2. परिचय
• आपके िछली बीज प लि की पूिी सफलत , आपके
िछली फ िम के मलए एक अच्छी स इट के चयि पि
निर्मि किती है।
• आपके खेत क लेआउट औि प्रबांधि क फी हद तक
आप जजस प्रक ि की स इट क चयि किेंगे उससे
प्रर् वित होंगे।
• इसमलए स इट निि मण की ल गत को बहुत अधधक
प्रर् वित होना चहहये I
• त ल बों को आस िी से प्रबांधधत ककय ज सकत है I
3.
4. मछली और िीज पालन प्रथाओं के ललए साइट
चयन
झील
नदी
जलाशय
कं आ
5. पानी की गणवत्ता
• जलीय कृ षष उत्सपादन प्रणाली में मछली
्वा््य और प्रदशशन को प्रभाषवत करने वाले
जल की गणवत्ता सिसे महत्सवपूणश भाग है।
• अच्छे पानी की गणवत्ता का मतलि है कक
मछली क्या चाहती है और क्या नहीं, ककसान
को मत्स्य पालन की तकननकी िातें अच्छे से
समाज लेनी चाहहए
• मछली पूरी तरह से पानी पर ननभशर होते हैं,
तो इसी करान्वषश पानी की गणवत्ता का
पररक्षण सप्ताह में २ िार करना चाहहए।
6. पानी की गणवत्ता
• पानी की गणवत्ता के मानकों का परीक्षण करना जैसे कक
प िी की गुणित्त सही ि त्र
तापमान २५ - ३२ डिग्री
पीएच ७
षवघहटत ऑक्सीजन ५ लमलीग्राम / लीटर
तबिशहदटी (गंदगी) ३० सेंटीमीटर
अमोननया ०.०२ लमलीग्राम /लीटर
नाइट्राट ०.०२ लमलीग्राम/लीटर
कािशन िाइऑक्साइि १२ लमलीग्राम / लीटर
7. पूवश ्टॉककं ग का प्रिंधन
• िांध की मरम्मत और यहद संभव हो तो तालाि का ननचला
तल साफ़ एवं समांतर कर ले I
8. • सीमांत पेडों की शाखाओं को ककनारों पर चढ़ने वाले पेड और पौधे को
हट्रम करें
पूवश ्टॉककं ग का प्रिंधन
9. ब्लीचचंग पाउिर क इ्तेमाल
त ल ब क आक ि उधचत ि त्र (ककलो िें)
१० x १० िीटि (१०० िगम मि.) ३.५
१५ x १५ िीटि (२२५ िगम मि) ७.८
२० x १५ िीटि (३०० िगम. मि.) १०.५
२० x २० िीटि (४०० िगम मि.) १४
२५ x २५ िीटि (६२५ िेग मि.) २१.८७
३० x २० िीटि (६०० िगम मि.) २१
३० x ३० िीटि (९०० िगम मि.) ३१.५
३० x ४० िीटि (१२०० िगम मि.) ४२
४० x ४० िीटि (१६०० िगम मि.) ५६
५० x ५० िीटि (२५०० िगम मि.) ८७.५
१ एकड़ (४००० िगम मि.) १४०
१ हेक्टेयि (१०००० िगम मि.) ३५०
10. पूवश ्टॉककं ग का प्रिंधन
• तालाि में पाए जाने वाली लूटदार एवं जंगली मछललयों को हटाना
जरुरी है I
11. पूवश ्टॉककं ग का प्रिंधन
• जैषवक खाद
खाद का नाम जल क्षेत्र मात्रा/वषश
गाय का गोिर १ एकड १००० ककग्रा
कक्कट / ित्तख
का
मलमूत्र
१ एकड ७०० ककग्रा
12. तालाि के आकार के हहसाि से गोिर/मगी खाद्य का
इ्तेमाल
त ल ब क आक ि गोबि/िुगी ख द्य ि त्र क प्रि ण
१० x १० िीटि (१०० िगम मि.) २ ककलो / िहहि
१५ x १५ िीटि (२२५ िगम मि) ४.५ ककलो / िहहि
२० x १५ िीटि (३०० िगम. मि.) ६ ककलो / िहहि
२० x २० िीटि (४०० िगम मि.) ८ ककलो/ िहहि
२५ x २५ िीटि (६२५ िेग मि.) १३ ककलो / िहहि
३० x २० िीटि (६०० िगम मि.) १२ ककलो / िहहि
३० x ३० िीटि (९०० िगम मि.) १९ ककलो / िहहि
३० x ४० िीटि (१२०० िगम मि.) २५ ककलो / िहहि
४० x ४० िीटि (१६०० िगम मि.) ३३ ककलो / िहहि
५० x ५० िीटि (२५०० िगम मि.) ५२ ककलो / िहहि
१ एकड़ (४००० िगम मि.) ८५ ककलो / िहहि
१ हेक्टेयि (१०००० िगम मि.) २०० ककलो / िहहि
13. खाद को कै से तालाि में िाला जाये ?
• जैषवक खाद को पयाशप्त पानी के साथ लमलाकर लमचित
ककया जाता है और यह तालाि भर में समान रूप से
नछडका जाता है।
14. गोिर/मगी खाद्य िालने का कारन
• तालाि में प्लवंग ननलमशती करने क ललए गोिर /मगी खाद्य का इ्तेमाल करने
से मत्स्यबिज को नैसचगशक आहार की प्राप्प्त होती है I
• अथवा फीि के का्ट को भी ननयंबत्रत रूप से कम करवा सकते है !
15. तालाि में हापा लगाना
• तालािों में मत्स्यपालन ्थाषपत होने के ललए हापा
१ मीटर की न्यूनतम पानी की गहराई के साथ
उपयक्त साइट चयन के साथ सही तरीके से
एक्त्रनतत लगाकर मत्स्यबिज संचयन के ७ हदन
पहले रखना चाहहए I
• इस पद्धनत से अनकू लन करने और मछली के
िीज को पानी की उपयक्तता की पहचान करने के
ललए उपयोगी साबित होता है I
• मत्स्यबिज पालन प्रकिया के ललए १५ - २० हदनों
तक यह मत्स्यबिज हापा में इसका पालन कर
सकते है, और आगे इसे िढ़ा भी सकते है या इसे
िेच भी सकते है I
16. मछली िीज का संग्रहण
• मछली के िीज (्पॉन/मत्स्यप्जरे) को पानी की प््थनत के अनकू लन के
साथ हापा में जमा ककया जाता है I
• अनकू लन करने का कारण:नए वातावरण में समायोप्जत करने के
ललएI
17. मछली के िीज का घनत्सव संग्रहण
• स्पॉि स्टॉककां ग घित्ि =
१०,००,००० / ह प
• फ्र इ स्टॉककां ग घित्ि (२० – २५
मि. मि.) = २०० िग / िगम.मि
• बोटुक्ली घित्ि (१०० मि. मि.)
= २ िग / िगम.मि
18. मत्स्यबिज संचयन की सही मात्रा
त ल ब क आक ि स्पौंि/ित्स्यजजिे
क सांचयि
फ्र ई/ित्स्यबबज
क सांचयि
कफन्गेमलिंग/बोटुक्ली
क सांचयि
१० x १० िीटि (१०० िगम मि.) २०००० २००० ७०
१५ x १५ िीटि (२२५ िगम मि) ४५००० ४५०० १५७
२० x १५ िीटि (३०० िगम. मि.) ६०००० ६००० २१०
२० x २० िीटि (४०० िगम मि.) ८०००० ८००० २८०
२५ x २५ िीटि (६२५ िेग मि.) १२५००० १२५०० ४३७
३० x २० िीटि (६०० िगम मि.) १२०००० १२००० ४२०
३० x ३० िीटि (९०० िगम मि.) १८०००० १८००० ६३०
३० x ४० िीटि (१२०० िगम मि.) २४०००० २४००० ८४०
४० x ४० िीटि (१६०० िगम मि.) ३२०००० ३२००० ११२०
५० x ५० िीटि (२५०० िगम मि.) ५००००० ५०००० १७५०
१ एकड़ (४००० िगम मि.) ८,००,००० ८०००० २८००
१ हेक्टेयि (१०००० िगम मि.) २०,००,००० २००००० ७०००
19. मछली के खाद्य प्रिंधन
• फ़ीि में अच्छे प्रदशशन (षवकास और ्वा््य) के ललए सही मात्रा में
मछली द्वारा आवश्यक सभी पोषक तत्सवों को शालमल करना चाहहए।
• फ़ीि में इ्तेमाल ककया जाने वाला तत्सव सूक्ष्म रूप से पीसा हआ
होना चाहहए और स्ती होना चाहहए I
20. मत्स्यबिज/फ्राई/कफं गरललंग्स को खाद्य देने की मात्रा
• मत्स्यबिज/फ्राई/कफं गरललंग्स को खाद्य उसके वजन के हहसाि से हदया जाता हैI
• सारे उपयक्त खननजों को सामानतर मात्रा में एकबत्रत करके उसे खखलाना चाहहएI
• खाद्य को खखलाने का समय :
21. मछललयों को ककतनी मात्रा में फ़ीि देना चाहहए ?
• मछललयों को खाद्य खखलाना की मात्रा संपूणश मत्स्यबिज के वजन के अनसार
ककया जाता है I
• उदाहरण:
• अगर १ एकड के तालाि में २०,००,००० ्पान का संचयन ककया जाता है,
तो उसके कल वजन की गणना की जाती है।
• (्पान का वजन = ०.०१ ग्राम/नग, इसीललए १०० ग्राम/हदन ्पान के
ललए काफी है क्यूंकक तालाि में नैसचगशक आहार उपलब्ध होने क कारन
पूरक आहार का इ्तेमाल कम रहना चाहहए I)
• अगर १ एकड के तालाि में ८०००० फ्राई/ अधशिोतक्ली (२०लम.लम.-
२५लम.लम.), तो उसके कल वजन की गणना की जाती है ।
• (फ्राई/अधशिोतक्ली का वजन = ०.१ ग्राम, इसललए ०.१ ग्राम x ८००००
फ्राई/अधशिोतक्ली = ८ ककग्रा/एकड; तो ८ ककलो x १०% = ८०० से
१००० ग्राम/ हदन)
22. मछललयों और पानी की ननयलमत ननगरानी
• ननयलमत रूप से हर हफ्ते में २ िार तालाि की एवं
मछली ्वा््य की ननगरानी करना जरुरी है I
प िी के गुि त्त्ि
अगि कि है, तो यह
किि च हहए
सही ि त्र
अगि ज्य द हुआ
तो यह किि
च हहए
तापमान - २५ - ३२ डिग्री
और पानी िालना
चाहहए
पीएच
चने का प्रयोग करना
चाहहए
७
प्जप्सम/एलम
िालना चाहहए
षवघहटत ऑक्सीजन
खाद्य का इ्तेमाल
कम करे और तालाि
में एरेअशन करना
चाहहये (तालाि में
पानी छोडकर ककया
जा सकता है)
५ लमलीग्राम /
लीटर
कोई परेशानी नहीं
23. मछललयों की ननयलमत रूप से ननगरानी करना जरुरी है
• शरीर की लंिाई और शरीर के वजन को मापकर षवकास दर के साथ
मछललयों की ननगरानी
• हर २० हदन िाद मछललयों का वजन एवं लम्िाई नाप लेनी चाहहएI
24. भारतीय प्रमख कापश कफं गरललंग्स का ननष्कासन
• िोतक्ली/कफं गरललंग्स का ननषकासन का कायश ति
ककया जाता है जि यह लगभग ८०-१०० लम.लम.
लंिाई तक पहंच जाता है जो आम तौर पर 2 से 3
महीने लगते हैं।
• उन्नत आकार की िोतक्ली/कफं गरललंग्स का पालन
ककया जा सकता है अगर उससे भी िडी आकार की
बिज की जरुरत है I
• अगर िोतक्ली/कफं गरललंग्स को कहीं भेजना है तो
मत्स्यबिज को एक हदन पहले खाद्य नहीं देना
चाहहए I
• अगर सिसे अच्छे अभ्यासों को अपनाया जाता है तो
न्यूनतम ६०-७०% अप््तत्सव प्राप्त ककया जा सकता
है I
25.
26. कापश मछललयों क ननष्कासन
• मछललयां ८- १० महीनो में तक़रीिन ८०० ग्राम से लेके १.२ ककलो तक िढ़
जाती है ति उसे तालाि से जाली से ननकला जा सकता है I
• एक वषश में, कटला लगभग १ ककलोग्राम िढ़ता है और रोहू और मृगला लगभग
600- 700 ग्राम िढ़ते हैं।
• जि िोतक्ली/कफं गरललंग्स का वजन १५०-२०० ग्राम है, तो एक से अचधक
ककलोग्राम वजन वाली मछललयों की फसल संभव है I
27. िहहि क यम
माचश मत्स्यबिज का ननष्कासन एवं षवपणन (माके हटंग)
अप्रैल
तालाि की तयारी करनामई
जून
जलाई
मत्स्यबिज का संचयन एवं ननगरानी
अग्त
लसतम्िर मत्स्यबिज पालन पोषण
ओक्टिर मत्स्यबिज का ननष्कासन एवं षवपणन (माके हटंग)
नवम्िर तालाि की साफ़ सफाई एवं रख रखाव
हदसम्िर मत्स्यबिज का संचयन एवं ननगरानी
जनअरी
मत्स्यबिज पालन पोषण
फे ब्रअरी