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विषय िस्तु
जीिों का िर्गीकरण
कक्षा -9
प्रस्तुतकताा
 भरत लाल मिश्र शा०उच्च० िा० विद्या० िहखोर
 र्गुलाब प्रसाद साके त शा० उच्च० िा० विद्या० रािपुर नैककन
 देिेन्द्र कु िार ततिारी शा० उच्च० िा० विद्या० टिकरी
अनुक्रिणणका
 पररचय ि उद्देश्य
 जीिो का नािकरण
 पादप जर्गत का िर्गीकरण
 जंतु जर्गत का िर्गीकरण
 िर्गीकरण से लाभ
 प्रश्नोत्तरी
 र्गृहकाया
 सन्द्दभा
पररचय ि उद्देश्य
 संसार िें कु ल 22,50,000 प्रकार के जीिो की खोज हो चुकी है जो स्िभाि , रचना ,आकार िें
मभन्द्न है जीिो के इस विविधता को सिझने ि सुविधा के अनुसार जीिों की पहचान अध्ययन
करने के मलए िर्गीकरण की आिश्यकता िहसूस की र्गई जजसके बाद िर्गीकरण पर शोध
काया शुरू हुआ | आधुतनक िर्गीकरण के जन्द्िदाता कै रोलस लीतनयस है जजन्द्हों ने द्विनाि
पद्धतत से सभी जीिो का िर्गीकरण ककया है |
जीिों का आधुतनक िर्गीकरण
िर्गीकरण के जर्गत
िोनेरा
जीिाणु ,नीली हरी
शैिाल
पलांिी
उच्च िर्गी
शैिाल ि
आबृततिीजी
प्रॉटिस्िा
आिीिा,
पैरािीमसयि
फं जाई
परजीिी
,िृतोपजीिी
एनीिेमलया
उच्च िर्गी
बहुकोशकीय जीि
पादप जर्गत का िर्गीकरण
पादप जर्गत
शैिाल ब्रयोफायिा ट्रेककयोफयिा
िेररडोफ़ायिा अनाबृतबीजी आबृतबीजी
जंतु जर्गत
अकशेरुकीय
जंतु
कशेरुकीय जंतु
पोररफे रा
ओजस्िया
प्रोिोजोआ
अिीबा
पलेिहेल्िंथीज
फीताकृ मि
तनिेथेल्िंथीज
एस्के ररस
ित्स
िचलीएम्फीबबया
िेढक
पक्षी
सभी पक्षी
स्तनी िर्गा
िनुष्य
सरीसृप
सपा
एनीलीडा
नेरीस
सीलेंट्रेिा
हाईडॉ
आथोपोडा
काकरोच
इकाईनोडिेिा
तारा िछली
जंतु जर्गत के िहत्िपूणा जीि
Protozoans Coelenterate
Reptiles
PiscesPorifera
MammaliansBirds
िर्गीकरण के लाभ
 जन्द्तुओ एि पौधों के ऐसे नाि देने िें सहायता मिली जजसे संसार के सभी स्थानों िें
एक ही नाि से जाना जाता है |
 प्रत्येक जीि का पहला नाि िंश से ि दूसरा नाि उसकी जातत से होता है |
 जीिो के कायाकीय ि आकारकीय का अध्ययन करने िें |
 जीिो की संरचनात्िक जटिलता को सिझाने िें िदद मिलती है |
प्रश्नोत्तरी
 िर्गीकरण का जनक ककसको कहा जाता है-
1. बेन्द्थान हुकर 2. एन्द्र्गालर प्रन्द्िल 3. कै रोलस
लीतनयस 4. ये सभी
उत्तर – 3. कै रोलस लीतनयस
 पादप जर्गत को ककतने भार्गो िें बािा र्गया है –
1. दो 2. तीन 3. चार 4. पाच
उत्तर – 2. तीन
 स्तनधारी िछली का नाि है –
1. रोहू 2 झीर्गा 3. कतला 4.ह्िेल
उत्तर – 4. ह्िेल
 कशेरुक दण्ड ककसिे नहीं पाया जाता है –
1. िनुष्य 2. अिीबा 3. पक्षी 4. सपा
उत्तर - 2. अिीबा
होि िका
 कशेरुकीय एि अकशेरुकीय जीिो िें अंतर मलणखए |
 जर्गत फं जाई ि जर्गत एतनिेमलया के लक्षण मलणखए |
सन्द्दभा
यह प्रस्तुतीकरण ि० प्र० राज्य शैक्षक्षक अनुशंधान एिं प्रमशक्षण पररषद् भोपाल की कक्षा ९िी की
विज्ञान की ककताब से मलया र्गया है |
http://wingswebsolutions.blogspot.in/2012/09/what-is-biodiversity-why-is.html
http://ap-biology401.wikispaces.com/Chapter+18-
+The+Genetics+of+Viruses+and+Bacteria
http://factorsaffecting.wikispaces.com/Animal-like+Protists
https://www.flickr.com/photos/58411470@N00/5312016650/
http://www.vectorss.com/nature/12-insect-silouettes.html
http://thephylumporiferaproject.wikispaces.com/Callyspongia+plicifera
हिको सुनने के मलए बहुत
बहुत आभार
धन्द्यिाद

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वर्गीकरण देवेन्द्र

  • 1. विषय िस्तु जीिों का िर्गीकरण कक्षा -9
  • 2. प्रस्तुतकताा  भरत लाल मिश्र शा०उच्च० िा० विद्या० िहखोर  र्गुलाब प्रसाद साके त शा० उच्च० िा० विद्या० रािपुर नैककन  देिेन्द्र कु िार ततिारी शा० उच्च० िा० विद्या० टिकरी
  • 3. अनुक्रिणणका  पररचय ि उद्देश्य  जीिो का नािकरण  पादप जर्गत का िर्गीकरण  जंतु जर्गत का िर्गीकरण  िर्गीकरण से लाभ  प्रश्नोत्तरी  र्गृहकाया  सन्द्दभा
  • 4. पररचय ि उद्देश्य  संसार िें कु ल 22,50,000 प्रकार के जीिो की खोज हो चुकी है जो स्िभाि , रचना ,आकार िें मभन्द्न है जीिो के इस विविधता को सिझने ि सुविधा के अनुसार जीिों की पहचान अध्ययन करने के मलए िर्गीकरण की आिश्यकता िहसूस की र्गई जजसके बाद िर्गीकरण पर शोध काया शुरू हुआ | आधुतनक िर्गीकरण के जन्द्िदाता कै रोलस लीतनयस है जजन्द्हों ने द्विनाि पद्धतत से सभी जीिो का िर्गीकरण ककया है |
  • 5. जीिों का आधुतनक िर्गीकरण िर्गीकरण के जर्गत िोनेरा जीिाणु ,नीली हरी शैिाल पलांिी उच्च िर्गी शैिाल ि आबृततिीजी प्रॉटिस्िा आिीिा, पैरािीमसयि फं जाई परजीिी ,िृतोपजीिी एनीिेमलया उच्च िर्गी बहुकोशकीय जीि
  • 6. पादप जर्गत का िर्गीकरण पादप जर्गत शैिाल ब्रयोफायिा ट्रेककयोफयिा िेररडोफ़ायिा अनाबृतबीजी आबृतबीजी
  • 7. जंतु जर्गत अकशेरुकीय जंतु कशेरुकीय जंतु पोररफे रा ओजस्िया प्रोिोजोआ अिीबा पलेिहेल्िंथीज फीताकृ मि तनिेथेल्िंथीज एस्के ररस ित्स िचलीएम्फीबबया िेढक पक्षी सभी पक्षी स्तनी िर्गा िनुष्य सरीसृप सपा एनीलीडा नेरीस सीलेंट्रेिा हाईडॉ आथोपोडा काकरोच इकाईनोडिेिा तारा िछली
  • 8. जंतु जर्गत के िहत्िपूणा जीि Protozoans Coelenterate Reptiles PiscesPorifera MammaliansBirds
  • 9. िर्गीकरण के लाभ  जन्द्तुओ एि पौधों के ऐसे नाि देने िें सहायता मिली जजसे संसार के सभी स्थानों िें एक ही नाि से जाना जाता है |  प्रत्येक जीि का पहला नाि िंश से ि दूसरा नाि उसकी जातत से होता है |  जीिो के कायाकीय ि आकारकीय का अध्ययन करने िें |  जीिो की संरचनात्िक जटिलता को सिझाने िें िदद मिलती है |
  • 10. प्रश्नोत्तरी  िर्गीकरण का जनक ककसको कहा जाता है- 1. बेन्द्थान हुकर 2. एन्द्र्गालर प्रन्द्िल 3. कै रोलस लीतनयस 4. ये सभी उत्तर – 3. कै रोलस लीतनयस  पादप जर्गत को ककतने भार्गो िें बािा र्गया है – 1. दो 2. तीन 3. चार 4. पाच उत्तर – 2. तीन  स्तनधारी िछली का नाि है – 1. रोहू 2 झीर्गा 3. कतला 4.ह्िेल उत्तर – 4. ह्िेल  कशेरुक दण्ड ककसिे नहीं पाया जाता है – 1. िनुष्य 2. अिीबा 3. पक्षी 4. सपा उत्तर - 2. अिीबा
  • 11. होि िका  कशेरुकीय एि अकशेरुकीय जीिो िें अंतर मलणखए |  जर्गत फं जाई ि जर्गत एतनिेमलया के लक्षण मलणखए |
  • 12. सन्द्दभा यह प्रस्तुतीकरण ि० प्र० राज्य शैक्षक्षक अनुशंधान एिं प्रमशक्षण पररषद् भोपाल की कक्षा ९िी की विज्ञान की ककताब से मलया र्गया है | http://wingswebsolutions.blogspot.in/2012/09/what-is-biodiversity-why-is.html http://ap-biology401.wikispaces.com/Chapter+18- +The+Genetics+of+Viruses+and+Bacteria http://factorsaffecting.wikispaces.com/Animal-like+Protists https://www.flickr.com/photos/58411470@N00/5312016650/ http://www.vectorss.com/nature/12-insect-silouettes.html http://thephylumporiferaproject.wikispaces.com/Callyspongia+plicifera
  • 13. हिको सुनने के मलए बहुत बहुत आभार धन्द्यिाद