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साइबर अपराध
Cyber Law, Morals & Ethical issues -
copyright, Plagiarism, Hacking
• एक अनुमान के मुताबबक वर्ष 2020 तक भारत
में 17.5 करोड़ ई-शॉपसष होंगे और जून 2016 के
अंत तक देश में 46.2 करोड़ इंटरनेट यूजर हो
जाएंगे।
• भारत में एक साइबर क्राइम की औसत कीमत
16,000 रुपये है और यहां 11.3 करोड़ भारतीय
हर साल साइबर अपराध का शशकार होते हैं।
साइबर अपराध के शशकार प्रत्येक नागररक को
यह रकम डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर
चुकानी पड़ती है।
•
• देश में अपराधों का आंकड़ा जुटाने वाली संस्था
नेशनल क्राइम ररकॉडष ब्यूरो के साल 2016 में
जारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पपछले 10
सालों के दौरान भारत में साइबर क्राइम की संख्या
में 19 गुना ज्यादा मामले दजष हुए हैं।
• 2005 में साइबर क्राइम से सम्बंधधत के वल 481
मामले दजष ककए गए थे, जजनकी संख्या 2014 में
बढ़कर 9622 हो गई।
• पुशलस पवभाग की सकक्रयता के चलते इस दौरान
साइबर क्राइम से जुड़े अपराधधयों की धगरफ्तारी
की संख्या भी बढ़ी है।
• 2005 में 569 साइबर अपराधधयों को पकड़ा गया,
जबकक 2014 में यह संख्या बढ़कर 5752 हो
गई।
• भारत दुननया में तीसरा ऐसा सबसे बड़ा देश है,
जहां सबसे ज्यादा साइबर क्राइम होते हैं।
• हैककं ग के मामले में दुननयाभर में भारत का दूसरा
स्थान है।
• ओररजजन ऑफ वेब अटैक के मामले में भारत
का स्थान दुननया में चौथा और नेटवकष अटैक के
मामले में आठवां है।
सोशल मीडडया का गलत इस्तेमाल
बनी हहंसा की वजह
• सोशल मीडडया पर की जाने वाली कई हटप्पणी आए हदन पुशलस
प्रशासन के शलए परेशानी का सबब बन जाती हैं।
• सोशल मीडडया सामाजजक तनाव, हत्या और दंगे की वजह बनकर
सामने आया।
• उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना। यहां हहन्दू देवी-देवताओं
पर आपपत्तजनक हटप्पणी वाला वीडडयो सोशल साइट के जररए
वायरल हुआ तो शहर दंगे की आग में झुलसते-झुलसते बचा।
• आगरा की घटना: फे सबुक पर की गई धाशमषक हटप्पणी के कारण
शमशाबाद कस्बे में दो समुदायों के बीच हहंसा भड़क उठी थी। एक
समुदाय ने उस हटप्पणी को पक्षपातपूणष और भड़काऊ मानकर
पवरोध ककया और हहंसा भड़क उठी।
• लखनऊ में सोशल मीडडया के माध्यम से धाशमषक हटप्पणी के बाद
पुराने लखनऊ के इलाके पुशलस और प्रशासननक सकक्रयता से धाशमषक
हहंसा के गतष में जाने से बच गए।
कॉपीराइट
•
हर कक्रएहटव चीज बनाने वाले के पास एक खास
हक होता है जो उसे अपनी सामग्री को गैरकानूनी
ढंग से नकल ककए जाने के खखलाफ सुरक्षा देता
है। इसे कॉपीराइट कहते हैं।
कॉपी-पेस्ट या सामग्री की चोरी
• लेख, कहानी, कपवता, व्यंग्य, फोटो, संगीत की
धुन, सॉफ्टवेयर, पवडडयो, काटूषन, एननमेशन,
ककताब, ई-बुक, वेबसाइट वगैरह पर आपको यह
खास हक हाशसल है। कोई भी शख्स आपकी
इजाजत के बबना आपकी रचना की कॉपी नहीं कर
सकता और न ही उसे दूसरों को दे सकता है।
ऐसा करना कॉपीराइट कानून का उल्लंघन है और
आप उसके खखलाफ अदालत जा सकते हैं।
•
• कॉपीराइट लेने की एक कानूनी प्रकक्रया है, लेककन अगर ऐसा
नहीं भी करते, तो भी अपनी रचना पर आपका ही हक है।
• अगर आप ककसी और का फोटो उसकी शलखखत मंजूरी के बबना
अपने फे सबुक प्रोफाइल पर पोस्ट करते हैं तो वह साइबर
क्राइम है।
• गूगल इमेज या दूसरी इमेज होजस्टंग वेबसाइटों से अपनी पसंद
का कोई फोटो लेकर उसे अपने ब्लॉग, सोशल नेटवककिं ग
हठकाने, वेबसाइट या पत्र-पबत्रका में इस्तेमाल करना भी उसी
कै हटगरी में आता है।
• गूगल एक सचष इंजन फ्री डाउनलोड साइट नहीं है। इसीशलए
वह ककसी भी पपक्चर के साथ उस वेब पेज को भी हदखाता है,
जहां से उसे ढूंढा गया है। ऐसा करके वह पपक्चर चुराए जाने
के मामले में ककसी भी तरह की जजम्मेदारी से आजाद हो
जाता है।
• अगर आपको गूगल इमेज सचष पर मौजूद कोई
फोटो इस्तेमाल करना है, तो कायदे से उस वेब
पेज के संचालक से इजाजत लेनी चाहहए।
• अगर कोई शख्स अपनी रचना को लेकर ज्यादा
ही गंभीर हो, तो यह छोटी सी चोरी आपको भारी
पड़ सकती है। जजस गूगल के जररये आपने वह
लेख, फोटो या पवडडयो ढूंढा है, उसी के जररये
आपकी चोरी भी पकड़ी जा सकती है।
चाइल्ड पॉर्नोग्रफी देखर्ना
• अगर आप जाने या अनजाने अपने इंटरनेट
कनेक्शन के जररये चाइल्ड पॉनोग्रफी (बच्चों के
अश्लील धचत्र, पवडडयो, लेख आहद) देखते हैं तो
वह साइबर क्राइम है।
• आपने ऐसी ककसी सामग्री को अपने ककसी दोस्त
को फॉरवडष कर हदया तो आप एक और साइबर
क्राइम कर चुके हैं।
• 18 साल से कम उम्र वालों से संबंधधत अश्लील
सामग्री देखना, इंटरनेट से भेजना और सहेजना
साइबर क्राइम है।
• इन्हें न खुद देखें, न ककसी को फॉरवडष करें।
लोगो की चोरी
• इंटरनेट पर लोगो,प्रतीक धचह्नों, ट्रेडमाकष की चोरी भी आम
है।
• अच्छा सा लोगो हदखाई हदया और आपने उसे कॉपी कर
इस्तेमाल कर शलया या ककसी डडजाइनर की सेवा ली जजसने
झटपट इंटरनेट से ककसी कं पनी का अच्छा सा लोगो
इस्तेमाल कर आपका पवजजहटंग काडष, ब्रोशर और लेटरहेड
तैयार कर हदया। ऐसा करके आपने न शसफष कॉपीराइट का
उल्लंघन कर चुके हैं बजल्क ऑनलाइन ट्रेडमाकष के उल्लंघन
मामले में भी आपको दोर्ी करार हदया जा सकता है।
• ऐसे ककसी भी लोगो या आइकन का प्रयोग अपने बबजनेस
आहद के शलए न करें।
वाई-फाई का दुरुपयोग
• जुलाई 2008 में अहमदाबाद बम पवस्फोटों के बाद उनकी जजम्मेदारी लेते हुए
आतंकवाहदयों ने जो ईमेल भेजा था, वह आपके -हमारे जैसे ही ककसी आम इंटरनेट
यूजर के वाई-फाई कनेक्शन का इस्तेमाल करके भेजा था। जांच एजेंशसयों ने पता
लगाया कक यह ईमेल नवी मुंबई में लगे वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन के जररये
आया था। जाहहर है, उन्होंने यही ननष्कर्ष ननकाला कक जजस घर से मेल भेजा गया,
वह ककसी न ककसी रूप में हमलावरों से जुड़ा हुआ होगा, लेककन इस फ्लैट में रहता
था मजल्टनैशनल कं पनी में काम करने वाला अमेररकी नागररक के नेथ हैवुड। अब
उसे समझ आया कक इंटरनेट कनेक्शन लगाने वाले इंजजननयर ने क्यों कहा था कक
उसे अपने वाई-फाई नेटवकष का पासवडष जल्दी ही बदल लेना चाहहए। दरअसल,
हैवुड के वाई-फाई कनेक्शन में कोई शसक्युररटी सेहटंग नहीं की गई थी और आस-
पास से गुजरता कोई भी शख्स हैवुड के कनेक्शन का इस्तेमाल कर सकता था।
आतंकवाहदयों ने यही ककया और हैवुड एक आतंकवादी मामले में धगरफ्तार होते-
होते बचा।
• अपराधी आपके इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए साइबर क्राइम करता है
तो पुशलस उसे भले ही न ढूंढ पाए, आप तक जरूर पहुंच जाएगी और नतीजे
भुगतने होंगे आपको।
• वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन इस्तेमाल करते हैं तो उसे पासवडष प्रोटेक्ट करना न
भूलें।
वायरस, स्पाईवेयर
• अगर आपके कं प्यूटर पर ककसी वायरस या स्पाईवेयर ने कब्जा जमा शलया
तो समखझए, आप अपने कं प्यूटर और डेटा की असुरक्षा के साथ-साथ
साइबर क्राइम में भी फं स सकते हैं। मुमककन है, आप ककसी परोक्ष साइबर
क्राइम में हहस्सेदार बन रहे हों।
• कु छ वायरस और स्पाईवेयर(software ) न शसफष आपके कं प्यूटर के डेटा
और ननजी सूचनाएं चुराकर अपने संचालकों तक भेजते हैं बजल्क आपके
संपकष में मौजूद दूसरे लोगों तक अपनी प्रनतयां पहुंचा देते हैं। कभी इंटरनेट
के जररये, कभी ईमेल के जररये तो कभी लोकल नेटवकष के जररये। जजन
लोगों के कं प्यूटर में आपके जररये वायरस या स्पाईवेयर पहुंचा और कोई
बड़ा नुकसान हो गया, उनकी नजर में दोर्ी कौन होगा? आप। ऐसे मामलों
में आप अपनी कानूनी और नैनतक जजम्मेदारी से बच नहीं सकते।
• कं प्यूटर में अच्छा एंहटवायरस, एंहटस्पाईवेयर और फायरवॉल जरूर लगवाएं।
ये शसफष आपकी साइबर सुरक्षा के शलहाज से ही जरूरी नहीं है बजल्क
इसशलए भी है कक कहीं आप अनजाने में कोई साइबर अपराध न कर बैठें।
ककसी का अकाउंट खोलर्ना
• कु छ लोग अपने दोस्तों और साधथयों के ईमेल अकाउंट, फे सबुक वगैरह का
पासवडष ढूंढने की कोशशश करते हैं और कभी-कभी सफल भी हो जाते हैं।
हो सकता है, आप महज मौज-मस्ती या मजाक के शलए ऐसा कर रहे हों
लेककन अगर आप ककसी का पासवडष हाशसल करने के बाद उसके खाते में
लॉग-इन करते हैं तो आप साइबर क्राइम कर रहे हैं।
• जब ककसी ने आप पर भरोसा करके आपको अपना पासवडष बताया हो। यह
खाता ईमेल, सोशल नेटवककिं ग, ब्लॉग, वेबसाइट, ऑनलाइन स्टोरेज सपवसष,
ई-कॉमसष साइट, इंटरनेट-बैंककं ग जैसा हो सकता है।
• ककसी की प्राइवेसी में सेंध लगाने पर आप डेटा प्रोटेक्शन कानून के साथ-
साथ सूचना प्रौद्योधगकी कानून 2000 की धारा 72 के तहत दोर्ी करार
हदए जा सकते हैं।
• ककसी का पासवडष चुराकर उसका अकाउंट खोलने की कोशशश न करें। साथ
ही अगर कोई साथी कहे कक मेरा ईमेल खोलकर देख लेना, यह मेरा
पासवडष यह है, तो उससे माफी मांग लेने में ही भलाई है।
सॉफ्टवेयर पायरेसी
• भारत के ज्यादातर कं प्यूटर यूजर ककसी न ककसी
सॉफ्टवेयर का पाइरेटेड वजषन इस्तेमाल कर रहे हैं। चाहे
पवंडोज ऑपरेहटंग शसस्टम हो, ऑकफस सॉफ्टवेयर सूइट
हों या कफर ग्राकफक्स, पेजमेककं ग के सॉफ्टवेयर।
• अब सॉफ्टवेयरों के भीतर एडवांस ककस्म के पाइरेसी
प्रोटेक्शन और मॉननटररंग शसस्टम आने लगे हैं और हो
सकता है आपके बारे में भी कं पननयों को जानकारी हो।
• सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करना साइबर क्राइम के तहत
आता है। हमेशा ऑररजनल सॉफ्टवेयर ही यूज करें।
गूगल क्ललक फ्रॉड
• इंटरनेट पर पवज्ञापनों के बदले भुगतान की व्यवस्था
थोड़ी अलग है। यह पवज्ञापनों को जक्लक ककए जाने की
संख्या पर आधाररत है। जैसे दस जक्लक यानी दो डॉलर
या करीब 110 रुपये।
• कु छ लोग खुद ही अपने ब्लॉगों पर लगे पवज्ञापनों को
जक्लक करते रहते हैं या कफर कु छ दूसरे लोगों के साथ
गठजोड़ कर लेते हैं। उन्हें पता नहीं कक इंटरनेट पर
ऐसे फजी जक्लक की ननगरानी रखी जा सकती है।
• इस तरह के जक्लक से बचें। यह बड़ा आधथषक अपराध
है और पता लगने पर आपके पवज्ञापन तो बंद हो ही
सकते हैं, भारी-भरकम जुमाषना या दूसरी सजा भी शमल
सकती है।
बैंडववड्थ की चोरी
• कु छ लोग अपनी वेबसाइट पर दूसरी जगहों से ली गई भारी-भरकम ग्राकफक
फाइलें (कु छ एमबी के फोटो या पवडडयो आहद) डालने के शलए शॉटषकट अपनाते
हैं।
• वे फाइलों को अपनी वेबसाइट पर सीधे नहीं डालते बजल्क ऑररजनल वेबसाइट
से ही उन्हें शलंक कर देते हैं। होता यह है कक पवडडयो या धचत्र हदखता तो
आपकी वेबसाइट पर है लेककन असल में वह अपनी ऑररजनल वेबसाइट पर ही
लगा हुआ है, आपके वेब सवषर पर नहीं है।
• यहां आप दो तरह के साइबर क्राइम कर रहे हैं। पहला कॉपीराइट संबंधी और
दूसरा बैंडपवड्थ की चोरी।
• बैंडपवड्थ की चोरी को ऐसे समझ सकते हैं। हर वेबसाइट को डेटा डाउनलोड का
एक खास कोटा शमला होता है और इस सीमा से बाहर जाने पर उसके संचालक
को अलग से पैसे का भुगतान करना होता है। जब आप ककसी और की साइट
पर मौजूद भारी-भरकम पवडडयो को शलंक करके अपनी साइट पर लगाते हैं तो
आपकी साइट पर आने वाले हर पवजजटर के शलए वह पवडडयो ओररजनल साइट
से डाउनलोड होता है। डाउनलोड की इस प्रकक्रया में उसकी बैंडपवड्थ खचष होती
है, जबकक आप अपनी बैंडपवड्थ बचा लेते हैं।
• यह ककसी अनजान व्यजक्त की जेब काटने जैसा है। हमेशा अपनी बैंडपवड्थ ही
खचष करें, दूसरों की नहीं।
• कु छ और साइबर क्राइम
- साइबर स्क्वैहटंग : ककसी मशहूर ब्रैंड, कं पनी, संगठन, इंसान आहद
के नाम से जुड़ा डोमेन नेम अनधधकृ त रूप से अपने नाम से बुक
करवा लेना।
- ऑनलाइन मानहानन : अपने ब्लॉग, वेबसाइट, सोशल नेटवककरंग
हठकाने या दूसरे इंटरनेट हठकाने पर ककसी के बारे में अपमानजनक
या अश्लील हटप्पणी करना।
- कारोबारी डेटा : ककसी ग्राहक द्वारा मुहैया कराए जाने वाले गोपनीय
कारोबारी डेटा की कॉपी बनाकर अपने पास रखना।
- वेबसाइट, डोमेन नेम पर कब्जा : भारत में कई वेब डडवेलपमेंट
कं पननयां ऐसा करने की दोर्ी पाई गई हैं। अपने ग्राहकों के शलए डोमेन
नेम बुक कराते, वेब होजस्टंग स्पेस लेते और इंटरनेट सेवा मुहैया
कराते समय वे उनका सबसे खास यूजरनेम और पासवडष अपने कब्जे
में रख लेते हैं और कफर उसी के दम पर ग्राहकों को तंग करते हैं।
- डडजाइन की चोरी : ककसी वेबसाइट, ब्लॉग, ई-बुक आहद की बबना
मंजूरी हू-ब-हू नकल कर लेना। ककसी की टेंप्लेट को अनधधकृ त रूप से
इस्तेमाल कर लेना।
कॉपीराइट" क्या होता है
• कॉपीराइट स्वाशमत्व, स्वामी को कु छ अपवादों
के साथ कायष का उपयोग करने का अनन्य
अधधकार देता है. जब कोई व्यजक्त ककसी काम
को मूल रूप से तैयार करता है, भौनतक
माध्यम में संग्रहहत, तो उस काम का
कॉपीराइट अपने आप उसे शमल जाता है.
कॉपीराइट सुरक्षा के शलए कई प्रकार के
कायष
• ऑडडयोपवजुअल कायष, जैसे टीवी शो, क़िल्में और
ऑनलाइन वीडडयो
• ध्वनन ररकॉडडिंग और संगीत रचनाएं
• लेखन कायष, जैसे व्याख्यान, लेख, पुस्तकें और
संगीत रचनाएं
• पवजुअल कायष, जैसे धचत्रकला, पोस्टर और
पवज्ञापन
• वीडडयो गेम और कं प्यूटर सॉफ़्टवेयर
• नाटकीय कायष, जैसे नाटक और संगीत
क्या उल्लंघन ककए बबना कॉपीराइट-सुरक्षक्षत कायष का
उपयोग करना संभव है
• कॉपीराइट स्वामी को श्रेय हदया हो
• उल्लंघनकारी सामग्री से कमाई नहीं की है
• पवचाराधीन सामग्री की प्रनतशलपप के शलए शुल्क हदया हो
• समान सामग्री को इंटरनेट पर कहीं और भी देखा है
• सामग्री को हाडष या डडजजटल कॉपी सहहत खरीदा हो
• सामग्री को स्वयं टीवी, मूवी धथएटर या रेडडयो से ररकॉडष
ककया हो
• सामग्री की स्वयं ककसी पुस्तक, मूवी पोस्टर या ़िोटोग्रा़ि
से प्रनतशलपप बनाई है
• यह उजल्लखखत ककया हो कक “ककसी कॉपीराइट उल्लंघन के
शलए अशभप्रेत नहीं है”
कॉपीराइट और गोपनीयता के बीच अंतर क्या है
• के वल ककसी वीडडयो, धचत्र या ऑडडयो ररकॉडडिंग में
आपके होने से आपके पास उसका कॉपीराइट नहीं
होता है.
• अगर आपका शमत्र आपकी कोई ़िोटो खींचता है,
तो उसके द्वारा शलए गए धचत्र का कॉपीराइट
उसके पास होगा. अगर आपका शमत्र या कोई
अन्य व्यजक्त आपकी अनुमनत के बबना कोई
वीडडयो, धचत्र या ररकॉडडिंग अपलोड करता है और
आपको लगता है कक वह आपकी गोपनीयता या
सुरक्षा का उल्लंघन कर रहा है, आप गोपनीयता
संबंधी शशकायत दजष कर सकते हैं.
Hacking लया है
• कोई भी व्यजक्त कही दूर बैठकर आपके
computer,website या social media profile पर ककसी
कमजोरी का फायदा उठाकर Internet की security को
तोड़कर उसमे login करने में सक्षम होता है । तो इसका
मतलब उस व्यजक्त ने आपका कं प्यूटर, वेबसाइट, या
आपकी सोशल मीडडया प्रोफाइल को hack कर शलया
है अब यहद वह log in करता है तो जाहहर सी बात है
उसके पास पूरा अधधकार है। कफर वह आपके
computer, website या आपकी प्रोफाइल के साथ कु छ
भी कर सकता है, या हो सकता है उसका गलत
स्तेमाल कर सकता है। और जो आपकी इन सब चीजो
को hackकरता है उसको hacker कहा जाता है।
hackers की बहुत सारी categories हैं लेककन main 3 प्रकार के ही होते हैं ।
1. Black hat hacker 2. grey hat hacker 3. white hat hacker
• Black hat hacker वह होते हैं जो ककसी की
इजाजत के बगैर internet security को तोड़कर
ककसी व्यजक्त के computer, website और social
media profile को hack कर देते हैं। इनका मकसद
गलत होता और यह गलत कामो के
शलए Hacking करते हैं।
• इनका मकसद ही गलत होता है तो ये hacker
जैसे ही ककसी के शसस्टम वेबसाइट या सोशल
मीडडया प्रोफाइल को हैक करते हैं। वे उसके बदले
में उस इंसान से कफरौती की मांग करते हैं।
• For example– आपके computer में बहुत सारा डाटा
पड़ा हुआ है आपकी फॅ शमली की कु छ photos भी हैं और
आपका कु छ personal document भी हैं अगर अपने
कभी इन्टरनेट से कोई गाना इमेज या को video
डाउनलोड ककया और उसके साथ आपके कं प्यूटर में
वायरस आ गया जो आपकी सारी आपके कं प्यूटर की
सारी information हैकर को भेज रहा है। तो हैकर वही
से आपके कं प्यूटर को लॉक कर सकता है आपके डाटा
को कॉपी कर उसका misuse कर सकता है । तो अगर
आपको अपनी इज्जत बचानी है तो जाहहर सी बात है
वो जजतना पैसा hacker बोलेगा उतना देना ही पडेगा ।
Grey hat hacker
• Grey hat hacker वो हैकर होते हैं जजनका
मकसद गलत तो नहीं होता है लेककन वे
practicle या experiment करने के शलए ककसी
की चीजो को hack करते हैं गलत मकसद न
होने के कारण ये White hat hacker में आते
हैं। लेककन वही ये ककसी की इजाजत शलए
बगैर ही hack कर देते है इसशलए ये Black hat
hacker में भी आते हैं इसशलए इनको grey hat
hacker कहा जाता है जो अच्छा भी करते हैं
और बुरा भी अब तीसरा है ।
White hat hacker | Ethical hacking
• White hat hacker वो hacker होते हैं जो ककसी भी
hacking को इजाजत लेकर करते हैं या ककसी कं पनी में
job करते हैं या कफर ककसी की मदद के शलए पूरी
कानूनी तरीके से काम करते हैं इनको ethical
hackers भी कहा जाता है क्योंकक ये पूरी इजाजत से
काम करते हैं ।आजकल police, CBI, Ib, जैसे सरकारी
संगठनो और IT field वाली कं पननयों और बड़ी बड़ी
popular Website facebook, twitter, reddit, youtube,
paypal जैसी कं पननयों और यहााँ तक तक की online
banking के में अपनी security को मजबूत बनाने के
शलए बहुत सारे बैंको को भी white hat hackers की
बहुत जरूरत है। जहााँ अभी भी बहुत सारे hacker अच्छी
सैलरी पैके ज पर काम भी कर रहे हैं ।
Hacking कै से सीखें
• successfully hacking सीखनी है तो आपका hacking के प्रनत
interest होना बहुत जरूरी है।
• कं प्यूट प्रोग्राशमंग और internet की knowledge होना भी जरूरी
है ।
• Basic जानकारी है और hacking सीखनी है तो ककस
institute से course या diploma कर सकते हैं जहााँ आपको ये
सारी चीजे शसखाई जायेंगी और ethical hacking में तो future में
भी बहुत scope है। क्योंकक IT industry आज की डेट में सबसे
ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री है और इंटरनेट ककस रफ़्तार
से बढ़ता जा रहा है । भारत सरकार भी अब digital india ही
चाहती है तो इसमें कोई शक नहीं है की आगे Hacking का
स्कोप बहुत ज्यादा है ।
Top Institute list to learn ethical hacking
• Ankit Fadia Certified Ethical Hacking courses
• .Net hub institute
• Kyrion Digital Securities Ethical Hacking
Courses
• Byte Code cyber securities
• Delhi Institute of Computer Courses
• Geekslab technologies institute
• V Sit Computer education center
Plagiarism प्लेगरीजम साहहत्य चोरी
• ककसी दूसरे की भार्ा, पवचार, उपाय, शैली आहद का अधधकांशतः
नकल करते हुए अपने मौशलक कृ नत के रूप में प्रकाशन
करना साहहक्ययक चोरी (Plagiarism) कहलाती है।
• यूरोप में अट्ठारहवीं शती के बाद ही इस तरह का व्यवहार अनैनतक
व्यवहार माना जाने लगा। इसके पूवष की शताजब्दयों में लेखक एवं
कलाकार अपने क्षेत्र के महारधथयों (मास्टसष) की हूबहू नकल करने
के शलये प्रोत्साहहत ककये जाते थे। साहहजत्यक चोरी तब मानी जाती
है जब हम ककसी के द्वारा शलखे गए साहहत्य को बबना उसका
सन्दभष हदए अपने नाम से प्रकाशशत कर लेते हैं. इस प्रकार से शलया
गया साहहत्य अनैनतक मन जाता है और इसे साहहजत्यक चोरी कहा
जाता है. आज जब सूचना प्रोद्योधगकी का पवस्तार तेजी से हुआ है
ऐसे में पूरा पवश्व एक ग्लोबल पवलेज में तब्दील हो गया है और
ऐसे अनैनतक कायष आसानी से पकड़ में आ जाते हैं.
• वतषमान में 'प्लेगाररज्म' अकादशमक बेइमानी समझी जाती है।
प्लेगररज्म कोई अपराध नहीं है बजल्क नैनतक आधार पर अमान्य
है।

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Cyber law Morales and Ethical Issues

  • 1. साइबर अपराध Cyber Law, Morals & Ethical issues - copyright, Plagiarism, Hacking
  • 2. • एक अनुमान के मुताबबक वर्ष 2020 तक भारत में 17.5 करोड़ ई-शॉपसष होंगे और जून 2016 के अंत तक देश में 46.2 करोड़ इंटरनेट यूजर हो जाएंगे। • भारत में एक साइबर क्राइम की औसत कीमत 16,000 रुपये है और यहां 11.3 करोड़ भारतीय हर साल साइबर अपराध का शशकार होते हैं। साइबर अपराध के शशकार प्रत्येक नागररक को यह रकम डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर चुकानी पड़ती है। •
  • 3. • देश में अपराधों का आंकड़ा जुटाने वाली संस्था नेशनल क्राइम ररकॉडष ब्यूरो के साल 2016 में जारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पपछले 10 सालों के दौरान भारत में साइबर क्राइम की संख्या में 19 गुना ज्यादा मामले दजष हुए हैं। • 2005 में साइबर क्राइम से सम्बंधधत के वल 481 मामले दजष ककए गए थे, जजनकी संख्या 2014 में बढ़कर 9622 हो गई। • पुशलस पवभाग की सकक्रयता के चलते इस दौरान साइबर क्राइम से जुड़े अपराधधयों की धगरफ्तारी की संख्या भी बढ़ी है।
  • 4. • 2005 में 569 साइबर अपराधधयों को पकड़ा गया, जबकक 2014 में यह संख्या बढ़कर 5752 हो गई। • भारत दुननया में तीसरा ऐसा सबसे बड़ा देश है, जहां सबसे ज्यादा साइबर क्राइम होते हैं। • हैककं ग के मामले में दुननयाभर में भारत का दूसरा स्थान है। • ओररजजन ऑफ वेब अटैक के मामले में भारत का स्थान दुननया में चौथा और नेटवकष अटैक के मामले में आठवां है।
  • 5. सोशल मीडडया का गलत इस्तेमाल बनी हहंसा की वजह • सोशल मीडडया पर की जाने वाली कई हटप्पणी आए हदन पुशलस प्रशासन के शलए परेशानी का सबब बन जाती हैं। • सोशल मीडडया सामाजजक तनाव, हत्या और दंगे की वजह बनकर सामने आया। • उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना। यहां हहन्दू देवी-देवताओं पर आपपत्तजनक हटप्पणी वाला वीडडयो सोशल साइट के जररए वायरल हुआ तो शहर दंगे की आग में झुलसते-झुलसते बचा। • आगरा की घटना: फे सबुक पर की गई धाशमषक हटप्पणी के कारण शमशाबाद कस्बे में दो समुदायों के बीच हहंसा भड़क उठी थी। एक समुदाय ने उस हटप्पणी को पक्षपातपूणष और भड़काऊ मानकर पवरोध ककया और हहंसा भड़क उठी। • लखनऊ में सोशल मीडडया के माध्यम से धाशमषक हटप्पणी के बाद पुराने लखनऊ के इलाके पुशलस और प्रशासननक सकक्रयता से धाशमषक हहंसा के गतष में जाने से बच गए।
  • 6. कॉपीराइट • हर कक्रएहटव चीज बनाने वाले के पास एक खास हक होता है जो उसे अपनी सामग्री को गैरकानूनी ढंग से नकल ककए जाने के खखलाफ सुरक्षा देता है। इसे कॉपीराइट कहते हैं।
  • 7. कॉपी-पेस्ट या सामग्री की चोरी • लेख, कहानी, कपवता, व्यंग्य, फोटो, संगीत की धुन, सॉफ्टवेयर, पवडडयो, काटूषन, एननमेशन, ककताब, ई-बुक, वेबसाइट वगैरह पर आपको यह खास हक हाशसल है। कोई भी शख्स आपकी इजाजत के बबना आपकी रचना की कॉपी नहीं कर सकता और न ही उसे दूसरों को दे सकता है। ऐसा करना कॉपीराइट कानून का उल्लंघन है और आप उसके खखलाफ अदालत जा सकते हैं। •
  • 8. • कॉपीराइट लेने की एक कानूनी प्रकक्रया है, लेककन अगर ऐसा नहीं भी करते, तो भी अपनी रचना पर आपका ही हक है। • अगर आप ककसी और का फोटो उसकी शलखखत मंजूरी के बबना अपने फे सबुक प्रोफाइल पर पोस्ट करते हैं तो वह साइबर क्राइम है। • गूगल इमेज या दूसरी इमेज होजस्टंग वेबसाइटों से अपनी पसंद का कोई फोटो लेकर उसे अपने ब्लॉग, सोशल नेटवककिं ग हठकाने, वेबसाइट या पत्र-पबत्रका में इस्तेमाल करना भी उसी कै हटगरी में आता है। • गूगल एक सचष इंजन फ्री डाउनलोड साइट नहीं है। इसीशलए वह ककसी भी पपक्चर के साथ उस वेब पेज को भी हदखाता है, जहां से उसे ढूंढा गया है। ऐसा करके वह पपक्चर चुराए जाने के मामले में ककसी भी तरह की जजम्मेदारी से आजाद हो जाता है।
  • 9. • अगर आपको गूगल इमेज सचष पर मौजूद कोई फोटो इस्तेमाल करना है, तो कायदे से उस वेब पेज के संचालक से इजाजत लेनी चाहहए। • अगर कोई शख्स अपनी रचना को लेकर ज्यादा ही गंभीर हो, तो यह छोटी सी चोरी आपको भारी पड़ सकती है। जजस गूगल के जररये आपने वह लेख, फोटो या पवडडयो ढूंढा है, उसी के जररये आपकी चोरी भी पकड़ी जा सकती है।
  • 10. चाइल्ड पॉर्नोग्रफी देखर्ना • अगर आप जाने या अनजाने अपने इंटरनेट कनेक्शन के जररये चाइल्ड पॉनोग्रफी (बच्चों के अश्लील धचत्र, पवडडयो, लेख आहद) देखते हैं तो वह साइबर क्राइम है। • आपने ऐसी ककसी सामग्री को अपने ककसी दोस्त को फॉरवडष कर हदया तो आप एक और साइबर क्राइम कर चुके हैं। • 18 साल से कम उम्र वालों से संबंधधत अश्लील सामग्री देखना, इंटरनेट से भेजना और सहेजना साइबर क्राइम है। • इन्हें न खुद देखें, न ककसी को फॉरवडष करें।
  • 11. लोगो की चोरी • इंटरनेट पर लोगो,प्रतीक धचह्नों, ट्रेडमाकष की चोरी भी आम है। • अच्छा सा लोगो हदखाई हदया और आपने उसे कॉपी कर इस्तेमाल कर शलया या ककसी डडजाइनर की सेवा ली जजसने झटपट इंटरनेट से ककसी कं पनी का अच्छा सा लोगो इस्तेमाल कर आपका पवजजहटंग काडष, ब्रोशर और लेटरहेड तैयार कर हदया। ऐसा करके आपने न शसफष कॉपीराइट का उल्लंघन कर चुके हैं बजल्क ऑनलाइन ट्रेडमाकष के उल्लंघन मामले में भी आपको दोर्ी करार हदया जा सकता है। • ऐसे ककसी भी लोगो या आइकन का प्रयोग अपने बबजनेस आहद के शलए न करें।
  • 12. वाई-फाई का दुरुपयोग • जुलाई 2008 में अहमदाबाद बम पवस्फोटों के बाद उनकी जजम्मेदारी लेते हुए आतंकवाहदयों ने जो ईमेल भेजा था, वह आपके -हमारे जैसे ही ककसी आम इंटरनेट यूजर के वाई-फाई कनेक्शन का इस्तेमाल करके भेजा था। जांच एजेंशसयों ने पता लगाया कक यह ईमेल नवी मुंबई में लगे वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन के जररये आया था। जाहहर है, उन्होंने यही ननष्कर्ष ननकाला कक जजस घर से मेल भेजा गया, वह ककसी न ककसी रूप में हमलावरों से जुड़ा हुआ होगा, लेककन इस फ्लैट में रहता था मजल्टनैशनल कं पनी में काम करने वाला अमेररकी नागररक के नेथ हैवुड। अब उसे समझ आया कक इंटरनेट कनेक्शन लगाने वाले इंजजननयर ने क्यों कहा था कक उसे अपने वाई-फाई नेटवकष का पासवडष जल्दी ही बदल लेना चाहहए। दरअसल, हैवुड के वाई-फाई कनेक्शन में कोई शसक्युररटी सेहटंग नहीं की गई थी और आस- पास से गुजरता कोई भी शख्स हैवुड के कनेक्शन का इस्तेमाल कर सकता था। आतंकवाहदयों ने यही ककया और हैवुड एक आतंकवादी मामले में धगरफ्तार होते- होते बचा। • अपराधी आपके इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए साइबर क्राइम करता है तो पुशलस उसे भले ही न ढूंढ पाए, आप तक जरूर पहुंच जाएगी और नतीजे भुगतने होंगे आपको। • वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन इस्तेमाल करते हैं तो उसे पासवडष प्रोटेक्ट करना न भूलें।
  • 13. वायरस, स्पाईवेयर • अगर आपके कं प्यूटर पर ककसी वायरस या स्पाईवेयर ने कब्जा जमा शलया तो समखझए, आप अपने कं प्यूटर और डेटा की असुरक्षा के साथ-साथ साइबर क्राइम में भी फं स सकते हैं। मुमककन है, आप ककसी परोक्ष साइबर क्राइम में हहस्सेदार बन रहे हों। • कु छ वायरस और स्पाईवेयर(software ) न शसफष आपके कं प्यूटर के डेटा और ननजी सूचनाएं चुराकर अपने संचालकों तक भेजते हैं बजल्क आपके संपकष में मौजूद दूसरे लोगों तक अपनी प्रनतयां पहुंचा देते हैं। कभी इंटरनेट के जररये, कभी ईमेल के जररये तो कभी लोकल नेटवकष के जररये। जजन लोगों के कं प्यूटर में आपके जररये वायरस या स्पाईवेयर पहुंचा और कोई बड़ा नुकसान हो गया, उनकी नजर में दोर्ी कौन होगा? आप। ऐसे मामलों में आप अपनी कानूनी और नैनतक जजम्मेदारी से बच नहीं सकते। • कं प्यूटर में अच्छा एंहटवायरस, एंहटस्पाईवेयर और फायरवॉल जरूर लगवाएं। ये शसफष आपकी साइबर सुरक्षा के शलहाज से ही जरूरी नहीं है बजल्क इसशलए भी है कक कहीं आप अनजाने में कोई साइबर अपराध न कर बैठें।
  • 14. ककसी का अकाउंट खोलर्ना • कु छ लोग अपने दोस्तों और साधथयों के ईमेल अकाउंट, फे सबुक वगैरह का पासवडष ढूंढने की कोशशश करते हैं और कभी-कभी सफल भी हो जाते हैं। हो सकता है, आप महज मौज-मस्ती या मजाक के शलए ऐसा कर रहे हों लेककन अगर आप ककसी का पासवडष हाशसल करने के बाद उसके खाते में लॉग-इन करते हैं तो आप साइबर क्राइम कर रहे हैं। • जब ककसी ने आप पर भरोसा करके आपको अपना पासवडष बताया हो। यह खाता ईमेल, सोशल नेटवककिं ग, ब्लॉग, वेबसाइट, ऑनलाइन स्टोरेज सपवसष, ई-कॉमसष साइट, इंटरनेट-बैंककं ग जैसा हो सकता है। • ककसी की प्राइवेसी में सेंध लगाने पर आप डेटा प्रोटेक्शन कानून के साथ- साथ सूचना प्रौद्योधगकी कानून 2000 की धारा 72 के तहत दोर्ी करार हदए जा सकते हैं। • ककसी का पासवडष चुराकर उसका अकाउंट खोलने की कोशशश न करें। साथ ही अगर कोई साथी कहे कक मेरा ईमेल खोलकर देख लेना, यह मेरा पासवडष यह है, तो उससे माफी मांग लेने में ही भलाई है।
  • 15. सॉफ्टवेयर पायरेसी • भारत के ज्यादातर कं प्यूटर यूजर ककसी न ककसी सॉफ्टवेयर का पाइरेटेड वजषन इस्तेमाल कर रहे हैं। चाहे पवंडोज ऑपरेहटंग शसस्टम हो, ऑकफस सॉफ्टवेयर सूइट हों या कफर ग्राकफक्स, पेजमेककं ग के सॉफ्टवेयर। • अब सॉफ्टवेयरों के भीतर एडवांस ककस्म के पाइरेसी प्रोटेक्शन और मॉननटररंग शसस्टम आने लगे हैं और हो सकता है आपके बारे में भी कं पननयों को जानकारी हो। • सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करना साइबर क्राइम के तहत आता है। हमेशा ऑररजनल सॉफ्टवेयर ही यूज करें।
  • 16. गूगल क्ललक फ्रॉड • इंटरनेट पर पवज्ञापनों के बदले भुगतान की व्यवस्था थोड़ी अलग है। यह पवज्ञापनों को जक्लक ककए जाने की संख्या पर आधाररत है। जैसे दस जक्लक यानी दो डॉलर या करीब 110 रुपये। • कु छ लोग खुद ही अपने ब्लॉगों पर लगे पवज्ञापनों को जक्लक करते रहते हैं या कफर कु छ दूसरे लोगों के साथ गठजोड़ कर लेते हैं। उन्हें पता नहीं कक इंटरनेट पर ऐसे फजी जक्लक की ननगरानी रखी जा सकती है। • इस तरह के जक्लक से बचें। यह बड़ा आधथषक अपराध है और पता लगने पर आपके पवज्ञापन तो बंद हो ही सकते हैं, भारी-भरकम जुमाषना या दूसरी सजा भी शमल सकती है।
  • 17. बैंडववड्थ की चोरी • कु छ लोग अपनी वेबसाइट पर दूसरी जगहों से ली गई भारी-भरकम ग्राकफक फाइलें (कु छ एमबी के फोटो या पवडडयो आहद) डालने के शलए शॉटषकट अपनाते हैं। • वे फाइलों को अपनी वेबसाइट पर सीधे नहीं डालते बजल्क ऑररजनल वेबसाइट से ही उन्हें शलंक कर देते हैं। होता यह है कक पवडडयो या धचत्र हदखता तो आपकी वेबसाइट पर है लेककन असल में वह अपनी ऑररजनल वेबसाइट पर ही लगा हुआ है, आपके वेब सवषर पर नहीं है। • यहां आप दो तरह के साइबर क्राइम कर रहे हैं। पहला कॉपीराइट संबंधी और दूसरा बैंडपवड्थ की चोरी। • बैंडपवड्थ की चोरी को ऐसे समझ सकते हैं। हर वेबसाइट को डेटा डाउनलोड का एक खास कोटा शमला होता है और इस सीमा से बाहर जाने पर उसके संचालक को अलग से पैसे का भुगतान करना होता है। जब आप ककसी और की साइट पर मौजूद भारी-भरकम पवडडयो को शलंक करके अपनी साइट पर लगाते हैं तो आपकी साइट पर आने वाले हर पवजजटर के शलए वह पवडडयो ओररजनल साइट से डाउनलोड होता है। डाउनलोड की इस प्रकक्रया में उसकी बैंडपवड्थ खचष होती है, जबकक आप अपनी बैंडपवड्थ बचा लेते हैं। • यह ककसी अनजान व्यजक्त की जेब काटने जैसा है। हमेशा अपनी बैंडपवड्थ ही खचष करें, दूसरों की नहीं।
  • 18. • कु छ और साइबर क्राइम - साइबर स्क्वैहटंग : ककसी मशहूर ब्रैंड, कं पनी, संगठन, इंसान आहद के नाम से जुड़ा डोमेन नेम अनधधकृ त रूप से अपने नाम से बुक करवा लेना। - ऑनलाइन मानहानन : अपने ब्लॉग, वेबसाइट, सोशल नेटवककरंग हठकाने या दूसरे इंटरनेट हठकाने पर ककसी के बारे में अपमानजनक या अश्लील हटप्पणी करना। - कारोबारी डेटा : ककसी ग्राहक द्वारा मुहैया कराए जाने वाले गोपनीय कारोबारी डेटा की कॉपी बनाकर अपने पास रखना। - वेबसाइट, डोमेन नेम पर कब्जा : भारत में कई वेब डडवेलपमेंट कं पननयां ऐसा करने की दोर्ी पाई गई हैं। अपने ग्राहकों के शलए डोमेन नेम बुक कराते, वेब होजस्टंग स्पेस लेते और इंटरनेट सेवा मुहैया कराते समय वे उनका सबसे खास यूजरनेम और पासवडष अपने कब्जे में रख लेते हैं और कफर उसी के दम पर ग्राहकों को तंग करते हैं। - डडजाइन की चोरी : ककसी वेबसाइट, ब्लॉग, ई-बुक आहद की बबना मंजूरी हू-ब-हू नकल कर लेना। ककसी की टेंप्लेट को अनधधकृ त रूप से इस्तेमाल कर लेना।
  • 19. कॉपीराइट" क्या होता है • कॉपीराइट स्वाशमत्व, स्वामी को कु छ अपवादों के साथ कायष का उपयोग करने का अनन्य अधधकार देता है. जब कोई व्यजक्त ककसी काम को मूल रूप से तैयार करता है, भौनतक माध्यम में संग्रहहत, तो उस काम का कॉपीराइट अपने आप उसे शमल जाता है.
  • 20. कॉपीराइट सुरक्षा के शलए कई प्रकार के कायष • ऑडडयोपवजुअल कायष, जैसे टीवी शो, क़िल्में और ऑनलाइन वीडडयो • ध्वनन ररकॉडडिंग और संगीत रचनाएं • लेखन कायष, जैसे व्याख्यान, लेख, पुस्तकें और संगीत रचनाएं • पवजुअल कायष, जैसे धचत्रकला, पोस्टर और पवज्ञापन • वीडडयो गेम और कं प्यूटर सॉफ़्टवेयर • नाटकीय कायष, जैसे नाटक और संगीत
  • 21. क्या उल्लंघन ककए बबना कॉपीराइट-सुरक्षक्षत कायष का उपयोग करना संभव है • कॉपीराइट स्वामी को श्रेय हदया हो • उल्लंघनकारी सामग्री से कमाई नहीं की है • पवचाराधीन सामग्री की प्रनतशलपप के शलए शुल्क हदया हो • समान सामग्री को इंटरनेट पर कहीं और भी देखा है • सामग्री को हाडष या डडजजटल कॉपी सहहत खरीदा हो • सामग्री को स्वयं टीवी, मूवी धथएटर या रेडडयो से ररकॉडष ककया हो • सामग्री की स्वयं ककसी पुस्तक, मूवी पोस्टर या ़िोटोग्रा़ि से प्रनतशलपप बनाई है • यह उजल्लखखत ककया हो कक “ककसी कॉपीराइट उल्लंघन के शलए अशभप्रेत नहीं है”
  • 22. कॉपीराइट और गोपनीयता के बीच अंतर क्या है • के वल ककसी वीडडयो, धचत्र या ऑडडयो ररकॉडडिंग में आपके होने से आपके पास उसका कॉपीराइट नहीं होता है. • अगर आपका शमत्र आपकी कोई ़िोटो खींचता है, तो उसके द्वारा शलए गए धचत्र का कॉपीराइट उसके पास होगा. अगर आपका शमत्र या कोई अन्य व्यजक्त आपकी अनुमनत के बबना कोई वीडडयो, धचत्र या ररकॉडडिंग अपलोड करता है और आपको लगता है कक वह आपकी गोपनीयता या सुरक्षा का उल्लंघन कर रहा है, आप गोपनीयता संबंधी शशकायत दजष कर सकते हैं.
  • 23. Hacking लया है • कोई भी व्यजक्त कही दूर बैठकर आपके computer,website या social media profile पर ककसी कमजोरी का फायदा उठाकर Internet की security को तोड़कर उसमे login करने में सक्षम होता है । तो इसका मतलब उस व्यजक्त ने आपका कं प्यूटर, वेबसाइट, या आपकी सोशल मीडडया प्रोफाइल को hack कर शलया है अब यहद वह log in करता है तो जाहहर सी बात है उसके पास पूरा अधधकार है। कफर वह आपके computer, website या आपकी प्रोफाइल के साथ कु छ भी कर सकता है, या हो सकता है उसका गलत स्तेमाल कर सकता है। और जो आपकी इन सब चीजो को hackकरता है उसको hacker कहा जाता है।
  • 24. hackers की बहुत सारी categories हैं लेककन main 3 प्रकार के ही होते हैं । 1. Black hat hacker 2. grey hat hacker 3. white hat hacker • Black hat hacker वह होते हैं जो ककसी की इजाजत के बगैर internet security को तोड़कर ककसी व्यजक्त के computer, website और social media profile को hack कर देते हैं। इनका मकसद गलत होता और यह गलत कामो के शलए Hacking करते हैं। • इनका मकसद ही गलत होता है तो ये hacker जैसे ही ककसी के शसस्टम वेबसाइट या सोशल मीडडया प्रोफाइल को हैक करते हैं। वे उसके बदले में उस इंसान से कफरौती की मांग करते हैं।
  • 25. • For example– आपके computer में बहुत सारा डाटा पड़ा हुआ है आपकी फॅ शमली की कु छ photos भी हैं और आपका कु छ personal document भी हैं अगर अपने कभी इन्टरनेट से कोई गाना इमेज या को video डाउनलोड ककया और उसके साथ आपके कं प्यूटर में वायरस आ गया जो आपकी सारी आपके कं प्यूटर की सारी information हैकर को भेज रहा है। तो हैकर वही से आपके कं प्यूटर को लॉक कर सकता है आपके डाटा को कॉपी कर उसका misuse कर सकता है । तो अगर आपको अपनी इज्जत बचानी है तो जाहहर सी बात है वो जजतना पैसा hacker बोलेगा उतना देना ही पडेगा ।
  • 26. Grey hat hacker • Grey hat hacker वो हैकर होते हैं जजनका मकसद गलत तो नहीं होता है लेककन वे practicle या experiment करने के शलए ककसी की चीजो को hack करते हैं गलत मकसद न होने के कारण ये White hat hacker में आते हैं। लेककन वही ये ककसी की इजाजत शलए बगैर ही hack कर देते है इसशलए ये Black hat hacker में भी आते हैं इसशलए इनको grey hat hacker कहा जाता है जो अच्छा भी करते हैं और बुरा भी अब तीसरा है ।
  • 27. White hat hacker | Ethical hacking • White hat hacker वो hacker होते हैं जो ककसी भी hacking को इजाजत लेकर करते हैं या ककसी कं पनी में job करते हैं या कफर ककसी की मदद के शलए पूरी कानूनी तरीके से काम करते हैं इनको ethical hackers भी कहा जाता है क्योंकक ये पूरी इजाजत से काम करते हैं ।आजकल police, CBI, Ib, जैसे सरकारी संगठनो और IT field वाली कं पननयों और बड़ी बड़ी popular Website facebook, twitter, reddit, youtube, paypal जैसी कं पननयों और यहााँ तक तक की online banking के में अपनी security को मजबूत बनाने के शलए बहुत सारे बैंको को भी white hat hackers की बहुत जरूरत है। जहााँ अभी भी बहुत सारे hacker अच्छी सैलरी पैके ज पर काम भी कर रहे हैं ।
  • 28. Hacking कै से सीखें • successfully hacking सीखनी है तो आपका hacking के प्रनत interest होना बहुत जरूरी है। • कं प्यूट प्रोग्राशमंग और internet की knowledge होना भी जरूरी है । • Basic जानकारी है और hacking सीखनी है तो ककस institute से course या diploma कर सकते हैं जहााँ आपको ये सारी चीजे शसखाई जायेंगी और ethical hacking में तो future में भी बहुत scope है। क्योंकक IT industry आज की डेट में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री है और इंटरनेट ककस रफ़्तार से बढ़ता जा रहा है । भारत सरकार भी अब digital india ही चाहती है तो इसमें कोई शक नहीं है की आगे Hacking का स्कोप बहुत ज्यादा है ।
  • 29. Top Institute list to learn ethical hacking • Ankit Fadia Certified Ethical Hacking courses • .Net hub institute • Kyrion Digital Securities Ethical Hacking Courses • Byte Code cyber securities • Delhi Institute of Computer Courses • Geekslab technologies institute • V Sit Computer education center
  • 30. Plagiarism प्लेगरीजम साहहत्य चोरी • ककसी दूसरे की भार्ा, पवचार, उपाय, शैली आहद का अधधकांशतः नकल करते हुए अपने मौशलक कृ नत के रूप में प्रकाशन करना साहहक्ययक चोरी (Plagiarism) कहलाती है। • यूरोप में अट्ठारहवीं शती के बाद ही इस तरह का व्यवहार अनैनतक व्यवहार माना जाने लगा। इसके पूवष की शताजब्दयों में लेखक एवं कलाकार अपने क्षेत्र के महारधथयों (मास्टसष) की हूबहू नकल करने के शलये प्रोत्साहहत ककये जाते थे। साहहजत्यक चोरी तब मानी जाती है जब हम ककसी के द्वारा शलखे गए साहहत्य को बबना उसका सन्दभष हदए अपने नाम से प्रकाशशत कर लेते हैं. इस प्रकार से शलया गया साहहत्य अनैनतक मन जाता है और इसे साहहजत्यक चोरी कहा जाता है. आज जब सूचना प्रोद्योधगकी का पवस्तार तेजी से हुआ है ऐसे में पूरा पवश्व एक ग्लोबल पवलेज में तब्दील हो गया है और ऐसे अनैनतक कायष आसानी से पकड़ में आ जाते हैं. • वतषमान में 'प्लेगाररज्म' अकादशमक बेइमानी समझी जाती है। प्लेगररज्म कोई अपराध नहीं है बजल्क नैनतक आधार पर अमान्य है।