हैं। A r j u n
  • 24.  वपछले कु छ िषों में, यूएनडीसी ने कई विषयों पर आम सहमतत क े ससद्धांत, ददशातनदेश और ससफाररशें (नीचे देखें) तैयार की हैं, जजनका महासभा द्िारा समथटन क्रकया गया है। 1999 क े बाद और 2017 तक, यह क्रकसी भी ठोस पररणाम पर सहमत होने में असमथट था। 2017 में यह "पारंपररक हचथयारों क े क्षेत्र में व्यािहाररक विश्िास- तनमाटण उपायों" पर सिटसबमतत की ससफाररशों को अपनाने में सफल रहा।  UNDC को तनरस्त्रीकरण मामलों क े कायाटलय द्िारा और तकनीकी रूप से महासभा मामलों और सबमेलन सेिाओं क े विभाग द्िारा सेिा प्रदान की जाती है। साल शीषटक सशकायत करना 2017 पारंपररक हचथयारों क े क्षेत्र में व्यािहाररक विश्िास-तनमाटण उपायों पर ससफाररशें ए/72/42 1999 महासभा क े संकल्प 51/45 एन क े संदभट में शांतत क े सुदृढीकरण पर विशेष जोर देने क े साथ पारंपररक हचथयार तनयंत्रण/सीमाएं और तनरस्त्रीकरण पर ददशातनदेश ए/54/42 1999 संबंचधत क्षेत्र क े राज्यों क े बीच स्ितंत्र रूप से हुई व्यिस्थाओं क े आधार पर परमाणु-हचथयार मुक्त क्षेत्रों की स्थापना ए/54/42 1996 6 ददसंबर 1991 क े महासभा संकल्प 46/36 एच क े संदभट में अंतरराष्ट्रीय हचथयार हस्तांतरण क े सलए ददशातनदेश ए/51/42 • 1978 से तनरस्त्रीकरण आयोग द्िारा सियसम्मतत से अपनाए गए भसद्िांत, टदशातनदेश और भसफाररशें A r j u n
  • 25. 1993 िैजश्िक सुरक्षा क े संदभट में तनरस्त्रीकरण क े क्षेत्रीय दृजष्ट्र्कोण क े सलए ददशातनदेश और ससफाररशें ए/48/42 1992 सैन्य मामलों पर िस्तुतनष्ट्ठ जानकारी क े सलए ददशातनदेश और ससफाररशें ए/47/42 1990 1990 क े दशक को तीसरे तनरस्त्रीकरण दशक क े रूप में घोवषत करना ए/45/42 1990 पारंपररक तनरस्त्रीकरण से संबंचधत मुद्दे ए/45/42 1990 तनरस्त्रीकरण क े क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की भूसमका की समीक्षा ए/45/42 1990 दक्षक्षण अफ्ीका की परमाणु क्षमता: तनष्ट्कषट और ससफाररशें ए/45/42 1988 इसक े सभी पहलुओं में सत्यापन ए/एस-15/3 1988 उपयुक्त प्रकार क े विश्िास-तनमाटण उपायों क े सलए ददशा-तनदेश और िैजश्िक या क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे उपायों क े कायाटन्ियन क े सलए ए/एस-15/3 1985 द्वितीय तनरस्त्रीकरण दशक क े रूप में 1980 क े दशक की घोषणा की समीक्षा ए/40/42 1984 पारंपररक तनरस्त्रीकरण पर अध्ययन क े सलए ददशातनदेश ए/एस-12/3 1980 एजेंडा आइर्म 4 (ए) पर ससफाररशें , "परमाणु युद्ध क े खतरे क े प्रभािी उन्मूलन क े उद्देश्य से िाताट में तेजी लाने क े सलए हचथयारों की दौड़, विशेष रूप से परमाणु हचथयारों की दौड़ और परमाणु तनरस्त्रीकरण क े विसभन्न पहलुओं पर विचार", और (बी) " संकल्प 33/71 एच क े खंड II में तनदहत एजेंडा मदों पर विचार, ढांचे क े भीतर और दसिें विशेष सत्र में स्थावपत प्राथसमकताओं क े अनुसार, परमाणु और पारंपररक तनरस्त्रीकरण पर बातचीत क े सलए एक सामान्य दृजष्ट्र्कोण क े अनुसार। ए/235/4 1980 1980 क े दशक को दूसरे तनरस्त्रीकरण दशक क े रूप में घोवषत करना ए/35/42 1979 तनरस्त्रीकरण क े व्यापक कायटिम क े तत्ि ए/34/42 A r j u n
  • 29. अंतरायष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) अंतरायष्ट्रीय न्यायालय क े बारे में: ICJ संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यातयक अंग है। संयुक्त राष्ट्र क े छह प्रमुख संस्थानों क े विपरीत यह एकमात्र संस्थान है जो न्यूयॉक ट में जस्थत नहीं है। यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यातयक अंग है जो हेग (नीदरलैंड्स) क े पीस पैलेस में जस्थत है। स्थापना: इसकी स्थापना िषट 1945 में संयुक्त राष्ट्र क े चार्टर द्िारा की गई और इसने अप्रैल 1946 में काम करना शुरू क्रकया। पूियगामी: ICJ अंतराटष्ट्रीय न्याय क े स्थायी न्यायालय (PCIJ) का उत्तराचधकारी है, जजसे राष्ट्र संघ क े माध्यम से और उसक े द्िारा अजस्तत्ि में लाया गया था।  PCIJ की स्थापना फरिरी, 1922 में नीदरलैंड क े द हेग में पीस पैलेस में की गई।  द्वितीय विश्ि युद्ध क े बाद राष्ट्र संघ और PCIJ को िमशः संयुक्त राष्ट्र और ICJ द्िारा प्रततस्थावपत क्रकया गया था।  PCIJ को औपचाररक रूप से अप्रैल 1946 में भंग कर ददया गया था और इसक े अंततम अध्यक्ष, अल सल्िाडोर क े न्यायाधीश जोस गुस्तािो ग्युरेरो, ICJ क े पहले अध्यक्ष तनयुक्त क्रकये गए। ICJ की िूभमका: यह राष्ट्रों क े बीच कानूनी वििादों को सुलझाता है और अचधकृ त संयुक्त राष्ट्र क े अंगों तथा विशेष एजेंससयों द्िारा तनददटष्ट्र् कानूनी प्रश्नों पर अंतराटष्ट्रीय कानून क े अनुसार सलाह देता है। पहला मामला: पहला मामला, ब्रिर्ेन द्िारा अल्बातनया क े विरुद्ध लाया गया था और यह ‘कोफ ुट चैनल’ से संबंचधत था, जो क्रक यूरोपीय मेनलैंड पर कोफ ुट एिं अल्बातनया क े ग्रीक द्िीप क े बीच आयोतनयन सागर का संकीणट जलडमरूमध्य है, को मई 1947 में प्रस्तुत क्रकया गया था। A r j u n
  • 30. ICJ प्रशासन: न्यायालय क े न्यायाधीशों को ‘रजजस्री’ द्िारा सहायता प्रदान की जाती है, जो क्रक ICJ का एक प्रशासतनक अंग है। आधिकाररक िाषाएँ: अंग्रेजी और फ् ें च। ICJ क्षेत्राधिकार: UN क े सभी सदस्य स्ियं ही ICJ क े पक्षकार हैं, हालाँक्रक यह स्िचासलत सदस्यता उनसे जुड़े वििादों पर ICJ क े क्षेत्राचधकार का तनधाटरण नहीं करती है।  ICJ को अचधकार क्षेत्र तभी समलता है जब दोनों पक्ष इसक े सलये सहमत हों।  ICJ का तनणटय अंततम एिं तकनीकी रूप से मामले क े पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है।  हालाँक्रक ICJ क े पास अपने आदेशों का अनुपालन सुतनजश्चत करने की कोई विचध नहीं है और यह पक्षकार देशों की इच्छा पर तनभटर करता है। ICJ क े न्यायािीश ककस प्रकार चुने जाते हैं?  ICJ में 15 न्यायाधीश होते हैं जजन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा पररषद द्िारा नौ िषट क े सलये चुना जाता है।  तनिाटचचत होने क े सलये एक उबमीदिार को दोनों तनकायों में बहुमत प्राप्त करना होता है और इस आिश्यकता को पूरा करने हेतु प्रायः कभी-कभी मतदान प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है।  संयुक्त राष्ट्र महासभा की िावषटक बैठक क े दौरान न्यूयॉक ट में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में चुनाि होते हैं।  न्यायालय क े एक-ततहाई सदस्यों को प्रतत तीन िषट में चुना जाता है।  अदालत क े अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को गुप्त मतदान द्िारा तीन िषट क े सलये चुना जाता है।  न्यायाधीश पुन: तनयुजक्त क े सलये पात्र होते हैं। A r j u n
  • 31. ICJ में िारतीय न्यायािीश: चार भारतीय अब तक ICJ क े सदस्य रहे हैं।  सिोच्च न्यायालय क े पूिट न्यायाधीश जजस्र्स दलिीर भंडारी िषट 2012 से ICJ में काम कर रहे हैं।  भारत क े पूिट मुख्य न्यायाधीश आर.एस. पाठक ने िषट 1989-91 तक ICJ में कायट क्रकया।  भारत क े पूिट मुख्य चुनाि आयुक्त नागेंद्र ससंह िषट 1973-88 तक ICJ में रहे।  सर बेनेगल राि, जो संविधान सभा क े सलाहकार थे, िषट 1952-53 तक ICJ क े सदस्य थे। ICJ क े साथ िारत क े जुडाि का इततहास:  भारत छह मौकों पर ICJ क े मामलों में पक्षकार रहा है, जजनमें से चार में पाक्रकस्तान भी शासमल रहा है। ये हैं:  िारतीय क्षेत्र पर मागय का अधिकार (पुतटगाल बनाम भारत, 1960 को समाप्त हुआ)।  आईसीएओ (ICAO) पररषद क े क्षेत्राधिकार से संबंधित अपील (भारत बनाम पाक्रकस्तान, पररणतत 1972)।  युद्ि क े पाककस्तानी क ै टदयों का परीक्षण (पाक्रकस्तान बनाम भारत, 1973 में समाप्त हुआ)।  10 अगस्त 1999 की हिाई घटना (पाक्रकस्तान बनाम भारत, 2000 का समापन)।  परमाणु हधथयारों की होड़ को जल्द-से-जल्द समाप्त करने और परमाणु तनरस्त्रीकरण (माशटल द्िीप बनाम भारत, 2016 को समाप्त) से संबंचधत बातचीत करने क े सलये प्रततबद्ध।  क ु लिूषण जािि (भारत बनाम पाक्रकस्तान, 2019 का समापन)। A r j u n
  • 32.  न्यायालय क े 15 न्यायािीश तनम्नभलखित क्षेत्रों से भलये जाते हैं:  1. अफ्ीका से तीन  2. लैदर्न अमेररका और क ै रेब्रबयन देशों से दो  3. एसशया से तीन  4. पजश्चमी यूरोप और अन्य राज्यों से पाँच  5.पूिी यूरोप से दो  अंतराटष्ट्रीय संगठनों क े अन्य तनकायों क े विपरीत अंतराटष्ट्रीय न्यायालय में सरकार क े प्रतततनचध नहीं होते।  न्यायालय क े सदस्य स्ितंत्र न्यायाधीश होते हैं जजन्हें दातयत्ि ग्रहण करने से पूिट शपथ लेनी होती है क्रक िे अपनी शजक्तयों का तनष्ट्पक्षता और शुद्ध अंतःकरण से उपयोग करेंगे।  ICJ क े न्यायाधीशों की स्ितंत्रता बनाए रखने क े सलये न्यायालय क े क्रकसी भी सदस्य को तब तक बखाटस्त नहीं क्रकया जा सकता, जब तक क्रक अन्य सदस्यों की एकमत न हो क्रक िह आिश्यक शतों को पूरा नहीं करता है। अभी तक क्रकसी भी न्यायाधीश को पद से विस्थवपत नहीं क्रकया गया है। A r j u n
  • 33. अंतरायष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)  िषट 2019 में अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization-ILO) ने अपनी 100िीं िषटगांठ मनाई।  यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ब्रत्रपक्षीय संस्था है। यह श्रम मानक तनधाटररत करने, नीततयाँ को विकससत करने एिं सभी मदहलाओं तथा पुरुषों क े सलये सभ्य कायट को बढािा देने िाले कायटिम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, तनयोक्ताओं और श्रसमकों को एक साथ लाता है।  िषट 1919 में िसाटय की संचध द्िारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी क े रूप में इसकी स्थापना हुई।  िषय 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ि पहली विभशष्ट्ट एजेंसी बन गया।  मुख्यालय: जेनेिा, जस्िट्जरलैंड  स्थापना का उद्देश्य: िैजश्िक एिं स्थायी शांतत हेतु सामाजजक न्याय आिश्यक है।  अंतराटष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानिाचधकारों एिं श्रसमक अचधकारों को बढािा देता है।  िषट 1969 में अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन को तनबनसलखखत कायों क े सलये नोबेल शांतत पुरस्कार प्रदान क्रकया गया-  विसभन्न सामाजजक िगों क े मध्य शांतत स्थावपत करने हेतु  श्रसमकों क े सलये सभ्य कायट एिं न्याय का पक्षधर  अन्य विकासशील राष्ट्रों को तकनीकी सहायता प्रदान करना A r j u n
  • 34.  अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन ने तनबनसलखखत क्षेत्रों में महत्त्िपूणट भूसमका तनभाई-  महामंदी क े दौरान श्रसमक अचधकारों को सुतनजश्चत करना  वि-औपतनिेसशकरण की प्रक्रिया  पोलैंड में सॉसलडैररर्ी (व्यापार संगठन) की स्थापना  दक्षक्षण अफ्ीका में रंगभेद पर विजय  ितटमान में यह एक न्यायसंगत िैश्िीकरण हेतु नैततक एिं लाभदायक ढाँचे क े तनमाटण में आिश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।  Note: ILO का आधार ब्रत्रपक्षीय ससद्धांत है, अथाटत संगठन क े भीतर आयोजजत िाताटएँ सरकारों एिं व्यापाररक संगठनों क े प्रतततनचधयों तथा सदस्य राष्ट्रों क े तनयोक्ताओं क े मध्य होती हैं। अंतरायष्ट्रीय श्रम संगठन की संरचना ILO तीन मुख्य तनकायों सरकारों, तनयोक्ताओं एिं श्रसमकों क े प्रतततनचधयों क े माध्यम से अपना कायट संपन्न करता है:  अंतरायष्ट्रीय श्रम सम्मेलन: यह अंतराटष्ट्रीय श्रम मानकों एिं ILO की व्यापक नीततयों को तनधाटररत करता है। यह प्रततिषट जेनेिा में आयोजजत क्रकया जाता है। इसे प्रायः अंतराटष्ट्रीय श्रम संसद क े रूप में संदसभटत क्रकया जाता है।  सामाजजक एिं श्रम संबंधी प्रश्नों पर चचाट क े सलये भी यह एक प्रमुख मंच है।  शाषी तनकाय: यह ILO की कायटकारी पररषद है। प्रततिषट जेनेिा में इसकी तीन बैठक ें आयोजजत की जाती हैं।  यह ILO क े नीततगत तनणटयों का तनधाटरण एिं कायटिम तथा बजर् तय करता है, जजन्हें बाद में ‘स्िीकृ तत हेतु सबमेलन’ (Conference for Adoption) में प्रस्तुत क्रकया जाता है।  संचालन तनकाय एिं श्रम संगठन क े कायाटलय क े कायों में ब्रत्रपक्षीय ससमततयों द्िारा सहायता की जाती है जो क्रक प्रमुख उद्योगों को किर करती हैं।  व्यािसातयक प्रसशक्षण, प्रबंधन विकास, व्यािसातयक सुरक्षा एिं स्िास््य, औद्योचगक संबंध, श्रसमकों की सशक्षा तथा मदहलाओं और युिा श्रसमकों की विशेष समस्याओं जैसे मामलों पर विशेषज्ञों की ससमततयों द्िारा भी इसे समथटन प्राप्त होता है। A r j u n
  • 35.  अंतरायष्ट्रीय श्रम कायायलय: यह अंतराटष्ट्रीय श्रम संगठन का स्थायी सचचिालय है।  यह ILO की संपूणट गततविचधयों क े सलये क ें द्र ब्रबंदु है, जजसे संचालन तनकाय की संिीक्षा एिं महातनदेशक क े नेतृत्ि में तैयार क्रकया जाता है।  विशेष रुचच क े मामलों की जाँच हेतु समय-समय पर ILO सदस्य राष्ट्रों की क्षेत्रीय बैठक ें संबंचधत क्षेत्रों क े सलये आयोजजत की जाती हैं। ILO क े कायय  सामाजजक तथा श्रम मुद्दों को हल करने हेतु तनदेसशत समजन्ित नीततयों एिं कायटिमों का तनमाटण करना।  असभसमयों क े रूप में अंतराटष्ट्रीय श्रम मानकों को अपनाना तथा उनक े कायाटन्ियन को तनयंब्रत्रत करना।  सामाजजक एिं श्रम समस्याओं को सुलझाने में सदस्य राष्ट्रों की सहायता करना।  मानिाधिकारों (काम करने का अचधकार, संघ की स्ितंत्रता, सामूदहक िाताट, बलात ् श्रम से सुरक्षा, भेदभाि से सुरक्षा, आदद) का संरक्षण करना।  सामाजजक एिं श्रम मुद्दों पर कायों का अनुसंधान तथा प्रकाशन करना। ILO क े लक्ष्य  कायट क े मानकों एिं मौसलक ससद्धांतों तथा अचधकारों को बढािा देना और उन्हें िास्तविक धरातल पर लाना।  सभ्य कायट सुतनजश्चत करने हेतु मदहलाओं एिं पुरुषों क े सलये अचधक से अचधक रोजगार क े अिसर सृजजत करना।  सभी क े सलये सामाजजक सुरक्षा प्रदान करना तथा सामाजजक सुरक्षा कायटिमों की प्रभािशीलता को बढाना।  ब्रत्रपक्षीय एिं सामाजजक संिाद को मजबूत करना। A r j u n
  • 36. कायय क े मौभलक भसद्िांतों एिं अधिकारों पर अंतरायष्ट्रीय श्रम संगठन की घोषणा इसे िषट 1998 में अपनाया गया था, घोषणा में सदस्य राष्ट्रों को चार श्रेखणयों में विभक्त आठ मौसलक ससद्धांतों तथा अचधकारों को मान्यता देने एिं उन्हें बढािा देने क े सलये प्रततबद्ध क्रकया गया जहाँ उन्होंने प्रासंचगक कन्िेंशनों की पुजष्ट्र् की है अथिा नहीं। ये चार श्रेखणयाँ हैं:  संघ की स्ितंत्रता एिं सामूदहक सौदेबाजी का अचधकार ( कन्िेंशन 87 और 98)  बलात् श्रम या अतनिायट श्रम का उन्मूलन (कन्िेंशन संख्या 29 एिं संख्या 105)  बाल श्रम का उन्मूलन ( कन्िेंशन संख्या 138 एिं संख्या 182)  रोजगार एिं व्यिसाय संबंधी भेदभाि का उन्मूलन (कन्िेंशन संख्या 100 एिं संख्या 111) ILO क े मुख्य कन्िेंशन  आठ मौसलक कन्िेंशन संयुक्त राष्ट्र मानिाचधकार फ् े मिकट का एक असभन्न दहस्सा हैं, और उनका अनुसमथटन सदस्य राष्ट्रों क े मानिाचधकारों क े प्रतत प्रततबद्धता का एक महत्त्िपूणट संक े त है।  कु ल 135 सदस्य राष्ट्रों ने सभी आठ मौसलक सबमेलनों की पुजष्ट्र् की है। दुभाटग्य से, उच्चतम जनसंख्या िाले विश्ि क े 48 सदस्य राष्ट्रों द्िारा (183 सदस्य राज्यों में से) सभी आठ कन्िेंशन की पुजष्ट्र् करना अभी शेष है।  ILO क े मुख्य आठ कन्िेंशन हैं:  बलात् श्रम पर कन्िेंशन (संख्या 29)  बलात् श्रम का उन्मूलन पर कन्िेंशन (संख्या 105)  समान पाररश्रसमक पर कन्िेंशन (संख्या 100)  भेदभाि (रोजगार और व्यिसाय) पर कन्िेंशन (संख्या 111)  न्यूनतम आयु पर कन्िेंशन (संख्या 138)  बाल श्रम क े सबसे विकृ त स्िरूप पर कन्िेंशन (संख्या 182)  संघ की स्ितंत्रता एिं संगदठत होने क े अचधकार की सुरक्षा पर कन्िेंशन (संख्या 87)  संगदठत एिं सामूदहक सौदेबाजी क े अचधकार पर कन्िेंशन (संख्या 98)  सभी क्षेत्रों में श्रसमकों क े कल्याण और आजीविका क े सलये िैजश्िक आचथटक एिं अन्य चुनौततयों का सामना करने हेतु आठ कन्िेंशनों को एक साथ लाना ितटमान समय में अचधक प्रासंचगक हो गया है।  िास्ति में ये मानिाचधकारों की सािटभौसमकता, सभी को सुरक्षा प्रदान करने एिं एक िैजश्िक तंत्र में सामाजजक न्याय की आिश्यकता को साधने हेतु व्यापक संरचना का महत्त्िपूणट दहस्सा हैं।  ये पूणट रूप से संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, अंतराटष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय समुदायों क े मुख्य स्रोत हैं। A r j u n
  • 37. िारत और ILO  भारत ILO का संस्थापक सदस्य है और यह िषट 1922 से ILO क े संचालन तनकाय का स्थायी सदस्य है।  भारत में ILO का पहला कायाटलय िषट 1928 में स्थावपत क्रकया गया था। ILO और इसक े भागीदारों क े मध्य परस्पर विश्िास एिं सबमान इसक े अंततनटदहत ससद्धांतों क े रूप में स्थावपत है। यह तनरंतर संस्थागत क्षमताओं क े तनमाटण तथा भागीदारों की क्षमताओं को मजबूत करने का आधार है।  भारत ने आठ प्रमुख/मौसलक ILO कन्िेंशनों में से 6 की पुजष्ट्र् की है। ये कन्िेंशन तनबनसलखखत हैं:  बलात् श्रम पर कन्िेंशन (संख्या 29)  बलात् श्रम क े उन्मूलन पर कन्िेंशन (संख्या 105)  समान पाररश्रसमक पर कन्िेंशन (संख्या 100)  भेदभाि (रोजगार और व्यिसाय) पर कन्िेंशन (संख्या 111)  न्यूनतम आयु पर कन्िेंशन (संख्या 138)  बाल श्रम क े सबसे विकृत स्िरुप पर कन्िेंशन (संख्या 182)  भारत ने दो प्रमुख/ मौसलक कन्िेंशनों, अथाटत् संघ बनाने की स्ितंत्रता एिं संगदठत होने क े अचधकार की सुरक्षा पर कन्िेंशन, 1948 (संख्या 87) और संगदठत होने तथा सामूदहक सौदेबाजी पर कन्िेंशन, 1949 (संख्या 98) की पुजष्ट्र् नहीं की है।  ILO की कन्िेंशन संख्या 87 एिं 98 की पुजष्ट्र् नहीं होने का मुख्य कारण सरकारी कमटचाररयों पर लगाए गए क ु छ प्रततबंध हैं।  इन कन्िेंशनों की पुजष्ट्र् करने हेतु भारत को सरकारी कमटचाररयों को क ु छ ऐसे अचधकार देने होंगे जो िैधातनक तनयमों क े तहत तनवषद्ध हैं, अथाटत् हड़ताल करने का अचधकार, सरकारी नीततयों की स्पष्ट्र् रूप से आलोचना करना, वित्तीय योगदान को स्ितंत्र रूप से स्िीकार करना, विदेशी संगठनों में स्ितंत्र रूप से शासमल होना, आदद। A r j u n
  • 38. ILO का ग्लोबल कमीशन ऑन द फ्यूचर ऑफ िक य  ILO क े ग्लोबल कमीशन ऑन द फ्यूचर ऑफ िक ट का गठन ILO फ्यूचर ऑफ़ िक ट इतनसशएदर्ि में दूसरे चरण को चचजह्नत करता है।  इसकी सह-अध्यक्षता दक्षक्षण अफ्ीका क े राष्ट्रपतत ससररल रामाफोसा एिं स्िीडडश प्रधानमंत्री स्र्ीफन लफ्िेन द्िारा की गई थी।  आयोग एक मानि-क ें दद्रत एजेंडे हेतु रूपरेखा तैयार करता है जो लोगों की क्षमताओं, संस्थानों और सतत ् कायट में तनिेश करने पर आधाररत है।  इसने फ्यूचर ऑफ िक ट का गहन परीक्षण क्रकया है जो 21िीं सदी में सामाजजक न्याय क े वितरण क े सलये विश्लेषणात्मक आधार प्रदान कर सकता है।  यह नई तकनीक, जलिायु पररितटन और जनसंख्या क े कारण उत्पन्न होने िाली चुनौततयों को रेखांक्रकत करता है एिं श्रम की दुतनया में पैदा होने िाले व्यिधानों पर एक सामूदहक िैजश्िक प्रततक्रिया का आह्िान करता है।  आदर्टक्रफसशयल इंर्ेलीजेंस, ऑर्ोमेशन और रोबोदर्क्स क े पररणामस्िरूप रोजगार क े अिसरों में कमी आएगी क्योंक्रक पुरानी क ु शलताएँ अप्रचसलत हो जाएंगी।  इसक े प्रमुि सुझाि हैं:  एक सािटभौसमक श्रम गारंर्ी, जो श्रसमकों क े मौसलक अचधकारों की रक्षा करती है, आजीविका हेतु एक पयाटप्त पाररश्रसमक, कायट का तनयत समय तथा सुरक्षक्षत कायटस्थल सुतनजश्चत करती है।  जन्म से लेकर िृद्धािस्था तक सामाजजक सुरक्षा की गारंर्ी जो लोगों की जरुरतों का समथटन करे।  आजीिन सीखने क े सलये एक सािटभौसमक अचधकार जो लोगों को कौशल प्रदान करे, कौशल का निीनीकरण करें एिं कौशल विकास हेतु सक्षम बनाए।  डडजजर्ल श्रम प्लेर्फामों क े सलये एक अंतराटष्ट्रीय शासन प्रणाली सदहत सभ्य कायट को बढािा देने हेतु तकनीकी पररितटन का प्रबंधन।  देखभाल, हररत एिं ग्रामीण अथटव्यिस्थाओं में अचधक से अचधक तनिेश।  लैंचगक समानता हेतु एक पररितटनकारी एिं मापने योग्य एजेंडा।  दीघाटिचध तनिेश को बढािा देने हेतु व्यापार प्रोत्साहन को नया रूप देना। A r j u n
  • 39. UNESCO  यूनेस्को फ ु ल फॉमट ‘United Nations EducationalScientific And Cultural Organization’होता है UNESCOFull Form in Hindi ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षक्षक, िैज्ञातनक और सांस्कृ ततक संगठन’ होता है।  यूनेस्को का मुख्यालय कहाँ है: यूनेस्को का मुख्यालय पेररस (फ्ांस) में है  UNESCO KeNaye Adhyaksh: ितटमान समय में यूनेस्को क े महातनदेशक आंद्रे अजोले है जजन्हे यह पद 13 अक्र्ूबर 2017 को ददया गया था इनक े पहले इस पद पर इरीना बोक्रकिा थी।  यूनेस्को की स्थापना कब हुई: संयुक्त राष्ट्र संघ क े सदस्य देशों ने 16 निंबर 1945 को UNESCOकी स्थापना की थी।  UNESCO KeBrand Ambassador: इसक े अंततम िांड एंबेसडर मेजक्सको क े एंड्रेस रोमेर है यूनेस्को में भारत क े भी दो िांड एंबेसडर मदनजीत ससंह सन 2000 और सनी िकी सन 2012 में रह चुक े है।  यूनेस्को क े सदस्य (UNESCOKe Members):यूनेस्को में 193 सदस्य देश है जजसमें 11 सहयोगी सदस्य देश और 2 पयटिेक्षक सदस्य देश भी शासमल है।  दुतनया भर क े 50 क्षेत्र कायाटलय है और मुख्यालय पेररस में जस्थत हैं।  यूनेस्को का समशन सशक्षा, विज्ञान, संस्कृ तत, संचार और सूचना क े माध्यम से शांतत की स्थापना, गरीबी क े उन्मूलन, सतत विकास और पारस्पररक संिाद क े तनमाटण में योगदान करना है।  ितटमान प्रासंचगकता - यूनेस्को ने रूस क े आिमण क े दौरान में यूि े न की लुप्तप्राय सांस्कृ ततक विरासत को संरक्षक्षत करने पर जोर ददया है। A r j u n
  • 40.  आज की स्स्थतत आज यूनेस्को क े 193 सदस्य देश हैं और 11 सहयोगी सदस्य हैं. फ्ांस क े पेररस जस्थत विश्ि धरोहर क ें द्र में इसका मुख्यालय है. इसेक 53 क्षेत्रीय कायाटलय हैं और 199 देशों क े राष्ट्री आयोग इसक े िैजश्िक घोषणापत्र को लागू करते हैं. यूनेस्को क े तत्िाधान में क ु ल 40 अंतरराष्ट्रीय ददिस मनाए जाते हैं। इनमें क ु छ प्रमुख नाम 8 माचट को अंतरराष्ट्रीय मदहला ददिस, 3 मई को विश्ि प्रेस स्ितंत्रता ददिस, 5 अक्र्ूबर को विश्ि सशक्षक ददिस और 18 ददसंबर को अंतरराष्ट्रीय ददिस शासमल हैं  यूनेस्को क े अनुसार अठारह िषट से कम आयु का प्रत्येक मनुष्ट्य जब तक क्रक बच्चे पर लागू कानून क े तहत, बहुमत प्राप्त नहीं क्रकया जाता है । बच्चा है।  2019 की शुरूआत क े साथ ही इस्राएल और अमेररका ने संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृ ततक एजेंसी यूनेस्को से नाता तोड़ सलया है. दोनों क े आरोप यूनेस्को की कायट प्रणाली पर क ु छ सिाल खड़े करते हैं|  भारत यूनेस्को का सदस्य है, भारत 1946 में अपनी स्थापना क े बाद से यूनेस्को का सदस्य रहा है  ऑड्रे अजूले (Audrey Azoulay) एक फ्ांसीसी ससविल सेिक और राजनीततज्ञ है जो 2017 से संयुक्त राष्ट्र शैक्षक्षक, िैज्ञातनक और सांस्कृ ततक संगठन (यूनेस्को) क े महातनदेशक क े रूप में सेिा कर रहा है ।  यूनेस्को क े सलए विश्ि विरासत कोष धन का सबसे बड़ा स्रोत है । इसमें सदस्य राज्यों द्िारा अतनिायट योगदान और दान शासमल है । उन्हें अन्य तनजी राज्यों से भी धन समलता है जो ससफ ट मदद करना चाहते हैं । इततहास  िषट 1942 में द्वितीय विश्ि युद्ध क े दौरान धुरी राष्ट्रों का सामना कर रहे यूरोपीय देशों ने यूनाइर्ेड क्रकं गडम में ‘कॉन्र ें स ऑफ अलाइड भमतनस्टसय ऑफ एजुक े शन’ (Conference of Allied Ministers of Education - CAME) का आयोजन क्रकया था।  क े म (CAME) क े प्रस्ताि क े आधार पर एक ‘शैक्षक्षक और सांस्कृ ततक संगठन’ की स्थापना क े सलये निंबर 1945 में लंदन में संयुक्त राष्ट्र सबमेलन बुलाया गया था।  सबमेलन क े अंत में 16 निंबर, 1945 को यूनेस्को की स्थापना की गई थी।  यूनेस्को क े जनरल कॉन्फ् ें स का प्रथम सत्र िषट 1946 में निंबर-ददसंबर क े दौरान पेररस में आयोजजत क्रकया गया था A r j u n
  • 41. UNESCO World Heritage Site India हम आपको यूनेस्को सलस्र् इन इंडडया की कु छ धरोहर क े नाम बता रहा है अगर आप भारत की सभी विश्ि धरोहर क े बारे में जानना चाहते है तो इसक े सलए यहां से यूनेस्को विश्ि विरासत सूची को देखे।  ताज महल (आगरा)  खजुराहो मंददर (मध्य प्रदेश)  अजंता की गुफाएँ – एलोरा की गुफाएँ (महाराष्ट्र)  सुंदरबन नेशनल पाक ट (पजश्चम बंगाल)  जंतर-मंतर (जयपुर)  चचट और मठ (गोिा)  नालंदा महाविहार / नालंदा विश्िविद्यालय (ब्रबहार) UNESCO क े तीन प्रमुि अंग हैं-  (1) सामान्य सभा (2) कायटकाररणी मण्डल (3) सचचिालय। (1) सामान्य सिा- यह एक प्रमुख संस्था है, जजसमें इसक े सभी सदस्य प्रतततनचध होते हैं। इन सदस्यों का चुनाि शैक्षखणक िैज्ञातनक तथा सांस्कृ ततक संस्थाओं क े परामशट से क्रकया जाता है। इस संस्था में प्रत्येक सदस्य देश अपना पाँच प्रतततनचध रख सकता है। A r j u n
  • 42. (2) काययकाररणी मण्डल- इसे UNESCO का हृदय कहा जाता है। यह मण्डल यूनेस्को तथा सामान्य सभा में सजबमसलत सभी राज्य शासकों को प्रतततनचधत्ि प्रदान करता है। कायटकारी मण्डल, यूनेस्को की सिोच्च सत्ता (सामान्य सभा) एिं महातनदेशक क े मागटदशटन का कायट करता है एिं साथ ही सचचिालय क े मध्य कड़ी का कायट करता है। कायटकारी मण्डल का तनिाटचन सामान्य सभा द्िारा होता है। इसकी िषट में कम से कम दो बार बैठक ें अिश्य होती है। इसका कायट सामान्य सभा द्िारा तनधाटररत नीततयों एिं कायटिमों को क्रियाजन्ित करना है। (3) सधचिालय- इसको ‘विशेषज्ञों का आगार माना जाता है। सचचिालय में एक महातनदेशक तथा अन्य अचधकारी होते हैं। सचचिालय का प्रधान कायाटलय पेररस में है एिं यह छः प्रमुख विभागों में विभाजजत है- सशक्षा, प्राकृ ततक विज्ञान, सामाजजक विज्ञान, सांस्कृ ततक कायट, सामूदहक सशक्षा एिं प्रचार-साधन तथा प्राविचधक सहायता विभाग महातनदेशक की तनयुजक्त कायटकारी मण्डल द्िारा की जाती है। उद्देश्य  सांस्कृ ततक विवििता, परस्पर संिाद एिं शांतत की प्रिृवत्त को प्रोत्सादहत करना।  सतत् विकास क े सलये नीतत एिं विज्ञान संबंिी ज्ञान का उपयोग करना।  सभी क े सलये गुणित्तापूणय भशक्षा और उन्हें उम्र भर सीिने हेतु प्रेररत करना।  उभरती सामाजजक और नैततक चुनौततयों को संबोचधत करना।  संचार एिं सूचना क े माध्यम से समािेशी ज्ञान से युक्त समाज का तनमाटण करना।  विश्ि क े प्राथसमकता िाले क्षेत्रों जैसे ‘अरीका’ एिं ‘लैंधगक समानता’ पर ध्यान क ें दद्रत करना। A r j u n