5. Know Your Topics…
➢ Definition Of Computer
➢ Characteristics Of Computer
➢ History Of Computer
➢ Types Of Computer
➢ Definition Of Hardware Devices
➢ Types Of Hardware Devices
➢ Introduce From Input Devices
➢ Introduce From Output Devices
6. ➢ Computer एक ऐसा Electronic Device है जो User द्वारा Input ककये गए Data में प्रकिया करक
े
सूचनाओ को Result क
े रूप में प्रदान करता हैं,
➢ अर्ाात् Computer एक Electronic Machine है जो User द्वारा ददए गए ननदेशों का पालन करती
हैं|
➢ इसमें डेटा को स्टोर, पुनप्रााप्त और प्रोसेस करने की क्षमता होती है।
➢ आप दस्तावेजों को टाइप करने, ईमेल भेजने, गेम खेलने और वेब ब्राउज़ करने क
े ललए क
ं प्यूटर का
उपयोग कर सकते हैं।
➢ आप स्प्रैडशीट्स, प्रस्तुनतयों और यहां तक कक वीडडयो बनाने क
े ललए इसका उपयोग भी कर सकते
हैं।
Definition Of Computer
8. ❖ C – आम तौर पर
❖ O – संचालित
❖ M – मशीन
❖ P- विशेष रूप से
❖ U- प्रयुक्त
❖ T – तकनीकी
❖ E – शैक्षणिक
❖ R – अनुसंधान
क
ं प्यूटर का फ
ु ि फॉमम ह ंदी में
(Full form of computer in Hindi)
❖ C – Commonly
❖ O – Operating
❖ M – Machine
❖ P- Particular
❖ U- User
❖ T – Trade
❖ E – Education
❖ R – Research
10. 1- Speed (गतत)
क
ं प्यूटर की गनत(स्पीड)इसकी मुख्य ववशेषताओं में से एक है। क
ं प्यूटर
क
े काम करने की स्पीड काफी तेज होती है। क
ं प्यूटर इंसानो की तुलना
में बहुत तेजी से कायो को करते है। क
ं प्यूटर की गणना करने की गनत
काफी तेज होती है। यह एक सेक
ं ड में एक लाख से भी ज्यादा कायों को
पूरा कर सकते है।
क
ं प्यूटर अपने कायो को माइिोसेक
ं ड और नैनोसेक
ं ड क
े अंतराल में पूरा
कर देता है। ककसी इंसान को गुणा, भाग करने में 1 से 2 लमनट का
समय लगता है जबकक क
ं प्यूटर गुणा, भाग को 1 सेक
ं ड से भी कम
समय में पूरा कर सकता है.
11. 2- Accuracy (सटीकता)
क
ं प्यूटर अपने कायो को सटीकता (accuracy) क
े सार् करता है। क
ं प्यूटर बबना
ककसी गलती क
े अपने कायों को पूरा करता है। इंसानो की तुलना में क
ं प्यूटर
अधिक सटीकता क
े सार् अपने काम को पूरा करता है। अगर कोई इन्सान गुणा
या भाग करता है तो उसमें वह गलनतयााँ करता है जबकक क
ं प्यूटर बबना ककसी
गलती क
े गुणा और भाग आसानी से कर सकता है.
12. 3- Reliability (विश्िसनीयता)
क
ं प्यूटर पूरी तरह से ववश्वसनीय (reliable) होते है। हम इंसानो की
तुलना में क
ं प्यूटर अधिक ववश्वसनीय होते है, यदद हम क
ं प्यूटर को
एक ही इनपुट कई बार देते है तो क
ं प्यूटर हमे एक ही जैसे पररणाम
ददखायेगा। जब तक यूजर इनपुट को नहीं बदलेगा तब तक क
ं प्यूटर
पररणाम को नहीं बदलेगा।
क
ं प्यूटर कभी भी र्कता नहीं है आप क
ं प्यूटर को लगातार सालों तक
इस्तेमाल करें वह हमें सही पररणाम ही देता है इसललए क
ं प्यूटर
बहुत ही ववश्वसनीय होता है.
13. 4- Memory (मेमोरी)
क
ं प्यूटर में दो प्रकार की मेमोरी होती है जजसे हम प्राइमरी (primary) और सेक
ें डरी
(secondary) Memory कहते है। प्राइमरी मेमोरी क
ं प्यूटर क
े अंदर होती है जहां
क
ं प्यूटर लसस्टम का डेटा स्टोर होता है। इस मेमोरी को इंटरनल मेमोरी क
े नाम
से भी जाना जाता है। सेक
ें डरी मेमोरी एक प्रकार क
े ररमूवल डडवाइस होते है
जजन्हे हम बाहर से लगा और ननकाल सकते है। सेक
ें डरी मेमोरी को एक्सटनाल
मेमोरी क
े नाम से भी जाना जाता है।
क
ं प्यूटर की मेमोरी इंसानों की तुलना में बहुत ही शजक्तशाली होती है इन्सान हर
चीज को याद नहीं रख सकता जबकक क
ं प्यूटर की मेमोरी ककसी चीज को भूलती
नहीं है.
14. 5- Diligence (पररश्रम)
एक क
ं प्यूटर ननरंतरता (consistency) क
े सार् एक समय में कई कायो को
कर सकता है। क
ं प्यूटर बबना र्क
े लगातार अपने कायो को पूरा करने में
सक्षम होते है। यदद हम इंसानो की बात करे तो इंसान 24 घंटे ककसी
काया को नहीं कर सकता उसे 24 घंटो में क
ु छ समय का आराम चादहए
होता है लेककन क
ं प्यूटर बबना र्क
े बबना रुक
े काया को कर सकता है।
15. 6- Easy to use (इस्तेमाि करने में आसान)
क
ं प्यूटर को इस्तेमाल करना काफी आसान होता है। क
ं प्यूटर को सीखने क
े ललए तकनीकी ज्ञान
(Technical knowledge) की आवश्यकता नहीं होती इसे कोई भी व्यजक्त आसानी से सीख सकता है।
7- Automation (स्िचालित)
क
ं प्यूटर एक स्वचाललत मशीन (automatic machine) है। यह अपने कायो को खुद से करता है। जब
क
ं प्यूटर ककसी काम को शुरू करता है तो वह उस काम को खुद से ही पूरा कर लेता है। क
ं प्यूटर
लसस्टम को अपने कायो को पूरा करने क
े ललए ककसी इंसान की आवश्यकता नहीं पतीती।
16. 8– Storage (स्टोरेज)
स्टोरेज भी क
ं प्यूटर की मुख्य ववशेषताओं में से एक है। इसका उपयोग जरुरी डेटा
और जानकारी को स्टोर करने क
े ललए भी ककया जाता है। क
ं प्यूटर में स्टोर की गई
जानकारी हमेशा क
े ललए स्टोर रहती है। डेटा और जानकारी तब तक क
ं प्यूटर में
स्टोर रहती है जब तक कोई यूजर उस जानकारी को डडलीट ना कर दे। क
ं प्यूटर खुद
से डेटा को डडलीट नहीं कर सकता। क
ं प्यूटर में हम बहुत ज्यादा मात्रा में डेटा को
स्टोर कर सकते हैं जैसे – songs, videos, और games आदद.
9- Privacy (गोपनीयता)
क
ं प्यूटर में हम अपनी private जानकारी को स्टोर कर सकते हैं और कोई दूसरा
व्यजक्त बबना अनुमनत क
े आपक
े प्राइवेट डेटा को एक्सेस नहीं कर सकता है. हम
क
ं प्यूटर में password का इस्तेमाल करक
े अपने क
ं प्यूटर को lock कर सकते हैं और
कोई दूसरा व्यजक्त बबना पासवडा क
े आपक
े क
ं प्यूटर को एक्सेस नहीं कर सकता.
17. 10- No Intelligence (सोचने की शक्क्त न ीं)
क
ं प्यूटर क
े पास सोचने की शजक्त नहीं होती है जजस प्रकार मनुष्य सोच
सकता है वैसे क
ं प्यूटर नही सोच सकता क्योंकक क
ं प्यूटर क
े पास मनुष्य क
े
जैसा ददमाग नहीं होता है।
11- Reduction in Paperwork & Cost (कागज़ और पैसे की बचत)
क
ं प्यूटर कागजी कायो को कम करता है। क
ं प्यूटर में ज्यादातर काया पेपरलेस
तरीक
े से ककये जाते है, इसमें कागज का इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में ककया
जाता है इसललए कागज में होने वाला खचाा कम होता है और हमारे पैसे की
बचत होती है.
18. History Of Computer
➢ सवाप्रर्म Abacus Device का आववष्कार
गतीना करने क
े ललए लगभग 600 ईशा पूवा
चीन मे हुआ र्ा ।
➢ Abacus को Soroban क
े नाम से भी
जाना जाता है ।
➢ इस डडवाइस की मदद से बबना Copy,
pen या Calculator क
े गणणतीय कियाओ
को सरलता से हल ककया जा सकता है ।
Abacus
19. ➢ Abacus आयतकर फ्र
े म मे बना तारो का एक ढांचा है । तर्ा
उन तारो मे गोल मोती लगाई गयी रहती है ।
➢ इसी मोनतयो को जोतीने , घटाने क
े ललए प्रयोग ककया जाता है।
➢ गणना करने क
े ललए इन मोनतयो , जजन्हे Beeds भी कहते है।
उन्हे तारो पर सरकाया जाता है ।
20. ब्िेज पास्कि (Blaize Pascal)
✓ 17वी शताब्दी क
े दौरान ब्लेज पास्कल फ्रांस में गणणतज्ञ व
भौनतक-शास्त्री हुआ करते र्े। उन्होंने mechanical Digital
Calculator का ववकास सन् 1642 ई. में ककया। इस मशीन
को ऐड ंग मशीन कहते र्े।
✓ क्योंकक यह मशीन क
े वल जोती या घटा कर सकती र्ी। यह
मशीन घतीी और ओडोमीटर क
े लसद्िांतों पर काया करती र्ी। इस
मशीन में 10 दांतो वाली रेचेट धगयर का प्रयोग ककया गया।
पहले इकाई वाले रेचेट धगयर का दस अंकों का एक चि पूरा हो
जाने पर दहाई वाले रेचेट धगयर का एक दांत आगे बढ़ता र्ा।
21. ✓ ये रेचेट धगयर हार् से घुमाये जाने वाले पदहयों की सहायता से चलाये जाते र्े। ब्लेज
पास्कल की एडडंग मशीन (Adding Machine) को पास्किाइन (Pascaline) कहते हैं, जो सबसे
पहली Mechanical Calculating Machine र्ी।
इस डडवाइस की क्षमता लगभग 6 व्यजक्तयों क
े बराबर र्ी आज भी कार व स्क
ू टर क
े
speedometer में यही लसस्टम काम करता है।
22. चार्लसम बैबेज और ड फरेंस इंक्जन
(Charles Babbage and Difference Engine)
❑ क
ै क्रिज विश्िविद्यािय में गणित क
े प्रोफ
े सर चार्लसम बैबेज ने एक
Mechanical Calculating मशीन विकलसत करने की आिश्यकता तब म सूस
की जब गिना क
े लिये बनी ुई साररणियों में त्रुहट (Error) आने िगी। ये
साररणियां मानि द्िारा ी बनायी गयी थीं इसलिए इनमें त्रुहट आ सकती थी।
23. ❑ चार्लसा बैबेज ने सन ् 1822 में एक मशीन का
ननमााण ककया जजसका नाम उन्होंने “ड फरेंस
इंक्जन” रखा। इस इंजजन की सहायता से Algebraic
Expression एवं साजख्यकीय ताललकाओं की गणना
20 अंकों तक शुद्िता से की जा सकती र्ी।
24. चार्लसम बैबेज का एनालिहटकि इंक्जन
❑ चार्लसा बैबेज ने डडफरेंस इंजजन की सफलता से प्रेररत होकर चार्लसा
बैबेज ने एक ऐसे क
ै र्लक
ु लेदटंग डडवाइस (Calulating Device) की
पररकर्लपना की, जजसमें उसकी एक कृ बत्रम स्मृनत (Artificial
Memory) हो एवं ददये गये प्रोग्राम क
े अनुसार क
ै र्लक
ु लेशन करे।
❑ इस डडवाइस को उन्होंने बैबेज एनालिहटकि इंक्जन नाम ददया।
25. ❑ यह मशीन कई प्रकार क
े गणना संबंिी काया ((Computing Work) करने में सक्षम र्ी। यह पंचकाडों
पर संग्रहीत (Stored) ननदेशों क
े समूह द्वारा ननदेलशत होकर काया करती र्ी।
❑ इसमें ननदेशों (instructions) को संग्रहीत करने की क्षमता र्ी। और इसक
े द्वारा स्वाचललत रूप से
पररणाम भी छापे जा सकते र्े।
❑ बैबेज का यह एनाललदटकल इंजजन आिुननक कम्पप्यूटर का आिार बना यही कारण है की चार्लसम
बैबेज को क
ं प्यूटर का जनक क ा जाता ै।
26. ❑ बैबेज का एनाललदटकल इंजजन शुरू में बेकार समझा गया र्ा तर्ा उसकी उपेक्षा की गई जजसक
े
कारण बैबेज को बतीी ननराशा हुई।
❑ परंतु ए ा ऑगस्टा(Ada Augusta), जो प्रलसद्ि कवव लॉडा वायरन की पुत्री र्ी. उन्होंने बैबेज क
े उस
एनाललदटकल इंजजन में गणना क
े ननदेशों को ववकलसत करने में मदद की।
❑ चार्लसा को जजस प्रकार क
ं प्यूटर ववज्ञान का जनक होने का गौरव प्राप्त है उसी प्रकार ववश्व में एडा
ऑगस्टा को “प िे प्रोग्रामर” होने का श्रेय जाता है।
❑ एडा ऑगस्टा को सम्पमाननत करने क
े उद्देश्य से एक प्रोग्रालमंग भाषा का नाम “एडा” (ada) रखा
गया।
27. फॉदर ऑफ क
ं प्यूटर :-
चार्लसम बैबेज का जन्म 26 निंबर 1791 को ुआ था। उन् ें फॉदर ऑफ क
ं प्यूटर
क ा जाता ै। बैबैज ने प िे मैक
े तनकि क
ं प्यूटर का आविष्कार ककया था, जोकक
आज क
े समय क
े मुताबबक काफी कॉप्िेक्स था। ािांकक शुरुआत में उन् ें गणित
काफी पसंद थी, ऐसे में गणित की बडी-बडी क
ै िक
ु िेशन को सॉर्लि करने क
े लिए
उन् ोंने क
ं प्यूटर मशीन बनाई। इसक
े अिािा बैबेज ने कफिॉलसफी और को -िेककं ग
क
े क्षेत्र में भी काम ककया ै।
2. बैबेज का जन्म िंदन क
े एक बैंकर पररिार में ुआ था। बैबेज ने कई स्क
ू िों
में पढाई की। साथ ी उन् ें कई म ीने घर पर प्राइिेट ट्यूटर से भी पढना पडा था
क्योंकक उस दौराि ि काफी बीमार र ते थे।
28. 3. बैबेज काफी प्रततभािान थे। ि दो क्िबों से जुडे थे, प िा घोस्ट क्िब जोकक पैरानॉममि फीनोमीना का ह स्सा
था और दूसरा एक्स्रा एक्टसम क्िब।
4. बैबेज ने रॉयि इंस्टीट्यूट में िेक्चर लिया था और बाद में रॉयि सोसाइटी क
े मेंबर भी बने।
5. चार्लसम बैबेज ने अक्टूबर 1810 में, हरतनटी कॉिेज, क
ै क्रिज में दाणििा लिया ि प िे से ी समकािीन गणित क
े
क
ु छ भागों को स्ियं अध्ययन ककया करते थे, ि रॉबटम िु ाउस, यूसुफ िुइस Lagrange और मैरी Agnesi को पढा
करते थे नतीजे क
े तौर पर उन् ें क
ै क्रिज में उपिब्ध मानक गणितीय लशक्षा में तनराशा प्राप्त ुई चार्लसम बैबेज और उनक
े
क
ु छ दोस्तों "जॉन Herschel, जॉजम मयूर" और कई अन्य लमत्रों ने लमिकर 1812 में विश्िेषिात्मक सोसायटी का गठन
ककया।
29. Important Questions
➢ भारत मे कम्पप्युटर युग की शुरुआत – 1952
➢ भारत मे सवाप्रर्म कम्पप्युटर कहा लगाया गया –
➢ भारतीय संणखयकी संस्र्ान , कोलकाता (1952) Analog Computer
➢ भारत मे सवाप्रर्म एलेक्रोननक कम्पप्युटर कहा लगाया गया- भारतीय सांख्यकी संस्र्ान (1956), कोलकाता
➢ भारत मे कम्पप्युटर का जनक – रंगास्वामी नरलसंहन
➢ भारत मे ननलमात पहला कम्पप्युटर – लसद्िार्ा
➢ भारत मे प्रर्म ननलमात कम्पप्युटर कहा लगाया गया - Head Post Office, Banglore
➢ भारत मे ननलमात प्रर्म प्रॉसेसर – शजक्त
➢ ववश्व मे ननलमात प्रर्म प्रॉसेसर – Intel 4004 (1971)
30. ❑ ववश्व का पहला सुपर कम्पप्युटर : CDC – 6600 (1964)
❑ ववश्व मे सुपर कम्पप्युटर का जनक : Semour Cray
❑ भारत का पहला सुपर कम्पप्युटर : PARAM-8000 (1991), Developed by CDAC ( Central For Development
of Advance Computing) प्रांगत संगठन ववकास क
ें द्र द्वारा ववकलसत पुना क
े मौसम वैिशाला मे लगाया गया।
❑ भारत मे सुपर कम्पप्युटर का जनक : ववजय भटनागर पााँडुराँग।
❑ भारत का सबसे तेज कम्पप्युटर : एरावट (Airawat)
❑ प्रत्युष भारत का मर्लटी : पेटाफ्लाप सुपर कम्पप्युटर है जजसे भारतीय उष्णकदटबन्िीय मौसम ववज्ञान संस्र्ान ( IITM )
पूणे मे लगाया गया।
Super Computer