भारत के अंदर कुछ शिक्षित, भ्रष्ट और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिये देशद्रोह तक करने से न हिचकने वालों के लिये मार्क्स का दर्शन और लेनिन-स्टालिन का खूनी तांडव मार्ग दर्शक बन गया है। इनके लिये राष्ट्रवाद अंग्रेजों की चालबाजी और फासीवाद के अलावा कुछ नहीं है।
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2. “अभिव्यक्ति की आजादी” की आड़ में कश्मीर के आिंकवादी
जेहाददयों को समर्थन का साहस ििी आिा है जब धन हो,
समर्थन हो, और वववेक नष्ट हो गया हो ।
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3. भारत में माओवादी आतंकवादी पिछले दस साल में बहुत तेजी
से बढ़ें हैं।
एक समय बंगाल में वामिंथियों ने नक्सललयों को कु चल ददया
िा। िर वो एक अलग िीढ़ी िी।
आज वाम िंिी सत्ता खो बैठे हैं। अलगिलग हो कर हताशा में
हैं।
इन के लोग अखबारों और अफसर-शाही में हैं। भारत के
बौद्थिक िरातल िर इनका दबदबा अभी भी है। ये अिने
अस्ततत्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।
इनमे पवभाजन से िूवव के ददनों की एकता का जोश भर गया
है। इन के अलग िड़े अब एक हो रहे हैं।
बाहर से ये जो मजी कहें, िर अंदर से इन्हें सशतर संघर्व से
भी िरहेज नहीं।
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4. पिछले दस वर्ों में माओवादी आतंकवाददयों ने जंगलों िर
कब्जा कर ललया है। इनका पवततार हैरानी भरा है।
ये उन गृह मंत्ररयों के काल में फले फू ले स्जनमें से एक ने
इशरत जहााँ को न्यायालय में आतंवादी मानने से मना कर
ददया, तो दूसरे ने सच्चे राष्ट्रभक्त संघ को आतंकवादी
कह डाला।
अब ये भारत के अनादद काल से चले आ रहे प्राचीनतम
राष्ट्रवाद की तुलना मुसोललनी के फासीवाद से कर रहे हैं।
िारि में स्वयं सेवक संघ का हाल मुक्स्लमब्रदर हुड जैसा
होगा ये मूर्थिा पूर्थ भ्रम फै लाने में इन्हें ज़रा िी संकोच
नहीं है
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5. सोपवयत-ितन के बाद दक्षिण एलशया में सोपवयत सववहारा
संयुक्त राष्ट्र को तिापित करने का सिना ये कामरेड खुली
आाँखों से देख रहे हैं।
भारत में तवयं सेवक संघ का हाल मुस्तलमब्रदर हुड जैसा होगा
ये मूखवता िूणव भ्रम फै लाने में इन्हें ज़रा भी संकोच नहीं है।
भारत के अंदर कु छ लशक्षित, भ्रष्ट्ट और व्यस्क्तगत महत्वाकांिा
के ललये देशद्रोह तक करने से न दहचकने वालों के ललये माक्सव
का दशवन और लेननन-तटाललन का खूनी तांडव मागव दशवक बन
गया है।
इनके ललये राष्ट्रवाद अंग्रेजों की चालबाजी और फासीवाद के
अलावा कु छ नहीं है।
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6. हो सकता है कक आि माने कक ये सब मेरे मन का भय जननत
भ्रम है । अगर ये भ्रम ही होगा , मुझे अिार संतोर् होगा। मैं
पिछले तीन से अथिक दशकों से ददल्ली को देख रहा हूाँ ।
इस दौरान राष्ट्रवादी राजनैनतक दशवन के फलतवरूि प्राप्त
संवैिाननक मूल अथिकारों में से एक, अलभव्यस्क्त की आजादी,
की आड़ में कश्मीर के आतंकवादी जेहाददयों के समिवन में
संसद तक, ऐसा शमवनाक नंगा नाच मैंने िहली बार देखा है।
ये संसद िर हमले का छाती ठोक कर समिवन कर रहे हैं।
सवोच्च न्यायालय को हत्यारा और सैननकों को बलात्कारी ठहरा
रहे हैं।
ये संपविान की आड़ में संपविान पवरोिी गनतपवथियााँ कर रहे
हैं।
ऊिर से छाती ठोक कर झुठला भी रहे हैं।
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7. इतना साहस तभी आता है जब िन हो समिवन हो और
पववेक नष्ट्ट हो गया हो।
महत्वाकांिा के इंद्रिनुर् ने आाँखों को अाँिा और बुद्थि को
नष्ट्ट कर ददया हो।
जब वैददक काल से चले आ रहे राष्ट्रवाद की तुलना
मुसोललनी के राष्ट्रवाद से की जाए, मानववाद फालसज्म
ददखाई दे ।
तुराव ये कक कहने वाले हैं कौन?
यूरोि से लेकर एलशया तक क्ांनत के नाम िर खूनी होली
खेलने वाले मानवता को शमवसार करने वाले दोगले और
गद्दार कम्यूननष्ट्ट, वाह वाह वाह!
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8. Shridev Sharma is an entrepreneur and Sanskrit scholar. He has worked in
the reality industry for over two decades and has a finger on the pulse of
the Delhi NCR and national reality scenario. He heads a construction
company based in Delhi NCR.
Shridev Sharma had his formal education in Sanskrit and continues to be a
student of Vedic studies. He has a keen interest in the socio-cultural
environment and views it through a framework of the uniquely Indian
paradigm handed over the ages. It enables him to bring a fresh perspective
to the events of the day.
In this blog, he shares this perspective.
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9. Thank You
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