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सीमेंट आधुनिक भवि निर्माण र्े प्रयुक्त होिे वमली एक प्रमथमर्क समर्ग्री
है। सीर्ेंट र्ुख्यतः कै ल्शियर् के मसमलके ट और एलुमर्िेट यौगिकों कम मर्श्रण होतम
है, जो कै ल्शियर् ऑक्समइड, मसमलकम, एशयूर्ीनियर् ऑक्समइड और लौह आक्समइड से
निमर्ात होते हैं।
सीर्ेंट बिमिे कक मलये चूना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मर्श्रण को एक
भट्ठी र्ें उच्च तमपर्मि पर जलमयम जमतम है और तत्पश्चमत इस प्रकियम के
फल:स्वरूप बिे खंगर (ल्क्लिंकर) को जिप्सम के समथ मर्लमकर र्हीि पीसम जमतम है
और इस प्रकमर जो अिंनतर् उत्पमद प्रमप्त होतम है उसे साधारण पोटटलैंड
सीमेंट (सम.पो.सी.) कहम जमतम है।
भमरत र्ें, सम.पो.सी. कम निर्माण र्ूलत: तीि ग्रेड (श्रेणी) र्े होतम है। ग्रेड-
33, ग्रेड-43 और ग्रेड-53, यह सिंख्यमयें 28 ददिों के बमद प्रमप्त इसकी सम्पीड़ित
समर्र्थया (कॉम्प्रेमसव स्रेंग्थ) को इिंगित करती हैं, जब एक निधमाररत प्रकियमिुसमर
इसकम परीक्षण ककयम ियम हो।
सम.पो.सी. के अलमवम, कई अन्य प्रकमर के सीर्ेंट कम भी उत्पमदि होतम है
और उिर्ें से अगधकमिंि वविेष प्रयोजिों के मलए होते हैं, उदमहरण के मलए सशफे ट
प्रनतरोधी सीर्ेंट, सफे द सीर्ेंट, तेल-कू प सीर्ेंट, आदद।
सीमेंट उद्योग कच्चम र्मल आधमररत उद्योि है। सीर्ेंट को भवि निर्माण की
प्रर्ुख समर्ग्री के रूप र्ें र्मन्यतम प्रमप्त है। उत्पमदि एविं ववतरण प्रनतरूप की दृल्टट
से भमरत कम तमर्लिमडु रमज्य सवमागधक सीर्ेंट उत्पमदक रमज्य है। यहमाँ के प्रर्ुख
कमरखमिे तलैयूथ, ििंकरीदुिा, डमलमर्यमपुरर् ्, नतरुिेशवेमल, तुलुकमपट्टी, अलिंिुलर्,
पुलमयुर, र्धुक्करई रमजर्लमयर् आदद है।
कमरखमिों की स्थमपिम
 ववश्व र्ें सबसे पहले आधुनिक ढिंि की सीर्ेंट कम निर्माण 1824 र्ें ब्रिटेि के
'पोटालैण्ड' िमर्क स्थमि पर ककयम ियम थम। ल्जसके िमर् पर आज भी इसें
'पोटालैण्ड सीर्ेंट' कहम जमतम है।
 भमरत र्ें आधुनिक ढिंि की सीर्ेंट बिमिे कम पहलम कमरखमिम 1904 र्ें चेन्िई र्ें
लिमयम ियम, जो असफल रहम।
 1912-13 की अवगध र्ें 'इल्ण्डयि सीर्ेंट किं .
.मल'द्वमरम िुजरमत के पोरबन्दर िमर्क स्थमि पर कमरखमिे की स्थमपिम की ियी,
ल्जससे अक्टू बर 1914 र्ें उत्पमदि प्रमरम्भ हुआ।
 प्रथर् ववश्व युद्ध कमल र्ें ही 'ककमलक निक्सि किं .' द्वमरम रमजस्थमि के लमखेरम-
द्वमरम .बूिंदी तथम खटमद किं र्ध्य प्रदेि के कटिी िमर्क स्थमि पर सीर्ेंट
कमरखमिे स्थमवपत ककये िये।
 1934 र्ें देि र्ें सीर्ेंट कम उत्पमदि बढमिे के मलए एसोमसएटेड सीर्ेंट किं . मल .
की स्थमपिम की ियी।
 1950-51 र्ें भमरत र्ें जहमाँ र्मत्र 21 कमरखमिों र्ें सीर्ेंट कम उत्पमदि ककयम
जमतम थम वहीिं वतार्मि र्ें इिकी सिंख्यम बढकर 144 हो ियी है।
सीर्ेंट निर्माण
सीमेंट के ननमाटण के ललए भारी मात्रा में कच्चे माल का प्रयोग ककया िाता
है, जिसमें चूना, पत्थर, जिप्सम तथा कोयला प्रमुख है। इनकी ढु लाई पर आने वाले
अधधक खचट को बचाने के ललए सीमेंट कारखाने प्रायः कच्चे माल के क्षेत्रों के
समीप ही स्थात्तपत ककये िाते हैं। वतटमान समय में लौह इस्पात उद्योग की
भट्टटयों से ननकलने वाले कचरे (स्लैग) का भी सीमेंट ननमाटण में प्रयोंग ककया
िाने लगा है। भारत में प्रनत व्यजतत सीमेंट का उपभोग अन्य त्तवकलसत देशों की
अपेक्षा बहुत कम है। 1985 में िहााँ भारत में 40 ककग्रा. प्रनत व्यजतत उपभोग ककया
िाता था, वहीं िापान में 631 ककग्रा., जस्वटिरलैण्ड में 546 ककग्रा. पूवट सोत्तवयत संघ
में 383 ककग्रा. तथा बेजजियम में 763 ककग्रा., प्रनत व्यजतत उपभोग होता
था। 2006-07 में देश में कु ल 1547 लाख मीटिक टन सीमेंट का उत्पादन हुआ।
सीर्ेंट कमरखमिे
1. तमर्लिमडु- तलैयूथ, नतरुिलवैली, अलिंिुलर्, नतरुिेशवेमल, तुलुकमपट्टी,
रमजर्लमयर्, ििंकरीदुिा, पुलमयुर, र्धुक्करी आदद।
2. झमरखण्ड- मसन्दरी, बन्जमरी, जौबमस, खखलमरी, जमपलम, तथम कशयमणपुर।
3. ब्रबहमर- डमलमर्यम ििर।
4. र्ध्य प्रदेि- कै र्ूर, कटिी, सतिम, नियोर, ग्वममलयर, जबलपुर, र्िंधमर,
दर्ोह, इटमरसी आदद।
5. छत्तीसिढ- दुिा, बिर्ोर, रमयपुर, आदद।
6. िुजरमत- मसक्कम )जमर्ििर), अहर्दमबमद, द्वमररकम, पोरबन्दर,
मसवममलयम, रमिमबमव, ओखमर्ण्डल।
7. किमाटक- बिंिलोर, िमहमबमद, भद्रमवती, बमिलकोट, कु रकु न्तम तथम बीजमपुर।
8. आिंध्र प्रदेि- िुिंटू र, कु िूाल, र्िंिलमगिरर, र्मछरेलम, बसन्त ििर, र्मिंचेररयल,
पनियमर्, कृ टणम तथम ववजयवम़िम।
9. रमजस्थमि- लखेरी, सवमई र्मधोपुर, गचत्तौ़ििढ, चुरू, निम्बमहे़िम,
व्यमवर, उदयपुर, र्े़िक।
11. के रल- कोट्टमयर्।
12. उत्तर प्रदेि- चुका , चोपि, कमिपुर तथम डमलम।
13. उ़िीसम- रमजििंिपुर, हीरमकुिं ड।
14. र्हमरमटर- चन्द्रपुर।
15. जम्र्ू कश्र्ीर- बूयमि।
सीर्ेंट एक र्हत्वपूणा उद्योि है जो रमटर के ववकमस और ववस्तमर र्ें
र्हत्वपूणा भूमर्कम निभमतम है। यह र्ूल रूप से सिंटटकों को मर्श्रण हैं इसर्ें
र्ुख्यत:मसमलके ट और कै ल्शसयर् कम एलुमर्िेट होतम है ल्जसे कै ल्शसयर् ऑक्समइड,
मसमलकम, एशयुमर्नियर् ऑक्समइड और आयरि ऑक्समइड से तैयमर ककयम जमतम है।
सीर्ेंट के मलए र्मिंि व्युत्पन्ि होिे के िमते व्यमपमर, ववत्तीय, स्थमवर सम्पदम और
अथाव्यवस्थम के र्ूल सिंरचिम क्षेत्र की कियमकलमपों की िनत पर निभार करती है।
सीर्ेंट र्िपसिंद भवि समर्ग्री सर्झम जमतम है और सभी निर्माण कमयों के मलए
ववश्व भर र्ें प्रयुक्त होतम है जैसमकक आवमस और औद्योगिक निर्माण तथम पत्तिों,
स़िकों, ववद्युत सिंयिंत्रों आदद जैसे र्ूल सिंरचिम के सृजि र्ें। इस प्रकमर से यह
सरकमर के रमजस्व सिंग्रहण र्ें र्हत्वपूणा योिदमिकतमा और अथाव्यवस्थम की सर्ग्र
योजिमबद्ध ववकमस कम स्तिंभ कहम जमतम है।
भमरत र्ें स्थमयी भमरतीय सीर्ेंट उद्योि की िीिंव 1914 र्ें रखी िई थी जब
इिंडडयि सीर्ेंट कम्पिी मलमर्टेड िुजरमत िे पोरबिंदर र्ें सीर्ेंट कम ववनिर्माण ककयम।
आरिंमभक अवस्थम र्ें वविेषकर स्वतिंत्रतम के पहले की अवगध र्ें क्षेत्रक कम ववकमस
बहुत धीर्म रहम थम। सीर्ेंट कम देिी उत्पमदि सर्स्त टरेलू र्मिंि को पूरम करिे के
मलए कमफी िहीिं थम और तदिुसमर सरकमर को इसकी कीर्त और ववतरण को
समिंववगधक रूप र्ें नियिंब्रत्रत करिम प़ितम थम और अथाव्यवस्थम र्ें कर्ी को पूरम
करिे के मलए ब़िी र्मत्रम र्ें सीर्ेंट कम आयमत करिम प़ितम थम। तथमवप, उदमरीकरण
और अिेकमिेक िीनतित सुधमरों को िुरू ककए जमिे से सीर्ेंट उद्योि को
ववनियिंब्रत्रत ककयम ियम है ल्जसिे इसकी वृद्गध िनत को लय प्रदमि की है। इसिे
क्षर्तम/उत्पमदि और प्रकियम प्रौद्योगिकी दोिों ही दृल्टट से त्वररत वृद्गध की है।
आज यह देि कम अनत ववकमसत और अग्रणी उद्योि है। सीर्ेंट एक र्ूल समर्ग्री
निवेि है जो सिंवधािमत्र्क और ववकमसमत्र्क प्रयमसों को तेजी से बढमिे र्ें, र्ूल
सिंरचिम ढमिंचम और अन्य निर्माण सिंबिंधी कमयों के क्षेत्र र्ें सुकर बिमतम है। क्योंकक
यह एक ववनियिंब्रत्रत वस्तु है, इसकम उत्पमदि और इसकी कीर्त र्ुख्य रूप से
आगथाक कमरकों द्वमरम नियिंब्रत्रत होते हैं जैसे र्मिंि और आपूनता, कच्ची समर्ग्री की
लमित और अन्य निवेि, उत्पमदि तथम ववतरण लमितें।
भमरतीय सीर्ेंट उद्योि सम्पूणा रूप र्ें दज्न्र्ुखी है और देि र्ें कोयले कम
तीसरम सबसे ब़िम प्रयोक्तम है। यह आधुनिक है और अद्यति प्रौद्योगिकी कम
उपयोि करतम है जो ववश्व र्ें सव्त्तर् र्ें एक हैं। के वल उद्योि कम छोटम विा ही
िीले और अधािुटक प्रकियमन्वयि र्ें पुरमिम प्रौद्योगिकी आधमर कम उपयोि करतम
है। उद्योि की ववकमस करिे की अपमर क्षर्तम है चूिंकक लिभि पूरे देि र्ें उत्कृ टट
िुणवत्तम वमलम चूिम पत्थर पमयम जमतम है। दूसरे ि्‍दों र्ें यह भमरतीय अथाव्यवस्थम
के सर्ग्र ववकमस के लमित नियिंत्रण, लिमतमर प्रौद्योगिकी उन्ियि के कमरण
अत्यमगधक वृद्गध कम अिुभव कर रहम है, इसिे इसे दजमा सरिंक्षक्षत करिे र्ें
अत्यमगधक सहमयतम की है तथम धनधि एविं समर्ग्री स्थमनयत्व की बचत करिे र्ें
सहमयतम की है।
भमरत र्ें, औद्योगिक िीनत और सिंवधाि ववभमि (डीआईपीपी), वमखणज्य और उद्योि
र्िंत्रमलय के अधीि सीर्ेंट उद्योिों के ववकमस के मलए िोडल एजेंसी है, अथमात यह
उिके निटपमदि की नियमर्त अिंतरमल पर नििरमिी करिे र्ें रत है और उपयुक्त
िीनतित प्रोत्समहि कम सुझमव यथमवश्यक देिे र्ें रत है। ववभमि समर्मन्य तौर पर
सर्स्त औद्योगिक क्षेत्रक के ववकमस के मलए और कु छ चुनििंदम उद्योिों कम जैसे
सीर्ेंट छोटे इिंजीनियररिंि, चऱ्िम, रबर, हशके र्िीि टू शस आदद कम वविेष रूप से
ववकमस के मलए सिंवधािमत्र्क और ववकमसमत्र्क उपमयों के निर्माण और कियमन्वयि
के मलए ल्जम्र्ेदमर है। यह सर्ग्र औद्योगिकी िीनत और ववदेिी प्रत्यक्ष निवेि
िीनत बिमिे और प्रवृत्त करिे तथम देि र्ें एफडीआई अिंतवमाह कम सिंवधाि करिे र्ें
रत है। यह निवेि र्महौल और भमरत र्ें अवसरों के सिंबिंध र्ें सूचिम कम प्रसमर
प्रचमर द्वमरम तथम सिंभमववत निवेिकों को ववववध िीनतयों और प्रकियमओिं के बमरे र्ें
सुझमव देकर निवेि सिंवधाि र्ें सकिय भूमर्कम निभमतम है।
डीआईपीपी द्वमरम सीर्ेंट उद्योि से सिंबिंगधत प्रवृत्त कु छ नियर् और आदेि
निम्िमलखखत हैं :-
 सीर्ेंट नियिंत्रण आदेि, 1967
 सीर्ेंट उपकर नियर्, 1993
 सीर्ेंट (िुणवत्तम नियिंत्रण) आदेि,1995
 सीर्ेंट (िुणवत्तम नियिंत्रण) आदेि, 2003
भमरत ववश्व र्ें दूसरम सबसे ब़िम सीर्ेंट ववनिर्मातम है1 यह ववमभन्ि ककस्र्ों
के सीर्ेंट के उत्पमदि र्ें लिम हुआ है जैसमकक समधमरण पोटालैण्ड सीर्ेंट (ओ पी
सी) पोटालैण्ड पोजोलमिम सीर्ेंट (पी पी सी), पोटालैण्ड ्‍लमस्ट फिनेस स्लैि सीर्ेंट
ऑयल वेल सीर्ेंट रैवपड हमडानििंि पोटालैण्ड सीर्ेंट, सशफे ट रोधी पोटालैण्ड सीर्ेंट,
वमइट सीर्ेंट आदद। उिकम उत्पमदि सख्ती से भमरतीय र्मिक ्‍यूरो के ववमिल्टट के
अिुसमर ककयम जमतम है और उिकी िुणवत्तम ववश्व र्ें सबसे अच्छी िुणवत्तम से
तुलिीय होती है। वतार्मि र्ें भमरतीय सीर्ेंट उद्योि र्ें 134 ब़िे सीर्ेंट सिंयिंत्र हैं
ल्जिकी सिंस्थमवपत क्षर्तम 173.08 मर्मलयि टि है और 350 से अगधक छोटे सीर्ेंट
सिंयिंत्र प्रचमलिरत हैं, ल्जिकी अिुर्मनित क्षर्तम 11.10 मर्मलयि टि प्रनतवषा है और
ये 184.18 मर्मलयि टि की सिंस्थमवपत क्षर्तम रखती हैं। वषा 2007-08 के दौरमि
सीर्ेंट उत्पमदि 178.79 मर्मलयि टि आकमलत ककयम ियम है। अप्रैल-ददसम्बर,
2007 के दौरमि 6.97 प्रनतित की वृद्गध दजा करते हुए वषा 2006-07 की सिंित
अवगध के दौरमि यह 126.27 मर्मलयि टि रहम है। इसी अवगध के दौरमि भमरत िे
सीर्ेंट और ल्क्लिंकर की 4.61 मर्मलयि टि र्मत्रम कम नियमात ककयम है।
उद्योि अपिी उत्पमदकतम और दजमा क्षर्तम र्ें सुधमर लमिे के मलए रमटरीय
रूप से ववमभन्ि र्मिों कम अिुिीलि कर रहम है। खिि, प्रकियमन्वयि, उपस्कर और
र्िीिरी, पैके ल्जिंि और पररवहि जैसे सिंयिंत्र के सभी विों र्ें प्रौद्योगिकी कम
सवमािीण उन्ियि हुआ है। िई तकिीक को अपिमयम जमिम जैसे फोटमग्रमर्ेटरी और
ररर्ोट सेंमसिंि िे उद्योि को अिछु आ चूिम पत्थर कम पतम लिमिे र्ें सर्था बिमयम
है। ववकमसत उपकरण जैसे हमइड्रोमलक खुदमई, सतह खिि, लमजा व्हील लोडर और
र्ोबमइल ििर िे उद्योि को उशलेखिीय रूप से अपिी उत्पमदकतम बढमिे र्ें
सहमयतम की है। अिेकमिेक ब़िी और छोटी सीर्ेंट किं पनियमिं क्षेत्रक के मलए वृद्गध
और र्मिंि त्वररत करिे के मलए अपिी ववस्तमर योजिमओिं पर ववचमर कर रही हैं।
इस क्षेत्र र्ें र्ुख्य किं पिी हैं ए सी सी, िुजरमत अम्बुजम सीर्ेंट मलमर्टेड, ग्रममसर्
इिंडस्रीज एिंड अशटkरेक, इिंडडयम सीर्ेंट मलमर्टेड, जयप्रकमि एसोमसएट्स आदद।
सीर्ेंट उद्योि र्ें सुधमर र्ें बिंिलम देि, इिंडोिेमियम, र्ेलमियम, िेपमल र्ध्य
पूवी देिों, वर्मा, अफ्रीकम और दक्षक्षणी पूवी एमियमई देिों र्ें अपिम तैयमर बमजमर
पमयम है। तथमवप, उद्योि, ववद्युत की उच्च लमित, उच्च रेलवे प्रिुशक, रमज्य और
के न्द्रीय िुशकों की लेववयों कम अगधक होिम, र्ूल सिंरचिम पररयोजिम र्ें सरकमरी
और निजी निवेि भमिीदमरी कम अभमव, निम्ि िुणवत्तम कम कोयल और सिंबिंगधत र्ूल
सिंरचिम जैसे सर्ुद्री और रेल पररवहि, पत्ति और थोक टमर्ािलों कम अपयमाप्त
ववकमस की दृल्टट से अब तक अिेकमिेक बमधमओिं कम समर्िम करतम है ऐसी बमधमओिं
से निजमत पमिे के मलए और सीर्ेंट उद्योि र्ें उपल्‍ध अगधकमगधक क्षर्तम कम
उपयोि करिे के मलए सरकमर िे इसकी र्मिंि बढमिे के मलए निम्िमलखखत बलवती
क्षेत्रों को अमभगचन्हमिंककत ककयम है, अथमात :- (i) आवमस ववकमस कमयािर्; (ii) किं िीट
रमजर्मिा और स़िकों कम सिंवधाि; (iii) ब़िी र्ूल सिंरचिम पररयोजिमओिं र्ें तैयमर
मर्गश्रत किं िीट कम उपयोि; और (iv) प्रधमिर्िंत्री ग्रमर् स़िक योजिम के अिंतिात
ग्रमर्ीण क्षेत्रों र्ें किं िीट स़िकों कम निर्माण। ववभमि उद्योि के वगधात ववकमस के
मलए सिंस्थमिों/पररषदों की स्थमपिम करिे जैसे अिेकमिेक उपमय कर रहम है।
उदमहरण के मलए रमटरीय सीर्ेंट और भवि समर्ग्री पररषद (एिबीसी) कम िठि िीषा
निकमय के रूप र्ें ककयम ियम है जो निरिंतर अिुसिंधमि, प्रौद्योगिकी ववकमस और
अिंतरण मिक्षम तथम वैज्ञमनिक, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक सेवमएिं सीर्ेंट, सिंबिंगधत
भवि समर्िी और निर्माण उद्योि के मलए सर्वपात है। बेहतर र्ूल सिंरचिम और
आवमस के स्थमयी ववकमस र्ें ऐसे क्षेत्रकों के मलए र्िपसिंद प्रौद्योगिकी समझेदमरी के
रूप र्ें कमया करतम है। एिसीबी र्ें बशलभिढ, हैदरमबमद, अहर्दमबमद और भुविेश्वर
र्ें ल्स्थत इकमइयों के र्मध्यर् से िनतववगधयमिं की जमती हैं। एिसीबी के कियमकलमपों
को इसके निम्िमलखखत छ: कमयािर् के न्द्रों के जररए प्रसमर-प्रचमर ककयम जमतम है :
 सीर्ेंट अिुसिंधमि और स्वतिंत्र परीक्षण
 खिि, पयमावरण, सिंयिंत्र इिंजीनियररिंि और प्रचमलि
 निर्माण, ववकमस और अिुसिंधमि
 औद्योगिक सूचिम सेवमएिं
 मिक्षम सेवम जमरी रखिम
 िुणवत्तम प्रबिंधि, र्मिक और अिंिमिंकि सेवमएिं
दूसरी र्हत्वपूणा बमत उद्योि उद्योि (ववकमस और ववनियर्ि) अगधनियर्,
1951 के अिंतिात सीर्ेंट उद्योि के मलए ववकमस पररषदर की स्थमपिम करिम है।
पररषद भमरत र्ें ववमभन्ि उपमयों के जररए, ववकमसमत्र्क पररयोजिमओिं के मलए
निगधयमिं प्रदमि करिे द्वमरम सीर्ेंट उद्योि के ववकमस को सिंवगधात करती है। पररषद
के कियमकलमपों कम निगधयि करिे कम स्रोत है सीर्ेंट उपकरण नियर्, 1993 की
तजा पर सीर्ेंट ववनिर्मातमओिं से सिंिृहीत उपकर है। इस पररषद की ववमभन्ि
पररयोजिमएिं निम्िमलखखत हैं :-
 एिसीबी और अिुसिंधमि एविं ववकमस पररयोजिमओिं की आधमर स्तरीय
िनतववगधयमिं सीर्ेंट उद्योि के ववकमस के मलए आरिंभ की िई है।
 लमित को टटमकर उद्योि की उत्पमदकतम र्ें सुधमर के मलए पररयोजिमएिं
 कच्ची समर्गग्रयमिं की अिुकू लतर् उपयोगितम के मलए पररयोजिमएिं
 सीर्ेंट सिंयिंत्रों के आधुनिकीकरण के मलए पररयोजिमएिं
 पयमावरण के सुधमर के मलए पररयोजिमएिं
 र्मिकीकरण और िुणवत्तम नियिंत्रण कमयािर्ों के मलए पररयोजिमएिं
 सीर्ेंट की थोक आपूनता और ववतरण के ववकमस के मलए पररयोजिमएिं
 सीर्ेंट उद्योि र्ें कममर्ाकों के कौिल के उन्ियि एविं प्रमिक्षण के मलए
पररयोजिमएिं
वषा 2007-08 के दौरमि पररषद को उपरोक्त िनतववगधयों पर व्यय के मलए
3.50 करो़ि कम आबिंटि प्रमप्त हुआ है।
इसके अनतररक्त उद्योिके निटपमदि र्ें सुधमर लमिे और अिुपूरण करिे के
मलए ववभमि िे 11वीिं योजिम तैयमर करिे के मलए सीर्ेंट उद्योि के सिंबिंध र्ें कमया
दल कम िठि ककयम है। इस कमया दल की ररपोटा र्ें, भमरी र्मत्रम र्ें सीर्ेंट पररवहि
कम र्हत्व, तैयमर मर्गश्रत किं िीट कम उपयोि और सीर्ेंट पर करों और लेवी कर्
करिे पर बल ददयम ियम है। यह अपमिटट कम सह-प्रकियमन्वयि ववद्युत कम सह-
उत्पमदि और ववश्व के सव्त्कृ टट के सर्कक्ष प्रौद्योगिकी के दमयरे को बढमिे के
मलए अिुसिंधमि और ववकमस कमयाकलमपों को वगधात सहमयतम के मलए ढमिंचम तैयमर
करिे के मलए ववनियमर्क सहमयतम भी चमहतम है। उद्योि सिंबिंधी कमया दल की
ररपोटा के अिुसमर ग्यमरहवीिं योजिम के दौरमि सीर्ेंट की र्मिंि र्ें 11.5 प्रनतित की
वृद्गध होिे सिंभमविम है और ग्यमरहवीिं योजिम के अिंत तक सीर्ेंट उत्पमदि और
क्षर्तम िर्ि: 269 मर्मलयि टि और 298 मर्मलयि टि होिम अिुर्मनित है
ल्जसकी क्षर्तम उपयोगितम 90 प्रनतित होिी। लक्षक्षत क्षर्तम वधाि हममसल करिे के
मलए 52,400 करो़ि रु. कम निवेि करिे की आवश्यकतम ग्यमरहवीिं योजिम के दौरमि
होिी। उक्त ल्यों की प्रमल्प्त चूिम पत्थर, कोयलम, ब्रबजली और चूिम पत्थर के
पररवहि की सुववधमओिं जैसे कमरकों पर र्हत्वपूणा रूप से निभार करती है।
इस प्रकमर से भमरतीय सीर्ेंट उद्योि के पमस सुदृढ क्षर्तम के आधमर है और
यह िुणवत्तम सीर्ेंट कम उत्पमदि करतम है जो वैल्श्वक र्मिक को पूरम करतम है।
इसिे प्रौद्योगिकी उन्ियि और अध्यति प्रौद्योगिकी को आत्र्समत करिे र्ें अपमर
सफलतम हममसल की है। सीर्ेंट के नियमात की भी भमरी सिंभमविम है। र्हत्वपूणा बमत
यह है कक इसकी र्मिंि और आपूनता के बीच कम अिंतर बहुत हद तक कर् हो ियम
है और आिमर्ी वषों र्ें क्षेत्रक र्ें भमरी वृद्गध होिे की सिंभमविम है। ये सभी निददाटट
करते है कक सीर्ेंट उद्योि को भमरतीय अथाव्यवस्थम र्ें र्हत्वपूणा भूमर्कम निभिम
है। आवमसीय क्षेत्रों र्ें वृद्गध होिे के कमरण, वैल्श्वक र्मिंि और र्ूल सिंरचिम ववकमस
जैसे कक रमटरीय रमजर्मिा र्ें बढे हुए कियमकलमप से देि र्ें निवेि के मलए प्रचुर
अवसर ववद्यर्मि हैं। यह ववश्व भर से िीषा सीर्ेंट किं पनियों को आकवषात करतम
रहम है और अपिे सर्ग्र ववकमस के मलए अगधक सर्मर्ेलि और अगधग्रहण कम
सिंवधाि कर रहम है।

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सीमेंट एक महत्

  • 1. lhesaV सीमेंट आधुनिक भवि निर्माण र्े प्रयुक्त होिे वमली एक प्रमथमर्क समर्ग्री है। सीर्ेंट र्ुख्यतः कै ल्शियर् के मसमलके ट और एलुमर्िेट यौगिकों कम मर्श्रण होतम है, जो कै ल्शियर् ऑक्समइड, मसमलकम, एशयूर्ीनियर् ऑक्समइड और लौह आक्समइड से निमर्ात होते हैं। सीर्ेंट बिमिे कक मलये चूना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मर्श्रण को एक भट्ठी र्ें उच्च तमपर्मि पर जलमयम जमतम है और तत्पश्चमत इस प्रकियम के फल:स्वरूप बिे खंगर (ल्क्लिंकर) को जिप्सम के समथ मर्लमकर र्हीि पीसम जमतम है और इस प्रकमर जो अिंनतर् उत्पमद प्रमप्त होतम है उसे साधारण पोटटलैंड सीमेंट (सम.पो.सी.) कहम जमतम है। भमरत र्ें, सम.पो.सी. कम निर्माण र्ूलत: तीि ग्रेड (श्रेणी) र्े होतम है। ग्रेड- 33, ग्रेड-43 और ग्रेड-53, यह सिंख्यमयें 28 ददिों के बमद प्रमप्त इसकी सम्पीड़ित समर्र्थया (कॉम्प्रेमसव स्रेंग्थ) को इिंगित करती हैं, जब एक निधमाररत प्रकियमिुसमर इसकम परीक्षण ककयम ियम हो। सम.पो.सी. के अलमवम, कई अन्य प्रकमर के सीर्ेंट कम भी उत्पमदि होतम है और उिर्ें से अगधकमिंि वविेष प्रयोजिों के मलए होते हैं, उदमहरण के मलए सशफे ट प्रनतरोधी सीर्ेंट, सफे द सीर्ेंट, तेल-कू प सीर्ेंट, आदद। सीमेंट उद्योग कच्चम र्मल आधमररत उद्योि है। सीर्ेंट को भवि निर्माण की प्रर्ुख समर्ग्री के रूप र्ें र्मन्यतम प्रमप्त है। उत्पमदि एविं ववतरण प्रनतरूप की दृल्टट से भमरत कम तमर्लिमडु रमज्य सवमागधक सीर्ेंट उत्पमदक रमज्य है। यहमाँ के प्रर्ुख कमरखमिे तलैयूथ, ििंकरीदुिा, डमलमर्यमपुरर् ्, नतरुिेशवेमल, तुलुकमपट्टी, अलिंिुलर्, पुलमयुर, र्धुक्करई रमजर्लमयर् आदद है।
  • 2. कमरखमिों की स्थमपिम  ववश्व र्ें सबसे पहले आधुनिक ढिंि की सीर्ेंट कम निर्माण 1824 र्ें ब्रिटेि के 'पोटालैण्ड' िमर्क स्थमि पर ककयम ियम थम। ल्जसके िमर् पर आज भी इसें 'पोटालैण्ड सीर्ेंट' कहम जमतम है।  भमरत र्ें आधुनिक ढिंि की सीर्ेंट बिमिे कम पहलम कमरखमिम 1904 र्ें चेन्िई र्ें लिमयम ियम, जो असफल रहम।  1912-13 की अवगध र्ें 'इल्ण्डयि सीर्ेंट किं . .मल'द्वमरम िुजरमत के पोरबन्दर िमर्क स्थमि पर कमरखमिे की स्थमपिम की ियी, ल्जससे अक्टू बर 1914 र्ें उत्पमदि प्रमरम्भ हुआ।  प्रथर् ववश्व युद्ध कमल र्ें ही 'ककमलक निक्सि किं .' द्वमरम रमजस्थमि के लमखेरम- द्वमरम .बूिंदी तथम खटमद किं र्ध्य प्रदेि के कटिी िमर्क स्थमि पर सीर्ेंट कमरखमिे स्थमवपत ककये िये।  1934 र्ें देि र्ें सीर्ेंट कम उत्पमदि बढमिे के मलए एसोमसएटेड सीर्ेंट किं . मल . की स्थमपिम की ियी।  1950-51 र्ें भमरत र्ें जहमाँ र्मत्र 21 कमरखमिों र्ें सीर्ेंट कम उत्पमदि ककयम जमतम थम वहीिं वतार्मि र्ें इिकी सिंख्यम बढकर 144 हो ियी है। सीर्ेंट निर्माण सीमेंट के ननमाटण के ललए भारी मात्रा में कच्चे माल का प्रयोग ककया िाता है, जिसमें चूना, पत्थर, जिप्सम तथा कोयला प्रमुख है। इनकी ढु लाई पर आने वाले अधधक खचट को बचाने के ललए सीमेंट कारखाने प्रायः कच्चे माल के क्षेत्रों के समीप ही स्थात्तपत ककये िाते हैं। वतटमान समय में लौह इस्पात उद्योग की भट्टटयों से ननकलने वाले कचरे (स्लैग) का भी सीमेंट ननमाटण में प्रयोंग ककया िाने लगा है। भारत में प्रनत व्यजतत सीमेंट का उपभोग अन्य त्तवकलसत देशों की
  • 3. अपेक्षा बहुत कम है। 1985 में िहााँ भारत में 40 ककग्रा. प्रनत व्यजतत उपभोग ककया िाता था, वहीं िापान में 631 ककग्रा., जस्वटिरलैण्ड में 546 ककग्रा. पूवट सोत्तवयत संघ में 383 ककग्रा. तथा बेजजियम में 763 ककग्रा., प्रनत व्यजतत उपभोग होता था। 2006-07 में देश में कु ल 1547 लाख मीटिक टन सीमेंट का उत्पादन हुआ। सीर्ेंट कमरखमिे 1. तमर्लिमडु- तलैयूथ, नतरुिलवैली, अलिंिुलर्, नतरुिेशवेमल, तुलुकमपट्टी, रमजर्लमयर्, ििंकरीदुिा, पुलमयुर, र्धुक्करी आदद। 2. झमरखण्ड- मसन्दरी, बन्जमरी, जौबमस, खखलमरी, जमपलम, तथम कशयमणपुर। 3. ब्रबहमर- डमलमर्यम ििर। 4. र्ध्य प्रदेि- कै र्ूर, कटिी, सतिम, नियोर, ग्वममलयर, जबलपुर, र्िंधमर, दर्ोह, इटमरसी आदद। 5. छत्तीसिढ- दुिा, बिर्ोर, रमयपुर, आदद। 6. िुजरमत- मसक्कम )जमर्ििर), अहर्दमबमद, द्वमररकम, पोरबन्दर, मसवममलयम, रमिमबमव, ओखमर्ण्डल। 7. किमाटक- बिंिलोर, िमहमबमद, भद्रमवती, बमिलकोट, कु रकु न्तम तथम बीजमपुर। 8. आिंध्र प्रदेि- िुिंटू र, कु िूाल, र्िंिलमगिरर, र्मछरेलम, बसन्त ििर, र्मिंचेररयल, पनियमर्, कृ टणम तथम ववजयवम़िम। 9. रमजस्थमि- लखेरी, सवमई र्मधोपुर, गचत्तौ़ििढ, चुरू, निम्बमहे़िम, व्यमवर, उदयपुर, र्े़िक। 11. के रल- कोट्टमयर्। 12. उत्तर प्रदेि- चुका , चोपि, कमिपुर तथम डमलम। 13. उ़िीसम- रमजििंिपुर, हीरमकुिं ड। 14. र्हमरमटर- चन्द्रपुर।
  • 4. 15. जम्र्ू कश्र्ीर- बूयमि। सीर्ेंट एक र्हत्वपूणा उद्योि है जो रमटर के ववकमस और ववस्तमर र्ें र्हत्वपूणा भूमर्कम निभमतम है। यह र्ूल रूप से सिंटटकों को मर्श्रण हैं इसर्ें र्ुख्यत:मसमलके ट और कै ल्शसयर् कम एलुमर्िेट होतम है ल्जसे कै ल्शसयर् ऑक्समइड, मसमलकम, एशयुमर्नियर् ऑक्समइड और आयरि ऑक्समइड से तैयमर ककयम जमतम है। सीर्ेंट के मलए र्मिंि व्युत्पन्ि होिे के िमते व्यमपमर, ववत्तीय, स्थमवर सम्पदम और अथाव्यवस्थम के र्ूल सिंरचिम क्षेत्र की कियमकलमपों की िनत पर निभार करती है। सीर्ेंट र्िपसिंद भवि समर्ग्री सर्झम जमतम है और सभी निर्माण कमयों के मलए ववश्व भर र्ें प्रयुक्त होतम है जैसमकक आवमस और औद्योगिक निर्माण तथम पत्तिों, स़िकों, ववद्युत सिंयिंत्रों आदद जैसे र्ूल सिंरचिम के सृजि र्ें। इस प्रकमर से यह सरकमर के रमजस्व सिंग्रहण र्ें र्हत्वपूणा योिदमिकतमा और अथाव्यवस्थम की सर्ग्र योजिमबद्ध ववकमस कम स्तिंभ कहम जमतम है। भमरत र्ें स्थमयी भमरतीय सीर्ेंट उद्योि की िीिंव 1914 र्ें रखी िई थी जब इिंडडयि सीर्ेंट कम्पिी मलमर्टेड िुजरमत िे पोरबिंदर र्ें सीर्ेंट कम ववनिर्माण ककयम। आरिंमभक अवस्थम र्ें वविेषकर स्वतिंत्रतम के पहले की अवगध र्ें क्षेत्रक कम ववकमस बहुत धीर्म रहम थम। सीर्ेंट कम देिी उत्पमदि सर्स्त टरेलू र्मिंि को पूरम करिे के मलए कमफी िहीिं थम और तदिुसमर सरकमर को इसकी कीर्त और ववतरण को समिंववगधक रूप र्ें नियिंब्रत्रत करिम प़ितम थम और अथाव्यवस्थम र्ें कर्ी को पूरम
  • 5. करिे के मलए ब़िी र्मत्रम र्ें सीर्ेंट कम आयमत करिम प़ितम थम। तथमवप, उदमरीकरण और अिेकमिेक िीनतित सुधमरों को िुरू ककए जमिे से सीर्ेंट उद्योि को ववनियिंब्रत्रत ककयम ियम है ल्जसिे इसकी वृद्गध िनत को लय प्रदमि की है। इसिे क्षर्तम/उत्पमदि और प्रकियम प्रौद्योगिकी दोिों ही दृल्टट से त्वररत वृद्गध की है। आज यह देि कम अनत ववकमसत और अग्रणी उद्योि है। सीर्ेंट एक र्ूल समर्ग्री निवेि है जो सिंवधािमत्र्क और ववकमसमत्र्क प्रयमसों को तेजी से बढमिे र्ें, र्ूल सिंरचिम ढमिंचम और अन्य निर्माण सिंबिंधी कमयों के क्षेत्र र्ें सुकर बिमतम है। क्योंकक यह एक ववनियिंब्रत्रत वस्तु है, इसकम उत्पमदि और इसकी कीर्त र्ुख्य रूप से आगथाक कमरकों द्वमरम नियिंब्रत्रत होते हैं जैसे र्मिंि और आपूनता, कच्ची समर्ग्री की लमित और अन्य निवेि, उत्पमदि तथम ववतरण लमितें। भमरतीय सीर्ेंट उद्योि सम्पूणा रूप र्ें दज्न्र्ुखी है और देि र्ें कोयले कम तीसरम सबसे ब़िम प्रयोक्तम है। यह आधुनिक है और अद्यति प्रौद्योगिकी कम उपयोि करतम है जो ववश्व र्ें सव्त्तर् र्ें एक हैं। के वल उद्योि कम छोटम विा ही िीले और अधािुटक प्रकियमन्वयि र्ें पुरमिम प्रौद्योगिकी आधमर कम उपयोि करतम है। उद्योि की ववकमस करिे की अपमर क्षर्तम है चूिंकक लिभि पूरे देि र्ें उत्कृ टट िुणवत्तम वमलम चूिम पत्थर पमयम जमतम है। दूसरे ि्‍दों र्ें यह भमरतीय अथाव्यवस्थम के सर्ग्र ववकमस के लमित नियिंत्रण, लिमतमर प्रौद्योगिकी उन्ियि के कमरण अत्यमगधक वृद्गध कम अिुभव कर रहम है, इसिे इसे दजमा सरिंक्षक्षत करिे र्ें
  • 6. अत्यमगधक सहमयतम की है तथम धनधि एविं समर्ग्री स्थमनयत्व की बचत करिे र्ें सहमयतम की है। भमरत र्ें, औद्योगिक िीनत और सिंवधाि ववभमि (डीआईपीपी), वमखणज्य और उद्योि र्िंत्रमलय के अधीि सीर्ेंट उद्योिों के ववकमस के मलए िोडल एजेंसी है, अथमात यह उिके निटपमदि की नियमर्त अिंतरमल पर नििरमिी करिे र्ें रत है और उपयुक्त िीनतित प्रोत्समहि कम सुझमव यथमवश्यक देिे र्ें रत है। ववभमि समर्मन्य तौर पर सर्स्त औद्योगिक क्षेत्रक के ववकमस के मलए और कु छ चुनििंदम उद्योिों कम जैसे सीर्ेंट छोटे इिंजीनियररिंि, चऱ्िम, रबर, हशके र्िीि टू शस आदद कम वविेष रूप से ववकमस के मलए सिंवधािमत्र्क और ववकमसमत्र्क उपमयों के निर्माण और कियमन्वयि के मलए ल्जम्र्ेदमर है। यह सर्ग्र औद्योगिकी िीनत और ववदेिी प्रत्यक्ष निवेि िीनत बिमिे और प्रवृत्त करिे तथम देि र्ें एफडीआई अिंतवमाह कम सिंवधाि करिे र्ें रत है। यह निवेि र्महौल और भमरत र्ें अवसरों के सिंबिंध र्ें सूचिम कम प्रसमर प्रचमर द्वमरम तथम सिंभमववत निवेिकों को ववववध िीनतयों और प्रकियमओिं के बमरे र्ें सुझमव देकर निवेि सिंवधाि र्ें सकिय भूमर्कम निभमतम है। डीआईपीपी द्वमरम सीर्ेंट उद्योि से सिंबिंगधत प्रवृत्त कु छ नियर् और आदेि निम्िमलखखत हैं :-  सीर्ेंट नियिंत्रण आदेि, 1967
  • 7.  सीर्ेंट उपकर नियर्, 1993  सीर्ेंट (िुणवत्तम नियिंत्रण) आदेि,1995  सीर्ेंट (िुणवत्तम नियिंत्रण) आदेि, 2003 भमरत ववश्व र्ें दूसरम सबसे ब़िम सीर्ेंट ववनिर्मातम है1 यह ववमभन्ि ककस्र्ों के सीर्ेंट के उत्पमदि र्ें लिम हुआ है जैसमकक समधमरण पोटालैण्ड सीर्ेंट (ओ पी सी) पोटालैण्ड पोजोलमिम सीर्ेंट (पी पी सी), पोटालैण्ड ्‍लमस्ट फिनेस स्लैि सीर्ेंट ऑयल वेल सीर्ेंट रैवपड हमडानििंि पोटालैण्ड सीर्ेंट, सशफे ट रोधी पोटालैण्ड सीर्ेंट, वमइट सीर्ेंट आदद। उिकम उत्पमदि सख्ती से भमरतीय र्मिक ्‍यूरो के ववमिल्टट के अिुसमर ककयम जमतम है और उिकी िुणवत्तम ववश्व र्ें सबसे अच्छी िुणवत्तम से तुलिीय होती है। वतार्मि र्ें भमरतीय सीर्ेंट उद्योि र्ें 134 ब़िे सीर्ेंट सिंयिंत्र हैं ल्जिकी सिंस्थमवपत क्षर्तम 173.08 मर्मलयि टि है और 350 से अगधक छोटे सीर्ेंट सिंयिंत्र प्रचमलिरत हैं, ल्जिकी अिुर्मनित क्षर्तम 11.10 मर्मलयि टि प्रनतवषा है और ये 184.18 मर्मलयि टि की सिंस्थमवपत क्षर्तम रखती हैं। वषा 2007-08 के दौरमि सीर्ेंट उत्पमदि 178.79 मर्मलयि टि आकमलत ककयम ियम है। अप्रैल-ददसम्बर, 2007 के दौरमि 6.97 प्रनतित की वृद्गध दजा करते हुए वषा 2006-07 की सिंित अवगध के दौरमि यह 126.27 मर्मलयि टि रहम है। इसी अवगध के दौरमि भमरत िे सीर्ेंट और ल्क्लिंकर की 4.61 मर्मलयि टि र्मत्रम कम नियमात ककयम है।
  • 8. उद्योि अपिी उत्पमदकतम और दजमा क्षर्तम र्ें सुधमर लमिे के मलए रमटरीय रूप से ववमभन्ि र्मिों कम अिुिीलि कर रहम है। खिि, प्रकियमन्वयि, उपस्कर और र्िीिरी, पैके ल्जिंि और पररवहि जैसे सिंयिंत्र के सभी विों र्ें प्रौद्योगिकी कम सवमािीण उन्ियि हुआ है। िई तकिीक को अपिमयम जमिम जैसे फोटमग्रमर्ेटरी और ररर्ोट सेंमसिंि िे उद्योि को अिछु आ चूिम पत्थर कम पतम लिमिे र्ें सर्था बिमयम है। ववकमसत उपकरण जैसे हमइड्रोमलक खुदमई, सतह खिि, लमजा व्हील लोडर और र्ोबमइल ििर िे उद्योि को उशलेखिीय रूप से अपिी उत्पमदकतम बढमिे र्ें सहमयतम की है। अिेकमिेक ब़िी और छोटी सीर्ेंट किं पनियमिं क्षेत्रक के मलए वृद्गध और र्मिंि त्वररत करिे के मलए अपिी ववस्तमर योजिमओिं पर ववचमर कर रही हैं। इस क्षेत्र र्ें र्ुख्य किं पिी हैं ए सी सी, िुजरमत अम्बुजम सीर्ेंट मलमर्टेड, ग्रममसर् इिंडस्रीज एिंड अशटkरेक, इिंडडयम सीर्ेंट मलमर्टेड, जयप्रकमि एसोमसएट्स आदद। सीर्ेंट उद्योि र्ें सुधमर र्ें बिंिलम देि, इिंडोिेमियम, र्ेलमियम, िेपमल र्ध्य पूवी देिों, वर्मा, अफ्रीकम और दक्षक्षणी पूवी एमियमई देिों र्ें अपिम तैयमर बमजमर पमयम है। तथमवप, उद्योि, ववद्युत की उच्च लमित, उच्च रेलवे प्रिुशक, रमज्य और के न्द्रीय िुशकों की लेववयों कम अगधक होिम, र्ूल सिंरचिम पररयोजिम र्ें सरकमरी और निजी निवेि भमिीदमरी कम अभमव, निम्ि िुणवत्तम कम कोयल और सिंबिंगधत र्ूल सिंरचिम जैसे सर्ुद्री और रेल पररवहि, पत्ति और थोक टमर्ािलों कम अपयमाप्त ववकमस की दृल्टट से अब तक अिेकमिेक बमधमओिं कम समर्िम करतम है ऐसी बमधमओिं
  • 9. से निजमत पमिे के मलए और सीर्ेंट उद्योि र्ें उपल्‍ध अगधकमगधक क्षर्तम कम उपयोि करिे के मलए सरकमर िे इसकी र्मिंि बढमिे के मलए निम्िमलखखत बलवती क्षेत्रों को अमभगचन्हमिंककत ककयम है, अथमात :- (i) आवमस ववकमस कमयािर्; (ii) किं िीट रमजर्मिा और स़िकों कम सिंवधाि; (iii) ब़िी र्ूल सिंरचिम पररयोजिमओिं र्ें तैयमर मर्गश्रत किं िीट कम उपयोि; और (iv) प्रधमिर्िंत्री ग्रमर् स़िक योजिम के अिंतिात ग्रमर्ीण क्षेत्रों र्ें किं िीट स़िकों कम निर्माण। ववभमि उद्योि के वगधात ववकमस के मलए सिंस्थमिों/पररषदों की स्थमपिम करिे जैसे अिेकमिेक उपमय कर रहम है। उदमहरण के मलए रमटरीय सीर्ेंट और भवि समर्ग्री पररषद (एिबीसी) कम िठि िीषा निकमय के रूप र्ें ककयम ियम है जो निरिंतर अिुसिंधमि, प्रौद्योगिकी ववकमस और अिंतरण मिक्षम तथम वैज्ञमनिक, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक सेवमएिं सीर्ेंट, सिंबिंगधत भवि समर्िी और निर्माण उद्योि के मलए सर्वपात है। बेहतर र्ूल सिंरचिम और आवमस के स्थमयी ववकमस र्ें ऐसे क्षेत्रकों के मलए र्िपसिंद प्रौद्योगिकी समझेदमरी के रूप र्ें कमया करतम है। एिसीबी र्ें बशलभिढ, हैदरमबमद, अहर्दमबमद और भुविेश्वर र्ें ल्स्थत इकमइयों के र्मध्यर् से िनतववगधयमिं की जमती हैं। एिसीबी के कियमकलमपों को इसके निम्िमलखखत छ: कमयािर् के न्द्रों के जररए प्रसमर-प्रचमर ककयम जमतम है :  सीर्ेंट अिुसिंधमि और स्वतिंत्र परीक्षण  खिि, पयमावरण, सिंयिंत्र इिंजीनियररिंि और प्रचमलि  निर्माण, ववकमस और अिुसिंधमि
  • 10.  औद्योगिक सूचिम सेवमएिं  मिक्षम सेवम जमरी रखिम  िुणवत्तम प्रबिंधि, र्मिक और अिंिमिंकि सेवमएिं दूसरी र्हत्वपूणा बमत उद्योि उद्योि (ववकमस और ववनियर्ि) अगधनियर्, 1951 के अिंतिात सीर्ेंट उद्योि के मलए ववकमस पररषदर की स्थमपिम करिम है। पररषद भमरत र्ें ववमभन्ि उपमयों के जररए, ववकमसमत्र्क पररयोजिमओिं के मलए निगधयमिं प्रदमि करिे द्वमरम सीर्ेंट उद्योि के ववकमस को सिंवगधात करती है। पररषद के कियमकलमपों कम निगधयि करिे कम स्रोत है सीर्ेंट उपकरण नियर्, 1993 की तजा पर सीर्ेंट ववनिर्मातमओिं से सिंिृहीत उपकर है। इस पररषद की ववमभन्ि पररयोजिमएिं निम्िमलखखत हैं :-  एिसीबी और अिुसिंधमि एविं ववकमस पररयोजिमओिं की आधमर स्तरीय िनतववगधयमिं सीर्ेंट उद्योि के ववकमस के मलए आरिंभ की िई है।  लमित को टटमकर उद्योि की उत्पमदकतम र्ें सुधमर के मलए पररयोजिमएिं  कच्ची समर्गग्रयमिं की अिुकू लतर् उपयोगितम के मलए पररयोजिमएिं  सीर्ेंट सिंयिंत्रों के आधुनिकीकरण के मलए पररयोजिमएिं  पयमावरण के सुधमर के मलए पररयोजिमएिं  र्मिकीकरण और िुणवत्तम नियिंत्रण कमयािर्ों के मलए पररयोजिमएिं  सीर्ेंट की थोक आपूनता और ववतरण के ववकमस के मलए पररयोजिमएिं
  • 11.  सीर्ेंट उद्योि र्ें कममर्ाकों के कौिल के उन्ियि एविं प्रमिक्षण के मलए पररयोजिमएिं वषा 2007-08 के दौरमि पररषद को उपरोक्त िनतववगधयों पर व्यय के मलए 3.50 करो़ि कम आबिंटि प्रमप्त हुआ है। इसके अनतररक्त उद्योिके निटपमदि र्ें सुधमर लमिे और अिुपूरण करिे के मलए ववभमि िे 11वीिं योजिम तैयमर करिे के मलए सीर्ेंट उद्योि के सिंबिंध र्ें कमया दल कम िठि ककयम है। इस कमया दल की ररपोटा र्ें, भमरी र्मत्रम र्ें सीर्ेंट पररवहि कम र्हत्व, तैयमर मर्गश्रत किं िीट कम उपयोि और सीर्ेंट पर करों और लेवी कर् करिे पर बल ददयम ियम है। यह अपमिटट कम सह-प्रकियमन्वयि ववद्युत कम सह- उत्पमदि और ववश्व के सव्त्कृ टट के सर्कक्ष प्रौद्योगिकी के दमयरे को बढमिे के मलए अिुसिंधमि और ववकमस कमयाकलमपों को वगधात सहमयतम के मलए ढमिंचम तैयमर करिे के मलए ववनियमर्क सहमयतम भी चमहतम है। उद्योि सिंबिंधी कमया दल की ररपोटा के अिुसमर ग्यमरहवीिं योजिम के दौरमि सीर्ेंट की र्मिंि र्ें 11.5 प्रनतित की वृद्गध होिे सिंभमविम है और ग्यमरहवीिं योजिम के अिंत तक सीर्ेंट उत्पमदि और क्षर्तम िर्ि: 269 मर्मलयि टि और 298 मर्मलयि टि होिम अिुर्मनित है ल्जसकी क्षर्तम उपयोगितम 90 प्रनतित होिी। लक्षक्षत क्षर्तम वधाि हममसल करिे के मलए 52,400 करो़ि रु. कम निवेि करिे की आवश्यकतम ग्यमरहवीिं योजिम के दौरमि
  • 12. होिी। उक्त ल्यों की प्रमल्प्त चूिम पत्थर, कोयलम, ब्रबजली और चूिम पत्थर के पररवहि की सुववधमओिं जैसे कमरकों पर र्हत्वपूणा रूप से निभार करती है। इस प्रकमर से भमरतीय सीर्ेंट उद्योि के पमस सुदृढ क्षर्तम के आधमर है और यह िुणवत्तम सीर्ेंट कम उत्पमदि करतम है जो वैल्श्वक र्मिक को पूरम करतम है। इसिे प्रौद्योगिकी उन्ियि और अध्यति प्रौद्योगिकी को आत्र्समत करिे र्ें अपमर सफलतम हममसल की है। सीर्ेंट के नियमात की भी भमरी सिंभमविम है। र्हत्वपूणा बमत यह है कक इसकी र्मिंि और आपूनता के बीच कम अिंतर बहुत हद तक कर् हो ियम है और आिमर्ी वषों र्ें क्षेत्रक र्ें भमरी वृद्गध होिे की सिंभमविम है। ये सभी निददाटट करते है कक सीर्ेंट उद्योि को भमरतीय अथाव्यवस्थम र्ें र्हत्वपूणा भूमर्कम निभिम है। आवमसीय क्षेत्रों र्ें वृद्गध होिे के कमरण, वैल्श्वक र्मिंि और र्ूल सिंरचिम ववकमस जैसे कक रमटरीय रमजर्मिा र्ें बढे हुए कियमकलमप से देि र्ें निवेि के मलए प्रचुर अवसर ववद्यर्मि हैं। यह ववश्व भर से िीषा सीर्ेंट किं पनियों को आकवषात करतम रहम है और अपिे सर्ग्र ववकमस के मलए अगधक सर्मर्ेलि और अगधग्रहण कम सिंवधाि कर रहम है।