3. • सियारामशरण गुप्त
सियारामशरण गुप्त का जन्म िेठ रामचरण कनकने क
े पररवार में सचरगााँव,
झाांिी में हुआ था। प्रारम्भिक सशक्षा पूरी करने क
े बाद उन्हांने घर में ही
गुजराती, अांग्रेजी और उदूू भाषा िीखी। िन् 1929 ई. में राष्ट्र सपता महात्मा
गाांधी और कस्तूरबा गााँधी क
े िम्पक
ू में आये। क
ु छ िमय वधाू आश्रम में भी
रहे। िन् 1940 में सचरगाांव में नेताजी िुभाषचन्द्र बहि का स्वागत सकया। वे
िन्त सवनहबा भावे क
े िम्पक
ू में भी आये। उनकी पत्नी तथा पुत्हां का सनधन
अिमय ही हह गया था अतः वे दु:ख वेदना और करुणा क
े कसव बन गये।
1914 में उन्हांने अपनी पहली रचना मौयू सवजय सलखी। िन् १९१० में इनकी
प्रथम कसवता ‘इन्दु’ प्रकासशत हुई।[1]