2. जॉजज नथाननएल कर्जन (11 जनवरी, 1859- 20 मार्ज, 1925) का जन्म क
े डलस्टन हॉल (Kedleston Hall) में हुआ,
जो इंग्लैंड क
े एक निनिश राजनेता और नवदेश सनर्व थे, नजन्ोंने अपने कार्जकाल क
े दौरान निनिश नीनत ननमाजण में
महत्त्वपूणज भूनमका ननभाई।
लॉडज कर्जन ने लॉडज एल्गिन क
े कार्जकाल क
े उपरांत पदभार ग्रहण नकर्ा तथा कर्जन वर्ज 1899 से 1905 तक
निनिश भारत क
े वार्सरार् रहे।
वह 39 वर्ज की आर्ु में भारत क
े सबसे कम उम्र क
े वार्सरार् बने।
कर्जन वार्सरार् पद क
े सवाजनिक नववादास्पद और पररणामी िारकों में से एक थे।
गवनजर जनरल और वार्सरार् क
े रूप में पदभार ग्रहण करने से पूवज कर्जन ने भारत (र्ार बार) सीलोन,
अफगाननस्तान, र्ीन, पनशजर्ा, तुनक
ज स्तान, जापान और कोररर्ा का दौरा नकर्ा था।
लॉडज कर्जन क
े अनतररक्त भारत क
े नकसी अन्य गवनजर जनरल क
े पास पूवी देशों क
े बारे में इतना नवस्तृत अनुभव
और नवर्ार नहीं था।
3. वार्सरार् लाडज कजजन का सबसे घृनणत कार्ज 1905
में बंगाल का नवभाजन करना थ।
बंगाल नवभाजन क
े समर् बंगाल में नबहार उडीसा
और बांग्लादेश शानमल थे। 1874 में असम बंगाल से
अलग हो गर्ा था
बंगाल नवभाजन का वास्तनवक कारण प्रशासननक
नहीं बल्गि राजनीनतक था। इसकी जानकारी
तत्कालीन राज्य सनर्व ररजले द्वारा 1904 में कजजन
को नलखे गए पत्र से नमलती है। नजसमें इसने नलखा
था नक संर्ुक्त बंगाल एक शल्गक्त है, नवभानजत बंगाल
की नदशाएं अलग-अलग होंगी। बंगाल उस समर्
भारतीर् राष्ट्र ीर् र्ेतना का क
ें द्र नबंदु था और
बंगानलर्ों में प्रबल राजनीनतक जागृनत थी।
नजसे दबाने क
े नलए लाडज कजजन ने बंगाल का
नवभाजन कर उसे नहंदू और मुल्गिम बहुलता वाले दो
भागों में बांिने और उन्ें आपस में लडाने की नीनत
अपनाई।
4. लाडज कजजन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल नवभाजन क
े ननणजर् की घोर्णा कर
दी थी। नजसक
े पररणाम स्वरुप 7 अगस्त 1905 को कलकत्ता मे िाउन हॉल में
स्वदेशी आंदोलन की घोर्णा की थी। इस नदन से ही बंगाल नवभाजन क
े नवरोि
में आंदोलन प्रारंभ हो गर्ा था।
इसी बैठक मे ऐनतहानसक बनहष्कार प्रस्ताव पाररत नकर्ा गर्ा था।
16 अक्टू बर 1905 को बंगाल नवभाजन की घोर्णा क
े साथ ही नवभाजन
प्रभावी हो गर्ा।
नवभाजन क
े बाद बंगाल पूवी बंगाल और पनिम बंगाल में बि गर्ा
पूवी बंगाल में असम और बंगाल क
े क
ु छ नजले गर्े।
5. इस नदन को पूरे बंगाल में शोक नदवस क
े रुप में मनार्ा गर्ा था ।
रनवंद्र नाथ िैगोर ने संपूणज बंगाल में इस नदन को राखी नदवस क
े
रुप में मनार्ा। इसका उद्देश्यर्ह बताना था नक बंगाल को
नवभानजत कर अंग्रेज उनकी एकता में दरार नहीं डाल सकते थे।
बंगाल नवभाजन बंग-भंग आंदोलन को सबसे अनिक सफलता
नवदेशी माल क
े बनहष्कार आंदोलन से नमली थी। औरतो ने नवदेशी
र्ूनडर्ां पहनना और नवदेशी बतजनों का इस्तेमाल करना बंद कर
नदर्ा था तथा िोनबर्ों ने नवदेशी कपडे िोने से मना कर नदर्ा था।
6. बंगाल नवभाजन आंदोलन का नशक्षा क
े क्षेत्र पर भी प्रभाव पडा और इसक
े कारण
नवद्यालर्ों की स्थापना की गई। राष्ट्र ीर् नशक्षा क
े क्षेत्र में सवजप्रथम 8 नवंबर 1905 को
रंगपुर नेशनल स्क
ू ल की स्थापना की गई थी।
16 नवंबर 1905 को कलकत्ता में एक सम्मेलन हुआ था
इस सम्मेलन में राष्ट्र ीर् ननर्ंत्रण में राष्ट्र ीर् सानहल्गिक वैज्ञाननक और तकनीकी नशक्षा देने
क
े नलए राष्ट्र ीर् नशक्षा पररर्द स्थानपत करने का फ
ै सला नकर्ा गर्ा
7. बंगला सानहि नवशेर्कर काव्य क
े नलए स्वणज काल था
रवींद्रनाथ िैगोर,नद्वजेन्द्र लाल रार्, मुक
ं ददास ,सैर्द अबू मुहम्मद
क
े नलखे गीत आंदोलनकाररर्ों क
े नलए प्रेरणा स्रोत बने
उन्ोंने आंदोलन को तेज करने क
े नलए प्रेरणा स्त्रोत आमार
सोनार बांग्ला नामक गीत नलखा था जो 1971 में बांग्लादेश का
राष्ट्र ीर् गीत बना।
8. इस आंदोलन की सबसे महत्वपूणज नवशेर्ता थी की मनहलाओं
ने इस आंदोलन में सनिर् रुप से भाग नलर्ा पहली बार
मनहलाएं घर से बाहर ननकली प्रदशजन में भाग लेने लगी और
िरने पर बैठने लगी थी
9. रेलवे: कर्जन ने भारत में रेलवे की सुनविाओं में सुिार करने और रेलवे को
सरकार क
े नलर्े लाभदार्क बनाने का भी फ
ै सला नकर्ा।
शिक्षा : वर्ज 1901 में कर्जन ने शिमला में एक शिक्षा सम्मेलन का आर्ोजन
नकर्ा, उसक
े बाद 1902 में शवश्वशवद्यालय आयोग का गठन नकर्ा।
सेना: वर्ज 1902 में कमाांडर-इन-चीफ क
े रूप में लॉडड शकचनर (Lord
Kitchener) भारत आर्ा और उसने सेना में कई आवश्यक सुिार नकर्े।
न्यायतांत्र: न्यार्पानलका क्षेत्र में न्यानर्क सुिारों क
े तहत कई कार्ज नकर्े गए
जैसे- कलकत्ता उच्च न्यार्ालर् क
े न्यार्ािीशों की संख्या में वृल्गि की गई,
उच्च न्यार्ालर्ों और अिीनस्थ न्यार्ालर्ों क
े न्यार्ािीशों क
े वेतन में वृल्गि की
गई तथा भारतीर् नागररक प्रनिर्ा संनहता को संशोनित नकर्ा गर्ा।
10. क
ृ शि-सुधार-नकसानों की ल्गस्थनत सुिारने क
े नलए कजजन ने नसर्ाई की र्ोजना में वृल्गि
की. नसंर्ाई क
े नलए 20 वर्ों में 44 करोड रुपर्े खर्ज नकर्े जाने की व्यवस्था की गर्ी.
क
ृ नर् की उन्ननत क
े नलए कजजन ने वैज्ञाननक ढंग से क
ृ नर् करने को प्रोत्सानहत नकर्ा. इस
उद्देश्य की पूनत्तज क
े नलए पूसा नामक स्थान में एक क
ृ नर् अनुसंिान संस्थान खोला गर्ा.
इस प्रकार लॉडज कजजन ने क
ृ नर् और नकसानों की ल्गस्थनत में सुिार लाने का प्रर्त्न नकर्ा.
आशथडक सुधार
कजजन ने कई आनथजक सुिार नकर्े. उसने 1899 ई० में अांगरेजी स्वर्ड मुद्रा को
कानूनी मुद्रा घोशित कर नदर्ा और उसकी नवननमर् की दर 15 प्रनत पौण्ड नननित
कर दी. इसका पररणाम हुआ नक अब बाहर से सोना भारत आने लगा. भारत की
आनथजक ल्गस्थनत में सुिार हुआ. कजजन को कर क
े भार में कमी करने का अवसर प्राप्त
हो गर्ा. नजन प्रान्ों में अकाल क
े कारण लोगों को बडी क्षनत पहुुँर्ी थी, उनमें करों में
कमी कर दी गर्ी. व्यापार तथा व्यवसार् की उन्ननत क
े नलए नर्ा नवभाग खोला गर्ा.
कजजन ने भी आनथजक नवक
े न्द्रीकरण की नीनत का समथजन नकर्ा और उसे आगे बढार्ा.
11. प्रिासन में सुधार
कजजन की दृनष्ट् प्रशासकीर् दोर्ों पर भी पडी. शासन क
े कार्ज में देर न हो, उसक
े नलए
उसने प्रशासकीर् सनर्वालर्ों क
े कार्ज करने की पिनत में पररवतजन नकर्ा. कामों को
शीघ्र करने क
े नलए क
ु छ ननर्म बनार्े गर्े और नवनभन्न नवभागों क
े अध्यक्षों को
पारस्पररक नवर्ार-नवमशज द्वारा कार्ज करने का आदेश नदर्ा गर्ा, नजससे कार्ज में
नवलम्ब न हो.
पुशलस शवभाग में सुधार
पुनलस नवभाग क
े दोर्ों को जानने क
े नलए उसने एक कमीशन ननर्ुक्त नकर्ा. इस
कमीशन ने इस बात की नसफाररश की नक प्रिेक नसपाही का वेतन कम-से-कम इतना
होना र्ानहए नक वह अपनी जीनवका अच्छी तरह से र्ला सक
े . नसपानहर्ों और अफसरों
को पर्ाजप्त नशक्षा क
े नलए नवशेर् प्रकार क
े िरेननंग स्क
ू ल खोले गर्े. भ्रष्ट्ार्ार को रोकने
क
े नलए कमीशन ने अपरािों का घिनास्थल पर जाुँर् करने क
े नलए और नबना नकसी
कानूनी आिार क
े नकसी व्यल्गक्त को सन्देह मात्र में नगरफ्तार न करने का सुझाव नदर्ा.
इन नसफाररशों को ध्यान में रखते हुए पुनलस नवभाग क
े कमजर्ाररर्ों क
े वेतन में वृल्गि की
गर्ी. उच्च अनिकाररर्ों की ननर्ुल्गक्त प्रिक्ष की जाने लगी तथा उनकी नशक्षा क
े नलए
िरेननंग स्क
ू ल खोले गर्े.