2. According to Biomedical Waste (Management and Handling) Rules,
1998 of India “Any waste which is generated during the diagnosis,
treatment or immunization of human beings or animals or in
research activities.
‣ जैवचिकित्सिीय अपशिष्ट
‣ अस्पतालों आदि से नििलिे वाला ििरा जजसमें अपशिष्ट जैव ऊति
तथा िवाओं िे अंि आदि होते हैं ।
3. Sharps
Infectious waste
Radioactive waste
Pathological waste
Pharmaceutical waste
Chemical waste
Genotoxic waste
General or non hazardous waste.
4.
5. SOURCES OF BIO MEDICAL WASTE
• Hospitals
• Nursing homes
• Clinics
• Medical laboratories
• Blood banks
• Mortuaries
• Medical research & training centers
• Biotechnology institution/production units
6. Only about 10-25% of biomedical waste is hazardous
and the remaining 75-95% is non-hazardous.
Data from the govt. sites indicate total BMW
generated in the country is 550.9 tonnes per day
from 131837 health care facilities.
By 2020 it will be 775.5 tonnes of waste per day.
A survey done in banglore revealed that the quantity of
BMW generated in the hospitals are-
Govt hospitals-1/2 to 4kg/bed/day
Private hospitals- ½ to 2kg/day/bed
Nursing homes-1/2 to 4 kg/bed/day
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17. अवशिष्ट पिाथों िो अस्पताल िे अंिर और बाहर ले जाया जाता है.
जो िममिारी ये िाम िरते हैं वे अपिे हाथ में िस्तािे पहिते हैं
और ये ध्याि रखा जाता है कि ये पिाथम ट्रोली से बाहर ि ैै लें.
ऐसी गाड़ियों में साधारण ििा िहीं रखा जाता है.
18. डिस् इन्फे क्शन-
इस प्रकिया द्वारा हानििारि िीटाणुओं िो हटा दिया जाता है. इसिे िु छ
वविेष तरीिे हैं जैसे-
थर्मल ऑटोक्लैव– इससे गमी द्वारा िीटाणु िष्ट िरते हैं,
के मर्कल – इसमें ैॉममएल्डीहाइड , ब्लीचिंग पावडर, एचथलीि ओक्साइड से
िीटाणु िष्ट िरते हैं.
रैिीएशन- अल्ट्रा वोइलेट किरणों द्वारा िीटाणुओं िा िाि िरते हैं.
19. अस्पताल र्ें व्यक्क्तगत बचाव के उपकरण (Personal Protective Devices
Used in Hospitals):
बचाव की र्हत्वपूणम ववधियााँ इस प्रकार हैं:
1. दस्ताने (Gloves):
ये हाथों िो सुरक्षित रखिे िे शलए होते हैं । ये एि व्यजक्त से िूसरे व्यजक्त
िो रोग लगिे िी रोिथाम िरते हैं ।
2. टोपी, र्ुखपट्टी/र्ुखावरण (र्ास्क-फे स र्ास्क) और चोगा (गाउन) [Caps
Mask/Face Masks and Gowns]:
3. र्ोटे सोल वाले गर्बूट (Gumboots with Thick Soles)
4. सादा चश्र्ा/ बिा रंगीन चश्र्ा (गोगल्स) [Plain Eyeglasses / Large
Colored Glasses (Goggles)]
5. बचाव कवच (शील्ि) [Rescue Armor (Shield)]
20. जैव-धचककत्सीय अपमशष्ट के सुरक्षा उपाय (Protective Measures to Reduce
Biomedical Waste):
(i) जैव-चिकित्सीय ििरे िा िाम िरिे वाले व्यजक्तयों सदहत अस्पताल िे सभी
िममिाररयों िो टेटिस और हैपेटाइदटस बी िा टीिा लगाया जािा िादहए ।
(ii) सुइयों और तेज धार वाली अन्य वस्तुओं िा इस्तेमाल िरते समय अत्यंत
सावधािी बरतिी िादहए, क्योंकि तेजधार वाली वस्तुओं से लगिे वाली िोट
ज्यािातर उििा इस्तेमाल िरते समय और उििा निपटाि िरिे िे िौराि लगती
है ।
(iii) तेज धार वाली वस्तुओं िो िाउंटरों, खािे िी ट्रे, बबस्तरों पर ऐसे ही िहीं
छोि िेिा िादहए क्योंकि इिसे गहरी िोट लग सिती है ।
(iv) िांि और सुइयों िो हाथों से तोडिा-मरोडिा िहीं िादहए क्योंकि इससे
अिािि िोट लग सिती है ।
(v) तेज धार वाली वस्तुओं िो इस्तेमाल िरिे िे बाि वहीं पर अलग िरिा
िादहए और इसिे बाि ऐसे ड़डब्बे में रखें जजसे वे वस्तुएँ िुभ ि सिें ।
(vi) इस्तेमाल िी जािे वाली सभी वस्तुओं िो िम से िम आधे घंटे ति एि
प्रनतित सोड़डयम हाइपोक्लोराइट िे घोल में जरूर डुबाए रखें ताकि इन्हें पूरी तरह
संिमण रदहत किया जा सिे ।
(vii) जहाँ ति संभव हो सिे , स्वयं िो ववकिरण िे सीधे असर से बिाए ।
एच आई वी से पीडित या हैपेटाइटटस बी से पीडित रोधगयों की पररचयाम करते
सर्य सम्पूणम साविाननयााँ बरतें